हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।
•• वयम् अन्तिमयुगस्य एतादृशा: जनाः स्मः ये बाल्यकालं शीतकं, वातनियंत्रकं उष्णीकरणीं वा विना यापितवन्तः तथा विद्युतं विना अपि जीवनयापनम् कृतवन्त: सन्ति।
हम निश्चित ही वो आखिर लोग हैं, जिन्होंने चांदनी रातों में रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो और बिनाका जैसे प्रोग्राम सुने हैं।
•• वयं निश्चितरूपेण एतादृशा: अन्तिमाः जनाः स्मः ये आकाशवाणीयन्त्रै: चन्द्रप्रकाशितरात्रौ BBC news, Vividh Bharati, All इसIndia Radio, Binaca इत्यादीन् कार्यक्रमान् श्रुतवन्तः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये गोदरेजचिह्नस्य गोलकफेनकं प्रयोज्य मुखस्य क्षौरकर्म कृतवन्त: सन्ति,ये गुडचायं पीतवन्त: सन्ति ,यै: दीर्घकालं यावत् कृष्णदन्तचूर्णं, रक्तदन्तचूर्णं वा शुक्लदन्तचूर्णं वा प्रभाते चिरं प्रयुक्तम् अस्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर खड़िया का पेस्ट लगा कर चमकाया हैं।
•• वयं अन्तिमा: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वविद्यालयस्य श्वेतस्थूलपटस्य उपानहे कक्खटीलेपनं कृत्वा देवयितवन्त: सन्ति।
हम वही पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात खतों में आदान प्रदान किये हैं ।
•• वयं तस्यैव वंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वप्रियानां कृते स्वभावनानाम् आदानप्रदानं पत्रै: कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं।
•• वयम् अन्तिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: सन्ति ये विद्युतकूप्या: न्यूनप्रकाशे पीतप्रकाशे वा गृहकार्यान् कृतवन्त: सन्ति तथा उपन्यासान् पठितवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा तेल लगा कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।
•• वयम् अन्तिमा: एतादृशा: जना: सन्ति ये प्रायश: लघुकेशेषु बहु सर्षपतैलं प्रयोजित्वा विद्यालयं विवाहसमारोहेषु गच्छन्ति स्म।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपड़े और हाथ काले और नीले किये है।
•• वयम् अंतिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये मषिकूप्या मषिलेखन्या वा अभ्यासपुस्तिका: च पुस्तकानि च वस्त्राणि च हस्तौ च कृष्णवर्णं नीलवर्णं च कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये शिक्षकैः ताडिताः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये दूरतः स्थानीयक्षेत्रस्य वृद्धान् दृष्ट्वा वीथिकाया: कोणात् पलायित्वा गृहम् आगच्छन्ति स्म।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• वयम् अन्तिमयुगस्य एतादृशा: जनाः स्मः ये बाल्यकालं शीतकं, वातनियंत्रकं उष्णीकरणीं वा विना यापितवन्तः तथा विद्युतं विना अपि जीवनयापनम् कृतवन्त: सन्ति।
हम निश्चित ही वो आखिर लोग हैं, जिन्होंने चांदनी रातों में रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो और बिनाका जैसे प्रोग्राम सुने हैं।
•• वयं निश्चितरूपेण एतादृशा: अन्तिमाः जनाः स्मः ये आकाशवाणीयन्त्रै: चन्द्रप्रकाशितरात्रौ BBC news, Vividh Bharati, All इसIndia Radio, Binaca इत्यादीन् कार्यक्रमान् श्रुतवन्तः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये गोदरेजचिह्नस्य गोलकफेनकं प्रयोज्य मुखस्य क्षौरकर्म कृतवन्त: सन्ति,ये गुडचायं पीतवन्त: सन्ति ,यै: दीर्घकालं यावत् कृष्णदन्तचूर्णं, रक्तदन्तचूर्णं वा शुक्लदन्तचूर्णं वा प्रभाते चिरं प्रयुक्तम् अस्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर खड़िया का पेस्ट लगा कर चमकाया हैं।
•• वयं अन्तिमा: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वविद्यालयस्य श्वेतस्थूलपटस्य उपानहे कक्खटीलेपनं कृत्वा देवयितवन्त: सन्ति।
हम वही पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात खतों में आदान प्रदान किये हैं ।
•• वयं तस्यैव वंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वप्रियानां कृते स्वभावनानाम् आदानप्रदानं पत्रै: कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं।
•• वयम् अन्तिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: सन्ति ये विद्युतकूप्या: न्यूनप्रकाशे पीतप्रकाशे वा गृहकार्यान् कृतवन्त: सन्ति तथा उपन्यासान् पठितवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा तेल लगा कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।
•• वयम् अन्तिमा: एतादृशा: जना: सन्ति ये प्रायश: लघुकेशेषु बहु सर्षपतैलं प्रयोजित्वा विद्यालयं विवाहसमारोहेषु गच्छन्ति स्म।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपड़े और हाथ काले और नीले किये है।
•• वयम् अंतिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये मषिकूप्या मषिलेखन्या वा अभ्यासपुस्तिका: च पुस्तकानि च वस्त्राणि च हस्तौ च कृष्णवर्णं नीलवर्णं च कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये शिक्षकैः ताडिताः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये दूरतः स्थानीयक्षेत्रस्य वृद्धान् दृष्ट्वा वीथिकाया: कोणात् पलायित्वा गृहम् आगच्छन्ति स्म।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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संवादभाषा संस्कृतम्।
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्।।1.10।।
केषां बलं पर्याप्तम् उच्यते अत्र।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्।।1.10।।
केषां बलं पर्याप्तम् उच्यते अत्र।
Anonymous Quiz
33%
भीष्मादीनाम्।
46%
पाण्डवानाम्।
13%
धार्तराष्ट्राणाम्।
9%
अस्माकम्।
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Largest Online Sanskrit Network
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https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Sanskrit Books @GranthaKutee
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संस्कृत संवादः is organising संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room on WhatsApp.
🔰परीक्षणम्
🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST १२:०० PM
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं द्वादशवादने आगच्छत।
https://call.whatsapp.com/voice/AE6cHdGSedWsmE6Fmc1yKz
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर 03:31 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 01 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 04:40 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - शुक्ल रात्रि 08:04 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:29 तक
⛅ सूर्योदय - 07:04
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:11 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:55 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
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⛅ ऋतु - हेमंत
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⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 04:40 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - शुक्ल रात्रि 08:04 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:29 तक
⛅ सूर्योदय - 07:04
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:11 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:55 तक
🍃अहो विनिकृतो लोको लोभेन च वशीकृतः।
लोभक्रोधभयोन्मत्तो नात्मानमवबुध्यते।।
(महाभारत, स्त्री पर्व - ४/१२)
🔆 लोभेन वशीकृतः अयं संसारः वञ्चितः वर्तते । लोभक्रोधभयादिभिः संसारः तावान् उन्मतः वर्तते यत् आत्मस्वरूपं न अवगच्छति।
⚜अहो! लोभ के वशीभूत होकर यह सारा संसार ठगा जाता रहा है। लोभ, क्रोध और भय से यह संसार इतना उन्मत्त हो गया है कि अपने आपको भी नहीं समझ पाता।
#Subhashitam
लोभक्रोधभयोन्मत्तो नात्मानमवबुध्यते।।
(महाभारत, स्त्री पर्व - ४/१२)
🔆 लोभेन वशीकृतः अयं संसारः वञ्चितः वर्तते । लोभक्रोधभयादिभिः संसारः तावान् उन्मतः वर्तते यत् आत्मस्वरूपं न अवगच्छति।
⚜अहो! लोभ के वशीभूत होकर यह सारा संसार ठगा जाता रहा है। लोभ, क्रोध और भय से यह संसार इतना उन्मत्त हो गया है कि अपने आपको भी नहीं समझ पाता।
#Subhashitam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृत संवादः is organising संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room on WhatsApp. 🔰परीक्षणम् 🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST १२:०० PM 📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं द्वादशवादने आगच्छत। https://call.whatsapp.com/voice/AE6cHdGSedWsmE6Fmc1yKz पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः…
आयान्तु सर्वे
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Update your WhatsApp to join the Voicechat.
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एक महिला से बातचीत
रास्ता पूछने के सम्बन्ध में
यात्री = नमस्ते, मैडम।
यात्रिक: = प्रणाम महाशये।
महिला= खुश रहिए, बेटा।कहिए, क्या बात है?
शुभाशीषा:!पुत्र।कथयतु , भवता सह का समस्या इदानीम् ?
यात्री= ओह, मैं रास्ता भूल गया हू। मैं डॉक्टर घोष का मकान खोज रहा हूं।इस समय परेशानी यह है कि डॉक्टर साहब का मोबाइल नंबर भी मेरे पास नहीं है।
अह!अहं मार्गं विस्मृतवान्।अहं चिकित्सकस्य घोषस्य आवासं गवेषयामि ।मम समस्या यत्
मम पार्श्वे इदानीम् चिकित्सकमहोदयस्य दूरभाषसूत्रमपि नास्ति ।
महिला=क्या आप बंगाल के रहने वाले हैं ?
किं भवान् बङ्गप्रदेशवासी ?
यात्री = हां , मैडम।परन्तु आप कैसे जान गयी?
आम्।महाशये!परन्तु भवती कथम् अनुमितवती!
महिला= आपका बंगाली उच्चारण के साथ हिन्दी बोलना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप बंगाल के रहने वाले हैं। क्या आप इससे पहले यहां नहीं आये थे?
भवत: वङ्गोच्चारणेन सह हिन्द्याम् उच्चारणम् अस्य अनुमानस्य संकेतं करोति यत् भवान् बङ्गप्रदेशवासी अस्ति। किं भवान् एतस्मात् कालात् पूर्वं अत्र कदापि नागत: ?
यात्री= नहीं, मैडम। मैं यहां पहली बार आया हूं।
नैव महाशये!अत्र प्रथमवारम् आगतोऽहम्।
यात्री= अच्छा। डॉ घोष वहां रहते हैं। बाएं मुड़ जाइए और तब सीधे जाइए।उसका घर मेन रोड से हट कर है।
अस्तु। चिकित्सकस्य घोषस्य निवासस्थानं तत्र अस्ति। वामतः व्रजयतात् तदाथ अवक्रं गच्छतात्।तस्य निलयं मुख्यमार्गात् किञ्चित् दूरपक्षे अवस्थितम् ।
यात्री= धन्यवाद मैडम।
धन्यवादा:।महाशये!
महिला= धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं।यह तो मेरा फर्ज है।
धन्यवादज्ञापनं न आवश्यकम्।एष तु मम कर्त्तव्य:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
रास्ता पूछने के सम्बन्ध में
यात्री = नमस्ते, मैडम।
यात्रिक: = प्रणाम महाशये।
महिला= खुश रहिए, बेटा।कहिए, क्या बात है?
शुभाशीषा:!पुत्र।कथयतु , भवता सह का समस्या इदानीम् ?
यात्री= ओह, मैं रास्ता भूल गया हू। मैं डॉक्टर घोष का मकान खोज रहा हूं।इस समय परेशानी यह है कि डॉक्टर साहब का मोबाइल नंबर भी मेरे पास नहीं है।
अह!अहं मार्गं विस्मृतवान्।अहं चिकित्सकस्य घोषस्य आवासं गवेषयामि ।मम समस्या यत्
मम पार्श्वे इदानीम् चिकित्सकमहोदयस्य दूरभाषसूत्रमपि नास्ति ।
महिला=क्या आप बंगाल के रहने वाले हैं ?
किं भवान् बङ्गप्रदेशवासी ?
यात्री = हां , मैडम।परन्तु आप कैसे जान गयी?
आम्।महाशये!परन्तु भवती कथम् अनुमितवती!
महिला= आपका बंगाली उच्चारण के साथ हिन्दी बोलना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप बंगाल के रहने वाले हैं। क्या आप इससे पहले यहां नहीं आये थे?
भवत: वङ्गोच्चारणेन सह हिन्द्याम् उच्चारणम् अस्य अनुमानस्य संकेतं करोति यत् भवान् बङ्गप्रदेशवासी अस्ति। किं भवान् एतस्मात् कालात् पूर्वं अत्र कदापि नागत: ?
यात्री= नहीं, मैडम। मैं यहां पहली बार आया हूं।
नैव महाशये!अत्र प्रथमवारम् आगतोऽहम्।
यात्री= अच्छा। डॉ घोष वहां रहते हैं। बाएं मुड़ जाइए और तब सीधे जाइए।उसका घर मेन रोड से हट कर है।
अस्तु। चिकित्सकस्य घोषस्य निवासस्थानं तत्र अस्ति। वामतः व्रजयतात् तदाथ अवक्रं गच्छतात्।तस्य निलयं मुख्यमार्गात् किञ्चित् दूरपक्षे अवस्थितम् ।
यात्री= धन्यवाद मैडम।
धन्यवादा:।महाशये!
महिला= धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं।यह तो मेरा फर्ज है।
धन्यवादज्ञापनं न आवश्यकम्।एष तु मम कर्त्तव्य:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
🎤 Counting table of 9!
नवभिरेकं नव।
नवभिर्द्वा अष्टादश।
नवभिर्त्रयस्सप्तविंशतिः।
नवभिश्चत्वारष्षट्त्रिंशत्।
नवभिः पञ्च पञ्चचत्वारिंशत्।
नवभिष्षट् चतुःपञ्चाशत्।
नवभिस्सप्त त्रयष्षष्टिः।
नवभिरष्टौ द्वासप्ततिः।
नवभिर्नवैकाशीतिः।
नवभिर्दश नवतिः।
#celebrating_sanskrit
नवभिरेकं नव।
नवभिर्द्वा अष्टादश।
नवभिर्त्रयस्सप्तविंशतिः।
नवभिश्चत्वारष्षट्त्रिंशत्।
नवभिः पञ्च पञ्चचत्वारिंशत्।
नवभिष्षट् चतुःपञ्चाशत्।
नवभिस्सप्त त्रयष्षष्टिः।
नवभिरष्टौ द्वासप्ततिः।
नवभिर्नवैकाशीतिः।
नवभिर्दश नवतिः।
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