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धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi
धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF Detailsधनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja VidhiPDF Nameधनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDFNo. of Pages2PDF Size0.31 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi Marathi PDF Summaryनमस्कार मित्रांनो, या लेखाद्वारे आम्ही तुमच्यासाठी धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF / Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi डाउनलोड लिंक देत आहोत. असे म्हटले जाते की धनत्रयोदशीच्या दिवशी पूजा केल्याने व्यक्तीच्या घरात सुख-संपत्ती येते. जर तुमच्या घरात खूप दिवसांपासून कोणतेही शुभ कार्य होत नसेल तर धनत्रयोदशीच्या दिवशी ही पूजा अवश्य करावी. या पोस्टमध्ये दिलेल्या लिंकवर क्लिक करून तुम्ही धनत्रयोदशी पूजा विधि मराठी PDF अगदी सहज डाउनलोड करू शकता.धनत्रयोदशीला धन्वंतरी आणि कुबेर देव यांची पूजा केली जाते. या दोन देवांची पूजा केल्याने घरातील आरोग्याशी संबंधित समस्या तर दूर होतातच, शिवाय धनाचा वर्षावही होतो. कुबेर देव संपत्तीची देवता आणि धन्वंतरी जी आरोग्याची देवता आहेत. जर तुम्हालाही तुमच्या घरी धनत्रयोदशीची पूजा करायची असेल तर तुम्ही येथे दिलेल्या धनत्रयोदशीच्या पूजेची पद्धत वापरू शकता.धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathiधनत्रयोदशीच्या संध्याकाळी उत्तरेकडे कुबेर आणि धन्वंतरीची स्थापना करा.यासोबतच लक्ष्मी आणि गणेशाची मूर्ती किंवा चित्रही लावावे.आता दिवा लावा आणि विधिवत पूजा सुरू करा.टिळक केल्यानंतर फुले, फळे अर्पण करावीत.आता कुबेर देवाला पांढरी मिठाई आणि धन्वंतरी देवाला पिवळी मिठाई अर्पण करा.पूजेदरम्यान ‘ओम ह्रीं कुबेराय नमः’ या मंत्राचा जप करत राहा.भगवान धन्वंतरीला प्रसन्न करण्यासाठी या दिवशी धन्वंतरी स्तोत्राचे पठण करावे.धनतेरस पूजा मंत्र PDF | Dhanteras Puja Mantra PDF in Marathiओम श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।धनत्रयोदशी पूजा विधि मराठी PDFHere you can download the धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF / Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi by click on the link given below.#धनतरस #पज #वध #मरठ #Dhanteras #Pooja #Vidhi #PDF #MarathiThe post धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF in Hindi
श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/11/small/-----diwali-laxmi-puja-vidhi-982.jpg">श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi</a>PDF Name<b>श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.51 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, श्री लक्ष्मी पूजन विधि PDF / Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री लक्ष्मी पूजन का दिवाली के दिन बहुत अधिक महत्व है। लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन तो आवश्यक है ही साथ ही आपको प्रतिदिन भी माता लक्ष्मी का पूजन अवश्य काना चाहिए।यदि आप भी अपने घर पर श्री लक्ष्मी पूजन करना चाहते हैं तो यहां दी गयी पूजा विधि का प्रयोग कर सकते हैं। भिन्न – भिन्न क्षेत्रों के अनुसार श्री लक्ष्मी पूजा विधि भी अलग – अलग हो सकती है। अतः आप अपने पारम्परिक तरीके से भी दीपावली के दिन श्री लक्ष्मी माता की पूजा कर सकते है। आप भी एक सुखी जीवन के लिए दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा अवश्य करें।श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Pujan Vidhi PDFदिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।साथ ही घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं।पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या दीवार पर लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं।चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें।माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें ।माता महालक्ष्मी की स्तुति करें।इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें।महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एकत्रित होकर करना चाहिए।महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें।पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।दिवाली लक्ष्मी पूजन मंत्र | Diwali Laxmi Puja Mantra Hindi<strong>श्री लक्ष्मी बीज मंत्र :</strong>ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।<strong>श्री लक्ष्मी महामंत्र :</strong>ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।ऊं आद्यलक्ष्म्यै नम:ऊं विद्यालक्ष्म्यै नम:ऊं सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:ऊं अमृतलक्ष्म्यै नम:ऊं कामलक्ष्म्यै नम:ऊं सत्यलक्ष्म्यै नम:ऊं भोगलक्ष्म्यै नम:ऊं योगलक्ष्म्यै नम:<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/lakshmi-pujan-samagri-list/">लक्ष्मी पूजन सामग्री लिस्ट PDF | Lakshmi Pujan Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/lakshmi-sahasranama-stotram/">श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र | Lakshmi Sahasranama Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/mahalakshmi-stotram/">श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/siddhi-lakshmi-stotram/">सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/shri-lakshmi-chalisa-hindi/">श्री लक्ष्मी चालीसा | Shri Lakshmi Chalisa PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/mahalaxmi-aarti-hindi/">श्री महालक्ष्मी आरती | Mahalakshmi Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/lakshmi-suktam-pdf/">लक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/ashtalakshmi-stotram-sanskrit/">अष्टलक्ष्मी स्तोत्र | Ashtalakshmi Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/mahalakshmi-kavacham-pdf/">श्री महालक्ष्मी कवच | Sri Mahalakshmi Kavacham PDF</a><strong>You can download Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शर #लकषम #पजन #वध #Diwali #Laxmi #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF in Hindi
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/------rama-ekadashi-puja-vidhi-268.jpg">रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi</a>PDF Name<b>रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.77 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप रमा एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं । रमा एकादशी का व्रत अनेक प्रकार के पापों का नाश करता है । यदि आप अपने जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं से पीड़ित हो चुके हैं तो आपको रमा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए । रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।माता लक्ष्मी के अनेक शुभ नामों में से एक नाम रमा भी है । अतः इस रमा एकादशी के दिन भगवान श्री हरी विष्णु के साथ माता देवी लक्ष्मी की भी पूजा – अर्चना की जाती है । इस दिन जो व्यक्ति पूरे विधि – विधान से माता लक्ष्मी एवं श्री हरी विष्णु जी की आराधना व पूजन करता है उस व्यक्ति घर में धन व अन्न की आपूर्ति रहती है।रमा एकादशी व्रत की विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Vidhi PDF in Hindiसुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।भगवान की आरती करें।भगवान को भोग लगाएं।इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फसात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।रमा एकादशी आरती PDF / Rama Ekadashi Aarti in Hindiॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/rama-ekadashi-vrat-katha/">रमा एकादशी व्रत कथा | Rama Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download रमा एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#रम #एकदश #वरत #पज #वध #Rama #Ekadashi #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%8f%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-rama">रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDF in Hindi
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDF Detailsकाली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja VidhiPDF Nameकाली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.56 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, प्रस्तुत लेख से आप काली चौदस पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। काली चौदस की पूजा व व्रत माँ काली को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। काली माँ का पूजन करने से व्यक्ति के शत्रुओं का नाश हो जाता है तथा उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता। काली माँ का पूजन व्यक्ति के जीवन को बहुत अधिक परिवर्तित कर देता है।बहुत से लोग माँ काली के स्वरुप को रौद्र रूप के रूप में देखते हैं तथा डरते हैं, जबकि ऐसा नहीं है माँ काली की कृपा से व्यक्ति के परिवार पर आने वाले जाने – अनजाने संकटों का नाश होता है। आप यहां लेख में दी गयी काली चौदस पूजा विधि को पढ़कर उस विधि के अनुसार माँ काली का पूजन कर सकते हैं। काली चौदस पूजन विधि / Kali Chaudas Pujan Vidhiकाली चौदस पूजा करने से पहले अभ्यंग स्नान करना होता है। ऐसी मान्यता है कि अभ्यंग स्नान करने से व्यक्ति नरक में जाने से बच जाता है।इसके बाद जब आप काली पूजा में बैठे तो किसी न किसी सुंगध का शरीर में प्रयोग जरूर करें।इसके बाद मां काली की मूर्ति की स्थापना एक चौकी पर करें।चौकी पर आसन लाल रंग का दें।इसके बाद दीप जलाएं और ऊपर दी गई पूजा सामग्री को काली मां के निमित्त अर्पित करें।इसके बाद काली चालीसा, आरती और ध्यान लगाएं। काली चौदस पूजा सामग्री / Kali Chaudas Puja Samagriअगरबत्ती, धूप, फूल, काली उरद दाल, गंगा जल, हल्दी, हवन सामग्री, कलश, कपूर, कुमकुम, नारियल, देसी घी, चावल, सुपारी, शंख, पूर्णपतत्र, निरंजन, लकड़ी जलाने के लिए लाइटर, छोटी-छोटी और पतली लकड़ियां, घन्टा(बेल), गुड़, लाल, पीले रंग रंगोली के लिए, कॉटन की बॉल्स आदि सामग्री को इस पूजा में इस्तेमाल की जाती है।काली माँ की आरती / Kali Maa Ji Ki Aartiअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली lतेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llतेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी lदानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी llसौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली lदुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llमाँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता lपूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता llसब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली lदुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llनहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना lहम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना llसबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली lसतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली lतेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llYou can download Kali Chaudas Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#कल #चदस #पज #वध #Kali #Chaudas #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF Detailsअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja VidhiPDF Nameअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.44 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप अहोई अष्टमी पूजा विधि PDF / Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। अहोई अष्टमी का व्रत अथवा किसी भी प्रकार का व्रत जब तक सम्पूर्ण विधि – विधान से न किया जाए तब तक निश्चित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। अतः व्रत करने से पूर्व उससे सम्बंधित नियम व विधि को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए पूजा के दौरान कोई भी गलती न हो सके।अहोई अष्टमी व्रत की परम्परा बहुत समय से चली आ रही है। इस व्रत के परिणामस्वरुप बालक दीर्घायु तथा स्वस्थ रहता है। यह व्रत विशेषतः माताएं अपने पुत्र के लिए रखती हैं। इस व्रत में रात्रिकाल में तारों को करवा से अर्घ्य दिया जाता है तथा बालक के लिए मंगल कामना की जाती है। यदि आप भी इस व्रत का पालन कर रहे हैं तो उसकी विधि यहाँ से पढ़ें।अहोई अष्टमी पूजन विधि PDF / Ahoi Ashtami Vrat Pujan Vidhi PDF in Hindiइस दिन माताओं अथवा महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए।अहोई माता की पूजा के लिए दीवार या कागज पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाना चाहिए।माता का पूजना संध्याकाल में करें।पूजा के लिए अहोई माता के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर जल से भरा कलश स्थापित करें।रोली-चावल से अहोई माता की पूजा करें।अहोई माता को भोग लगाने के लिए महिलाएं दही, आटा, चीनी या गुड़ मिला कर मीठे पुए बनायें।कहीं-कहीं आटे के हलवे का भी भोग लगाया जाता है।रोली से कलश पर स्वास्तिक बनाया जाता है।सात टीके लगाए जाते हैं और फिर हाथों में गेहूं के सात दाने ले कर महिलाएं, माताएं अहोई व्रत कथा को पढ़ें व सुनें।पूजा व व्रत कथा सुनने के बाद कलश के जल से तारों को अर्घ्य अर्पित करें।अहोई माता की विधिवत पूजा करने के बाद स्याहु माला धारण की जाती है।स्याहु की माला में चांदी की मोती और अहोई माता की लॉकेट होती है।पूजा के बाद महिलाएं बायना निकालती हैं और अपनी सास या पंडित को देकर आशीर्वाद लेती हैं।पूजन के अंत में पारण किया जाता है।अहोई अष्टमी पूजा सामग्री PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFअहोई माता मूर्ति/चित्रस्याहु मालादीपक करवापूजा रोलीअक्षततिलक के लिए रोलीदूबकलावापुत्रों को देने के लिए श्रीफल माता को चढ़ावे के लिए श्रृंगार का सामान बयानासात्विक भोजनचौदह पूरी और आठ पुओं का भोगचावल की कटोरी,मूलीसिंघाड़ेफलखीरदूध व भातवस्त्रबयाना में देने के लिए नेग (पैसे)You may also like :अहोई अष्टमी व्रत कथा | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindiअहोई अष्टमी माता की आरती / Ahoi Ashtami Mata Ki Aarti PDF in Hindiअहोई अष्टमी पूजा सामग्री | Ahoi Ashtami Puja Samagri PDF in HindiYou can download अहोई अष्टमी पूजा विधि PDF / Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#अहई #अषटम #वरत #पज #वध #Ahoi #Ashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDF Detailsकालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja VidhiPDF Nameकालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप कालाष्टमी पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं । कालभैरव भगवान के भक्त साल में दो तरह की कालाष्टमी व्रत रखते हैं पहली वार्षिक कलाष्टमी जो की वर्ष में एक बार आती है तथा दूसरी मासिक कलाष्टमी जो की हर माह में एक बार मनाई जाती है ।कालाष्टमी व्रत करने से व्यक्ति को कालभैरव भगवान की कृपा प्राप्त होती है । वैसे तो कालभैरव भगवान को उग्र देवता माना जाता है, किन्तु यदि उनकी विधि – विधान से पूजा अर्चना की जाये तो व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे हो जाते हैं तथा उसे जीवन में मनचाहे परिणाम मिलने लगते हैं । कालाष्टमी की पूजा विधि / Kalashtami Puja Vidhi in Hindiइस दिन सुबह जल्दी उठें।नित्य कर्म एवं स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहनें।इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।घर के मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।भगवान भैरव को फूल अर्पित करें।इस दिन भैरव बाबा का अधिक से अधिक ध्यान करें।भैरव चालीसा का पाठ करें।भैरव बाबा को भोग लगाएं।आप भैरव बाबा को फल, मिठाई, गुड से बनी चीजों का भोग लगा सकते हैं।भगवान भैरव की आरती करें। श्री भैरव जी की आरती / Shri Bhairav Ji Ki Aartiजय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।You can download Kalashtami Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#कलषटम #पज #वध #Kalashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF in Marathi
लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----laxmi-pooja-vidhi-591.jpg">लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi</a>PDF Name<b>लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>13</b>PDF Size<b>0.60 MB</b>Language<b>Marathi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi Marathi PDF SummaryDear readers, here we are presenting Laxmi Puja Vidhi PDF in Marathi for all of you. There are many people who are suffering from poverty and financial crisis. if you are one of them, you can observe the Shri Lakshmi Pujan in front of Goddess Lakshmi Ji to please her and seek her blessings to overcome all kinds of financial problems.हिंदू धर्मात उपवास आणि उपवासाचे अनेक प्रकार आहेत. लक्ष्मीमातेचे व्रत हे देखील अशाच व्रतांपैकी एक आहे. लक्ष्मी व्रत खूप लोकप्रिय आहे. हे व्रत फार पूर्वीपासून पाळले जात आहे. माता वैभव लक्ष्मीच्या कृपेने व्यक्तीच्या जीवनात धन-समृद्धीचा वर्षाव होतो. जर तुम्ही देखील तुमच्या जीवनातील आर्थिक समस्यांमुळे खूप त्रस्त असाल आणि आता त्या संकटातून बाहेर पडायचे असेल तर माता लक्ष्मीजीचे व्रत पूर्ण विधीपूर्वक करा. या व्रताच्या यशस्वितेसाठी व्रताच्या वेळी श्री लक्ष्मी व्रत कथेचे पठण व पाठ करावे. लक्ष्मी पूजन कसे करावे याची माहिती / Laxmi Puja Vidhi in Marathi PDFवेळ: या पद्धतीने महालक्ष्मी पूजन करण्यासाठी पंधरा मिनिटे वेळ लागतो. ज्या व्यक्तीकडे वेळ नाही किंवा मोठी पूजा करण्याची इच्छा नाही. तसेच त्याला संस्कृतचे ज्ञान नाही ती व्यक्ती हा विधी करू शकते.विधी: आपण विकत घेतलेल्या नवीन प्रतिमेची, मूर्तीची पूजा करण्यासाठी विधी निर्देश व मंत्रांचा भावार्थ मराठीत प्रस्तुत केला जात आहे. ज्यामुळे संस्कृतच्या अडचणी दूर होऊ शकतील.पूजन सामग्री: आवश्यक ती पूजन सामग्री पूजेपूर्वीच मांडून ठेवा.मुहूर्त: मूहूर्त पंचांगात पहा.वस्त्र: पूजा सूरू करण्यापूर्वी आंघोळ करून नवीन वस्त्र परिधान करा.गंध: कपाळाला गंध लावून पूजा करा.दिशा: दिवसा पूर्वेला तोंड करून किंवा संध्याकाळी उत्तरेला तोंड करून पूजा करा.आसन: कुशाच्या किंवा लाल उशीच्या आसनावर बसून पूजा करा. फाटलेले किंवा कपड्याचे आसन किंवा दगडावर बसून पूजा करू नये.पूजन सामग्री: पूजन सूरू करण्यापूर्वी पूजेचे सर्व साहित्य आपल्याजवळ आणून ठेवा. शुद्ध पाणी एखाद्या पवित्र भांड्यात घ्या.वस्त्र : हात धुण्यासाठी स्वच्छ कपडा आपल्याजवळ ठेवा. परिधान केलेल्या वस्त्राने हात धुऊ नये.मूर्ती स्थापना: पूजा सुरू करण्यापूर्वी श्री महालक्ष्मीची प्रतिमा एखाद्या लाकडाच्या पाटावर किंवा गहू, मूग, ज्वारीच्या धान्यावर लाल कपडा अंथरून स्थापित करा. (<strong>Note : For complete Lakshmi Puja Vidhi Kindly download the PDF</strong>)लक्ष्मी देवीची आरती मराठी मध्ये / Lakshmi Aarti in Marathi Lyrics PDFजयदेवी जयदेवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापकरुपे तू स्थुलसुक्ष्मी ॥धृ॥करविरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता
पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकांता
कमलाकरे‍ जठरी जन्मविला धाता
सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गाता ॥१॥मातुलिंग गदा खेटक रविकिरणीं
झळके हाटकवाटी पीयुषरसपाणी
माणिकरसना सुरंगवसना मृगनयनी
शशिकरवदना राजस मदनाची जननी ॥२॥तारा शक्ति अगम्या शिवभजकां गौरी
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी
गायत्री निजबीजा निगमागम सारी
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी ॥३॥अमृत भरिते सरिते अघदुरितें वारीं
मारी दुर्घट असुरां भव दुस्तर तारीं
वारी मायापटल प्रणमत परिवारी
हे रुप चिद्रुप तद्रुप दावी निर्धारी ॥४॥चतुरानने कुत्सित कर्माच्या ओळी
लिहिल्या असतील माते माझे निजभाळी
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी
मुक्तेश्वर नागर क्षीरसागरबाळी ॥५॥<strong>You can download Laxmi Puja Vidhi in Marathi PDF by clicking on the following downloading button.</strong>#लकषम #पजन #कस #करव #Laxmi #Pooja #Vidhi #PDF #MarathiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a5%87-laxmi-pooja-vidhi-pdf-i">लक्ष्मी पूजन कसे करावे | Laxmi Pooja Vidhi PDF in Marathi</a> appeared first on <a href="https://www.e…
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF Detailsकरवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja VidhiPDF Nameकरवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.73 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से हम आपको करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं तथा पूजन करती हैं। करवा चौथ व्रत के नियम अलग – अलग स्थानों के अनुसार अलग – अलग हो सकते हैं। बहुत सी जगह पर इस व्रत को निर्जला किया जाता है मतलब कि व्रत के दौरान पानी नहीं पिया जाता। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप करवा चौथ पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Poojan Vidhi PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर को है। अगर आप भी इस साल पहली बार व्रत रखने जा रही हैं तो जान लें पूजन साम्रगी, पूजा विधि और सोलह श्रंगार-करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ  करलें और लकड़ी की चौकी बिछाकर  उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की तस्वीर या चित्र रखें. साथ ही, उत्तर दिशा में एक जल से भरा कलश स्थापित कर उसमें  थोड़े-से अक्षत डालें।इसके बाद कलश पर रोली, अक्षत का टीका लगाएं और गर्दन पर मौली बांधें।तीन जगह चार पूड़ी और 4 लड्डू लें, अब एक हिस्से को कलश के ऊपर, दूसरे को मिट्टी या चीनी के करवे पर और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध कर रख लें। अब करवाचौथ माता के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें।पूजा करने के बाद साड़ी के पल्ले और करवे पर रखे प्रसाद को बेटे या अपने पति को खिला दें. वहीं, कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें।पानी से भरे हुए कलश को पूजा स्थल पर ही रहने दें. चन्द्रोदय के समय इसी कलश के जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग चंद्रमा को  लगाएं. इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।करवा चौथ व्रत में पूजा के लिए आपको मिट्टी का एक करवा और उसका ढक्कन चाहिए।मां गौरी या चौथ माता एवं गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए काली या पीली मिट्ठी चाहिए।पानी के लिए एक लोटागंगाजलगाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घीअगरबत्ती, रूई और एक दीपकअक्षत, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुममिठाई, शहद, चीनी और उसका बूराबैठने के लिए आसनइत्र, मिश्री, पान एवं खड़ी सुपारीपूजा के लिए पंचामृतअर्घ्य के समय छलनीभोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ीसुहाग सामग्री: महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा, बिछुआ, चुनरी आदि।Karwa Chauth 2021 Shubh Muhurt | करवा चौथ 2021 शुभ मुहूर्तचतुर्थी तिथि प्रारंभ – रविवारसुबह 03 बजकर 01 मिनट पर (24 अक्टूबर 2021)चतुर्थी तिथि समाप्त – सुबह  05 बजकर 43 मिनटपर (25 अक्टूबर 2021)चंद्रोदय का समय – रात 8 बजकर 16 मिनट परकरवा चौथ पूजा मुहूर्त –  05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 59 मिनट तकनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#करव #चथ #वरत #पज #वध #Karwa #Chauth #Vrat #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF
Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF DetailsKarwa Chauth Puja Vidhi in EnglishPDF NameKarwa Chauth Puja Vidhi in English PDFNo. of Pages4PDF Size0.95 MBLanguageEnglishCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF SummaryDear readers, here we are presenting Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF for you. Karwa Chauth is a very well-recognized Hindu festival in the world. Karwa Chauth represents the love bond between wife and husband. There are a huge number of people around the world who celebrate this festival with great joy.If you also want to observe the fast on Karva Chauth and want to do it as per the proper procedure, you can observe this fast according to the Karwa Chauth Puja Vidhi that is described in the following PDF. You can also follow these steps during the Pujan of Karwa Chauth Mata. Karwa Chauth Pooja Vidhi in English PDFSankalpOn the day of fasting, after taking morning bath women should take the pledge, which is called Sankalp, to keep the fast for the wellbeing of the husband and the family. It is also recited during Sankalp that the fasting would be without any food or water and the fast would be broken after sighting the moon. The Mantra to chant while taking the pledge –मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिरश्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।Translation – It means “I would observe the fasting of Karak Chaturthi for the wellbeing of the husband, sons, and grandsons and to gain fixed wealth”.Worship God MoonAfter Puja women should wait for the moon to rise. Women should worship God Chandra and after making an offering to him should break the fast.Note: – You can read the complete Puja Vidhi after downloading the PDF File.You may also like :Karwa Chauth Katha in English PDFकरवा चौथ माता की आरती | Karva Chauth Mata Ki Aarti Lyrics PDF in Hindiचौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in HindiYou can download Karwa Chauth Puja vidhi in English PDF by clicking on the following download button.#Karwa #Chauth #Puja #Vidhi #English #PDFThe post Karwa Chauth Puja Vidhi in English PDF appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----sharad-purnima-puja-vidhi-682.jpg">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi</a>PDF Name<b>शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi Hindi PDF Summaryशरद पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है। इसीलिए बहुत से लोग इस दिन अपने घर पर खीर बनाते हैं तथा उसको रात भर चन्द्रमा की रौशनी में रखते हैं तथा सुबह उसे प्रसाद के रूप में परिवार वालों के साथ मिलबाँट कर कहते हैं।माना जाता है कि इस खीर को खाने से व्यक्ति के विभिन्न प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। चंद्रदेव की कृपा से व्यक्ति की मानसिक परशानियाँ भी दूर होती हैं। वैदिक धर्मशात्रों में कहा गया है, चन्द्रमा मनसोः जातः, अथार्त चन्द्रमा मन का करक होता है। यदि आप भी अपना मनोबल बढ़ाना चाहते हैं तो शरद पूर्णिंमा को पूज व व्रत अवश्य करें। शरद पूर्णिमा की पूजा करने की विधि / Sharad Purnima Pooja Vidhi in Hindiइस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। साथ ही किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें अथवा घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए।फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।इस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।मां लक्ष्मी को लाल फूल, नैवेद्य, इत्र जैसी चीजें चुढ़ाएं।फिर मां को वस्त्र, आभूषण, और अन्य श्रंगार पहनाएं।मां लक्ष्मी का आह्वान करें।फिर फूल, धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य, सुपारी, दक्षिणा आदि मां को अर्पित करें।इसके बाद लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी की आरती भी गाएं।फिर पूजा धूप और दीप (दीपक) से मां की आरती करें।फिर मां को खीर चढ़ाएं।इस दिन अपने सामार्थ्यनुसार किसी ब्राह्मण को दान करें।खीर को गाय के दूध से ही बनाएं।मध्यरात्रि को मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।इसे प्रसाद के तौर पर भी वितरित करें।पूजा के दौरान कथा जरूर सुनें।एक कलश में पानी रखें और एक गिलास में गेहूं भरकर रखें।फिर एक पत्ते का दोना लें। इसमें रोली और चावल रखें।फिर कलश की पूजा करें और दक्षिणा अर्पित करें।मां लक्ष्मी के साथ भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करें।शरद पूर्णिमा मंत्र / Sharad Purnima Puja Mantra<strong>मां लक्ष्मी मंत्र:</strong>ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः<strong>कुबेर मंत्र:</strong>ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।<strong>सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का मंत्र</strong>:पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु में। शरद पूर्णिमा व्रत कथा / Sharad Purnima Vrat Kathaपौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक साहूकार था जिसकी दो बेटियां थीं। साहूकार की दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत करती थीं। जहां एक तरफ बड़ी बेटी ने विधिवत् व्रत को पूरा किया। वहीं, छोटी बेटी ने व्रत को अधूरा छोड़ दिया। इसका प्रभाव यह हुआ कि छोटी लड़की के बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु हो गई। फिर एक बार बड़ी बेटी ने अपनी बहन के बच्चे को स्पर्श किया वो स्पर्श इतना पुण्य था कि उससे बालक जीवित हो गया। बस उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक किया जाने लगा।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/sharad-purnima-vrat-katha-hindi/">शरद पूर्णिमा व्रत कथा | Sharad Purnima Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download Sharad Purnima Vrat Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शरद #परणम #पज #वध #Sharad #Purnima #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%a6-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-sharad-purnima-puja-vid">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www…
गृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja Vidhi PDF in Hindi
गृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja Vidhi PDF Detailsगृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja VidhiPDF Nameगृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja Vidhi PDFNo. of Pages5PDF Size0.45 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja Vidhi Hindi PDF Summaryअपना घर लेना सभी का एक सपना होता है लेकिन उससे अधिक यह जरुरी है की घर में सब कुछ ठीक रहे तथा परिवार में हमेशा सुख – शांति बनी रहे। यदि आप भी अपने नए घर में प्रवेश करने वाले हैं तथा यह चाहते हैं कि सब कुछ सही रहे और आपके परिवारजनों पर कभी कोई भी अनचाही विपत्ति न आये तो आपको घर में जाने से पहले विधि – विधान से गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए।देश दुइनया में लोग अपने अपने तरीकों से ग्रह प्रवेश की रस्म को पूरा करते हैं। हमने यहां पर सबसे अधिक प्रचलित गृह प्रवेश विधि दी है तथा साथ ही हमने कुछ ऐसी बातें भी बतायीं हैं जिनका ध्यान आपको नए घर में जाने से पहले रखना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हियँ तो आपके घर में हेमशा सुख शांति का वास रहेगा। गृह प्रवेश पूजन विधि | Griha Pravesh Puja Vidhi अपने ही नहीं, किराए के घर में भी गृहप्रवेश हमेशा दिन, तिथि, वार और नक्षत्र को देख कर करना चाहिए। यदि कोई दिन आपका मान है तो उस दिन गृह प्रवेश बिलकुल न करें। गृहप्रवेश ब्राह्मण के मंत्रोच्चारण के साथ करें।गृहप्रवेश के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ का महीना उत्तम होता है, जबकि आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष शुभ नहीं माने जाते।रविवार और शनिवार के दिन दिन भी गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।गृह प्रवेश की पूजा सामग्री में कलश, नारियल, दीपक, फूल शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि जरूर होना चाहिए।मंगल कलश के साथ पति-पत्नी को साथ में गृह प्रवेश करना चाहिए।गृह प्रवेश वाले दिन घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से जरूर सजाएं।मंगल कलश में जल में गंगाजल मिलाएं और आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें। कलश पर नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।नए घर में प्रवेश के समय पति-पत्नी को पांच चीजें अपने हाथ में लेकर प्रवेश करना चाहिए। इसमें नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध या दही होना चाहिए।जिस दिन आपका गृहप्रवेश हो उसी दिनभगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को घर में ले जाना चाहिए।पुरुष पहले दाहिना पैर और महिला को अपना बायां पैर घर में सर्वप्रथम रखना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्थापना करें।गृह प्रवेश पूजा के साथ ही रसोई घर में भी पूजा भी करनी चाहिए। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए।  रसोई में पहले दिन कुछ मीठा बनाना चाहिए। घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं। इसके बाद गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी आदि के निमित्त भोजन निकालना चाहिए।ब्राह्मण को भोजन कराने के साथ गरीबों को दान करना चाहिए।घर में प्रवेश के नियम हमेशा याद रखें। गृह प्रवेश की ये विधि आपके घर में सुख और सौभाग्य ले कर आएगी। You can download Griha Pravesh Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download link.#गह #परवश #पदधत #Griha #Pravesh #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post गृह प्रवेश पद्धति | Griha Pravesh Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi
दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF Detailsदशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja VidhiPDF Nameदशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.41 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं दशहरा पूजा विधि PDF / Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi इस लेख के द्वारा आप दशहरा पूजन विधि के बारे में जान सकते हैं। दशहरा यानि विजयदशमी के दिन भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी पूजा की जाती है। इस पूजा के द्वारा यह समस्त देव प्रसन्न होते हैं तथा अपनी शक्तियों से घर – परिवार की रक्षा करते हैं।इस दिन गाय के गोबर से दस गोले बनाए जाते हैं जिन्हें कंडे भी कहते हैं, जिनका उपयोग पूजन में किया जाता है तथा इन कंडों में नवरात्रि के दिन बोये गए जौ को लगाते हैं। यदि आप भी एक सुखी जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, तो इस वार्षिक दशहरा पूजा को पूर्ण भक्ति – भाव तथा श्रद्धा से करनी चाहिए।दशहरा पूजन विधि PDF | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindiसर्वप्रथम सुबह नहाकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।अब एक लकड़ी की चौकी पर भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी स्थापना करें।सभी देवताओं को दीप, धुप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।अब सभी देवों का पूजन करें।गाय के गोबर से दस गोले ( कंडे ) भी बनाएं।कंडों में नवरात्रि के दिन बोये गए जौ को लगाएं।तत्स्पचता पुनः जौ का धूप और दीप से पूजन करें।अंत में आशीर्वाद ग्रहण करें तथा जौ को कान के पीछे रखने लगा लें।दशहरा का महत्व / Significance of Dussehraदशरहा के दिन ही भगवान श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध कर विजय हासिल की थी और कहा जाता है​ ​कि यह युद्ध 9 दिनों तक लगातार चला। इसके बाद 10वें दिन भगवान राम ने विजय प्राप्त की। इसके बाद माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराकर लाए। वहीं यह भी कहा जाता है कि भगवान राम से युद्ध पर जाने से पहले मां दुर्गा की अराधना की थी और मां ने प्रसन्न होकर उन्हें विजयी होने का वरदान दिया था। इसके अलावा एक और मान्यता है कि मां दुर्गा ने दशहरा के दिन महिषासुर का वध कर जीत हासिल की थी।विजयदशमी का शुभ मुहूर्त / Dussehra Puja Muhurat 2021विजयदशमी शुक्रवार, अक्टूबर 15, 2021 कोविजय मुहूर्त – 02:02 पी एम से 02:48 पी एमअवधि – 00 घण्टे 46 मिनट्सबंगाल विजयदशमी शुक्रवार, अक्टूबर 15, 2021 कोअपराह्न पूजा का समय – 01:16 पी एम से 03:34 पी एमअवधि – 02 घण्टे 18 मिनट्सदशमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2021 को 06:52 पी एम बजेदशमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 15, 2021 को 06:02 पी एम बजेश्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2021 को 09:36 ए एम बजेश्रवण नक्षत्र समाप्त – अक्टूबर 15, 2021 को 09:16 ए एम बजेYou may also like :विजयादशमी की कथा | Vijayadashami Dussehra Katha PDF in HindiYou can download दशहरा पूजा विधि PDF / Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#दशहर #पज #वध #Dussehra #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi
महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDF Detailsमहानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja VidhiPDF Nameमहानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.47 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं महानवमी पूजा विधि PDF / Maha Navami Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi इस साल महानवमी 14 अक्तूबर, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। इस दिन माता के नौ स्वरूपों में से आखिरी स्वरूप यानी देवी सिद्धिदात्री की उपासना की जाती हैं। महा नवमी के दिन ही नवरात्र के व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन सुबह पूजा कर कन्या पूजन किया जाता है। इसके बाद व्रती स्वयं भी भोजन कर अपने व्रतों का पारण करते हैं। महानवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। साफ कपड़े पहनकर पूजन स्थल पर जाएं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप महानवमी हवन विधि PDF / Maha Navami Havan Vidhi PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।महानवमी के दिन देवी सिद्धिदात्री की उपासना का विधान हैं। कहते हैं कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन देवी सिद्धिदात्री की आराधना करता है उसे मां सिद्धिदात्री की कृपा से सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति देवी सिद्धिदात्री को मना लेता है उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं। कहते हैं कि ऐसा व्यक्ति हर दशा-दिशा में विजय प्राप्त करता जाता है।महानवमी पूजा विधि PDF | Maha Navami Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindiदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.महानवमी पूजन सामग्री लिस्ट PDF | Maha Navami Poojan Samagri List PDFलाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंडनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप महानवमी पूजा विधि PDF / Maha Navami Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#महनवम #पज #वध #Maha #Navami #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDF in Hindi
दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDF Detailsदुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and MantraPDF Nameदुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDFNo. of Pages3PDF Size0.47 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं दुर्गा नवमी पूजा विधि PDF / Durga Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi जिसमे आपको महा नवमी की पूजा विधि मंत्र सहित मिलेगी। कल नवरात्री का आखिरी दिन है यानि कल कल लोग महा नवमी का व्रत रख कर माँ दुर्गा के नौवे स्वरुप की पूजा करेंगे। कल के दिन ही भक्त नव दुर्गा व्रत का उद्यापन करेंगे। माँ दुर्गा नवरात्री व्रत का उद्यापन पुरे विधि व् विधान द्वारा किया जाता हैं तथा कन्याओं को भोजन कराया जाता हैं। अष्टमी और नवमी के दिन हवन पूजन और कन्या पूजन का विशेष महत्व है। साथ ही लोग अपने व्रत का पारण भी करते हैं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप दुर्गा नवमी पूजा मंत्र PDF / Durga Navami Pooja Mantra PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस दिन माता के नौ स्वरूपों में से आखिरी स्वरूप यानी देवी सिद्धिदात्री की उपासना की जाती हैं। महा नवमी के दिन ही नवरात्र के व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन सुबह पूजा कर कन्या पूजन किया जाता है। इसके बाद व्रती स्वयं भी भोजन कर अपने व्रतों का पारण करते हैं।दुर्गा नवमी पूजा विधि PDF | Durga Navami Pooja Vidhi PDF in Hindiदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.दुर्गा नवमी पूजा मंत्र PDF | Durga Navami Pooja Mantra PDF in Hindiसर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा,बलादाकृष्य मोहय महामाया प्रयच्छतिशरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप दुर्गा नवमी पूजा विधि PDF / Durga Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#दरग #नवम #पज #वध #Durga #Navami #Pooja #Vidhi #Mantra #PDF #HindiThe post दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF Detailsदुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja VidhiPDF Nameदुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.79 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi Hindi PDF SummaryIn this article we are going to upload दुर्गा अष्टमी पूजा विधि PDF | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi the Dear readers, you can know about the complete and valid Durga Ashtami Puja Vidhi which is followed by a huge number of people for concluding the fast. Durga Ashtami Puja is a very essential part of Navratri. Your fast is incomplete without this Durga Puja. Below we have provided the download link for Navratri Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi / नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF.Durga Ashtami is very significant for those who are doing any specific Sadhna and Siddhi. They can be reached the ultimate goal of the spiritual world by doing the perfect puja on the occasion of Durga Ashtami during Navratri. If you also want to do Durga Ashtami Puja at your home, you can follow this Puja Vidhi.दुर्गा अष्टमी पूजन की विधि PDF | Durga Ashtami Puja Vidhi PDFदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF | Durga Ashtami Vrat Katha PDFसदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे. उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी. इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था. तब उसका अंत करने के लिए भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया. हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किए. इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया. मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया. उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ.मां दुर्गा के विशेष मंत्रसर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा,बलादाकृष्य मोहय महामाया प्रयच्छतिशरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥You can download Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi / दुर्गा अष्टमी पूजा विधि PDF by clicking on the following download button.#दरग #अषटम #पज #वध #Durga #Ashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi
कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/maa-katyayani-vrat-katha-pooja-vidhi-724.jpg">कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi</a>PDF Name<b>कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>3</b>PDF Size<b>0.34 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF SummaryIn this article, we are going to share Maa Katyayani Devi Vrat Katha PDF in Hindi / कात्यायनी माता कथा PDF to help you. The story of Mata Katyayani is done on the sixth day of Navratri. According to mythology, there was a Maharishi Katyayana who had no daughter. One day he did severe penance with the desire to have Bhagwati Jagadamba as his daughter. Mother Jagadamba was pleased with her severe penance and she was born as Mata Katyayani to Maharishi Katyayan and became famous as Maa Katyayani. Below we have provided the download link for कात्यायनी देवी पूजा विधि PDF / Katyayani Devi Pooja Vidhi PDF in Hindi.Maa Katyayani, who was born as a daughter to Maharishi Katyayan, was a very virtuous girl. There was no virtuous, beautiful and knowledgeable girl like him in the whole world.कात्यायनी माता कथा PDF | Maa Katyayani Devi Vrat Katha PDF in Hindiपौराणि कथा के अनुसार महार्षि कात्यायन ने मां आदिशक्ति की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लेने का वरदान दिया था। मां का जन्म महार्षि कात्यान के आश्राम में ही हुआ था। मां का लालन पोषण कात्यायन ऋषि ने ही किया था। पुराणों के अनुसार जिस समय महिषासुर नाम के राक्षस का अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया था। उस समय त्रिदेवों के तेज से मां की उत्पत्ति हुई थी। मां ने ऋषि कात्यायन के यहां अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन जन्म लिया था। इसके बाद ऋषि कात्यायन ने उनका तीन दिनों तक पूजन किया था।मां ने दशमी तिथि के दिन महिषासुर का अंत किया थाइसके बाद शुम्भ और निशुम्भ ने भी स्वर्गलोक पर आक्रमण करके इंद्र का सिंहासन छिन लिया था और नवग्रहों को बंधक बना लिया था। अग्नि और वायु का बल पूरी तरह उन्होंने छीन लिया था। उन दोनों ने देवताओं का अपमान करके उन्हें स्वर्ग से निकल दिया था। इसके बाद सभी देवताओं ने मां की स्तुति की इसके बाद मां ने शुंभ और निशुंभ का भी वध करके देवताओं को इस संकट से मुक्ति दिलाई थी। क्योंकि मां ने देवताओं को वरदान दिया था कि वह संकट के समय में उनकी रक्षा अवश्य करेंगी।कात्यायनी देवी पूजा विधि PDF | Katyayani Devi Pooja Vidhi PDF in Hindiमां कात्यायनी की पूजा करने से पहले साधक को शुद्ध होने की आवश्यकता है। साधक को पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।इसके बाद पहले कलश की स्थापना करके सभी देवताओं की पूजा करनी चाहिए। उसके बाद ही मां कात्यायनी की पूजा आरंभ करनी चाहिए।पूजा शुरु करने से पहले हाथ में फूल लेकर या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मंत्र का जाप करते हुए फूल को मां के चरणों में चढ़ा देना चाहिए।इसके बाद मां को लाल वस्त्र,3 हल्दी की गांठ,पीले फूल, फल, नैवेध आदि चढाएं और मां कि विधिवत पूजा करें। उनकी कथा अवश्य सुने।अंत में मां की आरती उतारें और इसके बाद मां को शहद से बने प्रसाद का भोग लगाएं। क्योंकि मां को शहद अत्याधिक प्रिय है । भोग लगाने के बाद प्रसाद का वितरण करें।<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Maa Katyayani Devi Vrat Katha PDF in Hindi / कात्यायनी माता कथा PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#कतययन #मत #कथ #Maa #Katyayani #Vrat #Katha #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-maa-katyayani-vrat-katha-pooja-vidhi-pdf-in-hindi">कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a …
माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi
माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDF Detailsमाँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja VidhiPDF Nameमाँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDFLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF SummaryHere we are going to upload the माँ कुष्मांडा देवी कथा PDF / Maa Kushmanda Devi Katha PDF in Hindi for our daily users. Maa Kushmanda is worshiped on the fourth day of Navratri. This goddess is known as Kushmanda because of her slow, mild laughter causing the egg, that is, the universe. She is called the mother who removes sorrows. The Sun is considered their abode. Therefore, behind this form of mother, the radiance of the sun is shown. He has eight hands and rides on a lion. Below we have provided the download link for कुष्मांडा देवी पूजा विधि PDF / Kushmanda Devi Pooja Vidhi PDF in Hindi.The radiance and radiance of his body are equally as radiant as the sun. Worshiping Maa Kushmanda removes all the diseases and sorrows of the devotees. Their devotion increases life, fame, strength and health. Maa Kushmanda is going to be pleased with little service and devotion.माँ कुष्मांडा देवी कथा PDF | Maa Kushmanda Devi Katha PDF in Hindiकूष्माण्डा देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कूष्माण्ड कहते हैं इसलिए इस देवी को कूष्माण्डा। इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है।अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी की पूजा-आराधना करना चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। ये देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंततः इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए।कूष्माण्डा देवी पूजा विधि PDF | Maa Kushmunda Devi Pooja Vidhi PDF in Hindiइस दिन भी आप सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी-देवता की पूजा करें।फिर देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ विराजमान देवी-देवताओं की पूजा करें।इनकी पूजा के पश्चात देवी कूष्‍मांडा की पूजा करें। पूजा की विधि शुरू करने से पहले हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर इस मंत्र ‘सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्‍मांडा शुभदास्तु मे।’ का ध्यान करें।इसके बाद शप्‍तशती मंत्र, उपासना मंत्र, कवच और अंत में आरती करें। आरती करने के बाद देवी मां से क्षमा प्रार्थना करना न भूलें।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप माँ कुष्मांडा देवी कथा PDF / Maa Kushmanda Devi Katha PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#म #कषमड #दव #कथ #Maa #Kushmanda #Devi #Katha #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा जी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF in Hindi
दुर्गा जी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF Detailsदुर्गा जी की हवन विधि | Navratri Havan VidhiPDF Nameदुर्गा जी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDFNo. of Pages5PDF Size0.86 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा जी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi Hindi PDF Summaryनवरात्रि में देवी दुर्गा के हवन का विशेष महत्व है। देवी दुर्गा हवन आप अपने घर पर भी सरलता से कर सकते हैं। दुर्गा माँ को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि का समय सबसे अच्छा होता है। नवरात्रि के समय देवी दुर्गा अपने भक्तों के घर में नौ दिनों तक वास करती हैं। बहुत से साधक नवरात्रि के समय अलग – अलग तरह की साधनायें करते हैं।यदि आप भी नवरात्रि के समय अपने घर पर हवन करना चाहते हैं, तो यहाँ दी हुई नवरात्रि हवन विधि pdf के माध्यम से दुर्गा हवन मंत्र का उच्चारण करते हुए घर पर ही देवी दुर्गा की प्रसन्नता हेतु दुर्गा नवरात्रि हवन कर सकते हैं। यहां दी हुई विधि बहुत सरल व उपयोगी है, इसलिए इसे कोई भी आसानी से कर सकता है। नवरात्रि हवन मंत्र / Navratri Havan Mantra in Hindi PDFओम गणेशाय नम: स्वाहाओम गौरियाय नम: स्वाहाओम नवग्रहाय नम: स्वाहाओम दुर्गाय नम: स्वाहाओम महाकालिकाय नम: स्वाहाओम हनुमते नम: स्वाहाओम भैरवाय नम: स्वाहाओम कुल देवताय नम: स्वाहाओम स्थान देवताय नम: स्वाहाओम ब्रह्माय नम: स्वाहाओम विष्णुवे नम: स्वाहाओम शिवाय नम: स्वाहाओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा। ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा। ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।हवन सामग्री की लिस्ट PDF / Havan Samagri List in Hindi PDFआम की लकडियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे तथा घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा। गाय के गोबर से बने उपले घी में डुबाकर डाले जाते हैं।You can download Navratri Havan Vidhi in Hindi PDF by clicking on the following download button.#दरग #ज #क #हवन #वध #Navratri #Havan #Vidhi #PDF #HindiThe post दुर्गा जी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDF in Hindi
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDF Detailsमां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja VidhiPDF Nameमां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDFNo. of Pages5PDF Size0.64 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi Hindi PDF Summaryमां ब्रह्मचारिणी की पूजा पूर्ण विधि विधान से करनी चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी तप का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। इसके बाद आसन पर बैठ कर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें। मां को दूध, दही, घृत, मधु या शर्करा से स्नान कराएं। मां ब्रह्मचारिणी को पिस्ते की मिठाई का भोग लगाएं। फिर उन्हें पान, सुपारी और लौंग चढ़ाएं। इसके बाद मां के मंत्रों का जाप और आरती करना चाहिए। श्रद्धाभाव से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्त को धैर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र / Maa Brahmacharini Puja Mantraया देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिघर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।शुभ मुहूर्त-ब्रह्म मुहूर्त- 04:39 ए एम से 05:29 ए एमअभिजित मुहूर्त- 11:45 ए एम से 12:32 पी एमविजय मुहूर्त- 02:05 पी एम से 02:52 पी एमगोधूलि मुहूर्त- 05:47 पी एम से 06:11 पी एमअमृत काल- 11:00 ए एम से 12:27 पी एमनिशिता मुहूर्त- 11:44 पी एम से 12:33 ए एम, अक्टूबर 09रवि योग- 06:59 पी एम से 06:18 ए एम, अक्टूबर 09अशुभ मुहूर्त-राहुकाल- 10:41 ए एम से 12:08 पी एमयमगण्ड- 03:04 पी एम से 04:31 पी एमगुलिक काल- 07:45 ए एम से 09:13 ए एमविडाल योग- 06:18 ए एम से 06:59 पी एमदुर्मुहूर्त- 08:38 ए एम से 09:25 ए एमYou may also like :ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindiब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF in HindiYou can download Brahmacharini Mata Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#म #बरहमचरण #पज #वध #Maa #Brahmacharini #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi
कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----kalash-sthapana-vidhi--993.jpg">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi</a>PDF Name<b>कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.77 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi Hindi PDF Summaryघटस्थापना नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। घटस्थापना को कलशस्थापना के रूप में भी जाना जाता है। कलशस्थापना के साथ इस नौ दिनों के उत्सव का आरम्भ होता है। धार्मिक शास्त्रों में अमावस्या तथा रात के समय घटस्थापना वर्जित है। अतः इन दो अवसरों पर घटस्थापना नहीं करनी चाहिए।नवरात्री में दुर्गा पूजा के लिए कलश स्थापना करते समय पूर्ण स्वछता का ध्यान रखना चाहिए। सभी पूजन सामग्री शुद्ध होने चाहिए। कलश स्थापना पूजा के उपरांत उस कलश में देवी का निवास हो जाता है। अतः उस कलश को श्रद्धा भाव से देखना चाहिए तथा उसके पास कोई भी अशुद्ध व्यक्ति या वास्तु नहीं होनी चाहिए। कलश स्थापना विधि और मंत्र PDF 2021नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं।स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद कलश को पूजा घर में रखें।मिट्टी के घड़े के गले में पवित्र धागा बांधे।अब कलश को मिट्टी और अनाज के बीज की एक परत से भरें।कलश में पवित्र जल भरकर उसमें सुपारी, गंध, अक्षत, दूर्वा घास और सिक्के डालें।कलश के मुख पर एक नारियल रखें।कलश को आम के पत्तों से सजाएं।मंत्रों का जाप करें।कलश को फूल, फल, धूप और दीया अर्पित करें।देवी महात्म्यम का पाठ करें।<strong>नवरात्री कलश पूजन मंत्र</strong>गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति!नर्मदे! सिंधु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।<strong>नवरात्री पूजा संकल्प मंत्र</strong>ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्राह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे, अमुकनामसम्वत्सरेआश्विनशुक्लप्रतिपदे अमुकवासरे प्रारभमाणे नवरात्रपर्वणि एतासु नवतिथिषुअखिलपापक्षयपूर्वक-श्रुति-स्मृत्युक्त-पुण्यसमवेत-सर्वसुखोपलब्धये संयमादिनियमान् दृढ़ं पालयन् अमुकगोत्रःअमुकनामाहं भगवत्याः दुर्गायाः प्रसादाय व्रतं विधास्ये।बिना मंत्र के नवरात्री कलश स्थापना पूजा कैसे करें ?अगर आप मंत्र नहीं पढ़ना चाहते है तो आप बिना मंत्र के ही गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का ध्यान करें और साथ ही वरूण देवता का भी ध्यान करना चाहिए। इसके बाद कलश के मुख पर कलावा बांधे और फिर एक कटोरी से कलश को ढ़क देना चाहिए। इसके बाद ढकी गई कटोरी में जौ भरिए। एक नारियल ले उसे लाल कपड़े से लपेटकर कलावें से बांध देना चाहिए। फिर उस नारियल को जौ से भरी हुई कटोरी के ऊपर स्थापित कर देना चाहिए।कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2021आश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 7, 2021 कोघटस्थापना मुहूर्त – 06:17 ए एम से 07:07 ए एमअवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्सघटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:45 ए एम से 12:32 पी एमअवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्सनवरात्रि पूजन सामग्री सूची / Navratri Pujan Samagri List PDF in Hindiघटस्थापना हेतु निम्नलिखित पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है –लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंड<strong>You can also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><strong>You can download Navratri Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#कलश #सथपन #वध #मतर #Kalash #Sthapana #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-kalash-sthapana-vidhi-p">कलश स्थापना…