🍃
♦️gaaNDiivaM sraMsate hastaattvakchaiva paridahyate|
na cha shaknomyavasthaatuM bhramatiiva cha me manaH||1.30||
⚜1.30. The (bow) Gandiva slips from my hand, and also my skins burns all over; I am unable even to stand and my mind is reeling, as it were.
⚜।।1.30।।मेरे हाथ से गाण्डीव (धनुष) गिर रहा है और त्वचा जल रही है। मेरा मन भ्रमित सा हो रहा है और मैं खड़े रहने में असमर्थ हूँ।
#Geeta
गाण्डीवं स्रंसते हस्तात्त्वक्चैव परिदह्यते।
न च शक्नोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः
।।1.30।।♦️gaaNDiivaM sraMsate hastaattvakchaiva paridahyate|
na cha shaknomyavasthaatuM bhramatiiva cha me manaH||1.30||
⚜1.30. The (bow) Gandiva slips from my hand, and also my skins burns all over; I am unable even to stand and my mind is reeling, as it were.
⚜।।1.30।।मेरे हाथ से गाण्डीव (धनुष) गिर रहा है और त्वचा जल रही है। मेरा मन भ्रमित सा हो रहा है और मैं खड़े रहने में असमर्थ हूँ।
#Geeta
🍃
♦️nimittaani cha pashyaami vipariitaani keshava|
na cha shreyo'nupashyaami hatvaa svajanamaahave||1.31||
⚜1.31. And I see adverse omens, O Kesava. I do not see any good in killing my kinsmen in battle.
⚜।।1.31।।हे केशव मैं शकुनों को भी विपरीत ही देख रहा हूँ और युद्ध में (आहवे) अपने स्वजनों को मारकर कोई कल्याण भी नहीं देखता हूँ।
#Geeta
निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव।
न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे
।।1.31।।♦️nimittaani cha pashyaami vipariitaani keshava|
na cha shreyo'nupashyaami hatvaa svajanamaahave||1.31||
⚜1.31. And I see adverse omens, O Kesava. I do not see any good in killing my kinsmen in battle.
⚜।।1.31।।हे केशव मैं शकुनों को भी विपरीत ही देख रहा हूँ और युद्ध में (आहवे) अपने स्वजनों को मारकर कोई कल्याण भी नहीं देखता हूँ।
#Geeta
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी २० सितम्बर प्रातः ०५:२८ तक तत्पश्चात पूर्णिमा
🌥️ दिनांक - १९ सितम्बर २०२१
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत -१९४३
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा २० सितम्बर रात्रि ०३:२८ तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - धृति शाम ०४:४४ तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहुकाल - शाम ०५:०६ से शाम ०६:३८ तक
⛅ सूर्योदय - ०६:२७
⛅ सूर्यास्त - १८:३६
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
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🌥️ दिनांक - १९ सितम्बर २०२१
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⛅ शक संवत -१९४३
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
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⛅ योग - धृति शाम ०४:४४ तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहुकाल - शाम ०५:०६ से शाम ०६:३८ तक
⛅ सूर्योदय - ०६:२७
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AIR Sanskrit News - Text
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news. https://youtu.be/nkaMNX4XlSU
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Vaarta: News in Sanskrit | 19/09/2021
Watch updates from across the world in Sanskrit in a daily bulletin, Vaarta.
ओ३म्
727. संस्कृत वाक्याभ्यासः
तस्य / तस्याः चिन्तनं पवित्रम् अस्ति।
= उसका चिन्तन पवित्र है।
तस्य / तस्याः वाणी अपि पवित्रा अस्ति।
= उसकी वाणी भी पवित्र है।
तस्य / तस्याः व्यवहारः पवित्रः अस्ति।
= उसका व्यवहार पवित्र है।
सः / सा कुतः आगच्छति ?
= वह कहाँ से आता / आती है ?
तस्य / तस्याः माता का अस्ति ?
= उसकी माता कौन है ?
तस्य / तस्याः पिता कः अस्ति ?
= उसका पिता कौन है ?
तस्य / तस्याः गुरुः कः अस्ति ?
= उसका गुरु कौन है ?
अहं तं / तां मेलितुम् इच्छामि।
= मैं उससे मिलना चाहता / चाहती हूँ।
( यदा कोsपि भद्रजनः मिलति तदा एते प्रश्नाः मनसि उद्भवन्ति।
= जब कोई भद्र जन मिलता है तब ये प्रश्न मन में पैदा होते हैं। )
ओ३म्
728. संस्कृत वाक्याभ्यासः
मातुलः – अधुना अन्धकारः अभवत्।
= अभी अँधेरा हो गया है ।
– त्वं गृहं न गमिष्यसि।
= तुम घर नहीं जाओगे।
– अत्रैव शयनं कुरु।
= यहीं सो जाओ।
भागिनेयः – अहं गृहं प्राप्स्यामि ।
भान्जा = मैं घर पहुँच जाऊँगा।
– द्विचक्रिकया गच्छामि।
= साइकिल से जाऊँगा।
मातुलः – मार्गे कुक्कराः अपि सन्ति।
= रास्ते में कुत्ते भी हैं।
– मा गच्छ।
= मत जाओ।
भागिनेयः – अम्बा शयनं न करिष्यति।
= माँ नहीं सोएगी।
मातुलः – त्वं मातुः चिन्तां करोषि।
= तुम माँ की चिन्ता कर रहे हो।
हा …हा … हा …हा … हा…
चल … मया सह चल ।
= चलो …. मेरे साथ चलो।
अन्यथा त्वमपि अत्र निद्रां न करिष्यसि।
= अन्यथा तुम भी यहाँ नींद नहीं करोगे।
ओ३म्
729. संस्कृत वाक्याभ्यासः
संस्कृत-कार्यकर्तारः प्रायः किं चिन्त्यन्ति ?
= संस्कृत-कार्यकर्ता प्रायः क्या सोचते हैं ?
– अद्य किं लिखानि ?
= आज क्या लिखूँ ?
– केन सह वार्तालापं करवाणि ?
= किसके साथ बात करूँ ?
– किं वदानि ?
= क्या बोलूँ ?
– कथं वदानि ?
= कैसे बोलूँ ?
– अद्य किं पुस्तकं पठानि ?
= आज कौनसी पुस्तक पढूँ ?
– अस्तु , सम्भाषण-सन्देशं पठामि।
= ठीक है , सम्भाषण-सन्देश पढ़ता हूँ।
– किं गीतं श्रृणवानि ?
= कौनसा गीत सुनूँ ?
– “सुरससुबोधा” गीतं श्रृणोमि।
= “सुरससुबोधा” गीत सुनता हूँ।
– अहमपि गीतं गायानि ?
= मैं भी गीत गाऊँ ?
– संस्कृतगीतं तु गेयम् ।
= संस्कृतगीत तो गाना चाहिये।
कथं सरलं पाठयानि ?
= कैसे सरल पढ़ाऊँ ?
#vakyabhyas
727. संस्कृत वाक्याभ्यासः
तस्य / तस्याः चिन्तनं पवित्रम् अस्ति।
= उसका चिन्तन पवित्र है।
तस्य / तस्याः वाणी अपि पवित्रा अस्ति।
= उसकी वाणी भी पवित्र है।
तस्य / तस्याः व्यवहारः पवित्रः अस्ति।
= उसका व्यवहार पवित्र है।
सः / सा कुतः आगच्छति ?
= वह कहाँ से आता / आती है ?
तस्य / तस्याः माता का अस्ति ?
= उसकी माता कौन है ?
तस्य / तस्याः पिता कः अस्ति ?
= उसका पिता कौन है ?
तस्य / तस्याः गुरुः कः अस्ति ?
= उसका गुरु कौन है ?
अहं तं / तां मेलितुम् इच्छामि।
= मैं उससे मिलना चाहता / चाहती हूँ।
( यदा कोsपि भद्रजनः मिलति तदा एते प्रश्नाः मनसि उद्भवन्ति।
= जब कोई भद्र जन मिलता है तब ये प्रश्न मन में पैदा होते हैं। )
ओ३म्
728. संस्कृत वाक्याभ्यासः
मातुलः – अधुना अन्धकारः अभवत्।
= अभी अँधेरा हो गया है ।
– त्वं गृहं न गमिष्यसि।
= तुम घर नहीं जाओगे।
– अत्रैव शयनं कुरु।
= यहीं सो जाओ।
भागिनेयः – अहं गृहं प्राप्स्यामि ।
भान्जा = मैं घर पहुँच जाऊँगा।
– द्विचक्रिकया गच्छामि।
= साइकिल से जाऊँगा।
मातुलः – मार्गे कुक्कराः अपि सन्ति।
= रास्ते में कुत्ते भी हैं।
– मा गच्छ।
= मत जाओ।
भागिनेयः – अम्बा शयनं न करिष्यति।
= माँ नहीं सोएगी।
मातुलः – त्वं मातुः चिन्तां करोषि।
= तुम माँ की चिन्ता कर रहे हो।
हा …हा … हा …हा … हा…
चल … मया सह चल ।
= चलो …. मेरे साथ चलो।
अन्यथा त्वमपि अत्र निद्रां न करिष्यसि।
= अन्यथा तुम भी यहाँ नींद नहीं करोगे।
ओ३म्
729. संस्कृत वाक्याभ्यासः
संस्कृत-कार्यकर्तारः प्रायः किं चिन्त्यन्ति ?
= संस्कृत-कार्यकर्ता प्रायः क्या सोचते हैं ?
– अद्य किं लिखानि ?
= आज क्या लिखूँ ?
– केन सह वार्तालापं करवाणि ?
= किसके साथ बात करूँ ?
– किं वदानि ?
= क्या बोलूँ ?
– कथं वदानि ?
= कैसे बोलूँ ?
– अद्य किं पुस्तकं पठानि ?
= आज कौनसी पुस्तक पढूँ ?
– अस्तु , सम्भाषण-सन्देशं पठामि।
= ठीक है , सम्भाषण-सन्देश पढ़ता हूँ।
– किं गीतं श्रृणवानि ?
= कौनसा गीत सुनूँ ?
– “सुरससुबोधा” गीतं श्रृणोमि।
= “सुरससुबोधा” गीत सुनता हूँ।
– अहमपि गीतं गायानि ?
= मैं भी गीत गाऊँ ?
– संस्कृतगीतं तु गेयम् ।
= संस्कृतगीत तो गाना चाहिये।
कथं सरलं पाठयानि ?
= कैसे सरल पढ़ाऊँ ?
#vakyabhyas
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
https://youtu.be/OfTMYAVBIG0
वार्तावली के लिए हिंदी गीतों का संस्कृत में अनुवाद करें।
प्रेषणावधि — २७/९/२०२१
विजेतृ उद्घोषणा तिथि — २/१०/२०२१
ईमेल —ddnews4sanskrit@gmail.com __(यहां अपना अनुवाद भेजें)__
गीत — रंगीला रे
युट्युब लिंक — https://youtu.be/eh1EVWng2rE
बोल👇🏻👇🏻👇🏻
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
पलकों के झूले से,सपनों की डोरी
प्यार ने बाँधी जो,तूने वो तोड़ी
खेल ये कैसा रे कैसा है साथी
दिया तो झूमे है रोये है बाती
कहीं भी जाये रे,रोये या गाये रे
चैन ना पाये रे हिया,वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
दुख मेरा दूल्हा है,बिरहा है डोली
आँसू की साड़ी है,आहों की चोली
आग मैं पीऊँ रे,जैसे हो पानी
ना रे दिवानी हूँ,पीड़ा की रानी
मनवा ये जले है,जग सारा छले है
साँस क्यों चले है पिया,वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
मैंने तो सींची रे,तेरी ये राहें (२)
बाहों में तेरी क्यों,औरों की बाँहें
कैसे तू भूला वो,फूलों सी रातें
समझी जब आँखों ने आँखों की बातें
गाँव हर छूटा रे सपना हर टूटा रे
फिर भी तू रूठा रे पिया,वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
रंगीला रे
https://youtu.be/eh1EVWng2rE
प्रेषणावधि — २७/९/२०२१
विजेतृ उद्घोषणा तिथि — २/१०/२०२१
ईमेल —ddnews4sanskrit@gmail.com __(यहां अपना अनुवाद भेजें)__
गीत — रंगीला रे
युट्युब लिंक — https://youtu.be/eh1EVWng2rE
बोल👇🏻👇🏻👇🏻
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
पलकों के झूले से,सपनों की डोरी
प्यार ने बाँधी जो,तूने वो तोड़ी
खेल ये कैसा रे कैसा है साथी
दिया तो झूमे है रोये है बाती
कहीं भी जाये रे,रोये या गाये रे
चैन ना पाये रे हिया,वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
दुख मेरा दूल्हा है,बिरहा है डोली
आँसू की साड़ी है,आहों की चोली
आग मैं पीऊँ रे,जैसे हो पानी
ना रे दिवानी हूँ,पीड़ा की रानी
मनवा ये जले है,जग सारा छले है
साँस क्यों चले है पिया,वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
मैंने तो सींची रे,तेरी ये राहें (२)
बाहों में तेरी क्यों,औरों की बाँहें
कैसे तू भूला वो,फूलों सी रातें
समझी जब आँखों ने आँखों की बातें
गाँव हर छूटा रे सपना हर टूटा रे
फिर भी तू रूठा रे पिया,वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे,तेरे रंग में,यूँ रंगा है,मेरा मन
छलिया रे,ना बुझे है,किसी जल से,ये जलन
रंगीला रे
रंगीला रे
https://youtu.be/eh1EVWng2rE
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Rangeela Re With Lyrics|"रंगीला रे" गाने के बोल| Prem Pujari| Dev Anand |Waheeda Rehman |Lyric Video
Enjoy the Lyrics of the song "Rangeela Re - रंगीला रे" in Hindi & English featured on evergreen actor Dev Anand and beautiful Waheeda Rehman from the movie Prem Pujari (प्रेम पुजारी )
Song: Rangeela Re
Film: Prem Pujari
Artist: Lata Mangeshkar
Music Director:…
Song: Rangeela Re
Film: Prem Pujari
Artist: Lata Mangeshkar
Music Director:…
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «वार्तावली के लिए हिंदी गीतों का संस्कृत में अनुवाद करें। प्रेषणावधि — २७/९/२०२१ विजेतृ उद्घोषणा तिथि — २/१०/२०२१ ईमेल —ddnews4sanskrit@gmail.com __(यहां अपना अनुवाद भेजें)__ गीत — रंगीला रे युट्युब लिंक — https://youtu.be/eh1EVWng2rE बोल👇🏻👇🏻👇🏻 रंगीला रे…»