🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:00 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 16 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 6:24 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - व्याघात 17 दिसम्बर प्रातः 03:48 तक
⛅ राहु काल - सुबह 09:54 से 11:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से 06:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, धनुर्मास प्रारम्भ, षडशीति-धनु संक्रांति
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:00 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 16 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 6:24 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - व्याघात 17 दिसम्बर प्रातः 03:48 तक
⛅ राहु काल - सुबह 09:54 से 11:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से 06:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, धनुर्मास प्रारम्भ, षडशीति-धनु संक्रांति
भगवद्गीता– अध्याय ६, श्लोक १६
🍃नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नत: |
न चाति स्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ||
🔆तादृशानां जनानां योगः कदापि न सिद्ध्यति ये बहु-अधिकं भोजनं कुर्वन्ति ये च भोजनमेव न कुर्वन्ति ये किञ्चित् अपि न निद्रान्ति ये च सर्वदा जाग्रति।
⚜BG 6.16: O Arjuna! Yoga is neither for them who overeat nor for them who abstain from eating; it is neither for them who sleep too much nor even for them who are ceaselessly awake.
⚜हे अर्जुन! योग न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक भोजन ग्रहण करते हैं और न ही उनके लिए जो भोजन ग्रहण नहीं करते; यह न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक शयन करते हैं और न ही उनके लिए जो अनवरत जाग्रत रहते हैं।
#Subhashitam
🍃नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नत: |
न चाति स्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ||
🔆तादृशानां जनानां योगः कदापि न सिद्ध्यति ये बहु-अधिकं भोजनं कुर्वन्ति ये च भोजनमेव न कुर्वन्ति ये किञ्चित् अपि न निद्रान्ति ये च सर्वदा जाग्रति।
⚜BG 6.16: O Arjuna! Yoga is neither for them who overeat nor for them who abstain from eating; it is neither for them who sleep too much nor even for them who are ceaselessly awake.
⚜हे अर्जुन! योग न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक भोजन ग्रहण करते हैं और न ही उनके लिए जो भोजन ग्रहण नहीं करते; यह न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक शयन करते हैं और न ही उनके लिए जो अनवरत जाग्रत रहते हैं।
#Subhashitam
अधि+ आस् (बैठना) - के साथ हमेशा सप्तमी विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
----------------------------------
(१)वह राम और श्याम के बीच कुर्सी पर बैठ गया = स रामं शयामं चान्तरा आसन्दम् अध्यास्त।
(२)पति और पत्नी पनीर चिल्ली खाने के लिए रेस्टोरेंट में जाकर अपने अपने कुर्सी पर बैठ गये =
भर्ता भार्या च अल्पाहारगृहं गत्वा महामरीचिकायुक्तप्राणीरं व्यञ्जनं भक्षयितुं स्वस्वासन्दम् अध्यासाताम्।
(३)सभी लोग प्रवचन सुनने के लिए अपने अपने आसनों पर बैठ गये =
सर्वे जना: प्रवचनस्य श्रवणाय स्वस्वासनम् अध्यासत।
(४)तुम बिछावन पर पलथी मारकर क्यों बैठ गये ?
=युवां शय्यां किमर्थं स्वस्तिकासनम् अध्यास्था: ?
(५)तुम दोनों मुझसे बिना पूछे ही अपने अपने बेंच पर क्यों बैठ गये =
युवां मम आज्ञामन्तरेणैव किमर्थं स्वकीयं स्वकीयम् आसनम् अध्यासाथाम् ?
(६)शिक्षक ने जैसे ही तुम लोगों को बैठने के लिए कहा, तुम लोग तुरन्त ही अपने-अपने बेंचों पर बैठ गए =
शिक्षकः यदा उपवेष्टुमाज्ञापितवान् तदा यूयं झटिति स्वकीयं स्वकीयं पीठिकाम् अध्याध्वम् ।
(७) भयंकर गर्मी के कारण सुस्ताने के लिए मैं एक वृक्ष के नीचे जमीन पर ही बैठ गया = प्रचण्डातपै: विश्रामं कर्तुम् अहम् एकस्मात् वृक्षात् अध: भूमिमेव अध्यासि।
(८)बस में हमदोनों अपने अपने सीट पर बैठ गए = लोकयाने आवां स्वस्वासनम् अध्यास्वहि।
(९)हमलोग वर्ग में पढ़ने के लिए अपने अपने बेंचों पर बैठ गए = वयं वर्गे अध्ययनाय स्वसवासनम् अध्यास्महि।
#vakyabhyas
----------------------------------
(१)वह राम और श्याम के बीच कुर्सी पर बैठ गया = स रामं शयामं चान्तरा आसन्दम् अध्यास्त।
(२)पति और पत्नी पनीर चिल्ली खाने के लिए रेस्टोरेंट में जाकर अपने अपने कुर्सी पर बैठ गये =
भर्ता भार्या च अल्पाहारगृहं गत्वा महामरीचिकायुक्तप्राणीरं व्यञ्जनं भक्षयितुं स्वस्वासन्दम् अध्यासाताम्।
(३)सभी लोग प्रवचन सुनने के लिए अपने अपने आसनों पर बैठ गये =
सर्वे जना: प्रवचनस्य श्रवणाय स्वस्वासनम् अध्यासत।
(४)तुम बिछावन पर पलथी मारकर क्यों बैठ गये ?
=युवां शय्यां किमर्थं स्वस्तिकासनम् अध्यास्था: ?
(५)तुम दोनों मुझसे बिना पूछे ही अपने अपने बेंच पर क्यों बैठ गये =
युवां मम आज्ञामन्तरेणैव किमर्थं स्वकीयं स्वकीयम् आसनम् अध्यासाथाम् ?
(६)शिक्षक ने जैसे ही तुम लोगों को बैठने के लिए कहा, तुम लोग तुरन्त ही अपने-अपने बेंचों पर बैठ गए =
शिक्षकः यदा उपवेष्टुमाज्ञापितवान् तदा यूयं झटिति स्वकीयं स्वकीयं पीठिकाम् अध्याध्वम् ।
(७) भयंकर गर्मी के कारण सुस्ताने के लिए मैं एक वृक्ष के नीचे जमीन पर ही बैठ गया = प्रचण्डातपै: विश्रामं कर्तुम् अहम् एकस्मात् वृक्षात् अध: भूमिमेव अध्यासि।
(८)बस में हमदोनों अपने अपने सीट पर बैठ गए = लोकयाने आवां स्वस्वासनम् अध्यास्वहि।
(९)हमलोग वर्ग में पढ़ने के लिए अपने अपने बेंचों पर बैठ गए = वयं वर्गे अध्ययनाय स्वसवासनम् अध्यास्महि।
#vakyabhyas
Please open Telegram to view this post
VIEW IN TELEGRAM
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - विजयदिवसः संसदः च घटना
🗓१७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (विजयदिवसस्य तथा संसदि जाता घटना) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - विजयदिवसः संसदः च घटना
🗓१७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (विजयदिवसस्य तथा संसदि जाता घटना) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
संस्कृत वर्णमाला में ह्रस्व और दीर्घ स्वर
ह्रस्व स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल एक मात्रा होता है। इनका उच्चारण बहुत कम समय में होता है। ह्रस्व स्वर पांच (५) हैं –
अ। इ। उ। ऋ। ऌ॥
जिन स्वरों का उच्चारण करने के लिए दो मात्रा समय लगता है वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। इनका उच्चारण किंचित् लंबा करते हैं। दीर्घ स्वर आठ (८) हैं –
आ। ई। ऊ। ॠ। ए। ऐ। ओ। औ॥
#sanskritlessons
ह्रस्व स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल एक मात्रा होता है। इनका उच्चारण बहुत कम समय में होता है। ह्रस्व स्वर पांच (५) हैं –
अ। इ। उ। ऋ। ऌ॥
जिन स्वरों का उच्चारण करने के लिए दो मात्रा समय लगता है वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। इनका उच्चारण किंचित् लंबा करते हैं। दीर्घ स्वर आठ (८) हैं –
आ। ई। ऊ। ॠ। ए। ऐ। ओ। औ॥
#sanskritlessons
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी शाम 05:33 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 17 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 02:54 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - हर्षण रात्रि 12:36 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - शाम 04:37 से 05:57 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - स्कन्द षष्ठी
⛅ विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता हैं।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी शाम 05:33 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 17 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 02:54 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - हर्षण रात्रि 12:36 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - शाम 04:37 से 05:57 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - स्कन्द षष्ठी
⛅ विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता हैं।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
विजयदिवसः संसदः च घटना
#samlapshala
#samlapshala
🍃अप्रकटीकृतशक्ति: शक्तोपि जनस्तिरस्क्रियां लभते।
निवसन्नन्तर्दारुणि लङ्घ्यो वह्नि तु ज्वलित:॥
🔆यथा काष्ठात् न कोऽपि बिभेति किन्तु ज्वलतः काष्ठम् न उपसर्पन्ति तथैव शक्तिवन्तं जनमपि जनाः तिरस्कुर्वन्ति यावत् सः स्वशक्तिं न दर्शयति।
⚜शक्तिशाली व्यक्ति जब तक अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करता,तब तक लोग उसका तिरस्कार करते हैं। जैसे लकड़ी से कोई नही डरता, परंतु जलती लकड़ी से लोग डरने लगते हैं।
#Subhashitam
निवसन्नन्तर्दारुणि लङ्घ्यो वह्नि तु ज्वलित:॥
🔆यथा काष्ठात् न कोऽपि बिभेति किन्तु ज्वलतः काष्ठम् न उपसर्पन्ति तथैव शक्तिवन्तं जनमपि जनाः तिरस्कुर्वन्ति यावत् सः स्वशक्तिं न दर्शयति।
⚜शक्तिशाली व्यक्ति जब तक अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करता,तब तक लोग उसका तिरस्कार करते हैं। जैसे लकड़ी से कोई नही डरता, परंतु जलती लकड़ी से लोग डरने लगते हैं।
#Subhashitam
भारते बहु वैविध्यं वर्तते ननु।
बहु इति शब्दः कस्मिन् लिङ्गे अस्ति।
बहु इति शब्दः कस्मिन् लिङ्गे अस्ति।
Anonymous Quiz
14%
स्त्रीलिङ्गे
30%
पुल्लिङ्गे
56%
नपुंसकलिङ्गे