अमेरिका में Mercedes, BMW,AUDI और Deere & Company ने घोषणा की है कि नई tarrif नीति के चलते उन्हें अपने कई लोगों को नौकरी से निकालना होगा
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फोर्ड अपना प्लांट बंद कर रहा है...पहले से घाटे में चल रही है.. नई tarrif नीति के बाद उन्हें आगे प्लांट्स चलाने में और भी दिक्कत आएँगी..
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वालमार्ट असमंजस में है आगे बिजनेस कैसे हो पायेगा..
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Apple भारत के अपने निर्णय पे अड़ा हुआ है. यहाँ तक कि अपना हेडक्वार्टर तक शिफ्ट करने की ख़बरें उड़ा रहा है..
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जर्मन कंपनियों ने अपनी गाड़ियों की सप्लाई रोक दी है...
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बढे tarrif के जवाब में भारत ने भी 29 चीजों पर tarrif बढ़ा दिया है और अब अगला WTO में जाकर गुहार लगा रहा है...ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ने अमेरिका को WTO में जाकर गिड़गिड़ाने पर मजबूर किया हो.. वहाँ भारत ने इसके दोगलेपन के चीथड़े उड़ा दिए..
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Tarrif के जवाब में चाइना ने साफ साफ कह दिया है... WE DON'T CARE..
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चाइना और इंडोनेशिया के सेंट्रल बैंक्स के बीच एक MOU साइन हुआ है.. जिसमें आगे के सारे ट्रेड्स लोकल करेंसी युवान और रुपिया में ही करने पर अनुबंध हुआ है... ये करीब 146 बिलियन का हिसाब किताब है..
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विदेशी मुद्रा भण्डार में एक समय देश US ट्रेजरी बांण्ड्स रखा करते थे क्योंकि वो सबसे सेफ माने जाते थे और बेहतर यील्ड भी मिलता था लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो चाइना और जापान जैसे देशों ने इन बांण्ड्स पर अपना निवेश लगभग आधा कर दिया है.. इन दोनों के पास करीब 2.6 ट्रिलियन के बॉन्ड हुआ करते थे... जो अब 1.4T के रह गए हैं..
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ऑपरेशन सिन्दूर अमेरिका के लिए ऐसी चपत साबित हुआ है जो बेआवाज थी.. इसीलिए ये रोता फिर रहा है... ट्रम्प खुद में चाहे बड़के मारता फिरे लेकिन अधिकांश अमेरिका जानता है कि उनके प्रोडक्ट बुरी तरह से नाकाम और जलील हुए हैं इस छोटे से युद्ध में.. कौमेडी शोज चल रहे हैं ट्रम्प के बड़केपन पर...
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अमेरिका को समझ लेना चाहिए कि ये 80-90 या 2000 का दशक नहीं है... समय बदल गया है... दूसरे देश भी स्वावलम्बी होने लगे हैं... अमेरिका पर निर्भरता कम होती जा रही है धीरे धीरे...
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अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कर्जदार देश है... कर्ज करीब 36 ट्रिलियन तक पहुँच गया है जो इसकी GDP का 130% है...
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डिफेन्स एक्सपर्ट कहते हैं कि रक्षा मामले में भी अमेरिका एक बूढा देश है... पुराने भौकाल से बाहर आने का समय है... दुनिया के दूसरे देश इससे ज़्यादा एडवांस तकनीक के हथियार बना रहे हैं वो भी बेहद कम दामों पर... पुराने दिनों का भ्रम कितने दिन कायम रह पाता है.. कह नहीं सकते..
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कल या परसों ही रूस के मिसाइल्स ने युक्रेन में लगे इनके एयर डिफेन्स सिस्टम को धत्ता बता टारगेट हिट किये हैं... उससे इनकी टेक्नोलॉजी की थू थू हो रही है.. गोल्डन डोम का जो सपना ट्रम्प अमेरिकियों को दिखा रहा है वो कम से कम 15-20 साल का प्रोजेक्ट है.. क्या तब तक दूसरे देश हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे??
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अमरीका द्वारा ही दस मिलियन के ईनामी आतंकी को खुद अमेरिका ने ही सीरिया का राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया... दुनिया ट्रम्प के इस फैसले को निहायत ही मूर्खतापूर्ण और आत्मघाती बता रही है..
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एक जमाने में अमेरिका की हाँ में हाँ मिलाने वाला यूरोप भी अब आँखें दिखा रहा है.. कोई कब तक झेलेगा?? हर देश का अपना स्वाभिमान है..अपने हित होते हैं.. यूरोप तो वैसे ही दर हरामी रहा है हमेशा से ही.. लाभ के मार्ग संकुचित होता देख कब अमेरिका को छिटक दें कोई भरोसा नहीं...
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अमेरिकी समाज इतना आलसी, विलासी और हरामखोर हो चुका है कि खुद अपने देश को नहीं बचा सकता... इसे अपने देश के बेसिक कामों के लिए भी दूसरे देशों के लोगों की जरूरत है... वहाँ का लोकल जिस संस्थान में बहुमत में होता है... वो संस्थान चल ही नहीं पाते..इतने कामचोर हैं ये..
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ऊपर से ट्रम्प... उसके बेहूदे बयानों और अदूरदर्शी फैसलों से बेइज्जती तो हो ही रही है... साथ ही ये बंदा अमेरिका को बर्बाद करने पर तुला है... केवल अपने अहम् और पागलपन को लेकर... और ये अहम् हर अमेरिकी में इनबिल्ट होता ही है... कुछ उसे डिप्लोमेसी में छुपा जाते हैं बस...
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अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी इकॉनमी है.. सबसे बड़ा इम्पोर्टर है.... इसका जिन्दा और स्वस्थ रहना दुनिया के लिए जरूरी है... क्योंकि अगर इसकी इकॉनमी कोलाप्स हुई तो उसका बहुत बड़ा असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.. लेकिन उसके लिए उसे विनम्र होना होगा... भीखमंगी में दादागिरी नहीं होती... बाकी देश भी संपन्न हो रहे हैं... दो चार पाकिस्तान जैसे देश ही बचे हैं जो इसके पिछलग्गू हैं... बाकी कोई भाव नहीं दे रहा... अमेरिका का पतन निश्चित है..और ट्रम्प की नीतियाँ उस समय को नजदीक ला रही हैं..
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फोर्ड अपना प्लांट बंद कर रहा है...पहले से घाटे में चल रही है.. नई tarrif नीति के बाद उन्हें आगे प्लांट्स चलाने में और भी दिक्कत आएँगी..
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वालमार्ट असमंजस में है आगे बिजनेस कैसे हो पायेगा..
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Apple भारत के अपने निर्णय पे अड़ा हुआ है. यहाँ तक कि अपना हेडक्वार्टर तक शिफ्ट करने की ख़बरें उड़ा रहा है..
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जर्मन कंपनियों ने अपनी गाड़ियों की सप्लाई रोक दी है...
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बढे tarrif के जवाब में भारत ने भी 29 चीजों पर tarrif बढ़ा दिया है और अब अगला WTO में जाकर गुहार लगा रहा है...ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ने अमेरिका को WTO में जाकर गिड़गिड़ाने पर मजबूर किया हो.. वहाँ भारत ने इसके दोगलेपन के चीथड़े उड़ा दिए..
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Tarrif के जवाब में चाइना ने साफ साफ कह दिया है... WE DON'T CARE..
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चाइना और इंडोनेशिया के सेंट्रल बैंक्स के बीच एक MOU साइन हुआ है.. जिसमें आगे के सारे ट्रेड्स लोकल करेंसी युवान और रुपिया में ही करने पर अनुबंध हुआ है... ये करीब 146 बिलियन का हिसाब किताब है..
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विदेशी मुद्रा भण्डार में एक समय देश US ट्रेजरी बांण्ड्स रखा करते थे क्योंकि वो सबसे सेफ माने जाते थे और बेहतर यील्ड भी मिलता था लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो चाइना और जापान जैसे देशों ने इन बांण्ड्स पर अपना निवेश लगभग आधा कर दिया है.. इन दोनों के पास करीब 2.6 ट्रिलियन के बॉन्ड हुआ करते थे... जो अब 1.4T के रह गए हैं..
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ऑपरेशन सिन्दूर अमेरिका के लिए ऐसी चपत साबित हुआ है जो बेआवाज थी.. इसीलिए ये रोता फिर रहा है... ट्रम्प खुद में चाहे बड़के मारता फिरे लेकिन अधिकांश अमेरिका जानता है कि उनके प्रोडक्ट बुरी तरह से नाकाम और जलील हुए हैं इस छोटे से युद्ध में.. कौमेडी शोज चल रहे हैं ट्रम्प के बड़केपन पर...
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अमेरिका को समझ लेना चाहिए कि ये 80-90 या 2000 का दशक नहीं है... समय बदल गया है... दूसरे देश भी स्वावलम्बी होने लगे हैं... अमेरिका पर निर्भरता कम होती जा रही है धीरे धीरे...
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अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कर्जदार देश है... कर्ज करीब 36 ट्रिलियन तक पहुँच गया है जो इसकी GDP का 130% है...
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डिफेन्स एक्सपर्ट कहते हैं कि रक्षा मामले में भी अमेरिका एक बूढा देश है... पुराने भौकाल से बाहर आने का समय है... दुनिया के दूसरे देश इससे ज़्यादा एडवांस तकनीक के हथियार बना रहे हैं वो भी बेहद कम दामों पर... पुराने दिनों का भ्रम कितने दिन कायम रह पाता है.. कह नहीं सकते..
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कल या परसों ही रूस के मिसाइल्स ने युक्रेन में लगे इनके एयर डिफेन्स सिस्टम को धत्ता बता टारगेट हिट किये हैं... उससे इनकी टेक्नोलॉजी की थू थू हो रही है.. गोल्डन डोम का जो सपना ट्रम्प अमेरिकियों को दिखा रहा है वो कम से कम 15-20 साल का प्रोजेक्ट है.. क्या तब तक दूसरे देश हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे??
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अमरीका द्वारा ही दस मिलियन के ईनामी आतंकी को खुद अमेरिका ने ही सीरिया का राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया... दुनिया ट्रम्प के इस फैसले को निहायत ही मूर्खतापूर्ण और आत्मघाती बता रही है..
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एक जमाने में अमेरिका की हाँ में हाँ मिलाने वाला यूरोप भी अब आँखें दिखा रहा है.. कोई कब तक झेलेगा?? हर देश का अपना स्वाभिमान है..अपने हित होते हैं.. यूरोप तो वैसे ही दर हरामी रहा है हमेशा से ही.. लाभ के मार्ग संकुचित होता देख कब अमेरिका को छिटक दें कोई भरोसा नहीं...
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अमेरिकी समाज इतना आलसी, विलासी और हरामखोर हो चुका है कि खुद अपने देश को नहीं बचा सकता... इसे अपने देश के बेसिक कामों के लिए भी दूसरे देशों के लोगों की जरूरत है... वहाँ का लोकल जिस संस्थान में बहुमत में होता है... वो संस्थान चल ही नहीं पाते..इतने कामचोर हैं ये..
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ऊपर से ट्रम्प... उसके बेहूदे बयानों और अदूरदर्शी फैसलों से बेइज्जती तो हो ही रही है... साथ ही ये बंदा अमेरिका को बर्बाद करने पर तुला है... केवल अपने अहम् और पागलपन को लेकर... और ये अहम् हर अमेरिकी में इनबिल्ट होता ही है... कुछ उसे डिप्लोमेसी में छुपा जाते हैं बस...
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अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी इकॉनमी है.. सबसे बड़ा इम्पोर्टर है.... इसका जिन्दा और स्वस्थ रहना दुनिया के लिए जरूरी है... क्योंकि अगर इसकी इकॉनमी कोलाप्स हुई तो उसका बहुत बड़ा असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.. लेकिन उसके लिए उसे विनम्र होना होगा... भीखमंगी में दादागिरी नहीं होती... बाकी देश भी संपन्न हो रहे हैं... दो चार पाकिस्तान जैसे देश ही बचे हैं जो इसके पिछलग्गू हैं... बाकी कोई भाव नहीं दे रहा... अमेरिका का पतन निश्चित है..और ट्रम्प की नीतियाँ उस समय को नजदीक ला रही हैं..
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बढे TARRIF के चलते आम अमेरिकियों की फटी पड़ी है कि अगर ये लागू हुई तो महंगाई की दर कहाँ तक जायेगी.... 2026 में होने वाले मध्यावधि चुनावों पर इसका असर दिखेगा... और कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर ट्रम्प आगे कंटिन्यू ना कर पाए तो.
- राजेश भट्ट
बढे TARRIF के चलते आम अमेरिकियों की फटी पड़ी है कि अगर ये लागू हुई तो महंगाई की दर कहाँ तक जायेगी.... 2026 में होने वाले मध्यावधि चुनावों पर इसका असर दिखेगा... और कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर ट्रम्प आगे कंटिन्यू ना कर पाए तो.
- राजेश भट्ट
Media is too big
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ऑपरेशन सिंदूर में हमारी BSF ने भी पाकिस्तान को घर में घुस कर मारा है. कई posts तबाह की..... 2-3 किलोमीटर अंदर तक तबाह कर दिया.
पाकिस्तानी रेंजर्स वही कर रहे थे, जिसके लिए भर्ती होते हैं... दुम दबा कर भाग रहे थे 🤣🤣
पाकिस्तानी रेंजर्स वही कर रहे थे, जिसके लिए भर्ती होते हैं... दुम दबा कर भाग रहे थे 🤣🤣
⚡️The WAR between 🇵🇰Pakistan and 🇮🇳India is NOT OVER YET.
🔥Join Gaganauts of Geopolitics, the most quoted news channel on South Asia geopolitics to avoid missing the resumption of hostilities between two NUCLEAR nations.
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◾️Sheikh Hasina blasts Bangladesh's interim leader
◾️This is not a proxy, but an open war, says PM Modi
◾️Pak views India as an EXISTENTIAL threat: US report
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Great news in the #MakeInIndia front. India's first privately led helicopter assembly line is coming up!
Airbus of Europe and and Tata's TASL have decided to set up the final assembly line for the H125 helicopters at Kolar in Karnataka.
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यह वीडियो बहुत कुछ कहता है.
एक महिला हैं जो प्रधानमंत्री मोदी की तरफ इशारा कर रही हैं.... अपनी मांग में सिंदूर भरते हुए ऑपरेशन सिंदूर से मिला आश्वासन जता रही हैं.
यह छोटी बात नहीं है मित्रों.
जब आम जनता तक यह सन्देश चला जाए... कि आपका नेतृत्व आपकी भावनाओं को समझता है... वह आपकी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक चला जाएगा.... ऐसे में सब तरह के पक्ष विपक्ष... प्रोपेगंडे..... झूठ प्रपंच... सब ध्वस्त हो जाते हैं.
और आश्वासन जुबानी जमाखोरी से नहीं आता... काम करने से आता है.... मोदी जी ने काम किया है... तभी आज जनता उनके साथ है.
एक महिला हैं जो प्रधानमंत्री मोदी की तरफ इशारा कर रही हैं.... अपनी मांग में सिंदूर भरते हुए ऑपरेशन सिंदूर से मिला आश्वासन जता रही हैं.
यह छोटी बात नहीं है मित्रों.
जब आम जनता तक यह सन्देश चला जाए... कि आपका नेतृत्व आपकी भावनाओं को समझता है... वह आपकी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक चला जाएगा.... ऐसे में सब तरह के पक्ष विपक्ष... प्रोपेगंडे..... झूठ प्रपंच... सब ध्वस्त हो जाते हैं.
और आश्वासन जुबानी जमाखोरी से नहीं आता... काम करने से आता है.... मोदी जी ने काम किया है... तभी आज जनता उनके साथ है.
‼️📢Attention
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Declassified report reveals Indira Khandhi halted 1971 war under US pressure, despite military readiness to take back PoK and Kartarpur Sahib, self-proclaimed Iron lady Indira also feared China.
PC: BJP MP Nishikant Dubey
PC: BJP MP Nishikant Dubey
Gulveer Wins 10,000m Gold Medal 🚨
A Gold Medal After 8 years at at #AsianAthletics Championships
💥 He clocks 28:38.65 to clinch the Gold
India had won Bronze last championships with 29:33.26
A Gold Medal After 8 years at at #AsianAthletics Championships
💥 He clocks 28:38.65 to clinch the Gold
India had won Bronze last championships with 29:33.26
Dixon Technologies is scaling up its Chennai operations with a new IT hardware manufacturing facility targeting ₹1,200–1,500 crore in revenue this fiscal. Production for Lenovo has ramped up to almost 30,000 units per month.
BusinessLine
Dixon Tech eyes revenue of ₹1,500 cr this FY25 from the new plant in Chennai
Dixon Technologies (India) Limited ramps up production in Chennai, plans JV with Inventec for IT hardware manufacturing.
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अयोध्या, श्रीराम मंदिर आंदोलन में हिन्दुओ को "कहो गर्व से हम हिन्दू हैं हिन्दुस्तान हमारा है" जैसे कालजयी शब्दों से जगाने वाली दीदी साध्वी ऋतंभरा जी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 😍❤️
88 illegal Bangladeshi migrants detained for illegal stay in southwest Delhi during verification drive
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इन दिनों चल रहे भाषा विवाद पर अपने भी यही विचार हैं.
भाषा बात को समझने और समझाने का एक माध्यम भर है.... कम से कम इस पर तो लड़ो मत... वरना बात कहाँ जा कर खत्म होगी, पता नहीं.
भाषा बात को समझने और समझाने का एक माध्यम भर है.... कम से कम इस पर तो लड़ो मत... वरना बात कहाँ जा कर खत्म होगी, पता नहीं.