🍃
🔆 मनुष्येण सिंहस्थ भाव्यं यदि सः स्वलक्ष्यानि अवाप्तुमिच्छति चेत्। यथा सः हरिणे पूर्णतया अवधानं दत्त्वा पूर्णसामर्थ्येन च आक्रमणं करोति।
⚜Man must behave like a lion to achieve his goal. The way a lion keeps an eye on its prey, watches it with concentration and tries to catch prey with all its strength. Similarly, human beings should also do any work with full strength and concentration.
⚜मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेर की तरह व्यवहार करना चाहिए । जिस तरह एक शेर अपने शिकार पर नजर रख एकाग्रता के साथ उसको देखता है और अपनी पूरी ताकत के साथ शिकार पकड़ने का प्रयास करता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी पूरी ताकत और
एकाग्रता के साथ कोई भी कार्य करना चाहिए।
#Subhashitam
प्रभूतं कार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारम्भेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते
॥🔆 मनुष्येण सिंहस्थ भाव्यं यदि सः स्वलक्ष्यानि अवाप्तुमिच्छति चेत्। यथा सः हरिणे पूर्णतया अवधानं दत्त्वा पूर्णसामर्थ्येन च आक्रमणं करोति।
⚜Man must behave like a lion to achieve his goal. The way a lion keeps an eye on its prey, watches it with concentration and tries to catch prey with all its strength. Similarly, human beings should also do any work with full strength and concentration.
⚜मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेर की तरह व्यवहार करना चाहिए । जिस तरह एक शेर अपने शिकार पर नजर रख एकाग्रता के साथ उसको देखता है और अपनी पूरी ताकत के साथ शिकार पकड़ने का प्रयास करता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी पूरी ताकत और
एकाग्रता के साथ कोई भी कार्य करना चाहिए।
#Subhashitam
How many इत्यस्मिन् अर्थे कः विकल्पः उचितः अस्ति।
Anonymous Quiz
19%
कियत्
8%
केचन
65%
कति
8%
केषाञ्चन
संस्कृत में वाक्याभ्यास
(उ उ उ उ उ उ उ उ उ)
(१)गांव का गांव जल गया
=सम्पूर्णग्रामः अवज्वलितः।
(२)खेत का खेत बह गया
=सम्पूर्णक्षेत्रं प्रावहत्।
(३)जंगल का जंगल कट गया
=समस्त वनम् अदहत्।
(४)पेड़ का पेड़ गिर गया
=समस्त वृक्ष: अपतत्।
(३)दिन पर दिन बीतता गया
=दिनात् परं दिनं व्यतीतमभवत्।
(४)दु:ख पर दुःख आता रहा
=दु:खात् परं दुःखं आगच्छदभवत्।
(७)घंटा पर घंटा बीत गया
=घण्टात् परं घण्टा व्यतीता अभवत्।
(८)वर्ष का वर्ष बीत गया
=वर्षात् परं वर्षं व्यतीतमभवत्।
(९)उसे ठोकर पर ठोकर मिलती रही
= सः इतस्तो विस्खलन् अभवत्।
(मुहावरे के आधार पर)
= स: सन्ततं वञ्चित: अभवत्।
(१०)उसे अपमान पर अपमान मिलता रहा
=स: सन्ततम् अपमानित: अभवत्।
(११)उसे इनाम पर इनाम मिलता रहा
= स: सन्ततं पुरस्कृत: अभवत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
(उ उ उ उ उ उ उ उ उ)
(१)गांव का गांव जल गया
=सम्पूर्णग्रामः अवज्वलितः।
(२)खेत का खेत बह गया
=सम्पूर्णक्षेत्रं प्रावहत्।
(३)जंगल का जंगल कट गया
=समस्त वनम् अदहत्।
(४)पेड़ का पेड़ गिर गया
=समस्त वृक्ष: अपतत्।
(३)दिन पर दिन बीतता गया
=दिनात् परं दिनं व्यतीतमभवत्।
(४)दु:ख पर दुःख आता रहा
=दु:खात् परं दुःखं आगच्छदभवत्।
(७)घंटा पर घंटा बीत गया
=घण्टात् परं घण्टा व्यतीता अभवत्।
(८)वर्ष का वर्ष बीत गया
=वर्षात् परं वर्षं व्यतीतमभवत्।
(९)उसे ठोकर पर ठोकर मिलती रही
= सः इतस्तो विस्खलन् अभवत्।
(मुहावरे के आधार पर)
= स: सन्ततं वञ्चित: अभवत्।
(१०)उसे अपमान पर अपमान मिलता रहा
=स: सन्ततम् अपमानित: अभवत्।
(११)उसे इनाम पर इनाम मिलता रहा
= स: सन्ततं पुरस्कृत: अभवत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
To make the season of festivals more exciting and enriching, the Centre for Indian Knowledge Systems at Chanakya University brings an online lecture series titled ‘Women’s Writings in Sanskrit’ spread across the month of November this year.
This initiative aims to explore and appreciate the poetic merits and other salient features in the writings of women in Sanskrit. Upon a survey of numerous works authored by women, one will appreciate that women writers have significantly contributed towards the enrichment of the Sanskrit language and literature. One of the important outcomes of this series is to help develop an appreciation of this less-known aspect of Sanskrit literary tradition.
All are welcome.
Registration Link - https://rb.gy/r7lxx
There is no registration fee.
Last date for registration: 04.11.2023.
All registered participants with a minimum of 70% attendance will receive a participation certificate.
Contact us –
Email: iks-centre@chanakyauniversity.edu.in
Phone: 9844210845
This initiative aims to explore and appreciate the poetic merits and other salient features in the writings of women in Sanskrit. Upon a survey of numerous works authored by women, one will appreciate that women writers have significantly contributed towards the enrichment of the Sanskrit language and literature. One of the important outcomes of this series is to help develop an appreciation of this less-known aspect of Sanskrit literary tradition.
All are welcome.
Registration Link - https://rb.gy/r7lxx
There is no registration fee.
Last date for registration: 04.11.2023.
All registered participants with a minimum of 70% attendance will receive a participation certificate.
Contact us –
Email: iks-centre@chanakyauniversity.edu.in
Phone: 9844210845
लट्-लकारः (laṭ-lakāraḥ):
This is the present tense. It is used to show that something has started in the past and is continuing into the present, or can also be used to show a routine activity, universal truth or a habit.
Some examples are:
शिक्षिका पाठयति। (śikṣikā pāṭhayati।), this means, “A teacher is teaching.” Here, an activity that has started in the past is continuing into the present.
प्रतिदिनं सः पुस्तकं पठति। (pratidinaṃ saḥ pustakaṃ paṭhati।), this means, “Every day, he reads a book.” Here, his reading a book every day is a habit.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the present tense. It is used to show that something has started in the past and is continuing into the present, or can also be used to show a routine activity, universal truth or a habit.
Some examples are:
शिक्षिका पाठयति। (śikṣikā pāṭhayati।), this means, “A teacher is teaching.” Here, an activity that has started in the past is continuing into the present.
प्रतिदिनं सः पुस्तकं पठति। (pratidinaṃ saḥ pustakaṃ paṭhati।), this means, “Every day, he reads a book.” Here, his reading a book every day is a habit.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - विजयदशमी नवरात्रं च
🗓२५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (विजयदशम्याः नवरात्रस्य च आचरणं कथं क्रियते भवद्भिः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - विजयदशमी नवरात्रं च
🗓२५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (विजयदशम्याः नवरात्रस्य च आचरणं कथं क्रियते भवद्भिः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 25 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - वृद्धि दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - दोपहर 12:24 से 01:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:41
⛅ सूर्यास्त - 06:06
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी, भरत मिलाप
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 25 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - वृद्धि दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - दोपहर 12:24 से 01:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:41
⛅ सूर्यास्त - 06:06
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी, भरत मिलाप
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
विजयदशमी नवरात्रं च
#samlapshala
#samlapshala
🍃
(जाबादर्शनोपनिषद् - ४/५०)
🔆 यः जनः हस्ते विद्यमानं आत्मतीर्थं (उत्तमशरीरम् इत्यादिकम्) त्यक्त्वा बहिः एव विद्यमानेषु तीर्थेषु विरमते सः तादृशः यः महारत्नं त्यक्त्वा काचं लब्धुं प्रयतते (अर्थात् शरीरोपयोगः धर्मकार्येषु करणीयः)।
⚜जो आत्म-तीर्थ का त्याग करके बाहर के तीर्थों में भटकता फिरता है, वह मानो हाथ में रखे महारत्न को त्यागकर कांच खोजता फिरता है।
#Subhashitam
आत्मतीर्थं समुत्सृज्य बहिस्तीर्थानि यो व्रजेत्।
करस्थं स महारत्नं त्यक्त्वा काचं विमार्गते
।।(जाबादर्शनोपनिषद् - ४/५०)
🔆 यः जनः हस्ते विद्यमानं आत्मतीर्थं (उत्तमशरीरम् इत्यादिकम्) त्यक्त्वा बहिः एव विद्यमानेषु तीर्थेषु विरमते सः तादृशः यः महारत्नं त्यक्त्वा काचं लब्धुं प्रयतते (अर्थात् शरीरोपयोगः धर्मकार्येषु करणीयः)।
⚜जो आत्म-तीर्थ का त्याग करके बाहर के तीर्थों में भटकता फिरता है, वह मानो हाथ में रखे महारत्न को त्यागकर कांच खोजता फिरता है।
#Subhashitam
दर्जी के दूकान में बातचीत
------------------------------
दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं?
(सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?)
--
शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए ।
(भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।)
-------
दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग सुट बनाने में एक्सपर्ट हैं।
(आम्।सहर्षम्। वयं चोलपरिधाननिर्माणकलायां विशेषज्ञा: स्म:।)
-----
शैलेन्द्र = इसमें अच्छा अस्तर देना न भूलिएगा।
(एतस्मिन् उत्तमम् अन्तराच्छादनं संयोक्तुं मा विस्मरतात् )
------
(दर्जी ने शैलेन्द्र को सूट का एलबम दिखाता है = सौचिक: शैलेन्द्रं चोलपरिधानस्यस्य चित्रावलीं दर्शयति।)
दर्जी= आपको कौन- सी डिजाइन पसंद है?
( भवते कतमं शिल्परचनं रोचते?)
-------
शैलेन्द्र = मुझे लेटेस्ट मोडर्न डिजाइन अच्छा लगता है।मुझे इस सुट का डिजाइन बहुत पसंद है।
(अभिनवं शिल्परचनं कामयेऽहम् ।मह्यम् एतस्य चोलपरिधानस्य शिल्परचनम् अति रोचते।)
------
दर्जी= ठीक है।आप नाप दीजिए।
(अस्तु।मह्यं परिमितिं ददातु।)
-----
शैलेन्द्र = इस सुट को छाती पर थोड़ा छोटा होना चाहिए।
( एतत् चोलपरिधानं वक्षस्स्थले किञ्चित् अशिथिरं भवेत्।)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं?
(सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?)
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शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए ।
(भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।)
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दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग सुट बनाने में एक्सपर्ट हैं।
(आम्।सहर्षम्। वयं चोलपरिधाननिर्माणकलायां विशेषज्ञा: स्म:।)
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शैलेन्द्र = इसमें अच्छा अस्तर देना न भूलिएगा।
(एतस्मिन् उत्तमम् अन्तराच्छादनं संयोक्तुं मा विस्मरतात् )
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(दर्जी ने शैलेन्द्र को सूट का एलबम दिखाता है = सौचिक: शैलेन्द्रं चोलपरिधानस्यस्य चित्रावलीं दर्शयति।)
दर्जी= आपको कौन- सी डिजाइन पसंद है?
( भवते कतमं शिल्परचनं रोचते?)
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शैलेन्द्र = मुझे लेटेस्ट मोडर्न डिजाइन अच्छा लगता है।मुझे इस सुट का डिजाइन बहुत पसंद है।
(अभिनवं शिल्परचनं कामयेऽहम् ।मह्यम् एतस्य चोलपरिधानस्य शिल्परचनम् अति रोचते।)
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दर्जी= ठीक है।आप नाप दीजिए।
(अस्तु।मह्यं परिमितिं ददातु।)
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शैलेन्द्र = इस सुट को छाती पर थोड़ा छोटा होना चाहिए।
( एतत् चोलपरिधानं वक्षस्स्थले किञ्चित् अशिथिरं भवेत्।)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas