संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
4.4K subscribers
3.04K photos
281 videos
304 files
5.76K links
Daily dose of Sanskrit.

Network
https://t.me/samvadah/11287

Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Download Telegram
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 03:25 तक तत्पश्चात द्वितीया

दिनांक 01 मई 2022
दिन - रविवार
विक्रम संवत - 2079
शक संवत - 1944
अयन - उत्तरायण
ऋतु - ग्रीष्म
मास - वैशाख
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - भरणी रात्रि 10:11 तक तत्पश्चात कृतिका
योग - आयुष्मान अपरान्ह 03:19 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल - शाम 05:29 से दोपहर 07:07 तक
सूर्योदय - 06:07
सूर्यास्त - 07:07
दिशाशूल - पश्चिम में
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:39 से 05:23 तक
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा। 
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।। 

45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰भ्रमणम्
🗓01st May 2022, रविवासरः

🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.

📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (कस्यचित् प्रसिद्धस्थानस्य मन्दिरस्य आश्रमस्य वा विवरणं संस्कृतेन कर्तव्यं यत्र भवन्तः गतवन्तः) चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।

वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु

👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
Live stream scheduled for
Namaste ,

Vidyasvam has launched the 7th batch of Samskrita Karyashala May 2022 starting 14th May 2022.

The workshop will be conducted over the weekends - Saturdays and Sundays 7 PM to 9 PM ( IST ) for 6 months.

Brochure Video : https://youtu.be/62OpYQ3-yac

If you are interested in joining the workshop please register https://www.vidyasvam.in/
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «Namaste , Vidyasvam has launched the 7th batch of Samskrita Karyashala May 2022 starting 14th May 2022. The workshop will be conducted over the weekends - Saturdays and Sundays 7 PM to 9 PM ( IST ) for 6 months. Brochure Video : https://youtu.be/62OpYQ3…»
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।

🔰 चित्र देखकर पांच वाक्य बनायें।
✍🏼आप कमेंट बॉक्स में टङ्कण कर सकते हैं या कॉपी पर लिखकर फोटो भी भेज सकते हैं।
🗣 साथ हि वें वाक्य बोलकर भी वाइस नोट भेजें।

🔰Make 5 sentences, Observing the attached image.
✍🏼You can type in the comment box or you can also send a photo by writing on the notebook.
🗣 Also, Send voice message by uttering those sentences.

#chitram
Samskrit Speaking Skill Development Program
Level 2 : Online Classes for Speaking Skill Development
https://www.adhyapanam.in/level-2
Evening Classes for 4 weeks/ Classes from 02.05.2022 to 27.05.2022 / 20 days (Monday to Friday)
Class time: 7:00- 8:00 PM
Total 29 lessons / 43 Videos/ 16 hours of viewing time
Clearing the doubts through WhatsApp chat
Classes will be conducted in Samskrit
Online examination through
Assignment – 50 marks
Conversation test – 50 marks
Learning Material:
Abhyasa-sarini / Practice Book (Conversation) Videos
Online classes for 4 weeks (20 days)
Medium of Instruction will be Samskritam
Fees: Rs 1500/- (Rupees One Thousand Five Hundred Only) Note: Fees paid for one session is not transferable or refundable.
90% attendance and submission of assignments is mandatory for course completion.

To Enrol click here

#SanskritEducation
🍃"न क्लेशेन विना द्रव्यं विना द्रव्येण न क्रिया।
क्रियाहीने न धर्मः स्यात् धर्महीने कुतः सुखम्
॥"

"क्लेश बिना द्रव्य नहीं, द्रव्य बिना क्रिया नहीं, क्रिया बिना धर्म संभव नहीं; और धर्म के बिना सुख कैसे हो ? (अर्थात क्लेशरहित तो धर्म और सुख भी नहीं मिल सकते)"

🔅परिश्रमेण विना धनं मिलति, धनेन विना कापि क्रिया सम्भवा नास्ति, क्रियया विना धर्मः नास्ति तथा च यदि धर्मः एव नास्ति चेत् सुखमपि न प्राप्यते।
(तस्मात् परिश्रमेण विना किमपि न सिध्यति)

#Subhashitam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृतं वद आधुनिको भव। वेदान् पठ वैज्ञानिको भव।। पाठ: (35) कृदन्त (2) निष्ठा प्रत्यय (क्त प्रत्यय कर्त्तृवाच्य- अकर्मक धातुएं तथा श्लिष्, शीङ्, स्था, आस्, वस्, जन्, रुह्, ज§, इन धातुओं से क्त प्रत्यय कर्त्तृवाच्य में भी होता है।) क्त प्रत्यय कर्त्तृवाच्य…
कोटिपतिः सर्ववेदसमिष्ट्वा आश्रमम् अन्ववात्सीत् अनूषितो वा
= करोड़पति सकल धन दान करके आश्रम में रहा।

दौर्भाग्यात् धनार्जनाय विदेशम् अन्ववसत् अनूषितो वा
= दुर्भाग्य के कारण धन कमाने के लिए विदेश में रहा।

वत्सः वत्साम् अन्वजायत अनुजातो वा
= बछड़ी के बाद बछड़ा पैदा हुआ।

यतः वत्सां वत्सा अन्वजनिष्ट अनुजाता वा तस्मात् पत्या पत्नी ताडिता
= क्योंकि कन्या के बाद पुनः कन्या पैदा हुई इसलिए पति ने पत्नी को पीट दिया।

वल्लरी वृक्षम् आरोहत् आरूढा वा
= बेल पेड़ पर चढ़ गई।

पतंगोत्पतनाय बालः छदिरारुक्षत् आरूढो वा
= पतंग उड़ाने के लिए बच्चा छत पर चढ़ा

जनाः उत्कोचग्राहिणम् अन्वजीर्यत् अनुजीर्णाः वा
= लोगों ने घूसखोर को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।

ग्रामिणाः व्यभिचारिणम् अन्वजारित् अन्वजीर्णाः वा
= ग्रामवासियों ने व्यभिचारी की खूइ पिटाई की।

कस्यात्यन्तं सुखमुपनतं दुःखमेकान्ततो वा।
नीचैर्गच्छत्युपरि च दशा चक्रनेमिक्रमेण।।
= सुख ही सुख अथवा दुःख ही दुःख सदा किसे रहता है ? मनुष्य की अवस्था पहिए के अरों की भांति नीचे और ऊपर आती-जाती रहती है।

असन्तुष्टा द्विजा नष्टाः सन्तुष्टाश्च महीभृतः।
सलज्जा गणिका नष्टा निर्लज्जाश्च कुलाङ्नाः।।
= असन्तोषी ब्राह्मण, सन्तोषी राजा, लज्जा करनेवाली वेश्याएं और लज्जाहीन कुलीन स्त्रियां ये सब नष्ट हो जाते हैं।

अकृष्टफलमूलेन वनवासरतः सदा।
कुरुतेऽहरहः श्राद्धमृषिर्विप्रः स उच्यते।।
= जो बिना जोती हुई भूमि से उत्पन्न फल-मूल खाता है, जो सदा वनवास में ही अनुराग रखता है और प्रतिदिन श्राद्ध (सत्य को धारण करना) करता है, ऐसा ब्राह्मण ऋषि कहाता है।

हस्तौ दानविवर्जितौ श्रुतिपुटौ सारस्वतद्रोहिणौ,
नेत्रे साधुविलोकनेन रहिते पादौ न तीर्थं गतौ।
अन्यायाऽर्जितवित्तपूर्णमुदरं गर्वेण तुंगं शिरौ,
रे रे जम्बुक मु´्च मु´्च सहसा नीचं सुनिन्द्यं वपुः।।
= जिसने हाथों से दान नहीं दिया, कान जिसके विद्याद्वेषी हैं, नेत्र जिसके सज्जन-साधुओं के दर्शन रहित हैं, जिसके पैरों ने तीर्थयात्रा नहीं की, उदर अन्यायोपार्जित धन से भरा हुआ है, अभिमान के कारण जिसका सिर ऊंचा उठा हुआ है, ऐसे सियाररूपी हे दुष्ट मनुष्य ! तू ऐसे नीच और निन्दनीय शरीर को जितना शीघ्र हो सके छोड़ दे। अर्थात् गुणरहित जीवन से तो मृत्यु ही भली।

द्राक्षा म्लानमुखी जाता शर्करा चाश्मतां गता।
सुभाषितसस्याग्रे सुधा भीता दिवं गता।।
= सुभाषित रस के आगे अंगूरों का मुख मुर्झा गया, मिश्री पत्थर सी हो गई और अमृत भयभीत होकर स्वर्ग में चला गया।।

यदि सत्सङ्निरतो भविष्यसि भविष्यसि।
अथ दुर्जनसंसर्गे पतिष्यति पतिष्यति।।
= यदि सत्संगी बनोगे तो निश्चय ही उन्नत हो जाओगे और यदि कुसंग में पड़ गए तो निश्चय ही पतित हो जाओगे।

प्राप्ता जरा यौवनमप्यतीतं बुधा यतध्वं परमार्थ सिद्धये।
आयुर्गतप्रायमिदं यतोऽसौ विश्रम्य विश्रम्य न याति कालः।।
= बुढापा आ गया है, यौवन बीत गया है। हे बुद्धिमान लोगों ! आध्यात्मिक उन्नति के लिए शीघ्र प्रयत्न करो। यह आयु लगभग समसप्त होने वाली है। स्मरण रखना यह काल विश्राम करता हुआ नहीं चलता।

अतृणे पतितो वह्निः स्वयमेवोपशाम्यति।
अक्षमावान् परं दोषैरात्मानं चैव योजयेत्।।
= बिना घासवाली भूमि पर गिरी हुई अग्नि स्वयं ही शान्त हो जाती है, जबकि क्षमारहित मनुष्य दूसरे तथा अपने आपको भी अनेकों दोषों से युक्त कर देता है।

#vakyabhyas
Wife - Government has ordered to keep social distance. So today onwards you sleep here.

#hasya
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा। 
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।। 

45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰सार्थकं जीवनम्
🗓02nd May 2022, सोमवासरः

🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.

📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (अस्माकं लौकिकजीवनस्य सार्थकता कस्मिन् कर्मणि अस्ति) चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।

विशेषः - जैनमुनेः सम्बोधनम्।
पूज्यः मुनिश्री अमोघकीर्ति जी

वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु

👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
*🔹प्रतिदिन संस्कृत लाइव कक्षा 🔹*

https://youtu.be/ve9Ust8NwDg

👉 सभी विद्यार्थियों को प्रतिदिन शाम 6 बजे होने वाली यह संस्कृत की निःशुल्क क्लास लाइव ही लेनी है, अन्यथा क्लास होते ही यह क्लास हटा ली जाती है ।
👉 प्रतिदिन शाम को 6 बजे यह कक्षा ली सकती है।

♦️No Live - No Class♦️
*👇चैनल लिंक👇*
https://youtube.com/c/MantramClasses

🙏धन्यवाद🙏
Audio
श्रीमद्भगवद्गीता [12.10]
🍃अभ्यासेऽप्यसमर्थोऽसि मत्कर्मपरमो भव।
मदर्थमपि कर्माणि कुर्वन् सिद्धिमवाप्स्यसि
।।12.10।।

♦️abhyaase'pyasamartho'si matkarmaparamo bhava|
madarthamapi karmaaNi kurvan siddhimavaapsyasi

If you are unable even to do any Sadhana, then be intent on performing your duty for Me. You shall attain perfection just by working for Me (as an instrument, just to serve and please Me, without selfish motives). (See also 9.27, 18.46) (12.10)

यदि तुम अभ्यास में भी असमर्थ हो तो मत्कर्म परायण बनो इस प्रकार मेरे लिए कर्मों को करते हुए भी तुम सिद्धि को प्राप्त करोगे।।12.10।।

#geeta