STUDY WITH DILIP CHANDRAWANSHI (MPPSC)
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SAMARPAN ACADEMY (समर्पण अकादमी)

"समर्पण से सफलता तक"

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समर्पण MPPSC प्रीलिम्स प्रोग्राम - 2026

Unit - 2 : मध्यप्रदेश का इतिहास, संस्कृति एवं साहित्य

28 जुलाई :

• बोलियाँ
• साहित्यकार एवं उनकी कृतियाँ

29 जुलाई :

• पर्यटन स्थल एवं स्थापत्य कला

30 जुलाई :

• जनजातीय व्यक्तित्व
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31 जुलाई से यूनिट - 4 शुरू हो रही है।

Unit -4 : मध्यप्रदेश का भूगोल

31 जुलाई :

• मध्यप्रदेश का सामान्य परिचय
• मध्यप्रदेश की भू-वैज्ञानिक संरचना

1 अगस्त:

• मध्यप्रदेश के प्रमुख भू आकृतिक (भौतिक) विभाग
• मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्वत

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देश के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक उज्जैन में महाकालेश्वर का प्रसिद्ध शिव मंदिर है। इसी मंदिर के द्वितीय तल पर नागचंद्रेश्वर का मंदिर भी है। इसके पट वर्ष में सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन खुलते हैं।
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प्रमुख समाज / सभा की स्थापना :

➡️ ब्रह्म समाज- राजा राममोहन राय, 1828 में कलकत्ता में

➡️ सत्यशोधक समाज - ज्योतिबा फुले, 1873

➡️ आत्मीय सभा- राजा राममोहन राय, 1815  में कोलकाता में

➡️ रामकृष्ण मिशन- स्वामी  विवेकानंद ने 1 मई ,1897 को

➡️ सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी- गोपालकृष्ण गोखले, 1905

➡️ ब्रह्म समाज- राजा राममोहन राय, 1828 में कलकत्ता में

➡️ धर्म समाज- राधाकांत देव, 1829 में , कलकता में

➡️ आर्य समाज- दयानंद सरस्वती, 1875

➡️ एशियाटिक सोसाइटी- विलियम जोंस, 1784

➡️ तत्वबोधिनी सभा- देवेन्द्रनाथ, 6 अक्टूबर ,1839

➡️ वेद समाज- केशवचंद्र सेन, 1864

➡️ प्रार्थना सभा-- स्थापना आत्माराम पांडुरंग,महादेव गोविन्द रानाडे तथा इतिहासकार आर. जी. भंडारकर  बंबई में 31 मार्च 1867 को की।

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Main-2025 Value Addition

बाल श्रम पर संवैधानिक प्रावधान

अनुच्छेद 21(A) और 45: इनमें 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया है।

अनुच्छेद 23: यह मानव तस्करी और बलात श्रम पर प्रतिबंध लगाता है और इसे अपराध घोषित करता है

अनुच्छेद 24 :14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों, खदानों और खतरनाक रोजगार में नियोजित करने पर रोक लगाता है।

अनुच्छेद 39: यह अनुच्छेद राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि कामकाजी लोगों के स्वास्थ्य और क्षमता तथा बच्चों की नाजुक आयु का शोषण न हो।

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MPPSC Aspirants

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समर्पण MPPSC प्रीलिम्स प्रोग्राम – 2026

कल से नई यूनिट शुरू !

यूनिट 4 – मध्यप्रदेश का भूगोल

जो विद्यार्थी अपनी MPPSC तैयारी को मजबूत करना चाहते हैं, उनके लिए यह सुनहरा अवसर है।

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सोन नदी: एक विस्तृत परिचय

1. उद्गम 
   - अमरकंटक मैकाल श्रेणी, जो मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित है।
 
-लंबाई - 780 किमी.।

2. मुहाना
- यह नदी मध्यप्रदेश ,उत्तर प्रदेश से होकर बिहार में पटना के निकट गंगा में मिल जाती है।

3. सहायक नदियां
- जोहिला,जारवही ,बनास ,गोपद ,रिहंद।

4. प्रमुख बांध/ परियोजनाएं
बाणसागर परियोजना देवलोंद, शहडोल में स्थित। यह मध्यप्रदेश,बिहार और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना है।
- सोन नदी की सहायक नदी पर रिहंद (गोविंद बल्लभ पंत)परियोजना उत्तरप्रदेश में संचालित है।

5.महत्व और उपयोग 
   - कृषि: सोन नदी का जल स्थानीय कृषि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 
   - पेयजल: यह नदी आसपास के इलाकों में पेयजल की आपूर्ति करती है। 
   - पर्यावरण: नदी की घाटी में विभिन्न वन्य जीवों और पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं।

6. वर्तमान चुनौतियाँ 
   - प्रदूषण: नदी में औद्योगिक और घरेलू प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। 
   - जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण नदी के जल स्तर में उतार-चढ़ाव आ रहा है और सूखा की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

7. संवर्धन और संरक्षण 
   - सोन नदी की स्थिति को सुधारने के लिए सतत प्रबंधन और संरक्षण की आवश्यकता है। 
   - प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है।

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सोन नदी विशेष तथ्य

- सोन नदी पर सोन घड़ियाल केंद्र सीधी व शहडोल सीमा पर स्थित है।

- सोन नदी को प्राचीन काल में नन्द नदी के नाम से जाना जाता था।

- बाणसागर परियोजना का नामकरण कवि बाणभट्ट के नाम पर किया गया है।
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प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों की साथ में तैयारी कैसे करें
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