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पण्डित ी | Pandit Ji | अज्ञात – Unknown
Title पण्डित ी | Pandit Ji Author अज्ञात – Unknown Keywords कहानियाँ / Stories #पणडत #ज #Pandit ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post पण्डित ी | Pandit Ji
| अज्ञात – Unknown
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श्री गीता ी | Shri Geeta Ji | शोभालाल शास्त्री – Shobhalal Shastri
Title श्री गीता ी | Shri Geeta Ji Author शोभालाल शास्त्री – Shobhalal Shastri Keywords धार्मिक / Religious, हिंदू – Hinduism #शर #गत #ज #Shri #Geeta ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post श्री गीता ी | Shri Geeta Ji
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ो सुधर्मा स्वामी ने सना देव | Jo Sudharma Swami Ne Sana Deva | अज्ञात – Unknown
Title ो सुधर्मा स्वामी ने सना देव | Jo Sudharma Swami Ne Sana Deva Author अज्ञात – Unknown Keywords धार्मिक / Religious, पत्रिका / Magazine #ज #सधरम #सवम #न #सन #दव #Sudharma #Swami #Sana #Deva ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post ो सुधर्मा स्वामी ने सना देव | Jo Sudharma Swami Ne Sana Deva
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प्रसाद ी के तीन नाटक | Prasad Ji Ke Teen Natak | अज्ञात – Unknown
Title प्रसाद ी के तीन नाटक | Prasad Ji Ke Teen Natak Author अज्ञात – Unknown Keywords कहानियाँ / Stories #परसद #ज #क #तन #नटक #Prasad #Teen #Natak ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post प्रसाद ी के तीन नाटक | Prasad Ji Ke Teen Natak
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गुप्त ी की काव्य धारा | Gupt Ji Ki Kavya Dhara | गिरिादत्त शुक्ल ‘गिरीश’ – Girijadatt Shukl ‘Girish’
Title गुप्त ी की काव्य धारा | Gupt Ji Ki Kavya Dhara Author गिरिादत्त शुक्ल ‘गिरीश’ – Girijadatt Shukl ‘Girish’ Keywords काव्य / Poetry #गपत #ज #क #कवय #धर #Gupt #Kavya #Dhara ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post गुप्त ी की काव्य धारा | Gupt Ji Ki Kavya Dhara
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चित्रगुप्त ी की आरती | Chitragupta Aarti PDF in Hindi
चित्रगुप्त ी की आरती | Chitragupta Aarti PDF Detailsचित्रगुप्त ी की आरती | Chitragupta AartiPDF Nameचित्रगुप्त ी की आरती | Chitragupta Aarti PDFNo. of Pages1PDF Size0.03 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atgodsandprayers.comDownload LinkAvailable Downloads26
चित्रगुप्त ी की आरती | Chitragupta Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको चित्रगुप्त ी की आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। भाईदू के दिन श्री चित्रगुप्त ी का पंचामृत स्नान, श्रृंगार, हवन, आरती तथा कलम-दवात की पूा की ाती है। भाई का तिलक करने से पहले बहनें चित्रगुप्त ी की पूा अर्चना करती हैं। चित्रगुप्त की आरती करने से भाई की उम्र लम्बी होती है। अगर घर में उनकी तस्वीर न हो तो चित्रगुप्त ी के प्रतीक एक कलश को स्थापित कर पूजन करें। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप चित्रगुप्त महारा की आरती PDF / Chitragupta Aarti in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।दीपक जलाएं तथा सबसे पहले श्री गणेश की पूा अर्चना करने के बाद भगवान चित्रगुप्त ी को चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, पुष्प व धूप आदि से विधि-विधान से पूजन करें।चित्रगुप्त ी की आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindiॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित,
फलको पूर्ण करे॥विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,
सन्तनसुखदायी ।
भक्तों के प्रतिपालक,
त्रिभुवनयश छायी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥रूप चतुर्भु, श्यामल मूरत,
पीताम्बरराै ।
मातु इरावती, दक्षिणा,
वामअंग साै ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,
प्रभुअंतर्यामी ।
सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,
प्रकटभये स्वामी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥कलम, दवात, शंख, पत्रिका,
करमें अति सोहै ।
वैजयन्ती वनमाला,
त्रिभुवनमन मोहै ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,
ब्रम्हाहर्षाये ।
कोटि कोटि देवता तुम्हारे,
चरणनमें धाये ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,
यादतुम्हें कीन्हा ।
वेग, विलम्ब न कीन्हौं,
इच्छितफल दीन्हा ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥दारा, सुत, भगिनी,
सबअपने स्वास्थ के कर्ता ।
ाऊँ कहाँ शरण में किसकी,
तुमतज मैं भर्ता ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥बन्धु, पिता तुम स्वामी,
शरणगहूँ किसकी ।
तुम बिन और न दूा,
आसकरूँ िसकी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ो जन चित्रगुप्त ी की आरती,
प्रेम सहित गावैं ।
चौरासी से निश्चित छूटैं,
इच्छित फल पावैं ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी,
पापपुण्य लिखते ।
‘नानक’ शरण तिहारे,
आसन दूी करते ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित,
फलको पूर्ण करे ॥चित्रगुप्त महारा की आरती PDF | Chitragupta Aarti in Hindi PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप चित्रगुप्त ी की आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#चतरगपत #ज #क #आरत #Chitragupta #Aarti #PDF #HindiThe post चित्रगुप्त ी की आरती | Chitragupta Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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लक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDF in Hindi
लक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDF Detailsलक्ष्मी ी की आरती लिखित मेंPDF Nameलक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDFNo. of Pages5PDF Size0.62 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
लक्ष्मी ी की आरती लिखित में Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको लक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDF के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। हर कोई घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं । धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन पूा करने विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी ी की आरती करने से माता आपके सारे दुखों को मिटा देती हैं तथा आपको आजीवन खुशाल ीवन ीने की प्रेरणा देती हैं। श्री लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु ी की पत्नी हैं। मां पार्वती और सरस्वती के साथ, वह त्रिदेवियोँ मे से एक हैं और धन, सम्पदा, शांति और समृद्धि की देवी मानी ाती हैं। दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश ी के साथ पूा की ाती है।लक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDFॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया ी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाताॐ जय लक्ष्मी माता-2दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता-2जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो ाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता-2शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-ातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2महालक्ष्मीी की आरती, ो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर ाताॐ जय लक्ष्मी माता-2ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया ी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2लक्ष्मी आरती पूा विधि PDFशुक्रवार के दिन नारायण पाठ करें और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।मां लक्ष्मी को लाल बिंदी, सिंदूर, लाल चुनरी और लाल चूड़ियां भी अर्पित करें।शुक्रवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें, लाल रंग शुभ माना ाता है।चावल की पोटली बनाकर हाथ में लेकर ओम श्रीं श्रीये नम: का पांच माला ाप करें. फिर इस पोटली को तिोरी में रख दें, मां की कृपा बनी रहेगी ।मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हाथ में पांच लाल रंग के फूल लेकर माता का ध्यान लगाना चाहिए. लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव आपके घर में बनी रहेगी।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप लक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#लकषम #ज #क #आरत #लखत #म #PDF #HindiThe post लक्ष्मी ी की आरती लिखित में PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धन्वंतरि ी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi
धन्वंतरि ी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF Detailsधन्वंतरि ी की आरती | Dhanvantari AartiPDF Nameधन्वंतरि ी की आरती | Dhanvantari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
धन्वंतरि ी की आरती | Dhanvantari Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धन्वंतरि ी की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् धन्वंतरि ी को स्वाथ्य का देवता माना ाता है। धन्वंतरि ी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि – विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि ी की पूा – अर्चना करने से विभिन्न प्रकार की स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याओं का नाश होता हैं।धन्वन्तरि ी की पूा वैसे तो आप प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप प्रतिदिन पूजन करने में असमर्थ हैं तो कम से कम धनतेरस के दिन तो आपको भगवान् श्री धन्वंतरि ी का पूजन अवश्य करें। यह पूजन करने से आप अपने ीवन में अच्छे स्वास्थ्य को आकर्षित करते हैं तथा आपका परिवार भी स्वास्थ्य रहता है। भगवान धन्वंतरि ी की आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi PDFजय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि ी देवा।जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।देवासुर के संकटआकर दूर किए॥जय धन्वन्तरि देवा…॥आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥जय धन्वन्तरि देवा…॥भुा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम को ो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट ावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥हाथ ोड़कर प्रभुी,दास खड़ा तेरावैद्य-समा तुम्हारेचरणों का घेरा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥धन्वन्तरिी की आरतीो कोई नर गावे।रोग-शोक न आए,सुख-समृद्धि पावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥ भगवान धन्वंतरि के मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantraॐ श्री धनवंतरै नम:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमःॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,कालाम्भोदो्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम. धन्वंतरि पूा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhuratपूजन का शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट का समय भी पूा के लिए शुभ है।You can download Dhanvantari Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनवतर #ज #क #आरत #Dhanvantari #Aarti #PDF #HindiThe post धन्वंतरि ी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ गणेश ी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi
करवा चौथ गणेश ी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF Detailsकरवा चौथ गणेश ी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki KahaniPDF Nameकरवा चौथ गणेश ी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDFNo. of Pages2PDF Size0.31 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ गणेश ी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको करवा चौथ गणेश ी की कथा PDF / Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। करवा चौथ व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य ीवन के लिए रखती हैं। इस बार ये व्रत 24 अक्टूबर को रखा ाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के बाद चंद्र दर्शन करके व्रत खोलती हैं। इस व्रत में शाम के समय विधि विधान से पूा की ाती है। िसके बाद व्रत कथा सुनना बेहद अनिवार्य माना ाता है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप गणेश ी की कथा PDF / Ganesh Ji Ki Katha PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।कथा सुने बिना ये व्रत पूर्ण नहीं माना ाता है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करने के बाद शाम को चंद्रमा देखकर व्रत का पारण करती हैं। वहीं पूा के दौरान शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखा ाना आवश्यक है।करवा चौथ गणेश ी की कथा PDF | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindiएक बुढ़िया थी। वह बहुत ही गरीब और दृष्टिहीन थीं। उसके एक बेटा और बहू थे। वह बुढ़िया सदैव गणेश ी की पूा किया करती थी। एक दिन गणेश ी प्रकट होकर उस बुढ़िया से बोले- ‘बुढ़िया मां! तू ो चाहे सो मांग ले।’बुढ़िया बोली- ‘मुझसे तो मांगना नहीं आता। कैसे और क्या मांगू?’तब गणेशजी बोले – ‘अपने बहू-बेटे से पूछकर मांग ले।’तब बुढ़िया ने अपने बेटे से कहा- ‘गणेशजी कहते हैं ‘तू कुछ मांग ले’ बता मैं क्या मांगू?’पुत्र ने कहा- ‘मां! तू धन मांग ले।’बहू से पूछा तो बहू ने कहा- ‘नाती मांग ले।’तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बात कह रहे हैं। अत: उस बुढ़िया ने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा- ‘बुढ़िया! तू तो थोड़े दिन ीएगी, क्यों तू धन मांगे और क्यों नाती मांगे। तू तो अपनी आंखों की रोशनी मांग ले, िससे तेरी िंदगी आराम से कट ाए।’इस पर बुढ़िया बोली- ‘यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों की रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार को सुख दें और अंत में मोक्ष दें।’यह सुनकर तब गणेशजी बोले- ‘बुढ़िया मां! तुमने तो हमें ठग लिया। फिर भी ो तूने मांगा है वचन के अनुसार सब तुझे मिलेगा।’ और यह कहकर गणेशजी अंतर्धान हो गए। उधर बुढ़िया मां ने ो कुछ मांगा वह सबकुछ मिल गया। हे गणेशजी महारा! ैसे तुमने उस बुढ़िया मां को सबकुछ दिया, वैसे ही सबको देना।गणेश ी की कथा PDF | Ganesh Ji Ki Katha PDF in Hindiनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप करवा चौथ गणेश ी की कथा PDF / Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#करव #चथ #गणश #ज #क #कथ #Karwa #Chauth #Ganesh #Kahani #PDF #HindiThe post करवा चौथ गणेश ी की कथा | Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा ी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF in Hindi
दुर्गा ी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF Detailsदुर्गा ी की हवन विधि | Navratri Havan VidhiPDF Nameदुर्गा ी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDFNo. of Pages5PDF Size0.86 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा ी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi Hindi PDF Summaryनवरात्रि में देवी दुर्गा के हवन का विशेष महत्व है। देवी दुर्गा हवन आप अपने घर पर भी सरलता से कर सकते हैं। दुर्गा माँ को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि का समय सबसे अच्छा होता है। नवरात्रि के समय देवी दुर्गा अपने भक्तों के घर में नौ दिनों तक वास करती हैं। बहुत से साधक नवरात्रि के समय अलग – अलग तरह की साधनायें करते हैं।यदि आप भी नवरात्रि के समय अपने घर पर हवन करना चाहते हैं, तो यहाँ दी हुई नवरात्रि हवन विधि pdf के माध्यम से दुर्गा हवन मंत्र का उच्चारण करते हुए घर पर ही देवी दुर्गा की प्रसन्नता हेतु दुर्गा नवरात्रि हवन कर सकते हैं। यहां दी हुई विधि बहुत सरल व उपयोगी है, इसलिए इसे कोई भी आसानी से कर सकता है। नवरात्रि हवन मंत्र / Navratri Havan Mantra in Hindi PDFओम गणेशाय नम: स्वाहाओम गौरियाय नम: स्वाहाओम नवग्रहाय नम: स्वाहाओम दुर्गाय नम: स्वाहाओम महाकालिकाय नम: स्वाहाओम हनुमते नम: स्वाहाओम भैरवाय नम: स्वाहाओम कुल देवताय नम: स्वाहाओम स्थान देवताय नम: स्वाहाओम ब्रह्माय नम: स्वाहाओम विष्णुवे नम: स्वाहाओम शिवाय नम: स्वाहाओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा। ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा। ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।हवन सामग्री की लिस्ट PDF / Havan Samagri List in Hindi PDFआम की लकडियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगं, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे तथा घी, शक्कर, ौ, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा। गाय के गोबर से बने उपले घी में डुबाकर डाले ाते हैं।You can download Navratri Havan Vidhi in Hindi PDF by clicking on the following download button.#दरग #ज #क #हवन #वध #Navratri #Havan #Vidhi #PDF #HindiThe post दुर्गा ी की हवन विधि | Navratri Havan Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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हनुमान ी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi
हनुमान ी की आरती | Hanuman Aarti PDF Detailsहनुमान ी की आरती | Hanuman AartiPDF Nameहनुमान ी की आरती | Hanuman Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
हनुमान ी की आरती | Hanuman Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको हनुमान ी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। किसी भी धार्मिक आयोजन में आरती का बहुत अधिक महत्व होता है। आरती के बिना कोई भी अनुष्ठान संपन्न नहीं होता है। ठीक उसी प्रकार श्री हनुमान पूजन की सम्पन्नता हेतु हनुमान आरती भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। हनुमान ी की आरती हिंदी भाषा में लिखी गयी है, िसे कोई भी सरलता से पढ़ा व गा सकता है।इस मधुर व दिव्य आरती के गायन से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं तथा हनुमत पूजन व अनुष्ठान का सम्पूर्ण लाभ मिलता है। आरती करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, ैसे आरती करते समय हनुमान ी के एकदम सामने खड़े न होएं बल्कि उनकी दायीं ओर खड़े होकर आरती करें।हनुमान ी की आरती PDF | Hanuman Aarti PDF in Hindiआरती कीै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष ाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका ारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।ात पवनसुत बार न लाई॥लंका ारि असुर संहारे।सियारामजी के का सवारे॥ लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संीवन प्राण उबारे॥पैठि पाताल तोरि जम-कारे।अहिरावण की भुा उखारे॥ बाएं भुा असुरदल मारे।दाहिने भुा संतजन तारे॥सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥ कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥ो हनुमानजी की आरती गावे।बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥ श्री हनुमान ी की आरती के लाभइस आरती को प्रतिदिन करने से मानसिक शांति मिलती है।श्री हनुमान ी की आरती को भक्तिभाव से गाने से श्री राम ी भी प्रसन्न होते हैं।हनुमान ी अजर – अमर हैं, अतः उनकी आराधना से वह आपके साथ रहते हैं।किसी भी पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए आरती करना बहुत आवश्यक है।इस आरती के प्रभाव से घर में सकारत्मकता आती है।You can download हनुमान ी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#हनमन #ज #क #आरत #Hanuman #Aarti #PDF #HindiThe post हनुमान ी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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