Two drunken friends were admitted to the hospital after an accident.
First Friend :- Haven't I told you many times that there is a tree in front of the car?
Second Friend :- Yes, I heard that.
First Friend :- Then why didn't you stop the car?
Second Friend :- Hey ! You were driving the car
#hasya
First Friend :- Haven't I told you many times that there is a tree in front of the car?
Second Friend :- Yes, I heard that.
First Friend :- Then why didn't you stop the car?
Second Friend :- Hey ! You were driving the car
#hasya
🍃
♦️satkaramanapujarthan tapo dambhena caiva yat.
kriyate tadiha proktan rajasan calamadhruvam৷৷17.18৷৷
⚜The austerity which is practised with the object of gaining good reception, honour and worship, and with hypocrisy, is here said to be Rajasic, unstable and transitory.(17.18)
⚜जो तप सत्कार मान और पूजा के लिए अथवा केवल दम्भ (पाखण्ड) से ही किया जाता है वह अनिश्चित और क्षणिक तप यहाँ राजस कहा गया है।।17.18।।
#geeta
सत्कारमानपूजार्थं तपो दम्भेन चैव यत्।
क्रियते तदिह प्रोक्तं राजसं चलमध्रुवम्
।।17.18।।♦️satkaramanapujarthan tapo dambhena caiva yat.
kriyate tadiha proktan rajasan calamadhruvam৷৷17.18৷৷
⚜The austerity which is practised with the object of gaining good reception, honour and worship, and with hypocrisy, is here said to be Rajasic, unstable and transitory.(17.18)
⚜जो तप सत्कार मान और पूजा के लिए अथवा केवल दम्भ (पाखण्ड) से ही किया जाता है वह अनिश्चित और क्षणिक तप यहाँ राजस कहा गया है।।17.18।।
#geeta
🍃
♦️mudhagrahenatmano yatpidaya kriyate tapah.
parasyotsadanarthan va tattamasamudahrtam৷৷17.19৷৷
⚜That austerity which is practised out of a foolish notion, with self-torture, or for the purpose of destroying another, is declared to be Tamasic.(17.19)
⚜जो तप मूढ़तापूर्वक स्वयं को पीड़ित करते हुए अथवा अन्य लोगों के नाश के लिए किया जाता है वह तप तामस कहा गया है।।17.19।।
#geeta
मूढग्राहेणात्मनो यत्पीडया क्रियते तपः।
परस्योत्सादनार्थं वा तत्तामसमुदाहृतम्
।।17.19।।♦️mudhagrahenatmano yatpidaya kriyate tapah.
parasyotsadanarthan va tattamasamudahrtam৷৷17.19৷৷
⚜That austerity which is practised out of a foolish notion, with self-torture, or for the purpose of destroying another, is declared to be Tamasic.(17.19)
⚜जो तप मूढ़तापूर्वक स्वयं को पीड़ित करते हुए अथवा अन्य लोगों के नाश के लिए किया जाता है वह तप तामस कहा गया है।।17.19।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅️ 🚩तिथि - नवमी शाम 06:25 तक तत्पश्चात दशमी
⛅️दिनांक - 08 जुलाई 2022
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत - 1944
⛅️अयन - दक्षिणायन
⛅️ऋतु - वर्षा
⛅️मास - आषाढ़
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - चित्रा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅️योग - शिव सुबह 09:01 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️राहु काल - सबुह 11:04 से दोहर 12:45 तक
⛅️सर्योदय - 06:00
⛅️सर्यास्त - 07:29
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️बरह्म मुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅️ 🚩तिथि - नवमी शाम 06:25 तक तत्पश्चात दशमी
⛅️दिनांक - 08 जुलाई 2022
⛅️दिन - शुक्रवार
⛅️शक संवत - 1944
⛅️अयन - दक्षिणायन
⛅️ऋतु - वर्षा
⛅️मास - आषाढ़
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र - चित्रा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅️योग - शिव सुबह 09:01 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️राहु काल - सबुह 11:04 से दोहर 12:45 तक
⛅️सर्योदय - 06:00
⛅️सर्यास्त - 07:29
⛅️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️बरह्म मुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/bncAq8FJSH4
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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वार्ता: संस्कृत में समाचार | पीएम आज प्रथम ''अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान'' में लेंगे हिस्सा
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
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वृक्षे हरितानि पत्राणि शोभन्ते।
अस्मिन् वाक्ये विशेषणः शब्दः कः।
अस्मिन् वाक्ये विशेषणः शब्दः कः।
Anonymous Quiz
8%
शोभन्ते
2%
पत्राणि
2%
वृक्षे
89%
हरितानि
संस्कृतवाक्याभ्यासः
एकः मूढः जनः मार्गस्य कोणे उपविष्टः अस्ति।
= एक पागल व्यक्ति रास्ते के कोने में बैठा है।
तस्य वस्त्राणि मलिनानि सन्ति।
= उसके वस्त्र मैले हैं।
तस्य केशाः अपि मलिनाः सन्ति।
= उसके बाल भी मैले हैं।
तस्य केशाः बहु दीर्घाः अभवन्।
= उसके बाल बहुत लंबे हो गए हैं।
कथं सः आतपे उपविशति ? अहं न जानामि।
= वह कैसे धूप में बैठता है ? मैं नहीं जानता।
मार्गतः यः कोsपि गमनागमनं करोति सः तस्मै किमपि न किमपि अवश्यमेव ददाति।
= मार्ग से जो भी आना जाना करता है वह उसे कुछ न कुछ देता ही है।
सः प्रेम्णा खादति।
= वह प्रेम से खाता है।
अद्य केचन युवकाः द्रोण्यां जलम् आनीतवन्तः।
= आज कुछ युवक बाल्टी में पानी लाए।
तस्य स्नानं कारितवन्तः।
= उसको स्नान कराया।
स्नानात् पूर्वम् एकः युवकः मूढस्य केशान् कर्तितवान्।
= स्नान से पहले एक युवक ने उस पागल के बाल काटे ।
एकः युवकः गृहात् वस्त्राणि आनीतवान्।
= एक युवक घर से वस्त्र लाया।
सः तस्य वस्त्राणि परिवर्तितवान्।
= उसने उसके वस्त्र बदले।
सर्वे युवकाः गृहम् आगत्य सम्यक् स्नानं कृतवन्तः।
= सभी युवकों ने घर आकर ठीक से स्नान किया।
अधुना सः मूढः बहु सम्यक् दृश्यते।
= अब वह पागल बहुत अच्छा लग रहा है।
प्रतिदिनं संस्कृतम्
सा प्रातःकाले पञ्चवादने उत्थितवती।
= वह प्रातः पाँच बजे जाग गई।
दन्तधावनं मुखप्रक्षालनं च कृतवती।
= दांतों को साफ किया और मुख को साफ किया।
तदनन्तरं सा गृहे स्वच्छतां कृतवती।
= उसके बाद उसने घर में सफाई की।
सर्वाणि वस्तूनि सुनियोजितवती।
= सभी वस्तुओं को अच्छे से नियोजित किया।
तदनन्तरं सा स्नानार्थं स्नानगृहं गतवती।
= उसके बाद वह स्नान के लिये स्नानघर गई।
स्नानं कृत्वा सज्जीभूत्वा सा आँगणम् आगतवती।
= स्नान करके तैयार होकर वह आँगन में आई।
सा तुलसीपादपस्य समीपे एकं दीपं प्रज्ज्वालितवती।
= उसने तुलसी के पौधे के पास एक दीप प्रज्ज्वलित किया।
सा तत्र उपविश्य ध्यानम् अपि कृतवती।
= उसने वहाँ बैठकर ध्यान भी किया।
ध्यानं समाप्य सा पाकशालाम् आगतवती।
= ध्यान समाप्त करके वह रसोई में आ गई है।
अधुना सा सुमधुरम् अल्पाहारं पचति।
= अभी वह सुमधुर अल्पाहार बना रही है।
#vakyabhyas
एकः मूढः जनः मार्गस्य कोणे उपविष्टः अस्ति।
= एक पागल व्यक्ति रास्ते के कोने में बैठा है।
तस्य वस्त्राणि मलिनानि सन्ति।
= उसके वस्त्र मैले हैं।
तस्य केशाः अपि मलिनाः सन्ति।
= उसके बाल भी मैले हैं।
तस्य केशाः बहु दीर्घाः अभवन्।
= उसके बाल बहुत लंबे हो गए हैं।
कथं सः आतपे उपविशति ? अहं न जानामि।
= वह कैसे धूप में बैठता है ? मैं नहीं जानता।
मार्गतः यः कोsपि गमनागमनं करोति सः तस्मै किमपि न किमपि अवश्यमेव ददाति।
= मार्ग से जो भी आना जाना करता है वह उसे कुछ न कुछ देता ही है।
सः प्रेम्णा खादति।
= वह प्रेम से खाता है।
अद्य केचन युवकाः द्रोण्यां जलम् आनीतवन्तः।
= आज कुछ युवक बाल्टी में पानी लाए।
तस्य स्नानं कारितवन्तः।
= उसको स्नान कराया।
स्नानात् पूर्वम् एकः युवकः मूढस्य केशान् कर्तितवान्।
= स्नान से पहले एक युवक ने उस पागल के बाल काटे ।
एकः युवकः गृहात् वस्त्राणि आनीतवान्।
= एक युवक घर से वस्त्र लाया।
सः तस्य वस्त्राणि परिवर्तितवान्।
= उसने उसके वस्त्र बदले।
सर्वे युवकाः गृहम् आगत्य सम्यक् स्नानं कृतवन्तः।
= सभी युवकों ने घर आकर ठीक से स्नान किया।
अधुना सः मूढः बहु सम्यक् दृश्यते।
= अब वह पागल बहुत अच्छा लग रहा है।
प्रतिदिनं संस्कृतम्
सा प्रातःकाले पञ्चवादने उत्थितवती।
= वह प्रातः पाँच बजे जाग गई।
दन्तधावनं मुखप्रक्षालनं च कृतवती।
= दांतों को साफ किया और मुख को साफ किया।
तदनन्तरं सा गृहे स्वच्छतां कृतवती।
= उसके बाद उसने घर में सफाई की।
सर्वाणि वस्तूनि सुनियोजितवती।
= सभी वस्तुओं को अच्छे से नियोजित किया।
तदनन्तरं सा स्नानार्थं स्नानगृहं गतवती।
= उसके बाद वह स्नान के लिये स्नानघर गई।
स्नानं कृत्वा सज्जीभूत्वा सा आँगणम् आगतवती।
= स्नान करके तैयार होकर वह आँगन में आई।
सा तुलसीपादपस्य समीपे एकं दीपं प्रज्ज्वालितवती।
= उसने तुलसी के पौधे के पास एक दीप प्रज्ज्वलित किया।
सा तत्र उपविश्य ध्यानम् अपि कृतवती।
= उसने वहाँ बैठकर ध्यान भी किया।
ध्यानं समाप्य सा पाकशालाम् आगतवती।
= ध्यान समाप्त करके वह रसोई में आ गई है।
अधुना सा सुमधुरम् अल्पाहारं पचति।
= अभी वह सुमधुर अल्पाहार बना रही है।
#vakyabhyas
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰संस्कृतकथा,सुभाषितम्, हास्यकणिका इत्यादयः
🗓09th July 2022, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
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⏳45 निमेषाः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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🍃
♦️datavyamiti yaddanan diyatenupakarine.
dese kale ca patre ca taddanan sattvikan smrtam৷৷17.20৷৷
⚜That gift which is given to one who does nothing in return, knowing it to be a duty to give in a fit place and time to a worthy person, that gift is held to be Sattvic.(17.20)
⚜दान देना ही कर्तव्य है इस भाव से जो दान योग्य देश काल को देखकर ऐसे (योग्य) पात्र (व्यक्ति) को दिया जाता है जिससे प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं होती है वह दान सात्त्विक माना गया है।।17.20।।
#geeta
दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।
देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्
।।17.20।।♦️datavyamiti yaddanan diyatenupakarine.
dese kale ca patre ca taddanan sattvikan smrtam৷৷17.20৷৷
⚜That gift which is given to one who does nothing in return, knowing it to be a duty to give in a fit place and time to a worthy person, that gift is held to be Sattvic.(17.20)
⚜दान देना ही कर्तव्य है इस भाव से जो दान योग्य देश काल को देखकर ऐसे (योग्य) पात्र (व्यक्ति) को दिया जाता है जिससे प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं होती है वह दान सात्त्विक माना गया है।।17.20।।
#geeta