अधि+स्था- सप्तमी के स्थान पर हमेशा द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
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(१) राम अपने बीमार ससुर की सेवा करने के लिए अपने आवश्यक काम को छोड़कर रात और दिन अस्पताल में ही रहेंगे
= राम: आत्मनो रुग्णं श्वसुरं विरक्षितुं स्वावश्यकानि कार्याणि त्यक्त्वा दिवानिशं चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यति।
(२) विवाह समारोह खत्म होने के बाद अब पति और पत्नी अपने रिश्तेदार के यहां नहीं रहेंगे क्योंकि उनदोनों को घर पर भी अपना काम-धाम देखना है
= विवाहसमारोहात्परमिदानीं भर्ता भार्या च सम्बन्धीगृहं नाधिष्ठास्यत: , यतः ताभ्यां स्वगृहं गत्वा आवश्यककार्याणि करणीयानि।
(३) सरकारी आदेश के अनुसार , कोरोना काल में सभी लोग अपने अपने घर में ही रहेंगे
= सर्वकारीयादेशानुसारं , कोरोनाकाले सर्वे जना: स्वकीयं - स्वकीयं गृहमेव अधिष्ठास्यन्ति।
(४) कोरोना काल में तुम घर पर ही रहोगे
= कोरोनाकाले त्वं गृहमेव अधितिष्ठ।
(५) तुम दोनों घर पर ही रहोगे क्योंकि बाहर जाने पर कोरोना होने का डर है
= युवां गृहमेव अधितिष्ठतम् , यतोहि बहिर्स्थाने कोरोनासङ्क्रमणस्य भयमस्ति।
(६) जब तक कोरोना का कहर चल रहा है, तब तक तुमलोगों को घर पर ही रहना है
= यावत् कोरोणाया: आतङ्क: अस्ति, तावत् यूयं गृहमेव आधितिष्ठत।
(७)पिता (ससुर) जी! जब तक आप ठीक नहीं हो जायेंगे, तब तब मैं आपकी देखभाल करने के लिए अस्पताल में ही रहुंगा
=हे श्वसुर महोदय! यावद् भवान् स्वस्थो न भूयात् ,तावद् अहं भवत: विरक्षणाय चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यामि।
(८) हमदोनों उस होटल में नहीं ठहरेंगे क्योंकि इस होटल का चार्ज बहुत महंगा है और सुविधाएं भी कुछ नहीं है
= आवां तं वासगृहं नाधिष्ठास्यावः, यतः तस्मिन् वासगृहे स्थानस्य भाटकम् अत्यधिकं वर्तते, अपिच सौविध्यमपि तावत् किमपि नास्ति।
(९)ट्रेन आने तक हमलोगों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना है
= यावत् रेलयानं नागच्छति , तावद् अस्माभि: रेलयानस्थानकमेव अधिष्ठातव्यम् ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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(१) राम अपने बीमार ससुर की सेवा करने के लिए अपने आवश्यक काम को छोड़कर रात और दिन अस्पताल में ही रहेंगे
= राम: आत्मनो रुग्णं श्वसुरं विरक्षितुं स्वावश्यकानि कार्याणि त्यक्त्वा दिवानिशं चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यति।
(२) विवाह समारोह खत्म होने के बाद अब पति और पत्नी अपने रिश्तेदार के यहां नहीं रहेंगे क्योंकि उनदोनों को घर पर भी अपना काम-धाम देखना है
= विवाहसमारोहात्परमिदानीं भर्ता भार्या च सम्बन्धीगृहं नाधिष्ठास्यत: , यतः ताभ्यां स्वगृहं गत्वा आवश्यककार्याणि करणीयानि।
(३) सरकारी आदेश के अनुसार , कोरोना काल में सभी लोग अपने अपने घर में ही रहेंगे
= सर्वकारीयादेशानुसारं , कोरोनाकाले सर्वे जना: स्वकीयं - स्वकीयं गृहमेव अधिष्ठास्यन्ति।
(४) कोरोना काल में तुम घर पर ही रहोगे
= कोरोनाकाले त्वं गृहमेव अधितिष्ठ।
(५) तुम दोनों घर पर ही रहोगे क्योंकि बाहर जाने पर कोरोना होने का डर है
= युवां गृहमेव अधितिष्ठतम् , यतोहि बहिर्स्थाने कोरोनासङ्क्रमणस्य भयमस्ति।
(६) जब तक कोरोना का कहर चल रहा है, तब तक तुमलोगों को घर पर ही रहना है
= यावत् कोरोणाया: आतङ्क: अस्ति, तावत् यूयं गृहमेव आधितिष्ठत।
(७)पिता (ससुर) जी! जब तक आप ठीक नहीं हो जायेंगे, तब तब मैं आपकी देखभाल करने के लिए अस्पताल में ही रहुंगा
=हे श्वसुर महोदय! यावद् भवान् स्वस्थो न भूयात् ,तावद् अहं भवत: विरक्षणाय चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यामि।
(८) हमदोनों उस होटल में नहीं ठहरेंगे क्योंकि इस होटल का चार्ज बहुत महंगा है और सुविधाएं भी कुछ नहीं है
= आवां तं वासगृहं नाधिष्ठास्यावः, यतः तस्मिन् वासगृहे स्थानस्य भाटकम् अत्यधिकं वर्तते, अपिच सौविध्यमपि तावत् किमपि नास्ति।
(९)ट्रेन आने तक हमलोगों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना है
= यावत् रेलयानं नागच्छति , तावद् अस्माभि: रेलयानस्थानकमेव अधिष्ठातव्यम् ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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पश्य मैथिली चित्रकूटवनम्। संस्कृतगानम्। #song
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अध्यापकः--शर्करम् उपयुज्य एकवाक्यस्य निर्माणं कुरु।🥸
छात्रः -- अहं चायापानं कृतवान्।😏
अध्यापकः -- रे! शर्करः कुत्र?😡
छात्रः -- तत् चायापानेऽस्ति भोः।😉
#hasya
छात्रः -- अहं चायापानं कृतवान्।😏
अध्यापकः -- रे! शर्करः कुत्र?😡
छात्रः -- तत् चायापानेऽस्ति भोः।😉
#hasya
योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागताः।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः।।1.23।।
कस्य प्रियं कर्तुम् इच्छुकानां विषये अर्जुनः वदति स्म।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः।।1.23।।
कस्य प्रियं कर्तुम् इच्छुकानां विषये अर्जुनः वदति स्म।
Anonymous Quiz
22%
धृतराष्ट्रस्य
63%
धृतराष्ट्रपुत्राणाम्
8%
पाण्डुपुत्राणाम्
7%
स्वस्य
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
🗓१५/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायस्य भावः स्वशब्दैः वक्तव्यः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
🗓१५/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
🍃न प्राप्यति सम्माने नापमाने च कुप्यति।
न क्रुद्ध: परुषं ब्रूयात् स वै साधूत्तम: स्मृत:।।
🔆 यः सम्मानं प्राप्य न मोदते न च अपमानं प्राप्य खिन्नो भवति तथैव क्रोधे सत्यपि न कर्कशं वदति तादृशः जनः साधुः भवति।
⚜सन्त वही है जो सम्मान पाकर हर्षित नही होता, अपमान होने पर क्रोधित नही होता तथा स्वयं क्रोधित होने पर कठोर शब्द नही बोलता।
#Subhashitam
न क्रुद्ध: परुषं ब्रूयात् स वै साधूत्तम: स्मृत:।।
🔆 यः सम्मानं प्राप्य न मोदते न च अपमानं प्राप्य खिन्नो भवति तथैव क्रोधे सत्यपि न कर्कशं वदति तादृशः जनः साधुः भवति।
⚜सन्त वही है जो सम्मान पाकर हर्षित नही होता, अपमान होने पर क्रोधित नही होता तथा स्वयं क्रोधित होने पर कठोर शब्द नही बोलता।
#Subhashitam
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 12:55 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 14 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल सुबह 09:47 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - गण्ड दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 01:55 से 03:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:12
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 05:56 से रात्रि 07:10 तक)
⛅ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 12:55 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 14 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल सुबह 09:47 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - गण्ड दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 01:55 से 03:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:12
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 05:56 से रात्रि 07:10 तक)
⛅ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang