प्रश्न: मराठा कालीन छत्तीसगढ़ में 1 मन तौल का वजन क्या होता था?
Anonymous Quiz
52%
• (A) 8 पंसेरी
31%
• (B) 5 पंसेरी
14%
• (C) 14 सेर
3%
• (D) 21 सेर
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) - शॉट्स नोट्स
1. परियोजना का उद्देश्य:
* स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना को बदलकर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत DDU-GKY की शुरुआत की गई।
2. परियोजना अवधि:
* न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 6 वर्ष की परियोजना अवधि।
3. लक्षित समूह:
* 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण बी.पी.एल. युवा।
* विशेष समूहों के लिए अधिकतम आयु 45 वर्ष (महिलाएं, PVTG, विकलांग, बंधुआ मजदूर, किन्नर, एच.आई.वी. पीड़ित व्यक्ति आदि)।
4. प्रशिक्षण लक्ष्य:
* 101,754 हितग्राहियों को प्रशिक्षण का लक्ष्य।
* 127 परियोजना क्रियान्वयन एजेंसियां, 656 करोड़ की लागत से स्वीकृति।
5. प्रशिक्षण और नियुक्ति:
* 63,386 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
* 38,762 युवाओं को नियुक्ति दी गई।
6. वार्षिक कार्ययोजना (AAP):
* 2016-17 से राज्य को AAP का दर्जा प्राप्त।
मुख्य उद्देश्य: ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार प्राप्ति सुनिश्चित करना।
1. परियोजना का उद्देश्य:
* स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना को बदलकर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत DDU-GKY की शुरुआत की गई।
2. परियोजना अवधि:
* न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 6 वर्ष की परियोजना अवधि।
3. लक्षित समूह:
* 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण बी.पी.एल. युवा।
* विशेष समूहों के लिए अधिकतम आयु 45 वर्ष (महिलाएं, PVTG, विकलांग, बंधुआ मजदूर, किन्नर, एच.आई.वी. पीड़ित व्यक्ति आदि)।
4. प्रशिक्षण लक्ष्य:
* 101,754 हितग्राहियों को प्रशिक्षण का लक्ष्य।
* 127 परियोजना क्रियान्वयन एजेंसियां, 656 करोड़ की लागत से स्वीकृति।
5. प्रशिक्षण और नियुक्ति:
* 63,386 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
* 38,762 युवाओं को नियुक्ति दी गई।
6. वार्षिक कार्ययोजना (AAP):
* 2016-17 से राज्य को AAP का दर्जा प्राप्त।
मुख्य उद्देश्य: ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार प्राप्ति सुनिश्चित करना।
सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) - शॉर्ट नोट्स:
1. आधिकारिक शुरुआत:
* सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
2. SAGY-1 (2014-2019):
* योजना की अवधि: 2014-2019
* इस योजना के तहत माननीय सांसदों द्वारा 43 ग्रामों का चयन किया गया था।
* चयनित 43 ग्रामों की Village Development Plan (VDP) तैयार की गई और पोर्टल पर अपलोड की गई।
* कुल 3274 कार्य निर्धारित किए गए थे, जिनमें से:
* 2965 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
* 26 कार्य प्रगति पर हैं**।
* **283 कार्य अप्रारंभित हैं**।
3. **SAGY-II (2019-2024):
* योजना की अवधि: 2019-2024
* इस चरण के तहत माननीय सांसदों द्वारा 72 ग्रामों का चयन किया गया।
* चयनित ग्रामों में से 68 ग्रामों की VDP तैयार की गई और पोर्टल पर अपलोड की गई।
* VDP में कुल 2883 कार्य शामिल किए गए हैं, जिनमें से:
* 2246 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
* 102 कार्य प्रगति पर हैं**।
* **535 कार्य अप्रारंभित हैं**।
**सारांश:
सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य सांसदों द्वारा चयनित ग्रामों में समग्र विकास कार्यों को लागू करना है। इसमें ग्रामीण विकास के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई जाती हैं, जिनमें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचा सुधारों पर ध्यान दिया जाता है।
1. आधिकारिक शुरुआत:
* सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
2. SAGY-1 (2014-2019):
* योजना की अवधि: 2014-2019
* इस योजना के तहत माननीय सांसदों द्वारा 43 ग्रामों का चयन किया गया था।
* चयनित 43 ग्रामों की Village Development Plan (VDP) तैयार की गई और पोर्टल पर अपलोड की गई।
* कुल 3274 कार्य निर्धारित किए गए थे, जिनमें से:
* 2965 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
* 26 कार्य प्रगति पर हैं**।
* **283 कार्य अप्रारंभित हैं**।
3. **SAGY-II (2019-2024):
* योजना की अवधि: 2019-2024
* इस चरण के तहत माननीय सांसदों द्वारा 72 ग्रामों का चयन किया गया।
* चयनित ग्रामों में से 68 ग्रामों की VDP तैयार की गई और पोर्टल पर अपलोड की गई।
* VDP में कुल 2883 कार्य शामिल किए गए हैं, जिनमें से:
* 2246 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
* 102 कार्य प्रगति पर हैं**।
* **535 कार्य अप्रारंभित हैं**।
**सारांश:
सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य सांसदों द्वारा चयनित ग्रामों में समग्र विकास कार्यों को लागू करना है। इसमें ग्रामीण विकास के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई जाती हैं, जिनमें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचा सुधारों पर ध्यान दिया जाता है।
शॉर्ट्स नोट्स व महत्वपूर्ण बिंदु दिए जा रहे हैं:
जस्टिस बी.आर. गवई – भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश
शपथ तिथि:
14 मई, 2025
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश:
जस्टिस संजीव खन्ना (सेवानिवृत्त: 13 मई, 2025)
नियुक्ति की सिफारिश किसने की:
केंद्रीय कानून मंत्रालय को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई की सिफारिश की गई।
मुख्य तथ्य – जस्टिस गवई के बारे में:
पूरा नाम: भूषण रामकृष्ण गवई
जन्म: 24 नवम्बर 1960 – अमरावती, महाराष्ट्र
1987: बॉम्बे हाई कोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू
2000: बॉम्बे हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त
24 मई 2019: सुप्रीम कोर्ट के जज बने
SC समुदाय से दूसरे मुख्य न्यायाधीश बनेंगे
महत्वपूर्ण निर्णय:
राम मंदिर – बाबरी मस्जिद विवाद (2019)
राफेल डील मामला
जस्टिस बी.आर. गवई – भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश
शपथ तिथि:
14 मई, 2025
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश:
जस्टिस संजीव खन्ना (सेवानिवृत्त: 13 मई, 2025)
नियुक्ति की सिफारिश किसने की:
केंद्रीय कानून मंत्रालय को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई की सिफारिश की गई।
मुख्य तथ्य – जस्टिस गवई के बारे में:
पूरा नाम: भूषण रामकृष्ण गवई
जन्म: 24 नवम्बर 1960 – अमरावती, महाराष्ट्र
1987: बॉम्बे हाई कोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू
2000: बॉम्बे हाई कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त
24 मई 2019: सुप्रीम कोर्ट के जज बने
SC समुदाय से दूसरे मुख्य न्यायाधीश बनेंगे
महत्वपूर्ण निर्णय:
राम मंदिर – बाबरी मस्जिद विवाद (2019)
राफेल डील मामला
### छत्तीसगढ़ के प्रमुख पदाधिकारी
1. प्रथम मराठा शासक:
* बिंबाजी भोंसले
* (साल: 1758-1787 ई.)
2. प्रथम सूबेदार:
* महिपतराव दिनकर
* (साल: 1788-1790 ई.)
3. अंतिम सूबेदार:
* यादवराव दिवाकर
* (साल: 1817-1818 ई.)
4. प्रथम ब्रिटिश अधीक्षक:
* कैप्टन एडमंड
* (साल: 1818 ई.)
5. अंतिम ब्रिटिश अधीक्षक:
* कैप्टन क्राफर्ड
* (साल: 1828-1830 ई.)
6. प्रथम जिलेदार:
* कृष्णराव अप्पा
7. अंतिम जिलेदार:
* गोपालराव अप्पा
---
सारांश:
* बिंबाजी भोंसले छत्तीसगढ़ के पहले मराठा शासक थे, जबकि महिपतराव दिनकर ने छत्तीसगढ़ में पहला सूबेदार का पद संभाला।
* यादवराव दिवाकर छत्तीसगढ़ के अंतिम सूबेदार थे।
* कैप्टन एडमंड और कैप्टन क्राफर्ड क्रमशः पहले और अंतिम ब्रिटिश अधीक्षक थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन की स्थापना और समापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
* कृष्णराव अप्पा और गोपालराव अप्पा क्रमशः पहले और अंतिम जिलेदार रहे।
1. प्रथम मराठा शासक:
* बिंबाजी भोंसले
* (साल: 1758-1787 ई.)
2. प्रथम सूबेदार:
* महिपतराव दिनकर
* (साल: 1788-1790 ई.)
3. अंतिम सूबेदार:
* यादवराव दिवाकर
* (साल: 1817-1818 ई.)
4. प्रथम ब्रिटिश अधीक्षक:
* कैप्टन एडमंड
* (साल: 1818 ई.)
5. अंतिम ब्रिटिश अधीक्षक:
* कैप्टन क्राफर्ड
* (साल: 1828-1830 ई.)
6. प्रथम जिलेदार:
* कृष्णराव अप्पा
7. अंतिम जिलेदार:
* गोपालराव अप्पा
---
सारांश:
* बिंबाजी भोंसले छत्तीसगढ़ के पहले मराठा शासक थे, जबकि महिपतराव दिनकर ने छत्तीसगढ़ में पहला सूबेदार का पद संभाला।
* यादवराव दिवाकर छत्तीसगढ़ के अंतिम सूबेदार थे।
* कैप्टन एडमंड और कैप्टन क्राफर्ड क्रमशः पहले और अंतिम ब्रिटिश अधीक्षक थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन की स्थापना और समापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
* कृष्णराव अप्पा और गोपालराव अप्पा क्रमशः पहले और अंतिम जिलेदार रहे।
### छत्तीसगढ़ के प्रमुख पदाधिकारियों पर आधारित MCQ (Multiple Choice Questions)
1. छत्तीसगढ़ के पहले मराठा शासक कौन थे?
* A) महिपतराव दिनकर
* B) बिंबाजी भोंसले
* C) यादवराव दिवाकर
* D) कैप्टन एडमंड
उत्तर: B) बिंबाजी भोंसले
2. छत्तीसगढ़ के पहले ब्रिटिश अधीक्षक कौन थे?
* A) कैप्टन क्राफर्ड
* B) कैप्टन एडमंड
* C) कैप्टन सैण्डीस
* D) कैप्टन हंटर
उत्तर: B) कैप्टन एडमंड
3. छत्तीसगढ़ के अंतिम ब्रिटिश अधीक्षक कौन थे?
* A) कैप्टन सैण्डीस
* B) कैप्टन क्राफर्ड
* C) कैप्टन एडमंड
* D) कैप्टन हंटर
उत्तर: B) कैप्टन क्राफर्ड
4. छत्तीसगढ़ के पहले सूबेदार कौन थे?
* A) महिपतराव दिनकर
* B) कैप्टन एडमंड
* C) बिंबाजी भोंसले
* D) यादवराव दिवाकर
उत्तर: A) महिपतराव दिनकर
5. छत्तीसगढ़ के अंतिम सूबेदार कौन थे?
* A) कैप्टन सैण्डीस
* B) यादवराव दिवाकर
* C) कैप्टन एडमंड
* D) महिपतराव दिनकर
उत्तर: B) यादवराव दिवाकर
6. छत्तीसगढ़ के पहले जिलेदार (जिलेदार अधिकारी) कौन थे?
* A) कृष्णराव अप्पा
* B) गोपालराव अप्पा
* C) कैप्टन एडमंड
* D) महिपतराव दिनकर
उत्तर: A) कृष्णराव अप्पा
7. छत्तीसगढ़ के अंतिम जिलेदार (जिलेदार अधिकारी) कौन थे?
* A) कृष्णराव अप्पा
* B) गोपालराव अप्पा
* C) कैप्टन सैण्डीस
* D) कैप्टन हंटर
उत्तर: B) गोपालराव अप्पा
8. कैप्टन एडमंड का शासनकाल छत्तीसगढ़ में किस वर्ष से किस वर्ष तक था?
* A) 1818-1825
* B) 1825-1828
* C) 1828-1830
* D) 1825-1830
उत्तर: A) 1818-1825
---
1. छत्तीसगढ़ के पहले मराठा शासक कौन थे?
* A) महिपतराव दिनकर
* B) बिंबाजी भोंसले
* C) यादवराव दिवाकर
* D) कैप्टन एडमंड
उत्तर: B) बिंबाजी भोंसले
2. छत्तीसगढ़ के पहले ब्रिटिश अधीक्षक कौन थे?
* A) कैप्टन क्राफर्ड
* B) कैप्टन एडमंड
* C) कैप्टन सैण्डीस
* D) कैप्टन हंटर
उत्तर: B) कैप्टन एडमंड
3. छत्तीसगढ़ के अंतिम ब्रिटिश अधीक्षक कौन थे?
* A) कैप्टन सैण्डीस
* B) कैप्टन क्राफर्ड
* C) कैप्टन एडमंड
* D) कैप्टन हंटर
उत्तर: B) कैप्टन क्राफर्ड
4. छत्तीसगढ़ के पहले सूबेदार कौन थे?
* A) महिपतराव दिनकर
* B) कैप्टन एडमंड
* C) बिंबाजी भोंसले
* D) यादवराव दिवाकर
उत्तर: A) महिपतराव दिनकर
5. छत्तीसगढ़ के अंतिम सूबेदार कौन थे?
* A) कैप्टन सैण्डीस
* B) यादवराव दिवाकर
* C) कैप्टन एडमंड
* D) महिपतराव दिनकर
उत्तर: B) यादवराव दिवाकर
6. छत्तीसगढ़ के पहले जिलेदार (जिलेदार अधिकारी) कौन थे?
* A) कृष्णराव अप्पा
* B) गोपालराव अप्पा
* C) कैप्टन एडमंड
* D) महिपतराव दिनकर
उत्तर: A) कृष्णराव अप्पा
7. छत्तीसगढ़ के अंतिम जिलेदार (जिलेदार अधिकारी) कौन थे?
* A) कृष्णराव अप्पा
* B) गोपालराव अप्पा
* C) कैप्टन सैण्डीस
* D) कैप्टन हंटर
उत्तर: B) गोपालराव अप्पा
8. कैप्टन एडमंड का शासनकाल छत्तीसगढ़ में किस वर्ष से किस वर्ष तक था?
* A) 1818-1825
* B) 1825-1828
* C) 1828-1830
* D) 1825-1830
उत्तर: A) 1818-1825
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धारा 20. शास्ति (सरल भाषा में)
सूचना देने का इंकार:
अगर केंद्रीय या राज्य सूचना अधिकारी बिना किसी सही कारण के सूचना देने से मना करते हैं, या समय पर सूचना नहीं देते, या जानबूझकर गलत या अपूर्ण सूचना देते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
जुर्माने की राशि:
हर दिन के लिए, जब तक सूचना नहीं दी जाती, 250 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
लेकिन, यह जुर्माना कुल 25,000 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता।
सुनवाई का अधिकार:
सूचना अधिकारी को जुर्माना लगाने से पहले अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
सूचना देने का इंकार:
अगर केंद्रीय या राज्य सूचना अधिकारी बिना किसी सही कारण के सूचना देने से मना करते हैं, या समय पर सूचना नहीं देते, या जानबूझकर गलत या अपूर्ण सूचना देते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
जुर्माने की राशि:
हर दिन के लिए, जब तक सूचना नहीं दी जाती, 250 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
लेकिन, यह जुर्माना कुल 25,000 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता।
सुनवाई का अधिकार:
सूचना अधिकारी को जुर्माना लगाने से पहले अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
### छत्तीसगढ़ में पशुधन (पशुपालन) - शॉर्ट नोट्स
1. पशुधन की श्रेणियाँ:
* गौ वंशीय (गाय), भैसवंशीय (भैंस), भेड़, बकरी, सुकर, घोड़े, खच्चर, गधे
* पक्षीवर्ग: मुर्गी, बत्तख, टर्की, बटेर
* पालतू पशु: कुत्ते, खरगोश
2. पशुपालन की महत्वता:
* पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिससे कृषि पर आश्रित परिवारों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
* पशु उत्पादों (दूध, मांस, अंडे) से प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत मिलता है।
* प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा के समय, पशुधन ही आय का एकमात्र स्रोत होता है।
3. पशुधन का अर्थव्यवस्था में स्थान:
* पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह आय का एक मुख्य साधन है।
4. पशु गणना:
* पहली पशु गणना: 1919 में हुई थी।
* पशु गणना हर 5 वर्षों में एक बार की जाती है।
5. पशुपालन के चार स्तंभ:
* कुशल प्रबंधन
* संतुलित पोषण
* उन्नत प्रजनन
* रोग नियंत्रण
---
सारांश:
* पशुधन छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है, विशेष रूप से कृषि पर आश्रित परिवारों के लिए। पशुपालन के क्षेत्र में कुशल प्रबंधन, संतुलित पोषण, उन्नत प्रजनन, और रोग नियंत्रण जैसे स्तंभों पर ध्यान दिया जाता है।
1. पशुधन की श्रेणियाँ:
* गौ वंशीय (गाय), भैसवंशीय (भैंस), भेड़, बकरी, सुकर, घोड़े, खच्चर, गधे
* पक्षीवर्ग: मुर्गी, बत्तख, टर्की, बटेर
* पालतू पशु: कुत्ते, खरगोश
2. पशुपालन की महत्वता:
* पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिससे कृषि पर आश्रित परिवारों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
* पशु उत्पादों (दूध, मांस, अंडे) से प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत मिलता है।
* प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा के समय, पशुधन ही आय का एकमात्र स्रोत होता है।
3. पशुधन का अर्थव्यवस्था में स्थान:
* पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह आय का एक मुख्य साधन है।
4. पशु गणना:
* पहली पशु गणना: 1919 में हुई थी।
* पशु गणना हर 5 वर्षों में एक बार की जाती है।
5. पशुपालन के चार स्तंभ:
* कुशल प्रबंधन
* संतुलित पोषण
* उन्नत प्रजनन
* रोग नियंत्रण
---
सारांश:
* पशुधन छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है, विशेष रूप से कृषि पर आश्रित परिवारों के लिए। पशुपालन के क्षेत्र में कुशल प्रबंधन, संतुलित पोषण, उन्नत प्रजनन, और रोग नियंत्रण जैसे स्तंभों पर ध्यान दिया जाता है।
### दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) - शॉट्स नोट्स
1. योजना का उद्देश्य:
* DDU-GKY का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल उन्नयन और रोजगार प्रदान करना है।
* स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना को बदलकर इसे शुरू किया गया।
2. योजना की अवधि:
* योजना की परियोजना अवधि 3 से 6 वर्ष के बीच होती है।
3. लक्ष्य समूह:
* 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण BPL युवा।
* विशेष समूहों में महिलाएं, PVTG (उपेक्षित जनजाति समूह), विकलांग व्यक्ति, बंधुआ मजदूर, मानव व्यापार पीड़ित, किन्नर, और HIV पीड़ित व्यक्ति को अधिकतम 45 वर्ष तक का लाभ मिलता है।
4. प्रशिक्षण का लक्ष्य:
* 101,754 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
* अब तक 63,386 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और 38,762 युवाओं को नियुक्ति प्राप्त हुई है।
5. वित्तीय स्वीकृति:
* 127 परियोजना क्रियान्वयन एजेंसियों को 656 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृति मिली है।
6. नई पहल (AAP):
* 2016-17 से राज्य को वार्षिक कार्ययोजना (AAP) का दर्जा मिला।
* वर्तमान में परियोजना स्वीकृति राज्य स्तर पर दी जा रही है।
### सरल भाषा में पॉइंट टू पॉइंट:
1. DDU-GKY का उद्देश्य - ग्रामीण युवाओं को कौशल और रोजगार प्रदान करना।
2. परियोजना अवधि - 3 से 6 साल।
3. लक्ष्य समूह - 15 से 35 साल के BPL युवा, और विशेष समूह जैसे महिलाएं, विकलांग, PVTG, और HIV पीड़ित।
4. प्रशिक्षण लक्ष्य - 101,754 युवाओं को प्रशिक्षण, 63,386 प्रशिक्षित, 38,762 को नौकरी मिली।
5. वित्तीय स्वीकृति - 127 एजेंसियों को 656 करोड़ की स्वीकृति।
6. AAP की शुरुआत - 2016-17 से राज्य को कार्ययोजना का दर्जा मिला।
1. योजना का उद्देश्य:
* DDU-GKY का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल उन्नयन और रोजगार प्रदान करना है।
* स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना को बदलकर इसे शुरू किया गया।
2. योजना की अवधि:
* योजना की परियोजना अवधि 3 से 6 वर्ष के बीच होती है।
3. लक्ष्य समूह:
* 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण BPL युवा।
* विशेष समूहों में महिलाएं, PVTG (उपेक्षित जनजाति समूह), विकलांग व्यक्ति, बंधुआ मजदूर, मानव व्यापार पीड़ित, किन्नर, और HIV पीड़ित व्यक्ति को अधिकतम 45 वर्ष तक का लाभ मिलता है।
4. प्रशिक्षण का लक्ष्य:
* 101,754 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
* अब तक 63,386 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और 38,762 युवाओं को नियुक्ति प्राप्त हुई है।
5. वित्तीय स्वीकृति:
* 127 परियोजना क्रियान्वयन एजेंसियों को 656 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृति मिली है।
6. नई पहल (AAP):
* 2016-17 से राज्य को वार्षिक कार्ययोजना (AAP) का दर्जा मिला।
* वर्तमान में परियोजना स्वीकृति राज्य स्तर पर दी जा रही है।
### सरल भाषा में पॉइंट टू पॉइंट:
1. DDU-GKY का उद्देश्य - ग्रामीण युवाओं को कौशल और रोजगार प्रदान करना।
2. परियोजना अवधि - 3 से 6 साल।
3. लक्ष्य समूह - 15 से 35 साल के BPL युवा, और विशेष समूह जैसे महिलाएं, विकलांग, PVTG, और HIV पीड़ित।
4. प्रशिक्षण लक्ष्य - 101,754 युवाओं को प्रशिक्षण, 63,386 प्रशिक्षित, 38,762 को नौकरी मिली।
5. वित्तीय स्वीकृति - 127 एजेंसियों को 656 करोड़ की स्वीकृति।
6. AAP की शुरुआत - 2016-17 से राज्य को कार्ययोजना का दर्जा मिला।
प्रश्न 1. वित्तीय वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत कितने व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया? ( ADEO 2025 EXAM )
Anonymous Quiz
11%
A) 380
45%
B) 3,045
35%
C) 9,742
9%
D) 8,449
प्रश्न 2. 2024-25 (अप्रैल-सितंबर) में कुल कितने प्रशिक्षित व्यक्तियों को नौकरी (नियोजन) मिला? ( ADEO EXAM 2025 )👍
Anonymous Quiz
35%
A) 3,867
35%
B) 9,742
22%
C) 701
8%
D) 380