Forwarded from Shubham Shukla
Forwarded from इतिहास ज्ञान गंगा (पण्डित पुष्यमित्र शुंग)
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UGC NET. इतिहास
इतिहास की महत्त्वपूर्ण पुस्तकें (UGC NET/ PGT/TGT)
💐प्राचीन भारत–के सी श्रीवास्तव, पप्पू सिंह प्रजापत, सौरभ चौबे।
💐मध्यकालीन भारत–सौरभ चौबे, पप्पू सिंह प्रजापत।
💐आधुनिक भारत–परिक्षावाणी, अरविंद भास्कर।
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Forwarded from इतिहास
मुहम्मद हबीब के अनुसार
मध्यकालीन भारत के राजनीतिक इतिहास का प्रारंभ अलाउद्दीन खिलजी से होता है
Sarika Sengar
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इतिहास
"" संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव के आगे निकल जाना ""
स्वामी विवेकानंद
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Forwarded from Shubham Shukla
निम्नलिखित में से कौन सी नदी हर्षवर्धन के साम्राज्य की दक्षिणी सीमा थी?
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4%
गंगा
18%
गोमती
39%
गोदावरी
39%
नर्मदा
Forwarded from इतिहास
जियाउद्दीन बरनी
Sarika Sengar
14वीं शताब्दी
फिरोज शाह तुगलक के समय का इतिहासकार
कृति
तारीख ए फिरोजशाही
फतवा ए जहांगीरी
फ्रांस्वा बर्नियर
17 वीं शताब्दी
मुगल सम्राट औरंगजेब के समय का इतिहासकार
कृति
ट्रैवल्स इन मुगल एम्पायर
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इतिहास
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Forwarded from इतिहास
अंतरिम सरकार के मंत्रिमंडल
Sarika sengar
कार्यकारिणी परिषद के उपाध्यक्ष विदेशी मामले तथा राष्मंडल जवाहर लाल नेहरू
गृह सूचना तथा प्रसारण
बल्लभ भाई पटेल
रक्षा मंत्री
बलदेव सिंह
खाद्य एवं कृषि मंत्री
राजेंद्र प्रसाद
वित्त मंत्री
लियाकत अली खान
रेलवे मंत्री
आसफ अली
शिक्षा मंत्री
सी गोपालाचारी
श्रम मंत्री
जगजीवन राम
संचार मंत्री
अब्दुल खान निश्लर
गजनफर अली खान
स्वस्थ मंत्री
आ आई चूंदड़ीगार
वाणिज्य मंत्री
विधि मंत्री
जोगेंद्र नाथ मंडल
कार्य खान बंदरगाह मंत्री
सी एच भाभा।
जॉन मथाई
उद्योग आपूर्ति मंत्री
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Forwarded from कृष्ण: दिवानी मीरा !!
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Forwarded from Gurukul History Education (History PYQs) (N D)
हुमायूँ ने अमीरों एवं प्रभावशाली व्यक्तियों की तीन श्रेणिया बनाई
अमीरों एवं प्रभावशाली व्यक्तियों की तीन श्रेणिया बनाई गई तथा हरेक श्रेणी के दिन निर्धारित किये गये, शुक्रवार को अवकाश रखा गया, ③ श्रेणियां इस प्रकार थीं -
Forwarded from इतिहास ज्ञान गंगा (पण्डित पुष्यमित्र शुंग)
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UGC NET. इतिहास
इतिहास की महत्त्वपूर्ण पुस्तकें (UGC NET/ PGT/TGT)
💐प्राचीन भारत–के सी श्रीवास्तव, पप्पू सिंह प्रजापत, सौरभ चौबे।
💐मध्यकालीन भारत–सौरभ चौबे, पप्पू सिंह प्रजापत।
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💐प्राचीन भारत–के सी श्रीवास्तव, पप्पू सिंह प्रजापत, सौरभ चौबे।
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Forwarded from Gurukul History Education (History PYQs) (N D)
कस्त्रेरवा-:
चलता-फिरता लकड़ी का महल
Forwarded from कृष्ण: दिवानी मीरा !!
स्वतंत्रता सेनानी क्रान्तिकारी बैकुंठ सुकुल का मुकदमा
बैकुंठ शुक्ल को फणीन्द्र नाथ घोष की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी गई थी, जो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की फांसी के लिए सरकारी गवाह बन गया था। वे महान क्रांतिकारी और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापकों में से एक योगेंद्र शुक्ल के भतीजे थे।
बैकुंठ शुक्ल का जन्म 1907 में पुराने मुजफ्फरपुर (वर्तमान वैशाली) जिले के जलालपुर ग्राम के एक किसान परिवार में हुआ था। गांव में ही प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पड़ोस के मथुरापुर गांव के प्राथमिक स्कूल में शिक्षक बनकर समाज को सुधारना शुरू किया। 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय सहयोग दिया और पटना के कैम्प जेल गए। गांधी-इर्विन समझौता के बाद रिहा हुए। जेल प्रवास के दौरान वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के संपर्क में आए और क्रांतिकारी बने। 1931 में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षडयंत्र कांड में सजा के एलान ने पूरे देश को हिला कर रख दिया।
फणीन्द्र नाथ घोष, जो खुद रेवोल्यूशनरी पार्टी का सदस्य था, अंग्रेजी हुकूमत के दबाव और लालच में आकर वादामाफ़ गवाह बन गया और उसकी गवाही पर तीनों वीर क्रांतिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई। घोष को विश्वासघात की सजा देने का बीड़ा बैकुंठ शुक्ल ने उठाया और 9 नवंबर 1932 को घोष को मारकर इसे पूरा किया। इसके बाद उन्हें कैद कर मुकदमा चलाया गया और 14 मई 1934 को मात्र 28 वर्ष की उम्र में उन्हें गया सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई।
बैकुंठ शुक्ल को फणीन्द्र नाथ घोष की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी गई थी, जो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की फांसी के लिए सरकारी गवाह बन गया था। वे महान क्रांतिकारी और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापकों में से एक योगेंद्र शुक्ल के भतीजे थे।
बैकुंठ शुक्ल का जन्म 1907 में पुराने मुजफ्फरपुर (वर्तमान वैशाली) जिले के जलालपुर ग्राम के एक किसान परिवार में हुआ था। गांव में ही प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पड़ोस के मथुरापुर गांव के प्राथमिक स्कूल में शिक्षक बनकर समाज को सुधारना शुरू किया। 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय सहयोग दिया और पटना के कैम्प जेल गए। गांधी-इर्विन समझौता के बाद रिहा हुए। जेल प्रवास के दौरान वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के संपर्क में आए और क्रांतिकारी बने। 1931 में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षडयंत्र कांड में सजा के एलान ने पूरे देश को हिला कर रख दिया।
फणीन्द्र नाथ घोष, जो खुद रेवोल्यूशनरी पार्टी का सदस्य था, अंग्रेजी हुकूमत के दबाव और लालच में आकर वादामाफ़ गवाह बन गया और उसकी गवाही पर तीनों वीर क्रांतिकारियों को फांसी की सजा सुनाई गई। घोष को विश्वासघात की सजा देने का बीड़ा बैकुंठ शुक्ल ने उठाया और 9 नवंबर 1932 को घोष को मारकर इसे पूरा किया। इसके बाद उन्हें कैद कर मुकदमा चलाया गया और 14 मई 1934 को मात्र 28 वर्ष की उम्र में उन्हें गया सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई।
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Forwarded from Gurukul History Education (History PYQs) (N D)
पेटिकोट सरकार' जैसे विचार का खण्डन
इतिहासकार सतीश चंद्र ने 'पेटिकोट सरकार' जैसे विचार का खण्डन किया था।
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Forwarded from Shubham Shukla
निम्नलिखित में से किसने जहांगीर के काल को मध्यकालीन भारतीय साहित्य में आगस्टस का युग कहा है?
Anonymous Quiz
14%
Rp tripathi
51%
Beni Prasad
32%
Irfan Habib
3%
Rn pingle
Forwarded from Gurukul History Education (History PYQs) (N D)
हिन्दू समुदाय अकबर को 'मुकुन्द ब्रह्मचारी' का अवतरित रूप बताते थे?
Ganapat sir
Forwarded from Gurukul History Education (History PYQs) (N D)
शोरा का उपयोग
कश्मीर मेंअकबर ने पहली बार शराब को शीतल रखने हेतु शोरा का उपयोग किया था।
Forwarded from 𝙃𝙄𝙎𝙏𝙊𝙍𝙔 UGC 𝙉𝙀𝙏-𝙅𝙍𝙁 𝙋𝙂𝙏 𝙏𝙂𝙏. (Super power)
पंजाब के वजीर या प्रधानमंत्री
Trick (ध्यान है जब लाल गुलाब दिया था)
ध्यान सिंह डोगरा ( 1818 - 15 सितंबर 1843)
हीरा सिंह डोगरा ( 17 सितंबर 1843- 21 दिसंबर 1844)
जवाहर सिंह ( 14 मई 1845 -21 सितंबर) 1845
लाल सिंह ( 8 नवंबर 1845 - 31 जनवरी 1846)
गुलाब सिंह ( 31 जनवरी 1846 9 मार्च 1846)
https://t.me/dreamshinganiaOm
Trick (ध्यान है जब लाल गुलाब दिया था)
ध्यान सिंह डोगरा ( 1818 - 15 सितंबर 1843)
हीरा सिंह डोगरा ( 17 सितंबर 1843- 21 दिसंबर 1844)
जवाहर सिंह ( 14 मई 1845 -21 सितंबर) 1845
लाल सिंह ( 8 नवंबर 1845 - 31 जनवरी 1846)
गुलाब सिंह ( 31 जनवरी 1846 9 मार्च 1846)
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😍 8.30 AM Daily
History Books list👉
Ancient --- सौरभ चौबे और पप्पू सिंह प्रजापत
Medieval --- सौरभ चौबे और पप्पू सिंह प्रजापति
Modern --- परीक्षा वाणी ,आर्य spectruम NCERT BOOKS📚
https://youtube.com/@krdiya1202?si=tYHNGw5ZUQXVs0
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Medieval --- सौरभ चौबे और पप्पू सिंह प्रजापति
Modern --- परीक्षा वाणी ,आर्य spectruम NCERT BOOKS📚
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Forwarded from S. P.
मत्तविलास प्रहसन एक व्यंग्य है जो विधर्मी कपालिक और पशुपत शैव संप्रदायों, बौद्धों और जैन धर्म के विचित्र पहलुओं पर मज़ाक उड़ाता है । नाटक की पृष्ठभूमि कांचीपुरम है, जो सातवीं शताब्दी में पल्लव साम्राज्य की राजधानी थी। यह नाटक एक कपालिक भिक्षुक सत्यसोम, उसकी महिला देवसोम की नशे में धुत हरकतों और उनके कपाल-पात्र के खोने और मिलने के इर्द-गिर्द घूमती है। पात्रों में कपाली या सत्यसोम, एक अपरंपरागत शैव भिक्षु, देवसोम , सत्यसोम की महिला साथी, एक बौद्ध भिक्षु , जिसका नाम नागसेन है, पशुपत , एक अन्य अपरंपरागत शैव संप्रदाय का सदस्य और एक पागल व्यक्ति शामिल हैं । यह अधिनियम एक शराबी कपाली और बौद्ध भिक्षु के बीच विवाद का वर्णन करता है । नशे में धुत कपाली को संदेह होता है कि बौद्ध भिक्षु ने खोपड़ी से बना उसका भिक्षापात्र चुरा लिया है, लेकिन काफी देर तक चली बहस के बाद पता चलता है कि उसे एक कुत्ता ले गया है।
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