संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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युनक्ति क्रियापदे कः धातुः अस्ति।
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20%
युन्
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युक्
बहुत से लोग इस बात की खोज में लगे होते हैं कि उनके जीवन का उद्देश्य क्या है?
••बहव: जना: अस्यान्वेषणे निरता: सन्ति यत् तेषां जीवनस्य किं प्रयोजनमिति?

वास्तव में जीवन का कोई निश्चित उद्देश्य नहीं है।
••जीवनस्य वस्तुतः किमपि निश्चितं उद्देश्यं नास्ति।

वह तो व्यक्ति विशेष पर निर्भर है कि वह इस बारे में क्या मानता हैl
••तत् तु तस्मिन् जने निर्भरः यत् स अस्मिन् विषये किं मन्यते?

व्यक्ति सदैव अपनी मान्यताओं के अनुसार ही जीवन को देखता और महसूस करता है।
••व्यक्ति: स्वमान्यतानुसारमेव जीवनं सर्वदा पश्यति अनुभवति च।

उसकी मान्यताएं उसके संस्कारों और अनुभवों से बनती हैl
••तस्य मान्यता: तस्य संस्कारेभ्यः अनुभवेभ्यः च निर्मीयन्ते।

अतः सभी के जीवन का एक ही उद्देश्य होना संभव नहीं हैl
••अत: सर्वेषां जीवनस्य समानं प्रयोजनं न सम्भवति।

जो तुम मान लो,जो करने की ठान लो, वही तुम्हारा उद्देश्य है।
••यत्किमपि त्वं मन्यसे,यत्किमपि कर्तुं निश्चयं करोषि,तदेव तव उद्देश्यमस्ति।

इसके लिए किसी और के अनुमोदन की कोई जरूरत नहीं हैl
••अस्य कृते कस्यचित् अन्यस्य अनुमोदनं किमपि आवश्यकं नास्ति।

जीवन का कोई निश्चित उद्देश्य नहीं होता है।तुम जैसा मान लेते हो वैसा ही उद्देश्य बन जाता है।
••जीवनस्य किमपि निश्चितोद्देश्यं न भवति।त्वं यथा मन्यसे तथैव उद्देश्यं निर्मितं भवति।

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
🍃दोषभीतेरनारम्भस्तत् कापुरुषलक्षणम्
विघ्न के भय से कोई कार्य न करना कायरता का लक्षण है।

#quote
Live stream scheduled for
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 10:17 तक तत्पश्चात सप्तमी

दिनांक - 24 जून 2023
दिन - शनिवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - आषाढ़
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - मघा सुबह 07:19 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग - सिद्धि 25 जून प्रातः 05:27 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहु काल - सुबह 09:19 से11:00 तक
सूर्योदय - 05:56
सूर्यास्त - 07:29
दिशा शूल - पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:03 तक
व्रत पर्व विवरण - कुमार षष्ठी (प. बंगाल)
🍃अनतिक्रमणीयो हि विधि:
भाग्य का उल्लङ्घन नहीं किया जा सकता।

#quote
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
अद्य संलापशाला नास्ति।
🍃नाम्भोधिरर्थितामेति सदाम्भोभिश्च पूर्यते।
आत्मा तु पात्रतां नेयः पात्रमायान्ति सम्पदः
।।

विदुरनीतिः

🔆 यथा समुद्रः कदापि जलस्य कृते न याचते तथापि तस्य अर्हतायाः कारणेन सः स्वयं जलं प्राप्नोति जलेन पूरितः भवति तथैव अस्माभिः अपि स्वपात्रताविषये ध्यानं दातव्यं फलं तु स्वयमेव प्राप्यते।

जैसे समुद्र कभी भी जल के लिए भिक्षा नहीं मांगता फिर भी हमेशा जल से भरा रहता हैं,वैसे ही अपने आप को पहले योग्य बनाए इसके पश्चात् पद,सम्पत्ति,मान सम्मानादि तो स्वतः ही मिल जाते हैं।

#Subhashitam
किं पदं सम्यक् नास्ति।
Anonymous Quiz
5%
गङ्गा
67%
अन्डम्
17%
पराकाष्ठा
11%
पाञ्चालिका
संस्कृत में वाक्याभ्यास (घृणा तथा आश्चर्यभाव)
--------------------------------------
(१)ऐसा आदमी और मेरा पति!
••हे राम! ईदृशो नरो मम पति:!

(२)मेरा पुत्र और इतना नीच!
••धिक्! मे पुत्रं एतावन्तम् अनार्यम्!

(३)ऐसा बेईमान और हमारा नेता!
••हा! नो नेता एतावान् अनिष्ठः!

(४)ऐसी कुरूप और मेरी पत्नी !
••अहह!एतावती कुरूपा मम अर्धाङ्गिनी !

(५) ऐसा गरीब और मेरा प्रेमी !
••हा!ईदृशो निर्धनो मम वर:!

(६)ऐसी लड़की और मेरी पत्नी!
••हन्त!इदृशी किशोरी मम भार्या!

(७) ऐसा भिखारी और मेरा पति !
••बत! ईदृशो भिक्षुको मम वर:!

(८) ऐसा स्वार्थी और मेरा पिता !
••हन्त!मम पिता ईदृश: स्वार्थी!

(९)ऐसी नीच और मेरी पत्नी !
••धिक्!मम पत्नीम् एतावतीं अनार्याम्!

(१०) ऐसा बदमाश और मेरा पुत्र !
••धिक् !मे पुत्रम् एतावन्तम् अनार्यम् !

(११ ऐसा लोभी और हमारा नेता !
••धिक्!अस्माकं नेतारम् एतावन्तं लोभिनम्!

(१२) मेरा भाई और इतना कायर!
••हन्त! मम भ्राता एतावान् भीरु:!

(१३)ऐसा धोखेबाज और मेरा मित्र!
••अहो! मम मित्रम् एतावान् वञ्चक:!

(१३) ऐसा सुस्त और हमारा कप्तान!
••हन्त! अस्माकं नायक: एतावान् अलस:!

~उमेशगुप्तः

#vakyabhyas
🚩जय सत्य सनातन🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 12:25 तक तत्पश्चात अष्टमी

दिनांक - 25 जून 2023
दिन - रविवार
शक संवत् - 1945
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - आषाढ़
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 10:11 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - व्यतिपात पूर्ण रात्रि तक
राहु काल - शाम 05:47 से 07:29 तक
सूर्योदय - 05:56
सूर्यास्त - 07:29
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:03 तक
व्रत पर्व विवरण - विजया सप्तमी, रविवारी सप्तमी
🍃अनभ्यासे विषं शास्त्रम्
अभ्यास न करने पर शास्त्र विष के तुल्य हैं।

#quote