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अछूतों ा बेताज बादशाह | Achhooton Ka Betaj Badshah | गोर्धनसिंह बिहारीलाल शाहदरा ‘हरित’ – Gordhan Singh Biharilal Shahdara ‘Harit’
Title अछूतों ा बेताज बादशाह | Achhooton Ka Betaj Badshah Author गोर्धनसिंह बिहारीलाल शाहदरा ‘हरित’ – Gordhan Singh Biharilal Shahdara ‘Harit’ Keywords ाव्य / Poetry #अछत #क #बतज #बदशह #Achhooton #Betaj #Badshah ईबु डाउनलोड करेंThe post अछूतों ा बेताज बादशाह | Achhooton Ka Betaj Badshah
| गोर्धनसिंह बिहारीलाल शाहदरा ‘हरित’ – Gordhan Singh Biharilal Shahdara ‘Harit’
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गौ माता ी आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi
गौ माता ी आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF Detailsगौ माता ी आरती | Gau Mata Ki AartiPDF Nameगौ माता ी आरती | Gau Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गौ माता ी आरती | Gau Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्ार पाठकों, इस लेख े माध्यम से गौ माता ी आरती / Gau Mata Ki Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री गौ माता ा पूजन करने से गौ माता ा आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ ही साथ भगवान् श्री ृष्ण ृपा भी प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में गौ माता ो बहुत अधि महत्व दिया गया है। यह आरती गौ माता ी बहुत मधुर आरती है।माना जाता है ि गौ माता े शरीर में तैंतीस ोटि देवता निवास करते हैं। गौ माता े आशीर्वाद से व्यक्ति े जीवन में आने वाले सभी प्रकार े कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि आप भी गोपाष्टमी े दिन गौ माता ी पूजा करना चाहते हैं, तो पूजन े अंत में श्री गौ माता जी ी आरती अवश्य करें।गौ माता ी आरती लिरि्स | Gau Mata Ki Aarti in Hindi Lyricsॐ जय जय गौमाता,मैया जय जय गौमाता जो ोई तुमको ध्याता,त्रिभुवन सुख पातासुख समृद्धि प्रदायनी,गौ ृपा मिले जो करे गौ ी सेवा,पल में विपत्ति टलेआयु ओज विासिनी,जन जन ी माई शत्रु मित्र सुत जाने,सब ी सुख दाईसुर सौभाग्य विधायिनी,अमृती दुग्ध दियो अखिल विश्व नर नारी,शिव अभिषे ियोममतामयी मन भाविनी,तुम ही जग माता जग ी पालनहारी,ामधेनु मातासंकट रोग विनाशिनी,सुर महिमा गाईगौ शाला ी सेवा,संतन मन भाईगौ मां ी रक्षा हित,हरी अवतार लियो गौ पालक गौपाला,शुभ संदेश दियोश्री गौमाता ी आरती,जो ोई सुत गावे पदम् कहत वे तरणी,भव से तर जावेगोपाष्टमी पूजन मंत्र | Gau Mata Puja Mantraलक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।घृतक्षीरप्रदा गावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः।घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा गृहे॥घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्।घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च।गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः।गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥सर्वकामदुधे देवि सर्वतीर्थीभिषेचिनि।पावने सुरभि श्रेष्ठे देवि तुभ्यं नमोस्तुते ॥You may also like :गोपाष्टमी व्रत कथा | Gopashtami Ki Katha PDF in Hindiगोवत्स द्वादशी ी कहानी | Govatsa Dwadashi Ki Kahani PDF in HindiYou can download Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#ग #मत #क #आरत #Gau #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post गौ माता ी आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चित्रगुप्त जी ी आरती | Chitragupta Aarti PDF in Hindi
चित्रगुप्त जी ी आरती | Chitragupta Aarti PDF Detailsचित्रगुप्त जी ी आरती | Chitragupta AartiPDF Nameचित्रगुप्त जी ी आरती | Chitragupta Aarti PDFNo. of Pages1PDF Size0.03 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atgodsandprayers.comDownload LinkAvailable Downloads26
चित्रगुप्त जी ी आरती | Chitragupta Aarti Hindi PDF Summaryनमस्ार दोस्तों, इस लेख े माध्यम से हम आपको चित्रगुप्त जी ी आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindi े लिए डाउनलोड लिं दे रहे हैं। भाईदूज े दिन श्री चित्रगुप्त जी ा पंचामृत स्नान, श्रृंगार, हवन, आरती तथा कलम-दवात ी पूजा ी जाती है। भाई ा तिलक करने से पहले बहनें चित्रगुप्त जी ी पूजा अर्चना करती हैं। चित्रगुप्त ी आरती करने से भाई ी उम्र लम्बी होती है। अगर घर में उनकी तस्वीर न हो तो चित्रगुप्त जी े प्रती एक कलश ो स्थापित कर पूजन करें। इस पोस्ट में दिए गए लिं पर ्लि करके आप चित्रगुप्त महाराज ी आरती PDF / Chitragupta Aarti in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।दीपक जलाएं तथा सबसे पहले श्री गणेश ी पूजा अर्चना करने े बाद भगवान चित्रगुप्त जी ो चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, पुष्प व धूप आदि से विधि-विधान से पूजन करें।चित्रगुप्त जी ी आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindiॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों े इच्छित,
फलको पूर्ण करे॥विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,
सन्तनसुखदायी ।
भक्तों े प्रतिपालक,
त्रिभुवनयश छायी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,
पीताम्बरराजै ।
मातु इरावती, दक्षिणा,
वामअंग साजै ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,
प्रभुअंतर्यामी ।
सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,
प्रकटभये स्वामी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥कलम, दवात, शंख, पत्रिा,
करमें अति सोहै ।
वैजयन्ती वनमाला,
त्रिभुवनमन मोहै ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥विश्व न्याय ार्य सम्भाला,
ब्रम्हाहर्षाये ।
ोटि ोटि देवता तुम्हारे,
चरणनमें धाये ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,
यादतुम्हें ीन्हा ।
वेग, विलम्ब न ीन्हौं,
इच्छितफल दीन्हा ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥दारा, सुत, भगिनी,
सबअपने स्वास्थ े कर्ता ।
जाऊँ कहाँ शरण में िसकी,
तुमतज मैं भर्ता ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥बन्धु, पिता तुम स्वामी,
शरणगहूँ िसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
आसकरूँ जिसकी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥जो जन चित्रगुप्त जी ी आरती,
प्रेम सहित गावैं ।
चौरासी से निश्चित छूटैं,
इच्छित फल पावैं ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥न्यायाधीश बैंुंठ निवासी,
पापपुण्य लिखते ।
‘नानक’ शरण तिहारे,
आसन दूजी करते ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों े इच्छित,
फलको पूर्ण करे ॥चित्रगुप्त महाराज ी आरती PDF | Chitragupta Aarti in Hindi PDFनीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप चित्रगुप्त जी ी आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#चतरगपत #ज #क #आरत #Chitragupta #Aarti #PDF #HindiThe post चित्रगुप्त जी ी आरती | Chitragupta Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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भाई दूज ी कहानी | Bhai Dooj Story PDF in Hindi
भाई दूज ी कहानी | Bhai Dooj Story PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%9C-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80-%7C-bhai-dooj-story-432.jpg">भाई दूज ी कहानी | Bhai Dooj Story</a>PDF Name<b>भाई दूज ी कहानी | Bhai Dooj Story PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.87 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
भाई दूज ी कहानी | Bhai Dooj Story Hindi PDF Summaryनमस्ार दोस्तों, इस लेख े माध्यम से हम आपको भाई दूज ी कहानी PDF / Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDF े लिए डाउनलोड लिं दे रहे हैं। हिंदुओं े लिए, प्रत्ये त्योहार े पीछे ी कहानी उनकी संस्ृति े निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिा निभाती है और इसका बहुत गहरा महत्व और मूल्य है। अधिांश भारतीय त्योहार विशिष्ट पात्रों और व्यक्तित्वों से जुड़े होते हैं जो जनता ो त्योहार े वास्तवि महत्व ो समझने और जानने में मदद करते हैं। सभी महत्वपूर्ण भारतीय त्योहारों ी तरह, भाई दूज ी भी एक कहानी है, जिसने अपनी अनूठी उपस्थिति और ताकत े साथ एक जगह बनाई है। यहाँ से आप Bhai Dooj Story PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना िसी परेशानी े।पीढ़ियों से, भाई दूज ी कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी या तो मुंह से बोलकर या ध्यान से संग्रहीत शास्त्रों े माध्यम से पारित ी गई है। कहानी ा वर्णन भाई दूज पूजा े अंत ा प्रती है।भाई दूज ी कहानी PDF | Bhai Dooj Story PDF in Hindiभाई दूज ी पौराणि कथा ुछ इस प्रकार है, सूर्य देव ी पत्नी संज्ञा ी दो संतान उत्पन्न हुई थी। एक पुत्र यमराज तथा एक पुत्री यमुना। जब संज्ञा सूर्य देव े तेज़ ो सहन नहीं कर पाई तो उन्होंने अपनी छायामूर्ति ा निर्माण िया तथा उस छायामूर्ति ो अपनी दोनों संताने सौंप कर चली गईं। उधर, यमुना जो अपने भाई यमराज से बेहद स्नेह करती थीं, वह सदैव अपने भाई यमराज े घर जाती थी। प्रत्ये सुख दुःख में उसका साथ देती थी। फिर विवाह े बाद यमुना अपने भाई यमराज ो अपने घर आने े लिए भी आमंत्रित करती थी, लेिन व्यस्तता ारण यमराज उसके घर नहीं जा पाते थे। एक बार ी बात है जब ार्ति शु्ल ी द्वितीया ो यमराज अपनी बहन े घर पहुंच गए।अपनी बहन े घर जाने से पहले यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों ो भी मु्त कर दिया था। इसके बाद जब यमराज अपनी बहन े घर गए  तो उनकी बहन यमुना ने उनका खुशी से स्वागत तथा आदर सत्ार िया और उनके मस्तक पर तिलक लगाया। अपने भाई े आगे भोजन व पकवान आदि प्रस्तुत िए। जब यमराज अपनी बहन यमुना े घर से चलने े लिए उठे, तब उन्होंने अपनी बहन से मनोवांछित वरदान मांगने ा अनुरोध िया।अपने भाई यमराज े अधि अनुरोध करने पर यमुना जी बोली, “भैया, यदि आप मुझे वर देना चाहते हैं तो मुझे आज यह वर दीजिए ि आज े दिन प्रत्ये वर्ष आप मेरे घर पधारेंगे तथा मेरा आतिथ्य सत्ार स्वीार करेंगे। इसके साथ ही आज े दिन जो भाई अपनी बहन े घर जाकर आतिथ्य सत्ार स्वीार करेगा तथा अपनी बहन े हाथों से तिलक आदि करवाकर मिष्ठान स्वीार करेगा, उसे कभी आपका भय नहीं रहेगा। इसके साथ ही यमुना ने अपने भाई यमराज से यह भी वरदान मांगा ि जो भाई बहन आज े दिन यमुना जी में डुबकी लगाएंगे, वो स्वयं यमराज े प्रकोप से बचने ्षमता प्राप्त करेंगे। यमराज जी ने अपनी बहन यमुना जी ी सारी बातें स्वीार कर ली और उन्हें उनकी इच्छानुसार वरदान दिया। कहते हैं ि तभी से हिन्दू समाज में भाई बहन ा यह पवित्र त्योहार भाई दूज मनाया जाने लगा।भाई दूज पूजा विधि PDF | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindiसनातन हिंदु धर्म में रक्षाबंधन ी तरह ही भाईदूज ा भी विशेष महत्व होता है। इस दिन बहनें अपने भाई ो तिलक लगाती हैं। इस दिन भाई ी लंबी उम्र और उज्जवल भविष्य े लिए पहले पूजा ी थाली, फल, फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी आदि चीजों से सजाना लें। इसके पश्चात, घी ा दीपक जलाकर भाई ी आरती करें और शुभ मुहूर्त देखकर तिलक लगाएं। तिलक लगाने े बाद भाई ो पान, मिठाई आदि चीज खिलाएं।<strong>नीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप भाई दूज ी कहानी PDF / Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#भई #दज #क #कहन #Bhai #Dooj #Story #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%9c
भाई दूज ी कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi
भाई दूज ी कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDF Detailsभाई दूज ी कथा | Bhai Dooj Ki KathaPDF Nameभाई दूज ी कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDFNo. of Pages6PDF Size0.87 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
भाई दूज ी कथा | Bhai Dooj Ki Katha Hindi PDF SummaryDear Readers, today we are going to upload the भाई दूज ी कथा PDF / Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi for you. Bhai Dooj is a very important festival celebrated in India, which is celebrated in every corner of India. Bhai Dooj is a Hindu festival celebrated in India and Nepal. This festival is celebrated by the followers of Hindu religion. This festival shows the importance of the sacred relationship of brother and sister. The rituals and celebrations of this day are similar to popular celebrations like ‘Raksha Bandhan’. On this special occasion, brothers give many gifts to their sisters and in return sisters give sweets to their brothers. Below we have provided the download link for Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDF.On this day every sister puts tilak on her brother’s forehead and feeds him sweets etc. In such a situation, today we have brought Bhai Dooj fasting story for you.भाई दूज ी कथा PDF | Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindiछाया भगवान सूर्यदेव ी पत्नी हैं जिनकी दो संतान हुई यमराज तथा यमुना. यमुना अपने भाई यमराज से बहुत स्नेह करती थी. वह उनसे सदा यह निवेदन करती थी वे उनके घर आकर भोजन करें. लेिन यमराज अपने ाम में व्यस्त रहने ारण यमुना ी बात ो टाल जाते थे।एक बार ार्ति शु्ल द्वितीया ो यमुना ने अपने भाई यमराज ो भोजन करने े लिए बुलाया तो यमराज मना न कर सके और बहन े घर चल पड़े। रास्ते में यमराज ने नरक में रहनेवाले जीवों ो मु्त कर दिया। भाई ो देखते ही यमुना ने बहुत हर्षित हुई और भाई ा स्वागत सत्ार िया। यमुना े प्रेम भरा भोजन ग्रहण करने े बाद प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से ुछ मांगने ो कहा। यमुना ने उनसे मांगा ि- आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आएंगे और इस दिन जो भाई अपनी बहन से मिलेगा और बहन अपने भाई ो टीा करके भोजन कराएगी उसे आपका डर न रहे।यमराज ने यमुना ी बात मानते हुए तथास्तु कहा और यमलो चले गए। तभी से यह यह मान्यता चली आ रही है ि ार्ति शु्ल द्वितीय ो जो भाई अपनी बहन ा आतिथ्य स्वीार करते हैं उन्हें यमराज ा भय नहीं रहता।Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDFभाई दूज शुभ मुहूर्त:भाई दूज ा शुभ मुहूर्त 1:10 बजे से शुरू होकर 3:18 बजे तक है। इस दिन ी तिथि 16 नवंबर ो सुबह 7:06 बजे शुरू होकर 17 नवंबर ो 3:56 बजे तक होगी।नीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप भाई दूज ी कथा PDF / Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#भई #दज #क #कथ #Bhai #Dooj #Katha #PDF #HindiThe post भाई दूज ी कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDF in Hindi
लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDF Detailsलक्ष्मी जी ी आरती लिखित मेंPDF Nameलक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDFNo. of Pages5PDF Size0.62 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में Hindi PDF Summaryनमस्ार दोस्तों, इस लेख े माध्यम से हम आपको लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDF े लिए डाउनलोड लिं दे रहे हैं। हर ोई घर में सुख-समृद्धि और धन ी वृद्धि े लिए मां लक्ष्मी ी उपासना करते हैं । धन ी देवी ो प्रसन्न करने े लिए शु्रवार े दिन पूजा करने विशेष लाभ ी प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी जी ी आरती करने से माता आपके सारे दुखों ो मिटा देती हैं तथा आपको आजीवन खुशाल जीवन जीने ी प्रेरणा देती हैं। श्री लक्ष्मी हिन्दू धर्म ी एक प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु जी ी पत्नी हैं। मां पार्वती और सरस्वती े साथ, वह त्रिदेवियोँ मे से एक हैं और धन, सम्पदा, शांति और समृद्धि ी देवी मानी जाती हैं। दीपावली े त्योहार में उनकी गणेश जी े साथ पूजा ी जाती है।लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDFॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी ो निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाताॐ जय लक्ष्मी माता-2दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो ोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि ी त्राताॐ जय लक्ष्मी माता-2जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न ोई पाताखान-पान ा वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता-2शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, ्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, ोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2महालक्ष्मीजी ी आरती, जो ोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता-2ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया जी ो निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2लक्ष्मी आरती पूजा विधि PDFशु्रवार े दिन नारायण पाठ करें और मां लक्ष्मी ो खीर ा भोग लगाएं।मां लक्ष्मी ो लाल बिंदी, सिंदूर, लाल चुनरी और लाल चूड़ियां भी अर्पित करें।शु्रवार े दिन लाल रंग े कपड़े पहनें, लाल रंग शुभ माना जाता है।चावल ी पोटली बनाकर हाथ में लेकर ओम श्रीं श्रीये नम: ा पांच माला जाप करें. फिर इस पोटली ो तिजोरी में रख दें, मां ृपा बनी रहेगी ।मां लक्ष्मी ो प्रसन्न करने े लिए हाथ में पांच लाल रंग े फूल लेकर माता ा ध्यान लगाना चाहिए. लक्ष्मी ा आशीर्वाद सदैव आपके घर में बनी रहेगी।नीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#लकषम #ज #क #आरत #लखत #म #PDF #HindiThe post लक्ष्मी जी ी आरती लिखित में PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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नरक चतुर्दशी ी कथा | Narak Chaturdashi Story PDF in Hindi
नरक चतुर्दशी ी कथा | Narak Chaturdashi Story PDF Detailsनरक चतुर्दशी ी कथा | Narak Chaturdashi StoryPDF Nameनरक चतुर्दशी ी कथा | Narak Chaturdashi Story PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
नरक चतुर्दशी ी कथा | Narak Chaturdashi Story Hindi PDF Summaryनमस्ार पाठकों, इस लेख े माध्यम से नरक चतुर्दशी ी कथा / Narak Chaturdashi Story Hindi PDF प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धर्म ी पौराणि कथाओं े अनुसार इस दिन भगवान् श्री ृष्ण जी ने एक नरकासुर नामक रा्षस ा वध िया था। नरकासुर ा वध होने ारण इस दिन ो नरक चतुर्दशी े नाम से जाना जाता है।नरक चतुर्दशी े दिन यम देव े नाम से भी दीप प्रज्वलित िया जाता है। माना जाता है ि नरक चतुर्दशी े दिन यमदेव े नाम से दीप प्रज्वलित करने वाले व्यक्ति ो यमलो ी यातनाएं नहीं शनि पड़ती हैं तथा मृत्यु पश्चात होने वाले कष्टों से भी वह व्यक्ति बच जाता है। आप भी इस दिन एक दीपक यम देवता ी नाम से अवश्य लगाएं।नरक चतुर्दशी ी पूरी कहानी | Narak Chaturdashi Katha PDFएक समय भगवान ृष्ण अपनी आठों पत्नियों े साथ द्वारिा में सुखी जीवन जी रहे थे. उसी समय प्रागज्योतिषपुर नामक राज्य ा राजा एक दैत्य नरकासुर था. उसने अपनी दैत्य शक्तियों से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु आदि सभी देवताओं ो परेशान कर दिया था और साधुओं और औरतों पर अत्याचार करने लगा था. एक दिन स्वर्गलो े राजा देव इंद्र ृष्ण े पास पहुंचे और बताया ि नरकासुर ने तीनों लोों ो अपने अधिार में कर लिया है और वरुण ा छत्र, अदिति ुंडल और देवताओं ी मणि छीन ली है. यही नहीं, वह सुंदर कन्याओं ा हरण कर उनके साथ अत्‍याचार कर रहा है और उसके अत्याचार ी वजह से देवतागण, मनुष्य और ऋषि-मुनि त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.देवराज इंद्र ने ृष्ण से प्रार्थना ी और उनसे रक्षा करने ी मदद मांगी. भगवान ृष्ण ने इंद्रदेव ी प्रार्थना स्वीार कर ली.  लेिन नरकासुर ो वरदान था ि वह िसी स्त्री े हाथों से ही मारा जाएगा. इसलिए भगवान श्रीृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा से सहयोग मांगा और अपनी पत्नी सत्यभामा ी सहायता से सबसे पहले मुर दैत्य सहित मुर े 6 पुत्रों- ताम्र, अंतरि्ष, श्रवण, विभावसु, नभश्वान और अरुण ा संहार िया.  मुर दैत्य ा वध हो जाने ा समाचार पाते ही नरकासुर अपने अने सेनापतियों और दैत्यों ी सेना े साथ भगवान ृष्ण से युद्ध े लिए चला. लेिन नरकासुर ो स्त्री े हाथों मरने ा श्राप था इसलिए भगवान ृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा ो अपना सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर ा वध िया. जिस दिन भगवान ृष्ण ने नरकासुर ा वध िया उस दिन ार्ति मास ृष्ण पक्ष ी चतुर्दशी तिथि थी.  तब से इस दिन ो नरकचतुर्दशी े नाम से मनाया जाता है और जश्‍न में दीप जलाकर उत्सव मनाया जाता है.नरक चतुर्दशी ा महत्व | Narak Chaturdashi Ka Mahatvaकार्ति माह ृष्ण पक्ष ी चतुर्दशी तिथि ो नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी े रूप में मनाया जाता है। इस दिन नरक ी पीड़ा से मु्ति पाने े लिए प्रात:ाल तेल लगाकर अपामार्ग े पौधे सहित जल से स्नान िया जाता है। सायंाल में यमराज ी प्रसन्नता े लिए दीपदान िया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य ा वध िया था। इस ारण भी इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है।You may also like :यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in HindiYou can download Narak Chaturdashi Story Hindi PDF by clicking on the following download button.#नरक #चतरदश #क #कथ #Narak #Chaturdashi #Story #PDF #HindiThe post नरक चतुर्दशी ी कथा | Narak Chaturdashi Story PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धन्वंतरि जी ी आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi
धन्वंतरि जी ी आरती | Dhanvantari Aarti PDF Detailsधन्वंतरि जी ी आरती | Dhanvantari AartiPDF Nameधन्वंतरि जी ी आरती | Dhanvantari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
धन्वंतरि जी ी आरती | Dhanvantari Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख े माध्यम से आप धन्वंतरि जी ी आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् धन्वंतरि जी ो स्वाथ्य ा देवता माना जाता है। धन्वंतरि जी ो प्रसन्न करने े लिए उनका विधि – विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि जी ी पूजा – अर्चना करने से विभिन्न प्रकार ी स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याओं ा नाश होता हैं।धन्वन्तरि जी ी पूजा वैसे तो आप प्रतिदिन कर सकते हैं, लेिन यदि आप प्रतिदिन पूजन करने में असमर्थ हैं तो कम से कम धनतेरस े दिन तो आपको भगवान् श्री धन्वंतरि जी ा पूजन अवश्य करें। यह पूजन करने से आप अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य ो आकर्षित करते हैं तथा आपका परिवार भी स्वास्थ्य रहता है। भगवान धन्वंतरि जी ी आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi PDFजय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।देवासुर े संकटआकर दूर िए॥जय धन्वन्तरि देवा…॥आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने ा,साधन बतलाया॥जय धन्वन्तरि देवा…॥भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम ो जो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट जावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥हाथ जोड़कर प्रभुजी,दास खड़ा तेरावैद्य-समाज तुम्हारेचरणों ा घेरा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥धन्वन्तरिजी ी आरतीजो ोई नर गावे।रोग-शो न आए,सुख-समृद्धि पावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥ भगवान धन्वंतरि े मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantraॐ श्री धनवंतरै नम:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमःॐ शंखं चक्रं जलौां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,सू्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशु परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,ालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम. धन्वंतरि पूजा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhuratपूजन ा शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट ा समय भी पूजा े लिए शुभ है।You can download Dhanvantari Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनवतर #ज #क #आरत #Dhanvantari #Aarti #PDF #HindiThe post धन्वंतरि जी ी आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ गणेश जी ी कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi
करवा चौथ गणेश जी ी कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF Detailsकरवा चौथ गणेश जी ी कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki KahaniPDF Nameकरवा चौथ गणेश जी ी कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDFNo. of Pages2PDF Size0.31 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ गणेश जी ी कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani Hindi PDF Summaryनमस्ार दोस्तों, इस लेख े माध्यम से हम आपको करवा चौथ गणेश जी ी कथा PDF / Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi े लिए डाउनलोड लिं दे रहे हैं। करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति ी लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन े लिए रखती हैं। इस बार ये व्रत 24 अक्टूबर ो रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रोदय े बाद चंद्र दर्शन करके व्रत खोलती हैं। इस व्रत में शाम े समय विधि विधान से पूजा ी जाती है। जिसके बाद व्रत कथा सुनना बेहद अनिवार्य माना जाता है। इस पोस्ट में दिए गए लिं पर ्लि करके आप गणेश जी ी कथा PDF / Ganesh Ji Ki Katha PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।कथा सुने बिना ये व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करने े बाद शाम ो चंद्रमा देखकर व्रत ा पारण करती हैं। वहीं पूजा े दौरान शुभ मुहूर्त ा भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है।करवा चौथ गणेश जी ी कथा PDF | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindiएक बुढ़िया थी। वह बहुत ही गरीब और दृष्टिहीन थीं। उसके एक बेटा और बहू थे। वह बुढ़िया सदैव गणेश जी ी पूजा िया करती थी। एक दिन गणेश जी प्रकट होकर उस बुढ़िया से बोले- ‘बुढ़िया मां! तू जो चाहे सो मांग ले।’बुढ़िया बोली- ‘मुझसे तो मांगना नहीं आता। ैसे और ्या मांगू?’तब गणेशजी बोले – ‘अपने बहू-बेटे से पूछकर मांग ले।’तब बुढ़िया ने अपने बेटे से कहा- ‘गणेशजी कहते हैं ‘तू ुछ मांग ले’ बता मैं ्या मांगू?’पुत्र ने कहा- ‘मां! तू धन मांग ले।’बहू से पूछा तो बहू ने कहा- ‘नाती मांग ले।’तब बुढ़िया ने सोचा ि ये तो अपने-अपने मतलब ी बात कह रहे हैं। अत: उस बुढ़िया ने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा- ‘बुढ़िया! तू तो थोड़े दिन जीएगी, ्यों तू धन मांगे और ्यों नाती मांगे। तू तो अपनी आंखों ी रोशनी मांग ले, जिससे तेरी जिंदगी आराम से कट जाए।’इस पर बुढ़िया बोली- ‘यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ ी माया दें, निरोगी ाया दें, अमर सुहाग दें, आंखों ी रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार ो सुख दें और अंत में मो्ष दें।’यह सुनकर तब गणेशजी बोले- ‘बुढ़िया मां! तुमने तो हमें ठग लिया। फिर भी जो तूने मांगा है वचन े अनुसार सब तुझे मिलेगा।’ और यह कहकर गणेशजी अंतर्धान हो गए। उधर बुढ़िया मां ने जो ुछ मांगा वह सबकुछ मिल गया। हे गणेशजी महाराज! जैसे तुमने उस बुढ़िया मां ो सबकुछ दिया, वैसे ही सबको देना।गणेश जी ी कथा PDF | Ganesh Ji Ki Katha PDF in Hindiनीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप करवा चौथ गणेश जी ी कथा PDF / Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#करव #चथ #गणश #ज #क #कथ #Karwa #Chauth #Ganesh #Kahani #PDF #HindiThe post करवा चौथ गणेश जी ी कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गंगा मैया ी आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi
गंगा मैया ी आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF Detailsगंगा मैया ी आरती | Ganga Maiya Ki AartiPDF Nameगंगा मैया ी आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.39 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गंगा मैया ी आरती | Ganga Maiya Ki Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख े माध्यम से आप श्री गंगा मैया ी सुन्दर आरती ी पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में गंगा मैया ा बहुत अधि महत्व है। माना जाता है ि माता गंगा जनकल्याण े लिए स्वर्गलो से पृथ्वीलो पर आयी हैं। माता गंगा ो पृथ्वीलो पर लाने ा श्रेय भगीरथ जी ो जाता है, वह भगवान् श्री राम जी े पूर्वज थे।यह गंगा मैया ी बहुत प्रचलित आरती है जिसका गायन गंगा माँ से सम्बंधित विभिन्न अवसरों पर िया जाता है। यदि आप भी जीवन में गंगा माँ ी तरह निर्मल रहना चाहते हैं, तो आपको इस आरती ा गायन अवश्य करना चाहिए। गंगा मैया ी यह आरती ऋषिेश पर भी ी जाती है। आप यही जानते ही होंगे ी हरिद्वार ी गंगा आरती भारत समेत पूरे विश्व में प्रसिद्द है। आप भी इस आरती ो घर में करके इसका लाभ उठा सकते हैं। गंगा माता जी ी आरती / Ganga Ji Ki Aarti PDFॐ जय गंगे माता,मैया जय गंगे माता।जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर े तारे,सब जग ो ज्ञाता।ृपा दृष्टि हो तुम्हारी,त्रिभुवन सुख दाता॥ॐ जय गंगे माता॥ एक बार जो प्राणी,शरण तेरी आता।यम ी त्रास मिटाकर,परमगति पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ आरती मातु तुम्हारी,जो नर नित गाता।सेवक वही सहज में,मु्ति ो पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पवित्र गंगा स्तोत्रम / Ganga Stotram in Hindi PDF देवि सुरेश्वरि भगति गंगे त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे ।शंकरमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ।।1।। भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यात: ।नाहं जाने तव महिमानं पाहि ृपामयि मामज्ञानम ।।2।। हरिपदपाद्यतरंगिणि गंगे हिमविधुमु्ताधवलतरंगे ।दूरीुरू मम दुष्ृतिभारं ुरु ृपया भवसागरपारम ।।3।। तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम ।मातर्गंगे त्वयि यो भक्त: िल तं द्रष्टुं न यम: शक्त: ।।4।। पतितोद्धारिणि जाह्रवि गंगे खण्डितगिरिवरमण्डितभंगे ।भीष्मजननि हेमुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ।।5।। कल्पलतामिव फलदां लोे प्रणमति यस्त्वां न पतति शोे ।पारावारविहारिणि गंगे विमुखयुवतिृततरलापांगे ।।6।। तव चेन्मात: स्रोत: स्नात: पुनरपि जठरे सोsपि न जात: ।नरकनिवारिणि जाह्रवि गंगे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुंगे ।।7।। पुनरसदड़्गे पुण्यतरंगे जय जय जाह्रवि करूणापाड़्गे ।इन्द्रमुुट मणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ।।8।। रोगं शों तापं पापं हर मे भगवति ुमतिकलापम ।त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ।।9।।अलकानन्दे परमानन्दे ुरु करुणामयि ातरवन्द्ये ।तव तटनिकटे यस्य निवास: खलु वैुण्ठे तस्य निवास: ।।10।। वरमिह: नीरे कमठो मीन: ि वा तीरे शरट: ्षीण: ।अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिुलीन: ।।11।। भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये ।गंगास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो य: सजयति सत्यम ।।12।। येषां ह्रदये गंगाभक्तिस्तेषां भवति सदा सुख मु्ति: ।मधुराान्तापंझटिाभि: परमानन्द कलितललिताभि: गंगास्तोत्रमिदं भवसारं वांछितफलदं विमलं सारम ।शंकरसेवकशंकरचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्त: ।।You can download Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#गग #मय #क #आरत #Ganga #Maiya #Aarti #PDF #HindiThe post गंगा मैया ी आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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विजयादशमी ी कथा | Vijayadashami Dussehra Katha PDF in Hindi
विजयादशमी ी कथा | Vijayadashami Dussehra Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/----vijayadashami-dussehra-katha-987.jpg">विजयादशमी ी कथा | Vijayadashami Dussehra Katha</a>PDF Name<b>विजयादशमी ी कथा | Vijayadashami Dussehra Katha PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.52 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
विजयादशमी ी कथा | Vijayadashami Dussehra Katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं विजयादशमी ी कथा PDF / Vijayadashami Dussehra Katha PDF in Hindi नमस्ार मित्रों, इस लेख े माध्यम से आप विजयादशमी े महत्व े बारे में जान सकते हैं। विजयादशमी े दिन श्री राम जी कर पूजन करने से व्यक्ति े जीवन में आने वाले समस्त प्रकार े कष्ट दूर हो जाते हैं। विजयादशमी दशहरा पूजन ी सम्पन्नता े लिए विजयादशमी ी कथा ा बहुत अधि महत्व है। बिना विजयादशमी कथा पढ़े दशहरा पूजन संपन्न नहीं माना जाता है। इस पोस्ट में दिए गए लिं पर ्लि करके आप विजयादशमी ी कथा | Vijayadashami Vrat Katha बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस कथा े माध्यम से आप यह जान सकते हैं ी विजयादशमी ा व्यक्ति े जीवन पर ्या प्रभाव होता तथा इस दिन पूजन करने से आप अपने जीवन में ्या – ्या परिवर्तन कर सकते हैं। यह पर्व बुराई पर अच्छाई तथा अन्धकार पर प्रकाश ी विजय ा प्रती है। आप भी अपने परिवार े साथ दशहरा पर पूजन अवश्य करें।दशहरा व्रत कथा PDF | Dussehra Vrat Katha PDF in Hindiएक बार माता पार्वती ने शिवजी से विजयादशमी े फल े बारे में पूछा। शिवजी ने उत्तर दिया- आश्विन शु्ल दशमी ो सायंाल में तारा उदय होने े समय विजय नामक ाल होता है जो सर्वमनोामना पूरी करने वाला होता है। इस दिन श्रवण नक्षत्र ा संयोग हो तो और भी शुभ हो जाता है। भगवान राम ने इसी विजय ाल में लंापति रावण ो परास्त िया था। इसी ाल में शमी वृ्ष ने अर्जुन े गांडीव धनुष ो धारण िया था।पार्वती माता ने पूछा शमी वृ्ष ने अर्जुन ा धनुष कब और िस प्रकार धारण िया था। शिवजी ने उत्तर दिया- दुर्योधन ने पांडवों ो जुएं में हराकर 12 वर्ष ा वनवास तथा तेरहवें वर्ष में अज्ञात वास ी शर्त रखी थी। तेरहवें वर्ष में यदि उनका पता लग जाता तो उन्हें पुन: 12 वर्ष ा वनवास भोगना पड़ता। इसी अज्ञातवास में अर्जुन ने अपने गांडीव धनुष ो शमी वृ्ष पर छुपाया था तथा स्वयं बृहन्नला े वेश में राजा विराट े पास सेवा दी थी। जब गौ रक्षा े लिए विराटके पुत्र ुमार ने अर्जुन ो अपने साथ लिया तब अर्जुन ने शमी वृ्ष पर से अपना धनुष उठाकर शत्रुओं पर विजय प्राप्त ी थी। विजयादशमी े दिन रामचंद्रजी ने लंा पर चढ़ाई करने े लिए प्रस्थान करते समय शमी वृ्ष ने रामचंद्रजी ी विजय ा उद्घोष िया था। इसीलिए दशहरे े दिन शाम े समय विजय ाल में शमी ा पूजन होता है।विजयादशमी पूजा मुहूर्त  / Vijayadashami Puja Muhurat 2021विजयदशमी शु्रवार, अक्टूबर 15, 2021 ोविजय मुहूर्त – 02:02 पी एम से 02:48 पी एमअवधि – 00 घण्टे 46 मिनट्सबंगाल विजयदशमी शु्रवार, अक्टूबर 15, 2021 ोअपराह्न पूजा ा समय – 01:16 पी एम से 03:34 पी एमअवधि – 02 घण्टे 18 मिनट्सदशमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2021 ो 06:52 पी एम बजेदशमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 15, 2021 ो 06:02 पी एम बजेश्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2021 ो 09:36 ए एम बजेश्रवण नक्षत्र समाप्त – अक्टूबर 15, 2021 ो 09:16 ए एम बजेविजयादशमी पूजा विधि PDF / Vijayadashami Puja Vidhi PDF in Hindiदशहरा े दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वस्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।फिर सभी शस्त्रों ो पूजा े लिए एक जगह रख दें।अब सभी पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।फिर हल्दी या ुमकुम से तिलकर लगाकर पुष्प अर्पित करें।फूलों े साथ शमी े पत्ते भी चढ़ाएं।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/dussehra-puja-vidhi-hindi/">दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi</a><strong>You can download विजयादशमी ी कथा PDF / Vijayadashami Dussehra Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#वजयदशम #क #कथ #Vijayadashami #Dussehra #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a4%ae%e0%a5%80-%
सिद्धिदात्री माता ी कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi
सिद्धिदात्री माता ी कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----maa-siddhidatri-ki-katha-619.jpg">सिद्धिदात्री माता ी कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha</a>PDF Name<b>सिद्धिदात्री माता ी कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.44 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
सिद्धिदात्री माता ी कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं सिद्धिदात्री माता ी कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF सिद्धिदात्री माता ी पूजा नवरात्रि े अंतिम दिन नवमी पर ी जाती है। नवरात्रि नवमी े दिन माँ सिद्धिदात्री े लिए व्रत भी िया जाता है। यह दिन उन साधकों े लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो िसी भी प्रकार ी सिद्धि अथवा साधना करना चाहते हैं। जैसा ि माँ सिद्धिदात्री ा नाम है, वह विभिन्न प्रकार ी सिद्धियों ो प्रदान करने वाली हैं।हमने इस लेख े अंत में माता सिद्धिदात्री ी व्रत कथा ा वर्णन िया है तथा उसको पीडीऍफ़ फाइल े रूप में भी दिया गया है। यदि आप नवमी े दिन माता सिद्धिदात्री ी पूजा करना चाहते हैं, तो इस व्रत कथा ो अवश्य पढ़ें तथा माता ो प्रसन्न करें। माता सिद्धिदात्री े पूजन े साथ ही नवरात्रि महोत्सव ा समापन हो जाता है।माँ सिद्धिदात्री ी कथा PDF / Siddhidatri Mata Katha PDFएक पौराणि कथा े अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री ी कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों ो प्राप्त िया था। साथ ही मां सिद्धिदात्री ृपा ने भगवान शिव ा आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। मां दुर्गा ा यह अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। शास्त्रों े अनुसार, देवी दुर्गा ा यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं े तेज से प्रकट हुआ है। कहते हैं ि दैत्य महिषासुर े अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागणम भगवान शिव और प्रभु विष्णु े पास गुहार लगाने गए थे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से एक दिव्य शक्ति ा निर्माण हुआ। जिन्हें मां सिद्धिदात्री े नाम से जाते हैं।पौराणि मान्यता े अनुसार मां सिद्धिदात्री े पास अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रााम्य, ईशित्व और वशित्व सिद्धियां हैं। माता रानी अपने भक्तों ो सभी आठों सिद्धियों से पूर्ण करती हैं। मां सिद्धिदात्री ो जामुनी या बैंगनी रंग अतिप्रिय है। ऐसे में भक्त ो नवमी े दिन इसी रंग े वस्त्र धारण कर मां सिद्धिदात्री ी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है ि ऐसा करने से माता ी हमेशा ृपा बनी रहती हैं।आठ सिद्धियों े नामअणिमामहिमागरिमालघिमाप्राप्तिप्रााम्यईशित्ववशित्वमाँ सिद्धिदात्री ा श्लोकया देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।माँ सिद्धिदात्री आरती PDF / Maa Siddhidatri Ki Aarti PDF in Hindiजय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि ी दाता।तू भक्तों ी रक्षक तू दासों ी माता।तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।तेरे नाम से मन ी होती है शुद्धि।।कठिन ाम सिद्ध करती हो तुम।जभी हाथ सेवक े सिर धरती हो तुम।तेरी पूजा में तो ना ोई विधि है।तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।।रविवार ो तेरा सुमिरन करे जो।तेरी मूर्ति ो ही मन में धरे जो।तू सब ाज उसके करती है पूरे।कभी ाम उसके रहे ना अधूरे।।तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।जो है तेरे दर ा ही अंबे सवाली।।हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।।<strong>You can download सिद्धिदात्री माता ी कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#सदधदतर #मत #क #कथ #Maa #Siddhidatri #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-maa-s">सिद्धिदात्री माता ी कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a href="https://www.ebookmela.co.in/author/
हवन सामग्री ी लिस्ट | Havan Samagri List PDF in Hindi
हवन सामग्री ी लिस्ट | Havan Samagri List PDF Detailsहवन सामग्री ी लिस्ट | Havan Samagri ListPDF Nameहवन सामग्री ी लिस्ट | Havan Samagri List PDFNo. of Pages1PDF Size0.28 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atirp-cdn.multiscreensite.comDownload LinkAvailable Downloads26
हवन सामग्री ी लिस्ट | Havan Samagri List Hindi PDF SummaryHello Friends, today we are going to share Havan Samagri List PDF / हवन सामग्री ी लिस्ट PDF to help you. Today is the Ashtami date of Shardiya Navratri 2021. It is called Mahashtami or Durga Ashtami. On Ashwin Shukla Ashtami, Maa Mahagauri is worshiped methodically and fast is kept. Today in many places of the country, Navratri Havan is done on the day of Durga Ashtami. Havan of Navratri is also done on Mahanavami and Dashami.Today, for Durga Ashtami’s Havan, you will need a ball or dry coconut, red-colored cloth or Kalava, a havan Kund and dry woods, including mango wood, stem, and leaves, Ashwagandha, Brahmi, licorice root, sandalwood, bael Contains neem, stem, and bark of peepal, the bark of sycamore and Palash. Apart from these, black sesame, camphor, rice, cow’s ghee, clove, frankincense, cardamom, guggul, barley, and sugar.हवन सामग्री ी लिस्ट PDF | Havan Samagri List PDFआम ी लकडियां, बेल, नीम, पलाश ा पौधा, कलीगंज, देवदार ी जड़, गूलर ी छाल और पत्ती, पापल ी छाल और तना, बेर, आम ी पत्ती और तना, चंदन ा लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा ी जड़, बहेड़ा ा फल, हर्रे तथा घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों ा बूरा। गाय े गोबर से बने उपले घी में डुबाकर डाले जाते हैं।नीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप Havan Samagri List PDF / हवन सामग्री ी लिस्ट PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#हवन #समगर #क #लसट #Havan #Samagri #List #PDF #HindiThe post हवन सामग्री ी लिस्ट | Havan Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ात्यायनी देवी ी आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi
ात्यायनी देवी ी आरती | Katyayani Devi Aarti PDF Detailsकात्यायनी देवी ी आरती | Katyayani Devi AartiPDF Nameकात्यायनी देवी ी आरती | Katyayani Devi Aarti PDFNo. of Pages2PDF Size0.26 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
ात्यायनी देवी ी आरती | Katyayani Devi Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / ात्यायनी देवी ी आरती PDF जिसे आप माँ ात्यायनी ी पूजा करते समय गा सकते हैं। मां ात्यायनी ी पूजा सुख और शांति प्रदान करने वाली होती है। धर्म े अनुसार मां ात्यायनी ने ही महिषासुर ा वध िया था। पुराणों े अनुसार असुरों ा संहार करने, भक्तों ो अभय दान देने और देवताओं ा कल्याण करने े लिए ही माता ने नौ रूप ा अवतार लिया था।नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं ी पूजा ी जाती हैं। नवरात्रि े छठे दिन मां ात्यायनी ी पूजा-अर्चना ी जाती है। मान्यताओं े अनुसार ात्यायनी मां ी पूजा मन ो मजबूत करने े साथ-साथ इंद्रियों ो वश में करने ाम करती हैं। धर्म े अनुसार अविवाहित व्यक्तियों े लिए मां ात्यायनी ी पूजा बेहद लाभदायक होती है।ात्यायनी देवी ी आरती PDF | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindiजय जय अंबे जय ात्यायनी ।
जय जगमाता जग ी महारानी ।।बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुारा ।।कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।ात्यायनी रक्षक ाया ी।
ग्रंथि ाटे मोह माया ी ।।झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।बृहस्पतिवार ो पूजा करियो।
ध्यान ात्यायनी ा धरियो।।हर संकट ो दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।जो भी मां ो भक्त पुारे।
ात्यायनी सब कष्ट निवारे।।नीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / ात्यायनी देवी ी आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#कतययन #दव #क #आरत #Katyayani #Devi #Aarti #PDF #HindiThe post ात्यायनी देवी ी आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi
मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF Detailsमंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva AartiPDF Nameमंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.84 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti Hindi PDF SummaryFriends, in this article we have given the download link for मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi to help you. This is a famous devotional song in honour of Maa Kali Devi. This beautiful bhajan was sung by Narendra Chanchal. Devotees sang this bhajan in Navratri during the worship of Maa Kali Devi. The lyrics of this bhajan was written by Balbir Nirdosh and music was given by Surinder Kohli.मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindiमंगल ी सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन े भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।बुद्धि विधाता तू जग माता,
मेरा ारज सिद्ध करे,
चरण कमल ा लिया सहारा,
शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।
मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।गुरु े वार सकल जग मोहयो,
तरूणी रूप अनूप धरे,
माता होकर होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे ।
शु्र सुखदाई सदा सहाई,
संत खड़े जयकार करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेट देन तेरे द्वार खड़े,
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,
सिर सोने ा छत्र फिरे ।
वार शनिचर ुमकुम बरणी,
जब लुकड़ पर हुुम करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,
रक्त बीज ो भस्म करे,
शुम्भ निशुम्भ ्षण में मारे,
महिषासुर ो पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने ो कष्ट हरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।
मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।ुपित होयकर दानव मारे,
चण्डमुण्ड सब चूर करे,
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जन ी अर्ज कबूल करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।सात बार ी महिमा बरनी,
सब गुण ौन बखान करे,
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरी ध्यान धरे,
इन्द्र ृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर ुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,
अटल भवन में राज करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।
मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन े भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय ाली कल्याण करे ।नीचे दिए गए लिं पर ्लि कर े आप मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#मगल #क #सव #सन #मर #दव #आरत #Mangal #Seva #Sun #Meri #Deva #Aarti #PDF #HindiThe post मंगल ी सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा जी ी हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF in Hindi
दुर्गा जी ी हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF Detailsदुर्गा जी ी हवन विधि | Navratri Havan VidhiPDF Nameदुर्गा जी ी हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDFNo. of Pages5PDF Size0.86 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा जी ी हवन विधि | Navratri Havan Vidhi Hindi PDF Summaryनवरात्रि में देवी दुर्गा े हवन ा विशेष महत्व है। देवी दुर्गा हवन आप अपने घर पर भी सरलता से कर सकते हैं। दुर्गा माँ ो प्रसन्न करने े लिए नवरात्रि ा समय सबसे अच्छा होता है। नवरात्रि े समय देवी दुर्गा अपने भक्तों े घर में नौ दिनों तक वास करती हैं। बहुत से साधक नवरात्रि े समय अलग – अलग तरह ी साधनायें करते हैं।यदि आप भी नवरात्रि े समय अपने घर पर हवन करना चाहते हैं, तो यहाँ दी हुई नवरात्रि हवन विधि pdf े माध्यम से दुर्गा हवन मंत्र ा उच्चारण करते हुए घर पर ही देवी दुर्गा ी प्रसन्नता हेतु दुर्गा नवरात्रि हवन कर सकते हैं। यहां दी हुई विधि बहुत सरल व उपयोगी है, इसलिए इसे ोई भी आसानी से कर सकता है। नवरात्रि हवन मंत्र / Navratri Havan Mantra in Hindi PDFओम गणेशाय नम: स्वाहाओम गौरियाय नम: स्वाहाओम नवग्रहाय नम: स्वाहाओम दुर्गाय नम: स्वाहाओम महाालिाय नम: स्वाहाओम हनुमते नम: स्वाहाओम भैरवाय नम: स्वाहाओम ुल देवताय नम: स्वाहाओम स्थान देवताय नम: स्वाहाओम ब्रह्माय नम: स्वाहाओम विष्णुवे नम: स्वाहाओम शिवाय नम: स्वाहाओम जयंती मंगलााली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा ्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा। ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शु्र शनि राहु ेतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा। ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु सा्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।हवन सामग्री ी लिस्ट PDF / Havan Samagri List in Hindi PDFआम ी लकडियां, बेल, नीम, पलाश ा पौधा, कलीगंज, देवदार ी जड़, गूलर ी छाल और पत्ती, पापल ी छाल और तना, बेर, आम ी पत्ती और तना, चंदन ा लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा ी जड़, बहेड़ा ा फल, हर्रे तथा घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों ा बूरा। गाय े गोबर से बने उपले घी में डुबाकर डाले जाते हैं।You can download Navratri Havan Vidhi in Hindi PDF by clicking on the following download button.#दरग #ज #क #हवन #वध #Navratri #Havan #Vidhi #PDF #HindiThe post दुर्गा जी ी हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चंद्रघंटा माता ी आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi
चंद्रघंटा माता ी आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF Detailsचंद्रघंटा माता ी आरती | Chandraghanta Mata Ki AartiPDF Nameचंद्रघंटा माता ी आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.71 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
चंद्रघंटा माता ी आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनवरात्री े तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा ी पूजा ी जाती है। माँ चंद्रघंटा ा यह स्वरूप परम सौम्य व शांतिदायक है। चंद्रघंटा देवी े मस्तक में घंटे ा आकार ा अर्धचंद्र है, इसी ारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। देवी ग्रंथों में इन्हें स्वर्ण वर्ण कहा गया है। इनके दस हाथ होते हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। सिंह माता चंद्रघंटा ा वाहन है। इनकी मुद्रा युद्ध े लिए उद्यत रहने ी होती है।देवी चंद्रघंटा े दिन लोग इनका व्रत करते हैं तथा पूजन करते हैं। देवी े पूजन े अंत में आरती अवश्य करनी चाहिए। देवी चंद्रघंटा ी आरती बहुत ही मधुर एवं प्रचलित है। प्रचलित होने ारण यह आरती नवरात्री े तीसरे दिन प्रत्ये घर में गयी जाती है। देवी चंद्रघंटा े पूजन व उपवास े व्यक्ति े सौंदर्य में वृद्धि होती है। मां चंद्रघंटा ी आरती / Maa Chandraghanta Aarti Lyricsजय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।पूर्ण ीजो मेरे ाम॥चन्द्र समाज तू शीतल दाती।चन्द्र तेज िरणों में समाती॥मन ी मालक मन भाती हो।चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥सुन्दर भाव ो लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली॥हर बुधवार ो तुझे ध्याये।श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।सन्मुख घी ी ज्योत जलाएं॥शीश झुा कहे मन ी बाता।पूर्ण आस करो जगत दाता॥ांचीपुर स्थान तुम्हारा।कर्नाटिा में मान तुम्हारा॥नाम तेरा रटू महारानी।भक्त ी रक्षा करो भवानी॥ माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र / Maa Chandraghanta Beej Mantraया देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।चंद्रघंटा माता ा श्लो / Maa Chandraghanta Shlokaपिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता |प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||माँ चंद्रघंटा पूजा विधि / Chandraghanta Mata Puja Vidhiसर्वप्रथम प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करने े पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़ें।अब मां चंद्रघंटा माता ा ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।अब माता रानी ो अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।इसके बाद मां ो प्रसाद े रूप में फल और मिष्ठान अर्पित करें।अब मां चंद्रघंटा ी आरती करें।अंत में देवी माँ से आशीर्वाद ग्रहण करें।You can download Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#चदरघट #मत #क #आरत #Chandraghanta #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post चंद्रघंटा माता ी आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ब्रह्मचारिणी माता ी आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF in Hindi
ब्रह्मचारिणी माता ी आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----maa-brahmacharini-mata-aarti--490.jpg">ब्रह्मचारिणी माता ी आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti</a>PDF Name<b>ब्रह्मचारिणी माता ी आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.39 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
ब्रह्मचारिणी माता ी आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti Hindi PDF Summaryनवरात्रि महोत्सव े दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माँ ी पूजा-अर्चना ी जाती है। ब्रह्म ा अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी ा अर्थ हुआ तप ा आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप ी माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। ब्रह्मचारिणी माता ा स्वभाव बहुत ही समय है तथा वह तप ी मुद्रा में रहती हैं।ब्रह्मचारिणी देवी ा पूजन करने े पश्चात् उनकी आरती करना भी बहुत ही आवश्यक है। नवरात्रि े समय पूजन करते समय देवी ब्रह्मचारिणी पूजन ा विशेष महत्व हैं। जो व्यक्ति साधना े मार्ग पर चलना चाहते हैं, उन्हें देवी ब्रह्मचारिणी ी पूजा अवश्य करनी चाहिए तथा माता ृपा प्राप्त करते हुए साधना करनी चाहिए। माँ ब्रह्मचारिणी ी आरती लिरि्स / Maa Brahmacharini Aarti in Hindi Lyricsजय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥ब्रह्मा जी े मन भाती हो।ज्ञान सभी ो सिखलाती हो॥ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सरल संसारा॥जय गायत्री वेद ी माता।जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥कमी ोई रहने ना पाए।ोई भी दुख सहने न पाए॥उसकी विरति रहे ठिाने।जो तेरी महिमा ो जाने॥रद्रक्षा ी माला ले कर।जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥आलस छोड़ करे गुणगाना।माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।पूर्ण करो सब मेरे ाम॥भक्त तेरे चरणों ा पुजारी।रखना लाज मेरी महतारी॥माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्रॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥Om Devi Brahmacharinyai Namah॥माँ ब्रह्मचारिणी वैदि मंत्रदधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥माँ ब्रह्मचारिणी स्तुतिया देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/durga-saptashati-kavach-hindi/">दुर्गा सप्तशती कवच हिंदी में | Durga Saptashati Kavach PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/jai-ambe-gauri-aarti/">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/kalash-sthapana-vidhi-hindi/">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi-hindi/">नवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-aarti-pdf/">शैलपुत्री माता ी आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-vrat-katha-hindi/">माता शैलपुत्री ी कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi/">नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF</a><a href="https://pdffile.co.in/shri-durga-chalisa-hindi/">श्री दुर्गा चालीसा | Shri Durga Chalisa PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/108-names-of-maa-durga-hindi/">माँ दुर्गा े 108 नाम | 108 Names of Maa Durga PDF in Hindi</a><strong>You can download Maa Brahmacharini Aarti PDF by clicking on the following download button.</strong>#बरहमचरण #मत #क #आरत #Maa #Brahmacharini #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%a3%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a4">ब्रह्मचारिणी…
शैलपुत्री माता ी आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi
शैलपुत्री माता ी आरती | Shailputri Mata Aarti PDF Detailsशैलपुत्री माता ी आरती | Shailputri Mata AartiPDF Nameशैलपुत्री माता ी आरती | Shailputri Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.72 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शैलपुत्री माता ी आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं शैलपुत्री माता ी आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रि े प्रथम दिन माँ शैलपुत्री ी पूजा आराधना ी जाती है। इनके पिता ा नाम पर्वतराज हिमालय है। पर्वतराज हिमलाय जी ी पुत्री होने ारण ही इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता है। देवी शैलपुत्री ा वाहन वृषभ अथवा बैल है। माता े दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इस पोस्ट में दिए गए लिं े द्वारा आप शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष ी कन्या े जन्म लिया था, तब इनका एक नाम ‘सती’ भी था। इनका विवाह भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था। देवी शैलपुत्री े पूजन से नवदुर्गा महोत्सव ा आरम्भ होता है। अतः इनकी पूजा विधि – विधान से करनी चाहिए।शैलपुत्री माता ी आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDFशैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय ार॥शिव-शंकर ी प्रिय भवानी।तेरी महिमा िसी ने न जानी॥पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥सोमवार ो शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥घी ा सुन्दर दीप जला े।गोला गरी ा भोग लगा े॥श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुायें॥जय गिरराज िशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥मनोामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥शैलपुत्री माता ी आरती ैसे करें?सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करें।अब देवी माँ ा आवाहन करें।देवी माँ ो पुष्प, चन्दन, अक्षत आदि अर्पित करें।तत्पश्चात देवी शैलपुत्री माँ ी कथा पढ़ें।अब देवी शैलपुत्री ी आरती करें।अंत में सपरिवार देवी माँ ा आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in HindiYou can download शैलपुत्री माता ी आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF by clicking on the following download button.#शलपतर #मत #क #आरत #Shailputri #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post शैलपुत्री माता ी आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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हनुमान जी ी आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi
हनुमान जी ी आरती | Hanuman Aarti PDF Detailsहनुमान जी ी आरती | Hanuman AartiPDF Nameहनुमान जी ी आरती | Hanuman Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
हनुमान जी ी आरती | Hanuman Aarti Hindi PDF Summaryनमस्ार मित्रों, इस पोस्ट े माध्यम से हम आपको हनुमान जी ी आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi े लिए डाउनलोड लिं दे रहे हैं। िसी भी धार्मि आयोजन में आरती ा बहुत अधि महत्व होता है। आरती े बिना ोई भी अनुष्ठान संपन्न नहीं होता है। ठी उसी प्रकार श्री हनुमान पूजन ी सम्पन्नता हेतु हनुमान आरती भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। हनुमान जी ी आरती हिंदी भाषा में लिखी गयी है, जिसे ोई भी सरलता से पढ़ा व गा सकता है।इस मधुर व दिव्य आरती े गायन से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं तथा हनुमत पूजन व अनुष्ठान ा सम्पूर्ण लाभ मिलता है। आरती करते समय ुछ विशेष बातों ा ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे आरती करते समय हनुमान जी े एकदम सामने खड़े न होएं बल्ि उनकी दायीं ओर खड़े होकर आरती करें।हनुमान जी ी आरती PDF | Hanuman Aarti PDF in Hindiआरती ीजै हनुमान लला ी।दुष्ट दलन रघुनाथ कला ी॥जाे बल से गिरिवर ांपे।रोग दोष जाे निकट न झांे॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन े प्रभु सदा सहाई॥दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंा जारि सिया सुधि लाए॥ लंा सो ोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥लंा जारि असुर संहारे।सियारामजी ाज सवारे॥ लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे॥पैठि पाताल तोरि जम-ारे।अहिरावण ी भुजा उखारे॥ बाएं भुजा असुरदल मारे।दाहिने भुजा संतजन तारे॥सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥ ंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥जो हनुमानजी ी आरती गावे।बसि बैुण्ठ परम पद पावे॥ श्री हनुमान जी ी आरती े लाभइस आरती ो प्रतिदिन करने से मानसि शांति मिलती है।श्री हनुमान जी ी आरती ो भक्तिभाव से गाने से श्री राम जी भी प्रसन्न होते हैं।हनुमान जी अजर – अमर हैं, अतः उनकी आराधना से वह आपके साथ रहते हैं।िसी भी पूजन ा पूर्ण फल प्राप्त करने े लिए आरती करना बहुत आवश्यक है।इस आरती े प्रभाव से घर में सकारत्मकता आती है।You can download हनुमान जी ी आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#हनमन #ज #क #आरत #Hanuman #Aarti #PDF #HindiThe post हनुमान जी ी आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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