गायत्री मन्त्रार्थ भास्करः | Gayatri Mantrartha Bhaskara | अज्ञात – Unknown
Title गायत्री मन्त्रार्थ भास्करः | Gayatri Mantrartha Bhaskara Author अज्ञात – Unknown Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #गयतर #मनतररथ #भसकर #Gayatri #Mantrartha #Bhaskara Download eBook Read OnlineThe post गायत्री मन्त्रार्थ भास्करः | Gayatri Mantrartha Bhaskara
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गायत्री पञ्चाङ्ग | Gayatri Panchanga | अज्ञात – Unknown
Title गायत्री पञ्चाङ्ग | Gayatri Panchanga Author अज्ञात – Unknown Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #गयतर #पञचङग #Gayatri #Panchanga Download eBook Read OnlineThe post गायत्री पञ्चाङ्ग | Gayatri Panchanga
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गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa PDF in Hindi
गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/gayatri-chalisa-100.jpg">गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa</a>PDF Name<b>गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa PDF</b>No. of Pages<b>3</b>PDF Size<b>0.18 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>download.vedpuran.net</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Gayatri Chalisa PDF in Hindi / गायत्री चालीसा PDF जिसके नियमित पाठ करने से आपको शांति भरा जीवन प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। गायत्री माता चालीसा गायत्री माता की आराधना करने का एक बहुत ही सुन्दर माध्यम है। इस मन्त्र में चालीस श्लोकों का एक समूह है। जिसके माध्यम से भक्त माता गायत्री की आराधना करते हैं।माता गायत्री सदा अपने भक्तों पर अपनी दया दृष्टि रखतीं हैं. उनकी कृपा से मनुष्य सदा खुशहाल जीवन बिताता है। वे इस जगत की जननी हैं. वे हमारी पालन पोषण करती हैं. वे इस जगत की माता है।गायत्री चालीसा PDF | Gayatri Chalisa PDF in Hindi<strong>|| दोहा ||</strong>हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड |
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ||
जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम |
प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ||<strong>|| चौपाई ||</strong>भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी |
गायत्री नित कलिमल दहनी ||
अक्षर चौबिस परम पुनीता |
इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ||शाश्वत सतोगुणी सतरुपा |
सत्य सनातन सुधा अनूपा ||
हंसारुढ़ सितम्बर धारी |
स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ||पुस्तक पुष्प कमंडलु माला |
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ||
ध्यान धरत पुलकित हिय होई |
सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ||कामधेनु तुम सुर तरु छाया |
निराकार की अदभुत माया ||
तुम्हरी शरण गहै जो कोई |
तरै सकल संकट सों सोई ||सरस्वती लक्ष्मी तुम काली |
दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ||
तुम्हरी महिमा पारन पावें |
जो शारद शत मुख गुण गावें ||चार वेद की मातु पुनीता |
तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ||
महामंत्र जितने जग माहीं |
कोऊ गायत्री सम नाहीं ||सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै |
आलस पाप अविघा नासै ||
सृष्टि बीज जग जननि भवानी |
काल रात्रि वरदा कल्यानी ||ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते |
तुम सों पावें सुरता तेते ||
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे |
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ||महिमा अपरम्पार तुम्हारी |
जै जै जै त्रिपदा भय हारी ||
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना |
तुम सम अधिक न जग में आना ||तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा |
तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ||
जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई |
पारस परसि कुधातु सुहाई ||तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई |
माता तुम सब ठौर समाई ||
ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे |
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ||सकलसृष्टि की प्राण विधाता |
पालक पोषक नाशक त्राता ||
मातेश्वरी दया व्रत धारी |
तुम सन तरे पतकी भारी ||जापर कृपा तुम्हारी होई |
तापर कृपा करें सब कोई ||
मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें |
रोगी रोग रहित है जावें ||दारिद मिटै कटै सब पीरा |
नाशै दुःख हरै भव भीरा ||
गृह कलेश चित चिंता भारी |
नासै गायत्री भय हारी ||संतिति हीन सुसंतति पावें |
सुख संपत्ति युत मोद मनावें ||
भूत पिशाच सबै भय खावें |
यम के दूत निकट नहिं आवें ||जो सधवा सुमिरें चित लाई |
अछत सुहाग सदा सुखदाई ||
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी |
विधवा रहें सत्य व्रत धारी ||जयति जयति जगदम्ब भवानी |
तुम सम और दयालु न दानी ||
जो सदगुरु सों दीक्षा पावें |
सो साधन को सफल बनावें ||सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी |
लहैं मनोरथ गृही विरागी ||
अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता |
सब समर्थ गायत्री माता ||ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी |
आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ||
जो जो शरण तुम्हारी आवें |
सो सो मन वांछित फल पावें ||बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ |
धन वैभव यश तेज उछाऊ ||
सकल बढ़ें उपजे सुख नाना |
जो यह पाठ करै धरि ध्याना ||<strong>|| दोहा ||</strong>यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय |
तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय ||<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Gayatri Chalisa PDF in Hindi / गायत्री चालीसा PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#गयतर #चलस #Gayatri #Chalisa #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co…
गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/gayatri-chalisa-100.jpg">गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa</a>PDF Name<b>गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa PDF</b>No. of Pages<b>3</b>PDF Size<b>0.18 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>download.vedpuran.net</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
गायत्री चालीसा | Gayatri Chalisa Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Gayatri Chalisa PDF in Hindi / गायत्री चालीसा PDF जिसके नियमित पाठ करने से आपको शांति भरा जीवन प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। गायत्री माता चालीसा गायत्री माता की आराधना करने का एक बहुत ही सुन्दर माध्यम है। इस मन्त्र में चालीस श्लोकों का एक समूह है। जिसके माध्यम से भक्त माता गायत्री की आराधना करते हैं।माता गायत्री सदा अपने भक्तों पर अपनी दया दृष्टि रखतीं हैं. उनकी कृपा से मनुष्य सदा खुशहाल जीवन बिताता है। वे इस जगत की जननी हैं. वे हमारी पालन पोषण करती हैं. वे इस जगत की माता है।गायत्री चालीसा PDF | Gayatri Chalisa PDF in Hindi<strong>|| दोहा ||</strong>हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड |
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ||
जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम |
प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ||<strong>|| चौपाई ||</strong>भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी |
गायत्री नित कलिमल दहनी ||
अक्षर चौबिस परम पुनीता |
इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ||शाश्वत सतोगुणी सतरुपा |
सत्य सनातन सुधा अनूपा ||
हंसारुढ़ सितम्बर धारी |
स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ||पुस्तक पुष्प कमंडलु माला |
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ||
ध्यान धरत पुलकित हिय होई |
सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ||कामधेनु तुम सुर तरु छाया |
निराकार की अदभुत माया ||
तुम्हरी शरण गहै जो कोई |
तरै सकल संकट सों सोई ||सरस्वती लक्ष्मी तुम काली |
दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ||
तुम्हरी महिमा पारन पावें |
जो शारद शत मुख गुण गावें ||चार वेद की मातु पुनीता |
तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ||
महामंत्र जितने जग माहीं |
कोऊ गायत्री सम नाहीं ||सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै |
आलस पाप अविघा नासै ||
सृष्टि बीज जग जननि भवानी |
काल रात्रि वरदा कल्यानी ||ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते |
तुम सों पावें सुरता तेते ||
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे |
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ||महिमा अपरम्पार तुम्हारी |
जै जै जै त्रिपदा भय हारी ||
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना |
तुम सम अधिक न जग में आना ||तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा |
तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ||
जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई |
पारस परसि कुधातु सुहाई ||तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई |
माता तुम सब ठौर समाई ||
ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे |
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ||सकलसृष्टि की प्राण विधाता |
पालक पोषक नाशक त्राता ||
मातेश्वरी दया व्रत धारी |
तुम सन तरे पतकी भारी ||जापर कृपा तुम्हारी होई |
तापर कृपा करें सब कोई ||
मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें |
रोगी रोग रहित है जावें ||दारिद मिटै कटै सब पीरा |
नाशै दुःख हरै भव भीरा ||
गृह कलेश चित चिंता भारी |
नासै गायत्री भय हारी ||संतिति हीन सुसंतति पावें |
सुख संपत्ति युत मोद मनावें ||
भूत पिशाच सबै भय खावें |
यम के दूत निकट नहिं आवें ||जो सधवा सुमिरें चित लाई |
अछत सुहाग सदा सुखदाई ||
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी |
विधवा रहें सत्य व्रत धारी ||जयति जयति जगदम्ब भवानी |
तुम सम और दयालु न दानी ||
जो सदगुरु सों दीक्षा पावें |
सो साधन को सफल बनावें ||सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी |
लहैं मनोरथ गृही विरागी ||
अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता |
सब समर्थ गायत्री माता ||ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी |
आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ||
जो जो शरण तुम्हारी आवें |
सो सो मन वांछित फल पावें ||बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ |
धन वैभव यश तेज उछाऊ ||
सकल बढ़ें उपजे सुख नाना |
जो यह पाठ करै धरि ध्याना ||<strong>|| दोहा ||</strong>यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय |
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गायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDF in Hindi
गायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDF Detailsगायत्री कवच | Gayatri KavachamPDF Nameगायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDFNo. of Pages8PDF Size0.13 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atsanskritdocuments.orgDownload LinkAvailable ✔Downloads26
गायत्री कवच | Gayatri Kavacham Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं गायत्री कवच PDF / Gayatri Kavacham PDF in Hindi जिसमे आपको गायत्री माँ के सरे मंत्र पढ़ने को मिलेंगी। हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। ब्रह्मा जी कहते हैं कि यह गायत्री कवच सर्वपावन है, पुण्य का दाता, पापों का नाशक पवित्र व समस्त रोगों का निवारण करने वाला है। इसके केवल जप मात्र से सभी यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है तथा चतुर्विध पुरुषार्थ की उपलब्धि होती है। यहाँ से आप गायत्री कवचम् PDF | Gayatri Kavacham in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।जो साधक तीनों संध्याओं में इस कवच का पाठ करता है| उसकी समस्त कामनायें पूर्ण होती हैं| वह सभी शास्त्रों का तत्त्व समझ लेता है। जिस कारण वे देवताओं में भी उत्तम हो जाता है।गायत्री कवच PDF | Gayatri Kavacham PDF in Hindi॥ श्री गायत्री कवचम् ॥
ओं अस्य श्रीगायत्रीकवचस्य, ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, गायत्री देवता, भूः बीजम्, भुवः शक्तिः, स्वः कीलकं, गायत्री प्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।ध्यानम् –
पञ्चवक्त्रां दशभुजां सूर्यकोटिसमप्रभाम् ।
सावित्रीं ब्रह्मवरदां चन्द्रकोटिसुशीतलाम् ॥ १ ॥त्रिनेत्रां सितवक्त्रां च मुक्ताहारविराजिताम् ।
वराभयाङ्कुशकशाहेमपात्राक्षमालिकाम् ॥ २ ॥शङ्खचक्राब्जयुगलं कराभ्यां दधतीं वराम् ।
सितपङ्कजसंस्थां च हंसारूढां सुखस्मिताम् ॥ ३ ॥ध्यात्वैवं मानसाम्भोजे गायत्रीकवचं जपेत् ॥ ४ ॥ओं ब्रह्मोवाच ।
विश्वामित्र महाप्राज्ञ गायत्रीकवचं शृणु ।
यस्य विज्ञानमात्रेण त्रैलोक्यं वशयेत् क्षणात् ॥ ५ ॥सावित्री मे शिरः पातु शिखायां अमृतेश्वरी ।
ललाटं ब्रह्मदैवत्या भ्रुवौ मे पातु वैष्णवी ॥ ६ ॥कर्णौ मे पातु रुद्राणी सूर्या सावित्रिकाऽम्बिका ।
गायत्री वदनं पातु शारदा दशनच्छदौ ॥ ७ ॥द्विजान् यज्ञप्रिया पातु रसनायां सरस्वती ।
साङ्ख्यायनी नासिकां मे कपोलौ चन्द्रहासिनी ॥ ८ ॥चिबुकं वेदगर्भा च कण्ठं पात्वघनाशिनी ।
स्तनौ मे पातु इन्द्राणी हृदयं ब्रह्मवादिनी ॥ ९ ॥उदरं विश्वभोक्त्री च नाभौ पातु सुरप्रिया ।
जघनं नारसिंही च पृष्ठं ब्रह्माण्डधारिणी ॥ १० ॥पार्श्वौ मे पातु पद्माक्षी गुह्यं गोगोप्त्रिकाऽवतु ।
ऊर्वोरोङ्काररूपा च जान्वोः सन्ध्यात्मिकाऽवतु ॥ ११ ॥जङ्घयोः पातु अक्षोभ्या गुल्फयोर्ब्रह्मशीर्षका ।
सूर्या पदद्वयं पातु चन्द्रा पादाङ्गुलीषु च ॥ १२ ॥सर्वाङ्गं वेदजननी पातु मे सर्वदाऽनघा ।
इत्येतत्कवचं ब्रह्मन् गायत्र्याः सर्वपावनम् ॥ १३ ॥पुण्यं पवित्रं पापघ्नं सर्वरोगनिवारणम् ।
त्रिसन्ध्यं यः पठेद्विद्वान् सर्वान् कामानववाप्नुयात् ॥ १४ ॥सर्वशास्त्रार्थतत्त्वज्ञः स भवेद्वेदवित्तमः ।
सर्वयज्ञफलं प्राप्य ब्रह्मान्ते समवाप्नुयात् ।
प्राप्नोति जपमात्रेण पुरुषार्थांश्चतुर्विधान् ॥ १५ ॥इति श्रीविश्वामित्रसंहितोक्तं गायत्रीकवचं ।गायत्री कवचम् PDF | Gayatri Kavacham in Hindi PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गायत्री कवच PDF / Gayatri Kavacham PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गयतर #कवच #Gayatri #Kavacham #PDF #HindiThe post गायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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गायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDF Detailsगायत्री कवच | Gayatri KavachamPDF Nameगायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDFNo. of Pages8PDF Size0.13 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atsanskritdocuments.orgDownload LinkAvailable ✔Downloads26
गायत्री कवच | Gayatri Kavacham Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं गायत्री कवच PDF / Gayatri Kavacham PDF in Hindi जिसमे आपको गायत्री माँ के सरे मंत्र पढ़ने को मिलेंगी। हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। ब्रह्मा जी कहते हैं कि यह गायत्री कवच सर्वपावन है, पुण्य का दाता, पापों का नाशक पवित्र व समस्त रोगों का निवारण करने वाला है। इसके केवल जप मात्र से सभी यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है तथा चतुर्विध पुरुषार्थ की उपलब्धि होती है। यहाँ से आप गायत्री कवचम् PDF | Gayatri Kavacham in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।जो साधक तीनों संध्याओं में इस कवच का पाठ करता है| उसकी समस्त कामनायें पूर्ण होती हैं| वह सभी शास्त्रों का तत्त्व समझ लेता है। जिस कारण वे देवताओं में भी उत्तम हो जाता है।गायत्री कवच PDF | Gayatri Kavacham PDF in Hindi॥ श्री गायत्री कवचम् ॥
ओं अस्य श्रीगायत्रीकवचस्य, ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, गायत्री देवता, भूः बीजम्, भुवः शक्तिः, स्वः कीलकं, गायत्री प्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।ध्यानम् –
पञ्चवक्त्रां दशभुजां सूर्यकोटिसमप्रभाम् ।
सावित्रीं ब्रह्मवरदां चन्द्रकोटिसुशीतलाम् ॥ १ ॥त्रिनेत्रां सितवक्त्रां च मुक्ताहारविराजिताम् ।
वराभयाङ्कुशकशाहेमपात्राक्षमालिकाम् ॥ २ ॥शङ्खचक्राब्जयुगलं कराभ्यां दधतीं वराम् ।
सितपङ्कजसंस्थां च हंसारूढां सुखस्मिताम् ॥ ३ ॥ध्यात्वैवं मानसाम्भोजे गायत्रीकवचं जपेत् ॥ ४ ॥ओं ब्रह्मोवाच ।
विश्वामित्र महाप्राज्ञ गायत्रीकवचं शृणु ।
यस्य विज्ञानमात्रेण त्रैलोक्यं वशयेत् क्षणात् ॥ ५ ॥सावित्री मे शिरः पातु शिखायां अमृतेश्वरी ।
ललाटं ब्रह्मदैवत्या भ्रुवौ मे पातु वैष्णवी ॥ ६ ॥कर्णौ मे पातु रुद्राणी सूर्या सावित्रिकाऽम्बिका ।
गायत्री वदनं पातु शारदा दशनच्छदौ ॥ ७ ॥द्विजान् यज्ञप्रिया पातु रसनायां सरस्वती ।
साङ्ख्यायनी नासिकां मे कपोलौ चन्द्रहासिनी ॥ ८ ॥चिबुकं वेदगर्भा च कण्ठं पात्वघनाशिनी ।
स्तनौ मे पातु इन्द्राणी हृदयं ब्रह्मवादिनी ॥ ९ ॥उदरं विश्वभोक्त्री च नाभौ पातु सुरप्रिया ।
जघनं नारसिंही च पृष्ठं ब्रह्माण्डधारिणी ॥ १० ॥पार्श्वौ मे पातु पद्माक्षी गुह्यं गोगोप्त्रिकाऽवतु ।
ऊर्वोरोङ्काररूपा च जान्वोः सन्ध्यात्मिकाऽवतु ॥ ११ ॥जङ्घयोः पातु अक्षोभ्या गुल्फयोर्ब्रह्मशीर्षका ।
सूर्या पदद्वयं पातु चन्द्रा पादाङ्गुलीषु च ॥ १२ ॥सर्वाङ्गं वेदजननी पातु मे सर्वदाऽनघा ।
इत्येतत्कवचं ब्रह्मन् गायत्र्याः सर्वपावनम् ॥ १३ ॥पुण्यं पवित्रं पापघ्नं सर्वरोगनिवारणम् ।
त्रिसन्ध्यं यः पठेद्विद्वान् सर्वान् कामानववाप्नुयात् ॥ १४ ॥सर्वशास्त्रार्थतत्त्वज्ञः स भवेद्वेदवित्तमः ।
सर्वयज्ञफलं प्राप्य ब्रह्मान्ते समवाप्नुयात् ।
प्राप्नोति जपमात्रेण पुरुषार्थांश्चतुर्विधान् ॥ १५ ॥इति श्रीविश्वामित्रसंहितोक्तं गायत्रीकवचं ।गायत्री कवचम् PDF | Gayatri Kavacham in Hindi PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गायत्री कवच PDF / Gayatri Kavacham PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गयतर #कवच #Gayatri #Kavacham #PDF #HindiThe post गायत्री कवच | Gayatri Kavacham PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDF in Hindi
गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDF Detailsगायत्री मंत्र | Gayatri MantraPDF Nameगायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDFNo. of Pages1PDF Size0.04 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable ✔Downloads26
गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं गायत्री मंत्र PDF / Gayatri Mantra PDF in Hindi जिसमे आपको पूरा गायत्री मंत्र पढ़ने को मिलेंगी। गायत्री मंत्र वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्ता ॐ के लगभग बराबर मानी जाती है। यह यजुर्वेद के मन्त्र ‘ॐ भूर्भुवः स्वः‘ और ऋग्वेद के छन्द 3.62.10 के मेल से बना है। दोस्तों गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से मन शांद होता है और दिमाग से सारे बुरे विचार निकल जाते है। इसलिए गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा बहुत लाभकारी है। गायत्री मंत्र का जाप दिन मे तीन बार करे। गायत्री मंत्र सुबह, दोपहर और शाम को सूर्यास्त होने के कुछ देर पहले पढना उचित समझा जाता है।इस मंत्र में सवितृ देव की उपासना है इसलिए इसे सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसे श्री गायत्री देवी के स्त्री रूप में भी पूजा जाता है।गायत्री मंत्र PDF | Gayatri Mantra PDF in Hindiॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥अर्थ: हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान की दूर करने वाला हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाए।गायत्री मंत्र के लाभ | Gayatri Mantra Benefits in Hindi PDFमां गायत्री का रूप सरस, मोहक और अनुपम है, मां की साधना करने से जातक भयमुक्त, चिंतामुक्त, क्रोधमुक्त और कर्जमुक्त हो जाता है। मां गायत्री अपने भक्तों को धैर्य, साहस और ऊर्जावान बनाती हैं। गायत्री मंत्र के जाप से इंसान के सारे दुख और भय समाप्त हो जाता है। इंसान के उत्साह और साहस में वृद्धि होती है। इंसान खुश, सुखी और वैभव प्राप्त करता है।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गायत्री मंत्र PDF / Gayatri Mantra PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गयतर #मतर #Gayatri #Mantra #PDF #HindiThe post गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDF Detailsगायत्री मंत्र | Gayatri MantraPDF Nameगायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDFNo. of Pages1PDF Size0.04 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable ✔Downloads26
गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं गायत्री मंत्र PDF / Gayatri Mantra PDF in Hindi जिसमे आपको पूरा गायत्री मंत्र पढ़ने को मिलेंगी। गायत्री मंत्र वेदों का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है जिसकी महत्ता ॐ के लगभग बराबर मानी जाती है। यह यजुर्वेद के मन्त्र ‘ॐ भूर्भुवः स्वः‘ और ऋग्वेद के छन्द 3.62.10 के मेल से बना है। दोस्तों गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से मन शांद होता है और दिमाग से सारे बुरे विचार निकल जाते है। इसलिए गायत्री मंत्र और गायत्री चालीसा बहुत लाभकारी है। गायत्री मंत्र का जाप दिन मे तीन बार करे। गायत्री मंत्र सुबह, दोपहर और शाम को सूर्यास्त होने के कुछ देर पहले पढना उचित समझा जाता है।इस मंत्र में सवितृ देव की उपासना है इसलिए इसे सावित्री भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण और इसे समझने से ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसे श्री गायत्री देवी के स्त्री रूप में भी पूजा जाता है।गायत्री मंत्र PDF | Gayatri Mantra PDF in Hindiॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥अर्थ: हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान की दूर करने वाला हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाए।गायत्री मंत्र के लाभ | Gayatri Mantra Benefits in Hindi PDFमां गायत्री का रूप सरस, मोहक और अनुपम है, मां की साधना करने से जातक भयमुक्त, चिंतामुक्त, क्रोधमुक्त और कर्जमुक्त हो जाता है। मां गायत्री अपने भक्तों को धैर्य, साहस और ऊर्जावान बनाती हैं। गायत्री मंत्र के जाप से इंसान के सारे दुख और भय समाप्त हो जाता है। इंसान के उत्साह और साहस में वृद्धि होती है। इंसान खुश, सुखी और वैभव प्राप्त करता है।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गायत्री मंत्र PDF / Gayatri Mantra PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गयतर #मतर #Gayatri #Mantra #PDF #HindiThe post गायत्री मंत्र | Gayatri Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF in Hindi
सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF Detailsसूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri MantraPDF Nameसूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDFNo. of Pages5PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप सूर्य गायत्री मंत्र pdf को प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य भगवान् समस्त संसार की ऊर्जा का स्तोत्र हैं। अतः उनकी पूजा – आराधना करने से व्यक्ति के अंदर एक ऊर्जा का संचार होता है। सूर्यदेव रोजगार सम्बंधित समस्याओं का भी अंत करते हैं। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न मन्त्रों का सुझाव दिया जाता है किन्तु गायत्री मन्त्र का अपना विशेष ही महत्व है। वेदों में अनेक प्रकार के गायत्री मन्त्रों का विवरण आता है जो अलग – अलग देवताओं को समर्पित होते हैं।ठीक उसी प्रकार सूर्यदेव को समर्पित गायत्री मन्त्र को सूर्य गायत्री मन्त्र कहते हैं। सूर्य गायत्री मन्त्र एक असीम ऊर्जा का स्रोत होता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति विभिन्न रोगों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। सूर्य गायत्री मंत्र pdf प्राप्त करने के लिए आप इस लेख के अंत में दिए गये डाउनलोड लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। सूर्य गायत्री मंत्र लिरिक्स / Surya Gayatri Mantra Lyrics in Sanskrit PDFॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात् ॥ॐ अश्वाद्वाजय विद्महे पासहस्थाया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ भास्कराय विधमहे दिवा कराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥Surya Gayatri Mantra Lyrics in English PDFOm Sapt Turangay Vidhmahe Sahasra Kirnay Dheemahi Tanno Ravi Prachodyat ॥Om Aswadwajaya Vidhmahe Pasa Hasthaya Dheemahi ! Tanno Surya Prachodayat ॥Om Bhaskaraya Vidhmahe Diva karaya Dheemahe Thanno Surya Prachodayath ॥Om Aswadwajaya Vidhmahe Pasa Hasthaya Dheemahe Thanno Surya Prachodayath ॥Om Aadityay Vidhmahe Martanday Dheemahi Tanah: Surya: Prachodyat ॥Surya Gayatri Mantra in Gujarati PDFઑં અશ્વટ્વજાય વિડ્મહૅ
પાસ હસ્થાયૈ ધીમહિ
થણ્નૉ સૂર્ય પ્રછૉદયાઠ્Surya Gayatri Mantra in Malayalam PDFഓം അശ്വത്വജായൈ വിദ്മഹേപാസ ഹസ്തായൈ ധീമഹിതണ്നോ സൂര്യ പ്രചോദയാത്Surya Gayatri Mantra in Tamil PDFஓம் அஷ்வத்வஜாய வித்மஹேபாச ஹஸ்தாய தீமஹிதந்நோ சூர்ய ப்ரசோதயாத்Surya Gayatri Mantra in Kannada PDFಓಂ ಅಶ್ವಥ್ವಜಾಯೈ ವಿದ್ಮಹೇಪಾಸ ಹಸ್ತಾಯೈ ಧೀಮಹಿತನ್ನೋ ಸೂರ್ಯ ಪ್ರಚೋದಯಾತ್Surya Gayatri Mantra in Telugu PDFఓం అశ్వట్వజాయ విట్మహేపాస హస్థాయ ధీమహిథణ్నో సూర్య ప్రఛోదయాఠ్सूर्य गायत्री मंत्र के लाभ / Surya Gayatri Mantra Benefits in Hindiसूर्य गायत्री मन्त्र के प्रभाव से जातक विभिन्न रोगों से बच सकता है।सूर्य गायत्री मन्त्र का जाप करने वाले व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।रोजगार सम्बन्धी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को भी सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।यदि आप किसी नेत्र समस्या से पीड़ित हैं, तो इस इन दिव्य सूर्य मन्त्रों का जाप अवश्य करें।इस मन्त्र का विधिवत जाप करने से सूर्य भगवान् की कृपा होती है।सूर्य गायत्री मंत्र pdf प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Surya Gayatri Mantra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#सरय #गयतर #मतर #Surya #Gayatri #Mantra #PDF #HindiThe post सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF Detailsसूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri MantraPDF Nameसूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDFNo. of Pages5PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप सूर्य गायत्री मंत्र pdf को प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य भगवान् समस्त संसार की ऊर्जा का स्तोत्र हैं। अतः उनकी पूजा – आराधना करने से व्यक्ति के अंदर एक ऊर्जा का संचार होता है। सूर्यदेव रोजगार सम्बंधित समस्याओं का भी अंत करते हैं। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न मन्त्रों का सुझाव दिया जाता है किन्तु गायत्री मन्त्र का अपना विशेष ही महत्व है। वेदों में अनेक प्रकार के गायत्री मन्त्रों का विवरण आता है जो अलग – अलग देवताओं को समर्पित होते हैं।ठीक उसी प्रकार सूर्यदेव को समर्पित गायत्री मन्त्र को सूर्य गायत्री मन्त्र कहते हैं। सूर्य गायत्री मन्त्र एक असीम ऊर्जा का स्रोत होता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति विभिन्न रोगों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। सूर्य गायत्री मंत्र pdf प्राप्त करने के लिए आप इस लेख के अंत में दिए गये डाउनलोड लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। सूर्य गायत्री मंत्र लिरिक्स / Surya Gayatri Mantra Lyrics in Sanskrit PDFॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात् ॥ॐ अश्वाद्वाजय विद्महे पासहस्थाया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ भास्कराय विधमहे दिवा कराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात ॥ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ॥Surya Gayatri Mantra Lyrics in English PDFOm Sapt Turangay Vidhmahe Sahasra Kirnay Dheemahi Tanno Ravi Prachodyat ॥Om Aswadwajaya Vidhmahe Pasa Hasthaya Dheemahi ! Tanno Surya Prachodayat ॥Om Bhaskaraya Vidhmahe Diva karaya Dheemahe Thanno Surya Prachodayath ॥Om Aswadwajaya Vidhmahe Pasa Hasthaya Dheemahe Thanno Surya Prachodayath ॥Om Aadityay Vidhmahe Martanday Dheemahi Tanah: Surya: Prachodyat ॥Surya Gayatri Mantra in Gujarati PDFઑં અશ્વટ્વજાય વિડ્મહૅ
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થણ્નૉ સૂર્ય પ્રછૉદયાઠ્Surya Gayatri Mantra in Malayalam PDFഓം അശ്വത്വജായൈ വിദ്മഹേപാസ ഹസ്തായൈ ധീമഹിതണ്നോ സൂര്യ പ്രചോദയാത്Surya Gayatri Mantra in Tamil PDFஓம் அஷ்வத்வஜாய வித்மஹேபாச ஹஸ்தாய தீமஹிதந்நோ சூர்ய ப்ரசோதயாத்Surya Gayatri Mantra in Kannada PDFಓಂ ಅಶ್ವಥ್ವಜಾಯೈ ವಿದ್ಮಹೇಪಾಸ ಹಸ್ತಾಯೈ ಧೀಮಹಿತನ್ನೋ ಸೂರ್ಯ ಪ್ರಚೋದಯಾತ್Surya Gayatri Mantra in Telugu PDFఓం అశ్వట్వజాయ విట్మహేపాస హస్థాయ ధీమహిథణ్నో సూర్య ప్రఛోదయాఠ్सूर्य गायत्री मंत्र के लाभ / Surya Gayatri Mantra Benefits in Hindiसूर्य गायत्री मन्त्र के प्रभाव से जातक विभिन्न रोगों से बच सकता है।सूर्य गायत्री मन्त्र का जाप करने वाले व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।रोजगार सम्बन्धी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को भी सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।यदि आप किसी नेत्र समस्या से पीड़ित हैं, तो इस इन दिव्य सूर्य मन्त्रों का जाप अवश्य करें।इस मन्त्र का विधिवत जाप करने से सूर्य भगवान् की कृपा होती है।सूर्य गायत्री मंत्र pdf प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Surya Gayatri Mantra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#सरय #गयतर #मतर #Surya #Gayatri #Mantra #PDF #HindiThe post सूर्य गायत्री मंत्र | Surya Gayatri Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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