TRE 4 और STET से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
TRE 4 परीक्षा:
चुनाव के बाद, TRE 4 की परीक्षा अब 28 से 30 नवंबर के बीच आयोजित की जा सकती है। सरकार जल्द ही TRE 4 को लेकर कोई बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।
STET परीक्षा:
STET परीक्षा को लेकर भी हलचल तेज है। रोस्टर क्लीयरेंस से पहले ही STET को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
BSEB और शिक्षा विभाग की बैठक:
BSEB और शिक्षा विभाग की जल्द ही एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें इन परीक्षाओं और भर्तियों पर बातचीत होगी।
मुख्यमंत्री का बयान:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार TRE 4 को लेकर कोई घोषणा जल्द कर सकते हैं।
जिलों में काम:
सभी जिलों में अधिकारी तेजी से रोस्टर क्लीयरेंस के कार्य में लगे हुए हैं, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया को गति दी जा सके।
वैकेंसी व परीक्षा से जुड़ी खास बातें
कक्षा 1-5 और 6-8:
इस बार कक्षा 1-5 और 6-8 में बहुत बड़ी संख्या में वैकेंसी नहीं निकलेगी।
कक्षा 9-10 और 11-12:
News18 के अनुसार, सबसे अधिक वैकेंसी कक्षा 9-10 और 11-12 के लिए निकल सकती है।
कंप्यूटर शिक्षक/लाइब्रेरीयन:
कक्षा 6-8 में कंप्यूटर शिक्षक और लाइब्रेरीयन की नियुक्ति को लेकर फैसला होना बाकी है।
फाइनल निर्णय:
अगस्त के अंत तक सारी फाइनल प्रक्रिया पूरी हो सकती है।
कुल वैकेंसी:
कुल मिलाकर 40,000 से 50,000 पदों पर वैकेंसी आ सकती है।
विज्ञापन जारी होने की संभावना:
15 सितंबर तक विज्ञापन जारी किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
TRE 4 की परीक्षा 28-30 नवंबर के बीच संभव।
STET परीक्षा के निर्णय में तेजी।
अधिक वैकेंसी कक्षा 9-10 और 11-12 के लिए।
कुल वैकेंसी 40,000-50,000 होने की संभावना।
15 सितंबर तक भर्तियों का विज्ञापन जारी हो सकता है।
TRE 4 परीक्षा:
चुनाव के बाद, TRE 4 की परीक्षा अब 28 से 30 नवंबर के बीच आयोजित की जा सकती है। सरकार जल्द ही TRE 4 को लेकर कोई बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।
STET परीक्षा:
STET परीक्षा को लेकर भी हलचल तेज है। रोस्टर क्लीयरेंस से पहले ही STET को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
BSEB और शिक्षा विभाग की बैठक:
BSEB और शिक्षा विभाग की जल्द ही एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें इन परीक्षाओं और भर्तियों पर बातचीत होगी।
मुख्यमंत्री का बयान:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार TRE 4 को लेकर कोई घोषणा जल्द कर सकते हैं।
जिलों में काम:
सभी जिलों में अधिकारी तेजी से रोस्टर क्लीयरेंस के कार्य में लगे हुए हैं, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया को गति दी जा सके।
वैकेंसी व परीक्षा से जुड़ी खास बातें
कक्षा 1-5 और 6-8:
इस बार कक्षा 1-5 और 6-8 में बहुत बड़ी संख्या में वैकेंसी नहीं निकलेगी।
कक्षा 9-10 और 11-12:
News18 के अनुसार, सबसे अधिक वैकेंसी कक्षा 9-10 और 11-12 के लिए निकल सकती है।
कंप्यूटर शिक्षक/लाइब्रेरीयन:
कक्षा 6-8 में कंप्यूटर शिक्षक और लाइब्रेरीयन की नियुक्ति को लेकर फैसला होना बाकी है।
फाइनल निर्णय:
अगस्त के अंत तक सारी फाइनल प्रक्रिया पूरी हो सकती है।
कुल वैकेंसी:
कुल मिलाकर 40,000 से 50,000 पदों पर वैकेंसी आ सकती है।
विज्ञापन जारी होने की संभावना:
15 सितंबर तक विज्ञापन जारी किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
TRE 4 की परीक्षा 28-30 नवंबर के बीच संभव।
STET परीक्षा के निर्णय में तेजी।
अधिक वैकेंसी कक्षा 9-10 और 11-12 के लिए।
कुल वैकेंसी 40,000-50,000 होने की संभावना।
15 सितंबर तक भर्तियों का विज्ञापन जारी हो सकता है।
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🌱 पादप ऊतक (Plant Tissue) – 15 MCQ हिंदी में
प्रश्न 1. वह ऊतक जो पौधे की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होता है –
(a) स्थायी ऊतक
(b) जड़ रोम
(c) संवहनी ऊतक
(d) विभज्योतक ऊतक
✅ उत्तर: (d) विभज्योतक ऊतक
📖 व्याख्या: विभज्योतक ऊतक (Meristematic tissue) में लगातार कोशिका विभाजन होता है जिससे पौधे की लंबाई और मोटाई में वृद्धि होती है।
⸻
प्रश्न 2. शीर्ष विभज्योतक (Apical meristem) कहाँ पाया जाता है?
(a) जड़ और तने के शीर्ष पर
(b) पत्तियों में
(c) फल में
(d) फूल में
✅ उत्तर: (a) जड़ और तने के शीर्ष पर
📖 व्याख्या: शीर्ष विभज्योतक पौधे के सिरों पर पाया जाता है और यह प्राथमिक वृद्धि (लंबाई) के लिए जिम्मेदार होता है।
⸻
प्रश्न 3. किस ऊतक में प्रकाश संश्लेषण होता है?
(a) जाइलम
(b) फ्लोएम
(c) कोलेन्काइमा
(d) क्लोरेन्काइमा
✅ उत्तर: (d) क्लोरेन्काइमा
📖 व्याख्या: क्लोरेन्काइमा, पेरेंकाइमा का विशेष रूप है जिसमें क्लोरोप्लास्ट पाए जाते हैं और यह प्रकाश संश्लेषण करता है।
⸻
प्रश्न 4. सबसे नरम स्थायी ऊतक कौन-सा है?
(a) स्क्लेरेंकाइमा
(b) पेरेंकाइमा
(c) जाइलम
(d) फ्लोएम
✅ उत्तर: (b) पेरेंकाइमा
📖 व्याख्या: पेरेंकाइमा जीवित और सबसे नरम ऊतक होता है, यह भोजन संग्रह करता है।
⸻
प्रश्न 5. पौधों में जल का परिवहन किसके द्वारा होता है?
(a) फ्लोएम
(b) जाइलम
(c) स्क्लेरेंकाइमा
(d) एपिडर्मिस
✅ उत्तर: (b) जाइलम
📖 व्याख्या: जाइलम (Xylem) जल और खनिज लवणों का परिवहन करता है।
⸻
प्रश्न 6. फ्लोएम किसका परिवहन करता है?
(a) जल
(b) खनिज
(c) भोजन
(d) ऑक्सीजन
✅ उत्तर: (c) भोजन
📖 व्याख्या: फ्लोएम (Phloem) पत्तियों में बने भोजन को पौधे के सभी भागों तक पहुँचाता है।
⸻
प्रश्न 7. स्क्लेरेंकाइमा कोशिकाएँ कैसी होती हैं?
(a) जीवित व मोटी भित्ति वाली
(b) मृत व मोटी भित्ति वाली
(c) जीवित व पतली भित्ति वाली
(d) मृत व पतली भित्ति वाली
✅ उत्तर: (b) मृत व मोटी भित्ति वाली
📖 व्याख्या: स्क्लेरेंकाइमा मृत कोशिकाओं से बना होता है, यह पौधे को कठोरता और सहारा देता है।
⸻
प्रश्न 8. पौधों की बाहरी परत को क्या कहते हैं?
(a) फ्लोएम
(b) एपिडर्मिस
(c) एंडोडर्मिस
(d) कॉर्टेक्स
✅ उत्तर: (b) एपिडर्मिस
📖 व्याख्या: पौधों का बाहरी आवरण एपिडर्मिस होता है जो सुरक्षा प्रदान करता है।
⸻
प्रश्न 9. रंध्र (Stomata) कहाँ स्थित होते हैं?
(a) तने पर
(b) पत्तियों की निचली सतह पर
(c) जड़ पर
(d) बीज पर
✅ उत्तर: (b) पत्तियों की निचली सतह पर
📖 व्याख्या: अधिकांश पौधों में रंध्र पत्तियों की निचली सतह पर होते हैं, ये गैसों का आदान-प्रदान और वाष्पोत्सर्जन करते हैं।
⸻
प्रश्न 10. पत्तियों में जल की हानि किस प्रक्रिया से होती है?
(a) विसरण
(b) परासरण
(c) वाष्पोत्सर्जन
(d) अवशोषण
✅ उत्तर: (c) वाष्पोत्सर्जन
📖 व्याख्या: पत्तियों से जल का वाष्प के रूप में निकलना वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) कहलाता है।
⸻
प्रश्न 11. कॉर्क या बाह्य त्वचा बनाने वाला ऊतक है –
(a) जाइलम
(b) फ्लोएम
(c) फेलोजेन
(d) पेरेंकाइमा
✅ उत्तर: (c) फेलोजेन
📖 व्याख्या: फेलोजेन (Cork cambium) द्वितीयक वृद्धि के दौरान कॉर्क (बाहरी सुरक्षा परत) बनाता है।
⸻
प्रश्न 12. कोलेन्काइमा का कार्य है –
(a) भोजन संग्रह
(b) प्रकाश संश्लेषण
(c) सहारा देना
(d) जल परिवहन
✅ उत्तर: (c) सहारा देना
📖 व्याख्या: कोलेन्काइमा जीवित ऊतक है, इसकी कोशिका भित्तियाँ मोटी होती हैं और यह पौधे को लचीलापन व सहारा देता है।
⸻
प्रश्न 13. जाइलम के तत्व हैं –
(a) ट्रैकिड, वाहिका, रेशे, पेरेंकाइमा
(b) ट्रैकिड, क्लोरेन्काइमा
(c) वाहिका, रंध्र
(d) रंध्र, कोशिका
✅ उत्तर: (a) ट्रैकिड, वाहिका, रेशे, पेरेंकाइमा
📖 व्याख्या: जाइलम मुख्यतः चार तत्वों से बना होता है – ट्रैकिड, वाहिकाएँ, जाइलम रेशे और जाइलम पेरेंकाइमा।
⸻
प्रश्न 14. फ्लोएम के तत्व कौन-कौन से हैं?
(a) छलनी नलिकाएँ, सहचारी कोशिकाएँ, फ्लोएम रेशे, फ्लोएम पेरेंकाइमा
(b) ट्रैकिड, वाहिका
(c) कोलेन्काइमा, स्क्लेरेंकाइमा
(d) रंध्र, एपिडर्मिस
✅ उत्तर: (a) छलनी नलिकाएँ, सहचारी कोशिकाएँ, फ्लोएम रेशे, फ्लोएम पेरेंकाइमा
📖 व्याख्या: फ्लोएम इन चार मुख्य तत्वों से बना होता है।
⸻
प्रश्न 15. पौधों में द्वितीयक वृद्धि किसके कारण होती है?
(a) शीर्ष विभज्योतक
(b) पार्श्व विभज्योतक
(c) अंतरकल विभज्योतक
(d) पेरेंकाइमा
✅ उत्तर: (b) पार्श्व विभज्योतक
📖 व्याख्या: पार्श्व विभज्योतक (Lateral meristem) तने व जड़ की मोटाई बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
⸻
प्रश्न 1. वह ऊतक जो पौधे की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होता है –
(a) स्थायी ऊतक
(b) जड़ रोम
(c) संवहनी ऊतक
(d) विभज्योतक ऊतक
✅ उत्तर: (d) विभज्योतक ऊतक
📖 व्याख्या: विभज्योतक ऊतक (Meristematic tissue) में लगातार कोशिका विभाजन होता है जिससे पौधे की लंबाई और मोटाई में वृद्धि होती है।
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प्रश्न 2. शीर्ष विभज्योतक (Apical meristem) कहाँ पाया जाता है?
(a) जड़ और तने के शीर्ष पर
(b) पत्तियों में
(c) फल में
(d) फूल में
✅ उत्तर: (a) जड़ और तने के शीर्ष पर
📖 व्याख्या: शीर्ष विभज्योतक पौधे के सिरों पर पाया जाता है और यह प्राथमिक वृद्धि (लंबाई) के लिए जिम्मेदार होता है।
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प्रश्न 3. किस ऊतक में प्रकाश संश्लेषण होता है?
(a) जाइलम
(b) फ्लोएम
(c) कोलेन्काइमा
(d) क्लोरेन्काइमा
✅ उत्तर: (d) क्लोरेन्काइमा
📖 व्याख्या: क्लोरेन्काइमा, पेरेंकाइमा का विशेष रूप है जिसमें क्लोरोप्लास्ट पाए जाते हैं और यह प्रकाश संश्लेषण करता है।
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प्रश्न 4. सबसे नरम स्थायी ऊतक कौन-सा है?
(a) स्क्लेरेंकाइमा
(b) पेरेंकाइमा
(c) जाइलम
(d) फ्लोएम
✅ उत्तर: (b) पेरेंकाइमा
📖 व्याख्या: पेरेंकाइमा जीवित और सबसे नरम ऊतक होता है, यह भोजन संग्रह करता है।
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प्रश्न 5. पौधों में जल का परिवहन किसके द्वारा होता है?
(a) फ्लोएम
(b) जाइलम
(c) स्क्लेरेंकाइमा
(d) एपिडर्मिस
✅ उत्तर: (b) जाइलम
📖 व्याख्या: जाइलम (Xylem) जल और खनिज लवणों का परिवहन करता है।
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प्रश्न 6. फ्लोएम किसका परिवहन करता है?
(a) जल
(b) खनिज
(c) भोजन
(d) ऑक्सीजन
✅ उत्तर: (c) भोजन
📖 व्याख्या: फ्लोएम (Phloem) पत्तियों में बने भोजन को पौधे के सभी भागों तक पहुँचाता है।
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प्रश्न 7. स्क्लेरेंकाइमा कोशिकाएँ कैसी होती हैं?
(a) जीवित व मोटी भित्ति वाली
(b) मृत व मोटी भित्ति वाली
(c) जीवित व पतली भित्ति वाली
(d) मृत व पतली भित्ति वाली
✅ उत्तर: (b) मृत व मोटी भित्ति वाली
📖 व्याख्या: स्क्लेरेंकाइमा मृत कोशिकाओं से बना होता है, यह पौधे को कठोरता और सहारा देता है।
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प्रश्न 8. पौधों की बाहरी परत को क्या कहते हैं?
(a) फ्लोएम
(b) एपिडर्मिस
(c) एंडोडर्मिस
(d) कॉर्टेक्स
✅ उत्तर: (b) एपिडर्मिस
📖 व्याख्या: पौधों का बाहरी आवरण एपिडर्मिस होता है जो सुरक्षा प्रदान करता है।
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प्रश्न 9. रंध्र (Stomata) कहाँ स्थित होते हैं?
(a) तने पर
(b) पत्तियों की निचली सतह पर
(c) जड़ पर
(d) बीज पर
✅ उत्तर: (b) पत्तियों की निचली सतह पर
📖 व्याख्या: अधिकांश पौधों में रंध्र पत्तियों की निचली सतह पर होते हैं, ये गैसों का आदान-प्रदान और वाष्पोत्सर्जन करते हैं।
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प्रश्न 10. पत्तियों में जल की हानि किस प्रक्रिया से होती है?
(a) विसरण
(b) परासरण
(c) वाष्पोत्सर्जन
(d) अवशोषण
✅ उत्तर: (c) वाष्पोत्सर्जन
📖 व्याख्या: पत्तियों से जल का वाष्प के रूप में निकलना वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) कहलाता है।
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प्रश्न 11. कॉर्क या बाह्य त्वचा बनाने वाला ऊतक है –
(a) जाइलम
(b) फ्लोएम
(c) फेलोजेन
(d) पेरेंकाइमा
✅ उत्तर: (c) फेलोजेन
📖 व्याख्या: फेलोजेन (Cork cambium) द्वितीयक वृद्धि के दौरान कॉर्क (बाहरी सुरक्षा परत) बनाता है।
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प्रश्न 12. कोलेन्काइमा का कार्य है –
(a) भोजन संग्रह
(b) प्रकाश संश्लेषण
(c) सहारा देना
(d) जल परिवहन
✅ उत्तर: (c) सहारा देना
📖 व्याख्या: कोलेन्काइमा जीवित ऊतक है, इसकी कोशिका भित्तियाँ मोटी होती हैं और यह पौधे को लचीलापन व सहारा देता है।
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प्रश्न 13. जाइलम के तत्व हैं –
(a) ट्रैकिड, वाहिका, रेशे, पेरेंकाइमा
(b) ट्रैकिड, क्लोरेन्काइमा
(c) वाहिका, रंध्र
(d) रंध्र, कोशिका
✅ उत्तर: (a) ट्रैकिड, वाहिका, रेशे, पेरेंकाइमा
📖 व्याख्या: जाइलम मुख्यतः चार तत्वों से बना होता है – ट्रैकिड, वाहिकाएँ, जाइलम रेशे और जाइलम पेरेंकाइमा।
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प्रश्न 14. फ्लोएम के तत्व कौन-कौन से हैं?
(a) छलनी नलिकाएँ, सहचारी कोशिकाएँ, फ्लोएम रेशे, फ्लोएम पेरेंकाइमा
(b) ट्रैकिड, वाहिका
(c) कोलेन्काइमा, स्क्लेरेंकाइमा
(d) रंध्र, एपिडर्मिस
✅ उत्तर: (a) छलनी नलिकाएँ, सहचारी कोशिकाएँ, फ्लोएम रेशे, फ्लोएम पेरेंकाइमा
📖 व्याख्या: फ्लोएम इन चार मुख्य तत्वों से बना होता है।
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प्रश्न 15. पौधों में द्वितीयक वृद्धि किसके कारण होती है?
(a) शीर्ष विभज्योतक
(b) पार्श्व विभज्योतक
(c) अंतरकल विभज्योतक
(d) पेरेंकाइमा
✅ उत्तर: (b) पार्श्व विभज्योतक
📖 व्याख्या: पार्श्व विभज्योतक (Lateral meristem) तने व जड़ की मोटाई बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
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“आधुनिक आवर्त सारणी का अंतिम तत्व”
👉 उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी (Modern Periodic Table) में ओगैनेसॉन (Oganesson, प्रतीक – Og, परमाणु क्रमांक 118) अंतिम तत्व है।
विस्तृत जानकारी :
• तत्व का नाम: ओगैनेसॉन (Oganesson)
• प्रतीक: Og
• परमाणु क्रमांक (Atomic Number): 118
• आवर्त: 7वाँ (Seventh Period)
• समूह: 18वाँ समूह (निष्क्रिय गैस/नॉबल गैस ग्रुप)
• प्रकृति: यह कृत्रिम (Synthetic) तत्व है और अत्यधिक रेडियोधर्मी (Radioactive) है।
• खोज: 2002 में रूस और अमेरिका के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम द्वारा।
• स्थायित्व: इसका अर्धायु (Half-life) बहुत कम है (मिलीसेकंड के स्तर पर)।
⚛️ यानी, आधुनिक आवर्त सारणी का अंतिम (118वाँ) तत्व ओगैनेसॉन (Og) है।
👉 उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी (Modern Periodic Table) में ओगैनेसॉन (Oganesson, प्रतीक – Og, परमाणु क्रमांक 118) अंतिम तत्व है।
विस्तृत जानकारी :
• तत्व का नाम: ओगैनेसॉन (Oganesson)
• प्रतीक: Og
• परमाणु क्रमांक (Atomic Number): 118
• आवर्त: 7वाँ (Seventh Period)
• समूह: 18वाँ समूह (निष्क्रिय गैस/नॉबल गैस ग्रुप)
• प्रकृति: यह कृत्रिम (Synthetic) तत्व है और अत्यधिक रेडियोधर्मी (Radioactive) है।
• खोज: 2002 में रूस और अमेरिका के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम द्वारा।
• स्थायित्व: इसका अर्धायु (Half-life) बहुत कम है (मिलीसेकंड के स्तर पर)।
⚛️ यानी, आधुनिक आवर्त सारणी का अंतिम (118वाँ) तत्व ओगैनेसॉन (Og) है।
🔹 अलैंगिक जनन क्या है?
जब नए जीव का निर्माण केवल एक जनक (Parent) से होता है और इसमें गैमेट (Sex Cell) या युग्मक (Fusion) की आवश्यकता नहीं होती, तो इसे अलैंगिक जनन कहते हैं।
👉 इसमें संतान (Offspring) अपने माता-पिता के समान (Genetically Identical) होती है, इसे क्लोन (Clone) कहते हैं।
⸻
🔹 विशेषताएँ (Characteristics)
1. केवल एक जीव की आवश्यकता होती है।
2. युग्मनज (Zygote) का निर्माण नहीं होता।
3. नई संतान माता-पिता के समान होती है।
4. यह प्रायः सरल जीवों (Simple organisms) में होता है।
5. गति तेज होती है (Rapid reproduction)।
⸻
🔹 अलैंगिक जनन के प्रकार
1. द्विखण्डन (Binary Fission)
• कोशिका दो बराबर भागों में बंट जाती है।
• उदाहरण: अमीबा, पैरामीशियम, बैक्टीरिया
2. बहुखण्डन (Multiple Fission)
• एक कोशिका कई भागों में विभाजित होती है।
• उदाहरण: प्लास्मोडियम (मलेरिया का परजीवी)
3. कली द्वारा जनन (Budding)
• माता कोशिका/शरीर से एक छोटी कली (Bud) निकलती है और नया जीव बनाती है।
• उदाहरण: यीस्ट (Yeast), हाइड्रा
4. बीजाणुजनन (Spore Formation)
• बीजाणुकोष (Sporangia) के अंदर बीजाणु (Spores) बनते हैं, जो अनुकूल परिस्थिति में नए पौधे बनाते हैं।
• उदाहरण: फफूँदी (Rhizopus), काई, फर्न
5. खंडन (Fragmentation)
• शरीर का कोई भाग टूटकर अलग हो जाए तो उससे नया जीव बनता है।
• उदाहरण: स्पाइरोगाइरा (शैवाल)
6. वनस्पति प्रजनन (Vegetative Propagation in Plants)
• पौधों के अंगों (जड़, तना, पत्ता) से नया पौधा विकसित होता है।
• उदाहरण:
• आलू → कंद से
• अदरक → राइजोम से
• ब्रायोफिलम → पत्तियों से
• गन्ना → तने के टुकड़े से
⸻
🔹 लाभ (Advantages)
1. केवल एक माता-पिता पर्याप्त है।
2. सरल और तेज़ विधि है।
3. बड़ी संख्या में संतान जल्दी उत्पन्न होती है।
4. पौधों में गुणधर्म (Characters) सुरक्षित रहते हैं।
⸻
🔹 हानि (Disadvantages)
1. संतान में कोई अनुवांशिक विविधता (Genetic Variation) नहीं होती।
2. बदलते पर्यावरण (Changing Environment) में अनुकूलन कठिन होता है।
3. प्रतिकूल परिस्थितियों में पूरा समूह नष्ट हो सकता है।
⸻
✅ निष्कर्ष:
अलैंगिक जनन सरल जीवों और कई पौधों में पाया जाता है। यह तेज़ और आसान विधि है, लेकिन इसमें विविधता (Variation) की कमी होने से विकास (Evolution) की संभावना कम होती है।
जब नए जीव का निर्माण केवल एक जनक (Parent) से होता है और इसमें गैमेट (Sex Cell) या युग्मक (Fusion) की आवश्यकता नहीं होती, तो इसे अलैंगिक जनन कहते हैं।
👉 इसमें संतान (Offspring) अपने माता-पिता के समान (Genetically Identical) होती है, इसे क्लोन (Clone) कहते हैं।
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🔹 विशेषताएँ (Characteristics)
1. केवल एक जीव की आवश्यकता होती है।
2. युग्मनज (Zygote) का निर्माण नहीं होता।
3. नई संतान माता-पिता के समान होती है।
4. यह प्रायः सरल जीवों (Simple organisms) में होता है।
5. गति तेज होती है (Rapid reproduction)।
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🔹 अलैंगिक जनन के प्रकार
1. द्विखण्डन (Binary Fission)
• कोशिका दो बराबर भागों में बंट जाती है।
• उदाहरण: अमीबा, पैरामीशियम, बैक्टीरिया
2. बहुखण्डन (Multiple Fission)
• एक कोशिका कई भागों में विभाजित होती है।
• उदाहरण: प्लास्मोडियम (मलेरिया का परजीवी)
3. कली द्वारा जनन (Budding)
• माता कोशिका/शरीर से एक छोटी कली (Bud) निकलती है और नया जीव बनाती है।
• उदाहरण: यीस्ट (Yeast), हाइड्रा
4. बीजाणुजनन (Spore Formation)
• बीजाणुकोष (Sporangia) के अंदर बीजाणु (Spores) बनते हैं, जो अनुकूल परिस्थिति में नए पौधे बनाते हैं।
• उदाहरण: फफूँदी (Rhizopus), काई, फर्न
5. खंडन (Fragmentation)
• शरीर का कोई भाग टूटकर अलग हो जाए तो उससे नया जीव बनता है।
• उदाहरण: स्पाइरोगाइरा (शैवाल)
6. वनस्पति प्रजनन (Vegetative Propagation in Plants)
• पौधों के अंगों (जड़, तना, पत्ता) से नया पौधा विकसित होता है।
• उदाहरण:
• आलू → कंद से
• अदरक → राइजोम से
• ब्रायोफिलम → पत्तियों से
• गन्ना → तने के टुकड़े से
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🔹 लाभ (Advantages)
1. केवल एक माता-पिता पर्याप्त है।
2. सरल और तेज़ विधि है।
3. बड़ी संख्या में संतान जल्दी उत्पन्न होती है।
4. पौधों में गुणधर्म (Characters) सुरक्षित रहते हैं।
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🔹 हानि (Disadvantages)
1. संतान में कोई अनुवांशिक विविधता (Genetic Variation) नहीं होती।
2. बदलते पर्यावरण (Changing Environment) में अनुकूलन कठिन होता है।
3. प्रतिकूल परिस्थितियों में पूरा समूह नष्ट हो सकता है।
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✅ निष्कर्ष:
अलैंगिक जनन सरल जीवों और कई पौधों में पाया जाता है। यह तेज़ और आसान विधि है, लेकिन इसमें विविधता (Variation) की कमी होने से विकास (Evolution) की संभावना कम होती है।
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