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रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita | डॉ. नगेन्द्र – Dr.Nagendra
Title रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita Author डॉ. नगेन्द्र – Dr.Nagendra Keywords काव्य / Poetry, साहित्य / Literature #रत #कवय #क #भमक #तथ #दव #और #उनक #कवत #Reeti #Kavya #Bhoomika #Tatha #Dev #Aur #Unki #Kavita ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita
| डॉ. नगेन्द्र – Dr.Nagendra
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श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev | अज्ञात – Unknown
Title श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev Author अज्ञात – Unknown Keywords जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious #शर #महवर #दव #Shri #Mahaveer #Dev ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev
| अज्ञात – Unknown
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जो सुधर्मा स्वामी ने सना देव | Jo Sudharma Swami Ne Sana Deva | अज्ञात – Unknown
Title जो सुधर्मा स्वामी ने सना देव | Jo Sudharma Swami Ne Sana Deva Author अज्ञात – Unknown Keywords धार्मिक / Religious, पत्रिका / Magazine #ज #सधरम #सवम #न #सन #दव #Sudharma #Swami #Sana #Deva ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post जो सुधर्मा स्वामी ने सना देव | Jo Sudharma Swami Ne Sana Deva
| अज्ञात – Unknown
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देव और बिहारी | Dev Aur Bihari | कृष्णबिहारी मिश्र – KrishnaBihari Mishra
Title देव और बिहारी | Dev Aur Bihari Author कृष्णबिहारी मिश्र – KrishnaBihari Mishra Keywords आलोचनात्मक / Critique, साहित्य / Literature #दव #और #बहर #Dev #Aur #Bihari ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post देव और बिहारी | Dev Aur Bihari
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काजीरंगा में आखिरी दांव | Kaziranga Me Aakhiri Daanv | श्री अरूप कुमार दत्त – Shri Arup Kumar Dutt
Title काजीरंगा में आखिरी दांव | Kaziranga Me Aakhiri Daanv Author श्री अरूप कुमार दत्त – Shri Arup Kumar Dutt Keywords कहानियाँ / Stories #कजरग #म #आखर #दव #Kaziranga #Aakhiri #Daanv ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post काजीरंगा में आखिरी दांव | Kaziranga Me Aakhiri Daanv
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या देवी सर्वभूतेषु मंत्र | Ya Devi Sarva Bhuteshu PDF in Hindi
या देवी सर्वभूतेषु मंत्र | Ya Devi Sarva Bhuteshu PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/ya-devi-sarva-bhuteshu-120.jpg">या देवी सर्वभूतेषु मंत्र | Ya Devi Sarva Bhuteshu</a>PDF Name<b>या देवी सर्वभूतेषु मंत्र | Ya Devi Sarva Bhuteshu PDF</b>No. of Pages<b>2</b>PDF Size<b>0.06 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
या देवी सर्वभूतेषु मंत्र | Ya Devi Sarva Bhuteshu Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Ya Devi Sarva Bhuteshu PDF in Hindi / या देवी सर्वभूतेषु मंत्र PDF जो माँ दुर्गा को प्रसन्न करने में आपकी सहायता करेगा। साथियों यह मंत्र माँ दुर्गा का प्रमुख मंत्र जिसे रोजाना पढ़ने से आपकी दरिद्रता, दुःख और घर के कलेश दूर हो जाते हैं तथा घर में खुसिया ही खुसिया आने लगती हैं। माता  देवी लक्ष्मी, सरस्वती, काली और नौदेवी सभी माता दुर्गा का ही रूप है। माता के प्यारे भक्त इस मंत्र के द्वारा माता के सभी रूपों की पूजा व स्तुति करते हैं। माँ दुर्गा ही जीवन, बुद्धि, शक्ति, धन, शांति इत्यादि सभी प्रदान करने वाली देवी है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप या देवी सर्वभूतेषु मंत्र PDF / Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं।इस मंत्र के द्वारा माता की स्तुति कर उनको प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर व्यक्ति एक सफल और समृद्ध जीवन जी सकता है। इस मंत्र के नियमित पाठ से व्यक्ति अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता है।या देवी सर्वभूतेषु मंत्र PDF | Ya Devi Sarva Bhuteshu PDF in Hindiया देवी सर्व भूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१||या देवी सर्व भूतेषु चेतनेत्य भिधीयते |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||२||या देवी सर्व भूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||३||या देवी सर्व भूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||४||या देवी सर्व भूतेषु क्षुद्धारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||५||या देवी सर्व भूतेषु छायारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||६||या देवी सर्व भूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||७||या देवी सर्व भूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||८||या देवी सर्व भूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||९||या देवी सर्व भूतेषु जातिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१०||या देवी सर्व भूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||११||या देवी सर्व भूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१२||या देवी सर्व भूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१३||या देवी सर्व भूतेषु कांतिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१४||या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१५||या देवी सर्व भूतेषु वृतत्तिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१६||या देवी सर्व स्मृतिभूतेषु रूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१७||या देवी सर्व भूतेषु दयारूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१८||या देवी सर्व भूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१९||या देवी सर्व भूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||२०||या देवी सर्व भूतेषु मातृरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||२१||या देवी सर्व भूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||२२||या देवी सर्व भूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||२३||इन्द्रियाणा मधिष्ठात्री भूतानाम् चाखिलेषु |या भूतेषु सततम् तस्यै व्याप्तिदेव्यो नमो नमः ||24||चितिरूपेण या कृत्सनम एतत व्याप्य स्थितः जगत |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||25||Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics PDF in Hindi<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Ya Devi Sarva Bhuteshu PDF in Hindi / या देवी सर्वभूतेषु मंत्र PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#य #दव #सरवभतष #मतर #Devi #Sarva #Bhuteshu #PDF #HindiThe post <a href="https://…
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF Detailsकात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi AartiPDF Nameकात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDFNo. of Pages2PDF Size0.26 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / कात्यायनी देवी की आरती PDF जिसे आप माँ कात्यायनी की पूजा करते समय गा सकते हैं। मां कात्यायनी की पूजा सुख और शांति प्रदान करने वाली होती है। धर्म के अनुसार मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। पुराणों के अनुसार असुरों का संहार करने, भक्तों को अभय दान देने और देवताओं का कल्याण करने के लिए ही माता ने नौ रूप का अवतार लिया था।नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार कात्यायनी मां की पूजा मन को मजबूत करने के साथ-साथ इंद्रियों को वश में करने का काम करती हैं। धर्म के अनुसार अविवाहित व्यक्तियों के लिए मां कात्यायनी की पूजा बेहद लाभदायक होती है।कात्यायनी देवी की आरती PDF | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindiजय जय अंबे जय कात्यायनी ।
जय जगमाता जग की महारानी ।।बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / कात्यायनी देवी की आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#कतययन #दव #क #आरत #Katyayani #Devi #Aarti #PDF #HindiThe post कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF Detailsमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva AartiPDF Nameमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.84 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti Hindi PDF SummaryFriends, in this article we have given the download link for मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi to help you. This is a famous devotional song in honour of Maa Kali Devi. This beautiful bhajan was sung by Narendra Chanchal. Devotees sang this bhajan in Navratri during the worship of Maa Kali Devi. The lyrics of this bhajan was written by Balbir Nirdosh and music was given by Surinder Kohli.मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindiमंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।बुद्धि विधाता तू जग माता,
मेरा कारज सिद्ध करे,
चरण कमल का लिया सहारा,
शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।गुरु के वार सकल जग मोहयो,
तरूणी रूप अनूप धरे,
माता होकर होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे ।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई,
संत खड़े जयकार करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेट देन तेरे द्वार खड़े,
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,
सिर सोने का छत्र फिरे ।
वार शनिचर कुमकुम बरणी,
जब लुकड़ पर हुकुम करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,
रक्त बीज को भस्म करे,
शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे,
महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने को कष्ट हरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।कुपित होयकर दानव मारे,
चण्डमुण्ड सब चूर करे,
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जन की अर्ज कबूल करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।सात बार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे,
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरी ध्यान धरे,
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर कुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,
अटल भवन में राज करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#मगल #क #सव #सन #मर #दव #आरत #Mangal #Seva #Sun #Meri #Deva #Aarti #PDF #HindiThe post मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi
माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDF Detailsमाँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja VidhiPDF Nameमाँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDFLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF SummaryHere we are going to upload the माँ कुष्मांडा देवी कथा PDF / Maa Kushmanda Devi Katha PDF in Hindi for our daily users. Maa Kushmanda is worshiped on the fourth day of Navratri. This goddess is known as Kushmanda because of her slow, mild laughter causing the egg, that is, the universe. She is called the mother who removes sorrows. The Sun is considered their abode. Therefore, behind this form of mother, the radiance of the sun is shown. He has eight hands and rides on a lion. Below we have provided the download link for कुष्मांडा देवी पूजा विधि PDF / Kushmanda Devi Pooja Vidhi PDF in Hindi.The radiance and radiance of his body are equally as radiant as the sun. Worshiping Maa Kushmanda removes all the diseases and sorrows of the devotees. Their devotion increases life, fame, strength and health. Maa Kushmanda is going to be pleased with little service and devotion.माँ कुष्मांडा देवी कथा PDF | Maa Kushmanda Devi Katha PDF in Hindiकूष्माण्डा देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कूष्माण्ड कहते हैं इसलिए इस देवी को कूष्माण्डा। इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है।अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी की पूजा-आराधना करना चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। ये देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंततः इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए।कूष्माण्डा देवी पूजा विधि PDF | Maa Kushmunda Devi Pooja Vidhi PDF in Hindiइस दिन भी आप सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी-देवता की पूजा करें।फिर देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ विराजमान देवी-देवताओं की पूजा करें।इनकी पूजा के पश्चात देवी कूष्‍मांडा की पूजा करें। पूजा की विधि शुरू करने से पहले हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर इस मंत्र ‘सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्‍मांडा शुभदास्तु मे।’ का ध्यान करें।इसके बाद शप्‍तशती मंत्र, उपासना मंत्र, कवच और अंत में आरती करें। आरती करने के बाद देवी मां से क्षमा प्रार्थना करना न भूलें।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप माँ कुष्मांडा देवी कथा PDF / Maa Kushmanda Devi Katha PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#म #कषमड #दव #कथ #Maa #Kushmanda #Devi #Katha #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post माँ कुष्मांडा देवी कथा | Maa Kushmanda Devi Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi
माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF Detailsमाँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi AartiPDF Nameमाँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.18 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti Hindi PDF SummaryGuys, In this article we are going to share माँ कुष्मांडा देवी आरती PDF / Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi through which you can download the aarti. Today is the fourth day of Chaitra Navratri. Maa Kushmanda is worshiped on the Chaturthi Tithi of Shukla Paksha of Chaitra month. Mother Kushmanda with eight arms destroys all the troubles and sorrows of her devotees. Adishakti Maa Durga took the form of Kushmanda to suppress the demons. Maa Kushmanda loves red flowers, at the time of worship, offer her a hibiscus flower.On the fourth day of Navratri, you should please Maa Kushmanda by chanting the following mantras. At the end of the puja, perform the aarti of Maa Kushmanda, due to which the mother will be pleased and fulfill all your wishes.माँ कुष्मांडा देवी आरती PDF | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindiमां कूष्मांडा आरतीकूष्मांडा जय जग सुखदानी।मुझ पर दया करो महारानी॥पिगंला ज्वालामुखी निराली।शाकंबरी माँ भोली भाली॥लाखों नाम निराले तेरे ।भक्त कई मतवाले तेरे॥भीमा पर्वत पर है डेरा।स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥सबकी सुनती हो जगदंबे।सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥तेरे दर्शन का मैं प्यासा।पूर्ण कर दो मेरी आशा॥माँ के मन में ममता भारी।क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥तेरे दर पर किया है डेरा।दूर करो माँ संकट मेरा॥मेरे कारज पूरे कर दो।मेरे तुम भंडारे भर दो॥तेरा दास तुझे ही ध्याए।भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप माँ कुष्मांडा देवी आरती PDF / Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#म #कषमड #दव #आरत #Maa #Kushmanda #Devi #Aarti #PDF #HindiThe post माँ कुष्मांडा देवी आरती | Maa Kushmanda Devi Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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