विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF in Hindi
विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF Detailsविघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak StotramPDF Nameविघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram Hindi PDF Summaryइस लेख के माध्यम से आप विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं। विघविनाशक स्तोत्र एक बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है । यह स्तोत्र गणेश जी को समर्पित है । गणेश जी के अनेक पवित्र नामों में से एक नाम विघ्नविनाशक भी है । इसलिए इस स्तोत्र को विघ्नविनाशक गणेश स्तोत्र के नाम से जाना जाता है ।यदि आपको अध्ययन संबन्धित समस्या आती है, तो आपको इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए । इस स्तोत्र को पाठ जो व्यक्ति प्रतिदिन पूरी श्रद्धा व विधि – विधान से करता है उसके जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के विघ्नों का गणेश जी नाश कर देते हैं । अतः इस स्तोत्र का पाठ करके आप जीवन में गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हो । विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र / Vighna Vinashak Stotraईशानो ढुण्ढिराजो गणपतिरखिलाधौघनाशो वरेण्योदेवानामग्रण्यः सकलगुणनिधिर्योऽग्रपूजाधिकारी ।विद्याधीशो बलिष्ठः षडरिविदलनः सिद्धिबुद्धिप्रदाताजीवानां मुक्तिहेतुर्जयति भवहरः श्रीगुरुः सौख्यसिन्धुः ॥ १॥विघ्नान्हन्तीति योऽसौ श्रुतिषु निगदितो विघ्नहेतिप्रसिद्धोव्यक्तेवाऽव्यक्तरूपे प्रणववपुरयं ब्रह्मरूपः स्वमात्रः ।यो व्यक्तो भक्तहेतुर्निरवधिरमलो निर्गुणो निष्क्रियोपिभक्तानां मुक्तिहेतौ विदलयति कृतं मायिकस्याद्वयः सः ॥ २॥सर्पोरज्जुर्हि यद्वन्न भुजग इति सा कथ्यते रज्जुसर्पेविश्वं ब्रह्मैव तद्वन्न च जगदिति तत्खल्विदं ब्रह्मवाक्ये ।सत्ता सामान्यरूपात्कथितमपि च यो दृश्यरूपो न तादृक्दृश्यं यद्विघ्नकृत्स्यात्तदपनयति यो बोधतो विघ्नहाऽयम् ॥ ३॥सर्वं ब्रह्मस्वरूपं परमपरयुतं विश्वमाभाति यच्चचैतन्यस्याद्द्वयत्वाद् गदित इति च यो दृश्यरूपोऽप्यरूपः ।माया तत्सर्वकार्यं जडमिति कथितं यं विनाभावमेतिसर्वत्रावस्थितत्वात्तदनुभव इति स्वादनाद्योऽद्वयः सः ॥ ४॥भात्यस्त्यानन्दरूपोऽसदसुखजडतारूपदृश्येऽस्ति यो वैनित्यो नित्यादिकानां भवति किल तथा चेतनश्चेतनानाम् ।सर्वस्यैतस्य माया-कृतसुखमिह यत् प्रार्थ्यते तद्गणेशोयस्तं सर्वादिभूतं भजत जगति भोः सारभूतं वरेण्यम् ॥ ५॥नित्यं यन्निर्विकारं निरतिशयसुखं ब्रह्मतन्मत्स्वरूपंज्ञात्वा विश्वातिभूतः सकलविदलयन् स्वार्चिषा स्वस्थ आसे ।माया तत्कार्य-मेतत्स्पृशति न मयि वा दृश्यते नाऽविरासीन्मायायाः सर्वशक्तेः पर इति सततं यः स एवाद्वयोऽहम् ॥ ६॥ब्रह्मानन्दकरोऽयमात्ममतिदः श्रीढुण्ढिराजस्तवोविघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनः कामेभपञ्चाननः ।मायाव्याकुलप्रमत्तमरुडो मोहाटवीहव्यवाड्अज्ञानान्धनिवारणैकतरणिर्भेदाब्धिकुम्भोद्भवः ॥ ७॥इति श्रीभगवता श्रीधरस्वामीना विरचितंविघ्नविनाशकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥गणेश पूजन मंत्र / Ganesh Puja Mantra in Sanskritॐ ऋषिकेशाय नमॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातुॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!ॐ भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!You can download Vighna Vinashak Stotram PDF by clicking on the following download button.#वघन #वनशक #गणश #सततर #Vighna #Vinashak #Stotram #PDF #HindiThe post विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram Hindi PDF Summaryइस लेख के माध्यम से आप विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं। विघविनाशक स्तोत्र एक बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है । यह स्तोत्र गणेश जी को समर्पित है । गणेश जी के अनेक पवित्र नामों में से एक नाम विघ्नविनाशक भी है । इसलिए इस स्तोत्र को विघ्नविनाशक गणेश स्तोत्र के नाम से जाना जाता है ।यदि आपको अध्ययन संबन्धित समस्या आती है, तो आपको इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए । इस स्तोत्र को पाठ जो व्यक्ति प्रतिदिन पूरी श्रद्धा व विधि – विधान से करता है उसके जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के विघ्नों का गणेश जी नाश कर देते हैं । अतः इस स्तोत्र का पाठ करके आप जीवन में गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हो । विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र / Vighna Vinashak Stotraईशानो ढुण्ढिराजो गणपतिरखिलाधौघनाशो वरेण्योदेवानामग्रण्यः सकलगुणनिधिर्योऽग्रपूजाधिकारी ।विद्याधीशो बलिष्ठः षडरिविदलनः सिद्धिबुद्धिप्रदाताजीवानां मुक्तिहेतुर्जयति भवहरः श्रीगुरुः सौख्यसिन्धुः ॥ १॥विघ्नान्हन्तीति योऽसौ श्रुतिषु निगदितो विघ्नहेतिप्रसिद्धोव्यक्तेवाऽव्यक्तरूपे प्रणववपुरयं ब्रह्मरूपः स्वमात्रः ।यो व्यक्तो भक्तहेतुर्निरवधिरमलो निर्गुणो निष्क्रियोपिभक्तानां मुक्तिहेतौ विदलयति कृतं मायिकस्याद्वयः सः ॥ २॥सर्पोरज्जुर्हि यद्वन्न भुजग इति सा कथ्यते रज्जुसर्पेविश्वं ब्रह्मैव तद्वन्न च जगदिति तत्खल्विदं ब्रह्मवाक्ये ।सत्ता सामान्यरूपात्कथितमपि च यो दृश्यरूपो न तादृक्दृश्यं यद्विघ्नकृत्स्यात्तदपनयति यो बोधतो विघ्नहाऽयम् ॥ ३॥सर्वं ब्रह्मस्वरूपं परमपरयुतं विश्वमाभाति यच्चचैतन्यस्याद्द्वयत्वाद् गदित इति च यो दृश्यरूपोऽप्यरूपः ।माया तत्सर्वकार्यं जडमिति कथितं यं विनाभावमेतिसर्वत्रावस्थितत्वात्तदनुभव इति स्वादनाद्योऽद्वयः सः ॥ ४॥भात्यस्त्यानन्दरूपोऽसदसुखजडतारूपदृश्येऽस्ति यो वैनित्यो नित्यादिकानां भवति किल तथा चेतनश्चेतनानाम् ।सर्वस्यैतस्य माया-कृतसुखमिह यत् प्रार्थ्यते तद्गणेशोयस्तं सर्वादिभूतं भजत जगति भोः सारभूतं वरेण्यम् ॥ ५॥नित्यं यन्निर्विकारं निरतिशयसुखं ब्रह्मतन्मत्स्वरूपंज्ञात्वा विश्वातिभूतः सकलविदलयन् स्वार्चिषा स्वस्थ आसे ।माया तत्कार्य-मेतत्स्पृशति न मयि वा दृश्यते नाऽविरासीन्मायायाः सर्वशक्तेः पर इति सततं यः स एवाद्वयोऽहम् ॥ ६॥ब्रह्मानन्दकरोऽयमात्ममतिदः श्रीढुण्ढिराजस्तवोविघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनः कामेभपञ्चाननः ।मायाव्याकुलप्रमत्तमरुडो मोहाटवीहव्यवाड्अज्ञानान्धनिवारणैकतरणिर्भेदाब्धिकुम्भोद्भवः ॥ ७॥इति श्रीभगवता श्रीधरस्वामीना विरचितंविघ्नविनाशकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥गणेश पूजन मंत्र / Ganesh Puja Mantra in Sanskritॐ ऋषिकेशाय नमॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातुॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!ॐ भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!ॐ गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!ॐ भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!You can download Vighna Vinashak Stotram PDF by clicking on the following download button.#वघन #वनशक #गणश #सततर #Vighna #Vinashak #Stotram #PDF #HindiThe post विघ्न विनाशक गणेश स्तोत्र | Vighna Vinashak Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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