Political School
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Join For Assistant Professor Mock Interviews program & Test series of RPSC school lecturer & NTA- UGC NET/JRF exam of Political Science under the mentorship of Kesharam Thakan Sir (Asst Prof.) & Devraj Gaur Sir (Asst Prof.)
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Who has said that “where the family exists and it exists everywhere in human society government already exists?” किसने कहा था कि "जहाँ परिवार का अस्तित्व है और उसका अस्तित्व मानवीय समाज में हर जगह है वहाँ सरकार पहले से मौजूद है?"
Anonymous Quiz
16%
a.Harold Laski हैरोल्ड लास्की
31%
b.G D H Cole जी डी एच कॉल
43%
c.Aristotle अरस्तु
10%
d.MacIver मैकाइवर
👍6🎉2
Who has said that “It is impossible to make legal theory of sovereignty valid for political philosophy? किसने कहा कि राजनीतिक दर्शन के लिए संप्रभुता के कानूनी सिद्धांत को वैध मानना असंभव है?
Anonymous Quiz
20%
a. G D H Cole जी डी एच कोल
23%
b. Krabbe कराब्बे
48%
c. Harold Laski हैरोल्ड लास्की
9%
d. MacIver मैकाइवर
👍7💯2🏆2🔥1
DocScanner 11-Sep-2024 14-49.pdf
6 MB
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RPSC द्वारा आज आयोजित सहायक आचार्य राजनीति विज्ञान (संस्कृत शिक्षा विभाग) का प्रथम पेपर
👍6🏆2
RPSC_Asst_Professor_Sanskrit_Education_Paper_2_11_09_2024.pdf
8.3 MB
https://t.me/pol_sci_with_devrajgaur
RPSC द्वारा आज आयोजित सहायक आचार्य राजनीति विज्ञान (संस्कृत शिक्षा विभाग) का द्वितीय पेपर
👏2👍1
रिक्यूज़ल (Recusal) का अर्थ किसी वाद से न्यायाधीश, अभियोजक या जूरी सदस्य का इस आधार पर हटना है कि वे हित संघर्ष या निष्पक्षता के अभाव के कारण विधिक कर्तव्यों के निष्पादन में असमर्थ हैं। हाल ही में सुर्खियों में रहे 'न्यायाधीशों के रिक्यूज़ल' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

1. भारत में किसी न्यायाधीश के वाद से हटने के लिए कोई लिखित नियम नहीं हैं।

2. उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश किसी वाद से स्वतः नहीं हट सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2 दोनों
D) न तो 1. न ही 2

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👍3👏2
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रिक्यूज़ल (Recusal) का अर्थ किसी वाद से न्यायाधीश, अभियोजक या जूरी सदस्य का इस आधार पर हटना है कि वे हित संघर्ष या निष्पक्षता के अभाव के कारण विधिक कर्तव्यों के निष्पादन में असमर्थ हैं। हाल ही में सुर्खियों में रहे 'न्यायाधीशों के रिक्यूज़ल' के संदर्भ में…
व्याख्या

रिक्यूज़ल (Recusal) का अर्थ है किसी न्यायाधीश, अभियोजक या जूरी-सदस्य का इस आधार पर किसी वाद से हट जाना कि हित संघर्ष या निष्पक्षता के अभाव के कारण वे विधिक कर्तव्यों के निष्पादन में असमर्थ हैं। यह निर्णय एक न्यायाधीश के विवेक पर निर्भर करता है तथा किसी भी प्राधिकारी द्वारा उन्हें हटाया नहीं जाता।
• वर्ष 2021 में, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के विरुद्ध उठाए गए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में उच्चतम न्यायालय
के न्यायाधीश एन. वी. रमना आंतरिक जाँच के लिए गठित बेंच से हट गए (रिक्यूज़) थे। न्यायाधीश रमना का तर्क था कि CJI उनके घनिष्ठ मित्र तथा परिवार के सदस्य के समान हैं। इसलिए कथन 2 सही नहीं है।
• संवैधानिक न्यायालयों में न्यायाधीशों के समक्ष सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई से उनके रिक्यूज़ल पर कोई लिखित नियम नहीं हैं। रिक्यूज़ल के कारणों का न्यायालय के आदेश में उल्लेख नहीं किया जाता। कुछ न्यायाधीश मामले में संलग्न वकीलों को अपने रिक्यूज़ल का मौखिक विवरण दे देते हैं, परन्तु कुछ विवरण प्रदान नहीं करते। कुछ न्यायाधीश अपने आदेश में कारणों की व्याख्या करते हैं। निर्णय न्यायाधीश के विवेक पर निर्भर करता है। इसलिए कथन 1 सही है।
• हालांकि, रिक्यूज़ल के कारण ऐसे दृष्टांत भी दृष्टिगोचर हुए हैं, जहां वाद दीर्घगामी हो जाते हैं तथा न्याय वितरण में विलंब होता है, क्योंकि वाद मुख्य न्यायाधीश के समक्ष नव पीठ गठित करने के लिए पुनः प्रस्तुत हो जाता है।

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हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश विधानसभा भंग कर दी है। राज्य की भाजपा सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। विधानसभा भंग करने के नोटिफिकेशन में गवर्नर ने लिखा- 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (2) के उप-खंड (बी) द्वारा मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं बंडारू दत्तात्रेय, राज्यपाल, हरियाणा तत्काल प्रभाव से हरियाणा विधानसभा भंग करता हूं।'
गवर्नर के मुताबिक, अगली सरकार का गठन होने तक नायब सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

दरअसल, 6 महीने की अवधि में विधानसभा सेशन न बुला पाने के संवैधानिक संकट से बचने के लिए सैनी सरकार ने यह कदम उठाया।

हरियाणा की 14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक था। यानी अभी कार्यकाल पूरा होने में 52 दिन बचे थे। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, विधानसभा के 2 सेशन में छह महीने से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता। प्रदेश विधानसभा के पिछले सेशन को 12 सितंबर को 6 महीने पूरे हो गए। चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं इसलिए सेशन बुलाना संभव नहीं था।

देश में इस तरह के संवैधानिक संकट के बाद विधानसभा भंग करने का यह पहला मामला है। 1947 में देश आजाद होने के बाद कभी किसी राज्य में ऐसी नौबत नहीं आई।

विधानसभा भंग क्यों करनी पड़ी?

संविधान के अनुच्छेद 174(1) के तहत किसी भी राज्य की विधानसभा के 2 सेशन के बीच 6 महीने से ज्यादा का गैप नहीं हो सकता। हरियाणा में 13 मार्च 2024 को विधानसभा का एक दिन का विशेष सेशन बुलाया गया था। उसमें CM नायब सैनी ने बहुमत साबित किया। इसके बाद 6 महीने के भीतर यानी 12 सितंबर तक हर हाल में दूसरा सेशन बुलाया जाना अनिवार्य था। सैनी सरकार ऐसा नहीं कर पाई।

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#Current_Affairs_of_IGP
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संसद में कई प्रस्तावों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन–सा सही नहीं है?
व्याख्या-

स्थगन प्रस्तावः यह किसी अविलंबनीय लोक महत्व के मामले पर सदन में चर्चा करने के लिए, सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।

• 'ध्यानाकर्षण प्रस्ताव' की अवधारणा की शुरुआत भारतीय संसद से हुई है। यह आधुनिक संसदीय प्रक्रिया में एक नवाचार है। इसमें उत्तर हेतु पूरक और संक्षिप्त टिप्पणियों के साथ एक प्रश्न पूछना शामिल है। इसके तहत कई दृष्टिकोणों को संक्षिप्त व सटीक रूप से व्यक्त किया जाता है। इसमें सरकार के पास अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर होता है। यह प्रक्रियात्मक उपकरण इसके निंदा पहलू के बिना स्थगन प्रस्ताव के अनुरूप है, इसलिए इसे संसद के दोनों सदन में पेश किया जा सकता है।

• निंदा प्रस्ताव को किसी एक मंत्री या मंत्रियों के समूह या पूरी मंत्रिपरिषद के विरुद्ध लाया जा सकता है। यह मंत्रिपरिषद की कुछ नीतियों या कार्यों के खिलाफ निंदा के लिए लाया जाता है। यदि यह लोक सभा में पारित हो जाए तो मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना आवश्यक नहीं है। इसलिए विकल्प (c)
सही नहीं है।
• अविश्वास प्रस्तावः इसे सिर्फ पूरे मंत्रिपरिषद के विरुद्ध ही लाया जा सकता है। यह मंत्रिपरिषद में लोक सभा के विश्वास के निर्धारण हेतु लाया जा सकता है। यदि यह लोक सभा में पारित हो जाए तो मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना ही पड़ता है।

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COP सम्मेलन -

✔️ अब तक इसके 28 सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं
✔️कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ का 28वा सम्मेलन (28th Conference of Parties- COP28) संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में संपन्न हुआ, जिसमें 197 देशों के प्रतिनिधियों ने ‘ग्लोबल वार्मिंग’ को रोकने के लिये अपनी पहलों को प्रस्तुत किया l

पक्षकार सम्मेलन या COPs (Conference of Parties) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC)—जो वर्ष 1992 में स्थापित एक बहुराष्ट्रीय संधि है, के ढाँचे के अंतर्गत आयोजित होने वाले सम्मेलन हैं।
ये बैठकें या सम्मेलन, जिन्हें COP के संक्षिप्त नाम से जाना जाता है, कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ के आधिकारिक सत्र (official sessions) के रूप में कार्य करते हैं।

COP-29 का आयोजन -
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-29) नवंबर 2024 में बाकू, अज़रबैजान में आयोजित होगा।

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#लोकतंत्र_दिवस
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस हर साल 15 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। इसकी स्थापना 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से की गई थी

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की थीम है 'सुशासन के लिए एक उपकरण के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता'।

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चर्चा में क्यों - ' लोकपाल '

हाल ही में लोकपाल ने लोक सेवकों द्वारा किये गए भ्रष्टाचार संबंधी अपराधों की प्रारंभिक जाँच करने के लिये एक जाँच शाखा का गठन किया है

लोकपाल एक अधिकारी होता है, जो व्यवसायों, सार्वजनिक संस्थाओं या अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतों (आमतौर पर निजी नागरिकों द्वारा दर्ज कराई गई) की जाँच करता है।

अधिकार क्षेत्र: लोकपाल के पास प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, संसद सदस्यों और केंद्र सरकार के समूह A, B, C तथा D के अधिकारियों सहित लोक सेवकों की एक विस्तृत शृंखला के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच करने का अधिकार है।
✔️इसमें संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित या संघ या राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित किसी भी बोर्ड, निगम, सोसायटी, ट्रस्ट या स्वायत्त निकाय के अध्यक्ष, सदस्य, अधिकारी एवं निदेशक भी शामिल हैं।

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निम्नलिखित राज्यों/ संघ शासित क्षेत्र के समूह में से किसकी लोक सभा में केवल एक सीट है?(RAS PRE 2016)
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21%
अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, लक्षद्वीप
24%
गोवा, मेघालय, नागालैंड
26%
चंडीगढ़, सिक्किम, मिजोरम
28%
मणिपुर, दादरा और नगर हवेली, पुदुचेरी
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Forwarded from PUSHPENDRA KASANA(RES) WRITER(JRF/NET) (Pushpendra Kasana)
आज अंतरराष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस मनाया जा रहा है। प्रत्‍येक वर्ष 16 सितम्बर को यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष ओज़ोन दिवस का विषय है- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल-जलवायु के क्षेत्र में आगे बढ़ते कदम।
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PUSHPENDRA KASANA(RES) WRITER(JRF/NET)
आज अंतरराष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस मनाया जा रहा है। प्रत्‍येक वर्ष 16 सितम्बर को यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष ओज़ोन दिवस का विषय है- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल-जलवायु के क्षेत्र में आगे बढ़ते कदम।
विश्व ओज़ोन दिवस🌏
⚜️विश्व ओज़ोन दिवस 16 सितंबर को मनाया जाता है।
⚜️2024 की थीम: 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: एडवांसिंग क्लाइमेट एक्शन'।
⚜️ओज़ोन परत 1913 में फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने खोजी थी।
⚜️19 दिसंबर 1994 को UN ने 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस घोषित किया, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (1987) के उपलक्ष्य में।
⚜️इसका उद्देश्य ओज़ोन क्षरण के प्रति जागरूकता और समाधान खोजना है। ओज़ोन तीन ऑक्सीजन परमाणुओं से बनी गैस है।

⚜️मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओज़ोन परत को क्षरण से बचाना है।
⚜️2016 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का किगाली संशोधन हुआ।
⚜️इसमें HFCs उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से कम करने पर सहमति बनी।

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