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मिल अपने पम्पलेट 'यूटिलिटेरिनिज्म' में ख़ुशी को किससे अलग करता है
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A. आनन्द
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D.कल्याण
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राष्ट्रपति शासन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है / हैं?

1. भारतीय संविधान में राष्ट्रपति शासन पदावली का उल्लेख नहीं है।

2. राष्ट्रपति शासन को तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

A) केवल 1

B) केवल 2

C) 1 और 2 दोनों

D) न तो 1, न ही 2 ☑️

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राष्ट्रपति शासन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है / हैं? 1. भारतीय संविधान में राष्ट्रपति शासन पदावली का उल्लेख नहीं है। 2. राष्ट्रपति शासन को तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। A)…
• राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण आपातकाल (अनुच्छेद 356) को लोकप्रिय रूप से 'राष्ट्रपति शासन' के रूप में जाना जाता है। इसे दो अन्य नामों से भी जाना जाता है- 'राज्य आपातकाल' या 'संवैधानिक आपातकाल'। हालांकि, संविधान में इस स्थिति के लिए 'आपातकाल' शब्द का उपयोग नहीं किया गया है। इसलिए कथन 1 सही है।

• अनुच्छेद 356 को भारतीय संविधान में सबसे विवादास्पद अनुच्छेदों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है, जो किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान करता है। यह प्रावधान तब लागू किया जाता है जब 'ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई हो, जिसमें राज्य की सरकार का संचालन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं किया जा सके।' इसकी परिणति केंद्र द्वारा राज्य शासन के अधिग्रहण के रूप में होती है।

• अनुच्छेद 356 के अनुसारः

✓ यदि राष्ट्रपति का किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है तो राष्ट्रपति उद्घोषणा द्वाराः (a) उस राज्य की सरकार के सभी या कोई कृत्य और (राज्यपाल) में या राज्य के विधान-मंडल से भिन्न राज्य के किसी निकाय
या प्राधिकारी में निहित या उसके द्वारा प्रयोक्तव्य सभी या कोई शक्तियां अपने हाथ में ले सकेगा;
(b) यह घोषणा कर सकेगा कि राज्य के विधानमंडल की शक्तियाँ संसद द्वारा या उसके प्राधिकार के अधीन प्रयोक्तव्य होंगी;

(c) राज्य के किसी निकाय या प्राधिकारी से संबंधित इस संविधान के किन्हीं उपबंधों के प्रवर्तन को पूर्णतः या भागतः निलंबित करने के लिए उपबंधों सहित ऐसे आनुषंगिक और पारिणामिक उपबंध कर सकेगा, जो उद्घोषणा के उद्देश्यों को प्रभावी करने के लिए राष्ट्रपति को आवश्यक या वांछनीय प्रतीत हों। परन्तु इस खंड की कोई बात राष्ट्रपति को उच्च न्यायालय में निहित या उसके द्वारा प्रयोक्तव्य किसी शक्ति को अपने हाथ में लेने या उच्च न्यायालयों से संबंधित इस संविधान के किसी उपबंध के प्रवर्तन को पूर्णतः या भागतः निलंबित करने के लिए प्राधिकृत नहीं करेगी।

• राष्ट्रपति की उद्घोषणा को संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति शासन को तीन वर्ष तक विस्तारित किया जा सकता है। अतः कथन 2 सही है। इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

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निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समतुल्य वेतन प्राप्त करने का अधिकार होता है।

2. मतभेद होने पर, मामले का निर्णय आयोग द्वारा बहुमत के आधार पर किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

ए) केवल 1

बी)केवल 2

सी) 1 और 2 दोनों

डी) न तो 1, न ही 2

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निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समतुल्य वेतन प्राप्त करने का अधिकार होता है। 2. मतभेद होने पर, मामले का निर्णय आयोग द्वारा बहुमत के आधार पर किया जाता है। उपर्युक्त कथनों…
० वर्ष 1950 में अपनी स्थापना से लेकर 15 अक्टूबर 1989 तक, निर्वाचन आयोग ने एकल सदस्यीय निकाय (मुख्य चुनाव आयुक्त सहित) के रूप में कार्य किया था।

• मतदान करने की न्यूनतम आयु को 21 से 18 वर्ष किए जाने के पश्चात् 16 अक्टूबर 1989 को राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचन आयोग के कार्यभार को कम करने के लिए दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई।

• इसके पश्चात्, निर्वाचन आयोग बहुसदस्यीय संस्था के रूप में कार्य करने लगा, जिसमें तीन निर्वाचन आयुक्त शामिल थे। हालांकि, जनवरी 1990 में निर्वाचन आयुक्तों के दो पदों को समाप्त कर दिया गया और इसके परिणामस्वरूप निर्वाचन आयोग की स्थिति पूर्व के समान ही हो गई थी। पुनः अक्टूबर 1993 में, राष्ट्रपति द्वारा दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई। उस समय से वर्तमान तक, निर्वाचन आयोग बहुसदस्यीय संस्था के रूप में कार्य कर रहा है, जिसमें तीन निर्वाचन आयुक्त हैं।

० मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों के पास समान शक्तियां हैं तथा उनके वेतन, भत्ते और अन्य अनुलाभ भी एक समान हैं, जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को प्राप्त होने वाले लाभों के समान हैं। इसके पश्चात्, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और/या दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों के मध्य मतभेद होता है, तो आयोग द्वारा बहुमत के आधार पर निर्णय लिया जाता है।
इसलिए कथन 1 सही नहीं है और 2 सही है।

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ब्रिक्स सम्मेलन प्रारंभ

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निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः

उच्चतम न्यायालय का फैसला- संबंधित प्रावधान

1. मिनर्वा मिल्स वाद: - मूल अधिकारों और निदेशक तत्वों के बीच सामंजस्य

2. आई.आर. कोएल्हो वाद : - न्यायिक समीक्षा

3. किहोतो होलोहन वाद:- दल बदल विरोधी कानून

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?

a.) केवल 1 और 2

b) केवल 2 और 3

c) केवल 1 और 3

d) 1, 2 और 3 तीनों
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निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिएः उच्चतम न्यायालय का फैसला- संबंधित प्रावधान 1. मिनर्वा मिल्स वाद: - मूल अधिकारों और निदेशक तत्वों के बीच सामंजस्य 2. आई.आर. कोएल्हो वाद : - न्यायिक समीक्षा 3. किहोतो होलोहन वाद:- दल बदल विरोधी कानून उपर्युक्त युग्मों…
० मिनर्वा मिल्स वाद (1980) में उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि 'भारतीय संविधान मूल अधिकारों और निदेशक तत्वों के बीच संतुलन के रूप में है।' इसलिए युग्म 1 सही सुमेलित है। • हालांकि, आई. आर. कोएल्हो वाद में दिए महत्वपूर्ण निर्णय (2007) में उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि

नौवीं अनुसूची में शामिल कानूनों को न्यायिक समीक्षा से बाहर नहीं माना जा सकता। न्यायालय का कहना था कि न्यायिक समीक्षा संविधान की मूलभूत विशेषता है और इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किसी कानून के लिए वापस नहीं लिया जा सकता। इसलिए युग्म 2 सही सुमेलित है। • दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए, किहोतो होलोहन बनाम जाचिल्हू और अन्य वाद में उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने एक निर्णय दिया। इसके अनुसार एक विधायक को अयोग्य घोषित करने का अध्यक्ष का निर्णय न्यायिक समीक्षा के अधीन है क्योंकि उसने दल बदल विरोधी कानून के तहत मामलों का फैसला करते समय एक न्यायाधिकरण के रूप में कार्य किया था। इसलिए युग्म 3 सही सुमेलित है।
इस प्रश्न का विकल्प d सही है

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RPSC द्वारा स्कूल व्याख्याता हेतु विज्ञप्ति जारी
राजनीति विज्ञान में 225 पोस्ट
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भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश

• न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्त किया गया है और वे 11 नवंबर, 2024 को पदभार ग्रहण करेंगे।

• वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे।

• भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के तरीके का प्रावधान है। लेकिन मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए संविधान में कोई विशेष प्रावधान नहीं है।

• CJI को सर्वोच्च न्यायालय (SC) का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश होना चाहिए।

• कानून मंत्री को उचित समय पर नए CJI की नियुक्ति के लिए निवर्तमान CJI की सिफारिश लेनी होगी।

• मुख्य न्यायाधीश का पद धारण करने के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश की योग्यता के बारे में संदेह की स्थिति में अनुच्छेद 124 (2) के तहत अन्य न्यायाधीशों से परामर्श किया जाएगा।

• सर्वोच्च न्यायालय की अध्यक्षता करना तथा न्यायिक कार्यवाही का नेतृत्व करना।

• सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करना।

• न्यायालय के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए
मामलों का आवंटन और पीठों का गठन करना।

• सीजेआई कॉलेजियम का नेतृत्व करते हैं।

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