संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
4.4K subscribers
3.04K photos
281 videos
304 files
5.76K links
Daily dose of Sanskrit.

Network
https://t.me/samvadah/11287

Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Download Telegram
🍃श्रावयेद् मृदुलां वाणीं सर्वदा प्रियमाचरेत् ।
पित्रोराज्ञानुकारी स्यात् स पुत्रः कुलपावनः॥

🔆 यः सर्वदा मृदुलां वाणीम् एव श्रावयति यः च सदा प्रियम् आचरति मातुः पितुः आज्ञां पालयति च यः सः पुत्रः कुलं पवित्रं करोति।

जो मृदु वाणी बोलता है सदा प्रिय आचरण करता है, माता-पिता की आज्ञा मानता है, वह पुत्र कुल को पावन करता है ।

#Subhashitam
Live stream scheduled for
(उपसर्ग+ क्रिया)- भिन्न यानि अलग अर्थ
-------------------------------
तरति=तैरता है।
-------------------
(१)अवतरति (उतरता है)-
हवाई जहाज कैसे उड़ता है और कैसे उतरता है ?=
वायुयानं केन विधिना उत्पतति केन च विधिना अवतरति?

(२) वितरति(बांटता है)-
राम बाजार से दो किलो आम लाकर परिवारों में बराबर बराबर भागों में बांट देता है =
राम: विपण्या: द्विकिलोपरिमितं रसालं क्रीत्वा परिवाराणां मध्ये सम-सम भागेषु वितरति।

(३)उत्तरति (उत्तर देता है)-
एक ऐसा भी गांव है जहां कोई संस्कृत में प्रश्न करता है तो दूसरा संस्कृत में ही उत्तर देता है =
एक: एतादृश: अपि ग्राम: अस्ति यत्र कश्चन संस्कृतेण प्रश्नं करोति चेत् अन्य: संस्कृतेण एव उत्तरति।
----------------------------------
सीदति= दुःखी होता है
----------------------------
(४)प्रसीदति (प्रसन्न होता है)-
अगर कोई व्यक्ति धार्मिक विधि विधान से लक्ष्मी की पूजा करता है , परन्तु वह दूसरे को कष्ट देकर पैसा कमाता है , तो वैसे व्यक्ति पर लक्ष्मी कभी भी प्रसन्न नहीं होती है।=
यदि कश्चिज्जन: धार्मिकविधिना लक्ष्मीम् ईट्टे , परन्तु स अन्यायेन धनार्जनं करोति चेत् लक्ष्मीदेवी कदापि तस्मिन्नैव जने न प्रसीदति।

(५)निषीदति (दुःख होता है)-
जब भी मैं पिछली घटनाओं को याद करता हूं तो मुझे बहुत दुःख महसूस होता है =
यदापि अहम् अतीतानां वृत्तान्तं स्मरामि ,तदानीमहमं अतिशयेन निषीदामि।

(६)बैठता है (निषीदति)-
आखिर शादी में घोड़ी पर ही क्यों बैठता है दूल्हा, घोड़े पर क्यों नहीं?=
अन्तत: वरयात्रायां वर: घोटक्या: पृष्ठे किमर्थं निषीदति तथा घोटकस्य पृष्ठे किमर्थं न ?

(७)विषीदति (खिन्न या उदास होता है)-
जब भी दुर्गापूजा और सरस्वतीपूजा के समय भक्ति गीत के स्थान पर लाउडस्पीकर से फिल्मी गाना बजाया जाता है तो उसे सुनकर मेरा बहुत ही विषादग्रस्त हो जाता है।
= यदा हि दुर्गापूजायाश्च सरस्वतीपूजायाश्च वेलायां भजनाद् ऋते ध्वनिप्रवर्धकेभ्यः चलच्चित्रगीतं वाद्यते, तच्छ्रुत्वा(तत् श्रुत्वा) विषीदामि अतीव।

(८)उत्सीदति (नष्ट होता है)-
घर में तुलसी का पौधा लगा कर सुबह-शाम हमेशा घी का दीपक जलाने से घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और घर में सुख,शांति और समृद्धि का आगमन होने लगता है ।=
गृहे तुलसीपादपम् आरोप्य प्रात:सायं च नित्यं घृतदीपकस्य ज्वालनेन गृहे आगन्तारः नकारात्मका: ऊर्जा: उत्सीदन्ति तथा गृहे शनै: शनै: सुखं शान्ति: समृद्धि: च निविशन्ते।

(९)अवसीदति(उदास होता है)-
सपनों की मंजिल पास नहीं होती,
जिंदगी हर पल उदास नहीं होती---।
भगवान पर यकीन रखना मेरे दोस्त,
वो भी मिल जाता है,जिसकी कभी आस नहीं होत।।
= स्वप्नस्य लक्ष्यं दूरं भवति,
जीवनं सदैव नावसीदति।
मम मित्राणि!सदैव परमात्मनि विश्वासं कुरु,
तदपि प्राप्यते ,यस्य कदापि अपेक्षा न भवति।

~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
चतुर्थी विभक्तिः (caturthī vibhaktiḥ) (Fourth Case):

Some roots require this case for their verb forms, such as – √दा (√dā) This means, “to give”. Here, the person who receives the object requires this case.

अहं मित्राय उपहारं अयच्छम्। (ahaṃ mitrāya upahāraṃ ayaccham।) this means, “I gave a gift to my friend”. Here, the word, “मित्राय” is in the fourth case as it signifies the person to whom I gave a gift.

Some other roots also require this case for their verb forms such as √रुच् (√ruc),√कुप् (√kup), √क्रुध् (√krudh), etc.

Some indeclinables also require this case, such as – नमः (namaḥ) this is a word that is used to show that we are offering our respects to a deity. The deity to whom we are doing so requires this case.

गणेशाय नमः। (oṃ gaṇeśāya namaḥ।) This is a mantra of Lord Ganesha. Here, the Lord’s name is in the fourth case as He is the person to whom we are offering our respects.

Some other indeclinables which require this case are स्वाहा (svāhā), स्वधा (svadhā), स्वस्ति (svasti), etc.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
हे ईश्वर अस्मिन् वर्षे भारतीयदलं विश्वचषकस्पर्धायां विजितं कारय।

भवतु नाम प्रतिपक्षे २०२४ निर्वाचने इण्॰डि॰या नाम्नः दलसमूहस्य पराजयं कारय। 😁😈

#hasya
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - स्थानीयवार्तापत्रम्
🗓१९/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्थानीयस्य वार्तापत्रस्य विवरणं गदितव्यमस्ति) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samvadah?livestream

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Audio
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - षष्ठी सुबह 07:23 तक तत्पश्चात सप्तमी

दिनांक - 19 नवम्बर 2023
दिन - रविवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - हेमंत
मास - कार्तिक
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - श्रवण रात्रि 10:48 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
योग - वृद्धि रात्रि 11:28 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहु काल - शाम 04:32 से 05:54 तक
सूर्योदय - 06:55
सूर्यास्त - 05:54
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
व्रत पर्व विवरण - छठ पूजा, रविवारी सप्तमी, संत जलाराम जयंती
🍃वने, रणे, शत्रुजलाब्धिमध्ये,  महार्णवे, पर्वतमस्तके  वा  |
सुप्तं, प्रमत्तं, विषमस्थितं वा, रक्षन्ति पुण्यानि पुराकृतानि ||
- भर्तृहरि: (नीतिशतकम्)

🔆 वने युद्धक्षेत्रे शत्रूणाम्मध्ये सरोवरे समुद्रे पर्वतशिखरे सुप्तावस्थायां मदे कस्यामपि विषमस्थित्यां वा पुरा कृतानि पुण्यकार्याणि मानवं रक्षन्ति एव।

मनुष्य द्वारा बहुत पहले (या पूर्वजन्म में) अर्जित किये हुए पुण्य वनों में, युद्धक्षेत्र में, शत्रुओं के बीच में, सरोवरों और समुद्र के बीच में, दुर्गम पर्वतों की चोटियों पर, मदोद्धत होने की या किसी अन्य विषम परिस्थिति में  सदैव उसकी रक्षा करते हैं |

#Subhashitam
नमस्तस्यै वा नमस्तस्मै वा शुद्धः।
Anonymous Quiz
10%
नमस्तस्मै
45%
नमस्तस्यै
43%
द्वौ शुद्धौ
2%
द्वौ अशुद्धौ
Live stream scheduled for
प्रधानमन्त्रिणा उक्तं "मूर्खाणां नरेशः" इति।

कॉग्रेस जनाः - अस्माकं राजकुमाराय उक्तम्,
अस्माकं राजकुमाराय उक्तम्।
एषः अस्ति आत्मविश्वासः। 😅😅🤣

#hasya
पञ्चमी विभक्तिः (pañcamī vibhaktiḥ) (Fifth case): 

Some roots require this case for their verb forms, such as – भी (√bhī) This means, “to be afraid”. Here, the thing that one is afraid of requires to be in this case.
बालकः सर्पात् बिभेति। (bālakaḥ sarpāt bibheti।) This means, “The boy is afraid of the snake”. Here, the word, “सर्पात्” is in the fifth case as it is the thing that the boy is afraid of.
Some indeclinables also require this case, such as – बहिः (bahiḥ) this word means, “outside”. Here, the place outside of which the action happens requires this case.
छात्रः कक्षायाः बहिः अगच्छत्। (chātraḥ kakṣāyāḥ bahiḥ agacchat।) This sentence means, “The student went out of the classroom”. Here, the word, “कक्षायाः” is in the fifth case as it signifies the place out of which the student went.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons