संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
4.6K subscribers
3.07K photos
285 videos
307 files
5.82K links
Daily dose of Sanskrit.

Network
https://t.me/samvadah/11287

Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Download Telegram
🔊 New Course Announcement

💐 व्याकरण-शास्त्र-प्रवेशः (Intermediate Level 1) 💐

Prerequisites:
- Must have completed one of the below courses.
    - Gita Pravesha Level 1
    - Kovida
    - Any equivalent courses.
- Able to speak simple sanskrit fluently.

Course Content:
- अष्टाध्यायीपरिचयः
- संज्ञापाठः सूत्रसहितः (लघुसिद्धान्तकौमुदीतः)
- सन्धिपाठः सूत्रसहितः (लघुसिद्धान्तकौमुदीतः)
- इतरविषयाः यथापेक्षम्

More Details: https://sanskrit.today/course/intermediate-level-1-vyakarana-shastra-pravesha/

Please free to share this with your friends/groups.

धन्यवादः
🙏
🍃यो मोहयन्मन्यते मूढो रतेयं मयि कामिनी।
स तस्य वशगो भूत्वा नृत्येत् क्रीडाशकुन्तवत्॥


चाणक्यनीति

🔆 यः अविवेकी जनः केनापि कारणेन विना एवं चिन्तयति यत् इयं सुन्दरी मयि आसक्ता सः तस्याः वशं गत्वा मूढपक्षीवत् तस्याः सङ्केतेषु नृत्यति।

जो व्यक्ति अविवेक के कारण ऐसा समझता है कि यह मनोहर और सुन्दर स्त्री मुझसे मोहित है, वह व्यक्ति उसके वशीभूत होकर मनोरंजन के लिए पाले गए पक्षीकी भांति उसके इशारों पर नाचा करता है।

#Subhashitam
वृध् धातोः क्तप्रत्ययस्य रूपं किम्।
Anonymous Quiz
48%
वर्धितः
31%
वृद्धः
12%
वर्धः
9%
वर्द्धः
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अश्वत्थ: --------------- हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है। ••आर्यधर्मे अश्वत्थवृक्षस्य विशिष्टमहत्त्वं कथितमस्ति। इसलिए हर व्रत, त्योहार पर पीपल के पेड़ की पूजा और उपाय बताए जाते हैं। •• अत: प्रत्येकं व्रते उत्सवे च अश्वत्थवृक्षस्य…
इससे भी आपके पूर्वज प्रसन्न हो जाएंगे।
•• एतेनापि भवत: पूर्वजा: प्रसन्ना भविष्यन्ति।

पर ख्याल रखें कि तुलसी का पौधा मुरझाना नहीं चाहिए।
•• परन्तु मनसि धारयतु यत् तुलसीपादप: शुष्को न भवेत्।

ऐसा होने पर आपको उल्टा परिणाम मिलने लगेंगे
••यदि एतादृशं भवेत् तर्हि भवान् विपरीतपरिणामं प्राप्तुम् आरभन्ते।

अशोक:
---------------
ज्यातिष शास्त्र में अशोक के वृक्ष का भी विशेष महत्व बताया गया है।
••अशोकवृक्षस्य विशिष्टषमहत्त्वमपि ज्योतिषशास्त्रे कथितम् अस्ति।

पितृपक्ष में आप अशोक का पौधा अपने घर के द्वार पर लगा सकते हैं।
••पितृपक्षे भवान् अशोकपादपारोपणं स्वगृहे कर्तुं शक्नोति।

इसे घर के द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है
••गृहद्वारे अस्य रोपणेन नकारात्मकशक्ति: गृहे न प्रविशति।

बिल्व:
------------
भगवान शिव को बेल का पौधा बहुत प्रिय है।
••बिल्वपादपो भगवतः शिवस्य कृते अतीव प्रियोऽस्ति।

ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में इसका पौधा लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
••पितृपक्षे एतस्य पादपस्य रोपणेन पितॄणाम् आत्मान: शान्तिं प्राप्नुवन्ति इति कथ्यते।

अमावस्या के दिन भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने से मन की सारी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
••अमावस्यादिने भगवते शंकराय बिल्वपत्राणि अर्पणेन मनसः सर्वान् कामान् पूरयितुं शक्यते।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
Vyoma Linguistic Labs Foundation presents,
*Kathavallari - Collection of Sanskrit Stories (Sanskrit Explanation)*
*कथावल्लरी - संस्कृतकथासङ्ग्रहः (संस्कृतभाषया)*
Start Date - *21st Sept 2023*
Time - *5:00 PM to 6:00 PM* (IST)
By - *Dr. Nagaratna Hegde*
Join now: https://www.sanskritfromhome.org/course-details/kathavallari_sanskrit_explanation-48732
Go Suktam
Challakere Brothers
Mantrapushpam
Challakere Brothers
🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - सप्तमी दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात अष्टमी

दिनांक - 22 सितम्बर 2023
दिन - शुक्रवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद
मास - भाद्रपद
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 03:34 तक तत्पश्चात मूल
योग - आयुष्मान रात्रि 11:53 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहु काल - सुबह 11:01 से 12:32 तक
सूर्योदय - 06:28
सूर्यास्त - 06:37
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 12:56 तक
व्रत पर्व विवरण - गौरी पूजन, महालक्ष्मी व्रतारम्भ
🍃तस्माद् विश्वसितव्यं च शङ्कितव्यं च केषुचित्।
एषा नीतिगतिस्तात लक्ष्या चैव सनातनी
।।

🔆 यः नेतृत्वं करोति तेन चितेषु एव जनेषु विश्वासः कर्तव्यः परन्तु सदा अवधानेनापि भाव्यम् इयमेव शाश्वती गतिः वर्तते समाजस्य ।

राजा (नेतृत्वकर्ता) को कुछ चुने हुए लोगों पर विश्वास करना चाहिए, परंतु उनसे सदैव सतर्क भी रहना चाहिए। यही सनातन नीति की गति है जिसका ध्यान रखना चाहिए ।

महाभारत, शांति पर्व, 80/12

#Subhashitam
वादनशैल्या वादनस्य गुणवत्ता ज्ञायते।
वाक्य कर्ता कः।
Anonymous Quiz
32%
वादनशैल्या
26%
गुणवत्ता
42%
वाक्ये कर्ता गौणः अस्ति
बाजार में दस रुपए का सिक्का अस्वीकार करने पर हो सकती है पुलिस कार्रवाई।
••यदि विपण्यां दशरुप्यकमुद्रा अपज्ञाता(अस्वीकृता) भवेत् तर्हि विध्यनुसारम् आरक्षककार्यवाहि भवितुमर्हेत्।

उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि 10 रुपये का सिक्का एक राष्ट्रीय मुद्रा है और किसी को भी इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है।
••उपायुक्त: नरेश अग्रवाल: अवदत् यत्
दशरुप्यकनाणकं राष्ट्रियमुद्रा अस्ति अस्य च अस्वीकारस्य(अपज्ञानस्य) अधिकारः कस्यचिदपि नास्ति।

यदि जिला के बाजार में किसी ने भी दस रुपए के सिक्के को लेने से मना किया तो उसके खिलाफ नियमानुसार पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
••यदि कोऽपि मण्डलापणे दशरूप्यकनाणकं स्वीकर्तुं निराकरोति(अपजानिते) तर्हि तस्य विरुद्धे नियमानुसारम् आरक्षककार्यवाहि करिष्यते।

उपायुक्त नरवाल ने कहा है कि भारत सरकार धारक को मुद्रा का मूल्य देने का वादा करती है।
••उपायुक्त: नरेश अग्रवाल: अवदत् यत्र भारतसर्वकारः धारकाय मुद्रामूल्यं दातुं वचनबद्धः अस्ति।

जो 10 रुपये के सिक्के को अस्वीकार करता है तो वह आरबीआई के नियमों का उल्लंघन है।
••य: दशरुपयकनाणकम् अपजानीते चेत् तत् RBI इत्यस्य नियमोल्लङ्घनमस्ति।

ऐसे में भारतीय मुद्रा अस्वीकार करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
••एतादृश्यां परिस्थितौ भारतीयमुद्रायाः अस्वीकर्तुः विरुद्धं भारतीयदण्डसंहिताया: अन्तर्गतं चतुर्विंशत्याधिकशतस्य A-इत्यस्य नियमस्य अनुसारं विधिककार्यवाही कर्तुं शक्येत।

---------------------------------------------------

असेम्बली बम काण्ड पर भगत सिंह द्वारा जनवरी,१९३० में हाई कोर्ट में अपील की गयी थी।
••त्रिंशदाधिक-ऊनविंशतिशततमे संवत्सरे जनवरीमासे विधानसभायाम् आग्नेयास्त्रप्रक्षेपणप्रकरणे उच्चन्यायालये भगतसिंहेन पुनर्न्याययाचना कृता आसीत्।

इसी अपील में ही उनका यह प्रसिद्ध वक्तव्य था
•• अस्यामेव पुनर्न्याययाचनायामेव तस्य एष: प्रसिद्धो वक्तव्य: आसीत्।

पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है और यही चीज थी जिसे हम प्रकट करना चाहते थे।
••लघुशुण्ड्य: आग्नेयास्त्राणि च महापरिवर्तनं कर्तुं न शक्नुवन्ति,अपितु महापरिवर्तनास्त्रं शाणितविचारेण तीक्ष्णं भवति इदमेव चासीत् यत् वयं प्रकटयितुमिच्छाम: स्म:।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
संस्कृतलकारविज्ञानम्
(स्वर्वाणीविलासपाठमाला-3)
संस्कृत भाषा के लकारों का परिचय, अर्थ, रूप एवं प्रयोग -
(माध्यमिक स्तरीय कक्षा)
(सशुल्ककक्षायें)
कुल वर्ग -- 2
दिन और समय -- शनिवार, रात 8:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
दिनांक- 23 एवं 30 सितम्बर 2023
मध्यम- हिन्दी

पाठन माध्यम- ऑनलाइन- जूम एप के माध्यम से
शिक्षिका- उषाराणी सङ्का

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
+91 98490 91808
Mantrapushpam2
Challakere Brothers