Beauty is not defined by the body, but by the light of the inner self.
According to Manusmriti, one who holds knowledge, truth in speech, virtue, and righteous action is truly beautiful.
The Bhagavad Gita teaches that beauty lies in living with sattva — purity, calmness, and clarity — which uplifts both self and others.
Mahabharata says beauty is found in sweet and truthful speech, not in outer form.
True beauty also lies in selfless karma, done without attachment (Gita 3.19), and a serene, joyful mind, as taught by the Yoga Vasistha.
In Hindu thought, beauty is not what pleases the eye, but what awakens the soul — the harmony of character, wisdom, and compassion.
That is truly सुंदर (beautiful).
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नगराज! कहीं तू डोल उठा,
फिर कौन अचल रह पायेगा?
धरती ही नहीं, खमण्डल भी
यह दो टुकड़े हो जायेगा।
सच है, गिरती जब गाज कठिन,
भूधर का उर फट जाता है,
जब चक्र घूमता है, मस्तक
शिशुपालों का कट जाता है।
सच है, जल उठते महल,
बिखेरे जब अंगारे जाते हैं;
औ’ मचकर रहता कुरुक्षेत्र
जब चीर उतारे जाते हैं।
सम्मुख है राजसभा लेकिन,
प्रस्ताव अभी तक बाकी है;
केशव को लगना, स्यात्,
आखिरी घाव अभी तक बाकी है।
आदर्श दुहाई देता है,
धीरज का बाँध नहीं टूटे।
आदर्श दुहाई देता है,
धन्वा से वाण नहीं छूटे।
सपने जल जायें,
सावधान! ऐसी कोई भी बात न हो,
आदर्श दुहाई देता है,
उसके तन पर आघात न हो।
आदर्श माँगता मुक्त पंथ,
वह कोलाहल में जायेगा;
लपटों से घिरे महल में से
जीवित स्वदेश को लायेगा।
विश्वासी बन तुम खड़े रहो,
कंचन की आज समीक्षा है;
यह और किसी की नहीं, स्वयं
सीता की अग्नि-परीक्षा है।
दुनिया भी देखे अंधकार की
कैसी फौज उमड़ती है!
औ एक अकेली किरण
व्यूह में जाकर कैसे लड़ती है।
- रामधारी सिंह दिनकर
फिर कौन अचल रह पायेगा?
धरती ही नहीं, खमण्डल भी
यह दो टुकड़े हो जायेगा।
सच है, गिरती जब गाज कठिन,
भूधर का उर फट जाता है,
जब चक्र घूमता है, मस्तक
शिशुपालों का कट जाता है।
सच है, जल उठते महल,
बिखेरे जब अंगारे जाते हैं;
औ’ मचकर रहता कुरुक्षेत्र
जब चीर उतारे जाते हैं।
सम्मुख है राजसभा लेकिन,
प्रस्ताव अभी तक बाकी है;
केशव को लगना, स्यात्,
आखिरी घाव अभी तक बाकी है।
आदर्श दुहाई देता है,
धीरज का बाँध नहीं टूटे।
आदर्श दुहाई देता है,
धन्वा से वाण नहीं छूटे।
सपने जल जायें,
सावधान! ऐसी कोई भी बात न हो,
आदर्श दुहाई देता है,
उसके तन पर आघात न हो।
आदर्श माँगता मुक्त पंथ,
वह कोलाहल में जायेगा;
लपटों से घिरे महल में से
जीवित स्वदेश को लायेगा।
विश्वासी बन तुम खड़े रहो,
कंचन की आज समीक्षा है;
यह और किसी की नहीं, स्वयं
सीता की अग्नि-परीक्षा है।
दुनिया भी देखे अंधकार की
कैसी फौज उमड़ती है!
औ एक अकेली किरण
व्यूह में जाकर कैसे लड़ती है।
- रामधारी सिंह दिनकर
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कह दो इन दर्पी पुरुषों से,
सीता भी कुछ स्वाभिमानी है,
यदि प्रेम केवल पावनता है,
तो प्रेम कहाँ अभिमानी है?
~ एडमिन
सीता भी कुछ स्वाभिमानी है,
यदि प्रेम केवल पावनता है,
तो प्रेम कहाँ अभिमानी है?
~ एडमिन
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पिता और सूरज,दोनों की गर्मी बर्दाश्त करना सीखो,
क्योंकि इनके डूबने से अंधेरा छा जाता है ।
क्योंकि इनके डूबने से अंधेरा छा जाता है ।
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The Secret (Rhonda Byrne).pdf
4.1 MB
The Secret" by Rhonda Byrne ek self-help book hai jo Law of Attraction par based hai. Ye kehti hai ki agar aap positive soch rakhenge aur kisi cheez ko sachche dil se chaahenge, to aap usse apni zindagi me attract kar sakte hain.
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