स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi
स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF Detailsस्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja VidhiPDF Nameस्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi Hindi PDF Summaryआप इस लेख के माध्यम से स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। स्कन्द षष्ठी का व्रत करने से भगवान् कार्तिकेय जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान् कार्तिकेय जी के विभिन्न पवित्र नामों में से एक नाम स्कन्द भी हैं। स्कन्द भगवान् का पूजन करने से व्यक्ति में साहस की वृद्धि होती है।स्कन्द भगवान् को देवताओं का सेनापति माना जाता है। वह युद्ध के देवता हैं। स्कन्द भगवान् को उनके वाहन मयूर (मोर) के साथ दर्शाया जाता है। यदि आप अपने जीवन में शत्रुओं से पीड़ित हैं, तो स्कन्द षष्ठी का व्रत एवं पूजन अवश्य करें। स्कन्द षष्ठी की पूजा विधि हमने इस लेख में दी है, जिसके माध्यम से आप अपने घर पर पूजन कर सकते हैं।स्कंद षष्ठी व्रत विधि | Skanda Shasti Pooja Vidhiसुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करें।इसके बाद स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम व्रत का संकल्प लें।पूजा घर में मां गौरी और शिव जी के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा को स्थापित करें।पूजा जल, मौसमी फल, फूल, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि से करें। अंत में आरती करें।शाम को कीर्तन-भजन पूजा के बाद आरती करें।इसके पश्चात फलाहार करें।स्कन्द षष्ठी पूजन मंत्र | Skanda Shashthi Pujan Mantraभगवान् स्कंद का पूजन मंत्र निम्नलिखित हैं –देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥स्कंद षष्ठी का महत्व | Significance of Skanda Shashthiस्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा करने से ग्रह बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है, जिससे ग्रहों की अशुभता के कारण होने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजन व व्रत करने से व्यक्ति को सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। संतान के कष्ट दूर करने की कामना से भी यह व्रत किया जाता है। खासतौर पर दक्षिण भारत में इस तिथि को त्योहार की तरह मनाया जाता है। यहां पर भगवान कार्तिकेय को सुब्रह्मण्यम के नाम से जाना जाता है। इनका प्रिय फूल चंपा है इसलिए इस तिथि को चंपा षष्ठी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया था।स्कंद षष्ठी पूजा मुहूर्त | Skanda Shasthi Puja Muhuartषष्ठी तिथि 15 जून 2021, मंगलवार रात 10.56 बजे से प्रारंभ हो चुकी है। इस तिथि का समापन आज बुधवार रात 10.45 बजे होगा।You may also like :स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDF in HindiYou can download Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#सकद #षषठ #पज #वध #Skanda #Shashti #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi Hindi PDF Summaryआप इस लेख के माध्यम से स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। स्कन्द षष्ठी का व्रत करने से भगवान् कार्तिकेय जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान् कार्तिकेय जी के विभिन्न पवित्र नामों में से एक नाम स्कन्द भी हैं। स्कन्द भगवान् का पूजन करने से व्यक्ति में साहस की वृद्धि होती है।स्कन्द भगवान् को देवताओं का सेनापति माना जाता है। वह युद्ध के देवता हैं। स्कन्द भगवान् को उनके वाहन मयूर (मोर) के साथ दर्शाया जाता है। यदि आप अपने जीवन में शत्रुओं से पीड़ित हैं, तो स्कन्द षष्ठी का व्रत एवं पूजन अवश्य करें। स्कन्द षष्ठी की पूजा विधि हमने इस लेख में दी है, जिसके माध्यम से आप अपने घर पर पूजन कर सकते हैं।स्कंद षष्ठी व्रत विधि | Skanda Shasti Pooja Vidhiसुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करें।इसके बाद स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम व्रत का संकल्प लें।पूजा घर में मां गौरी और शिव जी के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा को स्थापित करें।पूजा जल, मौसमी फल, फूल, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि से करें। अंत में आरती करें।शाम को कीर्तन-भजन पूजा के बाद आरती करें।इसके पश्चात फलाहार करें।स्कन्द षष्ठी पूजन मंत्र | Skanda Shashthi Pujan Mantraभगवान् स्कंद का पूजन मंत्र निम्नलिखित हैं –देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥स्कंद षष्ठी का महत्व | Significance of Skanda Shashthiस्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा करने से ग्रह बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है, जिससे ग्रहों की अशुभता के कारण होने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजन व व्रत करने से व्यक्ति को सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। संतान के कष्ट दूर करने की कामना से भी यह व्रत किया जाता है। खासतौर पर दक्षिण भारत में इस तिथि को त्योहार की तरह मनाया जाता है। यहां पर भगवान कार्तिकेय को सुब्रह्मण्यम के नाम से जाना जाता है। इनका प्रिय फूल चंपा है इसलिए इस तिथि को चंपा षष्ठी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया था।स्कंद षष्ठी पूजा मुहूर्त | Skanda Shasthi Puja Muhuartषष्ठी तिथि 15 जून 2021, मंगलवार रात 10.56 बजे से प्रारंभ हो चुकी है। इस तिथि का समापन आज बुधवार रात 10.45 बजे होगा।You may also like :स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDF in HindiYou can download Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#सकद #षषठ #पज #वध #Skanda #Shashti #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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