◾️16वा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन - 2024
🔹आयोजन - 22 से 24 अक्टूबर 2024,
🔹स्थान - कजान, रूस मे
🔹भारत की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी ने भाग लिया
सऊदी अरब ने अभी तक अपनी BRICS सदस्यता को औपचारिक रूप नहीं दिया है, हालांकि उसके विदेश मंत्री ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
◦ इस शिखर सम्मेलन में नए सदस्य देशों की भागीदारी को प्रदर्शित करने के साथ BRICS+ गठबंधन के तहत बढ़ते प्रभाव और विविधता को रेखांकित किया गया।
▪ बहुपक्षवाद पर ध्यान:
◦ इसके नेताओं ने बहुपक्षवाद को मज़बूत करने, आतंकवाद का मुकाबला करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, सतत् विकास को आगे बढ़ाने तथा ग्लोबल साउथ की चिंताओं को दूर करने के बारे में चर्चा की।
▪ इस शिखर सम्मेलन के दौरान ही प्रधानमंत्री ने वर्ष 2020 के सीमा मुद्दों की "पूर्ण समाप्ति और समाधान" के लिये चीन के साथ हाल ही में हुए समझौते का स्वागत किया, यह वर्ष 2020 के बाद उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक थी।
✍️ देवराज गौड़
https://t.me/pol_sci_with_devrajgaur
🔹आयोजन - 22 से 24 अक्टूबर 2024,
🔹स्थान - कजान, रूस मे
🔹भारत की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी ने भाग लिया
सऊदी अरब ने अभी तक अपनी BRICS सदस्यता को औपचारिक रूप नहीं दिया है, हालांकि उसके विदेश मंत्री ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
◦ इस शिखर सम्मेलन में नए सदस्य देशों की भागीदारी को प्रदर्शित करने के साथ BRICS+ गठबंधन के तहत बढ़ते प्रभाव और विविधता को रेखांकित किया गया।
▪ बहुपक्षवाद पर ध्यान:
◦ इसके नेताओं ने बहुपक्षवाद को मज़बूत करने, आतंकवाद का मुकाबला करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, सतत् विकास को आगे बढ़ाने तथा ग्लोबल साउथ की चिंताओं को दूर करने के बारे में चर्चा की।
▪ इस शिखर सम्मेलन के दौरान ही प्रधानमंत्री ने वर्ष 2020 के सीमा मुद्दों की "पूर्ण समाप्ति और समाधान" के लिये चीन के साथ हाल ही में हुए समझौते का स्वागत किया, यह वर्ष 2020 के बाद उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक थी।
✍️ देवराज गौड़
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परम पिता परमेश्वर , आराध्य बालाजी महाराज की असीम कृपा , माता-पिता व गुरूजनों के आशीर्वाद से राजकीय सेवा में सहायक आचार्य के पद पर द्विवर्षीय परिवीक्षाकाल आज सफलतापूर्वक पूर्ण किया ।। दो वर्ष के इस सेवा काल में कर्मस्थली राज़कीय महाविद्यालय रेवदर और राजकीय महाविद्यालय विशाला के सम्पूर्ण स्टाफ साथियों का सहयोग व मार्गदर्शन मेरे लिए अविस्मरणीय है ।इस अवधि में बहुत कुछ सीखने को मिला। स्वयं के कार्य क्षेत्र में जो भी जिम्मेदारियां मिली पूर्ण मनोयोग तथा बेहतर ढंग से निर्वहन करने का प्रयास रहा।।
प्रतियोगिता तैयारी के समय जब स्वयं के करियर को संवारने के सपने देखते थे उस प्रतिकूल परिस्थितियों के संघर्ष को याद करके जब आज उसके प्रतिफल को महसूस करते है तो कार्य के प्रति एक नया जोश और विनम्रता पैदा होती है परमात्मा हमेशा इस जज्बे को बरकरार रखें।
दो वर्ष के इस सेवाकाल में प्यारें विद्यार्थियों से मिले मान सम्मान व अपनत्व का भी मैं हृदय से आभारी हूं ।
आप सभी शुभचिंतकों का स्नेह , आशीर्वाद व मार्गदर्शन आगे भी अनवरत मिलता रहें ।।💐💐
सादर
देवराज गौड़
सहायक आचार्य
राज. विज्ञान
प्रतियोगिता तैयारी के समय जब स्वयं के करियर को संवारने के सपने देखते थे उस प्रतिकूल परिस्थितियों के संघर्ष को याद करके जब आज उसके प्रतिफल को महसूस करते है तो कार्य के प्रति एक नया जोश और विनम्रता पैदा होती है परमात्मा हमेशा इस जज्बे को बरकरार रखें।
दो वर्ष के इस सेवाकाल में प्यारें विद्यार्थियों से मिले मान सम्मान व अपनत्व का भी मैं हृदय से आभारी हूं ।
आप सभी शुभचिंतकों का स्नेह , आशीर्वाद व मार्गदर्शन आगे भी अनवरत मिलता रहें ।।💐💐
सादर
देवराज गौड़
सहायक आचार्य
राज. विज्ञान
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सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न पुरस्कारों जैसे- पदम् विभूषण, पद्म श्री इत्यादि को किस वाद में उपाधियाँ नही वरन् सम्मान घोषित किया तथा अनुच्छेद-18 का उल्लंघन नहीं माना
Anonymous Quiz
41%
बालाजी राघवन बनाम भारत संघ, 1996
14%
गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य, 1967
37%
पीपुल्स युनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स वनाम भारत संघ 1982
8%
विनीत नारायण बनाम भारत संघ, 1998
👍5❤2💯2
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने निर्णायक जीत हासिल की
• संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में:
• चुनाव से एक वर्ष पूर्वः दो प्रमुख राजनीतिक दल (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) अपने उम्मीदवारों को तैयार करना शुरू करते हैं। संभावित उम्मीदवार अपने अभियान की शुरुआत करते हैं और टेलीविजन पर
नीतियों से संबंधित बहस में भाग लेते हैं।
• प्राइमरीज़ और कॉक्सेसः पार्टी के सदस्य उस सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं व उस पर चर्चा करते हैं, जो आम चुनाव में उनका प्रतिनिधित्व करेगा।
• नेशनल कन्वेंशनः
• प्रत्येक पार्टी राष्ट्रपति पद के अंतिम उम्मीदवार का चयन करने के लिए एक नेशनल कन्वेंशन आयोजित करती है।
• राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का भी चयन करते हैं। • आम चुनावः
• देश के प्रत्येक राज्य में लोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं।
> अमेरिकी नागरिक अपने राज्यों में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं। हालांकि, जब लोग मतदान करते हैं, तो वे सीधे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को वोट नहीं देते। इसकी बजाय, वे "इलेक्टर्स” नामक एक समूह के लिए वोट करते हैं, जो कि निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं।
> यदि किसी उम्मीदवार को किसी राज्य में बहुमत मिलता है, तो वह उम्मीदवार उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट हासिल कर लेता है। हालांकि, मेन और नेब्रास्का राज्यों में यह प्रणाली थोड़ी अलग है।
• निर्वाचक मंडल
इसमें कुल 538 इलेक्टर्स होते हैं। आम चुनाव के बाद प्रत्येक इलेक्टर एक वोट डालता है, जो उम्मीदवार आधे से अधिक (270) वोट प्राप्त करता है, वह संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है।
> भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों और सभी राज्यों व कुछ केंद्र शासित प्रदेशों की विधान-सभा के निर्वाचित सदस्यों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।
> भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार गुप्त मतदान द्वारा एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से होता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में चुनाव प्रबंधन प्रक्रिया
• अमेरिका में चुनावों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत प्राधिकरण का अभाव है। 3,143 काउंटियों में 10,000 से अधिक स्थानीय संस्थाओं के पास अपने स्वयं के नियम हैं।
• अमेरिका में एक संघीय चुनाव आयोग (FEC) है। इसका प्रभाव भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) के विपरीत चुनावी अभियान वित्त को विनियमित करने तक सीमित है। भारत में ECI चुनावी वित्त के विनियमन के साथ-साथ पूरी चुनाव प्रक्रिया की भी देखरेख व संचालन करता है।
• अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को आयोजित किए जाते हैं। यह परंपरा 1835 से चली आ रही है।
#IR_Current_Affairs
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• संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में:
• चुनाव से एक वर्ष पूर्वः दो प्रमुख राजनीतिक दल (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) अपने उम्मीदवारों को तैयार करना शुरू करते हैं। संभावित उम्मीदवार अपने अभियान की शुरुआत करते हैं और टेलीविजन पर
नीतियों से संबंधित बहस में भाग लेते हैं।
• प्राइमरीज़ और कॉक्सेसः पार्टी के सदस्य उस सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं व उस पर चर्चा करते हैं, जो आम चुनाव में उनका प्रतिनिधित्व करेगा।
• नेशनल कन्वेंशनः
• प्रत्येक पार्टी राष्ट्रपति पद के अंतिम उम्मीदवार का चयन करने के लिए एक नेशनल कन्वेंशन आयोजित करती है।
• राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का भी चयन करते हैं। • आम चुनावः
• देश के प्रत्येक राज्य में लोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं।
> अमेरिकी नागरिक अपने राज्यों में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं। हालांकि, जब लोग मतदान करते हैं, तो वे सीधे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को वोट नहीं देते। इसकी बजाय, वे "इलेक्टर्स” नामक एक समूह के लिए वोट करते हैं, जो कि निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं।
> यदि किसी उम्मीदवार को किसी राज्य में बहुमत मिलता है, तो वह उम्मीदवार उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट हासिल कर लेता है। हालांकि, मेन और नेब्रास्का राज्यों में यह प्रणाली थोड़ी अलग है।
• निर्वाचक मंडल
इसमें कुल 538 इलेक्टर्स होते हैं। आम चुनाव के बाद प्रत्येक इलेक्टर एक वोट डालता है, जो उम्मीदवार आधे से अधिक (270) वोट प्राप्त करता है, वह संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है।
> भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों और सभी राज्यों व कुछ केंद्र शासित प्रदेशों की विधान-सभा के निर्वाचित सदस्यों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।
> भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार गुप्त मतदान द्वारा एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से होता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में चुनाव प्रबंधन प्रक्रिया
• अमेरिका में चुनावों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत प्राधिकरण का अभाव है। 3,143 काउंटियों में 10,000 से अधिक स्थानीय संस्थाओं के पास अपने स्वयं के नियम हैं।
• अमेरिका में एक संघीय चुनाव आयोग (FEC) है। इसका प्रभाव भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) के विपरीत चुनावी अभियान वित्त को विनियमित करने तक सीमित है। भारत में ECI चुनावी वित्त के विनियमन के साथ-साथ पूरी चुनाव प्रक्रिया की भी देखरेख व संचालन करता है।
• अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को आयोजित किए जाते हैं। यह परंपरा 1835 से चली आ रही है।
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निम्नलिखित में से कितनी परिस्थितियों में संसद राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है?
1. जब लोक सभा इस संदर्भ में एक संकल्प पारित कर दे।
2. जब दो या अधिक राज्य इस संदर्भ में संकल्प पारित कर दें।
3. जब किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि की अभिपुष्टि की जा रही हो।
4. जब राज्य राष्ट्रपति शासन के अधीन हो।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।
A) केवल एक
B) केवल दो
C) केवल तीन ✅
D) सभी चार
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1. जब लोक सभा इस संदर्भ में एक संकल्प पारित कर दे।
2. जब दो या अधिक राज्य इस संदर्भ में संकल्प पारित कर दें।
3. जब किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि की अभिपुष्टि की जा रही हो।
4. जब राज्य राष्ट्रपति शासन के अधीन हो।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।
A) केवल एक
B) केवल दो
C) केवल तीन ✅
D) सभी चार
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Political School
निम्नलिखित में से कितनी परिस्थितियों में संसद राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है? 1. जब लोक सभा इस संदर्भ में एक संकल्प पारित कर दे। 2. जब दो या अधिक राज्य इस संदर्भ में संकल्प पारित कर दें। 3. जब किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि की अभिपुष्टि की जा रही…
व्याख्या-
• संसद की राज्य सूची पर कानून बनाने की शक्तियांः यद्यपि सामान्य परिस्थितियों में केंद्र सरकार राज्य सूची में सूचीबद्ध विषयों पर कानून
बनाने की अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं करती, परन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में संसद इन विषयों पर भी कानून का निर्माण कर सकती है।
• राष्ट्रीय हित में (अनुच्छेद 249): यदि राज्य सभा इस संदर्भ में एक संकल्प पारित कर दे; न की लोक सभा। इसलिए 1 सही नहीं है।
० राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा के तहत (अनुच्छेद 250): जब तक राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा परिचालन में हो तो संसद राज्य सूची में उल्लिखित विषयों पर विधि का निर्माण कर सकती है। हालांकि, इस उपबंध के अधीन संसद द्वारा निर्मित विधि उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने के पश्चात् छह माह की अवधि की समाप्ति पर मात्र उन बातों के अतिरिक्त प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उक्त अवधि की समाप्ति से पूर्व किया गया हो या करने का लोप किया गया हो।
• राज्यों के मध्य समझौते के द्वारा (अनुच्छेद 252): यदि दो या अधिक राज्य यह संकल्प पारित करते हैं कि उन राज्यों से संबंधित राज्य सूची में सूचीबद्ध किसी भी विषय के संबंध में संसद द्वारा कानून निर्माण विधिपूर्ण है तो संसद राज्य सूची के उक्त विषय पर विधि का निर्माण कर सकती है। इसलिए 2 सही है।
• संधियों के क्रियान्वयन हेतु (अनुच्छेद 253): संसद को किसी अन्य देश या देशों के साथ की गई किसी संधि, अथवा किसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में किए गए किसी विनिश्चय के क्रियान्वयन हेतु भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि निर्माण की शक्ति प्राप्त है। इसलिए 3 सही है।
• राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा के तहत (अनुच्छेद 356): इसलिए 4 सही है।
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• संसद की राज्य सूची पर कानून बनाने की शक्तियांः यद्यपि सामान्य परिस्थितियों में केंद्र सरकार राज्य सूची में सूचीबद्ध विषयों पर कानून
बनाने की अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं करती, परन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में संसद इन विषयों पर भी कानून का निर्माण कर सकती है।
• राष्ट्रीय हित में (अनुच्छेद 249): यदि राज्य सभा इस संदर्भ में एक संकल्प पारित कर दे; न की लोक सभा। इसलिए 1 सही नहीं है।
० राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा के तहत (अनुच्छेद 250): जब तक राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा परिचालन में हो तो संसद राज्य सूची में उल्लिखित विषयों पर विधि का निर्माण कर सकती है। हालांकि, इस उपबंध के अधीन संसद द्वारा निर्मित विधि उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने के पश्चात् छह माह की अवधि की समाप्ति पर मात्र उन बातों के अतिरिक्त प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उक्त अवधि की समाप्ति से पूर्व किया गया हो या करने का लोप किया गया हो।
• राज्यों के मध्य समझौते के द्वारा (अनुच्छेद 252): यदि दो या अधिक राज्य यह संकल्प पारित करते हैं कि उन राज्यों से संबंधित राज्य सूची में सूचीबद्ध किसी भी विषय के संबंध में संसद द्वारा कानून निर्माण विधिपूर्ण है तो संसद राज्य सूची के उक्त विषय पर विधि का निर्माण कर सकती है। इसलिए 2 सही है।
• संधियों के क्रियान्वयन हेतु (अनुच्छेद 253): संसद को किसी अन्य देश या देशों के साथ की गई किसी संधि, अथवा किसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में किए गए किसी विनिश्चय के क्रियान्वयन हेतु भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि निर्माण की शक्ति प्राप्त है। इसलिए 3 सही है।
• राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा के तहत (अनुच्छेद 356): इसलिए 4 सही है।
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ऑस्ट्राहिंद युद्धाभ्यास
हाल ही में, पुणे में भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास “ऑस्ट्राहिंद” का तीसरा संस्करण शुरू हुआ
ऑस्ट्राहिंद अभ्यास के बारे में
• यह एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित होता है।
इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों के अर्ध-शहरी परिवेश में संयुक्त उप-पारंपरिक संचालन में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेना के बीच सैन्य-संचालन सहयोग को बढ़ाना है।
यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र मैडेट के अध्याय VII के तहत आयोजित किया जाता है। 2024 का अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। ये चरण हैं- कॉम्बैट कंडीशनिंग और सामरिक प्रशिक्षण चरण तथा सत्यापन चरण।
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हाल ही में, पुणे में भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास “ऑस्ट्राहिंद” का तीसरा संस्करण शुरू हुआ
ऑस्ट्राहिंद अभ्यास के बारे में
• यह एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित होता है।
इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों के अर्ध-शहरी परिवेश में संयुक्त उप-पारंपरिक संचालन में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेना के बीच सैन्य-संचालन सहयोग को बढ़ाना है।
यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र मैडेट के अध्याय VII के तहत आयोजित किया जाता है। 2024 का अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। ये चरण हैं- कॉम्बैट कंडीशनिंग और सामरिक प्रशिक्षण चरण तथा सत्यापन चरण।
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राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा संस्कृत शिक्षा विभाग हेतु आयोजित स्कूल व्याख्याता प्रथम पेपर में आये हुए राजव्यवस्था के प्रश्न
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Sanskrit Department lecturer Political paper .pdf
8.2 MB
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा संस्कृत शिक्षा विभाग हेतु आयोजित स्कूल व्याख्याता राजनीति विज्ञान का पेपर
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Paper 2.pdf
2.4 MB
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा संस्कृत शिक्षा विभाग हेतु आयोजित सहायक आचार्य राजनीति विज्ञान का मॉडल पेपर और ऑफिसियल आंसर की
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