https://youtu.be/xbmfEvoAvGs
#SanskritCarnaticMusic
Pallavi
हिमगिरि तनये हेम लते अम्ब
ईश्र्वरि स्रिललिते मामव
Oh my mother who is daughter of the ice mountain,
Who is a golden climber, who is goddess Lalitha
Anupallavi
राम वनि संसेवित सकले
राज राज्स्वरि राम सहोदरी
Goddess who is served by Saraswathi and Lakshmi,
Goddess Rajarajeswari , Goddess who is sister of Rama.
Charanam
पसन्कुस दण्ड करे अम्ब
परात्परे निज भक्त परे
एकंबर हरिकेस विलासे
आनन्द रूपे अमित प्रतापे ||
Oh mother who holds rope , goad and a stick in her hands,
Who is most divine , Who helps real devotees cross the ocean of birth,
Who is dressed in desire , who lives in Harikesava Nallur
Who has an endless form and who is famous as deathless one.
#SanskritCarnaticMusic
Pallavi
हिमगिरि तनये हेम लते अम्ब
ईश्र्वरि स्रिललिते मामव
Oh my mother who is daughter of the ice mountain,
Who is a golden climber, who is goddess Lalitha
Anupallavi
राम वनि संसेवित सकले
राज राज्स्वरि राम सहोदरी
Goddess who is served by Saraswathi and Lakshmi,
Goddess Rajarajeswari , Goddess who is sister of Rama.
Charanam
पसन्कुस दण्ड करे अम्ब
परात्परे निज भक्त परे
एकंबर हरिकेस विलासे
आनन्द रूपे अमित प्रतापे ||
Oh mother who holds rope , goad and a stick in her hands,
Who is most divine , Who helps real devotees cross the ocean of birth,
Who is dressed in desire , who lives in Harikesava Nallur
Who has an endless form and who is famous as deathless one.
YouTube
Himagiri thanaye Hemalathe- Shuddha dhanyasi- Aditala- Muttaiyya Bhagavata
Sung by Nandini Rao Gujar
Violin- Pradesh C R
Mridangam- Aniruddh Bhat
Ghatam- Raghunandan
Raaga: Shudda dhanyaasi
22 kharaharapriya janya
Aa: S G2 M1 P N2 P S
Av: S N2 P M1 G2 S
taaLam: aadi
Composer: H.N. Muthiah Bhaagavatar
Language: Sanskrit
pallavi…
Violin- Pradesh C R
Mridangam- Aniruddh Bhat
Ghatam- Raghunandan
Raaga: Shudda dhanyaasi
22 kharaharapriya janya
Aa: S G2 M1 P N2 P S
Av: S N2 P M1 G2 S
taaLam: aadi
Composer: H.N. Muthiah Bhaagavatar
Language: Sanskrit
pallavi…
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
कालावधिः : 30 minutes
समयः : IST 11:00 AM 🕚
विषयः : जल्पनम्।
(Gossip.)
दिनाङ्कः : 12th February 2022,
Saturday.
Please Join the voicechat on time.
😇 Please come prepared to discuss in Sanskrit , If possible.
We are waiting for you.😇
Set a reminder.
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
कालावधिः : 30 minutes
समयः : IST 11:00 AM 🕚
विषयः : जल्पनम्।
(Gossip.)
दिनाङ्कः : 12th February 2022,
Saturday.
Please Join the voicechat on time.
😇 Please come prepared to discuss in Sanskrit , If possible.
We are waiting for you.😇
Set a reminder.
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
🍃
♦️sarvadvaaraaNi saMyamya mano hRRidi nirudhya cha|
muurdhnyaadhaayaatmanaH praaNamaasthito yogadhaaraNaam8.12
⚜Controlling all the (nine) doors of the body, the abode of consciousness; focusing the mind on the heart and Prana in the cerebrum, and engaged in yogic practice; (8.12)
⚜सब (इन्द्रियों के) द्वारों को संयमित कर मन को हृदय में स्थिर करके और प्राण को मस्तक में स्थापित करके योगधारणा में स्थित हुआ।।8.12।।
#geeta
सर्वद्वाराणि संयम्य मनो हृदि निरुध्य च।
मूर्ध्न्याधायात्मनः प्राणमास्थितो योगधारणाम्
।।8.12।।♦️sarvadvaaraaNi saMyamya mano hRRidi nirudhya cha|
muurdhnyaadhaayaatmanaH praaNamaasthito yogadhaaraNaam
⚜Controlling all the (nine) doors of the body, the abode of consciousness; focusing the mind on the heart and Prana in the cerebrum, and engaged in yogic practice; (8.12)
⚜सब (इन्द्रियों के) द्वारों को संयमित कर मन को हृदय में स्थिर करके और प्राण को मस्तक में स्थापित करके योगधारणा में स्थित हुआ।।8.12।।
#geeta
🍃
♦️omityekaakSharaM brahma vyaaharanmaamanusmaran|
yaH prayaati tyajandehaM sa yaati paramaaM gatim8.13
⚜One who leaves the body while meditating on Brahman and uttering OM, the sacred monosyllable sound of Brahman, attains the Supreme goal. (8.13)
⚜जो पुरुष ओऽम् इस एक अक्षर ब्रह्म का उच्चारण करता हुआ और मेरा स्मरण करता हुआ शरीर का त्याग करता है वह परम गति को प्राप्त होता है।। 8.13 ।।
#geeta
ओमित्येकाक्षरं ब्रह्म व्याहरन्मामनुस्मरन्।
यः प्रयाति त्यजन्देहं स याति परमां गतिम्
।। 8.13 ।।♦️omityekaakSharaM brahma vyaaharanmaamanusmaran|
yaH prayaati tyajandehaM sa yaati paramaaM gatim
⚜One who leaves the body while meditating on Brahman and uttering OM, the sacred monosyllable sound of Brahman, attains the Supreme goal. (8.13)
⚜जो पुरुष ओऽम् इस एक अक्षर ब्रह्म का उच्चारण करता हुआ और मेरा स्मरण करता हुआ शरीर का त्याग करता है वह परम गति को प्राप्त होता है।। 8.13 ।।
#geeta
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅ 🚩तिथि - एकादशी शाम 04:27 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 12 फरवरी 2022
⛅ दिन - शनिवार
⛅ विक्रम संवत - 2078
⛅ शक संवत -1943
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - विष्कम्भ रात्रि 08:41 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहुकाल - सुबह 10:02 से सुबह 11:28 तक
⛅ सूर्योदय - 07:12
⛅ सूर्यास्त - 18:33
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅ 🚩तिथि - एकादशी शाम 04:27 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 12 फरवरी 2022
⛅ दिन - शनिवार
⛅ विक्रम संवत - 2078
⛅ शक संवत -1943
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - विष्कम्भ रात्रि 08:41 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहुकाल - सुबह 10:02 से सुबह 11:28 तक
⛅ सूर्योदय - 07:12
⛅ सूर्यास्त - 18:33
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
https://youtu.be/PrWL2N4uqy0
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news.
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news.
YouTube
वार्ता: संस्कृत में समाचार
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s onl...
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
कालावधिः : 30 minutes
समयः : IST 11:00 AM 🕚
विषयः : जल्पनम्।
(Gossip.)
दिनाङ्कः : 12th February 2022,
Saturday.
Please Join the voicechat on time.
😇 Please come prepared to discuss in Sanskrit , If possible.
We are waiting for you.😇
Set a reminder.
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
कालावधिः : 30 minutes
समयः : IST 11:00 AM 🕚
विषयः : जल्पनम्।
(Gossip.)
दिनाङ्कः : 12th February 2022,
Saturday.
Please Join the voicechat on time.
😇 Please come prepared to discuss in Sanskrit , If possible.
We are waiting for you.😇
Set a reminder.
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
*अमर्त्यवाणीविलासः*
(हिन्दी द्वारा बच्चों के संस्कृतिवर्धन पाठमाला)
*[अवधान-केवल बच्चों के लिये, कोई संस्कृतभाषाज्ञान की आवश्यकता नहीं]
अध्यापिका- सङ्का उषाराणी
प्रारंभ- 12 दिसेम्बर् 2021 (रविवार) से
पाठ्यांश- श्लोक, स्तोत्र, भजन, गीत, शिशुगीत
समयः- सप्ताह के 1 दिन, रविवार
प्रातः 11:00 से 12:00 तक
पूर्वपाठ-
https://www.youtube.com/c/SvarvaniPrakashaTheLightofSamskrtam/videos
माध्यम- ज़ूम् माध्यम द्वारा
प्रवेश सङ्केत- https://indicacademy.zoom.us/j/95467353855
प्रवेशसंख्या- 954 6735 3855
अधिक जानकारी हेतु- samskrta.usha@gmail.com
-स्वर्वाणीप्रकाशसेवानिकुञ्जम्
(यह पाठावली केवल अध्ययन करने हेतु है। यथोचित समय व श्रद्धा हो तभी प्रवेश करें)
(हिन्दी द्वारा बच्चों के संस्कृतिवर्धन पाठमाला)
*[अवधान-केवल बच्चों के लिये, कोई संस्कृतभाषाज्ञान की आवश्यकता नहीं]
अध्यापिका- सङ्का उषाराणी
प्रारंभ- 12 दिसेम्बर् 2021 (रविवार) से
पाठ्यांश- श्लोक, स्तोत्र, भजन, गीत, शिशुगीत
समयः- सप्ताह के 1 दिन, रविवार
प्रातः 11:00 से 12:00 तक
पूर्वपाठ-
https://www.youtube.com/c/SvarvaniPrakashaTheLightofSamskrtam/videos
माध्यम- ज़ूम् माध्यम द्वारा
प्रवेश सङ्केत- https://indicacademy.zoom.us/j/95467353855
प्रवेशसंख्या- 954 6735 3855
अधिक जानकारी हेतु- samskrta.usha@gmail.com
-स्वर्वाणीप्रकाशसेवानिकुञ्जम्
(यह पाठावली केवल अध्ययन करने हेतु है। यथोचित समय व श्रद्धा हो तभी प्रवेश करें)
Zoom Video
Join our Cloud HD Video Meeting
Zoom is the leader in modern enterprise video communications, with an easy, reliable cloud platform for video and audio conferencing, chat, and webinars across mobile, desktop, and room systems. Zoom Rooms is the original software-based conference room solution…
सर्वमन्यत् परित्यज्य, शरीरमनुपालयेत्।
तदभावे हि भावानां , सर्वाभावः शरीरिणाम्।।
भावार्थः - मनुष्यः सर्वं कार्यं विहाय प्रथमं शरीरस्य रक्षणं कुर्यात् , यतः शरीरं सुदृढं भवति चेत् एव सः धर्मादिपुरुषार्थान् प्राप्तुं शक्नोति, शरीरस्य विनाशे सति सर्वेषां कार्याणाम् अभावः एव भवति।
#Subhashitam
तदभावे हि भावानां , सर्वाभावः शरीरिणाम्।।
भावार्थः - मनुष्यः सर्वं कार्यं विहाय प्रथमं शरीरस्य रक्षणं कुर्यात् , यतः शरीरं सुदृढं भवति चेत् एव सः धर्मादिपुरुषार्थान् प्राप्तुं शक्नोति, शरीरस्य विनाशे सति सर्वेषां कार्याणाम् अभावः एव भवति।
#Subhashitam
हनुमान् "रामदुतः" अस्ति।
अत्र "रामदूतः" शब्दस्य विग्रहं वदन्तु।
अत्र "रामदूतः" शब्दस्य विग्रहं वदन्तु।
Anonymous Quiz
10%
रामः दूतः यस्य सः।
82%
रामस्य दूतः
4%
रामः एव दूतः
3%
रामः इति दूतः
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृतं वद आधुनिको भव। वेदान् पठ वैज्ञानिको भव।। पाठ (१४) चतुर्थी विभक्ति (१) (जिसको लक्षित करके क्रिया की जाए, उसकी सम्प्रदान संज्ञा होती है। सम्प्रदान कारक में चतुर्थी विभक्ति होती है।) माता माणवकाय मोदकं यच्छति। • माता बच्चे को लड्डू देती है। राता…
एकलव्यः द्रोणाय स्वाङ्गुलिं समर्पयत्।
• एकलव्य ने द्रोण को अपनी ऊंगली समर्पित की।
राजा रघुः कौत्साय धनं ददौ।
• राजा रघु ने कौत्स को धन दिया।
पापाचारात् मेघा अपि रुष्टाः कृषये जलं न सिञ्चन्ति।
• पाप बढ़ने से बादल भी रूठ गए हैं, खेतों को पानी नहीं पिला रहे।
यज्ञाभावात् पर्जन्यः प्रजायै जलं न प्रयच्छति।
• यज्ञों के अभाव के कारण प्रजा को वर्षा पानी नहीं दे रही है।
अम्भोदवर चक्रवाकाय जलं प्रयच्छ।
• हे मेघराज, चकवे को पानी दे दो !
भगवान् सूर्यः कर्णाय कुण्डलं तनुत्रं च अदात्।
• भगवान् सूर्य ने कर्ण को कुण्डल और कवच दिए।
अहम् भूमिम् अददाम् आर्याय।
• मैंने (ईश्वरने) पृथ्वी आर्यों के लिए दी है।
अहं वृष्टिम् अददां दाशुषे मर्त्याय।
• मैंने (ईश्वरने) वृष्टि दानी मनुष्यों के लिए दी है। (= परोपकारी महानुभावों के कारण वर्षा हो रही है)
अहम् दाशुषे विभजामि भोजनम्।
• मैं (ईश्वर) दानी (परोपकारी) को भोजन देता हूं।
मेधां मे देहि।
• मुझे मेधाबुद्धि प्रदान करो।
यस्मै देवाः प्रयच्छन्ति पुरुषाय पराभवम्।
बुद्धिं तस्यापकर्षन्ति सोऽवाचीनानि पश्यति।।
• देवगण जिस पुरुष को पराजय देते हैं (नष्ट करना चाहते हैं), उसकी बुद्धि को नष्ट कर देते हैं, (अतः) वह अवनति को प्राप्त होता है।
गृहं समागताय बुधाय पाद्यम् अर्घ्यं च दद्यात्।
• घर आए हुए विद्वान् को पैर एवं हाथ-मुख धोने के लिए पानी देवे।
चित्तनदी नाम उभयतो वाहिनी वहति कल्याणाय वहति पापाय च।
• चित्तरूपी नदी दो दिशाओं में प्रवाहित होती है, कल्याण के लिए बहती है और पाप के लिए भी बहती है।
कैवल्यप्राग्भारा विवेकविषयनिम्ना सा चित्तनदी कल्याणाय वहति।
• कैवल्य (मुक्ति) की ओर ले जानेवाली विवेकयुक्त वह चित्तनदी की धारा कल्याण के लिए बहती है।
संसारप्राग्भारा अविवेकविषयनिम्ना सा पापाय वहति।
• संसार की ओर ले जानेवाली अविवेक से युक्त वह पाप के लिए बहती है (अवनति की ओर ले जाती है)।
#vakyabhyas
• एकलव्य ने द्रोण को अपनी ऊंगली समर्पित की।
राजा रघुः कौत्साय धनं ददौ।
• राजा रघु ने कौत्स को धन दिया।
पापाचारात् मेघा अपि रुष्टाः कृषये जलं न सिञ्चन्ति।
• पाप बढ़ने से बादल भी रूठ गए हैं, खेतों को पानी नहीं पिला रहे।
यज्ञाभावात् पर्जन्यः प्रजायै जलं न प्रयच्छति।
• यज्ञों के अभाव के कारण प्रजा को वर्षा पानी नहीं दे रही है।
अम्भोदवर चक्रवाकाय जलं प्रयच्छ।
• हे मेघराज, चकवे को पानी दे दो !
भगवान् सूर्यः कर्णाय कुण्डलं तनुत्रं च अदात्।
• भगवान् सूर्य ने कर्ण को कुण्डल और कवच दिए।
अहम् भूमिम् अददाम् आर्याय।
• मैंने (ईश्वरने) पृथ्वी आर्यों के लिए दी है।
अहं वृष्टिम् अददां दाशुषे मर्त्याय।
• मैंने (ईश्वरने) वृष्टि दानी मनुष्यों के लिए दी है। (= परोपकारी महानुभावों के कारण वर्षा हो रही है)
अहम् दाशुषे विभजामि भोजनम्।
• मैं (ईश्वर) दानी (परोपकारी) को भोजन देता हूं।
मेधां मे देहि।
• मुझे मेधाबुद्धि प्रदान करो।
यस्मै देवाः प्रयच्छन्ति पुरुषाय पराभवम्।
बुद्धिं तस्यापकर्षन्ति सोऽवाचीनानि पश्यति।।
• देवगण जिस पुरुष को पराजय देते हैं (नष्ट करना चाहते हैं), उसकी बुद्धि को नष्ट कर देते हैं, (अतः) वह अवनति को प्राप्त होता है।
गृहं समागताय बुधाय पाद्यम् अर्घ्यं च दद्यात्।
• घर आए हुए विद्वान् को पैर एवं हाथ-मुख धोने के लिए पानी देवे।
चित्तनदी नाम उभयतो वाहिनी वहति कल्याणाय वहति पापाय च।
• चित्तरूपी नदी दो दिशाओं में प्रवाहित होती है, कल्याण के लिए बहती है और पाप के लिए भी बहती है।
कैवल्यप्राग्भारा विवेकविषयनिम्ना सा चित्तनदी कल्याणाय वहति।
• कैवल्य (मुक्ति) की ओर ले जानेवाली विवेकयुक्त वह चित्तनदी की धारा कल्याण के लिए बहती है।
संसारप्राग्भारा अविवेकविषयनिम्ना सा पापाय वहति।
• संसार की ओर ले जानेवाली अविवेक से युक्त वह पाप के लिए बहती है (अवनति की ओर ले जाती है)।
#vakyabhyas
(कश्चन कृशकायः पुरुषः स्वस्थूलां भार्यां पृच्छति)
पुरुषः - एतत् तु वदतु यत् , कष्टानि सहमानः मरणं वरम् अथवा एकस्मिन् एव क्षणे मरणं वरं?
भार्या - एकस्मिन् क्षणे मरणम् एव वरम्।
पुरुषः - एवं चेत् , भवती स्वस्याः द्वितीयं पादम् अपि मम उपरि स्थापयतु।
😁😝
#hasya
पुरुषः - एतत् तु वदतु यत् , कष्टानि सहमानः मरणं वरम् अथवा एकस्मिन् एव क्षणे मरणं वरं?
भार्या - एकस्मिन् क्षणे मरणम् एव वरम्।
पुरुषः - एवं चेत् , भवती स्वस्याः द्वितीयं पादम् अपि मम उपरि स्थापयतु।
😁😝
#hasya