संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🍃अर्था भवन्ति गच्छन्ति लभ्यन्ते च पुनः पुनः।
पुनः कदापि नायाति गतं तु नवयौवनम्॥


🌞धनम् ऐश्वर्यादिकन्तु नष्टं भवति पुनः च प्राप्यते किन्तु एकदा गतं यौवनन्तु न प्रत्यायाति कदाचिदपि।

🌷धन मिलता और नष्ट होता रहता  है, नष्ट होने के बाद  फिर से प्राप्त हो जाता है, परन्तु जवानी एक बार निकल जाए तो कभी वापस नही आती।

🌹Wealth is gained and lost, after being lost it is regained, but once youth is gone it never comes back.

#Subhashitam
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कि
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(१) मेरे पिताजी ने नौकर को कहा कि बाजार से एक किलो टमाटर खरीदकर ले आओ=
••मम तातो भृत्यमादिष्ट्वान् यत् आपणत: एककिलोपरिमितं रक्ताङ्गं क्रीत्वा आनय।
•• आपणत: एककिलोपरिमितं वार्तकीं क्रीत्वा आनयेति मम तातो भृत्यमादिष्ट्वान्।

(२)मैंने मन ही मन सोचा कि यह कितना सीधा लड़का है।
= अन्तर्मनसि अचिन्तयम् यत्‌ एष कुमारः कियान् आर्जवः।
= एष कुमार: कियान् प्रगुण इत्यहम् अन्तर्मनसि अचिन्तयम्।

(३)उसने मुझसे पूछा कि आजकल मैं क्या-क्या करता हूं और किस प्रकार जीवन बिताता हूं =
••स मामपृच्छत् यत् अद्यत्वेऽहं किं-किं करोमि केन च प्रकारेण जीवनयापनं करोमि।
•• अद्यत्वेऽहं किं-किं करोमि कथञ्च जीवनं यापयामीति स मामपृच्छत्।

(४)क्या आप जानते हैं कि वह आजकल मेहनत करता है या नहीं= किं भवान् जानाति यत् स अद्यत्वे श्रमं करोति न वा ?

(५)मुझे मालुम नहीं है कि वह शादीशुदा है या नहीं=
मया न ज्ञातं यत् स विवाहित: वा न?

(६)हमें चाहिए कि पंचवर्षीय योजना को सफल बनाएं = वयं पंचवर्षीयं योजनां सफलां कुर्याम।

(७)हमलोगों को चाहिए कि गरीबों की मदद करें =
वयं निर्धनानां साहाय्यं कुर्याम।

(८)यह सर्वसम्मति से तय हुआ कि वह उम्मीदवार हो=
एतत् सर्वसम्मतया निर्णीतोऽभवत् यत् स प्रत्याशी भवतु।

(९)वह बिछावन पर लेटा ही था कि एक सांप निकल पड़ा =
स शय्यायाम् अशयिष्ट एव ,तत्क्षणैव एक: अहि: निर्गत:।

(१०)चोर घर में घुसा ही था कि मेरी नींद खुल गई=
चौर: हर्म्यम् अविक्षदेव,तत्क्षणैव अहम् अजागरिषम्।

(११)मेरे मित्रों ने प्रस्ताव किया कि हमलोग छुट्टियों में समाज की सेवा करें=
मम मित्राणि अभिहितवन्त: यत् वयम् अवकाशकालेषु समाजसेवां कुर्याम।

~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
हरति। प्रहरति।
नमामि। ______ ।
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7%
प्रनमामि
12%
प्रणमति
81%
प्रणमामि
0%
प्रणमानि
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰विषयः - गीतायाः महत्त्वमस्माकं जीवने
🗓२३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (श्रीमद्भगवद्गीतायाः अस्माकं जीवने महत्त्वं किमस्ति) अभिक्रम्य आगच्छत।


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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Audio
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - एकादशी सुबह 07:11 तक तत्पश्चात द्वादशी


दिनांक - 23 दिसम्बर 2023
दिन - शनिवार
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शिशिर
मास - मार्गशीर्ष
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - भरणी रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात कृत्तिका
योग - शिव सुबह 09:08 तक तत्पश्चात सिद्ध
राहु काल - सुबह 09:58 से 11:18 तक
सूर्योदय - 07:17
सूर्यास्त - 06:00
दिशा शूल - पूर्व
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 01:05 तक
व्रत पर्व विवरण - मोक्षदा एकादशी (भागवत)
🍃अद्भिः शुध्यन्ति गात्राणि, बुद्धिः ज्ञानेन शुध्यति।
अहिंसया च भूतात्मा मनः सत्येन शुध्यति॥

॥बौधायनधर्मसूत्रम्॥

🔅अस्माकम् शरीरम् जलेन स्वच्छं/पवित्रं भवति, अस्माकं बुद्धिः ज्ञानेन शुद्धा भवति, यथा यथा च वयं ज्ञानं प्राप्नुमः, अस्माकं बुद्धिः पवित्रा भवति, मनुष्यस्य आत्मा अहिंसया शुद्धः भवति, सत्यस्य आचरणेन मनः पवित्रम् भवति।

हमारा शरीर जल से स्वच्छ/पवित्र होता है, हमारी बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है, और जैसे-जैसे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हमारी बुद्धि पवित्र होती जाती है। मनुष्य की आत्मा अहिंसा से पवित्र (शुद्ध) होती है, सत्य के आचरण से मन पवित्र होता है।

#subhashitam
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क्तवतुप्रत्ययस्य रूपाणि आत्मनेपदिधातुषु भवन्ति अथवा न।
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44%
न भवन्ति।
56%
भवन्ति एव।
ध्यान पूर्वक समझिए सनातन संस्कृति की अद्भुत वास्तुकला और शिल्पकला को
•• सनातनसंस्कृते: अद्भुत-वास्तुकलां शिल्पकलां च ध्यानपूर्वकं अवगच्छन्तु।

हजारो वर्ष पुराना यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बना है
•• सहस्रवर्षपुराणम् एतत् पूर्णमन्दिरं एकस्यैव शिलाखण्डस्य छेदनेन निर्मितम् अस्ति ।

आदमी कितनी भी मेहनत कर ले परन्तु यह बिना मशीनों के संभव नही है।
•• मनुष्यः कियदपि परिश्रमं कुर्यात्, परन्तु यन्त्रैः विना न सम्भवति।

मोहन जोदड़ो हड़प्पा सभ्यता कैसे समाप्त हुई ?
•• मोहनजोदड़ो हड़प्पा-सभ्यता कथं समाप्ता अभवत्?

आज विज्ञान भी कहता है की ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां कभी परमाणु बम गिरा हो जबकि हमारा वर्तमान विज्ञान परमाणु बम का पहली बार उपयोग दूसरे विश्व युद्ध मे मानता है।
••अद्यत्वे विज्ञानमपि वदति यत् अत्र परमाणुबम्ब: पातितः इव प्रतीयते, यद्यपि अस्माकं वर्तमानविज्ञानं द्वितीयविश्वयुद्धे प्रथमवारं परमाणुबम्बस्य उपयोगं विचारयति।

इन चट्टानों को काटना ही बड़ी बात नही है बल्कि इस तरह का नक्शा तैयार करना भी बड़ी बात है और उससे भी बड़ी बात है ऐसे निर्माण की कल्पना करना।
•• एतेषां शिलाखण्डाणां कर्तनमेव न केवलं महत् कार्यं, अपितु एतादृशस्य मानचित्रस्य सज्जीकरणमपि महत्कार्यमस्ति तथा च तस्मात् अपि महत्त्वपूर्णं यत् एतादृशस्य निर्माणस्य कल्पना अस्ति।

या तो यह माना जा सकता है कि देवताओं के द्वारा इनका निर्माण किया है या हमारे पूर्वज ज्ञान और विज्ञान में हमसे बहुत ज्यादा आगे थे।
••एतानि देवैः निर्मितानि इति वा अस्माकं पूर्वजाः ज्ञानविज्ञाने अस्मभ्यं बहु अग्रे आसन् इति वा कल्पयितुं शक्यते ।

पश्चिम की प्राचीन एलियंस थ्योरी भी ज्यादा गलत नही है।
••पश्चिमस्य प्राचीनः परग्रहसिद्धान्तः अपि बहु दोषो नास्ति।

चाहे वह सनातन इतिहास हो या किसी अन्य किसी पंथ का इतिहास।
•• कामं स सनातन-इतिहासो भवेत् उत् कस्यचिद् अन्यसम्प्रदायस्य इतिहास:।

~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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दैवगिरा विज्ञापनम्।