संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

*दिनांक - 21 जनवरी 2022*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत - 2078*
*शक संवत -1943*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - शिशिर*
*मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - पौष)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - तृतीया सुबह 08:51 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - मघा सुबह 09:43 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग - सौभाग्य शाम 03:06 तक तत्पश्चात शोभन*
*राहुकाल - सुबह 11:27 से दोपहर 12:50 तक*
*सूर्योदय - 07:19*
*सूर्यास्त - 18:20*
*दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
उच्छिष्टं पात्रं मृत्तोयैः शुद्ध्यति।
• जूठा बरतन मिट्टी और पानी से साफ होता है।

धातवः अग्निना शुद्ध्यन्ति।
• धातुएं अग्नि से शुद्ध होती हैं।

प्राणायामैः दोषान् दहेत्।
• प्राणायाम से दोषों को भस्म कर दें।

प्राणायामेन प्रकाशावरणम् क्षीयते।
• प्राणायाम से अज्ञान का आवरण नष्ट होता है।

योगाङ्गानुष्ठानेन ज्ञानदीप्तिर्भवति।
• योग के अंगों के अनुष्ठान से ज्ञान बढ़ता है।

मनःप्रग्रहेण आत्मानं संयच्छेत्।
• मन रूपी लगाम से आत्मा को नियंत्रित करे।

समर्थाः अपि स्वकर्मभिः वध्यमानाः दृश्यन्ते।
• समर्थ लोग भी अपने बुरे कर्मों के कारण नष्ट हुए दिखाई देते हैं।

पुण्येन पुण्यलोकं जयति।
• पुण्य कर्मों से व्यक्ति स्वर्ग को प्राप्त करता है।

पापेन पापलोकं गच्छति।
• पाप कर्मों से नरक को प्राप्त करता है।

गन्धेन गावः पश्यन्ति।
• गाएं गंध से देखती हैं।

वेदैः पश्यन्ति ब्राह्मणाः।
• ब्राह्मण वेदों से देखते हैं।

चारैः पश्यन्ति राजानः।
• राजा लोग गुप्तचरों से देखते हैं।

चक्षुर्भ्याम् इतरः जनाः पश्यन्ति।
• आंखों से अन्य लोग देखते हैं।

आत्मना आत्मानम् अन्विच्छेत्।
• अपने आप से अपने आप को जानें।

विद्यया विन्दते वसु।
• विद्या से धन प्राप्त होता है।

अविद्यया मृत्युं तरति।
• अविद्या (अपरा विद्या) से मृत्यु (शारीरिक कष्ट, बाधा, विपदाएं) से तर जाता है।

विद्यया अमृतम् अश्नुते।
• विद्या (परा विद्या) से अमृत (मोक्ष सुख) को प्राप्त कर लेता है।

न वित्तेन तर्पणीयो मनुष्यः।
• मानव को धन से कभी तृप्त नहीं किया जा सकता।

#vakyabhyas
सङ्क्षेपरामायणम्
(महर्षिवाल्मीकिप्रणीत-रामायण-बालकाण्ड-प्रथमसर्ग-रूपम्)

ूलश्लोकः-88
पुनराख्यायिकां जल्पन् सुग्रीवसहितस्तदा।
पुष्पकं तत्समारुह्य नन्दिग्रामं ययौ तदा।।88।।

श्लोकान्वयः -
तदा सुग्रीवसहित: (राम:) तत्‌ पुष्पकं पुन: समारुह्य
आख्यायिकाम्‌ जल्पन्‌ तदा नन्दिग्रामं ययौ।।88।।

हिन्दी-अनुवाद -
भरद्वाज जी के आश्रम से निकलकर सुग्रीव आदि के सहित श्रीराम पुन: पुष्पकविमान पर
आरूढ होकर भरतसम्बन्धि वृत्तन्त को कहते हुए उनके वासस्थान नन्दिग्राम को चले।।88।।

English Meaning

पुन: again, सुग्रीवसहित: accompanied by Sugriva, स: Rama, आख्यायिकाम् recalling earlier incidents, जल्पन् conversing with each other, तदा then, तत् पुष्पकं समारुह्य mounting on that Pushpaka, नन्दिग्रामम् to Nandigrama, ययौ departed.

Again accompanied by Sugriva and recalling earlier incidents and after both of them discussed with each other, Rama departed to Nandigrama riding that pushpaka chariot.

#SankshepaRamayanam
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

Duration : 30 minutes only
Time : IST 11:00 AM 🕚
Topic : Gossip.
जल्पनम्
Date : 22ndJanuary 2022,
Saturday.
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Audio
श्रीमद्भगवद्गीता [06.47]
🍃योगिनामपि सर्वेषां मद्गतेनान्तरात्मना। 
श्रद्धावान्भजते यो मां स मे युक्ततमो मतः
।।6.47।। 

♦️yoginaamapi sarveShaaM madgatenaantaraatmanaa|
shraddhaavaanbhajate yo maaM sa me yuktatamo mataH6.47

6.47 And among all the Yogis he who, full of faith and with his inner self merged in Me, worships Me is deemed by Me to be the most devout. 

।।6.47।। समस्त योगियों में जो भी श्रद्धावान् योगी मुझ में युक्त हुये अन्तरात्मा से (अर्थात् एकत्व भाव से मुझे भजता है वह मुझे युक्ततम (सर्वश्रेष्ठ) मान्य है।। 

#geeta
CD Track
श्रीमद्भगवद्गीता [07.01]
🍃मय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः। 
असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु
।।7.1।। 

♦️shrii bhagavaanuvaacha
mayyaasaktamanaaH paartha yogaM yu~njanmadaashrayaH|
asaMshayaM samagraM maaM yathaa j~naasyasi tachChRRiNu7.1

7.1 The Blessed Lord said -- 
O Arjuna, hear how you shall without doubt know Me fully, with the mind intent on Me, practising Yoga and taking refuge in Me. 

।।7.1।। हे पार्थ मुझमें असक्त हुए मन वाले तथा मदाश्रित होकर योग का अभ्यास करते हुए जिस प्रकार तुम मुझे समग्ररूप से बिना किसी संशय के जानोगे वह सुनो।। 
#geeta
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
🚩तिथि - चतुर्थी सुबह ०९:१४ तक तत्पश्चात पंचमी

दिनांक - २२ जनवरी २०२२
दिन - शनिवार
शक संवत -१९४३
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - माघ
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह १०:३८ तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - शोभन दोपहर ०२:०७ तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल - सुबह १०:०४ से सुबह ११:२७ तक
सूर्योदय - ०७:१९
सूर्यास्त - १८:२१
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

Duration : 30 minutes only
Time : IST 11:00 AM 🕚
Topic : Gossip.
जल्पनम्
Date : 22ndJanuary 2022,
Saturday.
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