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शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF in Hindi
शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF Detailsशनि कवच स्तोत्र | Shani KavachPDF Nameशनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDFNo. of Pages5PDF Size0.53 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप शनि कवच स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । शनि कवच भगवान शनि को समर्पित एक असरकारी स्तोत्र है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव समस्त प्रकार के कर्मों के अनुसार व्यक्तियों को कर्मफल देते हैं। शनि देव का पूजन करने से आप अनेक प्रकार के कष्टों से बच सकते हैं।शनि देव को आसानी से प्रसन्न करने के लिए आप शनि कवच का पाठ कर सकते हैं। जो लोग शनि देव के कारण होने वाली समस्याओं से पीड़ित हैं तथा आपकी कुंडली में यदि शनि की महादशा व अन्तर्दशा चल रही है तो आप उन सभी समस्याओं से शनि कवच स्तोत्र का नियमित पाठ करने से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं । शनि कवच हिन्दी / Shani Kavacham in Hindi PDFअथ श्री शनिकवचम्अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः IIअनुष्टुप् छन्दः II शनैश्चरो देवता II शीं शक्तिः IIशूं कीलकम् II शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः IIनीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान् ।चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:।।1।।श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महत् ।कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ।।2।।कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम् ।शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम् ।।3।।ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन: ।नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज: ।।4।।नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा ।स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज: ।।5।।स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद: ।वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता ।।6।।नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा ।ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा ।।7।।पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल: ।अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन: ।।8।।इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य: ।न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज: ।।9।।व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा ।कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि: ।।10।।अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे ।कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित् ।।11।।इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा।जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु: ।।12।। शनि देव की आरती | Shani Dev Ki Aarti Lyrics in Hindiजय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय श्री शनि देव….श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥जय जय श्री शनि देव….क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥जय जय श्री शनि देव….मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥जय जय श्री शनि देव….देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।You can download Shani Kavach in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शन #कवच #सततर #Shani #Kavach #PDF #HindiThe post शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | Shani Ashtottara Shatanama Stotram PDF
शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | Shani Ashtottara Shatanama Stotram PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----shani-ashtottara-shatanama-stotram-301.jpg">शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | Shani Ashtottara Shatanama Stotram</a>PDF Name<b>शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | Shani Ashtottara Shatanama Stotram PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.47 MB</b>Language<b>English</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | Shani Ashtottara Shatanama Stotram PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख में हम आपको शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र PDF के बारे में बताने जा रहे हैं। शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र शनिदेव को समर्पित एक बहुत ही प्रचलित स्तोत्र है। इस स्तोत्र का पाठ करने से शनि की साढ़ेशाती में भी व्यक्ति को बहुत लाभ होता है। यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए।शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र को प्राप्त करने के लिए आप इस लेख के अंत में जा सकते हैं, जहाँ पर हमने अपने प्रिय पाठकों के लिए शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र PDF का लिंक दे रखा है, जिसके द्वारा आप इस PDF को प्राप्त कर सकते हैं। हम शनि देव से आप सभी के मंगल की कामना करते हैं। शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र / Shani Ashtottara Shatanama Stotram Lyrics PDFशनि बीज मन्त्र – ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥शनैश्चराय शान्ताय सर्वाभीष्टप्रदायिने ।शरण्याय वरेण्याय सर्वेशाय नमो नमः ॥ १॥सौम्याय सुरवन्द्याय सुरलोकविहारिणे ।सुखासनोपविष्टाय सुन्दराय नमो नमः ॥ २॥घनाय घनरूपाय घनाभरणधारिणे ।घनसारविलेपाय खद्योताय नमो नमः ॥ ३॥मन्दाय मन्दचेष्टाय महनीयगुणात्मने ।मर्त्यपावनपादाय महेशाय नमो नमः ॥ ४॥छायापुत्राय शर्वाय शरतूणीरधारिणे ।चरस्थिरस्वभावाय चञ्चलाय नमो नमः ॥ ५॥नीलवर्णाय नित्याय नीलाञ्जननिभाय च ।नीलाम्बरविभूषाय निश्चलाय नमो नमः ॥ ६॥वेद्याय विधिरूपाय विरोधाधारभूमये ।भेदास्पदस्वभावाय वज्रदेहाय ते नमः ॥ ७॥वैराग्यदाय वीराय वीतरोगभयाय च ।विपत्परम्परेशाय विश्ववन्द्याय ते नमः ॥ ८॥गृध्नवाहाय गूढाय कूर्मांगाय कुरूपिणे ।कुत्सिताय गुणाढ्याय गोचराय नमो नमः ॥ ९॥अविद्यामूलनाशाय विद्याऽविद्यास्वरूपिणे ।आयुष्यकारणायाऽपदुद्धर्त्रे च नमो नमः ॥ १०॥विष्णुभक्ताय वशिने विविधागमवेदिने ।विधिस्तुत्याय वन्द्याय विरूपाक्षाय ते नमः ॥ ११॥वरिष्ठाय गरिष्ठाय वज्रांकुशधराय च ।वरदाभयहस्ताय वामनाय नमो नमः ॥ १२॥ज्येष्ठापत्नीसमेताय श्रेष्ठाय मितभाषिणे ।कष्टौघनाशकर्याय पुष्टिदाय नमो नमः ॥ १३॥स्तुत्याय स्तोत्रगम्याय भक्तिवश्याय भानवे ।भानुपुत्राय भव्याय पावनाय नमो नमः ॥ १४॥धनुर्मण्डलसंस्थाय धनदाय धनुष्मते ।तनुप्रकाशदेहाय तामसाय नमो नमः ॥ १५॥अशेषजनवन्द्याय विशेषफलदायिने ।वशीकृतजनेशाय पशूनाम्पतये नमः ॥ १६॥खेचराय खगेशाय घननीलाम्बराय च ।काठिन्यमानसायाऽर्यगणस्तुत्याय ते नमः ॥ १७॥नीलच्छत्राय नित्याय निर्गुणाय गुणात्मने ।निरामयाय निन्द्याय वन्दनीयाय ते नमः ॥ १८॥धीराय दिव्यदेहाय दीनार्तिहरणाय च ।दैन्यनाशकरायाऽर्यजनगण्याय ते नमः ॥ १९॥क्रूराय क्रूरचेष्टाय कामक्रोधकराय च ।कळत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमो नमः ॥ २०॥परिपोषितभक्ताय परभीतिहराय ।भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमो नमः ॥ २१॥इत्थं शनैश्चरायेदं नांनामष्टोत्तरं शतम् ।प्रत्यहं प्रजपन्मर्त्यो दीर्घमायुरवाप्नुयात् ॥ शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र की पाठ विधि / How to Recite Shani Ashtottara Shatanama Stotramसर्वप्रथम नहाधोकर स्वच्छ हो जाएँ।एक काला कपड़ा बिछाकर उसपर शनिदेव की स्थापना करें।शनिदेव का ध्यान व आवाहन करें।अब श्री शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र का पाठ करें।शनिदेव को धूप, दीप व नैवेद्य अर्पित करें।पाठ संपन्न होने पर शनिदेव की आरती करें। शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र PDF प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Shani Ashtottara Shatanama Stotram PDF by clicking on the following download button.#शन #अषटततर #शतनम #सततर #Shani #Ashtottara #Shatanama #Stotram #PDFThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%bf-%e0%a4%85%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8b%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%b6%e0%a4%a4%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8b">शनि अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | Shani Ashtottara Shatanama…