Tumrel forest on the border of Sukma-Bijapur Chhatisgarh
Reports suggest one Naxalites liquidated. The dead body & the arms have been recovered.
Additional reports suggest, 4 other Naxalites also gunned down but their bodies haven't recovered.
Reports suggest one Naxalites liquidated. The dead body & the arms have been recovered.
Additional reports suggest, 4 other Naxalites also gunned down but their bodies haven't recovered.
ISPR -The Inter-Services Public Relations..
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कहने के लिए ये केवल पाक आर्मी के पब्लिक रिलेशन और डायलॉग के लिए गठित की गई थी... पर हकीकत में इसे चलाती ISI है...
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ISI का गठन RAW से काफी पहले हो चुका था और मूलतः इसे CIA और ब्रिटेन के MI द्वारा ट्रेंड किया गया था... इसे CIA की चीप कॉपी भी कहा जाता है.. सारे हथकंडे ये CIA वाले ही अपनाते हैं.. अपने बजट के अनुसार.. पाकिस्तान कितना भी गरीब क्यों ना हो जाए...ISI के पास पैसे की कमी नहीं होती.. चाहे देश भूखा ही क्यों ना मर रहा हो.
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पहले संक्षेप में बता दूँ... पाकिस्तान को किसी देश के तौर पर बनाया ही नहीं गया था. भारत एक बड़ा देश था.. इस पर पूरी तरह से नियंत्रण आसान नहीं था सो जिन्ना जैसे मूर्ख को पकड़ धर्म के आधार पर टू नेशन थ्योरी गढ़ी गई.. उसमें भी उस समय के दिमाग वाले मुस्लिमो में से कोई वहाँ नहीं गया.. यहाँ तक कि जिन्होने मुस्लिम लीग को जिताया.. वही नहीं गए... सांठ गाँठ थी उस तरफ के पंजाब वाले कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ.. वही लोग आजतक पाकिस्तान को चलाते आये हैं.. अलग होने के बाद जिन्ना और उसकी टीम के सभी सदस्य जिस दुर्दशा में मरें हैं वो पढ़ने लायक विस्तृत विषय है... पाकिस्तान को पश्चिमी देशों ने केवल अपने उपनिवेश के तौर पर पैदा किया.. जिसे अपने नियंत्रण में रख वो एशिया पर अपना दबदबा कायम रख सकें.. इसीलिए चाहे कुछ भी हो जाए.. पश्चिम पाकिस्तान को कभी मरने नहीं देता ना देगा.. बैक डोर से उसकी मदद करता ही रहता है...और रहेगा..
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हाँ तो ISPR के बारे में बात करते हैं... इसका मुख्य काम है पाकिस्तान के ऐजेंडा को पूरे विश्व में फैलाना.. झूठे नैरेटिव गढ़ना और उसे प्रचारित करना.. चूँकि पश्चिम का सहयोग इन्हें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मिलता ही है सो वहाँ के हर मीडिया हाउस में इनके एजेंट या सहयोगी बैठे हैं.... सो इनके मन मुताबिक ख़बरें छप जाती हैं.. बाद में गलत साबित हुई तो खंडन भी छाप देते हैं... पर तब तक जो डैमेज हो जाता है उसकी 10% भी भरपाई खंडन से नहीं हो पाती...
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आपने पाकिस्तान के रिएक्शन चैनल्स, सड़क पे लोगों का इंटरव्यू लेने वाले या कई पैनलिस्ट देखे होंगे जो लगातार भारत पाकिस्तान की तुलना करते हैं.. अपनी सरकार को कोसते हैं.. भारत की तारीफ करते हैं.. भारत की तरक्की पर लोगों को चकित करते नज़र आते हैं... . सोशल मीडिया पर धीरे धीरे ये भारत के यूट्यूबर्स के साथ कोलैब करते हैं...पर्सनल रिलेशन बनाते हैं...नंबर्स एक्सचेंज होते हैं.. बातचीत शुरू होती हैं और फिर जाने अनजाने यहाँ की कई ऐसी जानकारियां वहाँ पहुँच जाती हैं जो हमारे लिए सामान्य हों पर ISI के लिए नहीं..जाने अनजाने यहाँ वाले उनके ऐसेट बन जाते हैं..
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आपको लगता है कि पाकिस्तान का कोई आदमी ऐसे खुलेआम देश के खिलाफ बोले और बच जाए?? सवाल ही पैदा नहीं होता... ये सब ISPR की टीम हैं.. चाहे छुटभइये रिएक्शन, ट्रेवल व्लॉग, एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स चैनल्स हों या कमर चीमा, आरजू काज़मी या साजिद तरार जैसे हैवीवेट... साजिद तरार को आप सुनेंगे तो यूँ लगेगा कि अमेरिका में बैठा ये शख्श अपने देश के निजाम से दुखी हो देश छोड़ गया... और चाहता हो कि भारत पाकिस्तान फिर एक ही जाएँ... भारत को अपनी मातृभूमि मानता है... लेकिन ये भी ISPR वाला ही है.. बड़े लेवल का जो विदेशों में बैठ उसका ऐजेंडा चला रहा है... पहलगाम के हमले से पहले आसिम मुनीर ने जो तक़रीर दी थी... तब ये आदमी सबसे पहली पंक्ति में बैठा था...
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ये सब बताने का तात्पर्य क्या है.... आजादी से लेकर आजतक स्थिर सरकारें... मजबूत फ़ौजें, प्रोग्रेसिव अप्रोच और देश को सबसे आगे रखने वाली जनता... इतना सब होते हुए भी हम नैरेटिव की जंग में पिछड़ जाते हैं... वो भी एक भिखमंगे देश से... क्यों??
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BBC, CNN, अल जजीरा, ग्लोबल टाइम्स... ये सब क्या हैं?? केवल न्यूज ऐजेसीज़ नहीं हैं ये.. अपनी अपनी सरकारों द्वारा प्रायोजित ISPR ही तो हैं ये.. सिर्फ नाम के लिए न्यूज ऐजेसीज़... इनकी सरकारों ने इनकी ग्लोबल रीच बढ़ाने के लिए हर हथकंडे अपनाये... क्योंकि इन्हीं के माध्यम से उन्हें अपना ऐजेंडा और नरेटीव सेट करने में मदद मिलती है... क्योंकि इनकी रीच ग्लोबल है... ये कितने भी खतरनाक इलाके में चले जाते हैं.. क्योंकि इनकी सरकार और गुप्तचर संस्थाएं इनके प्रोटेक्शन के लिए मौजूद होती हैं...
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सब कुछ सही होने के बावजूद चाहे किसी की भी सरकार रही हो.. हमारे देश की किसी भी सरकार ने इस दिशा में नहीं सोचा... क्यों?? दूरदर्शन हमेशा से उस समय की सरकार का भोम्पू ही साबित हुआ.. बाद में प्राइवेट चैनल्स आये भी तो सभी ने अपने अपने दल चुन लिए.. जब सपने ही छोटे हों तो रीच बड़ी कैसे हो सकती है??
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कहने के लिए ये केवल पाक आर्मी के पब्लिक रिलेशन और डायलॉग के लिए गठित की गई थी... पर हकीकत में इसे चलाती ISI है...
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ISI का गठन RAW से काफी पहले हो चुका था और मूलतः इसे CIA और ब्रिटेन के MI द्वारा ट्रेंड किया गया था... इसे CIA की चीप कॉपी भी कहा जाता है.. सारे हथकंडे ये CIA वाले ही अपनाते हैं.. अपने बजट के अनुसार.. पाकिस्तान कितना भी गरीब क्यों ना हो जाए...ISI के पास पैसे की कमी नहीं होती.. चाहे देश भूखा ही क्यों ना मर रहा हो.
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पहले संक्षेप में बता दूँ... पाकिस्तान को किसी देश के तौर पर बनाया ही नहीं गया था. भारत एक बड़ा देश था.. इस पर पूरी तरह से नियंत्रण आसान नहीं था सो जिन्ना जैसे मूर्ख को पकड़ धर्म के आधार पर टू नेशन थ्योरी गढ़ी गई.. उसमें भी उस समय के दिमाग वाले मुस्लिमो में से कोई वहाँ नहीं गया.. यहाँ तक कि जिन्होने मुस्लिम लीग को जिताया.. वही नहीं गए... सांठ गाँठ थी उस तरफ के पंजाब वाले कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ.. वही लोग आजतक पाकिस्तान को चलाते आये हैं.. अलग होने के बाद जिन्ना और उसकी टीम के सभी सदस्य जिस दुर्दशा में मरें हैं वो पढ़ने लायक विस्तृत विषय है... पाकिस्तान को पश्चिमी देशों ने केवल अपने उपनिवेश के तौर पर पैदा किया.. जिसे अपने नियंत्रण में रख वो एशिया पर अपना दबदबा कायम रख सकें.. इसीलिए चाहे कुछ भी हो जाए.. पश्चिम पाकिस्तान को कभी मरने नहीं देता ना देगा.. बैक डोर से उसकी मदद करता ही रहता है...और रहेगा..
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हाँ तो ISPR के बारे में बात करते हैं... इसका मुख्य काम है पाकिस्तान के ऐजेंडा को पूरे विश्व में फैलाना.. झूठे नैरेटिव गढ़ना और उसे प्रचारित करना.. चूँकि पश्चिम का सहयोग इन्हें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मिलता ही है सो वहाँ के हर मीडिया हाउस में इनके एजेंट या सहयोगी बैठे हैं.... सो इनके मन मुताबिक ख़बरें छप जाती हैं.. बाद में गलत साबित हुई तो खंडन भी छाप देते हैं... पर तब तक जो डैमेज हो जाता है उसकी 10% भी भरपाई खंडन से नहीं हो पाती...
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आपने पाकिस्तान के रिएक्शन चैनल्स, सड़क पे लोगों का इंटरव्यू लेने वाले या कई पैनलिस्ट देखे होंगे जो लगातार भारत पाकिस्तान की तुलना करते हैं.. अपनी सरकार को कोसते हैं.. भारत की तारीफ करते हैं.. भारत की तरक्की पर लोगों को चकित करते नज़र आते हैं... . सोशल मीडिया पर धीरे धीरे ये भारत के यूट्यूबर्स के साथ कोलैब करते हैं...पर्सनल रिलेशन बनाते हैं...नंबर्स एक्सचेंज होते हैं.. बातचीत शुरू होती हैं और फिर जाने अनजाने यहाँ की कई ऐसी जानकारियां वहाँ पहुँच जाती हैं जो हमारे लिए सामान्य हों पर ISI के लिए नहीं..जाने अनजाने यहाँ वाले उनके ऐसेट बन जाते हैं..
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आपको लगता है कि पाकिस्तान का कोई आदमी ऐसे खुलेआम देश के खिलाफ बोले और बच जाए?? सवाल ही पैदा नहीं होता... ये सब ISPR की टीम हैं.. चाहे छुटभइये रिएक्शन, ट्रेवल व्लॉग, एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स चैनल्स हों या कमर चीमा, आरजू काज़मी या साजिद तरार जैसे हैवीवेट... साजिद तरार को आप सुनेंगे तो यूँ लगेगा कि अमेरिका में बैठा ये शख्श अपने देश के निजाम से दुखी हो देश छोड़ गया... और चाहता हो कि भारत पाकिस्तान फिर एक ही जाएँ... भारत को अपनी मातृभूमि मानता है... लेकिन ये भी ISPR वाला ही है.. बड़े लेवल का जो विदेशों में बैठ उसका ऐजेंडा चला रहा है... पहलगाम के हमले से पहले आसिम मुनीर ने जो तक़रीर दी थी... तब ये आदमी सबसे पहली पंक्ति में बैठा था...
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ये सब बताने का तात्पर्य क्या है.... आजादी से लेकर आजतक स्थिर सरकारें... मजबूत फ़ौजें, प्रोग्रेसिव अप्रोच और देश को सबसे आगे रखने वाली जनता... इतना सब होते हुए भी हम नैरेटिव की जंग में पिछड़ जाते हैं... वो भी एक भिखमंगे देश से... क्यों??
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BBC, CNN, अल जजीरा, ग्लोबल टाइम्स... ये सब क्या हैं?? केवल न्यूज ऐजेसीज़ नहीं हैं ये.. अपनी अपनी सरकारों द्वारा प्रायोजित ISPR ही तो हैं ये.. सिर्फ नाम के लिए न्यूज ऐजेसीज़... इनकी सरकारों ने इनकी ग्लोबल रीच बढ़ाने के लिए हर हथकंडे अपनाये... क्योंकि इन्हीं के माध्यम से उन्हें अपना ऐजेंडा और नरेटीव सेट करने में मदद मिलती है... क्योंकि इनकी रीच ग्लोबल है... ये कितने भी खतरनाक इलाके में चले जाते हैं.. क्योंकि इनकी सरकार और गुप्तचर संस्थाएं इनके प्रोटेक्शन के लिए मौजूद होती हैं...
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सब कुछ सही होने के बावजूद चाहे किसी की भी सरकार रही हो.. हमारे देश की किसी भी सरकार ने इस दिशा में नहीं सोचा... क्यों?? दूरदर्शन हमेशा से उस समय की सरकार का भोम्पू ही साबित हुआ.. बाद में प्राइवेट चैनल्स आये भी तो सभी ने अपने अपने दल चुन लिए.. जब सपने ही छोटे हों तो रीच बड़ी कैसे हो सकती है??
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क्या भारत को एक BBC, CNN या अल जजीरा की जरूरत नहीं?? चलो ये नहीं तो एक ISPR ही सही.. कुछ तो हो जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का ऐजेंडा चला सके... जो इतना स्वायत्त हो कि सरकार किसी की भी हो उसकी जवाबदारी केवल RAW के प्रति हो.. माने कि RAW की ही एक विंग..पर छुद्र सोच वाले हमारे राजनेता ऐसा होने देंगे क्या?? उनको अपने टट्टपूंजीया IT सेल चलाने हैं बस.. वो भी महज वोट्स के लिए.. देश जाए भाड़ में...अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ हो जाए तो फुटेज खाने के लिए जवाब भी खुद ही देंगे.. दूसरे को श्रेय ना मिल जाए.. सभी को बस इतनी ही पड़ी है..
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पाकिस्तान ये सब 76 साल पहले कर चुका है... और पश्चिम उससे भी पहले... हम कहाँ हैं???
- राजेश भट्ट
क्या भारत को एक BBC, CNN या अल जजीरा की जरूरत नहीं?? चलो ये नहीं तो एक ISPR ही सही.. कुछ तो हो जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का ऐजेंडा चला सके... जो इतना स्वायत्त हो कि सरकार किसी की भी हो उसकी जवाबदारी केवल RAW के प्रति हो.. माने कि RAW की ही एक विंग..पर छुद्र सोच वाले हमारे राजनेता ऐसा होने देंगे क्या?? उनको अपने टट्टपूंजीया IT सेल चलाने हैं बस.. वो भी महज वोट्स के लिए.. देश जाए भाड़ में...अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ हो जाए तो फुटेज खाने के लिए जवाब भी खुद ही देंगे.. दूसरे को श्रेय ना मिल जाए.. सभी को बस इतनी ही पड़ी है..
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पाकिस्तान ये सब 76 साल पहले कर चुका है... और पश्चिम उससे भी पहले... हम कहाँ हैं???
- राजेश भट्ट
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This is how the USA imposes the so-called Democracy in various Nations
Believe in your own people......Not some foreign voice
No one other than your 'own' would think of your future and love and respect your MotherLand.
Whether it is a paradise or hell, it is a 'HOME'.
In all other places, you would either be an outsider or a burden on Taxpayers.
No one other than your 'own' would think of your future and love and respect your MotherLand.
Whether it is a paradise or hell, it is a 'HOME'.
In all other places, you would either be an outsider or a burden on Taxpayers.
इसे कहते हैं उल्टा तीर पिछवाड़े में लेना.. 😄
महामूर्ख राहुल गाँधी विदेश मंत्री जयशंकर जी पर पाकिस्तान को हमले से पहले जानकारी देने का आरोप लगा रहे हैं... जोकि पूरी तरह आधारहीन आरोप हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं?
1991 में कॉंग्रेस समर्थित सरकार ने यह समझौता किया था कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान प्रदान भारत व पाकिस्तान एक दूसरे से करेगा।
क्या यह समझौता देशद्रोह नहीं है?
राहुल गांधी ये भी बताएं कि 2008 मे चीन के साथ क्या गुप्त समझौता किया था कॉंग्रेस ने?
एक बात जानकर आपको और भी हैरानी होगी.. 2008 मे उस दिन केवल कॉंग्रेस ने ही नहीं बल्कि पाकिस्तान ने भी चीन के साथ एग्रीमेंट किया था
कहीं यही वो वजह तो नहीं है जो अक्सर राहुल गांधी समेत कॉंग्रेस पार्टी की भाषा चीन और पाकिस्तान की भाषा प्रतीत होती है.
जवाब दें राहुल गांधी.
महामूर्ख राहुल गाँधी विदेश मंत्री जयशंकर जी पर पाकिस्तान को हमले से पहले जानकारी देने का आरोप लगा रहे हैं... जोकि पूरी तरह आधारहीन आरोप हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं?
1991 में कॉंग्रेस समर्थित सरकार ने यह समझौता किया था कि किसी भी आक्रमण या सेना के मूवमेंट की जानकारी का आदान प्रदान भारत व पाकिस्तान एक दूसरे से करेगा।
क्या यह समझौता देशद्रोह नहीं है?
राहुल गांधी ये भी बताएं कि 2008 मे चीन के साथ क्या गुप्त समझौता किया था कॉंग्रेस ने?
एक बात जानकर आपको और भी हैरानी होगी.. 2008 मे उस दिन केवल कॉंग्रेस ने ही नहीं बल्कि पाकिस्तान ने भी चीन के साथ एग्रीमेंट किया था
कहीं यही वो वजह तो नहीं है जो अक्सर राहुल गांधी समेत कॉंग्रेस पार्टी की भाषा चीन और पाकिस्तान की भाषा प्रतीत होती है.
जवाब दें राहुल गांधी.
BIG BREAKING - National Herald Case — ED names Telangana CM Revanth Reddy and Karnataka Deputy CM DK Shivakumar in the chargesheet (not as accused).
— Sonia Gandhi is already named as Accused No. 1 and Rahul Gandhi as Accused No. 2.
— Sonia Gandhi is already named as Accused No. 1 and Rahul Gandhi as Accused No. 2.
Mukesh Ambani pledges Rs 75,000 crore for North-East, sees 'Singapore-like success.'
Gautam Adani to invest additional Rs 50,000 crore in next 10 Year.
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