धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi
धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF Detailsधन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari AartiPDF Nameधन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धन्वंतरि जी की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् धन्वंतरि जी को स्वाथ्य का देवता माना जाता है। धन्वंतरि जी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि – विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि जी की पूजा – अर्चना करने से विभिन्न प्रकार की स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याओं का नाश होता हैं।धन्वन्तरि जी की पूजा वैसे तो आप प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप प्रतिदिन पूजन करने में असमर्थ हैं तो कम से कम धनतेरस के दिन तो आपको भगवान् श्री धन्वंतरि जी का पूजन अवश्य करें। यह पूजन करने से आप अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य को आकर्षित करते हैं तथा आपका परिवार भी स्वास्थ्य रहता है। भगवान धन्वंतरि जी की आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi PDFजय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।देवासुर के संकटआकर दूर किए॥जय धन्वन्तरि देवा…॥आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥जय धन्वन्तरि देवा…॥भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम को जो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट जावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥हाथ जोड़कर प्रभुजी,दास खड़ा तेरावैद्य-समाज तुम्हारेचरणों का घेरा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥धन्वन्तरिजी की आरतीजो कोई नर गावे।रोग-शोक न आए,सुख-समृद्धि पावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥ भगवान धन्वंतरि के मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantraॐ श्री धनवंतरै नम:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमःॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम. धन्वंतरि पूजा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhuratपूजन का शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट का समय भी पूजा के लिए शुभ है।You can download Dhanvantari Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनवतर #ज #क #आरत #Dhanvantari #Aarti #PDF #HindiThe post धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धन्वंतरि जी की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् धन्वंतरि जी को स्वाथ्य का देवता माना जाता है। धन्वंतरि जी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि – विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि जी की पूजा – अर्चना करने से विभिन्न प्रकार की स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याओं का नाश होता हैं।धन्वन्तरि जी की पूजा वैसे तो आप प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप प्रतिदिन पूजन करने में असमर्थ हैं तो कम से कम धनतेरस के दिन तो आपको भगवान् श्री धन्वंतरि जी का पूजन अवश्य करें। यह पूजन करने से आप अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य को आकर्षित करते हैं तथा आपका परिवार भी स्वास्थ्य रहता है। भगवान धन्वंतरि जी की आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi PDFजय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।देवासुर के संकटआकर दूर किए॥जय धन्वन्तरि देवा…॥आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥जय धन्वन्तरि देवा…॥भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम को जो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट जावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥हाथ जोड़कर प्रभुजी,दास खड़ा तेरावैद्य-समाज तुम्हारेचरणों का घेरा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥धन्वन्तरिजी की आरतीजो कोई नर गावे।रोग-शोक न आए,सुख-समृद्धि पावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥ भगवान धन्वंतरि के मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantraॐ श्री धनवंतरै नम:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमःॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम. धन्वंतरि पूजा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhuratपूजन का शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट का समय भी पूजा के लिए शुभ है।You can download Dhanvantari Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनवतर #ज #क #आरत #Dhanvantari #Aarti #PDF #HindiThe post धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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