अनुच्छेद 275:-
कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
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अनुच्छेद 280 :–
वित्त आयोग
(1) राष्ट्रपति, इस संविधान के प्रारंभ से दो वर्ष के भीतर और उसके बाद प्रत्येक पांचवें वर्ष की समाप्ति पर या ऐसे पहले समय पर, जैसा कि राष्ट्रपति आवश्यक समझे, आदेश द्वारा एक वित्त आयोग का गठन करेगा जिसमें एक अध्यक्ष और चार राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाने वाले अन्य सदस्य।
वित्त आयोग
(1) राष्ट्रपति, इस संविधान के प्रारंभ से दो वर्ष के भीतर और उसके बाद प्रत्येक पांचवें वर्ष की समाप्ति पर या ऐसे पहले समय पर, जैसा कि राष्ट्रपति आवश्यक समझे, आदेश द्वारा एक वित्त आयोग का गठन करेगा जिसमें एक अध्यक्ष और चार राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाने वाले अन्य सदस्य।
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अनुच्छेद 281:–
वित्त आयोग की सिफारिशें
राष्ट्रपति इस संविधान के प्रावधानों के तहत वित्त आयोग द्वारा की गई हर सिफारिश को एक व्याख्यात्मक ज्ञापन के साथ संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष विविध वित्तीय प्रावधान रखने के लिए कहेंगे।
वित्त आयोग की सिफारिशें
राष्ट्रपति इस संविधान के प्रावधानों के तहत वित्त आयोग द्वारा की गई हर सिफारिश को एक व्याख्यात्मक ज्ञापन के साथ संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष विविध वित्तीय प्रावधान रखने के लिए कहेंगे।
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अनुच्छेद 285:-
संघ व संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट
संघ व संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट
संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद & Imp Static GK pinned «अनुच्छेद 285:- संघ व संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट»
Forwarded from UPPCS Pre
Provision regarding Panchayats and Municipalities was made in the Indian Constitution in which year?
पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के सम्बन्ध में भारतीय संविधान में किस वर्ष प्राविधान किया गया?
PCS ABHYAAS 2010
पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के सम्बन्ध में भारतीय संविधान में किस वर्ष प्राविधान किया गया?
PCS ABHYAAS 2010
Anonymous Quiz
14%
1991
11%
1995
6%
2000
68%
1993
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अनुच्छेद 286. माल के क्रय या विक्रय पर कर लगाने के संबंध में निर्बन्धन।
किसी राज्य का कोई कानून माल के क्रय या विक्रय पर कोई कर नहीं लगाएगा या लगाने को प्राधिकृत नहीं करेगा।
किसी राज्य का कोई कानून माल के क्रय या विक्रय पर कोई कर नहीं लगाएगा या लगाने को प्राधिकृत नहीं करेगा।
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अनुच्छेद 292:- भारत सरकार द्वारा उधार लेना।
❤5
अनुच्छेद 293:- राज्य सरकार द्वारा उधार लेना
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अनुच्छेद 300-क:-
किसी भी व्यक्ति को कानून के अधिकार के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता.
किसी भी व्यक्ति को कानून के अधिकार के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता.
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अनुच्छेद 301:-
यह गारंटी देता है कि भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र में व्यापार, वाणिज्य और समागम स्वतंत्र होंगे ।
यह गारंटी देता है कि भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र में व्यापार, वाणिज्य और समागम स्वतंत्र होंगे ।
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Forwarded from UPPCS Pre
निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की विशेषता नहीं है?
Which of the following is not a feature of the Indian Constitution?
PCS ABHYAAS
Which of the following is not a feature of the Indian Constitution?
PCS ABHYAAS
Anonymous Quiz
22%
संघवाद Federalism
5%
संसदीय प्रणाली Parliamentary system
70%
राष्ट्रपति प्रणाली Presidential system
3%
मौलिक अधिकार Fundamental Rights
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अनुच्छेद 312 :- संसद(केवल राज्यसभा) को अखिल भारतीय सेवाएं बनाने का अधिकार देता है, जो संघ और राज्य दोनों के अधीन काम करती हैं।
Forwarded from "UPSC PYQ Hindi | PSC Previous Year Questions" (Aditya jain)
भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद ने अस्पृश्यता की प्रथा को समाप्त कर दिया?
(Bpsc 69) #polity
(Bpsc 69) #polity
Anonymous Quiz
9%
अनुच्छेद 16
78%
अनुच्छेद 17
11%
अनुच्छेद 18
3%
अनुच्छेद 20
❤1
अनुच्छेद 315
संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
(1)इस अनुच्छेद के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा।(2)दो या अधिक राज्य इस बात पर सहमत हो सकेंगे कि उस राज्य समूह के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा और यदि उस प्रभाव का संकल्प सदन द्वारा या जहां दो सदन हैं वहां प्रत्येक सदन द्वारा उन राज्यों में से प्रत्येक के विधानमंडल द्वारा पारित कर दिया जाता है तो संसद विधि द्वारा उन राज्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (जिसे इस अध्याय में संयुक्त आयोग कहा गया है) की नियुक्ति का उपबंध कर सकेगी।(3) यदि किसी राज्य का राज्यपाल संघ लोक सेवा आयोग से ऐसा करने का अनुरोध करता है तो वह राष्ट्रपति के अनुमोदन से उस राज्य की सभी या किन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए सहमत हो सकता है।
संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
(1)इस अनुच्छेद के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा।(2)दो या अधिक राज्य इस बात पर सहमत हो सकेंगे कि उस राज्य समूह के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा और यदि उस प्रभाव का संकल्प सदन द्वारा या जहां दो सदन हैं वहां प्रत्येक सदन द्वारा उन राज्यों में से प्रत्येक के विधानमंडल द्वारा पारित कर दिया जाता है तो संसद विधि द्वारा उन राज्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (जिसे इस अध्याय में संयुक्त आयोग कहा गया है) की नियुक्ति का उपबंध कर सकेगी।(3) यदि किसी राज्य का राज्यपाल संघ लोक सेवा आयोग से ऐसा करने का अनुरोध करता है तो वह राष्ट्रपति के अनुमोदन से उस राज्य की सभी या किन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए सहमत हो सकता है।
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अनुच्छेद 316:-
सदस्यों की नियुक्ति और कार्यकाल
(1) लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति, यदि वह संघ आयोग या संयुक्त आयोग है, तो राष्ट्रपति द्वारा और यदि वह राज्य आयोग है, तो राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाएगीः परन्तु प्रत्येक लोक सेवा आयोग के सदस्यों में से यथाशक्य निकटतम आधे ऐसे व्यक्ति होंगे जो अपनी-अपनी नियुक्ति की तारीख पर भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन कम से कम दस वर्ष तक पद धारण कर चुके हों और उक्त दस वर्ष की अवधि की गणना करने में इस संविधान के प्रारंभ से पहले की कोई अवधि सम्मिलित की जाएगी जिसके दौरान किसी व्यक्ति ने भारत में क्राउन के अधीन या किसी देशी राज्य की सरकार के अधीन पद धारण किया हो।
(2) लोक सेवा आयोग का सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से छह वर्ष की अवधि तक या संघ आयोग की दशा में पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक और राज्य आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में, इनमें से जो भी पहले हो, पद धारण करेगा
सदस्यों की नियुक्ति और कार्यकाल
(1) लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति, यदि वह संघ आयोग या संयुक्त आयोग है, तो राष्ट्रपति द्वारा और यदि वह राज्य आयोग है, तो राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाएगीः परन्तु प्रत्येक लोक सेवा आयोग के सदस्यों में से यथाशक्य निकटतम आधे ऐसे व्यक्ति होंगे जो अपनी-अपनी नियुक्ति की तारीख पर भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन कम से कम दस वर्ष तक पद धारण कर चुके हों और उक्त दस वर्ष की अवधि की गणना करने में इस संविधान के प्रारंभ से पहले की कोई अवधि सम्मिलित की जाएगी जिसके दौरान किसी व्यक्ति ने भारत में क्राउन के अधीन या किसी देशी राज्य की सरकार के अधीन पद धारण किया हो।
(2) लोक सेवा आयोग का सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से छह वर्ष की अवधि तक या संघ आयोग की दशा में पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक और राज्य आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में, इनमें से जो भी पहले हो, पद धारण करेगा
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अनुच्छेद 317:-
लोक सेवा आयोग के सदस्य को हटाने और निलंबित करने से संबंधित है।
अनुच्छेद में कहा गया है कि "लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को दुर्व्यवहार के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश से ही उसके पद से हटाया जाएगा, जब राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को संदर्भित किए जाने पर, अनुच्छेद 145 के तहत उस संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच के बाद, न्यायालय ने रिपोर्ट दी हो कि अध्यक्ष या ऐसे अन्य सदस्य को, जैसा भी मामला हो, ऐसे किसी भी आधार पर हटा दिया जाना चाहिए।"
लोक सेवा आयोग के सदस्य को हटाने और निलंबित करने से संबंधित है।
अनुच्छेद में कहा गया है कि "लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को दुर्व्यवहार के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश से ही उसके पद से हटाया जाएगा, जब राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को संदर्भित किए जाने पर, अनुच्छेद 145 के तहत उस संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच के बाद, न्यायालय ने रिपोर्ट दी हो कि अध्यक्ष या ऐसे अन्य सदस्य को, जैसा भी मामला हो, ऐसे किसी भी आधार पर हटा दिया जाना चाहिए।"
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धर्म, मूलवंश, लिंग, जाति या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध संविधान के किस अनुच्छेद में है?
Anonymous Quiz
44%
अनुच्छेद 15
27%
अनुच्छेद 16
20%
अनुच्छेद 17
8%
अनुच्छेद 18
❤4
संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद & Imp Static GK pinned «धर्म, मूलवंश, लिंग, जाति या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध संविधान के किस अनुच्छेद में है?»
Forwarded from Paras Sonkar
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149.5 MB
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