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गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi
गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF Detailsगोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri ListPDF Nameगोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDFNo. of Pages3PDF Size0.27 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। दीपावली के दूसरे गोवर्धन भगवान की पूजा होती है। शास्त्रों को अनुसार कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया गया है। इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर यानी आज मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा वाले दिन भगवान कृष्ण की पूजा होती है साथ ही गाय के गोबर से गोवर्धन देव बनाकर उन्हें पूजने की परंपरा भी रही है। अन्नकूट/गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई।यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है। इस दिन मंदिरों में विविध प्रकार की खाद्य सामग्रियों से भगवान को भोग लगाया जाता है। जब श्रीकृष्ण को इंद्र देव की पूजा के बारे में पता चला तो उन्होंने सभी बृजवासियों से कहा कि आप इंद्र देव की पूजा ना करके गोवर्धन पर्वत की पूजा कीजिए। क्योंकि इस पर्वत की छत्रछाया में ही समस्त बृजवासी सुख से अपना जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट PDF | Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindiधूप – Dhoop battiचंदन – Chandanफूल –  Phool – flowersफूल माला –  Phool mala – flowersरोली – Roliचावल – Chawalअनाज (गेहूं) – Gehuमौली – Moliतेल का दीपक –  Tel ka dipakमिठाई – Mithaiपान – Paan ke patteकेसर – Kesarबताशे – Batashaगुड़ – Gudगाय का गोबर – Gobar56 तरह के खाद्य पदार्थ – Chappan Bhogबांसुरी – Bansuriफल – Fruitहरा चारा – Hara charaगंगाजल – Gangajalशहद – Shahadदही – Dahiशक्कर – shakkarनैवेद्य – Naivedyaतुलसी – Tulsiजल – Jalगोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त | Govardhan Puja Shubh Muhurtगोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – 06:36 AM से 08:47 AM
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त – 03:22 PM से 05:33 PM
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 11:14 PM बजेगोवर्धन महाराज की आरती PDF | Govardhan Aarti PDF in Hindiश्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरी सात कोस की परिकम्मा, और चकलेश्वर विश्रामतेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ, तेरी झांकी बनी विशाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण। करो भक्त का बेड़ा पारतेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गवरधन #पज #समगर #लसट #Govardhan #Puja #Samagri #List #PDF #HindiThe post गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi
गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF Detailsगोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat KathaPDF Nameगोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDFNo. of Pages5PDF Size0.81 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF / Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। भागवत पुराण में, कृष्ण एक मूसलधार बारिश से वृंदावन के लोगों को आश्रय देने के लिए गोवर्धन पहाड़ी उठाते हैं। वैष्णवों को याद रखने के लिए यह एक विशेष दिन है। यह उन लोगों के लिए सुरक्षा का परमेश्वर का वादा माना जाता है जो उसकी शरण चाहते हैं। यहाँ से आप अन्नकूट व्रत कथा PDF / Annkut Vrat Katha PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।जो लोग समर्पित हैं वे गोवर्धन पहाड़ी के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व में भगवान को भोजन प्रसाद का एक पूरा पहाड़ चढ़ाते हैं और भगवान में अपना विश्वास हासिल करते हैं। यह त्यौहार पूरे भारत के साथ-साथ दुनिया भर के प्रमुख हिंदू धर्मों में मनाया जाता है।गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindiएक बार सभी बृजवासी मिलकर भगवान इंद्र देव की उपासना करने जा रहे थे। उस समय भगवान विष्णु के परमावतार श्री कृष्ण बृज में ही बाल लीलाएं कर रही थे। जब श्रीकृष्ण को इंद्र देव की पूजा के बारे में पता चला तो उन्होंने सभी बृजवासियों से कहा कि आप इंद्र देव की पूजा ना करके गोवर्धन पर्वत की पूजा कीजिए। क्योंकि इस पर्वत की छत्रछाया में ही समस्त बृजवासी सुख से अपना जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।बृजवासियों को भगवान श्री कृष्ण की यह बात बहुत अच्छी लगी और उन्होंने यह निश्चय किया कि वह अब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को श्री गोवर्धन पर्वत की पूजा किया करेंगें। जब इस बारे में भगवान इंद्र को पता चला तो उन्होंने क्रोधित हो बृज में खूब वर्षा की।ऐसी मान्यता है कि तब बृजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सबसे छोटी उंगली यानी कनिष्ठा उंगली पर सात दिन के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था और समस्त बृजवासियों की रक्षा की थी। इसलिए तब से ही गोवर्धन पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान गोवर्धन अपने सभी शरणागत भक्तों की रक्षा करते हैं। कहते हैं कि गोवर्धन पर्वत भगवान श्री कृष्ण का ही एक स्वरूप है।अन्नकूट व्रत कथा PDF | Annkut Vrat Katha PDF in Hindiनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF / Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गवरधन #पज #वरत #कथ #Govardhan #Puja #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi
गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF Detailsगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja VidhiPDF Nameगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDFNo. of Pages2PDF Size0.37 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको गोवर्धन पूजा विधि PDF / Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा (जिसका अर्थ है “अनाज का एक टीला”) के रूप में भी जाना जाता है, इंद्र के खिलाफ लड़ाई में भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाने के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है। गोवर्धन पर्वत को उठाने के रूप में इंद्र। दिवाली के हिंदू उत्सव के चौथे दिन, गोवर्धन पर्वत के प्रतीक अनाज के ढेर की पूजा करके पूजा की जाती है।गोवर्धन पूजा असुरक्षित भगवान इंद्र पर भगवान कृष्ण की जीत का उत्सव है। वृंदावन के लोगों को भगवान कृष्ण के माध्यम से प्रकृति की पूजा करना सिखाया गया था। अन्नकूट अनुष्ठान बहुत कृतज्ञता, उत्साह और उत्साह के साथ किया जाता है। यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मथुरा, वृंदावन और बिहार सहित कई भारतीय राज्यों में किए जाने वाले आवश्यक संस्कारों में से एक है।गोवर्धन पूजा विधि PDF | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindiगोवर्धन के चित्र पर गन्ने की 2 छड़ें चढ़ाकर पूजा शुरू करेंफिर दही, कच्चा दूध, बताशा, लड्डू और पेड़ा चढ़ाएं।दीपक जलाएं और रोली और चावल चढ़ाएं।पूजा के बाद गोवर्धन से प्रार्थना करें।सोने का बताशा थाली में छोड़ कर पैसे सहित किसी को दे दो।लक्ष्मी कथा का पाठ करें।लक्ष्मी कथा पढ़ने वाले व्यक्ति को चांदी का सिक्का दक्षिणा के रूप में देना चाहिएपूजा के बाद दीपावली पूजा के काजलोटा में से काजल लगाएं।ऐसा माना जाता है कि घर की महिलाओं को सबसे पहले खाना चाहिए और कुछ मीठा खाकर अपने भोजन की शुरुआत करनी चाहिए।गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेंहू और चावल आदि अनाज, बेसन की पीला ब्रज जैसु बनी कढ़ी और पत्ते वाली हरी सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है। बाद में इस सारे भोग को भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है। गोवर्धन पूजा वाले दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ यानी भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाती है।इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर और फूल आदि से दीपक जलाकर उसकी पूजा करें। गोबर से बनाए गए गोवर्धन नाथ की परिक्रमा करें। फिर ब्रज के देवता गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट भोग लगाएं। अन्नकूट में 56 तरह के खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं। इस दिन प्रदोष काल में यानी शाम के समय में विधि-विधान से श्री कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। साथ ही गोवर्धन पूजा के दिन गाय की पूजा कर उसे गुड़ और हरा चारा खिलाना अच्छा माना जाता है।गोवर्धन पूजा मंत्र PDF | Govardhan Puja Mantra PDF in Hindiगोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।हे कृष्ण करुणासिंधो दीनबंधो जगतपते।
गोपेश गोपिकाकांत राधाकान्त नमोस्तुते।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गोवर्धन पूजा विधि PDF / Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गवरधन #पज #वध #Govardhan #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi
धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDF Detailsधनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja VidhiPDF Nameधनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.60 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धनतेरस पूजा विधि PDF / Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन पूजन करने से व्यक्ति के घर में सुख – संपत्ति का आगमन होता है। यदि आपके घर में लम्बे समय से कोई मांगलिक कार्य नहीं हुआ, तो आप धनतेरस के दिन यह पूजन अवश्य करें। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप धनतेरस पूजा विधि 2021 PDF / Dhanteras Puja Vidhi 2021 PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।धनतेरस के धन्वन्तरि व कुबेर देव की पूजा की जाती है। इन दोनों देव के पूजन से घर में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यों का नाश तो होता ही है साथ ही धन की वर्षा भी होती है। कुबेर देव धन के देव हैं तथा धन्वन्तरि जी स्वस्थ्य के देवता हैं। यदि आप भी अपने घर धनतेरस का पूजन करना चाहते हैं तो यहां दी हुयी धनतेरस पूजन विधि का कर प्रयग कर सकते हैं।धनतेरस पूजन विधि PDF / Dhanteras Pujan Vidhi PDF in Hindiधनतेरस पर शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरि की स्थापना करें।इसी के साथ मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।अब दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन करना आरंभ करें।तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।अब कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धनवंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।पूजन के दौरान ‘ऊं ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।भगवान धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।धनतेरस 2021 पूजा मुहूर्त / Dhanteras 2021 Shubh Muhuratधनतेरस पूजा मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 परधनतेरस पूजा मुहूर्त – 06:17 पी एम से 08:11 पी एमअवधि – 01 घण्टा 55 मिनट्सयम दीपम मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 कोधनतेरस पूजा मंत्र / Dhanteras Puja Mantraओम श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।You may also like :धनतेरस की कहानी | Dhanteras Ki Vrat Katha PDF in HindiYou can download धनतेरस पूजा विधि PDF | Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनतरस #पज #वध #Dhanteras #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in Hindi
यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF Detailsयम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja VidhiPDF Nameयम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.64 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप यम दीपदान पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। जैसा की आप जानते ही होंगे की दिवाली से पूर्व धनतेरस के इन बाद नर्क चतुर्दशी आती है, इस दिन यमदेव का पूजन किया जाता है। इस दिन दीपदान का भी बहुत अधिक महत्व है। दीप दान का मतलब किसी देवता के नाम से दीप अर्पित करना।इस दिन यम देवता के नाम से दीप प्रज्वलित किया जाता है। जो दीपक यम देवता के नाम से लगाया जाता है उसे यमदीप के नाम से भी जाना जाता है। यमदीप को हमेशा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। माना जाता है कि, यमलोक दक्षिण दिशा में स्थित है। यम दीप दान करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।यम दीपदान पूजा विधि | Yam Deep Puja Vidhi in Hindi PDFसर्वप्रथम किसी साफ चौकी पर रोली से स्वास्तिक बनाए व उस स्थान पर आटे या मिट्टी का बना चौमुखी दीपक रखें।दीपक के चारो ओर 3 बार गंगा जल से आचवन करें व दीपक पर रोली से टीका लगाए।अब दीपक पर चावल और पुष्प चढ़ाए व दीपक में थोड़ी से चीनी डाले।इसके बाद दीपक में 1 रुपए का सिक्का डाले व घर के सभी सदस्यों को तिलक लगाएँ व घर के सभी सदस्यों के साथ दीपक को नमन करें।तत्पश्चात दीपक को प्रणाम करें और उसे दीपक को घर के मुख्य द्वार पर रख दे। दीप प्रज्वलित करते समय इस बात का ध्यान रखें की आपका मुख और दीपक की लौ दोनों ही दक्षिण दिशा में हो।दीपक पर कुछ मीठे का भोग लगाए ।यम दीपक/ यम दीप दान मंत्र का पूरी श्रद्धा से उच्चारण कर हाथ जोड़कर भगवान से घर के सभी सदस्यों की आयु में वृद्धि की प्रार्थना कीजिये ।यम देव पूजा मंत्र | Yam Dev Puja Mantraमृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह ।त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतामिति ।।You may also like :दिवाळीला यमदीपदान कसे करावे | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in MarathiYou can download Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#यम #दप #पज #वध #Yam #Deep #Daan #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi
धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF Detailsधनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja VidhiPDF Nameधनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDFNo. of Pages2PDF Size0.31 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi Marathi PDF Summaryनमस्कार मित्रांनो, या लेखाद्वारे आम्ही तुमच्यासाठी धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF / Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi डाउनलोड लिंक देत आहोत. असे म्हटले जाते की धनत्रयोदशीच्या दिवशी पूजा केल्याने व्यक्तीच्या घरात सुख-संपत्ती येते. जर तुमच्या घरात खूप दिवसांपासून कोणतेही शुभ कार्य होत नसेल तर धनत्रयोदशीच्या दिवशी ही पूजा अवश्य करावी. या पोस्टमध्ये दिलेल्या लिंकवर क्लिक करून तुम्ही धनत्रयोदशी पूजा विधि मराठी PDF अगदी सहज डाउनलोड करू शकता.धनत्रयोदशीला धन्वंतरी आणि कुबेर देव यांची पूजा केली जाते. या दोन देवांची पूजा केल्याने घरातील आरोग्याशी संबंधित समस्या तर दूर होतातच, शिवाय धनाचा वर्षावही होतो. कुबेर देव संपत्तीची देवता आणि धन्वंतरी जी आरोग्याची देवता आहेत. जर तुम्हालाही तुमच्या घरी धनत्रयोदशीची पूजा करायची असेल तर तुम्ही येथे दिलेल्या धनत्रयोदशीच्या पूजेची पद्धत वापरू शकता.धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathiधनत्रयोदशीच्या संध्याकाळी उत्तरेकडे कुबेर आणि धन्वंतरीची स्थापना करा.यासोबतच लक्ष्मी आणि गणेशाची मूर्ती किंवा चित्रही लावावे.आता दिवा लावा आणि विधिवत पूजा सुरू करा.टिळक केल्यानंतर फुले, फळे अर्पण करावीत.आता कुबेर देवाला पांढरी मिठाई आणि धन्वंतरी देवाला पिवळी मिठाई अर्पण करा.पूजेदरम्यान ‘ओम ह्रीं कुबेराय नमः’ या मंत्राचा जप करत राहा.भगवान धन्वंतरीला प्रसन्न करण्यासाठी या दिवशी धन्वंतरी स्तोत्राचे पठण करावे.धनतेरस पूजा मंत्र PDF | Dhanteras Puja Mantra PDF in Marathiओम श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।धनत्रयोदशी पूजा विधि मराठी PDFHere you can download the धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF / Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi by click on the link given below.#धनतरस #पज #वध #मरठ #Dhanteras #Pooja #Vidhi #PDF #MarathiThe post धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF in Hindi
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/------rama-ekadashi-puja-vidhi-268.jpg">रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi</a>PDF Name<b>रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.77 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप रमा एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं । रमा एकादशी का व्रत अनेक प्रकार के पापों का नाश करता है । यदि आप अपने जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं से पीड़ित हो चुके हैं तो आपको रमा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए । रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।माता लक्ष्मी के अनेक शुभ नामों में से एक नाम रमा भी है । अतः इस रमा एकादशी के दिन भगवान श्री हरी विष्णु के साथ माता देवी लक्ष्मी की भी पूजा – अर्चना की जाती है । इस दिन जो व्यक्ति पूरे विधि – विधान से माता लक्ष्मी एवं श्री हरी विष्णु जी की आराधना व पूजन करता है उस व्यक्ति घर में धन व अन्न की आपूर्ति रहती है।रमा एकादशी व्रत की विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Vidhi PDF in Hindiसुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।भगवान की आरती करें।भगवान को भोग लगाएं।इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फसात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।रमा एकादशी आरती PDF / Rama Ekadashi Aarti in Hindiॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/rama-ekadashi-vrat-katha/">रमा एकादशी व्रत कथा | Rama Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download रमा एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#रम #एकदश #वरत #पज #वध #Rama #Ekadashi #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%8f%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-rama">रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi…
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDF in Hindi
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDF Detailsकाली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja VidhiPDF Nameकाली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.56 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, प्रस्तुत लेख से आप काली चौदस पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। काली चौदस की पूजा व व्रत माँ काली को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। काली माँ का पूजन करने से व्यक्ति के शत्रुओं का नाश हो जाता है तथा उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता। काली माँ का पूजन व्यक्ति के जीवन को बहुत अधिक परिवर्तित कर देता है।बहुत से लोग माँ काली के स्वरुप को रौद्र रूप के रूप में देखते हैं तथा डरते हैं, जबकि ऐसा नहीं है माँ काली की कृपा से व्यक्ति के परिवार पर आने वाले जाने – अनजाने संकटों का नाश होता है। आप यहां लेख में दी गयी काली चौदस पूजा विधि को पढ़कर उस विधि के अनुसार माँ काली का पूजन कर सकते हैं। काली चौदस पूजन विधि / Kali Chaudas Pujan Vidhiकाली चौदस पूजा करने से पहले अभ्यंग स्नान करना होता है। ऐसी मान्यता है कि अभ्यंग स्नान करने से व्यक्ति नरक में जाने से बच जाता है।इसके बाद जब आप काली पूजा में बैठे तो किसी न किसी सुंगध का शरीर में प्रयोग जरूर करें।इसके बाद मां काली की मूर्ति की स्थापना एक चौकी पर करें।चौकी पर आसन लाल रंग का दें।इसके बाद दीप जलाएं और ऊपर दी गई पूजा सामग्री को काली मां के निमित्त अर्पित करें।इसके बाद काली चालीसा, आरती और ध्यान लगाएं। काली चौदस पूजा सामग्री / Kali Chaudas Puja Samagriअगरबत्ती, धूप, फूल, काली उरद दाल, गंगा जल, हल्दी, हवन सामग्री, कलश, कपूर, कुमकुम, नारियल, देसी घी, चावल, सुपारी, शंख, पूर्णपतत्र, निरंजन, लकड़ी जलाने के लिए लाइटर, छोटी-छोटी और पतली लकड़ियां, घन्टा(बेल), गुड़, लाल, पीले रंग रंगोली के लिए, कॉटन की बॉल्स आदि सामग्री को इस पूजा में इस्तेमाल की जाती है।काली माँ की आरती / Kali Maa Ji Ki Aartiअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली lतेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llतेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी lदानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी llसौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली lदुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llमाँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता lपूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता llसब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली lदुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llनहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना lहम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना llसबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली lसतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली lतेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती llYou can download Kali Chaudas Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#कल #चदस #पज #वध #Kali #Chaudas #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF Detailsअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja VidhiPDF Nameअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.44 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप अहोई अष्टमी पूजा विधि PDF / Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। अहोई अष्टमी का व्रत अथवा किसी भी प्रकार का व्रत जब तक सम्पूर्ण विधि – विधान से न किया जाए तब तक निश्चित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। अतः व्रत करने से पूर्व उससे सम्बंधित नियम व विधि को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए पूजा के दौरान कोई भी गलती न हो सके।अहोई अष्टमी व्रत की परम्परा बहुत समय से चली आ रही है। इस व्रत के परिणामस्वरुप बालक दीर्घायु तथा स्वस्थ रहता है। यह व्रत विशेषतः माताएं अपने पुत्र के लिए रखती हैं। इस व्रत में रात्रिकाल में तारों को करवा से अर्घ्य दिया जाता है तथा बालक के लिए मंगल कामना की जाती है। यदि आप भी इस व्रत का पालन कर रहे हैं तो उसकी विधि यहाँ से पढ़ें।अहोई अष्टमी पूजन विधि PDF / Ahoi Ashtami Vrat Pujan Vidhi PDF in Hindiइस दिन माताओं अथवा महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए।अहोई माता की पूजा के लिए दीवार या कागज पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाना चाहिए।माता का पूजना संध्याकाल में करें।पूजा के लिए अहोई माता के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर जल से भरा कलश स्थापित करें।रोली-चावल से अहोई माता की पूजा करें।अहोई माता को भोग लगाने के लिए महिलाएं दही, आटा, चीनी या गुड़ मिला कर मीठे पुए बनायें।कहीं-कहीं आटे के हलवे का भी भोग लगाया जाता है।रोली से कलश पर स्वास्तिक बनाया जाता है।सात टीके लगाए जाते हैं और फिर हाथों में गेहूं के सात दाने ले कर महिलाएं, माताएं अहोई व्रत कथा को पढ़ें व सुनें।पूजा व व्रत कथा सुनने के बाद कलश के जल से तारों को अर्घ्य अर्पित करें।अहोई माता की विधिवत पूजा करने के बाद स्याहु माला धारण की जाती है।स्याहु की माला में चांदी की मोती और अहोई माता की लॉकेट होती है।पूजा के बाद महिलाएं बायना निकालती हैं और अपनी सास या पंडित को देकर आशीर्वाद लेती हैं।पूजन के अंत में पारण किया जाता है।अहोई अष्टमी पूजा सामग्री PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFअहोई माता मूर्ति/चित्रस्याहु मालादीपक करवापूजा रोलीअक्षततिलक के लिए रोलीदूबकलावापुत्रों को देने के लिए श्रीफल माता को चढ़ावे के लिए श्रृंगार का सामान बयानासात्विक भोजनचौदह पूरी और आठ पुओं का भोगचावल की कटोरी,मूलीसिंघाड़ेफलखीरदूध व भातवस्त्रबयाना में देने के लिए नेग (पैसे)You may also like :अहोई अष्टमी व्रत कथा | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindiअहोई अष्टमी माता की आरती / Ahoi Ashtami Mata Ki Aarti PDF in Hindiअहोई अष्टमी पूजा सामग्री | Ahoi Ashtami Puja Samagri PDF in HindiYou can download अहोई अष्टमी पूजा विधि PDF / Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#अहई #अषटम #वरत #पज #वध #Ahoi #Ashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi
अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF Detailsअहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri ListPDF Nameअहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFNo. of Pages3PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। अहोई अष्टमी क व्रत भारत के सर्वाधिक प्रचलिति उपवासों में से एक है। इस दिन माताएं अपनी संतान मुख्यतः पुत्र की के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं आयु वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत पूर्ण विधि -विधान से व श्रद्धा – भक्ति से संपन्न किया जाता है।यदि आप भी अहोई अष्टमी व्रत का विधि – विधान से पालन करना चाहते हैं तो आपको पूजन के लिए कुछ विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता है। यह सामग्री हमने पीडीऍफ़ फाइल के रूप में सूचीबद्ध की गयी है। यदि आप इस सामग्री को पूजन से पूर्व एकत्रित कर लेते हैं तो आपको पूजन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री लिस्ट PDF | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFअहोई माता मूर्ति/चित्रस्याहु मालादीपक करवापूजा रोलीअक्षततिलक के लिए रोलीदूबकलावापुत्रों को देने के लिए श्रीफल माता को चढ़ावे के लिए श्रृंगार का सामान बयानासात्विक भोजनचौदह पूरी और आठ पुओं का भोगचावल की कटोरी,मूलीसिंघाड़ेफलखीरदूध व भातवस्त्रबयाना में देने के लिए नेग (पैसे)अहोई माता की आरती / Ahoi Ashtami Aarti Lyricsज़य अहोई माता ज़य अहोई माता।तुमको निसदिन ध्यावत हरि विष्णु धाता॥ब्राहमणी रुद्राणी कमला तू हे है जग दाता।सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥माता रूप निरंजन सुख संपत्ती दाता।जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥तू हे है पाताल बसंती तू हे है सुख दाता।कर्मा प्रभाव प्रकाशक जज्निदधि से त्राता॥जिस घर तारो वास वही में गुण आता।कर ना सके सोई कर ले मन नहीं घबराता॥तुम बिन सुख ना होवय पुतरा ना कोई पाता।खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥सुभ गुण सुन्दर युक्ता शियर निदधि जाता।रतन चतुर्दर्श तौकू कोई नहीं पाता॥श्री अहोई मा की आरती जो कोई गाता।उर् उमंग अत्ती उपजय पाप उत्तर जाता॥You may also like :अहोई अष्टमी माता की आरती / Ahoi Ashtami Mata Ki Aarti PDF in Hindiअहोई अष्टमी व्रत कथा | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindiअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in HindiYou can download अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi by clicking on the following download button.#अहई #अषटम #पज #समगर #लसट #Ahoi #Ashtami #Puja #Samagri #List #PDF #HindiThe post अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDF Detailsकालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja VidhiPDF Nameकालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप कालाष्टमी पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं । कालभैरव भगवान के भक्त साल में दो तरह की कालाष्टमी व्रत रखते हैं पहली वार्षिक कलाष्टमी जो की वर्ष में एक बार आती है तथा दूसरी मासिक कलाष्टमी जो की हर माह में एक बार मनाई जाती है ।कालाष्टमी व्रत करने से व्यक्ति को कालभैरव भगवान की कृपा प्राप्त होती है । वैसे तो कालभैरव भगवान को उग्र देवता माना जाता है, किन्तु यदि उनकी विधि – विधान से पूजा अर्चना की जाये तो व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे हो जाते हैं तथा उसे जीवन में मनचाहे परिणाम मिलने लगते हैं । कालाष्टमी की पूजा विधि / Kalashtami Puja Vidhi in Hindiइस दिन सुबह जल्दी उठें।नित्य कर्म एवं स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहनें।इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।घर के मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।भगवान भैरव को फूल अर्पित करें।इस दिन भैरव बाबा का अधिक से अधिक ध्यान करें।भैरव चालीसा का पाठ करें।भैरव बाबा को भोग लगाएं।आप भैरव बाबा को फल, मिठाई, गुड से बनी चीजों का भोग लगा सकते हैं।भगवान भैरव की आरती करें। श्री भैरव जी की आरती / Shri Bhairav Ji Ki Aartiजय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।You can download Kalashtami Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#कलषटम #पज #वध #Kalashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post कालाष्टमी पूजा विधि | Kalashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF Detailsकरवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja VidhiPDF Nameकरवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.73 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से हम आपको करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं तथा पूजन करती हैं। करवा चौथ व्रत के नियम अलग – अलग स्थानों के अनुसार अलग – अलग हो सकते हैं। बहुत सी जगह पर इस व्रत को निर्जला किया जाता है मतलब कि व्रत के दौरान पानी नहीं पिया जाता। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप करवा चौथ पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Poojan Vidhi PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर को है। अगर आप भी इस साल पहली बार व्रत रखने जा रही हैं तो जान लें पूजन साम्रगी, पूजा विधि और सोलह श्रंगार-करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindiकरवा चौथ पूजा करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ  करलें और लकड़ी की चौकी बिछाकर  उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की तस्वीर या चित्र रखें. साथ ही, उत्तर दिशा में एक जल से भरा कलश स्थापित कर उसमें  थोड़े-से अक्षत डालें।इसके बाद कलश पर रोली, अक्षत का टीका लगाएं और गर्दन पर मौली बांधें।तीन जगह चार पूड़ी और 4 लड्डू लें, अब एक हिस्से को कलश के ऊपर, दूसरे को मिट्टी या चीनी के करवे पर और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध कर रख लें। अब करवाचौथ माता के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें।पूजा करने के बाद साड़ी के पल्ले और करवे पर रखे प्रसाद को बेटे या अपने पति को खिला दें. वहीं, कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें।पानी से भरे हुए कलश को पूजा स्थल पर ही रहने दें. चन्द्रोदय के समय इसी कलश के जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग चंद्रमा को  लगाएं. इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।करवा चौथ व्रत में पूजा के लिए आपको मिट्टी का एक करवा और उसका ढक्कन चाहिए।मां गौरी या चौथ माता एवं गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए काली या पीली मिट्ठी चाहिए।पानी के लिए एक लोटागंगाजलगाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घीअगरबत्ती, रूई और एक दीपकअक्षत, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुममिठाई, शहद, चीनी और उसका बूराबैठने के लिए आसनइत्र, मिश्री, पान एवं खड़ी सुपारीपूजा के लिए पंचामृतअर्घ्य के समय छलनीभोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ीसुहाग सामग्री: महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा, बिछुआ, चुनरी आदि।Karwa Chauth 2021 Shubh Muhurt | करवा चौथ 2021 शुभ मुहूर्तचतुर्थी तिथि प्रारंभ – रविवारसुबह 03 बजकर 01 मिनट पर (24 अक्टूबर 2021)चतुर्थी तिथि समाप्त – सुबह  05 बजकर 43 मिनटपर (25 अक्टूबर 2021)चंद्रोदय का समय – रात 8 बजकर 16 मिनट परकरवा चौथ पूजा मुहूर्त –  05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 59 मिनट तकनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप करवा चौथ व्रत पूजा विधि PDF / Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#करव #चथ #वरत #पज #वध #Karwa #Chauth #Vrat #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post करवा चौथ व्रत पूजा विधि | Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in Hindi
करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF Detailsकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali ItemsPDF Nameकरवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDFNo. of Pages4PDF Size0.37 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से करवा चौथ पूजन थाली की सामग्री लिस्ट के बारे में जानेंगे। करवा चौथ का त्यौहार भारत सहित पूरी दुनिया में बड़ी धूम – धाम से मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की लम्बी आयु के लिए बिना पानी पिए व्रत रखती हैं। यह व्रत बहुत कठिन होता है तथा रात्रिकाल में चंद्रोदय होने के पश्चात चन्द्रमा को अर्घ देने के बाद संपन्न होता है।चन्द्रमा को अर्घ देने से पूर्व करवाचौथ माता का पूजन किया जाता है। पूजन के समय पूजा की थाली तैयार की जाती है। पूजन थाली विभिन्न प्रकार की पूजन सामग्री होती है। इस सामग्री का प्रयोग करवाचौथ पूजन के दौरान किया जाता है। यदि आप भी करवाचौथ के दौरान अपनी पूजन थाली तैयार करना चाहते हैं, तो इस लेख को पूरा पढ़ें। करवा चौथ पूजा थाली सेट / Karva Chauth Pooja Thali Items List PDFचंदनशहदअगरबत्तीपुष्पकच्चा दूधशकरशुद्ध घीदहीमिठाईगंगाजलकुंकुमअक्षत (चावलसिंदूरमेहंदीमहावरकंघाबिंदीचुनरीचूड़ीबिछुआमिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कनदीपकरुईकपूरगेहूंशकर का बूराहल्दीपानी का लोटागौरी बनाने के लिए पीली मिट्टीलकड़ी का आसनचलनीआठ पूरियों की अठावरीहलुआदक्षिणा के लिए पैसेकथा की पुस्तकपूजा का पान।करवा चौथ पूजा मुहूर्त / Karwa Chauth Puja Muhurat 2021करवा चौथ रविवार, अक्टूबर 24, 2021 कोकरवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:43 पी एम से 06:59 पी एमअवधि – 01 घण्टा 17 मिनट्सकरवा चौथ व्रत समय – 06:27 ए एम से 08:07 पी एमअवधि – 13 घण्टे 40 मिनट्सकरवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 08:07 पी एमचतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 24, 2021 को 03:01 ए एम बजेचतुर्थी तिथि समाप्त – अक्टूबर 25, 2021 को 05:43 ए एम बजेYou may also like :करवा चौथ माता की आरती | Karva Chauth Mata Ki Aarti Lyrics PDF in Hindiचौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in HindiYou can download Karwa Chauth Pooja Thali Items in Hindi PDF by clicking on the following download button.#करव #चथ #पज #थल #समगर #Karwa #Chauth #Pooja #Thali #Items #PDF #HindiThe post करवा चौथ पूजा थाली सामग्री | Karwa Chauth Pooja Thali Items PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----sharad-purnima-puja-vidhi-682.jpg">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi</a>PDF Name<b>शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi Hindi PDF Summaryशरद पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है। इसीलिए बहुत से लोग इस दिन अपने घर पर खीर बनाते हैं तथा उसको रात भर चन्द्रमा की रौशनी में रखते हैं तथा सुबह उसे प्रसाद के रूप में परिवार वालों के साथ मिलबाँट कर कहते हैं।माना जाता है कि इस खीर को खाने से व्यक्ति के विभिन्न प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। चंद्रदेव की कृपा से व्यक्ति की मानसिक परशानियाँ भी दूर होती हैं। वैदिक धर्मशात्रों में कहा गया है, चन्द्रमा मनसोः जातः, अथार्त चन्द्रमा मन का करक होता है। यदि आप भी अपना मनोबल बढ़ाना चाहते हैं तो शरद पूर्णिंमा को पूज व व्रत अवश्य करें। शरद पूर्णिमा की पूजा करने की विधि / Sharad Purnima Pooja Vidhi in Hindiइस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। साथ ही किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें अथवा घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए।फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।इस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।मां लक्ष्मी को लाल फूल, नैवेद्य, इत्र जैसी चीजें चुढ़ाएं।फिर मां को वस्त्र, आभूषण, और अन्य श्रंगार पहनाएं।मां लक्ष्मी का आह्वान करें।फिर फूल, धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य, सुपारी, दक्षिणा आदि मां को अर्पित करें।इसके बाद लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी की आरती भी गाएं।फिर पूजा धूप और दीप (दीपक) से मां की आरती करें।फिर मां को खीर चढ़ाएं।इस दिन अपने सामार्थ्यनुसार किसी ब्राह्मण को दान करें।खीर को गाय के दूध से ही बनाएं।मध्यरात्रि को मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।इसे प्रसाद के तौर पर भी वितरित करें।पूजा के दौरान कथा जरूर सुनें।एक कलश में पानी रखें और एक गिलास में गेहूं भरकर रखें।फिर एक पत्ते का दोना लें। इसमें रोली और चावल रखें।फिर कलश की पूजा करें और दक्षिणा अर्पित करें।मां लक्ष्मी के साथ भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करें।शरद पूर्णिमा मंत्र / Sharad Purnima Puja Mantra<strong>मां लक्ष्मी मंत्र:</strong>ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः<strong>कुबेर मंत्र:</strong>ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।<strong>सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का मंत्र</strong>:पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु में। शरद पूर्णिमा व्रत कथा / Sharad Purnima Vrat Kathaपौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक साहूकार था जिसकी दो बेटियां थीं। साहूकार की दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत करती थीं। जहां एक तरफ बड़ी बेटी ने विधिवत् व्रत को पूरा किया। वहीं, छोटी बेटी ने व्रत को अधूरा छोड़ दिया। इसका प्रभाव यह हुआ कि छोटी लड़की के बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु हो गई। फिर एक बार बड़ी बेटी ने अपनी बहन के बच्चे को स्पर्श किया वो स्पर्श इतना पुण्य था कि उससे बालक जीवित हो गया। बस उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक किया जाने लगा।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/sharad-purnima-vrat-katha-hindi/">शरद पूर्णिमा व्रत कथा | Sharad Purnima Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download Sharad Purnima Vrat Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शरद #परणम #पज #वध #Sharad #Purnima #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%a6-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-sharad-purnima-puja-vid">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www…
वाहन पूजा विधि मंत्र सहित PDF
वाहन पूजा विधि मंत्र सहित PDF Detailsवाहन पूजा विधि मंत्र सहितPDF Nameवाहन पूजा विधि मंत्र सहित PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageEnglishCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
वाहन पूजा विधि मंत्र सहित PDF Summaryजैस कि आप जानते हैं, हिन्दू धर्म में कोई भी अच्छा या बड़ा काम करने से पहले उसकी सफलता के लिए पूजन व प्रार्थना का बहुत अधिक प्रचलन है। इसीलिए कोई भी नयी चीज जब घर लायी जाती है, तो उसका पूजन किया जाता है। मुख्यतः वाहनों के विषय में यह कहा जाता है कि नया वहां लाने के बाद उसका पूजन अवश्य करना चाहिए।
यहां हमें सम्पूर्ण वहां पूजा विधि मंत्र सहित pdf फाइल के रूप में दी हुई है। इसके माध्यम से आप घर पर ही अपने आप से वाहन पूजा कर सकते हैं तथा भविष्य में उस वाहन से होने वाली अनचाही घटनाओं से बच सकते हैं व अपने वाहन को भी बचा सकते हैं। तो आईये जानते हैं कैसे अपने घर पर वाहन पूजा करें। वाहन पूजा विधि मंत्र सहित / Vahan Puja Vidhi Mantra Sahit नई कार पर सबसे पहले आम के पत्ते से तीन बार जल छिड़कें। फिर सिन्दूर व घी के तेल के मिश्रण से वाहन पर छोटा सा स्वस्तिक बनाएं। फिर वाहन को फूलमाला पहनाएं। वाहन में तीन बार कलावा लपेटें। कलावा रक्षासूत्र होता है। जो वाहन की सुरक्षा के लिए होता है।अब कर्पूर से आरती करें। कलश के जल को दाएं-बाएं डालें। यह वाहन के लिए स्वागत का भाव को प्रदर्शित करता हैं। कर्पूर की राख से एक तिलक वाहन पर लगा दें। यह वाहन को नजरदोष से बचाता है। अब वाहन पर मिठाई रखें। बाद में यह मिठाई गौ माता को खाने को दें। एक नारियल लेकर नए वाहन पर से सात बार घुमाकर वाहन के आगे फोड़ें।वाहन स्टार्ट कर उसे नारियल वाले स्थान पर से होते हुए एक चक्कर लगाएं।वाहन से सदा अच्छा लाभ मिलता रहे इसके लिए एक पीली कौड़ी लें। इस कौड़ी को काले धागे में पिरो लें। बुधवार के दिन इसे अपने वाहन पर लटका दें। इससे आपके वाहन की रक्षा होगी।कार के भीतर बजरंगबली की आकाश में उड़ती हुई छोटी सी प्रतिमा टांगें। या फिर अपने धर्म के शुभ प्रतीक चिन्ह रखें। भीतर सामने की तरफ श्रीगणेश की छोटी सी प्रतिमा स्थापित करें।वाहन पूजन का शुभ मुहूर्तवाहन खरीदने के लिए शुभ तिथि प्रतिपदा, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा है। इन तिथि में वाहन खरीदा गया शुभ होता है।You can download वाहन पूजा विधि मंत्र सहित pdf by clicking on the following download button.#वहन #पज #वध #मतर #सहत #PDFThe post वाहन पूजा विधि मंत्र सहित PDF appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi
दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF Detailsदशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja VidhiPDF Nameदशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.41 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं दशहरा पूजा विधि PDF / Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi इस लेख के द्वारा आप दशहरा पूजन विधि के बारे में जान सकते हैं। दशहरा यानि विजयदशमी के दिन भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी पूजा की जाती है। इस पूजा के द्वारा यह समस्त देव प्रसन्न होते हैं तथा अपनी शक्तियों से घर – परिवार की रक्षा करते हैं।इस दिन गाय के गोबर से दस गोले बनाए जाते हैं जिन्हें कंडे भी कहते हैं, जिनका उपयोग पूजन में किया जाता है तथा इन कंडों में नवरात्रि के दिन बोये गए जौ को लगाते हैं। यदि आप भी एक सुखी जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, तो इस वार्षिक दशहरा पूजा को पूर्ण भक्ति – भाव तथा श्रद्धा से करनी चाहिए।दशहरा पूजन विधि PDF | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindiसर्वप्रथम सुबह नहाकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।अब एक लकड़ी की चौकी पर भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी स्थापना करें।सभी देवताओं को दीप, धुप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।अब सभी देवों का पूजन करें।गाय के गोबर से दस गोले ( कंडे ) भी बनाएं।कंडों में नवरात्रि के दिन बोये गए जौ को लगाएं।तत्स्पचता पुनः जौ का धूप और दीप से पूजन करें।अंत में आशीर्वाद ग्रहण करें तथा जौ को कान के पीछे रखने लगा लें।दशहरा का महत्व / Significance of Dussehraदशरहा के दिन ही भगवान श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध कर विजय हासिल की थी और कहा जाता है​ ​कि यह युद्ध 9 दिनों तक लगातार चला। इसके बाद 10वें दिन भगवान राम ने विजय प्राप्त की। इसके बाद माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराकर लाए। वहीं यह भी कहा जाता है कि भगवान राम से युद्ध पर जाने से पहले मां दुर्गा की अराधना की थी और मां ने प्रसन्न होकर उन्हें विजयी होने का वरदान दिया था। इसके अलावा एक और मान्यता है कि मां दुर्गा ने दशहरा के दिन महिषासुर का वध कर जीत हासिल की थी।विजयदशमी का शुभ मुहूर्त / Dussehra Puja Muhurat 2021विजयदशमी शुक्रवार, अक्टूबर 15, 2021 कोविजय मुहूर्त – 02:02 पी एम से 02:48 पी एमअवधि – 00 घण्टे 46 मिनट्सबंगाल विजयदशमी शुक्रवार, अक्टूबर 15, 2021 कोअपराह्न पूजा का समय – 01:16 पी एम से 03:34 पी एमअवधि – 02 घण्टे 18 मिनट्सदशमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2021 को 06:52 पी एम बजेदशमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 15, 2021 को 06:02 पी एम बजेश्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2021 को 09:36 ए एम बजेश्रवण नक्षत्र समाप्त – अक्टूबर 15, 2021 को 09:16 ए एम बजेYou may also like :विजयादशमी की कथा | Vijayadashami Dussehra Katha PDF in HindiYou can download दशहरा पूजा विधि PDF / Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#दशहर #पज #वध #Dussehra #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post दशहरा पूजा विधि | Dussehra Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi
महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDF Detailsमहानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja VidhiPDF Nameमहानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.47 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं महानवमी पूजा विधि PDF / Maha Navami Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi इस साल महानवमी 14 अक्तूबर, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। इस दिन माता के नौ स्वरूपों में से आखिरी स्वरूप यानी देवी सिद्धिदात्री की उपासना की जाती हैं। महा नवमी के दिन ही नवरात्र के व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन सुबह पूजा कर कन्या पूजन किया जाता है। इसके बाद व्रती स्वयं भी भोजन कर अपने व्रतों का पारण करते हैं। महानवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। साफ कपड़े पहनकर पूजन स्थल पर जाएं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप महानवमी हवन विधि PDF / Maha Navami Havan Vidhi PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।महानवमी के दिन देवी सिद्धिदात्री की उपासना का विधान हैं। कहते हैं कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन देवी सिद्धिदात्री की आराधना करता है उसे मां सिद्धिदात्री की कृपा से सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति देवी सिद्धिदात्री को मना लेता है उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं। कहते हैं कि ऐसा व्यक्ति हर दशा-दिशा में विजय प्राप्त करता जाता है।महानवमी पूजा विधि PDF | Maha Navami Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindiदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.महानवमी पूजन सामग्री लिस्ट PDF | Maha Navami Poojan Samagri List PDFलाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंडनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप महानवमी पूजा विधि PDF / Maha Navami Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#महनवम #पज #वध #Maha #Navami #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post महानवमी पूजा विधि | Maha Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDF in Hindi
दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDF Detailsदुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and MantraPDF Nameदुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDFNo. of Pages3PDF Size0.47 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं दुर्गा नवमी पूजा विधि PDF / Durga Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi जिसमे आपको महा नवमी की पूजा विधि मंत्र सहित मिलेगी। कल नवरात्री का आखिरी दिन है यानि कल कल लोग महा नवमी का व्रत रख कर माँ दुर्गा के नौवे स्वरुप की पूजा करेंगे। कल के दिन ही भक्त नव दुर्गा व्रत का उद्यापन करेंगे। माँ दुर्गा नवरात्री व्रत का उद्यापन पुरे विधि व् विधान द्वारा किया जाता हैं तथा कन्याओं को भोजन कराया जाता हैं। अष्टमी और नवमी के दिन हवन पूजन और कन्या पूजन का विशेष महत्व है। साथ ही लोग अपने व्रत का पारण भी करते हैं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप दुर्गा नवमी पूजा मंत्र PDF / Durga Navami Pooja Mantra PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस दिन माता के नौ स्वरूपों में से आखिरी स्वरूप यानी देवी सिद्धिदात्री की उपासना की जाती हैं। महा नवमी के दिन ही नवरात्र के व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन सुबह पूजा कर कन्या पूजन किया जाता है। इसके बाद व्रती स्वयं भी भोजन कर अपने व्रतों का पारण करते हैं।दुर्गा नवमी पूजा विधि PDF | Durga Navami Pooja Vidhi PDF in Hindiदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.दुर्गा नवमी पूजा मंत्र PDF | Durga Navami Pooja Mantra PDF in Hindiसर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा,बलादाकृष्य मोहय महामाया प्रयच्छतिशरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप दुर्गा नवमी पूजा विधि PDF / Durga Navami Pooja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#दरग #नवम #पज #वध #Durga #Navami #Pooja #Vidhi #Mantra #PDF #HindiThe post दुर्गा नवमी पूजा विधि | Durga Navami Pooja Vidhi and Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF Detailsदुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja VidhiPDF Nameदुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.79 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi Hindi PDF SummaryIn this article we are going to upload दुर्गा अष्टमी पूजा विधि PDF | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi the Dear readers, you can know about the complete and valid Durga Ashtami Puja Vidhi which is followed by a huge number of people for concluding the fast. Durga Ashtami Puja is a very essential part of Navratri. Your fast is incomplete without this Durga Puja. Below we have provided the download link for Navratri Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi / नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF.Durga Ashtami is very significant for those who are doing any specific Sadhna and Siddhi. They can be reached the ultimate goal of the spiritual world by doing the perfect puja on the occasion of Durga Ashtami during Navratri. If you also want to do Durga Ashtami Puja at your home, you can follow this Puja Vidhi.दुर्गा अष्टमी पूजन की विधि PDF | Durga Ashtami Puja Vidhi PDFदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF | Durga Ashtami Vrat Katha PDFसदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे. उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी. इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था. तब उसका अंत करने के लिए भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया. हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किए. इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया. मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया. उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ.मां दुर्गा के विशेष मंत्रसर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा,बलादाकृष्य मोहय महामाया प्रयच्छतिशरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥You can download Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi / दुर्गा अष्टमी पूजा विधि PDF by clicking on the following download button.#दरग #अषटम #पज #वध #Durga #Ashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDF in Hindi
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDF Detailsमां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja VidhiPDF Nameमां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDFNo. of Pages5PDF Size0.64 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi Hindi PDF Summaryमां ब्रह्मचारिणी की पूजा पूर्ण विधि विधान से करनी चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी तप का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह उठकर स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। इसके बाद आसन पर बैठ कर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें। मां को दूध, दही, घृत, मधु या शर्करा से स्नान कराएं। मां ब्रह्मचारिणी को पिस्ते की मिठाई का भोग लगाएं। फिर उन्हें पान, सुपारी और लौंग चढ़ाएं। इसके बाद मां के मंत्रों का जाप और आरती करना चाहिए। श्रद्धाभाव से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्त को धैर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र / Maa Brahmacharini Puja Mantraया देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिघर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।शुभ मुहूर्त-ब्रह्म मुहूर्त- 04:39 ए एम से 05:29 ए एमअभिजित मुहूर्त- 11:45 ए एम से 12:32 पी एमविजय मुहूर्त- 02:05 पी एम से 02:52 पी एमगोधूलि मुहूर्त- 05:47 पी एम से 06:11 पी एमअमृत काल- 11:00 ए एम से 12:27 पी एमनिशिता मुहूर्त- 11:44 पी एम से 12:33 ए एम, अक्टूबर 09रवि योग- 06:59 पी एम से 06:18 ए एम, अक्टूबर 09अशुभ मुहूर्त-राहुकाल- 10:41 ए एम से 12:08 पी एमयमगण्ड- 03:04 पी एम से 04:31 पी एमगुलिक काल- 07:45 ए एम से 09:13 ए एमविडाल योग- 06:18 ए एम से 06:59 पी एमदुर्मुहूर्त- 08:38 ए एम से 09:25 ए एमYou may also like :ब्रह्मचारिणी माता कथा | Brahmacharini Mata Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindiब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF in HindiYou can download Brahmacharini Mata Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#म #बरहमचरण #पज #वध #Maa #Brahmacharini #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि | Maa Brahmacharini Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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