संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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✍🏻 उत्पीठिकाशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
Sanskrit-1820-1830
*भगवद्गीतया सह जागरणम्*
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - ०२-१०-२०२३
दिवस: - सोमवासर:
व्याख्यानम् - श्रीमद्भगवद्गीतायां सांख्योक्तजड़तत्त्वस्वरूपम्
संयोजनम् (5:30- 5:32) :
श्रीजयराममिश्र:
5:32-5:35 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीनारायणनम्वूदिरि
5:35 - 6:20 AM (व्याख्यानम्): प्रो.प्रलयकुमारनन्द:
6:20 - 6:26 (अध्यक्षभाषणम्) : प्रो.प्यारीमोहनपट्टनायक:
6:26-6:29(धन्यवादार्पणम्) : श्रीकैलाशचन्द्रनन्द:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
https://meet.google.com/cbc-wwxr-ess
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि


🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - तृतीया सुबह 07:36 तक तत्पश्चात चतुर्थी

दिनांक - 02 अक्टूबर 2023
दिन - सोमवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - भरणी शाम 06:24 तक तत्पश्चात कृतिका
योग - हर्षण सुबह 10:29 तक तत्पश्चात वज्र
राहु काल - सुबह 08:01 से 09:30 तक
सूर्योदय - 06:31
सूर्यास्त - 06:27
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:54 तक
व्रत पर्व विवरण - चतुर्थी का श्राद्ध, संकष्ट चतुर्थी, महात्मा गांधी जयन्ती, लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती
🍃हितं यत् सर्वभूतानामात्मनश्च सुखावहम्।
तत् कुर्यादीश्वरे ह्येतन्मूलं सर्वार्थसिद्धये
।।

🔆यत् कार्यं या क्रिया स्वस्य हिताय अन्येषां कृते च सुखकरं भवति तत् कार्यम् ईश्वरार्पणबुद्ध्या यदि करोति तदा तदेव सर्वसिद्धिदायकं भवति।

जो सम्पूर्ण प्राणियों के लिए हितकर और अपने लिए भी सुखद हो, उसे ईश्वरार्पणबुद्धि से करें,
सम्पूर्ण सिद्धियों का यही मूलमन्त्र है।

#Subhashitam
सिद्धान्तेभ्यः पतनमेव मृत्युः।
सिद्धान्तेभ्यः शब्द का विभक्तिः।
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तृतीया
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
एक वन में बहुत बड़ा अजगर रहता था।वह बहुत अभिमानी और अत्यन्त क्रूर था।जब वह अपने बिल से निकलता तो सब जीव उससे डरकर भाग खड़े होते।उसका मुंह इतना विकराल था कि खरगोश तक को निगल जाता था।एक बार अजगर शिकार की तलाश में घूम रहा था। •• एकस्मिन् वने एको विशालकाय: शयु:…
नेवले को भी बहुत दुःख हुआ।
••नकुलोऽपि भृशं दुःखितोऽभवत्।

वह दुख-भरे स्वर में बोला,"मित्र, मेरे बस में होता तो मैं उस नीच अजगर के सौ टुकडे कर डालता।
•• स शोकाकुलेन स्वरेण उक्तवान् , "मित्र! यदि एतत् कार्यं मम आधिन्ये अभविष्यत् तर्हि अहं तस्य अधमस्य शयो: शतं खण्डानि अकरिष्यम्।

पर क्या करें, वह छोटा-मोटा सांप नहीं है, जिसे मैं मार सकू। वह तो एक अजगर है।
•• पर किं करवाणि, स सामान्य: सर्पो नास्ति, यम् अहं हन्तुं शक्नुयाम्।स तु एक: शयु: अस्ति।

अपनी पूंछ की फटकार से ही मुझे अधमरा कर देगा।
••स पुच्छस्य प्रहारेणैव माम् अर्धमृतं करिष्यति।

लेकिन यहां पास में ही चीटियों की एक बांबी हैं।
••परन्तु, अत्र समीपे एव पिपीलिकानाम् एकं वल्मीकमस्ति।

वहां की रानी मेरी मित्र हैं। उससे सहायता मांगनी चाहिए।
•• तत्रत्या राज्ञी मम मित्रमस्ति। तस्या: साहाय्यं याचनीयम् ।

हिरणी निराश स्वर में विलाप करते हुए बोली “पर जब तुम्हारे जितना बड़ा जीव उस अजगर का कुछ बिगाडने में समर्थ नहीं हैं तो वह छोटी सी चींटी क्या कर लेगी?नेवले ने कहा,"ऐसा मत सोचो।उसके पास चींटियों की बहुत बड़ी सेना है।संगठन में बड़ी शक्ति है।"
••हरिणी निराशस्वरेण विलपन्त्येव कथितवती “परन्तु अहं शङ्काग्रस्ता अस्मि यत् तवेव शक्तिसम्पन्नो जीव: तस्य शयो: कामपि क्षतिं कर्तुं सक्षमो नास्ति चेत् सा क्षुद्रपिपीलिका किं करिष्यति?नकुल: अकथयत्,"एवं मा चिन्तय।तस्या: पार्श्वे विशालं सैन्यमस्ति।सङ्घटने महती शक्तिर्भवति।"

हिरणी को कुछ आशा की किरण नजर आई। नेवला हिरणी को लेकर चींटी रानी के पास गया और उसे सारी कहानी सुनाई। चींटी रानी ने सोच-विचारकर कहा, "हम तुम्हारी सहायता करेंगे। हमारी बांबी के पास एक संकरीला नुकीले पत्थरों भरा रास्ता है। तुम किसी तरह उस अजगर को उस रास्ते से आने पर मजबूर करो। बाकी काम मेरी सेना पर छोड दो।"
••हरिणी काचित् आशान्विता अभवत्। नकुलो हिरणीं नीत्वा पिपीलिकानां राज्ञीं निकषा गतवान् तथा तां सर्ववृत्तान्तं श्रावितवती।पिपीलिकानां राज्ञी विचार्य उक्तवती, "वयं तवं साहाय्यं करिष्याम:। अस्माकं पिपीलिकावल्मीकं निकषा तीक्ष्णपाषाणै: पूर्ण: एक: सङ्कीर्ण: मार्ग: अस्ति। त्वं केनचिदपि विधिना तस्मै शयवे तन्मार्गेण आगमनार्थं बाध्यं कुरु।शेषकार्य मम सैन्यस्योपरि त्यज।"

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Namstey Join 2nd level Sanskrit language Class on 8:00 PM From 2nd October to 27 th October 2023

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From - U.P Sanskrit Sansthan Lucknow.
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क्रियाविशेषणपदानि (kriyāviśeṣaṇapadāni) – Adverbs: These are words which describe a particular verb and give more information about it. Many of these are usually indeclinables (अव्ययपदानि).

e.g. – नरः शनैः वदति। (naraḥ śanaiḥ vadati।) This means, “The man is speaking slowly”. Here, the adverb is telling us more information about how he speaks, i.e. slowly.

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#sanskritlessons
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क्लेशानां हि समाधानं चिन्तां विना हि चिन्तयेत्।
पततु नाम वोरूकं कन्दुकमेव ताडयेत्।।

#hasya
✍🏻 बीजपूरशब्देन वाक्यत्रयं लिख्यताम्।

#Shabdah
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room

🔰 विषयः - कथाकथनम्
🗓०३/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM   
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि उत्तमां कथां श्रावयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।

https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8

पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Sanskrit-1820-1830
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - चतुर्थी प्रातः 06:11 तक तत्पश्चात पंचमी (4 अक्टूबर प्रातः 05:33 तक)

दिनांक - 03 अक्टूबर 2023
दिन - मंगलवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - आश्विन
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - कृतिका शाम 06:04 तक तत्पश्चात रोहिणी
योग - वज्र सुबह 08:18 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल - दोपहर 03:27 से 04:56 तक
सूर्योदय - 06:33
सूर्यास्त - 06:26
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:53 तक
व्रत पर्व विवरण - पंचमी का श्राद्ध