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🔆 सुखमये समये अकस्मात् दुःखमागच्छति दुःखमये समये अकस्मात् सुखमागच्छति तयोः परस्परं तादृशं सादृश्यमस्ति यथा जलमृतिकयोः।
⚜सुखी होने की स्थिति के बीच में अचानक दुःख की स्थिति उत्पन्न हो जाना, और इसी प्रकार दुःख की स्थिति में सुख की स्थिति का उत्पन्न हो जाना, इन दोनों परिस्थितियों में समानता है और यह कहा जाता है कि वे एक दूसरे की उसी प्रकार पूरक हैं जैसे कि जल और मिट्टी मिल कर कीचड बन जाते हैं |
#Subhashitam
सुखमध्ये स्थितं दुःखं दुःखमध्ये स्थितं सुखम् |
द्व्यमन्योन्यसंयुक्तं प्रोच्यते जल पङ्कवत्
||🔆 सुखमये समये अकस्मात् दुःखमागच्छति दुःखमये समये अकस्मात् सुखमागच्छति तयोः परस्परं तादृशं सादृश्यमस्ति यथा जलमृतिकयोः।
⚜सुखी होने की स्थिति के बीच में अचानक दुःख की स्थिति उत्पन्न हो जाना, और इसी प्रकार दुःख की स्थिति में सुख की स्थिति का उत्पन्न हो जाना, इन दोनों परिस्थितियों में समानता है और यह कहा जाता है कि वे एक दूसरे की उसी प्रकार पूरक हैं जैसे कि जल और मिट्टी मिल कर कीचड बन जाते हैं |
#Subhashitam
पर्वतारोही अनिता कुण्डु
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ये ख़ाकी वर्दी मुझे बचपन से ही अच्छी लगती थी।
••बाल्यकालादेव मह्यम् इदं कपिलगणवेषं रोचते स्म।
बहुत संघर्ष किया इसको पाने के लिए।
••तत्प्राप्तुं बहु सङ्घर्षं कृतवती।
मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं एक ऐसे डिपार्टमेंट में हूं जिसको इंसान भगवान के बाद तुरंत याद करता है।
••मया गौरवान्विता अनुभूयते यत् अहम् एकस्मिन् एतादृशे विभागे अस्मि यं मनुष्यः ईश्वरात् परं सद्यः स्मरति।
हम भी कोशिश करते हैं कि उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
••तेषाम् अपेक्षानुसारं वयमपि स्वक्षमताम् सेद्धुं प्रयत्नशीलाः भवाम:।
यह एक खूबसूरत प्लेटफॉर्म है और इसके होते हमें भगवान की स्पेशल पूजा और अर्चना करने की जरूरत महसूस नहीं होती।
••इदं सुन्दरं मञ्चमस्ति एतेन च अस्माभि: ईश्वरस्य विशेषपूजार्चनस्य आवश्यकता नानुभूयते।
बल्कि इसके माध्यम से हमारे पास अनेकों भले काम करने का सुअवसर होता है।
••प्रत्युत एतेन अस्माकं कृते अनेकानि सत्कर्माणि कर्तुम् उत्तमावसरो भवति।
हरपल लोगों के दुखदर्द में खुद को खड़ा पाते हैं और अगर हमारे प्रयास से किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाये तो इससे बड़ी भक्ति हमारे लिए कोई नहीं
••वयं स्वयं सर्वेषां जनानां दुःखवेदनायाम् उपस्थिताः स्मः तथा च यदि अस्माकं प्रयत्नै: कस्यचित् मुखस्य उपरि स्मितं आनयेत् तर्हि अस्माकं कृते एतस्मात् अधिका कापि भक्तिः न विद्येत।
2013 में मैंने नेपाल की तरफ़ से एवरेस्ट फ़तेह किया।
••त्रयोदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे अहं नेपालस्य पक्षत: एवरेस्टशृङ्गं जितवान्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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ये ख़ाकी वर्दी मुझे बचपन से ही अच्छी लगती थी।
••बाल्यकालादेव मह्यम् इदं कपिलगणवेषं रोचते स्म।
बहुत संघर्ष किया इसको पाने के लिए।
••तत्प्राप्तुं बहु सङ्घर्षं कृतवती।
मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं एक ऐसे डिपार्टमेंट में हूं जिसको इंसान भगवान के बाद तुरंत याद करता है।
••मया गौरवान्विता अनुभूयते यत् अहम् एकस्मिन् एतादृशे विभागे अस्मि यं मनुष्यः ईश्वरात् परं सद्यः स्मरति।
हम भी कोशिश करते हैं कि उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
••तेषाम् अपेक्षानुसारं वयमपि स्वक्षमताम् सेद्धुं प्रयत्नशीलाः भवाम:।
यह एक खूबसूरत प्लेटफॉर्म है और इसके होते हमें भगवान की स्पेशल पूजा और अर्चना करने की जरूरत महसूस नहीं होती।
••इदं सुन्दरं मञ्चमस्ति एतेन च अस्माभि: ईश्वरस्य विशेषपूजार्चनस्य आवश्यकता नानुभूयते।
बल्कि इसके माध्यम से हमारे पास अनेकों भले काम करने का सुअवसर होता है।
••प्रत्युत एतेन अस्माकं कृते अनेकानि सत्कर्माणि कर्तुम् उत्तमावसरो भवति।
हरपल लोगों के दुखदर्द में खुद को खड़ा पाते हैं और अगर हमारे प्रयास से किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाये तो इससे बड़ी भक्ति हमारे लिए कोई नहीं
••वयं स्वयं सर्वेषां जनानां दुःखवेदनायाम् उपस्थिताः स्मः तथा च यदि अस्माकं प्रयत्नै: कस्यचित् मुखस्य उपरि स्मितं आनयेत् तर्हि अस्माकं कृते एतस्मात् अधिका कापि भक्तिः न विद्येत।
2013 में मैंने नेपाल की तरफ़ से एवरेस्ट फ़तेह किया।
••त्रयोदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे अहं नेपालस्य पक्षत: एवरेस्टशृङ्गं जितवान्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
विमानपरिचारिका। किं भवान् शाकाहारी उत मांसाहारी।
लालुप्रसादः। नाहं शाकाहारी न वा मांसाहारी अहं तु शुद्धबिहारी।
#hasya
लालुप्रसादः। नाहं शाकाहारी न वा मांसाहारी अहं तु शुद्धबिहारी।
#hasya
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «❗️ये वक्तुमिच्छन्ति इच्छन्ति ते अध्यायनाम लिखित्वा प्रेषयन्तु श्रीमद्भगवद्गीता सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति। The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited. समयः - 09:00AM IST दिनाङ्कः - 07-09-2023 दिवसः - गुरुवासरः •ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः…»
Forwarded from संस्कृतवाहिनी | Sanskrit Channel | PS
दिने दिने नवं नवं नमामि नन्दसंभवम्।
प्रतिदिन नये रूप में, नंदकुमार को मेरा प्रणाम।
प्रतिदिन नये रूप में, नंदकुमार को मेरा प्रणाम।
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात नवम
⛅ दिनांक - 07 सितम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - वज्र रात्रि 10:02 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 02:11 से 03:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:52
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव), दही हांडी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात नवम
⛅ दिनांक - 07 सितम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - वज्र रात्रि 10:02 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 02:11 से 03:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:52
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव), दही हांडी
अद्य नववादने भगवद्गीतायाः पारायणं भवति। अतः संलापशालां विरामः भवेत्।
Need of Commercialisation of Samskrit