Political School
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Join For Assistant Professor Mock Interviews program & Test series of RPSC school lecturer & NTA- UGC NET/JRF exam of Political Science under the mentorship of Kesharam Thakan Sir (Asst Prof.) & Devraj Gaur Sir (Asst Prof.)
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ऑपरेशन सद्भाव

🔸 इस ऑपरेशन के तहत यागी तूफान से प्रभावित देशों को सहायता प्रदान की गई।
🔸 ऑपरेशन सद्भाव म्यांमार, लाओस और वियतनाम की मदद के लिए लांच किया गया।
🔸 इसे एशिया का सबसे शक्तिशाली तूफान कहा जा रहा है।
🔸 आईएनएस सतपुड़ा:- इस नौसैनिक जहाज की मदद से सहायता पहुंचाई जा रही है।
🔸 c17 ग्लोबमास्टर:- वियतनाम की मदद के लिए तैनात

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सिंधु जल संधि की समीक्षा चाहता है भारत पाकिस्तान को नोटिस

19 सितम्बर, 1960 को सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किये थे

भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए पाकिस्तान को एक औपचारिक नोटिस भेजा है, जिसमें तर्क दिया गया है कि परिस्थितियों में मौलिक और अप्रत्याशित परिवर्तनों के कारण संधि का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के अनुच्छेद 12(3) के तहत 30 अगस्त को पाकिस्तान को नोटिस जारी किया गया। भारत और पाकिस्तान ने नौ वर्षों की बातचीत के बाद 19 सितम्बर, 1960 को सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किये थे, भारत ने समीक्षा की मांग के पीछे एक कारण सीमापार से लगातार जारी आतंकवाद का प्रभाव भी बताया है। एक सूत्र ने कहा, यह अधिसूचना किशंगंगा और रतले जलविद्युत परियोजनाके संबंध में एक अलग लंबे समय से चले आ रहे विवाद की पृष्ठभूमि में जारी की गई थी।

जिसमें विश्व बैंक भी एक हस्ताक्षरकर्ता था, जो कई सीमा पार नदियों के जल के उपयोग पर दोनों पक्षों के बीच सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक तंत्र स्थापित करता है।

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क्वाड / QUAD समिट 2024

• क्वाड (QUAD) के छठवे शिखर सम्मेलन का आयोजन 21 सितम्बर को संयुक्त राज्य अमेरिका के विलमिंगटन, डेलावेयर में हुआ। इस वर्ष शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन द्वारा की गई।

क्वाडरीलेटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग (QUAD) चार देशों आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के मध्य कूटनीतिक साझेदारी है।

• उद्देश्य - हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना।

• क्वाड (QUAD) की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई तथा इसकी पहली बैठक वर्ष 2007 में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के दौरान हुई थी।

वर्ष 2023 में क्वाड (QUAD) की पांचवी बैठक का आयोजन हीरोशिमा (जापान) में आयोजित हुआ था |

क्वाड (QUAD) शिखर सम्मेलन घोषणाएँ

क्वाड कैंसर मूनशॉट हिंद प्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर से जीवन बचाने के लिए साझेदारी।

• हिंद प्रशांत के लिए नई पहल मैत्री (MAITRI) की घोषणा।

वर्ष 2025 में मुंबई (भारत) में प्रथम क्षेत्रीय बंदरगाह और परिवहन सम्मेलन का आयोजन।

वर्ष 2025 में समुद्री सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए 'क्वाड-एट- सी शिप' आब्जर्वर मिशन

• क्वाड (QUAD) देशों के मध्य सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को
मजबूत करने के लिए समझौता किया गया ।

• क्वाड स्टेम (STEM) फैलोशिप के तहत हिंद प्रशांत क्षेत्र के
छात्रों के लिए भारतीय सरकारी संस्थानों में 4 वर्षीय स्नातक इंजीनियरिंग कोर्स प्रदान किया जायेगा।

• भारत द्वारा मॉरीशस के लिए अंतरिक्ष आधारित वेब पोर्टल की स्थापना।

• बायोएक्सप्लोर पहल के अंतर्गत जैविक पारिस्थितक प्रणाली के अध्ययन में AI तकनीक के प्रयोग के लिए 2 मिलियन डॉलर का वित्तपोषण |

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भारत और मालदीव

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद मुइज्जू ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की व्यापक समीक्षा की।
भारत-मालदीव में निम्न समझोते आज हुए
👉40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली को लेकर समझौता
👉भारत की तरफ से मालदीव में अब रूपे कार्ड करेगा काम
👉भारत ने मालदीव को 70 सामाजिक आवास सौंपे
👉पुनर्विकसित हनीमाधू हवाई अड्डे का उद्घाटन किया
👉थिलाफुशी में एक नये वाणिज्यिक बंदरगाह के विकास में सहयोग
👉मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला


"India Out campaign" से "With India campaign" की ओर चला मालदीव
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निरस्त्रीकरण
जापानी संगठन निहोन हिदांक्यो को 2024 का नोबेल पीस प्राइज


इस संघटन ने हिरोशिमा-नागासाकी हमले के पीड़ित शामिल, परमाणु हथियार मुक्त दुनिया बनाने की मुहिम चलाई

निहोन हिदांक्यो संगठन की स्थापना 1956 में परमाणु और हाइड्रोजन बमों के खिलाफ हो रही दूसरी वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई थी। अमेरिका ने 1954 में हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था इसके विरोध में 1955 में वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई थी।

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ब्रिक्स सम्मेलन प्रारंभ

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संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने निर्णायक जीत हासिल की

• संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में:

• चुनाव से एक वर्ष पूर्वः दो प्रमुख राजनीतिक दल (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) अपने उम्मीदवारों को तैयार करना शुरू करते हैं। संभावित उम्मीदवार अपने अभियान की शुरुआत करते हैं और टेलीविजन पर
नीतियों से संबंधित बहस में भाग लेते हैं।

• प्राइमरीज़ और कॉक्सेसः पार्टी के सदस्य उस सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं व उस पर चर्चा करते हैं, जो आम चुनाव में उनका प्रतिनिधित्व करेगा।

नेशनल कन्वेंशनः

• प्रत्येक पार्टी राष्ट्रपति पद के अंतिम उम्मीदवार का चयन करने के लिए एक नेशनल कन्वेंशन आयोजित करती है।

• राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का भी चयन करते हैं। • आम चुनावः

• देश के प्रत्येक राज्य में लोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं।

> अमेरिकी नागरिक अपने राज्यों में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं। हालांकि, जब लोग मतदान करते हैं, तो वे सीधे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को वोट नहीं देते। इसकी बजाय, वे "इलेक्टर्स” नामक एक समूह के लिए वोट करते हैं, जो कि निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं।

> यदि किसी उम्मीदवार को किसी राज्य में बहुमत मिलता है, तो वह उम्मीदवार उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट हासिल कर लेता है। हालांकि, मेन और नेब्रास्का राज्यों में यह प्रणाली थोड़ी अलग है।

• निर्वाचक मंडल

इसमें कुल 538 इलेक्टर्स होते हैं। आम चुनाव के बाद प्रत्येक इलेक्टर एक वोट डालता है, जो उम्मीदवार आधे से अधिक (270) वोट प्राप्त करता है, वह संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है।

> भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों और सभी राज्यों व कुछ केंद्र शासित प्रदेशों की विधान-सभा के निर्वाचित सदस्यों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।

> भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार गुप्त मतदान द्वारा एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से होता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में चुनाव प्रबंधन प्रक्रिया

• अमेरिका में चुनावों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत प्राधिकरण का अभाव है। 3,143 काउंटियों में 10,000 से अधिक स्थानीय संस्थाओं के पास अपने स्वयं के नियम हैं।

• अमेरिका में एक संघीय चुनाव आयोग (FEC) है। इसका प्रभाव भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) के विपरीत चुनावी अभियान वित्त को विनियमित करने तक सीमित है। भारत में ECI चुनावी वित्त के विनियमन के साथ-साथ पूरी चुनाव प्रक्रिया की भी देखरेख व संचालन करता है।

• अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को आयोजित किए जाते हैं। यह परंपरा 1835 से चली आ रही है।

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ऑस्ट्राहिंद युद्धाभ्यास
हाल ही में, पुणे में भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास “ऑस्ट्राहिंद” का तीसरा संस्करण शुरू हुआ

ऑस्ट्राहिंद अभ्यास के बारे में

• यह एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित होता है।

इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों के अर्ध-शहरी परिवेश में संयुक्त उप-पारंपरिक संचालन में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेना के बीच सैन्य-संचालन सहयोग को बढ़ाना है।

यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र मैडेट के अध्याय VII के तहत आयोजित किया जाता है। 2024 का अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। ये चरण हैं- कॉम्बैट कंडीशनिंग और सामरिक प्रशिक्षण चरण तथा सत्यापन चरण।

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COP29
बाकू क्लाइमेट यूनिटी पैक्ट

UNFCCC का COP-29 सम्मेलन 'बाकू क्लाइमेट यूनिटी पैक्ट' के साथ संपन्न हुआ

इस पैक्ट में विविध महत्वपूर्ण जलवायु लक्ष्यों और योजनाओं को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए- जलवायु वित्त पर नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (NCQG); अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य; और शर्म अल-शेख शमन महत्वाकांक्षा एवं कार्यान्वयन कार्य कार्यक्रम आदि

पैक्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजरः

> जलवायु वित्त पर NCQG: इसका उद्देश्य देशों को जलवायु आपदाओं के खिलाफ अपने नागरिकों और अर्थव्यवस्थाओं की रक्षा करने तथा स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लाभों को साझा करने में मदद करने के लिए एक नया वित्त लक्ष्य प्रदान करना है।

> अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य

> बाकू अनुकूलन रोडमैप: इसका उद्देश्य पेरिस समझौते के अनुच्छेद 7 के अनुरूप अनुकूलन संबंधी कार्रवाई के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाना है।

■ अनुच्छेद 7, पैराग्राफ 1: यह सतत विकास में योगदान देने की दृष्टि से अनुकूली क्षमता बढ़ाने के लिए 'अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य' स्थापित करता है।

> वृद्धिशील और परिवर्तनकारी दोनों अनुकूलन दृष्टिकोणों को मान्यता देना: यह लोगों के कल्याण की रक्षा और वैश्विक जलवायु लचीलेपन के लिए UAE फ्रेमवर्क को लागू करता है।

> शर्म अल-शेख शमन महत्वाकांक्षा और कार्यान्वयन कार्य कार्यक्रम

> कोई 'वन साइज फिट्स आल' दृष्टिकोण नहीं: ऐसा राष्ट्रीय और स्थानीय परिस्थितियों की विविधता के कारण किया गया है।

> सहयोगः शमन कार्यों पर शहरों, उपराष्ट्रीय प्राधिकारियों, स्थानीय समुदायों और राष्ट्रीय सरकारों के बीच आपस में सहयोग किया जाएगा।

> एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के निर्माण पर चर्चाः सम्मेलन में शमन कार्यों के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने पर भी चर्चा की गई।

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Important for RAS(Pre+ Mains)
नेपाल और चीन ने 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) सहयोग फ्रेमवर्क' पर हस्ताक्षर किए

इस फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर से नेपाल में BRI परियोजनाओं के क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना है। गौरतलब है कि नेपाल 2017 में BRI में शामिल हो गया था।

> साथ ही, दोनों देशों ने ट्रांस-हिमालयन कनेक्टिविटी नेटवर्क (टीएचएमडीसीएन) विकसित करने और सड़क, रेलवे, एविएशन एवं पावर ग्रिड संबंधी अवसंरचना में सुधार के लिए भी प्रतिबद्धता प्रकट की।

> ज्ञातव्य है कि पाकिस्तान और श्रीलंका भी BRI में शामिल हैं।

> बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के बारे में

> उत्पत्तिः इसे 2013 में 'वन बेल्ट वन रोड' के रूप में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भूमि और समुद्री नेटवर्क के माध्यम से एशिया को अफ्रीका व यूरोप से जोड़ना है।

> उद्देश्यः क्षेत्रीय एकीकरण में सुधार करना, व्यापार बढ़ाना और आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहित करना।

> इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

> सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट: यह एक अंतर-महाद्वीपीय मार्ग है।

> समुद्री रेशम मार्ग: यह एक समुद्री मार्ग है।

BRI को लेकर भारत की प्रमुख चिंताएं

> सुरक्षा संबंधी खतरे: नेपाल भारत के साथ लगभग 1700 किमी की एक लंबी भूमि सीमा साझा करता है। भारत और चीन के मध्य नेपाल एक बफर जोन के रूप में स्थित है। चीन की अवसंरचना परियोजनाएं संघर्ष की स्थिति में भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों को और अधिक असुरक्षित बना देंगी।

> उदाहरण के लिए- पोखरा में चीन द्वारा वित्त पोषित हवाई अड्डा, भारतीय सीमा के निकट है।

> क्षेत्रीय प्रभावः चीन के आर्थिक प्रभाव से नेपाल चीन के साथ राजनीतिक रूप से जुड़ सकता है। इससे भारत का क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर हो सकता है।

> "स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स" रणनीतिः यह चीन की रणनीति का एक हिस्सा माना जाता है। इसका उद्देश्य चीन-समर्थक देशों से भारत को घेरना है।

> ऋण जाल कूटनीति (डेट ट्रैप डिप्लोमेसी): चीन, नेपाल पर ऋण जाल का उपयोग करके प्रभाव डाल सकता है।

> भारत वर्तमान में नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत सीमा-पार ऊर्जा व्यापार में भी निवेश कर रहा है। चीन का बढ़ता प्रभाव इन व्यापारिक संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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