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News, messages, and statements from Ayatullah Khamenei, Iran's Supreme Leader

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📷 इस्लामी क्रांति के नेता से गृह मंत्री और गवर्नरों की मुलाक़ात

🔸गृह मंत्री और प्रांतों के गवर्नरों ने बुधवार की दोपहर को इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।


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🎥 कभी क़ुर्बानी देनी पड़ती है!

🔸क़ुर्बानी एक प्रतीकात्मक पैग़ाम रखती है कि इंसान को कभी अपनी सबसे अज़ीज़ चीज़ें भी, त्याद देनी चाहिए, क़ुर्बान कर देनी चाहिए।

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💠 दरस-ए-अख़लाक़ः इस्तेग़फ़ार, दिल की सियाही को साफ़ कर देता है

🔸 उस इंसान की ज़िन्दगी सबसे अच्छे व मुकम्मल रूप में है जो अल्लाह की राह पर चल सके और अपने अल्लाह को ख़ुद से राज़ी रख सके, इच्छाएं उसे अपना ग़ुलाम न बना सकें। भौतिकवाद में घिरा इंसान जो इच्छा, ग़ज़ब, वासना और अपने ज़ज़्बात का क़ैदी बन जाए, एक हक़ीर इंसान है, चाहे वह दिखने में कितना ही बड़ा नज़र आता हो, चाहे उसके पास कैसा ही ओहदा हो। इस्तेग़फ़ार आपको इस पतन से नजात दिला सकता है, इस्तेग़फ़ार आपके प्रकाशमान मन पर लगे ज़ंग को हटा कर फिर से उसे रौशन कर देता है। हर इंसान अपनी ज़ात में नूरानी है, यहाँ तक कि वह इंसान जो अल्लाह से कोई संपर्क व परिचय नहीं रखता, उसकी हक़ीक़त और जौहर नूरानियत है, अलबत्ता आत्मज्ञान न होने की वजह से गुनाह और इच्छाएं मन पर ज़ंग लगा देती हैं। इस्तेग़फ़ार इस ज़ंग को साफ़ करके फिर से नूरानी बना देता है।

इमाम ख़ामेनेई
31/1/1997

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🔰 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता:
आज सेवा के लिए देश का सामान्य माहौल अनुकूल है और अवसर बहुत अधिक हैं।


🔸इस्लामी क्रांति के नेता ने 28 मई 2025 की दोपहर को गृह मंत्री और प्रांतों के गवर्नरों से मुलाक़ात में इस बात पर ज़ोर देते हुए कि प्रांतों का प्रबंधन पूरी तरह गवर्नरों के...

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🎥 अधिकारी, अवाम के सामने संयम से काम लें

🔸लोगों से गर्मजोशी से मिलिए। जनता के बीच जाइए। उनकी सभाओं में जाइए, उनकी बातें सुनिए, कभी-कभी वे कड़वी बातें करते हैं, सहनशीलता दिखाइए। इसके लिए अभ्यास की ज़रूरत है।

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फ़िलिस्तीन का मसला इस्लामी दुनिया का सबसे अहम मुद्दा है।

इमाम ख़ामेनेई
26 मई 2025

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क्षेत्रीय संगठनों जैसे ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन में भागीदारी अवसरों में से एक है। आज हमारे पास यह अवसर मौजूद है और हम इसका लाभ उठा सकते हैं। 

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आप गवर्नर जनता के बीच जाइए, उनकी बातें सुनिए। हो सकता है कि वे कठोर बातें बोलें, तो धैर्य से काम लीजिए। जो व्यक्ति आपत्ति करे, उसके सामने संयम दिखाइए।

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जिस तरह हम शारीरिक बीमारियों के कारकों से लड़ते हैं और वायरस से बचते हैं, उसी तरह हमें देश को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए भी सतर्क रहना चाहिए।

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भ्रष्टाचार सात सिर वाला अजगर है। यह आसानी से ख़त्म नहीं होता, इस पर लगातार सख्त नज़र रखनी चाहिए। 

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उच्च अधिकारियों को शरीअत का पाबंद होना चाहिए। उन्हें अल्लाह की हराम की हुई चीज़ों से बचना चाहिए, दीनी कामों में रुचि रखनी चाहिए, और यह दीनदारी आम लोगों को भी दिखाई देनी चाहिए।

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🎥 शैतान को पहचानो और मार दो!

🔸ये सारे इबादती काम जो हज में हैं, इनमें से हर एक का एक सांकेतिक पहलू है। किसी न किसी इंसानी पहलू की तरफ़ इशारा है। जैसे शैतान को कंकड़ियाँ मारना (यानी) शैतान को मारो, जहां भी हो, जिस शक्ल में भी हो, जहाँ भी शैतान मिले, उसे कुचल दो! शैतान को कुचल दो।

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🏡 इस्लामी घरानाः मियां-बीवी, एक दूसरे को पाकीज़ा इश्क़ से भरी नज़रों से देखा करें

🔸ज़िन्दगी की हक़ीक़तों से ऊपर, आरज़ूएं, इश्क़ और मोहब्बतें, इंसानी जज़्बात इंसान की ज़िन्दगी में अपना रोल अदा करते हैं, उनका रोल भी, स्वाभाविक है, दूसरे दर्जे का नहीं है, बल्कि वही वास्तविक रोल है और इस मज़बूत इमारत का स्तंभ बन सकता है। इसको किस तरह व्यवस्थित करें? बीवी और शौहर, हर किसी को अपनी जगह और स्थिति को समझना चाहिए। शौहर को बीवी की तरफ़ और बीवी को शौहर की तरफ़ पाकीज़ा इश्क़ से भरी नज़रों से देखना चाहिए और इस इश्क़ को बाक़ी व महफ़ूज़ रखें, क्योंकि यह ख़त्म भी हो सकता है। दूसरी सभी चीज़ों को तरह इसमें पतन आ सकता है, इसको दिल से लगाए रखें, इसकी रक्षा करें कि ख़त्म होने न पाए।

इमाम ख़ामेनेई
12/03/2000

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🎥  ज़िंदगी की मुश्किलों के पहाड़ों के बीच बढ़ते रहिए

🔸 सफ़ा व मरवा के बीच सई (तेज़ क़दमों से चलना) एक इबादत है, लेकिन इसका एक गहरा प्रतीकात्मक संदेश है। (यानी) ज़िंदगी की मुश्किलों के पहाड़ों के बीच लगातार आगे बढ़ते रहिए, कोशिश करते रहिए।


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🎥  ज़िंदगी का सबक़, तौहीद है

🔸तवाफ़ आपको यह सबक़ देता है: ज़िंदगी का अस्ली सबक़ तौहीद है। और यह सबक़ सिर्फ़ मोमिनों के लिए नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैः और लोगों में हज का एलान कर दीजिए। (सूरए हज, आयत-27)

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🕋  जल्लादों से बराअत और उनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना

🔸बरआत यानी लोग (हज) में आएं और उन जल्लादों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करें जो टाई और पर्फ़्यूम लगाए और प्रेस किए हुए लेबास में आते हैं और जितनी बर्बरता मुमकिन है, उस बर्बरता से इंसानों को क़त्ल करते हैं और उन लोगों के ख़िलाफ़ भी आवाज़ उठाएं जो इनका सपोर्ट करते हैं और इनके हित में अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर क़दम उठाते हैं। 

इमाम ख़ामेनेई
20  अप्रैल 1994

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🕋  बराअत, हज की आत्मा है

🔸बराअत को हमने बाहर से हज में शामिल नहीं किया है। हज का हिस्सा, हज की आत्मा और हज की विशाल सभा के वास्तविक अर्थ में है। 

इमाम ख़ामेनेई
20 अप्रैल 1994

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🕋  अपनी कथनी और करनी से मुशरिकों से बराअत कीजिए

🔸हज करने का सौभाग्य पाने वाले हाजियों और ख़ास तौर पर इस्लामी मुल्कों के ओलमा और वक्ताओं से जो इस समागम में हाज़िर हुए हैं और दोनों पवित्र स्थलों (काबा और मस्जिदुन्नबी) के नमाज़े जुमा के वक्ताओं से मेरी ताकीद यह है कि मुद्दे की सही समझ के साथ अपने आज के तात्कालिक कर्तव्य को फिर से समझें, उनमें जितना जज़्बा और जितनी ताक़त है उसे उपयोग करके साम्राज्यवादियों, इस्लामी जगत के दुश्मनों और सबसे बड़े फ़ितने यानी ज़ायोनीवाद और अमरीका के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं और मुशरिकों से बराअत को अपनी कथनी और करनी में व्यवहारिक करें। 

इमाम ख़ामेनेई
26 नवम्बर 2009

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📖  आपस में सब भाई भाई हैं

🔸हम कोशिश करें, घटनाओं की पहचान के दौरान अपनी समीक्षाओं व टिप्पणियोंमें ग़लती का शिकार न हों। यह समझ लें कि अमरीका और ज़ायोनीवाद, इस्लामी जगत के दुश्मनों में हैं, ज़ालिम हुकूमतों के शासक इस्लामी जगत के दुश्मनों में हैं, अगर हम देखें कि एक जगह पर वे सब एक ही रुख़ पर चल रहे हैं तो जान लें कि वह असत्य का रास्ता है, ग़लत राह है, अपनी समीक्षाओं में ग़लती न करें। “बेशक अल्लाह के नज़दीक तुममें से ज़्यादा मोअज़्ज़ज़ व मोकर्रम वह है जो तुममें से ज़्यादा परहेज़गार है।” (सूरए हुजरात, आयत-13) सबके सब एक जैसे और आपस में भाई भाई हैं, हम सबको होशियार रहना चाहिए। जागरुक होना चाहिए, अपनी आँखें खुली रखें, समीक्षाओं में ग़लती का शिकार न हों।

इमाम ख़ामेनेई
19/08/1996

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🕋  हज में बराअत, दुश्मन से होशियारी की सीख

🔸इस्लाम और मुसलमानों के सिलसिले में अमरीका की मुख्य नीति जंग की आग भड़काना है। मुसलमान होशियार रहें और इस शैतानी नीति को नाकाम बनाएं। हज से इस होशियारी की पृष्ठिभूमि मुहैया होती है और यही हज में मुशरिकों और साम्राज्यवादियों से बराअत का राज़ है।

 इमाम ख़ामेनेई 
20 अगस्त 2018

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