श्रीराघवं रामचन्द्रं रावणारिं रमापतिम्।
राजीवलोचनं रामं तं वन्दे रघुनायकम्॥
सर्वलोकशरण्याय साकेतपुरवासिने।
सत्सेविताय रामाय ससीतायास्तु मङ्गलम्॥
कौसल्यायां दशरथाज्जाताय परमात्मने।
सदा भरतसौमित्रिशत्रुघ्नेशाय मङ्गलम्॥
ॐ श्री सीतारामाभ्यां नमः
ॐ श्री पवनतनये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 22 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की नवमी तिथि और मंगलवार है नवमी शाम 6:13 तक रहेगी 22 अप्रैल को रात 9:13 तक शुभयोग रहेगा साथ ही मंगलवार दोपहर 12:44 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र लग जाएगा इसके अलावा 22 अप्रैल से पंचक प्रारंभ है।
🌺🚩🙏🙏🚩🌺
राजीवलोचनं रामं तं वन्दे रघुनायकम्॥
सर्वलोकशरण्याय साकेतपुरवासिने।
सत्सेविताय रामाय ससीतायास्तु मङ्गलम्॥
कौसल्यायां दशरथाज्जाताय परमात्मने।
सदा भरतसौमित्रिशत्रुघ्नेशाय मङ्गलम्॥
ॐ श्री सीतारामाभ्यां नमः
ॐ श्री पवनतनये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 22 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की नवमी तिथि और मंगलवार है नवमी शाम 6:13 तक रहेगी 22 अप्रैल को रात 9:13 तक शुभयोग रहेगा साथ ही मंगलवार दोपहर 12:44 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र लग जाएगा इसके अलावा 22 अप्रैल से पंचक प्रारंभ है।
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अप्रैल 22, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
नात्यन्त गुणवत् किंचित् न चाप्यत्यन्तनिर्गुणम् उभयं सर्वकार्येषु दॄष्यते साध्वसाधु वा
ऐसा कोई भी कार्य नही है जो सर्वथा अच्छा है। ऐसा कोई भी कार्य नही जो सर्वथा बुरा है। अच्छे और बुरे गुण हर एक कार्य में होते ही है।
जय श्री हनुमान
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
नात्यन्त गुणवत् किंचित् न चाप्यत्यन्तनिर्गुणम् उभयं सर्वकार्येषु दॄष्यते साध्वसाधु वा
ऐसा कोई भी कार्य नही है जो सर्वथा अच्छा है। ऐसा कोई भी कार्य नही जो सर्वथा बुरा है। अच्छे और बुरे गुण हर एक कार्य में होते ही है।
जय श्री हनुमान
जय श्री राम
जिस धर्म और संस्कृति में सावित्री यमराज से अपने पति को बचा लेती थीं,
जिस धर्म और संस्कृति में देवी सती अपने पति शंकर का अपमान होने पर स्वयं को अग्नि में भस्म कर देती थी,
जिस धर्म और संस्कृति में पत्नियां अपने पति की दीर्घायु के लिए करवाचौथ का व्रत करती थीं,
जिस धर्म और संस्कृति में सीता लक्ष्मी का अवतार होते हुए अपने हाथों से स्वयं अपनी सासों की सेवा करती थी,
उस देश में आज इतना चारित्रिक और नैतिक पतन हुआ है कि पत्नियां अपने प्रेमी से मिल कर अपने पति की हत्या कर रहीं हैं, तीन-तीन बच्चों की माँ सारी धन-दौलत लेकर देवर के संग भाग रहीं हैं । सास-ससुर का अपमान कर रहीं हैं और उनके साथ एक घर में रहना नहीं चाहतीं ।
इस घोर सामाजिक पतन के लिए कौन जिम्मेदार है ?
क्या दिशाहीन और नैतिकता विहीन आधुनिक शिक्षा ?
क्या मोबाइल फोन ?
क्या नारीवाद ?
क्या नारी हित में बनाए कानूनों का दुरूपयोग?
क्या बॉलीवुड और OTT के बेहूदा सीरिअल्स ?
क्या लड़की की माता का उसकी ससुराल में हस्तक्षेप ?
दोस्तो, असली वजह है माँ का लड़की को अच्छे संस्कार और शिक्षा न देना ।
अगर सभी माताऐं इस वीडियो में दिखाई गई माँ की तरह अपनी शादीशुदा पुत्री को समझाएं तो सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है ।
जिस धर्म और संस्कृति में देवी सती अपने पति शंकर का अपमान होने पर स्वयं को अग्नि में भस्म कर देती थी,
जिस धर्म और संस्कृति में पत्नियां अपने पति की दीर्घायु के लिए करवाचौथ का व्रत करती थीं,
जिस धर्म और संस्कृति में सीता लक्ष्मी का अवतार होते हुए अपने हाथों से स्वयं अपनी सासों की सेवा करती थी,
उस देश में आज इतना चारित्रिक और नैतिक पतन हुआ है कि पत्नियां अपने प्रेमी से मिल कर अपने पति की हत्या कर रहीं हैं, तीन-तीन बच्चों की माँ सारी धन-दौलत लेकर देवर के संग भाग रहीं हैं । सास-ससुर का अपमान कर रहीं हैं और उनके साथ एक घर में रहना नहीं चाहतीं ।
इस घोर सामाजिक पतन के लिए कौन जिम्मेदार है ?
क्या दिशाहीन और नैतिकता विहीन आधुनिक शिक्षा ?
क्या मोबाइल फोन ?
क्या नारीवाद ?
क्या नारी हित में बनाए कानूनों का दुरूपयोग?
क्या बॉलीवुड और OTT के बेहूदा सीरिअल्स ?
क्या लड़की की माता का उसकी ससुराल में हस्तक्षेप ?
दोस्तो, असली वजह है माँ का लड़की को अच्छे संस्कार और शिक्षा न देना ।
अगर सभी माताऐं इस वीडियो में दिखाई गई माँ की तरह अपनी शादीशुदा पुत्री को समझाएं तो सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है ।
एक सनातनी भाई के विचार जिससे मै सहमत हूं और आप....
हम जज हैं .. हम सर्वशक्तिमान हैं ..
जिस तरह से आत्मा अजर अमर है,आत्मा को ना कोई काट सकता है.. ना देख सकता है..
उसी तरह हम भी अकाट्य हैं . हमारी कोई काट नहीं है.. हम और हमारा परिवार #कॉलेजियम सिस्टम के कारण अजर अमर है..
हमसे कोई सवाल नहीं पूछे जा सकते, पूछने वाले पर हम ही सवालिया निशान लगा देते हैं .. #क्योंकि_हम_जज_हैं ..
हम भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों,छोटे कर्मचारियों को तो जेल भेज देते हैं .. लेकिन नेताओं को हम बेल देते हैं ..
किसी आम नागरिक ने कुछ गलत किया तो हम उसे दंड दे सकते हैं .. लेकिन करोड़ों रुपए घर से बरामद होने के बावजूद भी हम खुले आम घूम सकते हैं ..
क्योंकि हम जज हैं ..
हम आम लोगों को तारीख पे तारीख दे सकते हैं लेकिन कुछ ख़ास वकीलों के केसेस की सुनवाई हम तुरंत करते हैं .
हम लोगों के मामले सारी ज़िन्दगी लटकाए रख सकते हैं लेकिन खुद को छुट्टियाँ चाहिए हों तो हम कभी भी जा सकते हैं..
क्योंकि हम जज हैं ..
कानून बनाने का काम जनता के चुने हुए सांसद संसद के दोनों सदनों से करते है लेकिन उन पर रोक लगाने का हम कर सकते हैं
क्योंकि हम जज हैं..
हमें ना पुलिस गिरफ्तार कर सकती है, ना कोई सरकारी एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है..
हम पद पर रहते हुए आलीशान सरकारी बँगले,गाड़ियाँ,नौकर चाकरों का सुख भोगते हैं .. और रिटायरमेंट के पहले हम इतना माल कमा चुके होते हैं कि बाकी की ज़िन्दगी कहीं गुमनामी में मजे से काट सकते हैं..
क्योंकि हम जज हैं ..
कुछ ख़ास दलाल अर्रर्रर्रर्र.. वकील हमारी ही अदालतों में दलाली... अर्रर्रर्रर्र वकालत करने आते हैं क्योंकि उन्हें पता है हमें कैसे "टेकल" करना है..
हम आतंकियों के लिए तो आधी रात को कोर्ट खुलवा सकता हैं लेकिन किसी निर्दोष को बरसों बरस जेल में सड़ा सकते हैं ..
एक पार्टी के लंबे राजपाट में हमने खूब माल कमाया... उनके हर सही गलत काम में खुलकर साथ दिया लेकिन पिछले कुछ बरसों से एक आदमी ने हमें बेहद परेशान किया हुआ है.. हम उस पर नकेल कसने के लिए रात दिन एक कर रहे हैं..
हम चाहते हैं कि सरकार के हर फैसले, हर नियुक्ति में हमारा दखल हो लेकिन खबरदार जो सरकार हमारे कॉलेजियम सिस्टम या हमारे ऊपर किसी भी तरह की बंदिश लगाने की कोशिश करे...
हम कानून के रखवाले नहीं,कानून के सौदागर हैं.. अपने हिसाब से कीमत और केस तय करते हैं..
हम हिंदुओं को,उनकी आस्थाओं को,उनकी संस्कृतियों को दो कौड़ी का समझते हैं लेकिन एक खास मज़हब के खिलाफ़ हम एक शब्द भी सुनना पसंद नहीं करते हैं..
हिंदुओं पर कितने ही अत्याचार हो जाएँ.. हम चुप रहते हैं..
किसी ख़तरनाक अपराधी की सुनवाई से हमारी इतनी फट जाती हैं कि हम उससे खुद को अलग कर लेते हैं.. लेकिन इस सरकार को और आम लोगों को चाहे जब फटकार लगा देते हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
अब हमें सरकार चलानी हैं,सरकार हमें ना चलाए.. हम अपनी मर्ज़ी से अपने हिसाब से सरकार चलाना चाहते हैं...
अच्छा हुआ तो हमने किया... बुरा हुआ तों सब सरकार ने किया..
हम सर्वशक्तिमान हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
राम राम रहेगी सभी को!
हम जज हैं .. हम सर्वशक्तिमान हैं ..
जिस तरह से आत्मा अजर अमर है,आत्मा को ना कोई काट सकता है.. ना देख सकता है..
उसी तरह हम भी अकाट्य हैं . हमारी कोई काट नहीं है.. हम और हमारा परिवार #कॉलेजियम सिस्टम के कारण अजर अमर है..
हमसे कोई सवाल नहीं पूछे जा सकते, पूछने वाले पर हम ही सवालिया निशान लगा देते हैं .. #क्योंकि_हम_जज_हैं ..
हम भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों,छोटे कर्मचारियों को तो जेल भेज देते हैं .. लेकिन नेताओं को हम बेल देते हैं ..
किसी आम नागरिक ने कुछ गलत किया तो हम उसे दंड दे सकते हैं .. लेकिन करोड़ों रुपए घर से बरामद होने के बावजूद भी हम खुले आम घूम सकते हैं ..
क्योंकि हम जज हैं ..
हम आम लोगों को तारीख पे तारीख दे सकते हैं लेकिन कुछ ख़ास वकीलों के केसेस की सुनवाई हम तुरंत करते हैं .
हम लोगों के मामले सारी ज़िन्दगी लटकाए रख सकते हैं लेकिन खुद को छुट्टियाँ चाहिए हों तो हम कभी भी जा सकते हैं..
क्योंकि हम जज हैं ..
कानून बनाने का काम जनता के चुने हुए सांसद संसद के दोनों सदनों से करते है लेकिन उन पर रोक लगाने का हम कर सकते हैं
क्योंकि हम जज हैं..
हमें ना पुलिस गिरफ्तार कर सकती है, ना कोई सरकारी एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है..
हम पद पर रहते हुए आलीशान सरकारी बँगले,गाड़ियाँ,नौकर चाकरों का सुख भोगते हैं .. और रिटायरमेंट के पहले हम इतना माल कमा चुके होते हैं कि बाकी की ज़िन्दगी कहीं गुमनामी में मजे से काट सकते हैं..
क्योंकि हम जज हैं ..
कुछ ख़ास दलाल अर्रर्रर्रर्र.. वकील हमारी ही अदालतों में दलाली... अर्रर्रर्रर्र वकालत करने आते हैं क्योंकि उन्हें पता है हमें कैसे "टेकल" करना है..
हम आतंकियों के लिए तो आधी रात को कोर्ट खुलवा सकता हैं लेकिन किसी निर्दोष को बरसों बरस जेल में सड़ा सकते हैं ..
एक पार्टी के लंबे राजपाट में हमने खूब माल कमाया... उनके हर सही गलत काम में खुलकर साथ दिया लेकिन पिछले कुछ बरसों से एक आदमी ने हमें बेहद परेशान किया हुआ है.. हम उस पर नकेल कसने के लिए रात दिन एक कर रहे हैं..
हम चाहते हैं कि सरकार के हर फैसले, हर नियुक्ति में हमारा दखल हो लेकिन खबरदार जो सरकार हमारे कॉलेजियम सिस्टम या हमारे ऊपर किसी भी तरह की बंदिश लगाने की कोशिश करे...
हम कानून के रखवाले नहीं,कानून के सौदागर हैं.. अपने हिसाब से कीमत और केस तय करते हैं..
हम हिंदुओं को,उनकी आस्थाओं को,उनकी संस्कृतियों को दो कौड़ी का समझते हैं लेकिन एक खास मज़हब के खिलाफ़ हम एक शब्द भी सुनना पसंद नहीं करते हैं..
हिंदुओं पर कितने ही अत्याचार हो जाएँ.. हम चुप रहते हैं..
किसी ख़तरनाक अपराधी की सुनवाई से हमारी इतनी फट जाती हैं कि हम उससे खुद को अलग कर लेते हैं.. लेकिन इस सरकार को और आम लोगों को चाहे जब फटकार लगा देते हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
अब हमें सरकार चलानी हैं,सरकार हमें ना चलाए.. हम अपनी मर्ज़ी से अपने हिसाब से सरकार चलाना चाहते हैं...
अच्छा हुआ तो हमने किया... बुरा हुआ तों सब सरकार ने किया..
हम सर्वशक्तिमान हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
क्योंकि हम जज हैं..
राम राम रहेगी सभी को!
मुंह न लगें
अभद्र, असभ्य व्यक्ति, चाहे परिवार का सदस्य हो या बाहरी व्यक्ति हो, उसके मुंह नहीं लगना चाहिए क्योंकि ऐसा व्यक्ति आत्ममुग्धता के नशे में इतना डूबा होता है कि उसे अपने से अधिक ज्ञानवान व्यक्ति कोई दूसरा नहीं दिखाई देता, इसलिए वह आपसे अभद्रता कर कभी भी, कहीं भी, किसी के भी सामने आपकी इज्जत उतार सकता है। अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए, ऐसे व्यक्ति से बचने की कोशिश करनी चाहिए। न उससे कोई सवाल करो ना कोई जवाब दो। बस उसे खामोशी दे दो।
अभद्र, असभ्य व्यक्ति, चाहे परिवार का सदस्य हो या बाहरी व्यक्ति हो, उसके मुंह नहीं लगना चाहिए क्योंकि ऐसा व्यक्ति आत्ममुग्धता के नशे में इतना डूबा होता है कि उसे अपने से अधिक ज्ञानवान व्यक्ति कोई दूसरा नहीं दिखाई देता, इसलिए वह आपसे अभद्रता कर कभी भी, कहीं भी, किसी के भी सामने आपकी इज्जत उतार सकता है। अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए, ऐसे व्यक्ति से बचने की कोशिश करनी चाहिए। न उससे कोई सवाल करो ना कोई जवाब दो। बस उसे खामोशी दे दो।
अनुराग कश्यप का माफीनामा..
"मैं गुस्से में किसी को एक जवाब देने में अपनी मर्यादा भूल गया। और पूरे ब्राह्मण समाज को बुरा बोल डाला। वो समाज जिसके तमाम लोग मेरी जिंदगी में रहे हैं, आज भी हैं और बहुत कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं। आज वो सब मुझसे आहत हैं। मेरा परिवार मुझसे आहत है। बहुत सारे बुद्धिजीवी, जिनकी मैं इज्जत करता हूं मेरे उस गुस्से में, मेरे बोलने के तरीके से आहत हैं।
मैंने खुद ही ऐसी बात करके, अपनी ही बात को मुद्दे से भटका दिया। मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं, इस समाज से जिनको मैं ये नहीं कहना चाह रहा था, लेकिन आवेश में किसी की घटिया टिप्पणी का जवाब देते हुए लिख दिया।
मैं माफी मांगता हूं अपने उन तमाम सहयोगी दोस्तों से, अपने परिवार से और उस समाज से, अपने बोलने के तरीके के लिए, अभद्र भाषा के लिए।
अब आगे से ऐसा न हो, मैं उस पर काम करूंगा। अपने गुस्से पर काम करूंगा। और मुद्दे की बात अगर करनी हो तो सही शब्दों का इस्तेमाल करूंगा।
आशा है आप मुझे माफ कर देंगे।"
: अनुराग कश्यप, ट्विटर पर अभी अभी
सोशल मीडिया कि शक्ति....
"मैं गुस्से में किसी को एक जवाब देने में अपनी मर्यादा भूल गया। और पूरे ब्राह्मण समाज को बुरा बोल डाला। वो समाज जिसके तमाम लोग मेरी जिंदगी में रहे हैं, आज भी हैं और बहुत कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं। आज वो सब मुझसे आहत हैं। मेरा परिवार मुझसे आहत है। बहुत सारे बुद्धिजीवी, जिनकी मैं इज्जत करता हूं मेरे उस गुस्से में, मेरे बोलने के तरीके से आहत हैं।
मैंने खुद ही ऐसी बात करके, अपनी ही बात को मुद्दे से भटका दिया। मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं, इस समाज से जिनको मैं ये नहीं कहना चाह रहा था, लेकिन आवेश में किसी की घटिया टिप्पणी का जवाब देते हुए लिख दिया।
मैं माफी मांगता हूं अपने उन तमाम सहयोगी दोस्तों से, अपने परिवार से और उस समाज से, अपने बोलने के तरीके के लिए, अभद्र भाषा के लिए।
अब आगे से ऐसा न हो, मैं उस पर काम करूंगा। अपने गुस्से पर काम करूंगा। और मुद्दे की बात अगर करनी हो तो सही शब्दों का इस्तेमाल करूंगा।
आशा है आप मुझे माफ कर देंगे।"
: अनुराग कश्यप, ट्विटर पर अभी अभी
सोशल मीडिया कि शक्ति....
साभार...
एक #भ्रष्टाचारी #राणा_सांगा को गलत बोलता है,एक #भांड #ब्राह्मणों पर मूतने की बकवास करता है,एक #म्लेच्छ #सनातन_धर्म को गाली देता है,एक #जिहादी 15 मिनट के लिए पुलिस हटाने की धमकी देता है,कोई राम मंदिर के खिलाफ बाबर का वकील बनके कोर्ट जा रहा है,कोई #वक्फ बोर्ड बचाने जा रहा है,कोई #याकूब_मेमन की फांसी रुकवाना चाहता है … पर नतीजा क्या हुआ?क्या हिसाब लिया गया?
अब पता चला #गोडसे क्या थे? #गांधीवादी बनकर गोडसे की आलोचना करना तो आसान है… लेकिन आप लोगों के समझ से भी ऊपर की चीज था वो बंदा।कई समस्याओं का इलाज होते हैं ऐसे लोग… ताकि शत्रु आइंदा दुस्साहस भी ना करे।
जब कानून,न्यायपालिका चूड़ियां पहनकर बैठ जाए… समाज को न्याय ना मिले… सिस्टम सिर्फ एक ही #मजहब की रखैल बनकर रह जाए… अपने समाज को रोज-रोज अपमानित होते देखना पड़े,,समाज को #मुर्शिदाबाद जैसे #दंगे_फसाद सहने पड़ें… कश्मीर/पाकिस्तान/बांग्लादेश/बंगाल से पलायन करना पड़े… तब जाकर पैदा होते हैं गोडसे!
…और #सावरकर बनना तो उससे भी मुश्किल है,जिसने मरे हुए समाज में जान फूंककर कई गोडसे पैदा कर दिए थे!
राम राम रहेगी सभी को!
एक #भ्रष्टाचारी #राणा_सांगा को गलत बोलता है,एक #भांड #ब्राह्मणों पर मूतने की बकवास करता है,एक #म्लेच्छ #सनातन_धर्म को गाली देता है,एक #जिहादी 15 मिनट के लिए पुलिस हटाने की धमकी देता है,कोई राम मंदिर के खिलाफ बाबर का वकील बनके कोर्ट जा रहा है,कोई #वक्फ बोर्ड बचाने जा रहा है,कोई #याकूब_मेमन की फांसी रुकवाना चाहता है … पर नतीजा क्या हुआ?क्या हिसाब लिया गया?
अब पता चला #गोडसे क्या थे? #गांधीवादी बनकर गोडसे की आलोचना करना तो आसान है… लेकिन आप लोगों के समझ से भी ऊपर की चीज था वो बंदा।कई समस्याओं का इलाज होते हैं ऐसे लोग… ताकि शत्रु आइंदा दुस्साहस भी ना करे।
जब कानून,न्यायपालिका चूड़ियां पहनकर बैठ जाए… समाज को न्याय ना मिले… सिस्टम सिर्फ एक ही #मजहब की रखैल बनकर रह जाए… अपने समाज को रोज-रोज अपमानित होते देखना पड़े,,समाज को #मुर्शिदाबाद जैसे #दंगे_फसाद सहने पड़ें… कश्मीर/पाकिस्तान/बांग्लादेश/बंगाल से पलायन करना पड़े… तब जाकर पैदा होते हैं गोडसे!
…और #सावरकर बनना तो उससे भी मुश्किल है,जिसने मरे हुए समाज में जान फूंककर कई गोडसे पैदा कर दिए थे!
राम राम रहेगी सभी को!
आज UPSC CSE 2024 का रिज़ल्ट घोषित कर दिया गया है। इस लिस्ट में कुल 1009 अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है। लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की "शक्ति दुबे" ने 1 रैंक के साथ परीक्षा में टॉप किया है।
सो दासी रघुबीर कै समुझें मिथ्या सोपि |
छूट न राम कृपा बिनु नाथ कहउँ पद रोपि ||
जो लोग
अपना सर्वस्व लूटने वाले
इन 6 इन्द्रिय रूपी डाकुओं पर तो पहले विजय नहीं प्राप्त करते और ऐसा मानने लगते हैं कि हमने दसों दिशाएँ जीत लीं
वे मूर्ख हैं।
जिस ज्ञानी एवं जितेन्द्रिय महात्मा ने समस्त प्राणियों के प्रति समता का भाव प्राप्त कर लिया उसके अज्ञान से पैदा होने वाले काम-क्रोधादि शत्रु भी मर-मिट जाते हैं।
फिर बाहर के शत्रु तो रहें ही कैसे ?
छूट न राम कृपा बिनु नाथ कहउँ पद रोपि ||
जो लोग
अपना सर्वस्व लूटने वाले
इन 6 इन्द्रिय रूपी डाकुओं पर तो पहले विजय नहीं प्राप्त करते और ऐसा मानने लगते हैं कि हमने दसों दिशाएँ जीत लीं
वे मूर्ख हैं।
जिस ज्ञानी एवं जितेन्द्रिय महात्मा ने समस्त प्राणियों के प्रति समता का भाव प्राप्त कर लिया उसके अज्ञान से पैदा होने वाले काम-क्रोधादि शत्रु भी मर-मिट जाते हैं।
फिर बाहर के शत्रु तो रहें ही कैसे ?
साभार...
सत्ता से मांग करना जनता का अधिकार ही नहीं,दायित्व भी है,खास तौर से भारत में,जहां आप सरकार से हर पांच साल में हिसाब मांगने की अवस्था में नहीं हैं... क्योंकि दूसरा विकल्प नहीं है.यहां स्थिति यह है कि सरकार से चार साल हिसाब मांगिए,पर पांचवे साल सरकार के साथ खड़े नजर आइए..उसके अलावा कोई और उपाय नहीं है.भारत में कोई भी समाधान जिसके केंद्र में भाजपा की सत्ता के अलावा और कोई प्रस्तावित विकल्प है वह समाधान नहीं है,समस्या का भाग है यह मेरा अपना मानना है.
लेकिन शासन की दिशा को लेकर अपनी अपेक्षाओं के साथ मुखर होने की आवश्यकता है.सत्ता को जिस तरह से सड़क पर हिंसक भीड़,और न्यायालयों में मियां लॉर्ड बेबस कर देते हैं,वह देश का मनोबल तोड़ने वाला है.
आइए मिल कर आवाज उठाएं... कि सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह देश की शासन व्यवस्था को भ्रष्ट खानदानी ज्यूडिशियरी के हाथों बंधक बनाए जाने से रोके.कोर्ट का काम न्याय करना है,शासन करना नहीं.उसके लिए हमने सरकार चुनी है.कोर्ट की जवाबदेही जनता और संविधान के प्रति निर्धारित की जाए,और देश को विदेशों से संचालित भ्रष्ट जजों के भरोसे न छोड़ा जाए.
आइए अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाएं... सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धावा बोलें,एक कॉमन हैशटैग के साथ.
#Make_Judiciary_Accountable
राम राम रहेगी सभी को!
सत्ता से मांग करना जनता का अधिकार ही नहीं,दायित्व भी है,खास तौर से भारत में,जहां आप सरकार से हर पांच साल में हिसाब मांगने की अवस्था में नहीं हैं... क्योंकि दूसरा विकल्प नहीं है.यहां स्थिति यह है कि सरकार से चार साल हिसाब मांगिए,पर पांचवे साल सरकार के साथ खड़े नजर आइए..उसके अलावा कोई और उपाय नहीं है.भारत में कोई भी समाधान जिसके केंद्र में भाजपा की सत्ता के अलावा और कोई प्रस्तावित विकल्प है वह समाधान नहीं है,समस्या का भाग है यह मेरा अपना मानना है.
लेकिन शासन की दिशा को लेकर अपनी अपेक्षाओं के साथ मुखर होने की आवश्यकता है.सत्ता को जिस तरह से सड़क पर हिंसक भीड़,और न्यायालयों में मियां लॉर्ड बेबस कर देते हैं,वह देश का मनोबल तोड़ने वाला है.
आइए मिल कर आवाज उठाएं... कि सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह देश की शासन व्यवस्था को भ्रष्ट खानदानी ज्यूडिशियरी के हाथों बंधक बनाए जाने से रोके.कोर्ट का काम न्याय करना है,शासन करना नहीं.उसके लिए हमने सरकार चुनी है.कोर्ट की जवाबदेही जनता और संविधान के प्रति निर्धारित की जाए,और देश को विदेशों से संचालित भ्रष्ट जजों के भरोसे न छोड़ा जाए.
आइए अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाएं... सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धावा बोलें,एक कॉमन हैशटैग के साथ.
#Make_Judiciary_Accountable
राम राम रहेगी सभी को!
साभार..
भारत किधर जा रहा है,यह जानने के लिए अधिक दूर नहीं जाना होता.सिर्फ पश्चिम को,यूरोप और अमेरिका को देख लीजिए...जो कुछ भी वहां हो रहा है,वह पांच दस साल में यहां पहुंचने ही वाला है.
इसी वर्ष,मार्च में यूरोप में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं.#रोमानिया में सबसे अधिक पॉपुलर वोट लेकर आए लीडर #कैलिन_जॉर्जियस्कू को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. नहीं,उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं सिद्ध हुआ था.बस उनके #पॉलिटिकल व्यूज को अनुकूल नहीं माना गया.
उसके एक सप्ताह बाद दूसरे नंबर पर वहां की नेशनलिस्ट पार्टी की नेता #डायना_सोसाका को भी इसी आधार पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
और उसी महीने #फ्रांस की सबसे पॉपुलर नेशनलिस्ट लीडर #मरीन_ली_पेन को भी चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया.मरीन ली पेन ने फ्रांस के चुनावों के पहले चरण में जोरदार जीत हासिल की थी लेकिन दूसरे चरण में सारे विरोधियों ने मिल कर उन्हें सरकार बनाने से रोक दिया.
ये हैं #ज्यूडिशियल_ओवररीच के खतरे.वेस्टर्न डेमोक्रेसीज में यह हालत है कि कोर्ट अपने विरोधियों को कुचलने के लिए पॉलिटिकल लेफ्ट का हथियार बन गया है.आप कोर्ट के हाथ में इतने वाइड स्वीपिंग पॉवर छोड़ेंगे तो उनका वही होना है... वे देश को एक लेफ्टिस्ट #डिक्टेटरशिप में बदल देंगे.#जनमत और #लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.लिखित कानूनों के आधार पर अपराधियों को दंड देने के अलावा कोर्ट के पास और कोई पॉवर नहीं होने चाहिए.संसद से पारित कानूनों को कोर्ट में बदलने के पॉवर का कोई अर्थ नहीं है. इसकी कोशिश करने वाले जजों को दो टूक शब्दों में यह कहना पड़ेगा कि अपनी हद में रहें.और यह उतना कठिन भी नहीं है.एक दिन के लिए जज साहब की कोठी से सारी सिक्योरिटी हटा ली जाए और कोई भी उनका फोन नहीं उठाए. जहां जाएं,कोई भी उनको पहचानने से इनकार कर दे. चौबीस घंटे में जज साहब पतलून में मूतने लगेंगे.
और सर पर बिठाया,ज्यादा माई लार्ड माई लार्ड किया तो आपको चुनाव ही लड़ने से रोक दिया जाएगा...आपकी शक्ल पसंद नहीं आई...आप चुनाव नहीं लड़ सकते.
दुनिया उधर ही जा रही है...हमें समय रहते दिख जाए तो बेहतर है.
राम राम रहेगी सभी को!
भारत किधर जा रहा है,यह जानने के लिए अधिक दूर नहीं जाना होता.सिर्फ पश्चिम को,यूरोप और अमेरिका को देख लीजिए...जो कुछ भी वहां हो रहा है,वह पांच दस साल में यहां पहुंचने ही वाला है.
इसी वर्ष,मार्च में यूरोप में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं.#रोमानिया में सबसे अधिक पॉपुलर वोट लेकर आए लीडर #कैलिन_जॉर्जियस्कू को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. नहीं,उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं सिद्ध हुआ था.बस उनके #पॉलिटिकल व्यूज को अनुकूल नहीं माना गया.
उसके एक सप्ताह बाद दूसरे नंबर पर वहां की नेशनलिस्ट पार्टी की नेता #डायना_सोसाका को भी इसी आधार पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
और उसी महीने #फ्रांस की सबसे पॉपुलर नेशनलिस्ट लीडर #मरीन_ली_पेन को भी चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया.मरीन ली पेन ने फ्रांस के चुनावों के पहले चरण में जोरदार जीत हासिल की थी लेकिन दूसरे चरण में सारे विरोधियों ने मिल कर उन्हें सरकार बनाने से रोक दिया.
ये हैं #ज्यूडिशियल_ओवररीच के खतरे.वेस्टर्न डेमोक्रेसीज में यह हालत है कि कोर्ट अपने विरोधियों को कुचलने के लिए पॉलिटिकल लेफ्ट का हथियार बन गया है.आप कोर्ट के हाथ में इतने वाइड स्वीपिंग पॉवर छोड़ेंगे तो उनका वही होना है... वे देश को एक लेफ्टिस्ट #डिक्टेटरशिप में बदल देंगे.#जनमत और #लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.लिखित कानूनों के आधार पर अपराधियों को दंड देने के अलावा कोर्ट के पास और कोई पॉवर नहीं होने चाहिए.संसद से पारित कानूनों को कोर्ट में बदलने के पॉवर का कोई अर्थ नहीं है. इसकी कोशिश करने वाले जजों को दो टूक शब्दों में यह कहना पड़ेगा कि अपनी हद में रहें.और यह उतना कठिन भी नहीं है.एक दिन के लिए जज साहब की कोठी से सारी सिक्योरिटी हटा ली जाए और कोई भी उनका फोन नहीं उठाए. जहां जाएं,कोई भी उनको पहचानने से इनकार कर दे. चौबीस घंटे में जज साहब पतलून में मूतने लगेंगे.
और सर पर बिठाया,ज्यादा माई लार्ड माई लार्ड किया तो आपको चुनाव ही लड़ने से रोक दिया जाएगा...आपकी शक्ल पसंद नहीं आई...आप चुनाव नहीं लड़ सकते.
दुनिया उधर ही जा रही है...हमें समय रहते दिख जाए तो बेहतर है.
राम राम रहेगी सभी को!
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : बुधवार
दिनांक: 23 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:51 प्रात:
सूर्यास्त : 6:34 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : दशमी 4:37 सांय तक फिर एकादशी
नक्षत्र : घनिष्ठा 11:55 अपराह्न तक फिर शतभिषा
योग : शुक्ल 6:38 सांय तक फिर ब्रह्म
राहुकाल : 12:12 - 1:47 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : बुधवार
दिनांक: 23 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:51 प्रात:
सूर्यास्त : 6:34 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : दशमी 4:37 सांय तक फिर एकादशी
नक्षत्र : घनिष्ठा 11:55 अपराह्न तक फिर शतभिषा
योग : शुक्ल 6:38 सांय तक फिर ब्रह्म
राहुकाल : 12:12 - 1:47 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 23, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
युक्ति युक्तं प्रगृह्णीयात् बालादपि विचक्षणः।
रवेरविषयं वस्तु किं न दीपः प्रकाशयेत्॥
बुद्धिमान को बच्चों से भी युक्तिपूर्ण वचन ग्रहण करने चाहिए।
क्या दीप उस वस्तु को प्रकाशित नहीं करता, जिसे सूर्य प्रकाशित नहीं कर सकता ?
जय श्री गणेश
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
युक्ति युक्तं प्रगृह्णीयात् बालादपि विचक्षणः।
रवेरविषयं वस्तु किं न दीपः प्रकाशयेत्॥
बुद्धिमान को बच्चों से भी युक्तिपूर्ण वचन ग्रहण करने चाहिए।
क्या दीप उस वस्तु को प्रकाशित नहीं करता, जिसे सूर्य प्रकाशित नहीं कर सकता ?
जय श्री गणेश
जय श्री राम
अप्रैल 23, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
देहीति वचनद्वारा देहस्था पञ्च देवता: ।
तत्क्षणादेव लीयन्ते धीह्रीश्रीकान्तिकीर्तय: ॥
‘दे’ इस शब्द के साथ , याचना करने से देह में स्थित पांच देवता बुद्धि, लज्जा , लक्ष्मी , कान्ति , और कीर्ति उसी क्षण देह छोडकर जाती है ।
जय श्री गणेश
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
देहीति वचनद्वारा देहस्था पञ्च देवता: ।
तत्क्षणादेव लीयन्ते धीह्रीश्रीकान्तिकीर्तय: ॥
‘दे’ इस शब्द के साथ , याचना करने से देह में स्थित पांच देवता बुद्धि, लज्जा , लक्ष्मी , कान्ति , और कीर्ति उसी क्षण देह छोडकर जाती है ।
जय श्री गणेश
जय श्री राम
नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभवासनं च॥
केयुरिणंहारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानि।
सृणिं च हस्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्॥
सृणिंवहन्तं षडक्षरात्मानमनल्पभूषं मुनीश्वरैर्भार्गवपूर्वकैश्च।
संसेवितं देवमनाथकल्पं रूपं मनोज्ञं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 23 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की दशमी और बुधवार है दशमी आज शाम 4:44 तक रहेगी आज शाम 6:51 तक शुक्लयोग रहेगा साथ ही आज दोपहर 12:08 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा,उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज शाम 4:44 तक पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
🌺🐀🙏🙏🐀🌺
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभवासनं च॥
केयुरिणंहारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानि।
सृणिं च हस्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्॥
सृणिंवहन्तं षडक्षरात्मानमनल्पभूषं मुनीश्वरैर्भार्गवपूर्वकैश्च।
संसेवितं देवमनाथकल्पं रूपं मनोज्ञं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 23 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की दशमी और बुधवार है दशमी आज शाम 4:44 तक रहेगी आज शाम 6:51 तक शुक्लयोग रहेगा साथ ही आज दोपहर 12:08 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा,उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज शाम 4:44 तक पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
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परिपक्वता
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को बदलने का प्रयास करना बंद कर दें इसके बजाय स्वयं को बदलने पर ध्यान केन्द्रित करें।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को जैसे हैं वैसा ही स्वीकार करें।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझे कि प्रत्येक व्यक्ति उसकी अपनी सोच अनुसार सही हैं।
परिपक्वता वह है
जब आप "जाने दो" वाले सिद्धांत को सीख लें।
परिपक्वता वह है
जब आप रिश्तों से लेने की उम्मीदों को अलग कर दें और केवल देने की सोच रखे।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझ लें कि आप जो भी करते हैं वह आपकी स्वयं की शांति के लिए है।
परिपक्वता वह है
जब आप संसार को यह सिद्ध करना बंद कर दें कि आप कितने अधिक बुद्धिमान है।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से उनकी स्वीकृति लेना आंरभ कर दे।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से अपनी तुलना करना बंद कर दें।
परिपक्वता वह है
जब आप स्वयं में शांत है।
परिपक्वता वह है
जब आप जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर करने में सक्षम हो जाए और अपनी चाहतो को छोड़ने को तैयार हों।
आप तब
परिपक्वता प्राप्त करते हैं
जब आप अपनी ख़ुशी को सांसारिक वस्तुओं से जोड़ना बंद कर दें।
जय श्री राम
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को बदलने का प्रयास करना बंद कर दें इसके बजाय स्वयं को बदलने पर ध्यान केन्द्रित करें।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को जैसे हैं वैसा ही स्वीकार करें।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझे कि प्रत्येक व्यक्ति उसकी अपनी सोच अनुसार सही हैं।
परिपक्वता वह है
जब आप "जाने दो" वाले सिद्धांत को सीख लें।
परिपक्वता वह है
जब आप रिश्तों से लेने की उम्मीदों को अलग कर दें और केवल देने की सोच रखे।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझ लें कि आप जो भी करते हैं वह आपकी स्वयं की शांति के लिए है।
परिपक्वता वह है
जब आप संसार को यह सिद्ध करना बंद कर दें कि आप कितने अधिक बुद्धिमान है।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से उनकी स्वीकृति लेना आंरभ कर दे।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से अपनी तुलना करना बंद कर दें।
परिपक्वता वह है
जब आप स्वयं में शांत है।
परिपक्वता वह है
जब आप जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर करने में सक्षम हो जाए और अपनी चाहतो को छोड़ने को तैयार हों।
आप तब
परिपक्वता प्राप्त करते हैं
जब आप अपनी ख़ुशी को सांसारिक वस्तुओं से जोड़ना बंद कर दें।
जय श्री राम
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : गुरुवार
दिनांक: 24 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:50 प्रात:
सूर्यास्त : 6:33 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : एकादशी 2:27 अपराह्न तक फिर द्वादशी
नक्षत्र : शतभिषा 10:37 प्रातः तक फिर पूर्वा भाद्रपद
योग : ब्रह्म 3:43 अपराह्न तक फिर इन्द्र
राहुकाल : 1:58 - 3:36 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : गुरुवार
दिनांक: 24 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:50 प्रात:
सूर्यास्त : 6:33 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : एकादशी 2:27 अपराह्न तक फिर द्वादशी
नक्षत्र : शतभिषा 10:37 प्रातः तक फिर पूर्वा भाद्रपद
योग : ब्रह्म 3:43 अपराह्न तक फिर इन्द्र
राहुकाल : 1:58 - 3:36 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 24, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
लये संबोधयेत् चित्तं विक्षिप्तं शमयेत् पुनः।
सकशायं विजानीयात् समप्राप्तं न चालयेत् ॥
जब चित्त निष्क्रिय हो जाये, तो उसे संबुद्ध करो। संबुद्ध चित्त जब अशान्त हो,
उसे स्थिर करो। चित्त पर जमे मैल (अहंकार तथा अज्ञानता) को पहचानो।
समवृत्ति को प्राप्त होने पर इसे फिर विचलित मत करो।
जय श्री हरिविष्णु
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
लये संबोधयेत् चित्तं विक्षिप्तं शमयेत् पुनः।
सकशायं विजानीयात् समप्राप्तं न चालयेत् ॥
जब चित्त निष्क्रिय हो जाये, तो उसे संबुद्ध करो। संबुद्ध चित्त जब अशान्त हो,
उसे स्थिर करो। चित्त पर जमे मैल (अहंकार तथा अज्ञानता) को पहचानो।
समवृत्ति को प्राप्त होने पर इसे फिर विचलित मत करो।
जय श्री हरिविष्णु
जय श्री राम