🍃
♦️sarvendriyaguNaabhaasaM sarvendriyavivarjitam|
asaktaM sarvabhRRichchaiva nirguNaM guNabhoktRRi cha
⚜Shining by the functions of all the senses, yet without the senses; unattached, yet supporting all; devoid of alities, yet their experiencer. (13.15)
⚜वह समस्त इन्द्रियों के गुणो (कार्यों) के द्वारा प्रकाशित होने वाला परन्तु (वस्तुत) समस्त इन्द्रियों से रहित है आसक्ति रहित तथा गुण रहित होते हुए भी सबको धारणपोषण करने वाला और गुणों का भोक्ता है।।13.15।।
#geeta
सर्वेन्द्रियगुणाभासं सर्वेन्द्रियविवर्जितम्।
असक्तं सर्वभृच्चैव निर्गुणं गुणभोक्तृ च
।।13.15।।♦️sarvendriyaguNaabhaasaM sarvendriyavivarjitam|
asaktaM sarvabhRRichchaiva nirguNaM guNabhoktRRi cha
⚜Shining by the functions of all the senses, yet without the senses; unattached, yet supporting all; devoid of alities, yet their experiencer. (13.15)
⚜वह समस्त इन्द्रियों के गुणो (कार्यों) के द्वारा प्रकाशित होने वाला परन्तु (वस्तुत) समस्त इन्द्रियों से रहित है आसक्ति रहित तथा गुण रहित होते हुए भी सबको धारणपोषण करने वाला और गुणों का भोक्ता है।।13.15।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - त्रयोदशी अपरान्ह 03:22 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅️ दिनांक - 14 मई 2022
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ विक्रम संवत - 2079
⛅️ शक संवत - 1944
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - वैशाख
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - चित्रा शाम 05:28 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅️ योग - सिद्धि अपरान्ह 12:59 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅️ राहुकाल - सुबह 09:18 से 10:57 तक
⛅️ सर्योदय - 05:59
⛅️ सर्यास्त - 07:13
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:33 से 05:16 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - त्रयोदशी अपरान्ह 03:22 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅️ दिनांक - 14 मई 2022
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ विक्रम संवत - 2079
⛅️ शक संवत - 1944
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - वैशाख
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - चित्रा शाम 05:28 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅️ योग - सिद्धि अपरान्ह 12:59 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅️ राहुकाल - सुबह 09:18 से 10:57 तक
⛅️ सर्योदय - 05:59
⛅️ सर्यास्त - 07:13
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:33 से 05:16 तक
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰अविस्मरणीया घटना
🗓14th May2022, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (भवतां जीवनस्य अविस्मरणीयाम् उत्तमां शिक्षाप्रदायिनीं घटनां श्रावयन्तु ) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰अविस्मरणीया घटना
🗓14th May2022, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (भवतां जीवनस्य अविस्मरणीयाम् उत्तमां शिक्षाप्रदायिनीं घटनां श्रावयन्तु ) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/Hx9gAvxyGBY
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news.
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news.
YouTube
वार्ता: मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास इमारत में लगी भीषण आग में 27 लोगों की मौत | संस्कृत में समाचार
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
🍃
♦️osanskritaacharyaofficial laalayet panchavarShaaNi dashavarshaaNi taaDayet praapte tu ShoDashe varShe putraM mitravadaacharet
⚜पाँच साल तक के बच्चों को खूब लाड़ प्यार देना चाहिए। दस वर्ष तथा उसके बाद उसे कठोरतापूर्वक शिक्षा देनी चाहिए। सोलह साल के होने
पर मित्र की तरह बरताव करना योग्य है।
⚜Kids, until and above the age of five, should be showered with affection. Kids, until and above the age of 10, must be disciplined strictly. Kids, after reaching the age of 16, must be treated like a friend.
🔅बालकस्य बालिकायाः वा प्रेम्णा लालनं पञ्चवर्षवयपर्यन्तं कर्तव्यं ततः दशवर्षवयपर्यन्तं लालनेन सह ताडनम् अपि कर्तव्यं तथा सः/सा यदा षोडशवर्षस्य भवति तदा तेन/तया सह मित्रवत् आचरणं कार्यम्।
#Subhashitam
लालयेत् पञ्चवर्षाणि दशवर्षाणि ताडयेत् ।
प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत्
॥♦️osanskritaacharyaofficial laalayet panchavarShaaNi dashavarshaaNi taaDayet praapte tu ShoDashe varShe putraM mitravadaacharet
⚜पाँच साल तक के बच्चों को खूब लाड़ प्यार देना चाहिए। दस वर्ष तथा उसके बाद उसे कठोरतापूर्वक शिक्षा देनी चाहिए। सोलह साल के होने
पर मित्र की तरह बरताव करना योग्य है।
⚜Kids, until and above the age of five, should be showered with affection. Kids, until and above the age of 10, must be disciplined strictly. Kids, after reaching the age of 16, must be treated like a friend.
🔅बालकस्य बालिकायाः वा प्रेम्णा लालनं पञ्चवर्षवयपर्यन्तं कर्तव्यं ततः दशवर्षवयपर्यन्तं लालनेन सह ताडनम् अपि कर्तव्यं तथा सः/सा यदा षोडशवर्षस्य भवति तदा तेन/तया सह मित्रवत् आचरणं कार्यम्।
#Subhashitam
"अभूत्" अत्र कः लकारः अस्ति?
Anonymous Quiz
9%
लट्लकारः
10%
लृट्लकारः
17%
लोट्लकारः
27%
लृङ्लकारः
37%
लुङ्लकारः
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृतं वद आधुनिको भव। वेदान् पठ वैज्ञानिको भव।। पाठ: (38) कृदन्त (5) क्त्वा प्रत्यय (एक वाक्य में प्रयुक्त दो अथवा दो से ज्यादा क्रियाओं का कर्त्ता यदि समान है, तो पूर्वकाल वाली क्रियाओं में क्त्वा प्रत्यय का प्रयोग होता है। क्त्वा प्रत्यय का अर्थ है ‘करके’।…
दुग्धं खादित्वा रोटिकाञ्च पीत्वा भुञ्जीत
= दूध को खाकर और रोटी को पीकर खाएं।
लवणं अशित्वा दुग्धं मा पिबेत्
= नमकीन भोजन खाकर दूध न पीएं।
स्थित्वा कदापि जलं न पिबेत्
= खडे़ होकर कभी भी पानी न पीएं।
स्थित्वा अटित्वा च भोजनं पश्वाचारः
= खड़े होकर घूमकर खाना पशुओं की रीति है।
ग्रीष्मर्त्ताै शिथिलानि कार्पास-वस्त्राणि धृत्वा सुखिनः स्याम
= गरमी में खुले सूती वस्त्र पहनकर सुख से रहें।
पत्रं लिखित्वा समाचार-ज्ञापनं खपत्रेण लुप्तप्रायं सञ्जातम्
= पत्र लिखकर हाल सुनाना ई-मेल के कारण लगभग लुप्त सा हो गया है।
माता रोटिकां वेल्लित्वा भृष्ट्वा घृतं नियोजयति
= मां रोटी बेलकर, सेककर, उसपर घी लगा रही है।
पुरा भर्ज्जकः भ्राष्ट्रे चणकान् भृष्ट्वा ददाति स्म
= पहले के समय में बड़भुजा भाड़ में चने भूनकर देता था।
श्रुत्वा स्पृष्ट्वा च दृष्ट्वा च भुक्त्वा घ्रात्वा च यो नरः।
न हृष्यति ग्लायति वा स विज्ञेयो जितेन्द्रियः।।
= जो मनुष्य (सुखद या दुःखद) बातों को सुनकर, छूकर, सूंघकर, न तो प्रसन्न होता है न हि अप्रसन्न होता है, उसे ही जितेन्द्रिय जानना चाहिए।
कर्मजं बुद्धियुक्ता हि फलं त्यक्त्वा मनीषिणः।
जन्मबन्धविनिर्मुक्ता पदं गच्छन्त्यनामयं।।
= बुद्धि से युक्त ज्ञानी लोग कर्म से उत्पन्न होनेवाले फल (की आकांक्षा) को त्यागकर होनेवाले जन्म के बन्धन से मुक्त हुए दुःखविहीन स्थिति को प्राप्त करते हैं।
विद्यां चाऽविद्यां च यस्तद्वेदोभयं सह।
अविद्यया मृत्युं तीर्त्वा विद्ययामृतमश्नुते।।
= जो मनुष्य विद्या (यथार्थ ज्ञान) और अविद्या (कर्म और उपासना) इन दोनों को साथ-साथ जानता है (आचरण में लाता है), वह अविद्या से मृत्यु को जीतकर विद्या से मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
अज्ञानप्रभवो लोभो भूतानां दृश्यते सदा।
अस्थिरत्वं च भोगानां दृष्ट्वा ज्ञात्वा निवर्त्तते।।
= यह देखा जाता है कि प्राणियों में जो लोभ है वह सदा अज्ञान के कारण ही उत्पन्न होता है। सांसारिक भोगों की अस्थिरता को देखने और अच्छी प्रकार जान लेने पर लोभ की निवृत्ति हो जाती है।
पृथिवी रत्नसम्पूर्णा हिरण्यं पशवः स्त्रियः।
नाऽलमेकस्य तत्सर्वमिति मत्वा शमं व्रजेत्।।
= रत्नों से भरी हुई पृथ्वी, सोना, पशु और स्त्रियां ये सभी एक मनुष्य के लिए भी पर्याप्त नहीं हैं, ऐसा विचार कर मनुष्य शान्ति को धारण करे।
गृहीत्वा दक्षिणां विप्रास्त्यजन्ति यजमानकम्।
प्राप्तविद्या गुरुं शिष्या दग्धारण्यं मृगास्तथा।।
= ब्राह्मण दक्षिणा लेकर यजमान को, शिष्य विद्याप्राप्ति के बाद गुरु को और पशु जले हुए वन को त्याग देते हैं।
निर्धनं पुरुषं वेश्या प्रजा भग्नं नृपं त्यजेत्।
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्त्वा चाऽभ्यागता गृहम्।।
= वेश्या निर्धन मनुष्य को, प्रजा पराजित राजा को, पक्षी फलरहित वृक्ष को और अतिथि भोजन करके यजमान के घर को छोड़ देते हैं।
न स्वसुखे वै कुरुते प्रहर्षं चान्यस्य दुःखे भवति विषादी।
दत्त्वा न पश्चात् कुरुतेऽनुतापं स कथ्यते सत्पुरुषार्यशीलः।।
= जो पुरुष अपने सुख में प्रसन्न नहीं होता, दूसरे के दुःख में दुःखी हो जाता है, और दान देकर पश्चाताप नहीं करता, वही सज्जनों में आर्यपुरुष गिना जाता है।
#vakyabhyas
= दूध को खाकर और रोटी को पीकर खाएं।
लवणं अशित्वा दुग्धं मा पिबेत्
= नमकीन भोजन खाकर दूध न पीएं।
स्थित्वा कदापि जलं न पिबेत्
= खडे़ होकर कभी भी पानी न पीएं।
स्थित्वा अटित्वा च भोजनं पश्वाचारः
= खड़े होकर घूमकर खाना पशुओं की रीति है।
ग्रीष्मर्त्ताै शिथिलानि कार्पास-वस्त्राणि धृत्वा सुखिनः स्याम
= गरमी में खुले सूती वस्त्र पहनकर सुख से रहें।
पत्रं लिखित्वा समाचार-ज्ञापनं खपत्रेण लुप्तप्रायं सञ्जातम्
= पत्र लिखकर हाल सुनाना ई-मेल के कारण लगभग लुप्त सा हो गया है।
माता रोटिकां वेल्लित्वा भृष्ट्वा घृतं नियोजयति
= मां रोटी बेलकर, सेककर, उसपर घी लगा रही है।
पुरा भर्ज्जकः भ्राष्ट्रे चणकान् भृष्ट्वा ददाति स्म
= पहले के समय में बड़भुजा भाड़ में चने भूनकर देता था।
श्रुत्वा स्पृष्ट्वा च दृष्ट्वा च भुक्त्वा घ्रात्वा च यो नरः।
न हृष्यति ग्लायति वा स विज्ञेयो जितेन्द्रियः।।
= जो मनुष्य (सुखद या दुःखद) बातों को सुनकर, छूकर, सूंघकर, न तो प्रसन्न होता है न हि अप्रसन्न होता है, उसे ही जितेन्द्रिय जानना चाहिए।
कर्मजं बुद्धियुक्ता हि फलं त्यक्त्वा मनीषिणः।
जन्मबन्धविनिर्मुक्ता पदं गच्छन्त्यनामयं।।
= बुद्धि से युक्त ज्ञानी लोग कर्म से उत्पन्न होनेवाले फल (की आकांक्षा) को त्यागकर होनेवाले जन्म के बन्धन से मुक्त हुए दुःखविहीन स्थिति को प्राप्त करते हैं।
विद्यां चाऽविद्यां च यस्तद्वेदोभयं सह।
अविद्यया मृत्युं तीर्त्वा विद्ययामृतमश्नुते।।
= जो मनुष्य विद्या (यथार्थ ज्ञान) और अविद्या (कर्म और उपासना) इन दोनों को साथ-साथ जानता है (आचरण में लाता है), वह अविद्या से मृत्यु को जीतकर विद्या से मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।
अज्ञानप्रभवो लोभो भूतानां दृश्यते सदा।
अस्थिरत्वं च भोगानां दृष्ट्वा ज्ञात्वा निवर्त्तते।।
= यह देखा जाता है कि प्राणियों में जो लोभ है वह सदा अज्ञान के कारण ही उत्पन्न होता है। सांसारिक भोगों की अस्थिरता को देखने और अच्छी प्रकार जान लेने पर लोभ की निवृत्ति हो जाती है।
पृथिवी रत्नसम्पूर्णा हिरण्यं पशवः स्त्रियः।
नाऽलमेकस्य तत्सर्वमिति मत्वा शमं व्रजेत्।।
= रत्नों से भरी हुई पृथ्वी, सोना, पशु और स्त्रियां ये सभी एक मनुष्य के लिए भी पर्याप्त नहीं हैं, ऐसा विचार कर मनुष्य शान्ति को धारण करे।
गृहीत्वा दक्षिणां विप्रास्त्यजन्ति यजमानकम्।
प्राप्तविद्या गुरुं शिष्या दग्धारण्यं मृगास्तथा।।
= ब्राह्मण दक्षिणा लेकर यजमान को, शिष्य विद्याप्राप्ति के बाद गुरु को और पशु जले हुए वन को त्याग देते हैं।
निर्धनं पुरुषं वेश्या प्रजा भग्नं नृपं त्यजेत्।
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्त्वा चाऽभ्यागता गृहम्।।
= वेश्या निर्धन मनुष्य को, प्रजा पराजित राजा को, पक्षी फलरहित वृक्ष को और अतिथि भोजन करके यजमान के घर को छोड़ देते हैं।
न स्वसुखे वै कुरुते प्रहर्षं चान्यस्य दुःखे भवति विषादी।
दत्त्वा न पश्चात् कुरुतेऽनुतापं स कथ्यते सत्पुरुषार्यशीलः।।
= जो पुरुष अपने सुख में प्रसन्न नहीं होता, दूसरे के दुःख में दुःखी हो जाता है, और दान देकर पश्चाताप नहीं करता, वही सज्जनों में आर्यपुरुष गिना जाता है।
#vakyabhyas
♥️ Sansgreet ♥️
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰〰〰〰
Sanskrit greetings App
Download link
https://livesanskrit.com/sansgreet
Sansgreet - संस्कृत में आशंसापत्र भेजने का मोबैल आप। महद्व्यक्तियों के जन्मदिन, स्मृति दिवस, अन्य विशेष दिवस, राष्ट्रीय एवं अन्ताराष्ट्रीय दिवस समारोह एवं नवरात्रि, दिवाली, जन्मदिन, शादी आदि के सन्दर्भ में उचित आशंसा भेजने के लिए तथा सुप्रभात और शुभरात्रि की शुभकामनाएं भेजने के लिए भी उचित आशंसापत्र इस में उपलब्ध हैं। अपने जीवन में संस्कृत भाषा का स्पर्श हमेशा अनुभव करें। अपने प्रियजनों को आशंसा सन्देश संस्कृत में भेजिए।
〰️〰️〰️〰️〰️〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
Download link
https://livesanskrit.com/sansgreet
संस्कृतभाषायां सन्देशान् सम्प्रेषयितुमुपयुज्यतामयं Sansgreet नामानुप्रयोगः (Android Mobile App) | महद्व्यक्तीनां जन्मदिनानि, स्मृतिदिनानि, अन्यानि विशेषदिनानि,देशीयान्तर्देशीयोत्सवाः,नवरात्रदीपावलीप्रभृतयः उत्सवाः, जन्मदिनं, विवाहः इत्यादिषु अवसरेषु तथा प्रतिदिनाभिवादनार्थं चाशंसापत्राणि उपलभ्यन्ते। आप्नुयात्संस्कृतस्पर्शनं दैनिकजीवने। प्रियजनेभ्यः प्रेष्यताम् आशिषः संस्कृते।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
Download link
https://livesanskrit.com/sansgreet
Greetings sharing app in Sanskrit.
Brings you Greeting cards suitable for any occasion like Birthdays of great personalities, Remembrance Day, National and International Day Celebrations , Festivals Birthdays, Weddings.
Feel the Sanskrit language in every moment... Share Sanskrit with loved ones.
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🟥⬜️🟧⬜️🟨⬜️🟩⬜️🟦⬜️🟪⬜️🟫
©team Livesanskrit
🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰〰〰〰
Sanskrit greetings App
Download link
https://livesanskrit.com/sansgreet
Sansgreet - संस्कृत में आशंसापत्र भेजने का मोबैल आप। महद्व्यक्तियों के जन्मदिन, स्मृति दिवस, अन्य विशेष दिवस, राष्ट्रीय एवं अन्ताराष्ट्रीय दिवस समारोह एवं नवरात्रि, दिवाली, जन्मदिन, शादी आदि के सन्दर्भ में उचित आशंसा भेजने के लिए तथा सुप्रभात और शुभरात्रि की शुभकामनाएं भेजने के लिए भी उचित आशंसापत्र इस में उपलब्ध हैं। अपने जीवन में संस्कृत भाषा का स्पर्श हमेशा अनुभव करें। अपने प्रियजनों को आशंसा सन्देश संस्कृत में भेजिए।
〰️〰️〰️〰️〰️〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
Download link
https://livesanskrit.com/sansgreet
संस्कृतभाषायां सन्देशान् सम्प्रेषयितुमुपयुज्यतामयं Sansgreet नामानुप्रयोगः (Android Mobile App) | महद्व्यक्तीनां जन्मदिनानि, स्मृतिदिनानि, अन्यानि विशेषदिनानि,देशीयान्तर्देशीयोत्सवाः,नवरात्रदीपावलीप्रभृतयः उत्सवाः, जन्मदिनं, विवाहः इत्यादिषु अवसरेषु तथा प्रतिदिनाभिवादनार्थं चाशंसापत्राणि उपलभ्यन्ते। आप्नुयात्संस्कृतस्पर्शनं दैनिकजीवने। प्रियजनेभ्यः प्रेष्यताम् आशिषः संस्कृते।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
Download link
https://livesanskrit.com/sansgreet
Greetings sharing app in Sanskrit.
Brings you Greeting cards suitable for any occasion like Birthdays of great personalities, Remembrance Day, National and International Day Celebrations , Festivals Birthdays, Weddings.
Feel the Sanskrit language in every moment... Share Sanskrit with loved ones.
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🟥⬜️🟧⬜️🟨⬜️🟩⬜️🟦⬜️🟪⬜️🟫
©team Livesanskrit
🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅
@samskrt_samvadah प्रारंभ करता है, संस्कृताश्रमः - संस्कृतशिक्षण की लघु कक्षाऐं
⏳20 मिनट
🕚 09:00 PM 🇮🇳
🔰 क्त्वा प्रत्ययः
🗓14th मई 2022, शनिवासरः
🔴 कक्षाओं की प्रति हमारे युट्युब चैनल पर डाली जायेगी
कृपया अलार्म लगा लें और विलंब से न आयें।
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
⏳20 मिनट
🕚 09:00 PM 🇮🇳
🔰 क्त्वा प्रत्ययः
🗓14th मई 2022, शनिवासरः
🔴 कक्षाओं की प्रति हमारे युट्युब चैनल पर डाली जायेगी
कृपया अलार्म लगा लें और विलंब से न आयें।
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
Priest - Son ! It's understood from your breath that you have drunk too much. So you won't get entry into heaven.
Drunkard - Is it so father ? Don't worry. After death, I'll leave my breath here before going up
*******
#hasya
Drunkard - Is it so father ? Don't worry. After death, I'll leave my breath here before going up
*******
#hasya