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भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindi
भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF Detailsभाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja VidhiPDF Nameभाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.63 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से भाई दूज की पूजन विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। पञ्चदिवसीय दीपावली महोत्सव के अंतर्गत भाई दूज का पर्व भी आता है। यह पर्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं तथा सूखा गोला आदि भेंट करती हैं और भाईयों की कलाई पर कलावा बांधती हैं।यदि आप भी अपने भाईयों की कुशलता व सम्पन्नता की कामना करती हैं, तो भाई दूज के अवसर पर उनका तिलक पूजन आदि अवश्य करें। इस लेख में दी गयी पूजा विधि के अनुसार आप पूजन कर सकते हैं। अलग – अलग क्षेत्रों के अनुसार पूजा विधि में कुछ परिवर्तन आ सकते हैं। अतः आप पहले से पूजन करते हुए आये हैं तो अपने परिवार में प्रचलित विधि के अनुसार ही पूजा करें।भैया दूज पूजन विधि | Bhaiya Dooj Puja Vidhi PDFबहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान विष्णु और गणेश जी की अराधना करें।इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाया जाता है।उसके बाद भाई के हाथों में पान के पांच पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रखा जाता है।फिर भाई के हाथ पर कलावा बांधा जाता है।बहन कलावा बांधते हुए भाई की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना के लिए मंत्र पढ़ती है।कहीं कहीं बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं।फिर इसके बाद कलावा बांधती हैं।मिठाई या माखन मिश्री से भाई का मुंह मीठा किया जाता है।कई जगह इस दिन शादीशुदा बहन के घर भाई जाकर भोजन करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।भाई दूज पूजा सामग्री | Bhai Dooj Puja Samagriभाई दूज के पूजन में निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग होता है –इसमें आरती की थाली,टीका,चावल,नारियल यानि सूखा नारियल,मिठाई,कलावा,दीया,धूपरुमाल।You can download Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#भई #दज #पज #वध #Bhai #Dooj #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi PDF in Hindi
चित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi PDF Detailsचित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja VidhiPDF Nameचित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi PDFNo. of Pages2PDF Size0.32 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
चित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi Hindi PDF SummaryDear Users, in this article we have uploaded the चित्रगुप्त पूजा विधि PDF / Chitragupta Puja Vidhi PDF in Hindi to help you. Lord Chitragupta has a lot of importance in Hinduism. Lord Chitragupta is also working with Yamraj in Yamlok. Lord Chitragupta keeps an account of the deeds of all beings. The details of all the deeds performed by the living beings in this world remain with Chitragupta ji. In this post, we have also provided the download link for Chitragupta Puja Vidhi in Hindi PDF.If you also want to get the blessings of Lord Shri Chitragupta, then you must worship him with complete rituals. To complete the worship of Lord Chitragupta, it is very necessary to recite Chitragupta Vrat Katha. Reciting Chitragupta Katha is considered very beneficial. You too can earn meritorious benefits by reciting this story.चित्रगुप्त पूजा विधि PDF | Chitragupta Puja Vidhi PDF in Hindiप्राताकल स्‍नान करने के बाद पूर्व दिशा में बैठकर एक चौक बनाएं।वहां पर चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर स्थापित करें।इसके बाद विधिविधान से पुष्प, अक्षत्, धूप, मिठाई, फल आदि अर्पित करें।एक नई लेखनी या कलम उनको अवश्य अर्पित करें।कलम-दवात की भी पूजा कर लें।इसके बाद एक सफेद कागज पर श्री गणेशाय नम: और 11 बार ओम चित्रगुप्ताय नमः लिखें।इसके बाद चित्रगुप्त महाराज से अपने और परिवार के लिए बुद्धि, विद्या और लेखन का अशीर्वाद प्राप्त करें।इसके बाद मंत्रोच्‍चारण करें।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप चित्रगुप्त पूजा विधि PDF / Chitragupta Puja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#चतरगपत #पज #वध #Chitragupta #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post चित्रगुप्त पूजा विधि | Chitragupta Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अन्नकूट पूजा विधि | Annakut Puja Vidhi PDF in Hindi
अन्नकूट पूजा विधि | Annakut Puja Vidhi PDF Detailsअन्नकूट पूजा विधि | Annakut Puja VidhiPDF Nameअन्नकूट पूजा विधि | Annakut Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.78 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
अन्नकूट पूजा विधि | Annakut Puja Vidhi Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप अन्नकूट पूजा विधि PDF / Annakoot Pooja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। दीपावली पूजन के अगले दिन गोवेर्धन पूजन किया जाता है। बृज क्षेत्र में अन्नकूट पूजन का विशेष महत्व है। श्री गोवेर्धन पूजा के अवसर पर अन्नकूट पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में धन – धान्य कोई समुचित आपूर्ति होती रहती है तथा व्यक्ति का जीवन सुखी होता है।यदि आप भी अपने जीवन में श्री गोवेर्धन महराज की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको दीपावली के अगले दिन अन्नकूट पूजन अवश्य करना चाहिए। अन्नकूट पूजन के फलस्वरूप भक्त घर में हमेशा अन्न के भंडार भरे रहते हैं तथा उसके परिवार में कभी भी किसी के जीवन में अन्न की किसी प्रकार की कमी नहीं होती है।अन्नकूट पूजा विधि PDF | Annakut Govardhan Puja in Hindiसबसे पहले शरीर पर तेल से मालिश करें।उसके बाद स्नान करें।घर के मुख्य द्वार पर गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं।पर्वत के पास भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति रखें।अब विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।अन्नकूट पूजा के नियम | Annakoot Puja Rulesगोवर्धन पूजा के दौरान नई फसलों से अन्नकूट का प्रसाद बनाया जाता है, इसी प्रसाद का भोग लगाया जाता है।इस दिन एक ही रसोई से घर के हर सदस्य का भोजन बनता भोजन में विविध प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।इसमें प्याज लहसुन का प्रयोग नहीं होता है।भोजन बनाकर श्रीकृष्ण को भोग लगाते हैं।अन्नकूट क्या है ? | What is Annakut ?अन्नकूट बनाने के लिए कई तरह की सब्जियां, दूध और मावे से बने मिष्ठान और चावल का प्रयोग किया जाता है। अन्नकूट में ऋतु संबंधी अन्न, फल, सब्जियां का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण के साथ धरती पर अन्न उपजाने में मदद करने वाले सभी देवों जैसे, इन्द्र, अग्नि, वृक्ष और जल देवता की भी आराधना की जाती है। गोवर्धन पूजा में इन्द्र की पूजा इसलिए होती है क्योंकि अभिमान चूर होने के बाद इन्द्र ने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी और आशीर्वाद स्वरूप गोवर्धन पूजा में इन्द्र की पूजा को भी मान्यता दे दी।You may also like :गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindiगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindiश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindiगोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF in HindiYou can download Annakut Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#अननकट #पज #वध #Annakut #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post अन्नकूट पूजा विधि | Annakut Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi
गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF Detailsगोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri ListPDF Nameगोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDFNo. of Pages3PDF Size0.27 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। दीपावली के दूसरे गोवर्धन भगवान की पूजा होती है। शास्त्रों को अनुसार कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया गया है। इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर यानी आज मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा वाले दिन भगवान कृष्ण की पूजा होती है साथ ही गाय के गोबर से गोवर्धन देव बनाकर उन्हें पूजने की परंपरा भी रही है। अन्नकूट/गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई।यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है। इस दिन मंदिरों में विविध प्रकार की खाद्य सामग्रियों से भगवान को भोग लगाया जाता है। जब श्रीकृष्ण को इंद्र देव की पूजा के बारे में पता चला तो उन्होंने सभी बृजवासियों से कहा कि आप इंद्र देव की पूजा ना करके गोवर्धन पर्वत की पूजा कीजिए। क्योंकि इस पर्वत की छत्रछाया में ही समस्त बृजवासी सुख से अपना जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट PDF | Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindiधूप – Dhoop battiचंदन – Chandanफूल –  Phool – flowersफूल माला –  Phool mala – flowersरोली – Roliचावल – Chawalअनाज (गेहूं) – Gehuमौली – Moliतेल का दीपक –  Tel ka dipakमिठाई – Mithaiपान – Paan ke patteकेसर – Kesarबताशे – Batashaगुड़ – Gudगाय का गोबर – Gobar56 तरह के खाद्य पदार्थ – Chappan Bhogबांसुरी – Bansuriफल – Fruitहरा चारा – Hara charaगंगाजल – Gangajalशहद – Shahadदही – Dahiशक्कर – shakkarनैवेद्य – Naivedyaतुलसी – Tulsiजल – Jalगोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त | Govardhan Puja Shubh Muhurtगोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – 06:36 AM से 08:47 AM
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त – 03:22 PM से 05:33 PM
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 11:14 PM बजेगोवर्धन महाराज की आरती PDF | Govardhan Aarti PDF in Hindiश्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरी सात कोस की परिकम्मा, और चकलेश्वर विश्रामतेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ, तेरी झांकी बनी विशाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण। करो भक्त का बेड़ा पारतेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गवरधन #पज #समगर #लसट #Govardhan #Puja #Samagri #List #PDF #HindiThe post गोवर्धन पूजा सामग्री लिस्ट | Govardhan Puja Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi
गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF Detailsगोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat KathaPDF Nameगोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDFNo. of Pages5PDF Size0.81 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF / Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। भागवत पुराण में, कृष्ण एक मूसलधार बारिश से वृंदावन के लोगों को आश्रय देने के लिए गोवर्धन पहाड़ी उठाते हैं। वैष्णवों को याद रखने के लिए यह एक विशेष दिन है। यह उन लोगों के लिए सुरक्षा का परमेश्वर का वादा माना जाता है जो उसकी शरण चाहते हैं। यहाँ से आप अन्नकूट व्रत कथा PDF / Annkut Vrat Katha PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।जो लोग समर्पित हैं वे गोवर्धन पहाड़ी के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व में भगवान को भोजन प्रसाद का एक पूरा पहाड़ चढ़ाते हैं और भगवान में अपना विश्वास हासिल करते हैं। यह त्यौहार पूरे भारत के साथ-साथ दुनिया भर के प्रमुख हिंदू धर्मों में मनाया जाता है।गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindiएक बार सभी बृजवासी मिलकर भगवान इंद्र देव की उपासना करने जा रहे थे। उस समय भगवान विष्णु के परमावतार श्री कृष्ण बृज में ही बाल लीलाएं कर रही थे। जब श्रीकृष्ण को इंद्र देव की पूजा के बारे में पता चला तो उन्होंने सभी बृजवासियों से कहा कि आप इंद्र देव की पूजा ना करके गोवर्धन पर्वत की पूजा कीजिए। क्योंकि इस पर्वत की छत्रछाया में ही समस्त बृजवासी सुख से अपना जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।बृजवासियों को भगवान श्री कृष्ण की यह बात बहुत अच्छी लगी और उन्होंने यह निश्चय किया कि वह अब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को श्री गोवर्धन पर्वत की पूजा किया करेंगें। जब इस बारे में भगवान इंद्र को पता चला तो उन्होंने क्रोधित हो बृज में खूब वर्षा की।ऐसी मान्यता है कि तब बृजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सबसे छोटी उंगली यानी कनिष्ठा उंगली पर सात दिन के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था और समस्त बृजवासियों की रक्षा की थी। इसलिए तब से ही गोवर्धन पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान गोवर्धन अपने सभी शरणागत भक्तों की रक्षा करते हैं। कहते हैं कि गोवर्धन पर्वत भगवान श्री कृष्ण का ही एक स्वरूप है।अन्नकूट व्रत कथा PDF | Annkut Vrat Katha PDF in Hindiनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गोवर्धन पूजा व्रत कथा PDF / Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गवरधन #पज #वरत #कथ #Govardhan #Puja #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi
गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF Detailsगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja VidhiPDF Nameगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDFNo. of Pages2PDF Size0.37 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको गोवर्धन पूजा विधि PDF / Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा (जिसका अर्थ है “अनाज का एक टीला”) के रूप में भी जाना जाता है, इंद्र के खिलाफ लड़ाई में भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाने के लिए पूरे भारत में मनाया जाता है। गोवर्धन पर्वत को उठाने के रूप में इंद्र। दिवाली के हिंदू उत्सव के चौथे दिन, गोवर्धन पर्वत के प्रतीक अनाज के ढेर की पूजा करके पूजा की जाती है।गोवर्धन पूजा असुरक्षित भगवान इंद्र पर भगवान कृष्ण की जीत का उत्सव है। वृंदावन के लोगों को भगवान कृष्ण के माध्यम से प्रकृति की पूजा करना सिखाया गया था। अन्नकूट अनुष्ठान बहुत कृतज्ञता, उत्साह और उत्साह के साथ किया जाता है। यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मथुरा, वृंदावन और बिहार सहित कई भारतीय राज्यों में किए जाने वाले आवश्यक संस्कारों में से एक है।गोवर्धन पूजा विधि PDF | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindiगोवर्धन के चित्र पर गन्ने की 2 छड़ें चढ़ाकर पूजा शुरू करेंफिर दही, कच्चा दूध, बताशा, लड्डू और पेड़ा चढ़ाएं।दीपक जलाएं और रोली और चावल चढ़ाएं।पूजा के बाद गोवर्धन से प्रार्थना करें।सोने का बताशा थाली में छोड़ कर पैसे सहित किसी को दे दो।लक्ष्मी कथा का पाठ करें।लक्ष्मी कथा पढ़ने वाले व्यक्ति को चांदी का सिक्का दक्षिणा के रूप में देना चाहिएपूजा के बाद दीपावली पूजा के काजलोटा में से काजल लगाएं।ऐसा माना जाता है कि घर की महिलाओं को सबसे पहले खाना चाहिए और कुछ मीठा खाकर अपने भोजन की शुरुआत करनी चाहिए।गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेंहू और चावल आदि अनाज, बेसन की पीला ब्रज जैसु बनी कढ़ी और पत्ते वाली हरी सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है। बाद में इस सारे भोग को भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है। गोवर्धन पूजा वाले दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ यानी भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाती है।इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर और फूल आदि से दीपक जलाकर उसकी पूजा करें। गोबर से बनाए गए गोवर्धन नाथ की परिक्रमा करें। फिर ब्रज के देवता गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट भोग लगाएं। अन्नकूट में 56 तरह के खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं। इस दिन प्रदोष काल में यानी शाम के समय में विधि-विधान से श्री कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है। साथ ही गोवर्धन पूजा के दिन गाय की पूजा कर उसे गुड़ और हरा चारा खिलाना अच्छा माना जाता है।गोवर्धन पूजा मंत्र PDF | Govardhan Puja Mantra PDF in Hindiगोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।हे कृष्ण करुणासिंधो दीनबंधो जगतपते।
गोपेश गोपिकाकांत राधाकान्त नमोस्तुते।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप गोवर्धन पूजा विधि PDF / Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#गवरधन #पज #वध #Govardhan #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post गोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi
धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDF Detailsधनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja VidhiPDF Nameधनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.60 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धनतेरस पूजा विधि PDF / Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन पूजन करने से व्यक्ति के घर में सुख – संपत्ति का आगमन होता है। यदि आपके घर में लम्बे समय से कोई मांगलिक कार्य नहीं हुआ, तो आप धनतेरस के दिन यह पूजन अवश्य करें। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप धनतेरस पूजा विधि 2021 PDF / Dhanteras Puja Vidhi 2021 PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।धनतेरस के धन्वन्तरि व कुबेर देव की पूजा की जाती है। इन दोनों देव के पूजन से घर में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यों का नाश तो होता ही है साथ ही धन की वर्षा भी होती है। कुबेर देव धन के देव हैं तथा धन्वन्तरि जी स्वस्थ्य के देवता हैं। यदि आप भी अपने घर धनतेरस का पूजन करना चाहते हैं तो यहां दी हुयी धनतेरस पूजन विधि का कर प्रयग कर सकते हैं।धनतेरस पूजन विधि PDF / Dhanteras Pujan Vidhi PDF in Hindiधनतेरस पर शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरि की स्थापना करें।इसी के साथ मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।अब दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन करना आरंभ करें।तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।अब कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धनवंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।पूजन के दौरान ‘ऊं ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।भगवान धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।धनतेरस 2021 पूजा मुहूर्त / Dhanteras 2021 Shubh Muhuratधनतेरस पूजा मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 परधनतेरस पूजा मुहूर्त – 06:17 पी एम से 08:11 पी एमअवधि – 01 घण्टा 55 मिनट्सयम दीपम मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 कोधनतेरस पूजा मंत्र / Dhanteras Puja Mantraओम श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।You may also like :धनतेरस की कहानी | Dhanteras Ki Vrat Katha PDF in HindiYou can download धनतेरस पूजा विधि PDF | Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनतरस #पज #वध #Dhanteras #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post धनतेरस पूजा विधि 2021 | Dhanteras Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in Hindi
यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF Detailsयम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja VidhiPDF Nameयम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.64 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप यम दीपदान पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। जैसा की आप जानते ही होंगे की दिवाली से पूर्व धनतेरस के इन बाद नर्क चतुर्दशी आती है, इस दिन यमदेव का पूजन किया जाता है। इस दिन दीपदान का भी बहुत अधिक महत्व है। दीप दान का मतलब किसी देवता के नाम से दीप अर्पित करना।इस दिन यम देवता के नाम से दीप प्रज्वलित किया जाता है। जो दीपक यम देवता के नाम से लगाया जाता है उसे यमदीप के नाम से भी जाना जाता है। यमदीप को हमेशा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। माना जाता है कि, यमलोक दक्षिण दिशा में स्थित है। यम दीप दान करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।यम दीपदान पूजा विधि | Yam Deep Puja Vidhi in Hindi PDFसर्वप्रथम किसी साफ चौकी पर रोली से स्वास्तिक बनाए व उस स्थान पर आटे या मिट्टी का बना चौमुखी दीपक रखें।दीपक के चारो ओर 3 बार गंगा जल से आचवन करें व दीपक पर रोली से टीका लगाए।अब दीपक पर चावल और पुष्प चढ़ाए व दीपक में थोड़ी से चीनी डाले।इसके बाद दीपक में 1 रुपए का सिक्का डाले व घर के सभी सदस्यों को तिलक लगाएँ व घर के सभी सदस्यों के साथ दीपक को नमन करें।तत्पश्चात दीपक को प्रणाम करें और उसे दीपक को घर के मुख्य द्वार पर रख दे। दीप प्रज्वलित करते समय इस बात का ध्यान रखें की आपका मुख और दीपक की लौ दोनों ही दक्षिण दिशा में हो।दीपक पर कुछ मीठे का भोग लगाए ।यम दीपक/ यम दीप दान मंत्र का पूरी श्रद्धा से उच्चारण कर हाथ जोड़कर भगवान से घर के सभी सदस्यों की आयु में वृद्धि की प्रार्थना कीजिये ।यम देव पूजा मंत्र | Yam Dev Puja Mantraमृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह ।त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतामिति ।।You may also like :दिवाळीला यमदीपदान कसे करावे | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in MarathiYou can download Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#यम #दप #पज #वध #Yam #Deep #Daan #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post यम दीप पूजा विधि | Yam Deep Daan Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi
धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF Detailsधनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja VidhiPDF Nameधनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDFNo. of Pages2PDF Size0.31 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi Marathi PDF Summaryनमस्कार मित्रांनो, या लेखाद्वारे आम्ही तुमच्यासाठी धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF / Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi डाउनलोड लिंक देत आहोत. असे म्हटले जाते की धनत्रयोदशीच्या दिवशी पूजा केल्याने व्यक्तीच्या घरात सुख-संपत्ती येते. जर तुमच्या घरात खूप दिवसांपासून कोणतेही शुभ कार्य होत नसेल तर धनत्रयोदशीच्या दिवशी ही पूजा अवश्य करावी. या पोस्टमध्ये दिलेल्या लिंकवर क्लिक करून तुम्ही धनत्रयोदशी पूजा विधि मराठी PDF अगदी सहज डाउनलोड करू शकता.धनत्रयोदशीला धन्वंतरी आणि कुबेर देव यांची पूजा केली जाते. या दोन देवांची पूजा केल्याने घरातील आरोग्याशी संबंधित समस्या तर दूर होतातच, शिवाय धनाचा वर्षावही होतो. कुबेर देव संपत्तीची देवता आणि धन्वंतरी जी आरोग्याची देवता आहेत. जर तुम्हालाही तुमच्या घरी धनत्रयोदशीची पूजा करायची असेल तर तुम्ही येथे दिलेल्या धनत्रयोदशीच्या पूजेची पद्धत वापरू शकता.धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathiधनत्रयोदशीच्या संध्याकाळी उत्तरेकडे कुबेर आणि धन्वंतरीची स्थापना करा.यासोबतच लक्ष्मी आणि गणेशाची मूर्ती किंवा चित्रही लावावे.आता दिवा लावा आणि विधिवत पूजा सुरू करा.टिळक केल्यानंतर फुले, फळे अर्पण करावीत.आता कुबेर देवाला पांढरी मिठाई आणि धन्वंतरी देवाला पिवळी मिठाई अर्पण करा.पूजेदरम्यान ‘ओम ह्रीं कुबेराय नमः’ या मंत्राचा जप करत राहा.भगवान धन्वंतरीला प्रसन्न करण्यासाठी या दिवशी धन्वंतरी स्तोत्राचे पठण करावे.धनतेरस पूजा मंत्र PDF | Dhanteras Puja Mantra PDF in Marathiओम श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं,ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।धनत्रयोदशी पूजा विधि मराठी PDFHere you can download the धनतेरस पूजा विधि मराठी PDF / Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi by click on the link given below.#धनतरस #पज #वध #मरठ #Dhanteras #Pooja #Vidhi #PDF #MarathiThe post धनतेरस पूजा विधि मराठी | Dhanteras Pooja Vidhi PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF in Hindi
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/------rama-ekadashi-puja-vidhi-268.jpg">रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi</a>PDF Name<b>रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.77 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप रमा एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं । रमा एकादशी का व्रत अनेक प्रकार के पापों का नाश करता है । यदि आप अपने जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं से पीड़ित हो चुके हैं तो आपको रमा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए । रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।माता लक्ष्मी के अनेक शुभ नामों में से एक नाम रमा भी है । अतः इस रमा एकादशी के दिन भगवान श्री हरी विष्णु के साथ माता देवी लक्ष्मी की भी पूजा – अर्चना की जाती है । इस दिन जो व्यक्ति पूरे विधि – विधान से माता लक्ष्मी एवं श्री हरी विष्णु जी की आराधना व पूजन करता है उस व्यक्ति घर में धन व अन्न की आपूर्ति रहती है।रमा एकादशी व्रत की विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Vidhi PDF in Hindiसुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।भगवान की आरती करें।भगवान को भोग लगाएं।इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फसात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।रमा एकादशी आरती PDF / Rama Ekadashi Aarti in Hindiॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/rama-ekadashi-vrat-katha/">रमा एकादशी व्रत कथा | Rama Ekadashi Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download रमा एकादशी व्रत पूजा विधि PDF / Rama Ekadashi Vrat Pooja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#रम #एकदश #वरत #पज #वध #Rama #Ekadashi #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%8f%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-rama">रमा एकादशी व्रत पूजा विधि | Rama Ekadashi Puja Vidhi…