संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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Forwarded from ॐ पीयूषः
🍃लोभमूलानि पापानि संकटानि तथैव च।
लोभात् प्रवर्तते वैरं अतिलोभात्विनश्यति


🔆 लोभस्य कारणेन एव सर्वाणि सङ्कटानि पापानि वा आगच्छन्ति लोभः शत्रूणामपि वर्धनं करोति तथैव अतिलोभस्तु व्यक्तेः नाशस्य कारणं भवति।

लोभ पाप और सभी संकटों का मूल कारण है, लोभ शत्रुता में वृद्धि करता है । अधिक लोभ करने वाला व्यक्ति विनाश को प्राप्त हो जाता है ।

#Subhashitam
वन्दे मातरम्।
वाक्ये कर्ता कः स्यात्।
Anonymous Quiz
78%
अहम्
1%
सः
6%
त्वम्
15%
कोऽपि जनः
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
••नवरात्रे: सप्तमदिवसे माता कालरात्रि: पूज्यते।

यह माता दुर्गा का सातवां स्वरूप है।
••एतत् दुर्गामातु: सप्तमस्वरूपम् अस्ति।

ऐसा कहा जाता है कि मां कालरात्रि ही वह देवी है जिन्होंने मधु कैटभ जैसे असुर का वध किया था।
••एवमुच्यते यत् माता कालरात्रि: सैव देवी अस्ति या मधुकैटभयो: असुरयोः वधं चकार।

मां का शरीर रात से भी ज्यादा काला है।
••मातुः शरीरं रात्रेरपि कृष्णतरमस्ति।

काला रंग होने के कारण उन्हें कालरात्रि कहा गया है।
••कृष्णवर्णत्वात् सा कालरात्रि: कथ्यते।

देवी कालरात्रि के बाल बिखरे हुए हैं और मां के गले में नर मुंडों की माला विराजित है।
••देव्या: कलरात्रे: केशाः विकीर्णाः सन्ति मातुः ग्रीवायां च नरमुण्डमाला च विराजते।

मां के चार हाथ हैं जिनमें से एक हाथ में कटार और दूसरे में लोहे का कांटा है।
••मातु: चत्वार: हस्ता: सन्ति येषु एकस्मिन् हस्ते कृपाणिका अन्यस्मिन् च लौहकण्टकम्।

देवी के तीन नेत्र हैं और इनकी सांस से अग्नि निकलती है। मां का वाहन गधा है।
••मातु: त्रीणि नेत्राणि सन्ति अस्या: च प्रश्वासात् अग्नि: निस्सरति।मातु: वाहनं गर्दभोऽस्ति‌।

मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का अंत करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को पैदा किया था।
••माता दुर्गा राक्षसराजस्य रक्तबीजस्य समाप्त्यर्थं स्वतेजसा मातरं कालरात्रिस्वरूपं धृतवती बभूव।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
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वेदस्तवनरक्तेषु न आयुः ईक्ष्यते।
लङ्-लकारः (laṅ-lakāraḥ):
This is the past imperfect tense. This is used to refer to some action that happened in the past.

Some examples are:
अहम् आम्रम् अखादम्। (aham āmram akhādam।), this means, “I ate a mango.” Here, the action of eating a mango was done in the past, therefore it is in past tense.

सूदः भोजनम् अपचत्। (sūdaḥ bhojanam apacat।), this means. “The cook cooked the meal”. Here, the action of cooking was done in the past, therefore it is in past tense.

🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Live stream scheduled for
https://youtu.be/c8Srq5nGeYY?si=Sk2bKsLYlmcuvHpP

#SanskritCarnaticMusic

PALLAVI
Himagiri Thanayae Hemalathae Amba,
Himagiri Thanayae Hemalathae
Amba Easwari Shree Lalithae, mAmava (Himagiri)

ANUPALLAVI
RamA vAaNisam saevitha sakalae
RAja RAjeswari RAama SahOadari (Himagiri)

CHARANAM
PAshAangu Shaekshu daNDakarae, AmbA
ParAtparae sruta Bhaktha parae
AshAmbara Harikaesa vilAasae
Aananda roopae, amitha pratA pae (Himagiri)

Rough translation: Daughter of King HimavAn, Easwari, Hemalathe, Lalithae,
Hail to you!
One who is respected by RamA (Lakshmi), Vani (Saraswathi) and all others,
RAjaRAjeswari, sister of RAama!
One who wields the daNDa in her hand, consort of Shiva, one who protects true
Bhakthas, one who is always in the mind and heart of Harikaesa (the composer -
Harikaesa Nallur Muthayya Bhagavathar) one who always has a smiling and happy
appearance.
जुड़िए हमारे नये उपक्रम प्रश्नोत्तरम् – Q&A नामक वाट्सैप ग्रुप से।

व्याकरण के विषय की अथवा संस्कृतसम्भाषण के विषय की शंकासमाधान के लिए आइए इस प्रश्नोत्तरम् गण में।

इस गण में आप संस्कृत भाषा से सम्बन्धित प्रश्न पूछ सकते हैं तथा अपनी व्याकरण के ज्ञान की प्यास को शान्त कर सकते हैं।
गण में लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर जानकार लोग दे सकते हैं।

इस गण में संस्कृतसंबंद्धित प्रश्नों को छोड़कर अन्य संदेश नहीं भेजने हैं ।
इस वाक्य का पालन न करने पर आप उचित कार्यवाही के पात्र होंगे।

श्रीमद्भगवद्गीता भी कहती है परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ (एक दूसरे को उन्नत करते हुए परमपद को प्राप्त करें)

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प्रश्नोत्तरम् - Q&A is our latest WhatsApp group.

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In this group you can ask questions related to Sanskrit language and quench your thirst for knowledge of Sanskrit grammar.
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In this Group other messages should not be sent except questions related to Sanskrit.
If you do not follow this sentence, you will be eligible for appropriate action.

“parasparaM bhaavayantaH shreyaH paramavaapsyatha” (nourishing one another, ye shall attain to the highest good), says ShrimadBhagvatGeeta.

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अस्माकं नवीनं वाट्सैब्गणे प्रश्नोत्तरम् – Q&A नामधेये सम्मिलन्तु सर्वे।

व्याकरणविषये अथवा संस्कृतसम्भाषणविषये कापि शंका अस्ति चेत् आयात प्रश्नोत्तरं नाम गणम्। अस्मिन् गणे सर्वे संस्कृतसम्बद्धान् प्रश्नान् प्रष्टुम् अर्हन्ति स्वव्याकरणपिपासां पूरयितुं च शक्नुवन्ति।

एतस्मिन् गणे वयं प्रश्नान् पृच्छामः तथा गणे वर्तमानाः ये जनाः तेषाम् उत्तराणि जानन्ति ते उत्तरं वक्तुम् अर्हन्ति।

अत्र एको ध्यातव्यो विषयो विद्यते यद् अस्मिन् गणे संस्कृतप्रश्नेभ्यः इतराः विषयाः नैव प्रेषणीयाः यथा शुभकामनाः वार्ताः इत्यादयः।
नो चेत् तस्य उचितदण्डविधानं भवेत्।

परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ इति श्रीमद्भगवद्गीता।

अत्र नुदत👇🏼
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✍🏻 कदलीफलशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - लोकोक्तिविवरणम्
🗓२८/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्वस्थानियभाषायां लिखितायाः लोकोक्त्याः विवरणं संस्कृतेन कर्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 01:53 तक तत्पश्चात प्रतिपदा

दिनांक - 28 अक्टूबर 2023
दिन - शनिवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - हेमंत
मास - आश्विन
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - रेवती सुबह 07:31 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग - वज्र रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात भरणी
राहु काल - सुबह 09:33 से 10:58 तक
सूर्योदय - 06:42
सूर्यास्त - 06:04
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:52 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
व्रत पर्व विवरण - शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, खंडग्रास चन्द्रग्रहण, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ
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