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गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF Detailsगंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki AartiPDF Nameगंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.39 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री गंगा मैया की सुन्दर आरती की पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में गंगा मैया का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि माता गंगा जनकल्याण के लिए स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर आयी हैं। माता गंगा को पृथ्वीलोक पर लाने का श्रेय भगीरथ जी को जाता है, वह भगवान् श्री राम जी के पूर्वज थे।यह गंगा मैया की बहुत प्रचलित आरती है जिसका गायन गंगा माँ से सम्बंधित विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। यदि आप भी जीवन में गंगा माँ की तरह निर्मल रहना चाहते हैं, तो आपको इस आरती का गायन अवश्य करना चाहिए। गंगा मैया की यह आरती ऋषिकेश पर भी की जाती है। आप यही जानते ही होंगे की हरिद्वार की गंगा आरती भारत समेत पूरे विश्व में प्रसिद्द है। आप भी इस आरती को घर में करके इसका लाभ उठा सकते हैं। गंगा माता जी की आरती / Ganga Ji Ki Aarti PDFॐ जय गंगे माता,मैया जय गंगे माता।जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे,सब जग को ज्ञाता।कृपा दृष्टि हो तुम्हारी,त्रिभुवन सुख दाता॥ॐ जय गंगे माता॥ एक बार जो प्राणी,शरण तेरी आता।यम की त्रास मिटाकर,परमगति पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ आरती मातु तुम्हारी,जो नर नित गाता।सेवक वही सहज में,मुक्ति को पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पवित्र गंगा स्तोत्रम / Ganga Stotram in Hindi PDF देवि सुरेश्वरि भगति गंगे त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे ।शंकरमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ।।1।। भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यात: ।नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम ।।2।। हरिपदपाद्यतरंगिणि गंगे हिमविधुमुक्ताधवलतरंगे ।दूरीकुरू मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम ।।3।। तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम ।मातर्गंगे त्वयि यो भक्त: किल तं द्रष्टुं न यम: शक्त: ।।4।। पतितोद्धारिणि जाह्रवि गंगे खण्डितगिरिवरमण्डितभंगे ।भीष्मजननि हेमुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ।।5।। कल्पलतामिव फलदां लोके प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके ।पारावारविहारिणि गंगे विमुखयुवतिकृततरलापांगे ।।6।। तव चेन्मात: स्रोत: स्नात: पुनरपि जठरे सोsपि न जात: ।नरकनिवारिणि जाह्रवि गंगे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुंगे ।।7।। पुनरसदड़्गे पुण्यतरंगे जय जय जाह्रवि करूणापाड़्गे ।इन्द्रमुकुट मणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ।।8।। रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम ।त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ।।9।।अलकानन्दे परमानन्दे कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये ।तव तटनिकटे यस्य निवास: खलु वैकुण्ठे तस्य निवास: ।।10।। वरमिह: नीरे कमठो मीन: कि वा तीरे शरट: क्षीण: ।अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिकुलीन: ।।11।। भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये ।गंगास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो य: सजयति सत्यम ।।12।। येषां ह्रदये गंगाभक्तिस्तेषां भवति सदा सुख मुक्ति: ।मधुराकान्तापंझटिकाभि: परमानन्द कलितललिताभि: गंगास्तोत्रमिदं भवसारं वांछितफलदं विमलं सारम ।शंकरसेवकशंकरचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्त: ।।You can download Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#गग #मय #क #आरत #Ganga #Maiya #Aarti #PDF #HindiThe post गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathi
दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF Detailsदुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari AartiPDF Nameदुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDFNo. of Pages1PDF Size0.22 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atplanetread.orgDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti Marathi PDF SummaryFriends, today we are going to upload the Durge Durgat Bhari Aarti PDF / दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF to help you. Navratri festival is celebrated from Ashwin Shukla Pratipada to Navami. Worship of the Goddess, fasting, pooja, worship, salutation, chanting, home-havan is done all over the country according to our own methods, clans, customs, and traditions. Aarti of Goddess Durga should be sung regularly with full devotion to get the power of Mata Durga. Maa Durga will help you to win every battle of life and give victory in all your endeavors. Below we have given the download link for दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF / Durge Durgat Bhari Aarti Lyrics PDF in Hindiमां दुर्गा की शक्ति प्राप्त करने के लिए पूरी श्रद्धा के साथ नियमित रूप से मां दुर्गा की आरती करनी चाहिए। मां दुर्गा आपको जीवन की हर लड़ाई जीतने में मदद करेंगी और आपके सभी प्रयासों में जीत दिलाएंगी|दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathiदुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥वारी वारीं जन्ममरणाते वारी ।हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥ १ ॥जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी ।सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ. ॥त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही ।चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं ॥साही विवाद करितां पडिले प्रवाही ।ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही ॥ २ ॥प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां ।क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा ॥अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा ।नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥ ३ ॥Durge Durgat Bhari Aarti Lyrics PDF in HindiHere you can download the Durge Durgat Bhari Aarti PDF / दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF by click on the link given below.#दरग #दरघट #भर #आरत #Durge #Durgat #Bhari #Aarti #PDF #MarathiThe post दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF Detailsश्री दुर्गा आरती | Durga AartiPDF Nameश्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.42 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti Hindi PDF SummaryFriends, here we have uploaded the Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF for our devotees. Mother’s grace always remains on the person who duly worships Maa Durga on the holy festival of Navratri. Being pleased with her devotees, the mother takes away all their sorrows. Different forms of the mother are worshiped on every day of Navratri. It is very important to sing Durga Maa Aarti during the puja. In this article, we have also given a download link for Durga Ji Ki Aarti PDF / दुर्गा जी की आरती PDFLight a lamp of camphor or cow’s ghee in the plate of worship while performing the aarti of Durga Maa. Do play it even while performing the aarti of the mother. Sing the aarti Along with the aarti, you must blow conch shell and bell. If Shanghnaad and bells are played during the aarti, their sound destroys the negative energy inside the house.श्री दुर्गा आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कनक समान कलेवर,,रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।दुर्गा जी की आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#शर #दरग #आरत #Durga #Aarti #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF Detailsओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri AartiPDF Nameओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF नियमित रूप से ओम जय अम्बे गौरी आरती का जप करना माँ अम्बे को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। ‘ओम जय अम्बे गौरी’ एक हिंदू भजन (आरती) है जो भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती देवी को समर्पित है। यहाँ से आप बड़ी आसानी से Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF / ओम जय अम्बे गौरी आरती हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं।सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी अम्बे की मूर्ति या तस्वीर के सामने अम्बे आरती गाना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले अम्बे आरती का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी….. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
जय अम्बे गौरी,…।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी,…।कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी,…।केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी,…।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी,…।चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी,…।ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी,…।चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी,…।तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी,…।भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी,…।श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
जय अम्बे गौरी,…।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi / ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।#ओम #जय #अमब #गर #आरत #Jai #Ambe #Gauri #Aarti #PDF #HindiThe post ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi
जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----jai-ambe-gauri-aarti-391.jpg">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti</a>PDF Name<b>जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.75 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं जय अम्बे गौरी आरती PDF / Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi जय अम्बे गौरी आरती बहुत ही प्रचलित आरती है, जिसको देवी माता के विभिन्न पर्वों पर गाय जाता है। इस आरती को बहुत से लोग नियमित रूप से घर में गाते हैं। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। इस आरती का गायन करने से देवी माँ शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप जय अम्बे गौरी आरती PDF / Jai Ambe Gauri Aarti in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। jदेवी दुर्गा के आशीर्वाद से शत्रुओं का नाश होता है। नवरात्रि में पूजन के बाद जय अम्बे गौरी pdf का पाठ अवश्य करना चाहिए। आरती के बिना पूजन संपन्न नहीं होता है। प्रत्येक पूजन के अंत में आरती करना आवश्यक होता है। आरती करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।जय अम्बे गौरी आरती PDF | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥जय अम्बे गौरीमाँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को।उज्जवल से दो‌उ नैना,चन्द्रवदन नीको॥जय अम्बे गौरीकनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥जय अम्बे गौरीकेहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी।सुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥जय अम्बे गौरीकानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती।कोटिक चन्द्र दिवाकर,सम राजत ज्योति॥जय अम्बे गौरीशुम्भ-निशुम्भ बिदारे,महिषासुर घाती।धूम्र विलोचन नैना,निशिदिन मदमाती॥जय अम्बे गौरीचण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे।मधु-कैटभ दो‌उ मारे,सुर भयहीन करे॥जय अम्बे गौरीब्रहमाणी रुद्राणीतुम कमला रानी।आगम-निगम-बखानी,तुम शिव पटरानी॥जय अम्बे गौरीचौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरूँ।बाजत ताल मृदंगा,अरु बाजत डमरु॥जय अम्बे गौरीतुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता।भक्‍तन की दु:ख हरता,सुख सम्पत्ति करता॥जय अम्बे गौरीभुजा चार अति शोभित,वर-मुद्रा धारी।मनवान्छित फल पावत,सेवत नर-नारी॥जय अम्बे गौरीकन्चन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योति॥जय अम्बे गौरीश्री अम्बेजी की आरती,जो को‌ई नर गावै।कहत शिवानन्द स्वामी,सुख सम्पत्ति पावै॥जय अम्बे गौरी<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/kalash-sthapana-vidhi-hindi/">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi-hindi/">नवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-aarti-pdf/">शैलपुत्री माता की आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-vrat-katha-hindi/">माता शैलपुत्री की कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi/">नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF</a>Jai Ambe Gauri Aarti PDF<strong>You can download जय अम्बे गौरी आरती PDF / Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#जय #अमब #गर #आरत #Jai #Ambe #Gauri #Aarti #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%9c%e0%a4%af-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%80-jai-ambe-gauri-aarti-pdf-in-hindi">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.c…
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF Detailsकात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi AartiPDF Nameकात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDFNo. of Pages2PDF Size0.26 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / कात्यायनी देवी की आरती PDF जिसे आप माँ कात्यायनी की पूजा करते समय गा सकते हैं। मां कात्यायनी की पूजा सुख और शांति प्रदान करने वाली होती है। धर्म के अनुसार मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। पुराणों के अनुसार असुरों का संहार करने, भक्तों को अभय दान देने और देवताओं का कल्याण करने के लिए ही माता ने नौ रूप का अवतार लिया था।नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार कात्यायनी मां की पूजा मन को मजबूत करने के साथ-साथ इंद्रियों को वश में करने का काम करती हैं। धर्म के अनुसार अविवाहित व्यक्तियों के लिए मां कात्यायनी की पूजा बेहद लाभदायक होती है।कात्यायनी देवी की आरती PDF | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindiजय जय अंबे जय कात्यायनी ।
जय जगमाता जग की महारानी ।।बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / कात्यायनी देवी की आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#कतययन #दव #क #आरत #Katyayani #Devi #Aarti #PDF #HindiThe post कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF Detailsमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva AartiPDF Nameमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.84 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti Hindi PDF SummaryFriends, in this article we have given the download link for मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi to help you. This is a famous devotional song in honour of Maa Kali Devi. This beautiful bhajan was sung by Narendra Chanchal. Devotees sang this bhajan in Navratri during the worship of Maa Kali Devi. The lyrics of this bhajan was written by Balbir Nirdosh and music was given by Surinder Kohli.मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindiमंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।बुद्धि विधाता तू जग माता,
मेरा कारज सिद्ध करे,
चरण कमल का लिया सहारा,
शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।गुरु के वार सकल जग मोहयो,
तरूणी रूप अनूप धरे,
माता होकर होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे ।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई,
संत खड़े जयकार करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेट देन तेरे द्वार खड़े,
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,
सिर सोने का छत्र फिरे ।
वार शनिचर कुमकुम बरणी,
जब लुकड़ पर हुकुम करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,
रक्त बीज को भस्म करे,
शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे,
महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने को कष्ट हरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।कुपित होयकर दानव मारे,
चण्डमुण्ड सब चूर करे,
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जन की अर्ज कबूल करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।सात बार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे,
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरी ध्यान धरे,
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर कुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,
अटल भवन में राज करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#मगल #क #सव #सन #मर #दव #आरत #Mangal #Seva #Sun #Meri #Deva #Aarti #PDF #HindiThe post मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDF in Marathi
रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDF Detailsरेणुका माता आरती | Renuka Mata AartiPDF Nameरेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.71 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti Marathi PDF Summaryअश्विन शुक्ल प्रतिपदा ते नवमी पर्यंत नवरात्रोत्सव साजरा केला जातो। देवीची उपासना, उपवास, पूजा, उपासना, नमस्कार, जप, होम-हवन देशभर आपल्या स्वतःच्या पद्धती, कुळ, रीतिरिवाज आणि परंपरेनुसार केले जाते। रेणुकामातेचा उल्लेख महाभारत, हरिवंश आणि भागवत पुराणात आढळतो। रेणु राजाने शांती आणि उत्तम आरोग्यासाठी यज्ञ केला। यज्ञाच्या अग्नीतून रेणुका देवीचा जन्म झाला।रेणुका लहानपणापासूनच अत्यंत तेजस्वी, चपळ आणि लाघवी होती. वयाच्या आठव्या वर्षी अगस्ती ऋषींनी रेणु राजाला रेणुकेचा विवाह जमदग्नींबरोबर करण्याचे सुचवले। जमदग्नी हे रुचिक मुनी आणि सत्यवती यांचे पुत्र होते; खडतर तप करून त्यांनी देवांचे आशीर्वाद संपादन केले होते। लग्न झाल्यावर रेणुका आणि जमदग्नी मुनी सध्याच्या बेळगाव जिल्ह्याच्या सौंदत्ती भागात असलेल्या रामशृंग पर्वतराजीमध्ये राहत होते। रेणुका जमदग्नी मुनींना पूजाअर्चेत मदत करत असे। रेणुका मातेची आरती जय जय जगदंबे / Renuka Mata Aarti Lyrics in Marathiजय जय जगदंबे | श्री अंबे | रेणुके कल्पकदंबे | जय जय || धृ ||अनुपम स्वरुपाची तुझी धाटी | अन्य नसे या सृष्टी |तुज सम रूप दुसरे, परमेष्टी | करिता झाला कष्टी |शशीरस रसरसला ,वदनपुटी | दिव्य सुलोचन दृष्टी |सुवर्ण रत्नांच्या, शिरी मुकुटी | लोपती रविशशी कोटी |गजमुखी तुज स्तविले हेरंबे | मंगल सकळारंभे || जय जय || १ ||कुमकुम चिरी शोभे मळवटी | कस्तुरी टिळक लल्लाटी |नासिक अति सरळ, हनुवटी | रुचिरामृत रस ओठी |समान जणू लवल्या, धनुकोटी | आकर्ण लोचन भ्रुकुटी |शिरी नीट भांगवळी, उफराटी | कर्नाटकची घाटी |भुजंग नीळरंगा, परी शोभे | वेणी पाठीवर लोंबे || जय जय || २ ||कंकणे कनकाची मनगटी | दिव्य मुद्या दश बोटी |बाजूबंद जडे बाहुबटी | चर्चुनी केशर उटी | सुगंधी पुष्पांचे हार कंठी |बहु मोत्यांची दाटी | अंगी नवी चोळी, जरीकाठी | पीत पितांबर तगटी |पैंजण पदकमळी, अति शोभे | भ्रमर धावती लोभे || जय जय ||३ ||साक्षप तू क्षितिच्या तळवटी | तूचि स्वये जगजेठी |ओवाळीत आरती, दिपताटी | घेऊनी कर संपुष्टी |करुणामृत हृदये, संकटी | धावसी भक्तांसाठी |विष्णूदास सदा, बहुकष्टी | देशील जरी नीजभेटी |तरी मग काय उणे, या लाभे | धाव पाव अविलंबे || जय जय || ४ ||Benefits of Reciting Renuka Mata AartiThis Aarti brings health, wealth and prosperity.You can gain confidence by reciting this Aarti.Goddess saves you from enemies if you recite it regularly.You can seek the special blessings of Goddess Renuka by this Aarti.There are uncountable spiritual benefits of worshipping Goddess Renuka.You can download Renuka Mata Aarti in Marathi PDF by clicking on the following download button.#रणक #मत #आरत #Renuka #Mata #Aarti #PDF #MarathiThe post रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो | Udo Bola Udo Bola Ambabai Aarti Lyrics PDF in Marathi
उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो | Udo Bola Udo Bola Ambabai Aarti Lyrics PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-------udo-bola-udo-bola-ambabai-aarti-lyrics-793.jpg">उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो | Udo Bola Udo Bola Ambabai Aarti Lyrics</a>PDF Name<b>उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो | Udo Bola Udo Bola Ambabai Aarti Lyrics PDF</b>No. of Pages<b>7</b>PDF Size<b>0.62 MB</b>Language<b>Marathi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो | Udo Bola Udo Bola Ambabai Aarti Lyrics Marathi PDF SummaryUdo Bola Udo Ambabai Maulicha Ho is one of the most popular Aarti sung during the Navratri. Aarti is a very essential part of a Puja. Any Puja can’t be completed without the Aarti of that particular deity. This aarti is very much vibrating and filled with positive energy. You can feel better by singing this aarti.गुरुवार, ७ ऑक्टोबर २०२१ रोजी, घटस्थापना करून नवरात्रारंभ होईल। यंदा नवरात्राचा कालावधी आठच दिवसांचा असून, अश्विन शुद्ध प्रतिपदा या तिथीपासून नवरात्राला प्रारंभ होतो। नवरात्रोत्सवाची सांगता अश्विन शुद्ध दशमी या तिथीला होते। शारदीय नवरात्रोत्सवानिमित्ताने खास आपल्यासाठी नवरात्रीची आरती। उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो नवरात्रीची आरती PDFउदो बोला उदो अंबा बाई माउलीचा होउदोकार गर्जती काय महिमा वर्णू तिचा हो || धृ ||अश्विन शुद्धपक्षी अंबा बैसली सिंहासनी होप्रतिपदेपासून घटस्थापना ती करुनी होमूलमंत्र – जप करुनी भोवत रक्षक ठेवुनी होब्रह्म विष्णू रुद्र आईचे पूजन करिती हो || १ ||उदो बोलाद्वितीयेचे दिवशी मिळती चौषष्ठ योगिनी होसकळामध्ये श्रेष्ठ परशुरामाची जननी होकस्तुरी मळवट भांगी शेंदूर भरुनी होउदो:कार गर्जती सकळा चामुंडा मिळूनी हो || २ ||उदो बोलातृतीयेचे दिवशी अंबे शृंगार मांडीला होमळवट पातळ चोळी कंठी हार मुक्ताफळा होकंठीची पदके कासे पितांबर पिवळा होअष्टभुजा मिरविती अंबे सुंदर दिसे लीला हो || ३ ||उदो बोलाचतुर्थीचे दिवशी विश्व व्यापक जननी होउपासका पाहसी अंबे प्रसन्न अंत:करणी होपूर्णकृपे जगन्माते पाहसी मनमोहनी होभक्तांच्या माउली भक्त लोटांगणी हो || ४ ||उदो बोलापंचमीचे दिवशी व्रत ते उपांग ललिता होअर्ध पाद्य​ पूजेने तुजला भवानी स्तवती होरात्रीचे समयी करती जागरण हरीकथा होआनंदे प्रेम ते आले सद् भावे क्रिडता हो  || ५ ||उदो बोलाषष्ठीचे दिवशी भक्ता आनंद वर्तला होघेउनि दिवट्या हस्ते हर्षे गोंधळ घातला होकवडी एक अर्पिता देशी हार मुक्ताफळा होजोगवा मागता प्रसन्न झाली भक्त कुळा हो || ६ ||उदो बोलासप्तमीचे दिवशी सप्तशृंग गडावरी होतेथे तु नांदसी भोवती पुष्पे नानापरी होजाईजुई शेवंती पूजा रेखियली बरवी होभक्त संकटी पडता झेलुनी घेशी वरचेवरी हो || ७ ||उदो बोलाअष्टमीचे दिवशी अंबा अष्टभुजा नारायणी होसह्याद्री पर्वती पाहिली उभी जगद्जननी होमन माझे मोहिले शरण आलो तुज लागुनी होस्तनपान देउनि सुखी केले अंत:करणी हो || ८ ||उदो बोलानवमीचे दिवशी नव दिवसांचे पारणे होसप्तशती जप होम हवने सद्भक्ती करुनी होषडरस अन्ने नेवैद्याशी अर्पियली भोजनी होआचार्य ब्राह्मणा तृप्त केले कृपे करुनी हो || ९ ||उदो बोलादशमीचे दिवशी अंबा निघे सिमोल्लंघनी होसिंहारूढ दारूण शस्त्रे अंबे त्वां घेउनी होशुंभनीशुंभादीक राक्षसा किती मारसी राणी होविप्रा रामदासा आश्रय दिधला तो चरणी हो || १० ||उदो बोला How to Recite Udo Bola Udo Bola Ambabai Maulicha Ho AartiFirstly get ready after taking bath.Place a wood plank and cover it with red cloth.Invoke Goddess Amba at the Puja place.Now Recite Navratri Vrat Katha.After reciting the Katha now sing Udo Bola Ambabai Aarti.At the end take the blessings of Mata Amba<strong>You can download उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो pdf by clicking on the following download button.</strong>#उद #बल #उद #अबबई #मऊलच #ह #Udo #Bola #Udo #Bola #Ambabai #Aarti #Lyrics #PDF #MarathiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%89%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%89%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%8a%e0%a4%b2">उदो बोला उदो अंबाबाई माऊलीचा हो | Udo Bola Udo Bola…
माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi
माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF Detailsमाँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi AartiPDF Nameमाँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.18 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti Hindi PDF SummaryGuys, In this article we are going to share माँ कुष्मांडा देवी आरती PDF / Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi through which you can download the aarti. Today is the fourth day of Chaitra Navratri. Maa Kushmanda is worshiped on the Chaturthi Tithi of Shukla Paksha of Chaitra month. Mother Kushmanda with eight arms destroys all the troubles and sorrows of her devotees. Adishakti Maa Durga took the form of Kushmanda to suppress the demons. Maa Kushmanda loves red flowers, at the time of worship, offer her a hibiscus flower.On the fourth day of Navratri, you should please Maa Kushmanda by chanting the following mantras. At the end of the puja, perform the aarti of Maa Kushmanda, due to which the mother will be pleased and fulfill all your wishes.माँ कुष्मांडा देवी आरती PDF | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindiमां कूष्मांडा आरतीकूष्मांडा जय जग सुखदानी।मुझ पर दया करो महारानी॥पिगंला ज्वालामुखी निराली।शाकंबरी माँ भोली भाली॥लाखों नाम निराले तेरे ।भक्त कई मतवाले तेरे॥भीमा पर्वत पर है डेरा।स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥सबकी सुनती हो जगदंबे।सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥तेरे दर्शन का मैं प्यासा।पूर्ण कर दो मेरी आशा॥माँ के मन में ममता भारी।क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥तेरे दर पर किया है डेरा।दूर करो माँ संकट मेरा॥मेरे कारज पूरे कर दो।मेरे तुम भंडारे भर दो॥तेरा दास तुझे ही ध्याए।भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप माँ कुष्मांडा देवी आरती PDF / Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#म #कषमड #दव #आरत #Maa #Kushmanda #Devi #Aarti #PDF #HindiThe post माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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माहुर गडावरी ग तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDF in Marathi
माहुर गडावरी ग तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDF Detailsमाहुर गडावरी ग तुझा वास | Mahur Gadavari AartiPDF Nameमाहुर गडावरी ग तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.51 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
माहुर गडावरी ग तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti Marathi PDF SummaryMahur Gadavari Aarti is a very well-known Aarti in Marathi. You should sing this aarti after the Durga Puja so that you can get the desired result from your Durga Pujan. There are many people who used this aarti as a ringtone in their phone because it is very sweet and effective.माहूर गदावरी आरती ही मराठीतील एक अतिशय प्रसिद्ध आरती आहे. तुम्ही दुर्गा पूजेनंतर ही आरती गायला पाहिजे जेणेकरून तुम्हाला तुमच्या दुर्गा पूजनाचा अपेक्षित परिणाम मिळेल. असे बरेच लोक आहेत ज्यांनी या आरतीचा उपयोग त्यांच्या फोनमध्ये रिंगटोन म्हणून केला कारण ती खूप गोड आणि प्रभावी आहे. माहुर गडावरी ग तुझा वास देवीची आरती / Mahur Gadavari Aarti Lyrics in Marathi PDFमाहुर गडावरी ग माहुर गडावरी ग तुझा वास । भक्त येती ते दर्शनास ॥ धृ॥पिवळे पातळ ग पिवळे पातळ बुट्टीदारअंगी चोळी ती हिरवीगार ।पितांबराची ग पितांबराची खोविली कास ॥ भक्त येती ॥बिंदी बिजवरा गं बिंदी बिजवरा गं भाळी शोभे ।काफ बाल्याने कान ही साजे ।इच्या नथेला ग इच्या नथेला ग हिरवे घोस ॥ भक्त येती ॥सरीठुसीत गं सरीठुसीत मोहनमाळ ।जोडवे मासोळ्या पैंजन चाळ ।पट्टा सोन्याचा गं पट्टा सोन्याचा शोभे कमरेस ॥ भक्त येती ॥जाईजुईची गं जाईजुईची आणिली फुले ।तुरे हार माळीने गुंफीयेले ।गळा शोभे तो गं रुप शोभे तो गं । आनंदास ॥ भक्त येती ॥हिला बसायला गं हिला बसायला चांदीचा पाट ।हिला जेवायला चांदीचे ताट ।पुरण पोळीची ग पुरण पोळीची आवड सुरस ॥ भक्त येती ॥मुखी तांबुल पाचशे पानांचा ।मुखकमली रंग लालीचा ।खणानारळाची खणानारळाची ओटी तुला ॥ भक्त येती ॥विष्णुदासाची गं विष्णुदासाची विनवणी तुला ।माझ्या जनार्दनी चरणी माता भगिनींना गं माता भगिनींना सौभाग्यदायीव्हावे अखंड अखंडीत पावनीसदा उधळती गं सदा उधळती गं हळदीला ॥भक्त येती ॥You can download माहुर गडावरी आरती pdf / Mahur Gadavari Aarti PDF by clicking on the following download button.#महर #गडवर #ग #तझ #वस #Mahur #Gadavari #Aarti #PDF #MarathiThe post माहुर गडावरी ग तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi
चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF Detailsचंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki AartiPDF Nameचंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.71 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनवरात्री के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माँ चंद्रघंटा का यह स्वरूप परम सौम्य व शांतिदायक है। चंद्रघंटा देवी के मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। देवी ग्रंथों में इन्हें स्वर्ण वर्ण कहा गया है। इनके दस हाथ होते हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। सिंह माता चंद्रघंटा का वाहन है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है।देवी चंद्रघंटा के दिन लोग इनका व्रत करते हैं तथा पूजन करते हैं। देवी के पूजन के अंत में आरती अवश्य करनी चाहिए। देवी चंद्रघंटा की आरती बहुत ही मधुर एवं प्रचलित है। प्रचलित होने के कारण यह आरती नवरात्री के तीसरे दिन प्रत्येक घर में गयी जाती है। देवी चंद्रघंटा के पूजन व उपवास के व्यक्ति के सौंदर्य में वृद्धि होती है। मां चंद्रघंटा की आरती / Maa Chandraghanta Aarti Lyricsजय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।पूर्ण कीजो मेरे काम॥चन्द्र समाज तू शीतल दाती।चन्द्र तेज किरणों में समाती॥मन की मालक मन भाती हो।चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥सुन्दर भाव को लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली॥हर बुधवार को तुझे ध्याये।श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥शीश झुका कहे मन की बाता।पूर्ण आस करो जगत दाता॥कांचीपुर स्थान तुम्हारा।कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥नाम तेरा रटू महारानी।भक्त की रक्षा करो भवानी॥ माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र / Maa Chandraghanta Beej Mantraया देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।चंद्रघंटा माता का श्लोक / Maa Chandraghanta Shlokaपिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता |प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||माँ चंद्रघंटा पूजा विधि / Chandraghanta Mata Puja Vidhiसर्वप्रथम प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें।अब मां चंद्रघंटा माता का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और मिष्ठान अर्पित करें।अब मां चंद्रघंटा की आरती करें।अंत में देवी माँ से आशीर्वाद ग्रहण करें।You can download Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#चदरघट #मत #क #आरत #Chandraghanta #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDF in Hindi
अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDF Detailsअम्बे तू है जगदम्बे काली आरती | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali AartiPDF Nameअम्बे तू है जगदम्बे काली आरती | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDFNo. of Pages2PDF Size0.05 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable athanumanchalisalyric.comDownload LinkAvailable Downloads26
अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Hindi PDF SummaryIn this article, we have given the download link for Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDF in Hindi / अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती PDF. Chanting Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti regularly during Navratri pleases Maa Ambe and is a good way to get Maa Ambe blessings. Ambe Mata is the primal power which is the supreme power. She is the manifestation of Maa Durga and another name for Goddess Parvati. ‘Ambe Tu Hai Jagdamba Kali’ is a Hindu hymn (aarti) dedicated to Goddess Parvati Devi, the wife of Lord Shiva. Below we have provided the download link for अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती इन हिंदी लिरिक्स PDF | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics in Hindi PDFअम्बे तू है जगदम्बे काली आरती PDF | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDFअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली lतेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llतेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी lदानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी llसौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली lदुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llमाँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता lपूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता llसब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली lदुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llनहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना lहम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना llसबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली lसतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली lतेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llअम्बे तू है जगदम्बे काली आरती इन हिंदी लिरिक्स PDF | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics in Hindi PDFकोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी है। नवरात्रि के इस पावन पर्व में माता भगवती की आरती आप भी पढ़ें। संपूर्ण पूजा के बाद आरती को जोर-जोर से गाकर पढ़ना चाहिए। माना जाता है कि माता अम्बे गौरी की आरती करने से मनुष्य के सभी दुख दूर हो जाते हैं, साथ ही घर में धन, वैभव और सुख-समृद्धि का वास होता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा की आरती करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।Here you can download the Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDF in Hindi / अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती PDF by click on the link given below.#अमब #त #ह #जगदमब #कल #आरत #Ambe #Hai #Jagdambe #Kali #Aarti #PDF #HindiThe post अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती | Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDF in Hindi
संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDF Detailsसंतोषी माता आरती | Santoshi Mata AartiPDF Nameसंतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.71 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं संतोषी माता आरती PDF / Santoshi Mata Aarti PDF in Hindi सनातन धर्म में अनेक देवी – देवताओं का वर्णन आता है किन्तु हमारे हिन्दू धर्म में ऐसे भी देवी – देवता प्रचलित हैं जिनका उल्लेख वैदिक धर्म ग्रंथो में नहीं आता है। संतोषी माता जी भी उन्ही देवी में से एक हैं। जिनकी स्थानीय लोगो में अत्यधिक मान्यता है। संतोषी माता जी की कृपा प्राप्त करने एवं उन्हें प्रसन्न करने हेतु उनके भक्त अनेक प्रकार के उपाय करते हैं। जिनमे से संतोषी आरती का भी अपना ही एक विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि संतोषी माता आरती का पाठ करने से भक्तों के अनेक प्रकार के कष्ट तत्काल ही दूर हो जाते है।संतोषी माता की चालीसा और आरती एवं व्रत का नियमत रूप से पालन करने से भी मनुष्य के जीवन के सारे दुःख दूर होते हैं एवं घर में प्रसन्नता, शांति एवं सौहार्द का वातावरण बना रहता है। यहाँ हमने आपके लिए श्री संतोषी माता आरती भी उपलब्ध की है जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। श्री संतोषी माता आरती हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।संतोषी माता आरती PDF | Santoshi Mata Aarti Lyrics PDF in Hindi ॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता।अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥जय सन्तोषी माता॥सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों।हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥जय सन्तोषी माता॥गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे।मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥जय सन्तोषी माता॥स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर ढुरें प्यारे।धूप दीप मधुमेवा,भोग धरें न्यारे॥जय सन्तोषी माता॥गुड़ अरु चना परमप्रिय,तामे संतोष कियो।सन्तोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो॥जय सन्तोषी माता॥शुक्रवार प्रिय मानत,आज दिवस सोही।भक्त मण्डली छाई,कथा सुनत मोही॥जय सन्तोषी माता॥मन्दिर जगमग ज्योति,मंगल ध्वनि छाई।विनय करें हम बालक,चरनन सिर नाई॥जय सन्तोषी माता॥भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै।जो मन बसै हमारे,इच्छा फल दीजै॥जय सन्तोषी माता॥दुखी दरिद्री, रोग,संकट मुक्त किये।बहु धन-धान्य भरे घर,सुख सौभाग्य दिये॥जय सन्तोषी माता॥ध्यान धर्यो जिस जन ने,मनवांछित फल पायो।पूजा कथा श्रवण कर,घर आनन्द आयो॥जय सन्तोषी माता॥शरण गहे की लज्जा,राखियो जगदम्बे।संकट तू ही निवारे,दयामयी अम्बे॥जय सन्तोषी माता॥सन्तोषी माता की आरती,जो कोई जन गावे।ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति,जी भरकर पावे॥जय सन्तोषी माता॥श्री संतोषी माता आरती PDF / Santoshi Mata Aarti Hindi PDF डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।#सतष #मत #आरत #Santoshi #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી | Jay Aadhya Shakti Aarti PDF in Gujarati
ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી | Jay Aadhya Shakti Aarti PDF Detailsગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી | Jay Aadhya Shakti AartiPDF Nameગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી | Jay Aadhya Shakti Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.10 MBLanguageGujaratiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી | Jay Aadhya Shakti Aarti Gujarati PDF SummaryToday we are going to share Jay Aadhya Shakti Aarti PDF / ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી PDF for our daily users. Navratri festival is celebrated from Ashwin Shukla Pratipada to Navami. Worship of the goddess, fasting, worship, upasana, namaskar, chanting, homa-havan is performed all over the country according to our own ways, clans, customs and traditions.Jay Aadhya Shakti Aarti PDF in Gujarati | ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી PDFજય આદ્ય શક્તિ મા જય આદ્ય શક્તિ
અખંડ બ્રહ્માંડ દીપાવ્યા, પડવે પ્રકટ્યા મા … ઓમદ્વિતીયા બે સ્વરૂપ, શિવ શક્તિ જાણું
બ્રહ્મા ગણપતિ ગાવે, હર ગાયે હર માં … ઓમતૃતિયા ત્રણ સ્વરૂપ, ત્રિભુવનમાં બેઠા
ત્રયા થકી તરવેણી તું તરવેણી મા … ઓમચોથે ચતુરા મહાલક્ષ્મી મા, સચરાચર વ્યાપ્યા
ચાર ભૂજા ચૌ દિશા, પ્રકટ્યા દક્ષિણમાં … ઓમપંચમે પંચ ઋષિ, પંચમી ગુણ પદ્મા
પંચ તત્વ ત્યાં સોહીએ, પંચે તત્વોમાં … ઓમષષ્ઠી તું નારાયણી, મહિષાસુર માર્યો
નર નારીના રૂપે, વ્યાપ્યા સર્વે મા … ઓમસપ્તમી સપ્ત પાતાલ, સાવિત્રી સંધ્યા
ગૌ ગંગા ગાયત્રી, ગૌરી ગીતા મા … ઓમઅષ્ટમી અષ્ટ ભૂજા, આઈ આનંદા
સુરનર મુનીવર જનમ્યા, દેવ દૈત્યોમાં … ઓમનવમી નવકુળ નાગ, સેવે નવદુર્ગા
નવરાત્રીના પૂજન, શિવરાત્રીના અર્ચન, કીધા હર બ્રહ્મા … ઓમદશમી દશ અવતાર, જય વિજયા દશમી
રામે રામ રમાડ્યા, રાવણ રોળ્યો મા … ઓમએકાદશી અગિયારસ, કાત્યાયની કામા
કામદુર્ગા કાલિકા, શ્યામા ને રામા … ઓમબારસે બાળા રૂપ, બહુચરી અંબા મા
બટુક ભૈરવ સોહીએ, કાળ ભૈરવ સોહીએ, તારા છે તુજ મા … ઓમતેરસે તુળજા રૂપ, તમે તારુણી માતા
બ્રહ્મા વિષ્ણુ સદાશીવ, ગુણ તારા ગાતાં … ઓમચૌદશે ચૌદ સ્વરૂપ, ચંડી ચામુંડા
ભાવ ભક્તિ કંઇ આપો, ચતુરાઇ કંઇ આપો, સિંહવાહીની મા … ઓમપૂનમે કુંભ ભર્યો, સાંભળજો કરુણા
વશિષ્ઠ દેવે વખાણ્યા, માર્કંડ દેવે વખાણ્યા, ગાઈ શુભ કવિતા … ઓમસંવત સોળ સત્તાવન, સોળસે બાવીસમાં
સંવત સોળે પ્રગટ્યા, રેવાને તીરે, મા ગંગાને તીરે … ઓમત્રંબાવટી નગરી, મા રૂપાવતી નગરી
સોળ સહસ્ત્ર ત્યાં સોહીએ, ક્ષમા કરો ગૌરી, મા દયા કરો ગૌરી … ઓમશિવશક્તિની આરતી જે કોઇ ગાશે, જે ભાવે ગાશે
ભણે શિવાનંદ સ્વામી, સુખ સંપત્તિ થાશે,
હર કૈલાસે જાશે, મા અંબા દુઃખ હરશે … ઓમએ બે એક સ્વરૂપ, અંતર નવ ગણશો
ભોળા ભવાનીને ભજતાં, ભવસાગર તરશો … ઓમHere you can download the Jay Aadhya Shakti Aarti PDF / ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી PDF by click on the link given below.#ગજરત #મ #જય #અધય #શકત #આરત #Jay #Aadhya #Shakti #Aarti #PDF #GujaratiThe post ગુજરાતી માં જય અધ્ય શક્તિ આરતી | Jay Aadhya Shakti Aarti PDF in Gujarati appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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देवीची आरती मराठी | Devichi Aarti PDF in Marathi
देवीची आरती मराठी | Devichi Aarti PDF Detailsदेवीची आरती मराठी | Devichi AartiPDF Nameदेवीची आरती मराठी | Devichi Aarti PDFNo. of Pages2PDF Size0.54 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
देवीची आरती मराठी | Devichi Aarti Marathi PDF Summaryमित्रांनो, आज आम्ही तुमच्यासाठी देवीची आरती मराठी PDF | Devichi Aarti PDF in Marathi घेऊन आलो आहोत. अश्विन शुक्ल प्रतिपदा ते नवमी पर्यंत नवरात्रोत्सव साजरा केला जातो. देवीची उपासना, उपवास, पूजा, उपासना, नमस्कार, जप, होम-हवन देशभर आपल्या स्वतःच्या पद्धती, कुळ, रीतिरिवाज आणि परंपरेनुसार केले जाते. माता दुर्गाची शक्ती प्राप्त करण्यासाठी नियमितपणे दुर्गा देवीची आरती पूर्ण भक्तीने गावी. जीवनाची प्रत्येक लढाई जिंकण्यासाठी आई देवी तुम्हाला मदत करेल आणि तुमच्या सर्व कार्यात विजय देईल. पूजेच्या वेळी दुर्गा देवीची आरती गायली जाते.देवीची आरती मराठी PDF | Devichi Aarti in Marathi PDFदुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥
वारी वारीं जन्ममरणाते वारी ।
हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥ १ ॥जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी ।
सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ. ॥त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही ।
चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं ॥
साही विवाद करितां पडिले प्रवाही ।
ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही ॥ २ ॥प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां ।
क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा ॥
अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा ।
नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥ ३ ॥नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप देवीची आरती मराठी PDF | Devichi Aarti PDF in Marathi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#दवच #आरत #मरठ #Devichi #Aarti #PDF #MarathiThe post देवीची आरती मराठी | Devichi Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF in Hindi
ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----maa-brahmacharini-mata-aarti--490.jpg">ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti</a>PDF Name<b>ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.39 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti Hindi PDF Summaryनवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माँ की पूजा-अर्चना की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। ब्रह्मचारिणी माता का स्वभाव बहुत ही समय है तथा वह तप की मुद्रा में रहती हैं।ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन करने के पश्चात् उनकी आरती करना भी बहुत ही आवश्यक है। नवरात्रि के समय पूजन करते समय देवी ब्रह्मचारिणी पूजन का विशेष महत्व हैं। जो व्यक्ति साधना के मार्ग पर चलना चाहते हैं, उन्हें देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा अवश्य करनी चाहिए तथा माता की कृपा प्राप्त करते हुए साधना करनी चाहिए। माँ ब्रह्मचारिणी की आरती लिरिक्स / Maa Brahmacharini Aarti in Hindi Lyricsजय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सरल संसारा॥जय गायत्री वेद की माता।जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥कमी कोई रहने ना पाए।कोई भी दुख सहने न पाए॥उसकी विरति रहे ठिकाने।जो तेरी महिमा को जाने॥रद्रक्षा की माला ले कर।जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥आलस छोड़ करे गुणगाना।माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।पूर्ण करो सब मेरे काम॥भक्त तेरे चरणों का पुजारी।रखना लाज मेरी महतारी॥माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्रॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥Om Devi Brahmacharinyai Namah॥माँ ब्रह्मचारिणी वैदिक मंत्रदधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥माँ ब्रह्मचारिणी स्तुतिया देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/durga-saptashati-kavach-hindi/">दुर्गा सप्तशती कवच हिंदी में | Durga Saptashati Kavach PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/jai-ambe-gauri-aarti/">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/kalash-sthapana-vidhi-hindi/">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi-hindi/">नवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-aarti-pdf/">शैलपुत्री माता की आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-vrat-katha-hindi/">माता शैलपुत्री की कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi/">नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF</a><a href="https://pdffile.co.in/shri-durga-chalisa-hindi/">श्री दुर्गा चालीसा | Shri Durga Chalisa PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/108-names-of-maa-durga-hindi/">माँ दुर्गा के 108 नाम | 108 Names of Maa Durga PDF in Hindi</a><strong>You can download Maa Brahmacharini Aarti PDF by clicking on the following download button.</strong>#बरहमचरण #मत #क #आरत #Maa #Brahmacharini #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%a3%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a4">ब्रह्मचारिणी…
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF Detailsशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata AartiPDF Nameशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.72 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है। इनके पिता का नाम पर्वतराज हिमालय है। पर्वतराज हिमलाय जी की पुत्री होने के कारण ही इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता है। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ अथवा बैल है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष की कन्या के जन्म लिया था, तब इनका एक नाम ‘सती’ भी था। इनका विवाह भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था। देवी शैलपुत्री के पूजन से नवदुर्गा महोत्सव का आरम्भ होता है। अतः इनकी पूजा विधि – विधान से करनी चाहिए।शैलपुत्री माता की आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDFशैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥शैलपुत्री माता की आरती कैसे करें?सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करें।अब देवी माँ का आवाहन करें।देवी माँ को पुष्प, चन्दन, अक्षत आदि अर्पित करें।तत्पश्चात देवी शैलपुत्री माँ की कथा पढ़ें।अब देवी शैलपुत्री की आरती करें।अंत में सपरिवार देवी माँ का आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in HindiYou can download शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF by clicking on the following download button.#शलपतर #मत #क #आरत #Shailputri #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi
हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF Detailsहनुमान जी की आरती | Hanuman AartiPDF Nameहनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको हनुमान जी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। किसी भी धार्मिक आयोजन में आरती का बहुत अधिक महत्व होता है। आरती के बिना कोई भी अनुष्ठान संपन्न नहीं होता है। ठीक उसी प्रकार श्री हनुमान पूजन की सम्पन्नता हेतु हनुमान आरती भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। हनुमान जी की आरती हिंदी भाषा में लिखी गयी है, जिसे कोई भी सरलता से पढ़ा व गा सकता है।इस मधुर व दिव्य आरती के गायन से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं तथा हनुमत पूजन व अनुष्ठान का सम्पूर्ण लाभ मिलता है। आरती करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे आरती करते समय हनुमान जी के एकदम सामने खड़े न होएं बल्कि उनकी दायीं ओर खड़े होकर आरती करें।हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Aarti PDF in Hindiआरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥लंका जारि असुर संहारे।सियारामजी के काज सवारे॥ लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे॥पैठि पाताल तोरि जम-कारे।अहिरावण की भुजा उखारे॥ बाएं भुजा असुरदल मारे।दाहिने भुजा संतजन तारे॥सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥ कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥जो हनुमानजी की आरती गावे।बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥ श्री हनुमान जी की आरती के लाभइस आरती को प्रतिदिन करने से मानसिक शांति मिलती है।श्री हनुमान जी की आरती को भक्तिभाव से गाने से श्री राम जी भी प्रसन्न होते हैं।हनुमान जी अजर – अमर हैं, अतः उनकी आराधना से वह आपके साथ रहते हैं।किसी भी पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए आरती करना बहुत आवश्यक है।इस आरती के प्रभाव से घर में सकारत्मकता आती है।You can download हनुमान जी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#हनमन #ज #क #आरत #Hanuman #Aarti #PDF #HindiThe post हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDF in Hindi
श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDF Detailsश्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti LyricsPDF Nameश्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDFNo. of Pages5PDF Size0.63 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री सत्यनारायण भगवान की आरती PDF फाइल के रूप में निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के पूजन अथवा अनुष्ठान के अंत में आरती करना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी प्रकार श्री सत्यनारायण व्रत के समय श्री सत्यनारायण व्रत कथा का आरती सहित आयोजन किया जाना चाहिए। श्री सत्यनारायण भगवान् की यह आरती बहुत ही मधुर तथा कर्णप्रिय है।आप सभी को इस आरती की पीडीऍफ़ प्राप्त करने के लिए कहीं ओर जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमने अपने प्यारे पाठकों के लिए सत्यनारायण आरती PDF का लिंक दिया हुआ है, जिसके माध्यम से आप इस आरती को डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपने सत्यनारायण व्रत को सफल बना सकते हैं। सत्यनारायण व्रत कथा आरती PDF / Shri Satyanarayan Vrat Aarti in Hindi Written PDF ॥ आरती श्री सत्यनारायणजी ॥जय लक्ष्मीरमणा श्री जय लक्ष्मीरमणा।सत्यनारायण स्वामी जनपातक हरणा॥जय लक्ष्मीरमणा।रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे।नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे॥जय लक्ष्मीरमणा।प्रगट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो।बूढ़ो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो॥जय लक्ष्मीरमणा।दुर्बल भील कठारो इन पर कृपा करी।चन्द्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी॥जय लक्ष्मीरमणा।वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीनी।सो फल भोग्यो प्रभुजी फिर स्तुति कीनी॥जय लक्ष्मीरमणा।भाव भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धर्यो।श्रद्धा धारण कीनी तिनको काज सर्यो॥जय लक्ष्मीरमणा।ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी।मनवांछित फल दीनो दीनदयाल हरी॥जय लक्ष्मीरमणा।चढ़त प्रसाद सवाया कदली फल मेवा।धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेवा॥जय लक्ष्मीरमणा।श्री सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥जय लक्ष्मीरमणा। श्री सत्यनारायण व्रत आरती विधि / Satyanarayan Aarti PDF Vidhi in Hindiसर्वप्रथम स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।अब एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान् श्री सत्यनारायण जी की स्थापना करें।तत्पश्चात श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें।संभव हो तो श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करें।अब सत्यनारायण भगवान् जी को पीले पुष्प, फल तथा धुप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।पूजन के अंत में श्री सत्यनारायण भगवान् जी की आरती करें तथा प्रभु से आशीर्वाद ग्रहण करें। You may also like :सत्यनारायण व्रत कथा | Satyanarayan Vrat Katha PDF in Hindi श्री सत्यनारायण व्रत आरती PDF प्राप्त करने हेतु नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Satyanarayan Vrat Aarti in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #सतयनरयण #आरत #Satyanarayan #Aarti #Lyrics #PDF #HindiThe post श्री सत्यनारायण आरती | Satyanarayan Aarti Lyrics PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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