संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
विजयदशमी नवरात्रं च
#samlapshala
#samlapshala
🍃
(जाबादर्शनोपनिषद् - ४/५०)
🔆 यः जनः हस्ते विद्यमानं आत्मतीर्थं (उत्तमशरीरम् इत्यादिकम्) त्यक्त्वा बहिः एव विद्यमानेषु तीर्थेषु विरमते सः तादृशः यः महारत्नं त्यक्त्वा काचं लब्धुं प्रयतते (अर्थात् शरीरोपयोगः धर्मकार्येषु करणीयः)।
⚜जो आत्म-तीर्थ का त्याग करके बाहर के तीर्थों में भटकता फिरता है, वह मानो हाथ में रखे महारत्न को त्यागकर कांच खोजता फिरता है।
#Subhashitam
आत्मतीर्थं समुत्सृज्य बहिस्तीर्थानि यो व्रजेत्।
करस्थं स महारत्नं त्यक्त्वा काचं विमार्गते
।।(जाबादर्शनोपनिषद् - ४/५०)
🔆 यः जनः हस्ते विद्यमानं आत्मतीर्थं (उत्तमशरीरम् इत्यादिकम्) त्यक्त्वा बहिः एव विद्यमानेषु तीर्थेषु विरमते सः तादृशः यः महारत्नं त्यक्त्वा काचं लब्धुं प्रयतते (अर्थात् शरीरोपयोगः धर्मकार्येषु करणीयः)।
⚜जो आत्म-तीर्थ का त्याग करके बाहर के तीर्थों में भटकता फिरता है, वह मानो हाथ में रखे महारत्न को त्यागकर कांच खोजता फिरता है।
#Subhashitam
दर्जी के दूकान में बातचीत
------------------------------
दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं?
(सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?)
--
शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए ।
(भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।)
-------
दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग सुट बनाने में एक्सपर्ट हैं।
(आम्।सहर्षम्। वयं चोलपरिधाननिर्माणकलायां विशेषज्ञा: स्म:।)
-----
शैलेन्द्र = इसमें अच्छा अस्तर देना न भूलिएगा।
(एतस्मिन् उत्तमम् अन्तराच्छादनं संयोक्तुं मा विस्मरतात् )
------
(दर्जी ने शैलेन्द्र को सूट का एलबम दिखाता है = सौचिक: शैलेन्द्रं चोलपरिधानस्यस्य चित्रावलीं दर्शयति।)
दर्जी= आपको कौन- सी डिजाइन पसंद है?
( भवते कतमं शिल्परचनं रोचते?)
-------
शैलेन्द्र = मुझे लेटेस्ट मोडर्न डिजाइन अच्छा लगता है।मुझे इस सुट का डिजाइन बहुत पसंद है।
(अभिनवं शिल्परचनं कामयेऽहम् ।मह्यम् एतस्य चोलपरिधानस्य शिल्परचनम् अति रोचते।)
------
दर्जी= ठीक है।आप नाप दीजिए।
(अस्तु।मह्यं परिमितिं ददातु।)
-----
शैलेन्द्र = इस सुट को छाती पर थोड़ा छोटा होना चाहिए।
( एतत् चोलपरिधानं वक्षस्स्थले किञ्चित् अशिथिरं भवेत्।)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं?
(सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?)
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शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए ।
(भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।)
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दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग सुट बनाने में एक्सपर्ट हैं।
(आम्।सहर्षम्। वयं चोलपरिधाननिर्माणकलायां विशेषज्ञा: स्म:।)
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शैलेन्द्र = इसमें अच्छा अस्तर देना न भूलिएगा।
(एतस्मिन् उत्तमम् अन्तराच्छादनं संयोक्तुं मा विस्मरतात् )
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(दर्जी ने शैलेन्द्र को सूट का एलबम दिखाता है = सौचिक: शैलेन्द्रं चोलपरिधानस्यस्य चित्रावलीं दर्शयति।)
दर्जी= आपको कौन- सी डिजाइन पसंद है?
( भवते कतमं शिल्परचनं रोचते?)
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शैलेन्द्र = मुझे लेटेस्ट मोडर्न डिजाइन अच्छा लगता है।मुझे इस सुट का डिजाइन बहुत पसंद है।
(अभिनवं शिल्परचनं कामयेऽहम् ।मह्यम् एतस्य चोलपरिधानस्य शिल्परचनम् अति रोचते।)
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दर्जी= ठीक है।आप नाप दीजिए।
(अस्तु।मह्यं परिमितिं ददातु।)
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शैलेन्द्र = इस सुट को छाती पर थोड़ा छोटा होना चाहिए।
( एतत् चोलपरिधानं वक्षस्स्थले किञ्चित् अशिथिरं भवेत्।)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
लृट्-लकारः (lṛṭ-lakāraḥ):
This is the simple future tense. This is used to denote that something is going to happen in the future.
Some examples are:
छात्रः श्वः विद्यालयं गमिष्यति। (chātraḥ śvaḥ vidyālayaṃ gamiṣyati।), this means, “Tomorrow, the student is going to go to school.” Here, the action of going to school is to be done in the future
लेखकः पुस्तकं लेखिष्यति। (lekhakaḥ pustakaṃ lekhiṣyati।), this means, “The author is going to write a book.” Here, the action of writing is going to be done in the future.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the simple future tense. This is used to denote that something is going to happen in the future.
Some examples are:
छात्रः श्वः विद्यालयं गमिष्यति। (chātraḥ śvaḥ vidyālayaṃ gamiṣyati।), this means, “Tomorrow, the student is going to go to school.” Here, the action of going to school is to be done in the future
लेखकः पुस्तकं लेखिष्यति। (lekhakaḥ pustakaṃ lekhiṣyati।), this means, “The author is going to write a book.” Here, the action of writing is going to be done in the future.
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#sanskritlessons
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - निर्वाचनम्
🗓२६/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (निर्वाचनसमये नेत्ॠणां स्थितिः कीदृशी भवति) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - निर्वाचनम्
🗓२६/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (निर्वाचनसमये नेत्ॠणां स्थितिः कीदृशी भवति) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 09:44 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅️ दिनांक - 26 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - हेमंत
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:27 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅️ योग - ध्रुव सुबह 08:50 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅️ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:15 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:41
⛅️ सूर्यास्त - 06:06
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 09:44 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅️ दिनांक - 26 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - हेमंत
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:27 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅️ योग - ध्रुव सुबह 08:50 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅️ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:15 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:41
⛅️ सूर्यास्त - 06:06
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
#panchang
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(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३२)
🔆 ज्ञानं तीर्थं भवति धैर्यमपि तथैव तपाचरणमपि किन्तु एतेभ्यः तीर्थेभ्यः अपि मनसः शुद्धता श्रेष्ठतरा भवति।
⚜ज्ञान तीर्थ है, धैर्य तीर्थ है, तप को भी तीर्थ कहा गया है। अन्तःकरण की परम शुद्धता को तीर्थों में भी श्रेष्ठ तीर्थ को कहा गया है।
#Subhashitam
ज्ञानं तीर्थं धृतिस्तीर्थं तपस्तीर्थमुदाहृतम्।
तीर्थानामपि तत्तीर्थं विशुद्धिर्मनसः परा
।।(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३२)
🔆 ज्ञानं तीर्थं भवति धैर्यमपि तथैव तपाचरणमपि किन्तु एतेभ्यः तीर्थेभ्यः अपि मनसः शुद्धता श्रेष्ठतरा भवति।
⚜ज्ञान तीर्थ है, धैर्य तीर्थ है, तप को भी तीर्थ कहा गया है। अन्तःकरण की परम शुद्धता को तीर्थों में भी श्रेष्ठ तीर्थ को कहा गया है।
#Subhashitam