संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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ओ३म्

712. संस्कृत वाक्याभ्यासः

संदिग्धायाम् अवस्थायां सः प्राप्तः ।
= संदिग्ध अवस्था में वह मिला।

रक्षकः तम् अवरोधितवान् ( अवारोधयत् )
= रक्षक ने उसे रोका।

रक्षकः – तिष्ठ …. यानपेटिकाम् उद्घाटय
= रुको …. बैग खोलो।

– किम् अस्ति अन्तः ?
= अन्दर क्या है ?

* अहं न जानामि।
= मैं नहीं जानता हूँ।

रक्षकः – सशङ्कितायाम् अवस्थायाम् अत्र भ्रमति।
= सशंकित अवस्था में यहाँ घूम रहे हो।

– गृहं किमर्थं न गच्छसि त्वम् ?
= तुम घर क्यों नहीं जाते हो ?

– कुत्र निवससि त्वम् ?
= तुम कहाँ रहते हो ?

* रक्षक महोदय ! अहं छात्रः अस्मि।
= रक्षक जी ! मैं तो विद्यार्थी हूँ।

* एकः जनः मम हस्ते यानपेटिकां दत्वा अवदत् ” अह आगच्छामि”
= एक व्यक्ति ने मेरे हाथ में बैग देकर कहा ” मैं आ रहा हूँ”

* अधुना पर्यन्तं सः न आगतवान्।
= वो अभी तक नहीं आया।

* अहं किं करवाणि ?
= मैं क्या करूँ ?

रक्षकः – तव परिचयपत्रं दर्शय ।
= तुम्हारा परिचयपत्र दिखाओ।

* आं पश्यतु , अहम् आदर्श पाठशालायाः छात्रः अस्मि।
= हाँ देखिये , मैं आदर्श पाठशाला का छात्र हूँ।

रक्षकः – त्वं तु सत्यमेव छात्रः असि।
= तुम तो सच में छात्र हो।

– श्रृणु , कोsपि अपरिचितः जनः किमपि ददाति तद् न स्वीकरणीयम् ।
= सुनो , कोई भी अपरिचित व्यक्ति कुछ भी देता है वो नहीं लेना चाहिये ।

– सः किमपि ददाति तद् न खादनीयम्।
= वह कुछ भी दे वो नहीं खाना चाहिये।

– अवगतम् ?
= समझ में आ गया ?

* आम् अवगतम् ।
= हाँ समझ में आ गया।

ओ३म्

713. संस्कृत वाक्याभ्यासः

प्रेरणा सख्या सह आपणं गच्छति।
= प्रेरणा सखी के साथ बाजार जाती है।

प्रेरणायाः सखी श्रृङ्गारापणे श्रृङ्गारसाधनानि पश्यति।
= प्रेरणा की सखी श्रृंगार की दूकान में श्रृंगार साधन देखती है।

सा सुवासकं क्रीणाति।
= वह पॉवडर खरीदती है

सा सखी ओष्ठरागं पश्यति
= वो सखी लिपिस्टिक देखती है।

आपणे अनेकाः महिलाः युवत्यः च आसन् ।
= दूकान में अनेक महिलाएँ और युवतियाँ थीं।

सर्वाः महिलाः युवत्यः प्रेरणां जानन्ति।
= सभी महिलाएँ युवतियाँ प्रेरणा को जानती हैं।

प्रेरणा अपि सर्वैः सह प्रेम्णा मिलति।
= प्रेरणा भी सबके साथ प्रेम से मिलती है।

प्रेरणायाः सखी श्रृङ्गारप्रसाधनानि क्रीत्वा आपणात् बहिः आगच्छति।
= प्रेरणा की सखी श्रृंगार प्रसाधन खरीद कर दूकान से बाहर आती है।

तदा जनाः प्रेरणां वन्दन्ते।
= तब लोग प्रेरणा को वन्दन करते हैं।

प्रेरणायाः सखी पृच्छति…..
= प्रेरणा की सहेली पूछती है ….

त्वं श्रृङ्गारं न करोति तथापि भवती जनेभ्यः रोचते।
= तुम श्रृंगार नहीं करती हो फिर भी लोगों को तुम अच्छी लगती हो।

प्रेरणा हसित्वा अग्रे वर्धते।
= प्रेरणा हँसते हुए आगे बढ़ जाती है।

ओ३म्

714. संस्कृत वाक्याभ्यासः

यदा कोsपि जायते…..
= जब कोई पैदा होता है

तदा सः भाषां न जानाति।
= तब वह भाषा नहीं जानता है।

मातुः अङ्के उपविश्य बालकः भाषां श्रृणोति।
= माँ की गोदी में बैठकर बालक भाषा सुनता है।

माता यद् वदति तद् सः श्रृणोति।
= माँ जो बोलती है वही वह सुनता है।

माता यथा वदति तथैव सः श्रृणोति।
= माँ जैसे बोलती है वही वैसा ही सुनता है।

यदा बालकः सम्भाषणम् आरभते तदा सः मातृभाषायाः अनुकरणं करोति।
= जब बालक बोलना शुरू करता है तब वह मातृभाषा का अनुकरण करता है।

आजीवनं सर्वेभ्यः मातृभाषा रोचते एव।
= आजीवन सबको मातृभाषा पसन्द आती है।

कोsपि मातृभाषां न त्यजति।
= कोई भी मातृभाषा नहीं छोड़ता है।

अस्माकं पूर्वजानां मातृभाषा संस्कृतम् आसीत्।
= हमारे पूर्वजों की मातृभाषा संस्कृत थी।

अतएव सर्वेषां प्रथमा मातृभाषा संस्कृतमेव अस्ति।
= अतः सबकी पहली मातृभाषा संस्कृत ही है।

अद्य मातृभाषादिनम् अस्ति।
= आज मातृभाषा दिन है।

आगच्छन्तु वयम् अद्य संस्कृते एव वदाम।
= आईये आज हम संस्कृत में ही बात करें।

संस्कृत गीतानि गायाम।
= संस्कृत गीत गाएँ।


#vakyabhyas
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
आदिकाल से महिलाओं के वाचाल होने की प्रवृति, और वाक चातुर्य की सारी दुनिया  प्रशंसक रही है। ऐसा ही एक मनोहारी वर्णन इस श्लोक में किया गया है जो बड़ा ही आनंददायक है। भगवान् शिव और माता पार्वती का ये संवाद  मन को गुदगुदाता है कस्त्वं?शूली, मृगय भिषजं, नीलकंठ:…
|| *ॐ* ||
सुभाषितरसास्वादः
प्रहेलिका (२७१ )
श्लोक---
" अंगुल्या कः कपाटं प्रहरति ? "
" अंगुल्या कः कपाटं प्रहरति ? कुटिलो माधवः , किं वसन्तो ?
नो चक्री , किं कुलालो ? न हि धरणीधरः किं द्विजिह्वः फणीन्द्रः ?
नाहं घोराहिमर्दी , त्वमसि खगपतिर्नो हरिः किं कपीन्द्रः ?
इत्येव गोपकन्याप्रतिवचनजितः पातु वश्चक्रपाणिः " ।।
-----------------------------------------------------------------------------
*अर्थ*----
यह प्रहेलिका गोपांगना और श्रीकृष्ण इन दोनों में का मजेदार संवाद है । श्रीकृष्ण गोपीका का द्वार खटखटा रहा है । गोपीका अंदर से पूछतीं है --द्वार कौन खटखटा रहा है ?
श्रीकृष्ण उत्तर देता है --' मैं वह खोडकर माधव '!
गोपी---'क्या वसन्त '?
श्रीकृष्ण--'नही नही वह मैं चक्रधारी '!
गोपी-- ' मतलब कुम्हार क्या ' ?
श्रीकृष्ण---' नही नही मैं धरणीधर हूँ ' !
गोपी-- ' मतलब शेषनाग तो नही ' ?
श्रीकृष्ण--- ' नही नही मैं वह भयंकर सर्प का नाश करने वाला हूँ '!
गोपी--- ' कहीं पक्षीराज गरूड़ तो नही ' ?
श्रीकृष्ण--- ' नही नही मैं हरि हूँ '!
गोपी--- ' मतलब वानरश्रेष्ठ तो नही '?
इस तरह से वह गोपकन्या ने जिसको अपने प्रत्युत्तर से निरुत्तर किया वह चक्रपाणी आप सबकी रक्षा करे !
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*गूढार्थ*---
श्रीकृष्ण ने जो अपने अलग-अलग नाम बताएं जैसे-- माधव , चक्री , धरणीधर , घोराहिमर्दी , हरि इन सब नामों पर सुभाषितकार ने श्लेष साधा है ।
माधव= मधुकुल में जन्मा यादव । और वसन्त ऋतु = मधु--माधव ये दो मांसो में से एक !
चक्री= सुदर्शन चक्र धारण करने वाला । और चक्र घुमाकर मटकी बनाने वाला कुम्हार !
धरणीधर= नृपती । और पृथ्वी का भार पेलनेवाला शेषनाग !
घोराहिमर्दी = कालियामर्दन करने वाला और पक्षिराज गरूड़ !
हरि = श्रीकृष्ण और वानर !
इस तरह से दरवाजे के बाहर से श्रीकृष्ण ने जो --जो अपने विशेष नाम बताये वह सब को गोपकन्या ने भी किसी और को वह विशेषण लगाकर श्रीकृष्ण को निरुत्तर किया ।
ऐसा यह भक्तवत्सल श्रीकृष्ण हरी हमारा रक्षण करे !
श्रीकृष्ण की फजीहत करने वाला यह श्लोक उसका सह्रदयत्व और सुभाषितकार का शब्द ज्ञान प्रकट कर जाता है ।
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*卐卐ॐॐ卐卐*
Namaste🙏🙏
Veda shiva
Sanskrit Teacher
ಬೆಂಗಳೂರು - 56

Presents

Samskrita sambhashana Vargah

Free online Samskrira conversational course 15th September 2021.

classes are starts from this month of 15/9/2021 to 30/9/2021 at 7-00 pm to 8-30 pm there is no age limite to participate in the classs ..

To join the meeting on Google Meet, click this link:
https://meet.google.com/iro-obay-qum
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «Namaste🙏🙏 Veda shiva Sanskrit Teacher ಬೆಂಗಳೂರು - 56 Presents Samskrita sambhashana Vargah Free online Samskrira conversational course 15th September 2021. classes are starts from this month of 15/9/2021 to 30/9/2021 at 7-00 pm to 8-30 pm there…»
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

Duration : 30 minutes
Time : 11:00 AM 🕚
Topic : Sanskrit Education - Hurdles faced
Date : 15th September ; Wednesday

Please Join the voicechat on time.
Pls come prepared to discuss in Sanskrit about the challenges/hurdles you faced, if any in learning Sanskrit. We are waiting for you.😇
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Tuesday, September 14, 2021
कोविड्मरणमधिकृत्य केन्द्रसर्वकारेण नूतनी मार्गरेखा ख्यापिता-
कोविड्स्पष्टतानन्तरं ३० दिनाभ्यन्तरमरणानि कोविड्मरणान्येव।
नवदिल्ली> कोविड्वैराणोः स्पष्टतानन्तरं ३० दिनाभ्यन्तरे म्रियते चेत् तादृशमरणानि कोनिड्मृत्युरिति प्रकल्प्य प्रमाणपत्रं दीयतामिति केन्द्रसर्वकारेण निगदितम्। स्वास्थ्यमन्त्रालयः तथा ऐ सि एम् आर् संस्था च मिलित्वा एव नूतनमार्गरेखां सज्जीकरोत्।
नूतनी मार्गरेखा सर्वोच्चन्यायालये समर्पिता। किञ्च सर्वेषां राज्याणां मुख्यपञ्जीकरणाधिकारिणां कृते चेयं मार्गरेखा प्रेषिष्यते।
यदि मृत्युः आतुरालये न सम्भवति चेदपि कोविड्मरणस्य प्रमाणपत्रं दास्यति। किन्तु दुर्घटना , आत्माहुतिः, हत्या, विषोपयोगेन मरणम् ईदृशप्रकरणेषु ते कोविड्रोगिणः अपि कोविड्मरणे न परिगण्यन्ते इति मार्गरेखायां स्पष्टीकृतमस्ति। ~ संप्रति वार्ता
Audio
श्रीमद्भगवद्गीता [01.22]
🍃यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान्।
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्रणसमुद्यमे
।।1.22।।

♦️yaavadetaanniriikShe'haM yoddhukaamaanavasthitaan|
kairmayaa saha yoddhavyamasminraNasamudyame||1.22||

1.22. Arjuna said In the middle between the two armies, place my chariot, O krishna, so that I may behold those who stand here desirous to fight, and know with whom I must fight, when the battle is about to commence.

।।1.22।।जिससे मैं युद्ध की इच्छा से खड़े इन लोगों का निरीक्षण कर सकूँ कि इस युद्ध में मुझे किनके साथ युद्ध करना है।

#Geeta
🍃योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागताः।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः
।।1.23।।

♦️yotsyamaanaanavekShe'haM ya ete'tra samaagataaH|
dhaartaraaShTrasya durbuddheryuddhe priyachikiirShavaH||1.23||

1.23. For I desire to observe those who are assembled here to fight, wishing to please in battle the evil-minded Duryodhana (the son of Dhritarashtra).

।।1.23।।दुर्बुद्धि धार्तराष्ट्र (दुर्योधन) का युद्ध में प्रिय चाहने वाले जो ये राजा लोग यहाँ एकत्र हुए हैं उन युद्ध करने वालों को मैं देखूँगा।

#Geeta
Audio
श्रीमद्भगवद्गीता [01.23]
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩युगाब्द-५१२३
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅️ 🚩तिथि - नवमी सुबह ११:१७ तक तत्पश्चात दशमी

⛅️ दिनांक - १५ सितम्बर २०२१
⛅️ दिन - बुधवार
⛅️ शक संवत -१९४३
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास-भाद्रपद
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा १६ सितम्बर प्रातः ०४:५६ तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅️ योग - सौभाग्य रात्रि १२:५३ तक तत्पश्चात शोभन
⛅️ राहुकाल - दोपहर १२:३४ से दोपहर ०२:०६ तक
⛅️ सर्योदय - ०६:२६
⛅️ सर्यास्त - १८:४०
⛅️ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
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Topic : Sanskrit Education - Hurdles faced
Date : 15th September ; Wednesday

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