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विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDF in Hindi
विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/05/small/vindhyeshvari-chalisa-561.jpg">विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa</a>PDF Name<b>विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa Hindi PDF Summaryआज के इस लेख के माध्यम से हम आपको विन्धेश्वरी चालीसा PDF / Vindheshwari Chalisa PDF in Hindi प्रदान करेंगे। यह माँ विन्ध्येश्वरी का शक्तिशाली स्तोत्र पाठक को कई लाभ प्रदान करते है। माता के प्यारे भक्त इस मंत्र के द्वारा माता के सभी रूपों की पूजा व स्तुति करते हैं। यदि आप मां दुर्गा को जल्‍द प्रसन्‍न करना चाहते हैं, तो आप नवरात्र में दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे माँ का आशीर्वाद सदैव आपके परिवार पर बना रहेगा। शास्‍त्रों में भी चालीसा पाठ को मां की स्‍तुति के लिए सर्वोत्‍तम माना गया है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप विन्धेश्वरी चालीसा इन हिंदी PDF / Vindheshwari Chalisa PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं।विन्धेश्वरी चालीसा इन हिंदी PDF | Vindhyeshvari Chalisa PDF in Hindi<strong>||दोहा||</strong>नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में करती नहीं विलम्ब।||<strong>चौपाई</strong> ||जय जय विन्ध्याचल रानी, आदि शक्ति जग विदित भवानी।
सिंहवाहिनी जय जग माता, जय जय त्रिभुवन सुखदाता।कष्ट निवारिणी जय जग देवी, जय जय असुरासुर सेवी।
महिमा अमित अपार तुम्हारी, शेष सहस्र मुख वर्णत हारी।दीनन के दुख हरत भवानी, नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी।
सब कर मनसा पुरवत माता, महिमा अमित जग विख्याता।जो जन ध्यान तुम्हारो लावे, सो तुरतहिं वांछित फल पावै।
तू ही वैष्णवी तू ही रुद्राणी, तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी।रमा राधिका श्यामा काली, तू ही मातु सन्तन प्रतिपाली।
उमा माधवी चण्डी ज्वाला, बेगि मोहि पर होहु दयाला।तू ही हिंगलाज महारानी, तू ही शीतला अरु विज्ञानी।
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता, तू ही लक्ष्मी जग सुख दाता।तू ही जाह्नवी अरु उत्राणी, हेमावती अम्बे निरवाणी।
अष्टभुजी वाराहिनी देवी, करत विष्णु शिव जाकर सेवा।चौसठ देवी कल्यानी, गौरी मंगला सब गुण खानी।
पाटन मुम्बा दन्त कुमारी, भद्रकाली सुन विनय हमारी।वज्र धारिणी शोक नाशिनी, आयु रक्षिणी विन्ध्यवासिनी।
जया और विजया बैताली, मातु संकटी अरु विकराली।नाम अनन्त तुम्हार भवानी, बरनै किमि मानुष अज्ञानी।
जापर कृपा मातु तव होई, तो वह करै चहै मन जोई।कृपा करहुं मोपर महारानी, सिद्ध करिए अब यह मम बानी।
जो नर धरै मात कर ध्याना, ताकर सदा होय कल्याना।विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै, जो देवी का जाप करावै।
जो नर कहं ऋण होय अपारा, सो नर पाठ करै शतबारा।निश्चय ऋण मोचन होइ जाई, जो नर पाठ करै मन लाई।
अस्तुति जो नर पढ़ै पढ़ावै, या जग में सो अति सुख पावै।जाको व्याधि सतावे भाई, जाप करत सब दूर पराई।
जो नर अति बन्दी महं होई, बार हजार पाठ कर सोई।निश्चय बन्दी ते छुटि जाई, सत्य वचन मम मानहुं भाई।
जा पर जो कछु संकट होई, निश्चय देविहिं सुमिरै सोई।जा कहं पुत्र होय नहिं भाई, सो नर या विधि करे उपाई।
पांच वर्ष सो पाठ करावै, नौरातन में विप्र जिमावै।निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी, पुत्र देहिं ताकहं गुण खानी।
ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै, विधि समेत पूजन करवावै।नित्य प्रति पाठ करै मन लाई, प्रेम सहित नहिं आन उपाई।
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा, रंक पढ़त होवे अवनीसा।यह जनि अचरज मानहुं भाई, कृपा दृष्टि तापर होइ जाई।
जय जय जय जग मातु भवानी, कृपा करहुं मोहिं पर जन जानी।विन्धेश्वरी चालीसा के लाभमाँ की इस चालीसा का सबसे अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आपको सुबह में इसके जाप करने चाहिए| सुबह में उठकर अपनी दैनिक क्रिया को करने के बाद फोटो या मूर्ती के सामने दीप जला कर पूजा करनी चाहिए| इससे संतान सुख की कमी, धन सम्बन्धित समस्या, जैसी परेशानी दूर होती है| और न को शांति की प्राप्ति होती है।<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप विन्धेश्वरी चालीसा PDF / Vindheshwari Chalisa PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#वनधशवर #चलस #Vindhyeshvari #Chalisa #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%b8%e0%a4%be
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindi
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/durga-ashtottara-shatanamavali-815.jpg">श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali</a>PDF Name<b>श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.07 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindi / श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली PDF जिसमे आपको माँ दुर्गा के सारे नाम पढ़ने को मिलेंगे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का नियमित जप देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने स्नान करने के बाद सुबह जल्दी दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराई दूर होती है और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते हैं।श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली PDF | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindiॐ दुर्गायै नमः
ॐ शिवायै नमः
ॐ महालक्ष्म्यै नमः
ॐ महागौर्यै नमः
ॐ चण्डिकायै नमः
ॐ सर्वज्ञायै नमः
ॐ सर्वालोकेश्यै नमः
ॐ सर्वकर्म फलप्रदायै नमः
ॐ सर्वतीर्ध मयायै नमः
ॐ पुण्यायै नमः ॥10॥
ॐ देव योनये नमः
ॐ अयोनिजायै नमः
ॐ भूमिजायै नमः
ॐ निर्गुणायै नमः
ॐ आधारशक्त्यै नमः
ॐ अनीश्वर्यै नमः
ॐ निर्गुणायै नमः
ॐ निरहङ्कारायै नमः
ॐ सर्वगर्वविमर्दिन्यै नमः
ॐ सर्वलोकप्रियायै नमः ॥20॥
ॐ वाण्यै नमः
ॐ सर्वविध्यादि देवतायै नमः
ॐ पार्वत्यै नमः
ॐ देवमात्रे नमः
ॐ वनीश्यै नमः
ॐ विन्ध्य वासिन्यै नमः
ॐ तेजोवत्यै नमः
ॐ महामात्रे नमः
ॐ कोटिसूर्य समप्रभायै नमः
ॐ देवतायै नमः ॥30॥
ॐ वह्निरूपायै नमः
ॐ सतेजसे नमः
ॐ वर्णरूपिण्यै नमः
ॐ गुणाश्रयायै नमः
ॐ गुणमध्यायै नमः
ॐ गुणत्रयविवर्जितायै नमः
ॐ कर्मज्ञान प्रदायै नमः
ॐ कान्तायै नमः
ॐ सर्वसंहार कारिण्यै नमः
ॐ धर्मज्ञानायै नमः ॥40॥
ॐ धर्मनिष्टायै नमः
ॐ सर्वकर्मविवर्जितायै नमः
ॐ कामाक्ष्यै नमः
ॐ कामासंहन्त्र्यै नमः
ॐ कामक्रोध विवर्जितायै नमः
ॐ शाङ्कर्यै नमः
ॐ शाम्भव्यै नमः
ॐ शान्तायै नमः
ॐ चन्द्रसुर्याग्निलोचनायै नमः
ॐ सुजयायै नमः ॥50॥
ॐ जयायै नमः
ॐ भूमिष्ठायै नमः
ॐ जाह्नव्यै नमः
ॐ जनपूजितायै नमः
ॐ शास्त्रायै नमः
ॐ शास्त्रमयायै नमः
ॐ नित्यायै नमः
ॐ शुभायै नमः
ॐ चन्द्रार्धमस्तकायै नमः
ॐ भारत्यै नमः ॥60॥
ॐ भ्रामर्यै नमः
ॐ कल्पायै नमः
ॐ कराल्यै नमः
ॐ कृष्ण पिङ्गलायै नमः
ॐ ब्राह्म्यै नमः
ॐ नारायण्यै नमः
ॐ रौद्र्यै नमः
ॐ चन्द्रामृत परिवृतायै नमः
ॐ ज्येष्ठायै नमः
ॐ इन्दिरायै नमः ॥70॥
ॐ महामायायै नमः
ॐ जगत्सृष्ट्याधिकारिण्यै नमः
ॐ ब्रह्माण्ड कोटि संस्थानायै नमः
ॐ कामिन्यै नमः
ॐ कमलालयायै नमः
ॐ कात्यायन्यै नमः
ॐ कलातीतायै नमः
ॐ कालसंहारकारिण्यै नमः
ॐ योगानिष्ठायै नमः
ॐ योगिगम्यायै नमः ॥80॥
ॐ योगध्येयायै नमः
ॐ तपस्विन्यै नमः
ॐ ज्ञानरूपायै नमः
ॐ निराकारायै नमः
ॐ भक्ताभीष्ट फलप्रदायै नमः
ॐ भूतात्मिकायै नमः
ॐ भूतमात्रे नमः
ॐ भूतेश्यै नमः
ॐ भूतधारिण्यै नमः
ॐ स्वधानारी मध्यगतायै नमः ॥90॥
ॐ षडाधाराधि वर्धिन्यै नमः
ॐ मोहितायै नमः
ॐ अंशुभवायै नमः
ॐ शुभ्रायै नमः
ॐ सूक्ष्मायै नमः
ॐ मात्रायै नमः
ॐ निरालसायै नमः
ॐ निमग्नायै नमः
ॐ नीलसङ्काशायै नमः
ॐ नित्यानन्दिन्यै नमः ॥100॥
ॐ हरायै नमः
ॐ परायै नमः
ॐ सर्वज्ञानप्रदायै नमः
ॐ अनन्तायै नमः
ॐ सत्यायै नमः
ॐ दुर्लभ रूपिण्यै नमः
ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ सर्वगतायै नमः
ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिन्यै नमः ॥ 108 ॥<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindi / श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#शर #दरग #अषटततर #शतनमवल #Durga #Ashtottara #Shatanamavali #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF Detailsशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata AartiPDF Nameशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.72 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है। इनके पिता का नाम पर्वतराज हिमालय है। पर्वतराज हिमलाय जी की पुत्री होने के कारण ही इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता है। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ अथवा बैल है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष की कन्या के जन्म लिया था, तब इनका एक नाम ‘सती’ भी था। इनका विवाह भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था। देवी शैलपुत्री के पूजन से नवदुर्गा महोत्सव का आरम्भ होता है। अतः इनकी पूजा विधि – विधान से करनी चाहिए।शैलपुत्री माता की आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDFशैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥शैलपुत्री माता की आरती कैसे करें?सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करें।अब देवी माँ का आवाहन करें।देवी माँ को पुष्प, चन्दन, अक्षत आदि अर्पित करें।तत्पश्चात देवी शैलपुत्री माँ की कथा पढ़ें।अब देवी शैलपुत्री की आरती करें।अंत में सपरिवार देवी माँ का आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in HindiYou can download शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF by clicking on the following download button.#शलपतर #मत #क #आरत #Shailputri #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi
नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF Detailsनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri ListPDF Nameनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDFNo. of Pages5PDF Size0.75 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List Hindi PDF Summaryनवरात्री एक नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है। देवी दुर्गा की पूजा हेतु कुछ विशेष वस्तुओं की भी आवश्यकता होती है। इन वस्तुओं को पूजन सामग्री कहते हैं। यहाँ हमने नवरात्रि पूजन के दौरान उपयोग की जाने वाली विभिन्न वस्तुओं की सूची तैयार की है, जिसके माध्यम से आप सम्पूर्ण नवरात्रि पूजन कर सकते हैं।नवरात्रि में देवी दुर्गा की विधि – विधान से पूजा – अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में धन, धन्य तथा सम्पन्नता का आगमन होता है। देवी माँ की कृपा से व्यक्ति के बिगड़े काम भी बन जाते हैं तथा घर परिवार पर आने वाली विपत्तियाँ टल जाती हैं। आप भी अपने जीवन में सुख – शांति प्राप्त करने के लिए नवरात्रि पूजन अवश्य करें। नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट 2021 PDFलाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंडनवरात्रि में क्या करें, क्या न करें ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए। इन दिनों व्रत रखने वाले को जमीन पर सोना चाहिए। व्रती को संकल्प लेना चाहिए कि हमेशा क्षमा, दया, उदारता का भाव रखेगा। इन दिनों व्रती को क्रोध, मोह, लोभ आदि दुष्प्रवृत्तियों का त्याग करना चाहिए। नारियल, नींबू, अनार, केला, मौसमी और कटहल आदि फल तथा अन्न का भोग लगाना चाहिए।देवी का आह्वान, पूजन, विसर्जन, पाठ आदि सब प्रातःकाल में शुभ होते हैं, अतः इन्हें इसी दौरान पूरा करना चाहिए।यदि घटस्थापना करने के बाद सूतक हो जाएं, तो कोई दोष नहीं होता, लेकिन अगर पहले हो जाएं, तो पूजा आदि न करें। Kalash Sthapana Muhurat 2021 Octoberआश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 7, 2021 कोघटस्थापना मुहूर्त – 06:17 ए एम से 07:07 ए एमअवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्सघटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:45 ए एम से 12:32 पी एमअवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्सYou can also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindiशैलपुत्री माता की आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindiमाता शैलपुत्री की कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in HindiYou can download Navratri Puja Samagri List PDF by clicking on the following download button.#नवरतर #पजन #समगर #लसट #Navratri #Puja #Samagri #List #PDF #HindiThe post नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi
कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----kalash-sthapana-vidhi--993.jpg">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi</a>PDF Name<b>कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.77 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi Hindi PDF Summaryघटस्थापना नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। घटस्थापना को कलशस्थापना के रूप में भी जाना जाता है। कलशस्थापना के साथ इस नौ दिनों के उत्सव का आरम्भ होता है। धार्मिक शास्त्रों में अमावस्या तथा रात के समय घटस्थापना वर्जित है। अतः इन दो अवसरों पर घटस्थापना नहीं करनी चाहिए।नवरात्री में दुर्गा पूजा के लिए कलश स्थापना करते समय पूर्ण स्वछता का ध्यान रखना चाहिए। सभी पूजन सामग्री शुद्ध होने चाहिए। कलश स्थापना पूजा के उपरांत उस कलश में देवी का निवास हो जाता है। अतः उस कलश को श्रद्धा भाव से देखना चाहिए तथा उसके पास कोई भी अशुद्ध व्यक्ति या वास्तु नहीं होनी चाहिए। कलश स्थापना विधि और मंत्र PDF 2021नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं।स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद कलश को पूजा घर में रखें।मिट्टी के घड़े के गले में पवित्र धागा बांधे।अब कलश को मिट्टी और अनाज के बीज की एक परत से भरें।कलश में पवित्र जल भरकर उसमें सुपारी, गंध, अक्षत, दूर्वा घास और सिक्के डालें।कलश के मुख पर एक नारियल रखें।कलश को आम के पत्तों से सजाएं।मंत्रों का जाप करें।कलश को फूल, फल, धूप और दीया अर्पित करें।देवी महात्म्यम का पाठ करें।<strong>नवरात्री कलश पूजन मंत्र</strong>गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति!नर्मदे! सिंधु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।<strong>नवरात्री पूजा संकल्प मंत्र</strong>ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्राह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे, अमुकनामसम्वत्सरेआश्विनशुक्लप्रतिपदे अमुकवासरे प्रारभमाणे नवरात्रपर्वणि एतासु नवतिथिषुअखिलपापक्षयपूर्वक-श्रुति-स्मृत्युक्त-पुण्यसमवेत-सर्वसुखोपलब्धये संयमादिनियमान् दृढ़ं पालयन् अमुकगोत्रःअमुकनामाहं भगवत्याः दुर्गायाः प्रसादाय व्रतं विधास्ये।बिना मंत्र के नवरात्री कलश स्थापना पूजा कैसे करें ?अगर आप मंत्र नहीं पढ़ना चाहते है तो आप बिना मंत्र के ही गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का ध्यान करें और साथ ही वरूण देवता का भी ध्यान करना चाहिए। इसके बाद कलश के मुख पर कलावा बांधे और फिर एक कटोरी से कलश को ढ़क देना चाहिए। इसके बाद ढकी गई कटोरी में जौ भरिए। एक नारियल ले उसे लाल कपड़े से लपेटकर कलावें से बांध देना चाहिए। फिर उस नारियल को जौ से भरी हुई कटोरी के ऊपर स्थापित कर देना चाहिए।कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2021आश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 7, 2021 कोघटस्थापना मुहूर्त – 06:17 ए एम से 07:07 ए एमअवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्सघटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:45 ए एम से 12:32 पी एमअवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्सनवरात्रि पूजन सामग्री सूची / Navratri Pujan Samagri List PDF in Hindiघटस्थापना हेतु निम्नलिखित पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है –लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंड<strong>You can also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><strong>You can download Navratri Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#कलश #सथपन #वध #मतर #Kalash #Sthapana #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-kalash-sthapana-vidhi-p">कलश स्थापना…
यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDF in Hindi
यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDF Detailsयंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman StotraPDF Nameयंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDFNo. of Pages4PDF Size0.58 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra Hindi PDF Summaryहनुमान जी को न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में बड़ी संख्या में पूजा जाता है। हनुमान जी की पूजा करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी दुखी नहीं रहता। तुलसीदास जी ने कहा है नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।। अतः हनुमान जी का पूजन करने से रोग सहित समस्त प्रकार की पीड़ाओं का नाश होता है। हनुमान जी के भक्तो से श्री राम जी भी प्रेम करते हैं।हनुमान जी को समर्पित अनेकों दिव्य स्त्रोतों में से एक चमत्कारी स्तोत्र का नाम यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र है। यह एक वैदिक स्तोत्र है जिसमें प्रभावशाली श्लोकों को संगलित किया है। इस स्तोत्र को मुख्यतः संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस स्तोत्र का प्रभाव आपको चालीस दिन में दिखाई देने लगता है।Yantrodharaka Hanuman Stotra in Sanskrit PDFश्री हनुमत्स्तोत्रम् व्यासतीर्थविरचितम्नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम् ।पीनवृत्तमहाबाहुं सर्वशत्रुनिबर्हणम् ॥ १॥नानारत्नसमायुक्तकुण्डलादिविभूषितम् ।सर्वदाभीष्टदातारं सतां वै दृढमाहवे ॥ २॥वासिनं चक्रतीर्थस्य दक्षिणस्थगिरौ सदा ।तुङ्गाम्भोधितरङ्गस्य वातेन परिशोभिते ॥ ३॥नानादेशागतैः सद्भिः सेव्यमानं नृपोत्तमैः ।धूपदीपादिनैवेद्यैः पञ्चखाद्यैश्च शक्तितः ॥ ४॥भजामि श्रीहनूमन्तं हेमकान्तिसमप्रभम् ।व्यासतीर्थयतीन्द्रेण पूजितं प्रणिधानतः ॥ ५॥त्रिवारं यः पठेन्नित्यं स्तोत्रं भक्त्या द्विजोत्तमः ।वांछितं लभतेऽभीष्टं षण्मासाभ्यन्तरे खलु ॥ ६॥पुत्रार्थी लभते पुत्रं यशोऽर्थी लभते यशः ।विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ॥ ७॥सर्वथा मास्तु सन्देहो हरिः साक्षी जगत्पतिः ।यः करोत्यत्र सन्देहं स याति निरयं ध्रुवम् ॥ ८॥इति श्रीव्यासतीर्थविरचितम् हनुमत्स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।You may also like :हनुमान साठिका | Hanuman Sathika PDF in Hindiहनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti Lyricsहनुमान सूक्त | Hanuman Suktamमारुती स्तोत्र | Maruti Stotraएक मुखी हनुमान कवच पाठ | Ek Mukhi Hanuman KavachEk Mukhi Hanuman Kavach EnglishYou can also download Yantrodharaka Hanuman Stotra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#यतरदधरक #हनमन #सततर #Yantrodharaka #Hanuman #Stotra #PDF #HindiThe post यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi
हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF Detailsहनुमान जी की आरती | Hanuman AartiPDF Nameहनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको हनुमान जी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। किसी भी धार्मिक आयोजन में आरती का बहुत अधिक महत्व होता है। आरती के बिना कोई भी अनुष्ठान संपन्न नहीं होता है। ठीक उसी प्रकार श्री हनुमान पूजन की सम्पन्नता हेतु हनुमान आरती भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। हनुमान जी की आरती हिंदी भाषा में लिखी गयी है, जिसे कोई भी सरलता से पढ़ा व गा सकता है।इस मधुर व दिव्य आरती के गायन से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं तथा हनुमत पूजन व अनुष्ठान का सम्पूर्ण लाभ मिलता है। आरती करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे आरती करते समय हनुमान जी के एकदम सामने खड़े न होएं बल्कि उनकी दायीं ओर खड़े होकर आरती करें।हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Aarti PDF in Hindiआरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥लंका जारि असुर संहारे।सियारामजी के काज सवारे॥ लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे॥पैठि पाताल तोरि जम-कारे।अहिरावण की भुजा उखारे॥ बाएं भुजा असुरदल मारे।दाहिने भुजा संतजन तारे॥सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥ कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥जो हनुमानजी की आरती गावे।बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥ श्री हनुमान जी की आरती के लाभइस आरती को प्रतिदिन करने से मानसिक शांति मिलती है।श्री हनुमान जी की आरती को भक्तिभाव से गाने से श्री राम जी भी प्रसन्न होते हैं।हनुमान जी अजर – अमर हैं, अतः उनकी आराधना से वह आपके साथ रहते हैं।किसी भी पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए आरती करना बहुत आवश्यक है।इस आरती के प्रभाव से घर में सकारत्मकता आती है।You can download हनुमान जी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#हनमन #ज #क #आरत #Hanuman #Aarti #PDF #HindiThe post हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDF in Hindi
मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDF Detailsमारुती स्तोत्र | Maruti StotraPDF Nameमारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDFNo. of Pages4PDF Size0.56 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra Hindi PDF Summaryहनुमान जी के विभिन्न दिव्य नामों में से एक नाम मारुती भी हैं। उन्हें मारुती नंदन के रूप में भी जाना जाता है। मारुतिनंदन की कृपा प्राप्त करने हेतु मारुती स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। मंगलवार तथा शनिवार के दिन मारुती स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। हनुमान जी को भारत समेत देश और दुनिया में बढ़चढ़ कर पूजा जाता है।मारुती स्तोत्र के द्वारा आप बजरंबली को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। इस स्तोत्र की रचना मूल रूप से संस्कृत भाषा में की गयी है। अतः इसका पाठ करते समय इसका सही से बिना गलती किये उच्चारण करें, तब ही इसका पूर्ण लाभ आपको प्राप्त होगा। इस स्तोत्र का पाठ करते समय शुद्ध रहें तथा एकाग्रचित होकर ध्यान लगएं। Maruti Stotra in Sanskrit PDF।। श्रीमारुतीस्तोत्रम् ।।ॐ नमो वायुपुत्राय भीमरूपाय धीमते ।नमस्ते रामदूताय कामरूपाय श्रीमते ॥ १॥मोहशोकविनाशाय सीताशोकविनाशिने ।भग्नाशोकवनायास्तु दग्धलङ्काय वाग्मिने ॥ २॥गतिर्निर्जितवाताय लक्ष्मणप्राणदाय च ।वनौकसां वरिष्ठाय वशिने वनवासिने ॥ ३॥तत्त्वज्ञानसुधासिन्धुनिमग्नाय महीयसे ।आञ्जनेयाय शूराय सुग्रीवसचिवाय ते ॥ ४॥जन्ममृत्यूभयघ्नाय सर्वक्लेशहराय च ।नेदिष्ठाय प्रेतभूतपिशाचभयहारिणे ॥ ५॥यातनानाशनायास्तु नमो मर्कटरूपिणे ।यक्षराक्षसशार्दूलसर्पवृश्चिकभीहृते ॥ ६॥महाबलाय वीराय चिरञ्जीविन उद्धृते ।हारिणे वज्रदेहाय चोल्लङ्घितमहाब्धये ॥ ७॥बलिनामग्रगण्याय नमो नः पाहि मारुते ।लाभदोऽसि त्वमेवाशु हनुमन् राक्षसान्तक ॥ ८॥यशो जयं च मे देहि शत्रून्नाशय नाशय ।स्वाश्रितानामभयदं य एवं स्तौति मारुतिम् ।हानिः कुतो भवेत्तस्य सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ९॥इति श्रीवासुदेवानन्दसरस्वतीविरचितं श्रीमारुतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।मारुती स्तोत्र का पाठ करने की विधिसबसे पहले नहाधोकर स्वच्छ हो जाएँ।अब पूर्व दिशा की और मुख करके बैठ जाएँ।अब एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।उस पर हनुमान जी की स्थापना करें।श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।ततपश्चात श्री हनुमान स्तोत्र का पाठ करें।अंत में हनुमान आरती करें तथा आशीष ग्रहण करें।You can download the Maruti Stotra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#मरत #सततर #Maruti #Stotra #PDF #HindiThe post मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF in Hindi
सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/06/small/som-pradosh-vrat-katha-217.jpg">सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha</a>PDF Name<b>सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.57 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं सोम प्रदोष व्रत कथा PDF / Som Pradosh Vrat katha PDF in Hindi जिसमे आपको बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat) कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं। यहाँ से आप Som Pradosh Vrat Katha Hindi PDF / सोम प्रदोष व्रत कथा पीडीऍफ़ हिंदी भाषा में बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस बार सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat Katha ) 7 जून, सोमवार के दिन पड़ रहा है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की काफी महिमा बताई गई है। प्रदोष व्रत भोलेशंकर भगवान शिव को समर्पित माना जाता है।Som Pradosh Vrat Katha Hindi PDF | सोम प्रदोष व्रत कथा PDFपौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। उसका अब कोई सहारा नहीं था इसलिए वह सुबह होते ही वह अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। वह खुद का और अपने पुत्र का पेट पालती थी।एक दिन ब्राह्मणी घर लौट रही थी तो उसे एक लड़का घायल अवस्था में कराहता हुआ मिला। ब्राह्मणी दयावश उसे अपने घर ले आई। वह लड़का विदर्भ का राजकुमार था। शत्रु सैनिकों ने उसके राज्य पर आक्रमण कर उसके पिता को बंदी बना लिया था और राज्य पर नियंत्रण कर लिया था इसलिए वह मारा-मारा फिर रहा था। राजकुमार ब्राह्मण-पुत्र के साथ ब्राह्मणी के घर रहने लगा।एक दिन अंशुमति नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा तो वह उस पर मोहित हो गई। अगले दिन अंशुमति अपने माता-पिता को राजकुमार से मिलाने लाई। उन्हें भी राजकुमार पसंद आ गया। कुछ दिनों बाद अंशुमति के माता-पिता को शंकर भगवान ने स्वप्न में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुमति का विवाह कर दिया जाए। वैसा ही किया गया।ब्राह्मणी प्रदोष व्रत करने के साथ ही भगवान शंकर की पूजा-पाठ किया करती थी। प्रदोष व्रत के प्रभाव और गंधर्वराज की सेना की सहायता से राजकुमार ने विदर्भ से शत्रुओं को खदेड़ दिया और पिता के साथ फिर से सुखपूर्वक रहने लगा। राजकुमार ने ब्राह्मण-पुत्र को अपना प्रधानमंत्री बनाया। मान्यता है कि जैसे ब्राह्मणी के प्रदोष व्रत के प्रभाव से दिन बदले, वैसे ही भगवान शंकर अपने भक्तों के दिन फेरते हैं।Som Pradosh Vrat Subh Muhurt | सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:त्रयोदशी तिथि की शुरुआत – 24 मई 2021 तड़के 03 बजकर 38 मिनट सेत्रयोदशी तिथि का समापन – 25 मई 2021 रात 12 बजकर 11 मिनटपूजा का शुभ मुहूर्त – शाम 07 बजकर 10 मिनट से रात 09 बजकर 13 मिनट तकSom Pradosh Vrat Pooja Vidhi | सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि:प्रदोष व्रत करने वाले जातकों को सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर त्याग देना चाहिए।  इसके बाद नहा-धोकर पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव का भजन कीर्तन और आराधना करनी चाहिए। इसके बाद घर के ही पूजाघर में साफ-सफाई कर पूजाघर समेत पूरे घर में गंगाजल से पवित्रीकरण करना चाहिए। पूजाघर को गाय के गोबर से लीपने के बाद रेशमी कपड़ों से मंडप बनाना चाहिए। इसके बाद आटे और हल्दी की मदद से स्वस्तिक बनाना चाहिए। व्रती को आसन पर बैठकर सभी देवों को प्रणाम करने के बाद भगवान शिव के मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करना चाहिए।<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Som Pradosh Vrat Katha Hindi PDF / सोम प्रदोष व्रत कथा PDF हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।</strong>#सम #परदष #वरत #कथ #Som #Pradosh #Vrat #katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b7-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-som-pradosh-vrat-katha-pdf-in-hindi-2">सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a hr…
सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF in Hindi
सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF Detailsसूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri MantraPDF Nameसूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDFNo. of Pages5PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप सूर्य गायत्री मंत्र pdf को प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य भगवान् समस्त संसार की ऊर्जा का स्तोत्र हैं। अतः उनकी पूजा – आराधना करने से व्यक्ति के अंदर एक ऊर्जा का संचार होता है। सूर्यदेव रोजगार सम्बंधित समस्याओं का भी अंत करते हैं। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न मन्त्रों का सुझाव दिया जाता है किन्तु गायत्री मन्त्र का अपना विशेष ही महत्व है। वेदों में अनेक प्रकार के गायत्री मन्त्रों का विवरण आता है जो अलग – अलग देवताओं को समर्पित होते हैं।ठीक उसी प्रकार सूर्यदेव को समर्पित गायत्री मन्त्र को सूर्य गायत्री मन्त्र कहते हैं। सूर्य गायत्री मन्त्र एक असीम ऊर्जा का स्रोत होता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति विभिन्न रोगों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। सूर्य गायत्री मंत्र pdf प्राप्त करने के लिए आप इस लेख के अंत में दिए गये डाउनलोड लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। सूर्य गायत्री मंत्र लिरिक्स / Surya Gayatri Mantra Lyrics in Sanskrit PDFॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात् ॥ॐ अश्वाद्वाजय विद्महे पासहस्थाया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ भास्कराय विधमहे दिवा कराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥Surya Gayatri Mantra Lyrics in English PDFOm Sapt Turangay Vidhmahe Sahasra Kirnay Dheemahi Tanno Ravi Prachodyat ॥Om Aswadwajaya Vidhmahe Pasa Hasthaya Dheemahi ! Tanno Surya Prachodayat ॥Om Bhaskaraya Vidhmahe Diva karaya Dheemahe Thanno Surya Prachodayath ॥Om Aswadwajaya Vidhmahe Pasa Hasthaya Dheemahe Thanno Surya Prachodayath ॥Om Aadityay Vidhmahe Martanday Dheemahi Tanah: Surya: Prachodyat ॥Surya Gayatri Mantra in Gujarati PDFઑં અશ્વટ્વજાય વિડ્મહૅ
પાસ હસ્થાયૈ ધીમહિ
થણ્નૉ સૂર્ય પ્રછૉદયાઠ્Surya Gayatri Mantra in Malayalam PDFഓം അശ്വത്വജായൈ വിദ്മഹേപാസ  ഹസ്തായൈ ധീമഹിതണ്നോ സൂര്യ പ്രചോദയാത്Surya Gayatri Mantra in Tamil PDFஓம் அஷ்வத்வஜாய​ வித்மஹேபாச​ ஹஸ்தாய​ தீமஹிதந்நோ சூர்ய ப்ரசோதயாத்Surya Gayatri Mantra in Kannada PDFಓಂ ಅಶ್ವಥ್ವಜಾಯೈ  ವಿದ್ಮಹೇಪಾಸ ಹಸ್ತಾಯೈ ಧೀಮಹಿತನ್ನೋ ಸೂರ್ಯ ಪ್ರಚೋದಯಾತ್Surya Gayatri Mantra in Telugu PDFఓం అశ్వట్వజాయ విట్మహేపాస హస్థాయ ధీమహిథణ్నో సూర్య ప్రఛోదయాఠ్सूर्य गायत्री मंत्र के लाभ / Surya Gayatri Mantra Benefits in Hindiसूर्य गायत्री मन्त्र के प्रभाव से जातक विभिन्न रोगों से बच सकता है।सूर्य गायत्री मन्त्र का जाप करने वाले व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।रोजगार सम्बन्धी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को भी सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।यदि आप किसी नेत्र समस्या से पीड़ित हैं, तो इस इन दिव्य सूर्य मन्त्रों का जाप अवश्य करें।इस मन्त्र का विधिवत जाप करने से सूर्य भगवान् की कृपा होती है।सूर्य गायत्री मंत्र pdf प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Surya Gayatri Mantra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#सरय #गयतर #मतर #Surya #Gayatri #Mantra #PDF #HindiThe post सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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केतु कवच | Ketu Kavacham PDF in Hindi
केतु कवच | Ketu Kavacham PDF Detailsकेतु कवच | Ketu KavachamPDF Nameकेतु कवच | Ketu Kavacham PDFNo. of Pages4PDF Size0.50 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
केतु कवच | Ketu Kavacham Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा आप केतु कवच PDF निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। केतु ग्रह को अश्विनी, मघा एवं मूल नक्षत्र तीन नक्षत्रों का स्वामी माना जाता है। हालाँकि केतु एक क्रूर ग्रह है लेकिन जीवन में अनेक ऐसे क्षेत्र होता हैं, जिन्हें केतु नियंत्रित व प्रभावित करता है। केतु का के भाई अथवा अंग राहु कहलाता है तथा जातक की कुंडली में राहु व केतु की युति से कालसर्प योग बनता है।हमने अपने प्रिय पाठकों के लिए केतु शांति का एक बहुत ही शुलभ मार्ग बतलाया है। केतु कवच एक ऐसा स्तोत्र है जिसके नियमित पाठ से आप केतु द्वारा उत्पन्न किये गए गंभीर परिणामों से अपने आप का बचाव कर सकते हैं, साथ ही अपने परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं। इस लेख के अंत में आपको केतु कवच PDF का डाउनलोड बटन मिलेगा जिसके द्वारा आप मात्र एक क्लिक करके इस कवच को प्राप्त कर सकते हैं। केतु कवच स्तोत्र / Ketu Kavacham Lyrics in Sanskrit PDF ।। केतुकवचम् ।।ॐ अस्य श्रीकेतुकवचस्तोत्रमहामन्त्रस्य त्र्यम्बक ॠषिः ।अनुष्टुप्छन्दः । केतुर्देवता ।कं बीजं । नमः शक्तिः ।केतुरिति कीलकम् ।केतुकृत पीडा निवारणार्थे, सर्वरोगनिवारणार्थे,सर्वशत्रुविनाशनार्थे, सर्वकार्यसिद्ध्यर्थे,केतुप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।श्रीगणेशाय नमः ।केतुं करालवदनं चित्रवर्णं किरीटिनम् ।प्रणमामि सदा केतुं ध्वजाकारं ग्रहेश्वरम् ॥ १॥चित्रवर्णः शिरः पातु भालं धूम्रसमद्युतिः ।पातु नेत्रे पिङ्गलाक्षः श्रुती मे रक्तलोचनः ॥ २॥घ्राणं पातु सुवर्णाभश्चिबुकं सिंहिकासुतः ।पातु कण्ठं च मे केतुः स्कन्धौ पातु ग्रहाधिपः ॥ ३॥हस्तौ पातु सुरश्रेष्ठः कुक्षिं पातु महाग्रहः ।सिंहासनः कटिं पातु मध्यं पातु महासुरः ॥ ४॥ऊरू पातु महाशीर्षो जानुनी मेऽतिकोपनः ।पातु पादौ च मे क्रूरः सर्वाङ्गं नरपिङ्गलः ॥ ५॥य इदं कवचं दिव्यं सर्वरोगविनाशनम् ।सर्वशत्रुविनाशं च धारणाद्विजयी भवेत् ॥ ६॥॥ इति श्रीब्रह्माण्डपुराणे केतुकवचं सम्पूर्णम् ॥ केतु कवच के लाभ / Ketu Kavacham PDF Benefits in Hindiकेतु कवच के पाठ से केतु की महादशा व अन्तर्दशा में लाभ होता है।यदि आप विधिवत केतु कवच का पाठ करते हैं, तो कुंडली में केतु के नकारात्मक प्रभाव नहीं होते हैं।केतु व राहु की पूजन से कालसर्प दोष का निवारण होता है।केतु एक क्रूर ग्रह है, अतः आप केतु कवच के माध्यम से केतु के क्रूर प्रभाव से बच सकते हैं।इस कवच के फलस्वरूप आप केतु शांति भी कर सकते हैं। You may also like :राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF in Hindi केतु कवच PDF को निशुल्क प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Ketu Kavacham in Hindi PDF by clicking on the following download button.#कत #कवच #Ketu #Kavacham #PDF #HindiThe post केतु कवच | Ketu Kavacham PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF in Hindi
राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF Detailsराहु स्तोत्र | Rahu StotramPDF Nameराहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDFNo. of Pages5PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
राहु स्तोत्र | Rahu Stotram Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप राहु स्तोत्र PDF निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। राहु व्यक्ति के विचारों को प्रभावित करता है तथा लोगों के मस्तिष्क को भ्रमित करता है। यदि राहु ग्रह आपकी कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में है तथा नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, तो आपको इस राहु कवच स्तोत्र PDF का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस स्तोत्र के प्रभाव से राहु द्वारा आपको प्रतिकूल परिणाम नहीं मिलेंगे।हमने अपने पाठकों की सुविधा के लिए राहु स्तोत्र PDF तैयार की है तथा उसका लिंक इस लेख के अंत में दिया है। आप उस लिंक के माध्यम से इस स्तोत्र को प्राप्त कर सकते हैं तथा इसका पाठ कर सकते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से आप राहु सम्बंधित समस्याओं से बच सकते हैं तथा जीवन में शांति का अनुभव कर सकते हैं। राहु कवच स्तोत्र PDF / Rahu Stotram Lyrics in Sanskrit PDF ।। राहुस्तोत्रम् ।।अथ राहुस्तोत्रप्रारम्भः ।ॐ अस्य श्री राहुस्तोत्रमहामन्त्रस्य वामदेव ऋषिः ।अनुष्टुप्च्छन्दः । राहुर्देवता ।राहुप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।काश्यप उवाच ।श‍ृण्वन्तु मुनयः सर्वे राहुप्रीतिकरं स्तवम् ।सर्वरोगप्रशमनं विषभीतिहरं परम् ॥ १॥सर्वसम्पत्करं चैव गुह्यमेतदनुत्तमम् ।आदरेण प्रवक्ष्यामि श्रूयतामवधानतः ॥ २॥राहुः सूर्यरिपुश्चैव विषज्वाली भयाननः ।सुधांशुवैरिः श्यामात्मा विष्णुचक्राहितो बली ॥ ३॥भुजगेशस्तीक्ष्णदंष्ट्रः क्रूरकर्मा ग्रहाधिपः ।द्वादशैतानि नामानि नित्यं यो नियतः पठेत् ॥ ४॥जप्त्वा तु प्रतिमां रंयां सीसजां माषसुस्थिताम् ।नीलैर्गन्धाक्षतैः पुष्पैः भक्त्या सम्पूज्य यत्नतः ॥ ५॥विधिना वह्निमादाय दूर्वान्नाज्याहुतीः क्रमात्।तन्मन्त्रेणैव जुहुयाद्यावदष्टोत्तरं शतम् ॥ ६॥हुत्वैवं भक्तिमान् राहुं प्रार्थयेद्ग्रहनायकम् ।सर्वापद्विनिवृत्यर्थं प्राञ्जलिः प्रणतो नरः ॥ ७राहो कराळवदन रविचन्द्रभयङ्कर ।तमोरूप नमस्तुभ्यं प्रसादं कुरु सर्वदा ॥ ८॥सिम्हिकासुत सूर्यारे सिद्धगन्धर्वपूजित ।सिंहवाह नमस्तुभ्यं सर्वान्रोगान् निवारय ॥ ९॥कृपाणफलकाहस्त त्रिशूलिन् वरदायक ।गरळातिगराळास्य गदान्मे नाशयाखिलान् ॥ १०॥स्वर्भानो सर्पवदन सुधाकरविमर्दन ।सुरासुरवरस्तुत्य सर्वदा त्वं प्रसीद मे ॥ ११॥इति सम्प्रार्थितो राहुः दुष्टस्थानगतोऽपि वा ।सुप्रीतो जायते तस्य सर्वान् रोगान् विनाशयेत् ॥ १२॥विषान्न जायते भीतिः महारोगस्य का कथा ।सर्वान् कामानवाप्नोति नष्टं राज्यमवाप्नुयात् ॥ १३॥एवं पठेदनुदिनं स्तवराजमेतं मर्त्यः प्रसन्न हृदयो विजितेन्द्रियो यः ।आरोग्यमायुरतुलं लभते सुपुत्रान्सर्वे ग्रहा विषमगाः सुरतिप्रसन्नाः ॥ १४॥इति राहुस्तोत्रं सम्पूर्णम् । राहु स्तोत्र के लाभ / Rahu Stotram Benefits in Hindi PDFराहु स्तोत्रम के पाठ से जातक की कुंडली में राहु की स्थि प्रबल होती है।राहु की अन्तर्दशा व महादशा में भी इसका लाभ होता है।इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।राहु की आराधना से जातक की निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।इस स्तोत्र के प्रभाव से आप राहु जनित समस्याओं से बच सकते हैं। You may also like :केतु कवच | Ketu Kavacham PDF in Hindi राहु स्तोत्र PDF निशुल्क प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Rahu Stotram in Hindi PDF by clicking on the following download link.#रह #सततर #Rahu #Stotram #PDF #HindiThe post राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF in Hindi
शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF Detailsशनिदेव मंत्र | Shani Dev MantraPDF Nameशनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDFNo. of Pages4PDF Size0.50 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, आप इस लेख के द्वारा शनिदेव मंत्र संग्रह PDF प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र संग्रह में हमने शनि बीज मंत्र, शनि वैदिक मंत्र, शनि तांत्रिक मंत्र, शनि पौराणिक मंत्र तथा शनि गायत्री मंत्र PDF को भी इस संग्रह में संगलित किया गया है। शनिदेव को सामान्यतः लोग एक क्रूर ग्रह मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। शनिदेव एक न्यायप्रिय देवता हैं तथा कर्मों के अनुसार व्यक्ति को कर्मफल देते हैं।हमने अपने प्यारे पाठकों के लिए इस लेख के अंत में Shani Dev Mantra in Hindi PDF Free Download लिंक दिया हुआ है जिसके माध्यम से आप शनि देव के इन दिव्य मन्त्रों के संग्रह को प्राप्त कर सकते हैं तथा उन मन्त्रों का प्रयोग कर शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शनि देव की साढेशाती के समय भी इन मन्त्रों के प्रयोग से अप्रत्याशित लाभ होता है। श्री शनि देव मंत्र जाप / Shani Dev Mantra in Hindi PDF वैदिक शनि मन्त्र / Shani Dev Vedic Mantraॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शं योरभि स्त्रवन्तु न:।Nilanjan Samabhasam Shani Mantra in Hindi PDFनीलांजनसमाभासं रविपुत्र यमाग्रजम,छायामार्तंड सम्भूतं नं नमामि शनैश्चरम।शनि तांत्रिक मन्त्र / Shani Tantrik Mantraॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:शनि बीज मन्त्र / Shani Dev Beej Mantra PDFॐ शं शनैश्चराय नम:शनि गायत्री मन्त्र / Shani Gayatri Mantra PDFऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्शनि मंत्र जाप विधि / Shani Mantra Jaap Vidhiसर्वप्रथम स्नान करके स्वच्छ हो जाएँ।अब एक लकड़ी की चौकी पर काला कपडा बिछाएं।तत्पश्चात शनिदेव की स्थापना करें।अब शनि चालीसा का पाठ करें।तदोपरांत शनि मन्त्रों का यथाशक्ति जाप करें।जाप संपन्न होने पर शनिदेव की आरती करें तथा शनि देव से आसान ग्रहण करें। शनि देव संग्रह PDF प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can get the Shani Mantra in Hindi PDF free download link by clicking on the following download button.;#शनदव #मतर #Shani #Dev #Mantra #PDF #HindiThe post शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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लाल किताब | Original Lal Kitab PDF in Hindi
लाल किताब | Original Lal Kitab PDF Detailsलाल किताब | Original Lal KitabPDF Nameलाल किताब | Original Lal Kitab PDFNo. of Pages521PDF Size11.39 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
लाल किताब | Original Lal Kitab Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा आप लाल किताब pdf free download कर सकते हैं। लाल किताब बहु समय से प्रचलन में है जिसके दवरा कई लोगों ने अपने जीवन की बड़ी – बड़ी समस्याओं से छुटकारा पाया है। लाल किताब के रामबाण उपाय pdf लोगों कोई वर्षों से सहायता करते आये हैं। यदि आप भी अपने जीवन में आये दिन नयी – नयी समस्याओं से घिरे रहते हैं तो आपको भी लाल किताब में दिए हुए उपायों को करके देखना चाहिए।लाल किताब pdf प्राप्त करने के लिए आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। आप घर बैठे – बैठे ही लाल कितम पीडीऍफ़ फाइल में निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आप इस लेख के अंत में दिए गए डाउनलोड लिंक पर जाएँ व निशुल्क लाल किताब प्राप्त कर उसके उपायों से लाभ उठायें। इन उपायों से निश्चित ही आपके जीवन में परिवर्तन आएगा। लाल किताब के रामबाण उपाय PDF / Lal Kitab Ke Totke in Hindi PDFसफाईकर्मी को कुछ सिक्के दान करें।अपने घर में मिट्टी के बर्तन में शहद रखें।बहते जल में रेवड़ियां व बताशे प्रभावित दें।चांदी या तांबे के गिलास में ही जल ग्रहण करें।बुधवार के दिन कन्याओं को हरे वस्त्र या हरी चूड़ियों दान करें।पीपल, बरगद, नीम तथा केले की जड़ में नित्य जल अर्पित करें।प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाएं, यदि कुत्ता काला हो तो उत्तम रहेगा।भोजन के उपरांत देशी गुड़ अवश्य खाएं तथा परिवार के लोगों को भी दें।चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा, आदि प्राणियों के लिए अन्न-जल की व्यवस्था अवश्य करें।हमेश चांदी का छोटा सा चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें. इसे घर की तिजोरी में भी रख सकते हैं।तांबे के लोटे में जल भरकर उसे सिरहाने रखकर सोएं तथा अगले दिन सुबह जल को बाहर फेंक दें। लाल किताब भविष्यवाणी pdf प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can get Lal Kitab Remedies in Hindi PDF free download link by going through the following download button.#लल #कतब #Original #Lal #Kitab #PDF #HindiThe post लाल किताब | Original Lal Kitab PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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लक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam PDF in Hindi
लक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam PDF Detailsलक्ष्मी सूक्त | Lakshmi SuktamPDF Nameलक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam PDFNo. of Pages5PDF Size0.53 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
लक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam Hindi PDF Summaryनमस्कार प्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप लक्ष्मी सूक्त pdf download कर सकते हैं। देवी लक्ष्मी संसार में व्यक्ति के धन – वैभव के आवागमन को प्रभावित करती हैं। देवी लक्ष्मी की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में धन – वैभव की वर्षा होती है तथा जातक जीवन में समस्त प्रकार की भौतिक सुख – सुविधाओं को प्राप्त करता है। देवी लक्ष्मी दारिद्य का हरण तथा धन का संचार करने वाली देवी हैं।श्री लक्ष्मी सूक्त के पाठ से आप शीघ्र ही देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं। हमने अपने प्रिय पाठकों के लिए इस लेख के अंत में लक्ष्मी सूक्त pdf का लिंक दिया हुआ है जिसक माध्यम से आप मात्र एक क्लिक करके इस दिव्य स्तोत्र को प्राप्त कर सकते हैं तथा अपने जीवन में धन – धान्य का आनद ले सकते हैं।लक्ष्मी सूक्त लिरिक्स / Lakshmi Suktam Lyrics in Hindi PDF श्री गणेशाय नमः । ॐ पद्मानने पद्मिनि पद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि ।विश्वप्रिये विश्वमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधत्स्व ॥पद्मानने पद्मऊरु पद्माश्री पद्मसम्भवे ।तन्मे भजसिं पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥अश्वदायै गोदायै धनदायै महाधने ।धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ॥पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् ।प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे ॥धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्योधनं वसुः ।धनमिन्द्रो बृहस्पतिर्वरुणो धनमस्तु मे ॥वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा ।सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः ॥न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभा मतिः ।भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां श्रीसूक्तं जापिनाम् ॥सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुक गन्धमाल्यशोभे ।भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम् ॥श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाविधाच्छोभमानं महीयते ।धान्य धनं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः ॥ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि ।तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे महश्रियै च धीमहि ।तन्नः श्रीः प्रचोदयात् ॥विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम् ।लक्ष्मीं प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम् ॥चन्द्रप्रभां लक्ष्मीमैशानीं सूर्याभांलक्ष्मीमैश्वरीम् ।चन्द्र सूर्याग्निसङ्काशां श्रियं देवीमुपास्महे ॥॥ इति श्रीलक्ष्मी सूक्तम् सम्पूर्णम् ॥ श्री लक्ष्मी सूक्त पाठ के लाभ / Benefits of Reciting Lakshmi Suktam PDF]लक्ष्मी सूक्त के पाठ से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं –इस सूक्त के नियमित पाठ से जातक शीघ्र ही ऋणमुक्त हो जाता है।लक्ष्मी सूक्तम के पाठ से घर में धनागमन के नए मार्ग बनते हैं।रोजगार सम्बन्धी समस्याओं में भी इसका लाभ होता है।लक्ष्मी सकता का प्रतिदिन पाठ करने से जातक को मानसिक शांति मिलती है।देवी लक्ष्मी की कृपा से घर में मांगलिक कार्य होते हैं। लक्ष्मी सूक्त pdf download करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Lakshmi Suktam Path PDF by clicking on the following download button.#लकषम #सकत #Lakshmi #Suktam #PDF #HindiThe post लक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDF in Hindi
श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDF Detailsश्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti LyricsPDF Nameश्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDFNo. of Pages5PDF Size0.63 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री सत्यनारायण भगवान की आरती PDF फाइल के रूप में निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के पूजन अथवा अनुष्ठान के अंत में आरती करना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी प्रकार श्री सत्यनारायण व्रत के समय श्री सत्यनारायण व्रत कथा का आरती सहित आयोजन किया जाना चाहिए। श्री सत्यनारायण भगवान् की यह आरती बहुत ही मधुर तथा कर्णप्रिय है।आप सभी को इस आरती की पीडीऍफ़ प्राप्त करने के लिए कहीं ओर जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमने अपने प्यारे पाठकों के लिए सत्यनारायण आरती PDF का लिंक दिया हुआ है, जिसके माध्यम से आप इस आरती को डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपने सत्यनारायण व्रत को सफल बना सकते हैं। सत्यनारायण व्रत कथा आरती PDF / Shri Satyanarayan Vrat Aarti in Hindi Written PDF ॥ आरती श्री सत्यनारायणजी ॥जय लक्ष्मीरमणा श्री जय लक्ष्मीरमणा।सत्यनारायण स्वामी जनपातक हरणा॥जय लक्ष्मीरमणा।रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे।नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे॥जय लक्ष्मीरमणा।प्रगट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो।बूढ़ो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो॥जय लक्ष्मीरमणा।दुर्बल भील कठारो इन पर कृपा करी।चन्द्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी॥जय लक्ष्मीरमणा।वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीनी।सो फल भोग्यो प्रभुजी फिर स्तुति कीनी॥जय लक्ष्मीरमणा।भाव भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धर्यो।श्रद्धा धारण कीनी तिनको काज सर्यो॥जय लक्ष्मीरमणा।ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी।मनवांछित फल दीनो दीनदयाल हरी॥जय लक्ष्मीरमणा।चढ़त प्रसाद सवाया कदली फल मेवा।धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेवा॥जय लक्ष्मीरमणा।श्री सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥जय लक्ष्मीरमणा। श्री सत्यनारायण व्रत आरती विधि / Satyanarayan Aarti PDF Vidhi in Hindiसर्वप्रथम स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।अब एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान् श्री सत्यनारायण जी की स्थापना करें।तत्पश्चात श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें।संभव हो तो श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करें।अब सत्यनारायण भगवान् जी को पीले पुष्प, फल तथा धुप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।पूजन के अंत में श्री सत्यनारायण भगवान् जी की आरती करें तथा प्रभु से आशीर्वाद ग्रहण करें। You may also like :सत्यनारायण व्रत कथा | Satyanarayan Vrat Katha PDF in Hindi श्री सत्यनारायण व्रत आरती PDF प्राप्त करने हेतु नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Satyanarayan Vrat Aarti in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #सतयनरयण #आरत #Satyanarayan #Aarti #Lyrics #PDF #HindiThe post श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गणेश सूक्त | Ganesha Suktam PDF in Hindi
गणेश सूक्त | Ganesha Suktam PDF Detailsगणेश सूक्त | Ganesha SuktamPDF Nameगणेश सूक्त | Ganesha Suktam PDFNo. of Pages4PDF Size0.12 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atsanskritdocuments.orgDownload LinkAvailable Downloads26
गणेश सूक्त | Ganesha Suktam Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, प्रस्तुत लेख के माध्यम से आप गणेश सूक्त PDF डाउनलोड कर सकते हैं। श्री गणेश सूक्त को ऋग्वेदीय गणपति सूक्त के नाम से भी जाना जाता है। श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए श्री गणेश सूक्त पाठ प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। गणेश सूक्त एक अद्भुत रचना है जो श्री गणपति भगवान् को समर्पित है।हमने अपने प्रिय पाठकों किए सुविधा के लिए इस लेख के अंत में श्री गणेश सूक्त PDF का डाउनलोड लिंक इस लेख के अंत में दिया हुआ है। आप उस लिंक के माध्यम से इस पीडीऍफ़ को प्राप्त कर सकते हैं तथा इसकी सहायता से गणेश भगवान् को प्रसन्न कर सकते हैं। Ganesha Suktam Lyrics in Sanskrit PDF आ तू न इन्द्र क्षुमन्तं चित्रं ग्राभं सं गृभाय ।महाहस्ती दक्षिणेन ॥ ८.०८१.०१विद्मा हि त्वा तुविकृर्मि तुविदेष्णं तुवीमघम् ।तुविमात्रमवोभिः ॥ ८.०८१.०२नहि त्वा शूर देवा न मर्तासो दित्सन्तम् ।भीमं न गां वारयन्ते ॥ ८.०८१.०३एतो विन्द्रं स्तवामेशानं वस्वः स्वराजम् ।न राधसा मर्धिषन्नः ॥ ८.०८१.०४प्रस्तोषदुप गासिषच्छ्रवत्साम गीयमानम् ।अभि राधसा जुगुरत् ॥ ८.०८१.०५आ नो भर दक्षिणेनाभि सव्येन प्र मृश । इन्द्र मा नो वसोर्निर्भाक् ॥ ८.०८१.०६उप क्रमस्वा भर धृषता धृष्णो जनानाम् ।अदाशुष्टरस्य वेदः ॥ ८.०८१.०७ इन्द्र य उ नु ते अस्ति वाजो विप्रेभिः सनित्वः ।अस्माभिः सुतं सनुहि ॥ ८.०८१.०८सद्योजुवस्ते वाजा अस्मभ्यं विश्वश्चन्द्राः ।वशेश्च मक्षू जरन्ते ॥ ८.०८१.०९ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम् ।ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत आ नः शृण्वन्नूतिभिः सीद सादनम् ॥ २.०२३.०१ निषुसीद गणपते गणेषु त्वामाहुर्विप्रतमं कवीनाम् ।न ऋते त्वत्क्रियते किं चनारे महाम: मघवञ्चित्रमर्च ॥ १०.११२.०९अभिख्या नौ मघवन्नाधमानान्सखे बोधि वसुपते सखीनाम् ।रणं कृधि रणकृत्सत्यशुष्माभक्ते चिदा भजा गये अ॒स्मान् ॥ १०.११२.१०ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ गणेश गायत्री मंत्र लिरिक्स / Ganesh Gayatri Mantra PDFगणेश गायत्री मंत्र इस प्रकार है –एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गणेश गायत्री मंत्र के लाभ / Ganesh Gayatri Mantra BenefitsThese Mantras can also be chanted for the improvement of our inner strength and power. Chanting the Ganesh Mantras on a daily basis cleanses our body and soul of all kinds of negativity. We can escape the clutches of depression, failure, and stress by meditating upon Lord Ganesh using these Mantras. OM OM OM.So, chant these Mantras when you feel drained of energy and you can be sure that you will feel refreshed and energized. These Mantras are especially useful for people who were born with a bad influence of their horoscopes. One of such Mantras of Lord Ganesh is Ganesh Gayatri Mantra.गणेश सूक्त PDF डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर सकते हैं।You can download Ganesha Suktam PDF in Hindi by clicking on the following download button.#गणश #सकत #Ganesha #Suktam #PDF #HindiThe post गणेश सूक्त | Ganesha Suktam PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | Jivitputrika Vrat Katha PDF in Hindi
जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | Jivitputrika Vrat Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/09/small/----jivitputrika-vrat-katha-312.jpg">जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | Jivitputrika Vrat Katha</a>PDF Name<b>जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | Jivitputrika Vrat Katha PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.58 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | Jivitputrika Vrat Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, प्रस्तुत लेख में हम अपने पाठकों के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत कथा प्रस्तुत कर रहे हैं। जिवितपुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को जितिया, जीवित्पुत्रिका या जीमूतवाहन व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है। इस अवसर पर मातायें संतान प्राप्ति और उसकी लंबी आयु के लिए जीवितपुत्रिका व्रत रखती हैं।हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत का प्रथम दिन अर्थात स्नान होता है। अगले दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। हमने अपने पाठकों के लिए इस लेख के अंत में जीवित्पुत्रिका व्रत कथा इन हिंदी pdf का डाउनलोड लिंक फिया है जिसके माध्यम से आप इस कथा को पढ़ सकते हैं तथा इस व्रत का पालन कर सकते हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत कथा बुक पीडीएफ / Jivitputrika Vrat Katha Book in Hindi PDFबहुत समय पहले की बात है कि गंधर्वों के एक राजकुमार हुआ करते थे जिनका नाम था जीमूतवाहन। बहुत ही पवित्र आत्मा, दयालु व हमेशा परोपकार में लगे रहने वाले जीमूतवाहन को राज पाट से बिल्कुल भी लगाव न था। लेकिन पिता कब तक संभालते। वानप्रस्थ लेने के पश्चात वे सबकुछ जीमूतवाहन को सौंपकर चलने लगे। लेकिन जीमूतवाहन ने तुरंत अपनी तमाम जिम्मेदारियां अपने भाइयों को सौंपते हुए स्वयं वन में रहकर पिता की सेवा करने का मन बना लिया। अब एक दिन वन में भ्रमण करते-करते जीमूतवाहन काफी दूर निकल आया। उसने देखा कि एक वृद्धा काफी विलाप कर रही है। जीमूतवाहन से कहा दूसरों का दुख देखा जाता था उसने सारी बात पता लगाई तो पता चला कि वह एक नागवंशी स्त्री है और पक्षीराज गरुड़ को बलि देने के लिये आज उसके इकलौते पुत्र की बारी है।जीमूतवाहन ने उसे धीरज बंधाया और कहा कि उसके पुत्र की जगह पर वह स्वयं पक्षीराज का भोजन बनेगा। अब जिस वस्त्र में उस स्त्री का बालक लिपटा था उसमें जीमूतवाहन लिपट गया। जैसे ही समय हुआ पक्षीराज गरुड़ उसे ले उड़ा। जब उड़ते उड़ते काफी दूर आ चुके तो पक्षीराज को हैरानी हुई कि आज मेरा यह भोजन चीख चिल्ला क्यों नहीं रहा है इसे जरा भी मृत्यु का भय नहीं है। अपने ठिकाने पर पंहुचने के पश्चात उसने जीमूतवाहन का परिचय लिया। जीमूतवाहन ने सारा किस्सा कह सुनाया। पक्षीराज जीमूतवाहन की दयालुता व साहस से प्रसन्न हुए व उसे जीवन दान देते हुए भविष्य में भी बलि न लेने का वचन दिया। मान्‍यता है क‍ि तभी से ही संतान की लंबी उम्र और कल्‍याण के  ये व्रत रखा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत पूजा विधि / Jivitputrika Vrat Katha Vidhi in Hindi PDFसुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें। इस पूजा के लिए कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें। इस व्रत के जौरान मिट्टी में गाय का गोबर मिलाकर उससे चील और सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है। इन दोनों मूर्तियों के माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है। तीसरे दिन व्रत का पारण करने के बाद अपने हिसाब से दान और दक्षिणा भी देना चाहिए। मान्यता है कि व्रत का पारण सूर्योदय के बाद गाय के दूध से ही करना चाहिए। <strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/jitiya-vrat-katha/">जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/jivitputrika-vrat-aarti/">जीवित्पुत्रिका व्रत आरती | Jivitputrika Vrat Aarti PDF in Hindi</a> जीवित्पुत्रिका व्रत कथा हिंदी pdf प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।The Jivitputrika Vrat Katha in Hindi download pdf link is given below, you can download it by clicking on the following download button.#जवतपतरक #वरत #कथ #Jivitputrika #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%9c%e
जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha PDF in Hindi
जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/09/small/jitiya-vrat-katha-227.jpg">जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha</a>PDF Name<b>जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha PDF</b>No. of Pages<b>3</b>PDF Size<b>0.37 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
जितिया व्रत कथा | Jitiya Vrat Katha Hindi PDF SummaryIn this article, we have uploaded the Jitiya Vrat Katha PDF in Hindi / जितिया व्रत कथा PDF for our users. Jivitputrika Vrat is observed on Ashtami Tithi of Krishna Paksha of Ashwin month. This year it will start from 28th September to 30th September. This fast is also called Jiutiya, Jitiya, Jivitputrika or Jimutavahana Vrat. This fast lasts for three days. Mothers keep Jivitputrika Vrat for the attainment of children and for their long life. According to the Hindu calendar, every year on the Ashtami date of Ashwin month, the first day of Jitiya Vrat i.e. takes a bath. Nirjala fast is observed on the next day. Below we have given the download link for Jivitputrika Vrat Katha PDF in Hindi / जीवित्पुत्रिका व्रत कथा PDF.जीवित्पुत्रिका व्रत कथा PDF | Jivitputrika Vrat Katha PDF in Hindiगन्धर्वराज जीमूतवाहन बड़े धर्मात्मा और त्यागी पुरुष थे। युवाकाल में ही राजपाट छोड़कर वन में पिता की सेवा करने चले गए थे। एक दिन भ्रमण करते हुए उन्हें नागमाता मिली, जब जीमूतवाहन ने उनके विलाप करने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि नागवंश गरुड़ से काफी परेशान है, वंश की रक्षा करने के लिए वंश ने गरुड़ से समझौता किया है कि वे प्रतिदिन उसे एक नाग खाने के लिए देंगे और इसके बदले वो हमारा सामूहिक शिकार नहीं करेगा। इस प्रक्रिया में आज उसके पुत्र को गरुड़ के सामने जाना है। नागमाता की पूरी बात सुनकर जीमूतवाहन ने उन्हें वचन दिया कि वे उनके पुत्र को कुछ नहीं होने देंगे और उसकी जगह कपड़े में लिपटकर खुद गरुड़ के सामने उस शिला पर लेट जाएंगे, जहां से गरुड़ अपना आहार उठाता है और उन्होंने ऐसा ही किया। गरुड़ ने जीमूतवाहन को अपने पंजों में दबाकर पहाड़ की तरफ उड़ चला। जब गरुड़ ने देखा कि हमेशा की तरह नाग चिल्लाने और रोने की जगह शांत है, तो उसने कपड़ा हटाकर जीमूतवाहन को पाया। जीमूतवाहन ने सारी कहानी गरुड़ को बता दी, जिसके बाद उसने जीमूतवाहन को छोड़ दिया और नागों को ना खाने का भी वचन दिया।Jitiya Vrat Pooja Vidhi in Hindi PDF | जितिया व्रत पूजा विधिसप्तमी का दिन नहाई खाय के रूप में मनाया जाता है तो अष्टमी को निर्जला उपवास रखना होता है। व्रत का पारण नवमी के दिन किया जाता है। वहीं अष्टमी को सांय प्रदोषकाल में संतानशुदा स्त्रियां जीमूतवाहन की पूजा करती हैं और व्रत कथा का श्रवण करती हैं। श्रद्धा व सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा भी दी जाती है।इस दिन सूर्यास्त से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद प्रदोष काल में गाय के गोबर से पूजा स्थल को लीप लें। इसके बाद एक छोटा सा तालाब बना लें। तालाब के पास एक पाकड़ की डाल लाकर खड़ाकर कर दें। अब शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की कुशनिर्मित मूर्ति जल के पात्र में स्थापित करें। इसके बाद दीप, धूप, अक्षत, रोली और लाल और पीली रूई से सजाएं। अब अपनी श्रद्धानुसार उन्हें भोग लगाएं। इसके बाद मिट्टी या गोबर से मादा चील और मादा सियार की प्रतिमा बनाएं। दोनों को लाल सिंदूर अर्पित करें। इसके बाद व्रत कथा पढ़ें या सुनें।जीवित्पुत्रिका व्रत 2021 शुभ मुहूर्तजितिया व्रत- 29 सितंबर
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर को 06 बजकर 16 मिनट से 29 सितंबर की रात 08 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। <strong>You may also like:</strong><a href="https://pdffile.co.in/jivitputrika-vrat-katha/">जीवित्पुत्रिका व्रत कथा | Jivitputrika Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/jivitputrika-vrat-aarti/">जीवित्पुत्रिका व्रत आरती | Jivitputrika Vrat Aarti PDF in Hindi</a> <strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Jitiya Vrat Katha PDF in Hindi / जितिया व्रत कथा PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।</strong>#जतय #वरत #कथ #Jitiya #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0
हनुमान शाबर मंत्र संग्रह | Hanuman Shabar Mantra PDF in Hindi
हनुमान शाबर मंत्र संग्रह | Hanuman Shabar Mantra PDF Detailsहनुमान शाबर मंत्र संग्रह | Hanuman Shabar MantraPDF Nameहनुमान शाबर मंत्र संग्रह | Hanuman Shabar Mantra PDFNo. of Pages7PDF Size0.81 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
हनुमान शाबर मंत्र संग्रह | Hanuman Shabar Mantra Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों इस लेख में हम आपके लिए हनुमान शाबर मंत्र संग्रह pdf प्रस्तुत कर रहे हैं। शाबर मन्त्र प्राचीन काल से ही काफी लोकप्रिय रहे हैं। बहुत से लोगों ने इनका प्रयोग कर इनकी शक्तियों के अनुभव किया है। हनुमान जी सदा के लिए अजर अमर हैं। अतः श्री हनुमान शाबर मन्त्रों के प्रयोग से आप उन्हें शीघ्र ही प्रसन्न कर सकते हैं तथा अनेक प्रकार के लाभ ले सकते हैं। यह चमत्कारी मन्त्र स्वयं सिद्ध होते हैं। इन्हें आप किसी भी समय किसी भी स्थिति में प्रयोग कर सकते हैं।हमने आप सभी के लिए हनुमान शाबर मंत्र संग्रह pdf का लिंक इस लेख के अंत में दिया हैं। आप उस लिंक के द्वारा इस पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते हैं तथा इसका लाभ उठा सकते हैं। हमने यहाँ हनुमान शाबर मन्त्र प्रयोग विधि सही सहित दिए हैं। इसलिए आपको उनके प्रयोग में कोई समस्या नहीं आएगी।हनुमान शाबर मंत्र कैसे सिद्ध करें veer Hanuman Shabar Mantra Book PDF Hanuman Shabar Mantra For Protection ।।ओम गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम,धरती माता धरती पिता,धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरिआया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा,लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा,शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।। हनुमान शाबर मंत्र प्रयोगहनुमान जी का यह शाबर मंत्र किसी नकारात्मक शक्ति से रक्षा के लिये या भय आदि से मुक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है। लगातार 21 दिनों तक एक सीमित मात्रा में उपरोक्त मंत्र के जप करें। 21 दिन बाद आप इस मंत्र को इस प्रकार से प्रयोग में लाये : मंत्र को सात बार जप करें व हनुमान जी का ध्यान करते हुए अपने चारों तरफ या पीड़ित के चारों तरफ चाक़ू से गोल घेरा बना दे। ऐसा करने से स्वयं हनुमान जी उस जातक की रक्षा करते है जब तक वह इस घेरे में रहता है। इस मंत्र का प्रयोग आप किसी मसान साधना के दौरान भी अपनी रक्षा हेतु कर सकते है। Powerful Shabar Hanuman Mantra for Success ।। हनुमान जाग – किलकारी मारतू हुंकारे – राम काज सँवारेओढ़ सिंदूर सीता मैया कातू प्रहरी राम द्वारेमैं बुलाऊँ , तु अब आराम गीत तु गाता आनहीं आये तो हनुमानाश्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाईशब्द साँचा – पिंड कांचा,फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा ।। हनुमान शाबर मंत्र कैसे सिद्ध करें?हनुमान शाबर मंत्र का जाप करने के लिए काला कपड़ा पहनकर शुक्रवार से शुरुआत करें। इस मंत्र की माला लें और उस माला का 5 बार जाप करें लगातार 5 दिन तक। साधना के अंत में भगवान हनुमान की पूजा और माला के लिए एक गढ्ढा खोदें और जमीन में ये माला डाल दें। Hanuman Shabar Mantra for Money & Wealth ओंम नमो हनमंत, कीर हुआ हुलासा,चलरे पैसा रूखा बिरखा, तेरा बॉस सबकी दृष्टि बाँधी दे,मोहि मेरा मुख जोवे सबको यवाद करता वादी रौवेभरी,सभामें मोहिंबी गोवे | हनुमान शाबर मंत्र फॉर मनी प्रयोग विधिरोज सुबह हनुमान जी के मूर्ति के सामने बैठकर १ माला का जप निरंतर कीजिये आपको इसका फायदा अवश्य मिलेगा | आप मंगलवार को ब्रत भी रख सकते हैं | लेकिन ध्यान रहे नमक का सेवन नहीं करना है रात में रोटी और दूध, चीनी या गुड़ के साथ खा सकते हैं | हनुमान शाबर मंत्र इन हिंदी पीडीएफ प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।Hanuman Shabar Mantra PDF free download button is given below.#हनमन #शबर #मतर #सगरह #Hanuman #Shabar #Mantra #PDF #HindiThe post हनुमान शाबर मंत्र संग्रह | Hanuman Shabar Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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