eBookmela
10.1K subscribers
1 video
33 files
32.5K links
[ebookmela.co.in] Download any book any time any format, eBookmela gives you lots of possibilities to download any book. here you can download eBook, pdf book, ...
Download Telegram
श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDF in Hindi
श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDF Detailsश्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga StutiPDF Nameश्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDFNo. of Pages12PDF Size11.3 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Durga Stuti PDF in Hindi / श्री दुर्गा स्तुति पाठ PDF जिसके नियमित पाठ करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्गा स्तुति का नियमित जप देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले दुर्गा स्तुति का मतलब हिंदी में समझना चाहिए। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप दुर्गा स्तुति इन हिंदी PDF / Chaman Ki Durga Stuti PDF उनलोड कर सकते हैं।दुर्गा स्तुति / Durga Stuti Book PDF के नियमित पाठ से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराई दूर होती है और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते हैं।दुर्गा स्तुति इन हिंदी PDF | Durga Stuti PDFजय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥1॥जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते।
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥श्री दुर्गा स्तुति पाठ PDF | Durga Stuti PDF in Hindiमहर्षि व्यास द्वारा लिखा गया मां दुर्गा का यह स्त्रोत कल्याणकारी है। इसका पाठ करने से मनुष्य हर संकट से दूर रहता है मां भगवती की कृपा हमेशा बनी रहती है।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Stuti PDF in Hindi / श्री दुर्गा स्तुति पाठ PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#शर #दरग #सतत #पठ #Durga #Stuti #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

via eBookmela
Download Link https://bit.ly/344rEHa
विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDF in Hindi
विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDF Detailsविन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari ChalisaPDF Nameविन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDFNo. of Pages2PDF Size0.06 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateksandesh.weebly.comDownload LinkAvailable Downloads26
विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं विन्धेश्वरी चालीसा PDF / Vindheshwari Chalisa PDF in Hindi हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार विंध्येश्वरी चालीसा का नियमित रूप से जाप देवी विंधेश्वरी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी विंधेश्वरी की मूर्ति या तस्वीर के सामने विंध्येश्वरी चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले विंध्येश्वरी चालीसा का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।विन्धेश्वरी चालीसा का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराईयाँ दूर रहती हैं और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते हैं।विन्धेश्वरी चालीसा PDF | Vindheshwari Chalisa PDF in Hindi||दोहा||नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में करती नहीं विलम्ब।||चौपाई ||जय जय विन्ध्याचल रानी, आदि शक्ति जग विदित भवानी।
सिंहवाहिनी जय जग माता, जय जय त्रिभुवन सुखदाता।कष्ट निवारिणी जय जग देवी, जय जय असुरासुर सेवी।
महिमा अमित अपार तुम्हारी, शेष सहस्र मुख वर्णत हारी।दीनन के दुख हरत भवानी, नहिं देख्यो तुम सम कोई दानी।
सब कर मनसा पुरवत माता, महिमा अमित जग विख्याता।जो जन ध्यान तुम्हारो लावे, सो तुरतहिं वांछित फल पावै।
तू ही वैष्णवी तू ही रुद्राणी, तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी।रमा राधिका श्यामा काली, तू ही मातु सन्तन प्रतिपाली।
उमा माधवी चण्डी ज्वाला, बेगि मोहि पर होहु दयाला।तू ही हिंगलाज महारानी, तू ही शीतला अरु विज्ञानी।
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता, तू ही लक्ष्मी जग सुख दाता।तू ही जाह्नवी अरु उत्राणी, हेमावती अम्बे निरवाणी।
अष्टभुजी वाराहिनी देवी, करत विष्णु शिव जाकर सेवा।चौसठ देवी कल्यानी, गौरी मंगला सब गुण खानी।
पाटन मुम्बा दन्त कुमारी, भद्रकाली सुन विनय हमारी।वज्र धारिणी शोक नाशिनी, आयु रक्षिणी विन्ध्यवासिनी।
जया और विजया बैताली, मातु संकटी अरु विकराली।नाम अनन्त तुम्हार भवानी, बरनै किमि मानुष अज्ञानी।
जापर कृपा मातु तव होई, तो वह करै चहै मन जोई।कृपा करहुं मोपर महारानी, सिद्ध करिए अब यह मम बानी।
जो नर धरै मात कर ध्याना, ताकर सदा होय कल्याना।विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै, जो देवी का जाप करावै।
जो नर कहं ऋण होय अपारा, सो नर पाठ करै शतबारा।निश्चय ऋण मोचन होइ जाई, जो नर पाठ करै मन लाई।
अस्तुति जो नर पढ़ै पढ़ावै, या जग में सो अति सुख पावै।जाको व्याधि सतावे भाई, जाप करत सब दूर पराई।
जो नर अति बन्दी महं होई, बार हजार पाठ कर सोई।निश्चय बन्दी ते छुटि जाई, सत्य वचन मम मानहुं भाई।
जा पर जो कछु संकट होई, निश्चय देविहिं सुमिरै सोई।जा कहं पुत्र होय नहिं भाई, सो नर या विधि करे उपाई।
पांच वर्ष सो पाठ करावै, नौरातन में विप्र जिमावै।निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी, पुत्र देहिं ताकहं गुण खानी।
ध्वजा नारियल आनि चढ़ावै, विधि समेत पूजन करवावै।नित्य प्रति पाठ करै मन लाई, प्रेम सहित नहिं आन उपाई।
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा, रंक पढ़त होवे अवनीसा।यह जनि अचरज मानहुं भाई, कृपा दृष्टि तापर होइ जाई।
जय जय जय जग मातु भवानी, कृपा करहुं मोहिं पर जन जानी।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप विन्धेश्वरी चालीसा PDF / Vindheshwari Chalisa PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#वनधशवर #चलस #Vindhyeshvari #Chalisa #PDF #HindiThe post विन्धेश्वरी चालीसा | Vindhyeshvari Chalisa PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

via eBookmela
Download Link https://bit.ly/3vxAFnw