संबोध सत्तरि | Sambodha Sattari
Title संबोध सत्तरि | Sambodha Sattari Author रत्नशेखर सूरी – Ratna Shekhar Suri Keywords जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious #सबध #सततर #Sambodha #Sattari ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post संबोध सत्तरि | Sambodha Sattari appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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स्तोत्र रत्नावली [भाग 1] | Satotra Ratnavali [Bhag 1]
Title स्तोत्र रत्नावली [भाग 1] | Satotra Ratnavali [Bhag 1] Author अज्ञात – Unknown Keywords धार्मिक / Religious #सततर #रतनवल #भग #Satotra #Ratnavali #Bhag ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post स्तोत्र रत्नावली [भाग 1] | Satotra Ratnavali [Bhag 1] appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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स्तोत्र रत्नावली | Stotra Ratnawali || अज्ञात – Unknown
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स्तोत्र रत्नावली | Stotra Ratnawali || अज्ञात - Unknown Title स्तोत्र रत्नावली | Stotra Ratnawali Author अज्ञात - Unknown Keywords धार्मिक / Religious #सततर #रतनवल #Stotra #Ratnawali ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन
वेदान्त स्तोत्र संग्रह | Vedant Stotra Sangrah | अज्ञात – Unknown
Title वेदान्त स्तोत्र संग्रह | Vedant Stotra Sangrah Author अज्ञात – Unknown Keywords दार्शनिक / Philosophical, साहित्य / Literature #वदनत #सततर #सगरह #Vedant #Stotra #Sangrah ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post वेदान्त स्तोत्र संग्रह | Vedant Stotra Sangrah
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मानतुंगाचार्य विरचित माहा प्राभाविक भक्तामर स्तोत्र | Mantungacharya Virchit Maha Prabhavik Bhakttamara Stotra | मानतुंगाचार्य – Mantungacharya
Title मानतुंगाचार्य विरचित माहा प्राभाविक भक्तामर स्तोत्र | Mantungacharya Virchit Maha Prabhavik Bhakttamara Stotra Author मानतुंगाचार्य – Mantungacharya Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #मनतगचरय #वरचत #मह #परभवक #भकतमर #सततर #Mantungacharya #Virchit #Maha #Prabhavik #Bhakttamara #Stotra Download eBook Read OnlineThe post मानतुंगाचार्य विरचित माहा प्राभाविक भक्तामर स्तोत्र | Mantungacharya Virchit Maha Prabhavik Bhakttamara Stotra
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प्राभाविक भक्तासर स्तोत्र | Prabhavik Bhaktasar Stotra | भीमसिंह माणक – Beemsingh Manak, मेरुतुन्गाचार्य – Merutungacharya, सिद्धिचन्द्र गणि – Siddhichandra Gani
Title प्राभाविक भक्तासर स्तोत्र | Prabhavik Bhaktasar Stotra Author भीमसिंह माणक – Beemsingh Manak, मेरुतुन्गाचार्य – Merutungacharya, सिद्धिचन्द्र गणि – Siddhichandra Gani Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #परभवक #भकतसर #सततर #Prabhavik #Bhaktasar #Stotra Download eBook Read OnlineThe post प्राभाविक भक्तासर स्तोत्र | Prabhavik Bhaktasar Stotra
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प्राभाविक भक्तासर स्तोत्र | Prabhavik Bhaktasar Stotra | भीमसिंह माणक - Beemsingh Manak, मेरुतुन्गाचार्य - Merutungacharya, सिद्धिचन्द्र गणि - Siddhichandra Gani Title प्राभाविक भक्तासर स्तोत्र | Prabhavik Bhaktasar Stotra Author भीमसिंह माणक - Beemsingh…
शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF in Hindi
शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF Detailsशनि कवच स्तोत्र | Shani KavachPDF Nameशनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDFNo. of Pages5PDF Size0.53 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप शनि कवच स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । शनि कवच भगवान शनि को समर्पित एक असरकारी स्तोत्र है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव समस्त प्रकार के कर्मों के अनुसार व्यक्तियों को कर्मफल देते हैं। शनि देव का पूजन करने से आप अनेक प्रकार के कष्टों से बच सकते हैं।शनि देव को आसानी से प्रसन्न करने के लिए आप शनि कवच का पाठ कर सकते हैं। जो लोग शनि देव के कारण होने वाली समस्याओं से पीड़ित हैं तथा आपकी कुंडली में यदि शनि की महादशा व अन्तर्दशा चल रही है तो आप उन सभी समस्याओं से शनि कवच स्तोत्र का नियमित पाठ करने से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं । शनि कवच हिन्दी / Shani Kavacham in Hindi PDFअथ श्री शनिकवचम्अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः IIअनुष्टुप् छन्दः II शनैश्चरो देवता II शीं शक्तिः IIशूं कीलकम् II शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः IIनीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान् ।चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:।।1।।श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महत् ।कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ।।2।।कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम् ।शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम् ।।3।।ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन: ।नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज: ।।4।।नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा ।स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज: ।।5।।स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद: ।वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता ।।6।।नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा ।ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा ।।7।।पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल: ।अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन: ।।8।।इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य: ।न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज: ।।9।।व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा ।कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि: ।।10।।अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे ।कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित् ।।11।।इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा।जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु: ।।12।। शनि देव की आरती | Shani Dev Ki Aarti Lyrics in Hindiजय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय श्री शनि देव….श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥जय जय श्री शनि देव….क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥जय जय श्री शनि देव….मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥जय जय श्री शनि देव….देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।You can download Shani Kavach in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शन #कवच #सततर #Shani #Kavach #PDF #HindiThe post शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF Detailsशनि कवच स्तोत्र | Shani KavachPDF Nameशनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDFNo. of Pages5PDF Size0.53 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के द्वारा आप शनि कवच स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । शनि कवच भगवान शनि को समर्पित एक असरकारी स्तोत्र है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव समस्त प्रकार के कर्मों के अनुसार व्यक्तियों को कर्मफल देते हैं। शनि देव का पूजन करने से आप अनेक प्रकार के कष्टों से बच सकते हैं।शनि देव को आसानी से प्रसन्न करने के लिए आप शनि कवच का पाठ कर सकते हैं। जो लोग शनि देव के कारण होने वाली समस्याओं से पीड़ित हैं तथा आपकी कुंडली में यदि शनि की महादशा व अन्तर्दशा चल रही है तो आप उन सभी समस्याओं से शनि कवच स्तोत्र का नियमित पाठ करने से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं । शनि कवच हिन्दी / Shani Kavacham in Hindi PDFअथ श्री शनिकवचम्अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः IIअनुष्टुप् छन्दः II शनैश्चरो देवता II शीं शक्तिः IIशूं कीलकम् II शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः IIनीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान् ।चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:।।1।।श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महत् ।कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ।।2।।कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम् ।शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम् ।।3।।ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन: ।नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज: ।।4।।नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा ।स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज: ।।5।।स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद: ।वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता ।।6।।नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा ।ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा ।।7।।पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल: ।अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन: ।।8।।इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य: ।न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज: ।।9।।व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा ।कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि: ।।10।।अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे ।कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित् ।।11।।इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा।जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु: ।।12।। शनि देव की आरती | Shani Dev Ki Aarti Lyrics in Hindiजय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय श्री शनि देव….श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥जय जय श्री शनि देव….क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥जय जय श्री शनि देव….मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥जय जय श्री शनि देव….देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।You can download Shani Kavach in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शन #कवच #सततर #Shani #Kavach #PDF #HindiThe post शनि कवच स्तोत्र | Shani Kavach PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/---mahalakshmi-stotram-661.jpg">श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram</a>PDF Name<b>श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.06 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/general/">General</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा श्री महालक्ष्मी स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र माता लक्ष्मी को समर्पित एक बहुत ही दिव्य स्तोत्र है । यह स्तोत्र बहुत अधिक प्रभावशाली है । यदि आप अपने जीवन में निर्धनता से बहुत अधिक पीड़ित हैं, तो आपको इस दिव्य स्तोत्र का पाठ अपने जीवन में अवश्य करना चाहिए ।यदि आप इस स्तोत्र का प्रभाव तुरंत देखना चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें । यदि आप प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करने में असमर्थ हैं, केवल शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक लगाकर इसका पाठ करें । देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सभी प्रकार के सुखों का आगमन होता है । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र संस्कृत / Mahalakshmi Stotram Lyrics in Hindiश्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम्ॐश्रीरामजयम् ।ॐ सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिने नमो नमः ।ॐ श्रीरूपायैच विद्महे । शुभदायैच धीमहि ।तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥श्रींबीजपूजिते देवि हरिवक्षस्थलालये ।सर्वसौमङ्गलाधात्रि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥ १॥विद्यालक्ष्मि सुधासारे ज्ञानलक्ष्मि वसुप्रदे ।भद्रे लक्ष्मि नमस्तुभ्यं मोक्षलक्ष्मि प्रसीद मे ॥ २॥सर्वलक्षणलक्षण्ये सौमङ्गल्यसुविग्रहे ।स्वस्तिवाक् श्रीः शुचीरूपे शान्तिरूपे सुखास्पदे ॥ ३॥अष्टैश्वर्यप्रदे लक्ष्मि अष्टलक्ष्मि सुपूजिते ।नित्यैश्वर्यवरे लक्ष्मि नित्यानन्दस्वरूपिणि ॥ ४॥धनधान्यसुसन्तानधैर्यसौन्दर्यरूपिणि ।तनुरारोग्यसौभाग्यसानन्दसिद्धिदायिनि ॥ ५॥उषोरागजये लक्ष्मि उषोगानप्रसादिनि ।सन्ध्यासुरागसङ्गीते सन्ध्यादीपप्रकाशिनि ॥ ६॥गीतवाद्यप्रिये लक्ष्मि गतकर्मजसत्पदे ।ओङ्कारसदनेमातः कुरुदृष्टिप्रसादनम् ॥ ७॥नादोङ्कारस्वरूपेश्रीः सुनादस्वरसालये ।नादसुस्वरमाधुर्येनादान्तःप्रशमालये ॥ ८॥मनःस्फूर्तिकरे लक्ष्मि मनःसारसवासिनि ।मनःपुष्पार्चितेमातर्मनोमयमदम्बिके ॥ ९॥आदिलक्ष्मि मदम्ब त्वं रक्ष मां कुरु त्वत्कृपाम् ।आधिव्याध्यार्तिपङ्काद्विमोचनं कुरु शाश्वतम् ॥ १०॥पङ्केरुहविशालाक्षि कटाक्षेण विमोचय ।सदा मां पातु मालक्ष्मि सदा तिष्ठ मया सह ॥ ११॥जन्ममृत्युजरातापजालाद्विमोचनं कुरु ।कुरु मेत्वयि लीनं श्रीः कुरु जन्मनिवारणम् ॥ १२॥इहसौख्ये सुमाङ्गल्येपरमोक्षप्रदायिनि ।श्रीमन्नारायणानन्दे लक्ष्मि तुभ्यं नमो नमः ॥ १३॥मङ्गलं श्रीमहालक्ष्म्यैशुभलक्ष्म्यैसुमङ्गलम् ।मङ्गलं मङ्गलाङ्कायैमात्रे नित्यं सुमङ्गलम् ॥ १४॥त्यागराजगुरुस्वामिशिष्यापुष्पाकृतस्तुतिः ।महालक्ष्मीबहुप्रीता सुमाङ्गल्या शुभप्रदा ॥ १५॥इति सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिनः शिष्यया भक्तया पुष्पया कृतंश्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रं गुरौ समर्पितम् ।ॐ शुभमस्तु । श्री महालक्ष्मी आरती / Shri Mahalakshmi Aarti Lyrics in Hindiॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवतहरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐजय लक्ष्मी माता x २दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता x २तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता x २जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता x २तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता x २शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता x २महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता x २ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवतहरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता x २<strong>You can download Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शर #महलकषम #सततर #Mahalakshmi #Stotram #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/…
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/---mahalakshmi-stotram-661.jpg">श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram</a>PDF Name<b>श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.06 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/general/">General</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा श्री महालक्ष्मी स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र माता लक्ष्मी को समर्पित एक बहुत ही दिव्य स्तोत्र है । यह स्तोत्र बहुत अधिक प्रभावशाली है । यदि आप अपने जीवन में निर्धनता से बहुत अधिक पीड़ित हैं, तो आपको इस दिव्य स्तोत्र का पाठ अपने जीवन में अवश्य करना चाहिए ।यदि आप इस स्तोत्र का प्रभाव तुरंत देखना चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें । यदि आप प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करने में असमर्थ हैं, केवल शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक लगाकर इसका पाठ करें । देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सभी प्रकार के सुखों का आगमन होता है । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र संस्कृत / Mahalakshmi Stotram Lyrics in Hindiश्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम्ॐश्रीरामजयम् ।ॐ सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिने नमो नमः ।ॐ श्रीरूपायैच विद्महे । शुभदायैच धीमहि ।तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥श्रींबीजपूजिते देवि हरिवक्षस्थलालये ।सर्वसौमङ्गलाधात्रि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥ १॥विद्यालक्ष्मि सुधासारे ज्ञानलक्ष्मि वसुप्रदे ।भद्रे लक्ष्मि नमस्तुभ्यं मोक्षलक्ष्मि प्रसीद मे ॥ २॥सर्वलक्षणलक्षण्ये सौमङ्गल्यसुविग्रहे ।स्वस्तिवाक् श्रीः शुचीरूपे शान्तिरूपे सुखास्पदे ॥ ३॥अष्टैश्वर्यप्रदे लक्ष्मि अष्टलक्ष्मि सुपूजिते ।नित्यैश्वर्यवरे लक्ष्मि नित्यानन्दस्वरूपिणि ॥ ४॥धनधान्यसुसन्तानधैर्यसौन्दर्यरूपिणि ।तनुरारोग्यसौभाग्यसानन्दसिद्धिदायिनि ॥ ५॥उषोरागजये लक्ष्मि उषोगानप्रसादिनि ।सन्ध्यासुरागसङ्गीते सन्ध्यादीपप्रकाशिनि ॥ ६॥गीतवाद्यप्रिये लक्ष्मि गतकर्मजसत्पदे ।ओङ्कारसदनेमातः कुरुदृष्टिप्रसादनम् ॥ ७॥नादोङ्कारस्वरूपेश्रीः सुनादस्वरसालये ।नादसुस्वरमाधुर्येनादान्तःप्रशमालये ॥ ८॥मनःस्फूर्तिकरे लक्ष्मि मनःसारसवासिनि ।मनःपुष्पार्चितेमातर्मनोमयमदम्बिके ॥ ९॥आदिलक्ष्मि मदम्ब त्वं रक्ष मां कुरु त्वत्कृपाम् ।आधिव्याध्यार्तिपङ्काद्विमोचनं कुरु शाश्वतम् ॥ १०॥पङ्केरुहविशालाक्षि कटाक्षेण विमोचय ।सदा मां पातु मालक्ष्मि सदा तिष्ठ मया सह ॥ ११॥जन्ममृत्युजरातापजालाद्विमोचनं कुरु ।कुरु मेत्वयि लीनं श्रीः कुरु जन्मनिवारणम् ॥ १२॥इहसौख्ये सुमाङ्गल्येपरमोक्षप्रदायिनि ।श्रीमन्नारायणानन्दे लक्ष्मि तुभ्यं नमो नमः ॥ १३॥मङ्गलं श्रीमहालक्ष्म्यैशुभलक्ष्म्यैसुमङ्गलम् ।मङ्गलं मङ्गलाङ्कायैमात्रे नित्यं सुमङ्गलम् ॥ १४॥त्यागराजगुरुस्वामिशिष्यापुष्पाकृतस्तुतिः ।महालक्ष्मीबहुप्रीता सुमाङ्गल्या शुभप्रदा ॥ १५॥इति सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिनः शिष्यया भक्तया पुष्पया कृतंश्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रं गुरौ समर्पितम् ।ॐ शुभमस्तु । श्री महालक्ष्मी आरती / Shri Mahalakshmi Aarti Lyrics in Hindiॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवतहरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐजय लक्ष्मी माता x २दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता x २तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता x २जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता x २तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता x २शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता x २महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता x २ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवतहरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता x २<strong>You can download Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शर #महलकषम #सततर #Mahalakshmi #Stotram #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/…
विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF in Hindi
विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF Detailsविघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak StotramPDF Nameविघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram Hindi PDF Summaryइस लेख के माध्यम से आप विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं। विघविनाशक स्तोत्र एक बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है । यह स्तोत्र गणेश जी को समर्पित है । गणेश जी के अनेक पवित्र नामों में से एक नाम विघ्नविनाशक भी है । इसलिए इस स्तोत्र को विघ्नविनाशक गणेश स्तोत्र के नाम से जाना जाता है ।यदि आपको अध्ययन संबन्धित समस्या आती है, तो आपको इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए । इस स्तोत्र को पाठ जो व्यक्ति प्रतिदिन पूरी श्रद्धा व विधि – विधान से करता है उसके जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के विघ्नों का गणेश जी नाश कर देते हैं । अतः इस स्तोत्र का पाठ करके आप जीवन में गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हो । विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र / Vighna Vinashak Stotraईशानो ढुण्ढिराजो गणपतिरखिलाधौघनाशो वरेण्योदेवानामग्रण्यः सकलगुणनिधिर्योऽग्रपूजाधिकारी ।विद्याधीशो बलिष्ठः षडरिविदलनः सिद्धिबुद्धिप्रदाताजीवानां मुक्तिहेतुर्जयति भवहरः श्रीगुरुः सौख्यसिन्धुः ॥ १॥विघ्नान्हन्तीति योऽसौ श्रुतिषु निगदितो विघ्नहेतिप्रसिद्धोव्यक्तेवाऽव्यक्तरूपे प्रणववपुरयं ब्रह्मरूपः स्वमात्रः ।यो व्यक्तो भक्तहेतुर्निरवधिरमलो निर्गुणो निष्क्रियोपिभक्तानां मुक्तिहेतौ विदलयति कृतं मायिकस्याद्वयः सः ॥ २॥सर्पोरज्जुर्हि यद्वन्न भुजग इति सा कथ्यते रज्जुसर्पेविश्वं ब्रह्मैव तद्वन्न च जगदिति तत्खल्विदं ब्रह्मवाक्ये ।सत्ता सामान्यरूपात्कथितमपि च यो दृश्यरूपो न तादृक्दृश्यं यद्विघ्नकृत्स्यात्तदपनयति यो बोधतो विघ्नहाऽयम् ॥ ३॥सर्वं ब्रह्मस्वरूपं परमपरयुतं विश्वमाभाति यच्चचैतन्यस्याद्द्वयत्वाद् गदित इति च यो दृश्यरूपोऽप्यरूपः ।माया तत्सर्वकार्यं जडमिति कथितं यं विनाभावमेतिसर्वत्रावस्थितत्वात्तदनुभव इति स्वादनाद्योऽद्वयः सः ॥ ४॥भात्यस्त्यानन्दरूपोऽसदसुखजडतारूपदृश्येऽस्ति यो वैनित्यो नित्यादिकानां भवति किल तथा चेतनश्चेतनानाम् ।सर्वस्यैतस्य माया-कृतसुखमिह यत् प्रार्थ्यते तद्गणेशोयस्तं सर्वादिभूतं भजत जगति भोः सारभूतं वरेण्यम् ॥ ५॥नित्यं यन्निर्विकारं निरतिशयसुखं ब्रह्मतन्मत्स्वरूपंज्ञात्वा विश्वातिभूतः सकलविदलयन् स्वार्चिषा स्वस्थ आसे ।माया तत्कार्य-मेतत्स्पृशति न मयि वा दृश्यते नाऽविरासीन्मायायाः सर्वशक्तेः पर इति सततं यः स एवाद्वयोऽहम् ॥ ६॥ब्रह्मानन्दकरोऽयमात्ममतिदः श्रीढुण्ढिराजस्तवोविघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनः कामेभपञ्चाननः ।मायाव्याकुलप्रमत्तमरुडो मोहाटवीहव्यवाड्अज्ञानान्धनिवारणैकतरणिर्भेदाब्धिकुम्भोद्भवः ॥ ७॥इति श्रीभगवता श्रीधरस्वामीना विरचितंविघ्नविनाशकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥गणेश पूजन मंत्र / Ganesh Puja Mantra in Sanskritॐ ऋषिकेशाय नमॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातुॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!ॐ भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!You can download Vighna Vinashak Stotram PDF by clicking on the following download button.#वघन #वनशक #गणश #सततर #Vighna #Vinashak #Stotram #PDF #HindiThe post विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF Detailsविघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak StotramPDF Nameविघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram Hindi PDF Summaryइस लेख के माध्यम से आप विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं। विघविनाशक स्तोत्र एक बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है । यह स्तोत्र गणेश जी को समर्पित है । गणेश जी के अनेक पवित्र नामों में से एक नाम विघ्नविनाशक भी है । इसलिए इस स्तोत्र को विघ्नविनाशक गणेश स्तोत्र के नाम से जाना जाता है ।यदि आपको अध्ययन संबन्धित समस्या आती है, तो आपको इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए । इस स्तोत्र को पाठ जो व्यक्ति प्रतिदिन पूरी श्रद्धा व विधि – विधान से करता है उसके जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के विघ्नों का गणेश जी नाश कर देते हैं । अतः इस स्तोत्र का पाठ करके आप जीवन में गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हो । विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र / Vighna Vinashak Stotraईशानो ढुण्ढिराजो गणपतिरखिलाधौघनाशो वरेण्योदेवानामग्रण्यः सकलगुणनिधिर्योऽग्रपूजाधिकारी ।विद्याधीशो बलिष्ठः षडरिविदलनः सिद्धिबुद्धिप्रदाताजीवानां मुक्तिहेतुर्जयति भवहरः श्रीगुरुः सौख्यसिन्धुः ॥ १॥विघ्नान्हन्तीति योऽसौ श्रुतिषु निगदितो विघ्नहेतिप्रसिद्धोव्यक्तेवाऽव्यक्तरूपे प्रणववपुरयं ब्रह्मरूपः स्वमात्रः ।यो व्यक्तो भक्तहेतुर्निरवधिरमलो निर्गुणो निष्क्रियोपिभक्तानां मुक्तिहेतौ विदलयति कृतं मायिकस्याद्वयः सः ॥ २॥सर्पोरज्जुर्हि यद्वन्न भुजग इति सा कथ्यते रज्जुसर्पेविश्वं ब्रह्मैव तद्वन्न च जगदिति तत्खल्विदं ब्रह्मवाक्ये ।सत्ता सामान्यरूपात्कथितमपि च यो दृश्यरूपो न तादृक्दृश्यं यद्विघ्नकृत्स्यात्तदपनयति यो बोधतो विघ्नहाऽयम् ॥ ३॥सर्वं ब्रह्मस्वरूपं परमपरयुतं विश्वमाभाति यच्चचैतन्यस्याद्द्वयत्वाद् गदित इति च यो दृश्यरूपोऽप्यरूपः ।माया तत्सर्वकार्यं जडमिति कथितं यं विनाभावमेतिसर्वत्रावस्थितत्वात्तदनुभव इति स्वादनाद्योऽद्वयः सः ॥ ४॥भात्यस्त्यानन्दरूपोऽसदसुखजडतारूपदृश्येऽस्ति यो वैनित्यो नित्यादिकानां भवति किल तथा चेतनश्चेतनानाम् ।सर्वस्यैतस्य माया-कृतसुखमिह यत् प्रार्थ्यते तद्गणेशोयस्तं सर्वादिभूतं भजत जगति भोः सारभूतं वरेण्यम् ॥ ५॥नित्यं यन्निर्विकारं निरतिशयसुखं ब्रह्मतन्मत्स्वरूपंज्ञात्वा विश्वातिभूतः सकलविदलयन् स्वार्चिषा स्वस्थ आसे ।माया तत्कार्य-मेतत्स्पृशति न मयि वा दृश्यते नाऽविरासीन्मायायाः सर्वशक्तेः पर इति सततं यः स एवाद्वयोऽहम् ॥ ६॥ब्रह्मानन्दकरोऽयमात्ममतिदः श्रीढुण्ढिराजस्तवोविघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनः कामेभपञ्चाननः ।मायाव्याकुलप्रमत्तमरुडो मोहाटवीहव्यवाड्अज्ञानान्धनिवारणैकतरणिर्भेदाब्धिकुम्भोद्भवः ॥ ७॥इति श्रीभगवता श्रीधरस्वामीना विरचितंविघ्नविनाशकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥गणेश पूजन मंत्र / Ganesh Puja Mantra in Sanskritॐ ऋषिकेशाय नमॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातुॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!ॐ भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!You can download Vighna Vinashak Stotram PDF by clicking on the following download button.#वघन #वनशक #गणश #सततर #Vighna #Vinashak #Stotram #PDF #HindiThe post विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi
सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF Detailsसिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi StotramPDF Nameसिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDFNo. of Pages3PDF Size0.44 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र PDF आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह स्तोत्र एक अत्यंत ही चमत्कारी और दिव्य स्तोत्र है। इस लाभकारी स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति के जीवन में आ रही आर्थिक समस्याओं का शीघ्र ही नाश हो जाता है। जो भी व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं जैसे : कर्ज़े या गरीबी से प्रताड़ित या पीड़ित है उसे इस स्तोत्र का प्रतिदिन अवश्य पाठ करना चाहिए।यदि आप भी अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं से लगातार जूझ रहे हैं या बहुत समय से कर्ज़ में डूबे हुये हैं और माँ लक्ष्मी की कृपा – दृष्टि पाना चाहते हैं तो आपको इस चमत्कारी सिद्ध लक्ष्मी का प्रतिदिन पूर्ण विधि – विधान से अवश्य पाठ करना चाहिए किन्तु अगर आप प्रतिदिन पाठ करने में संभव नहीं हैं तो आपको मात्र शुक्रवार को देशी घी का दीपक प्रज्ज्वलित करके लक्ष्मी जी के समक्ष इस दिव्य स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए इससे आपके घर में धन – धान्य की वृद्धि होगी। सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र PDF / Siddhi Lakshmi Stotram Lyrics in Sanskritआकारब्रह्मरूपेण ओंकारं विष्णुमव्ययम् ।सिद्धिलक्ष्मि! परालक्ष्मि! लक्ष्यलक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥याः श्रीः पद्वने कदम्बशिखरे राजगृहे कुंजरे श्वेते चाश्वयुते वृषे च युगले यज्ञे च यूपस्थिते ।शंखे देवकुले नरेन्द्रभवने गंगातटे गोकुलेया श्रीस्तिष्ठति सर्वदा मम गृहे भूयात् सदा निश्चला ॥या सा पद्मासनस्था विपुलकटितटी पद्मपत्रायताक्षीगम्भीरावर्तनाभिः स्तनभरनमिता शुद्धवस्त्रोत्तरीया ।लक्ष्मिर्दिव्यैर्गजेन्द्रैर्मणिगणखचितैः स्नापिता हेमकुम्भै-र्नित्यं सा पद्महस्ता मम वसतु गृहे सर्वमांगल्ययुक्ता ॥॥ इति सिद्धिलक्ष्मीस्तुतिः समाप्ता ॥ लक्ष्मी जी की आरती / Lakshmi Ji Ki Aarti PDFॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिनसेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाताॐ जय लक्ष्मी माता-2दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता-2जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता-2शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता-2ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2You can download Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi by clicking on the following download button.#सदध #लकषम #सततर #Siddhi #Lakshmi #Stotram #PDF #HindiThe post सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF Detailsसिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi StotramPDF Nameसिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDFNo. of Pages3PDF Size0.44 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र PDF आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह स्तोत्र एक अत्यंत ही चमत्कारी और दिव्य स्तोत्र है। इस लाभकारी स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति के जीवन में आ रही आर्थिक समस्याओं का शीघ्र ही नाश हो जाता है। जो भी व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं जैसे : कर्ज़े या गरीबी से प्रताड़ित या पीड़ित है उसे इस स्तोत्र का प्रतिदिन अवश्य पाठ करना चाहिए।यदि आप भी अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं से लगातार जूझ रहे हैं या बहुत समय से कर्ज़ में डूबे हुये हैं और माँ लक्ष्मी की कृपा – दृष्टि पाना चाहते हैं तो आपको इस चमत्कारी सिद्ध लक्ष्मी का प्रतिदिन पूर्ण विधि – विधान से अवश्य पाठ करना चाहिए किन्तु अगर आप प्रतिदिन पाठ करने में संभव नहीं हैं तो आपको मात्र शुक्रवार को देशी घी का दीपक प्रज्ज्वलित करके लक्ष्मी जी के समक्ष इस दिव्य स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए इससे आपके घर में धन – धान्य की वृद्धि होगी। सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र PDF / Siddhi Lakshmi Stotram Lyrics in Sanskritआकारब्रह्मरूपेण ओंकारं विष्णुमव्ययम् ।सिद्धिलक्ष्मि! परालक्ष्मि! लक्ष्यलक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥याः श्रीः पद्वने कदम्बशिखरे राजगृहे कुंजरे श्वेते चाश्वयुते वृषे च युगले यज्ञे च यूपस्थिते ।शंखे देवकुले नरेन्द्रभवने गंगातटे गोकुलेया श्रीस्तिष्ठति सर्वदा मम गृहे भूयात् सदा निश्चला ॥या सा पद्मासनस्था विपुलकटितटी पद्मपत्रायताक्षीगम्भीरावर्तनाभिः स्तनभरनमिता शुद्धवस्त्रोत्तरीया ।लक्ष्मिर्दिव्यैर्गजेन्द्रैर्मणिगणखचितैः स्नापिता हेमकुम्भै-र्नित्यं सा पद्महस्ता मम वसतु गृहे सर्वमांगल्ययुक्ता ॥॥ इति सिद्धिलक्ष्मीस्तुतिः समाप्ता ॥ लक्ष्मी जी की आरती / Lakshmi Ji Ki Aarti PDFॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिनसेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाताॐ जय लक्ष्मी माता-2दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता-2जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता-2शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता-2ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2You can download Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi by clicking on the following download button.#सदध #लकषम #सततर #Siddhi #Lakshmi #Stotram #PDF #HindiThe post सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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