अथ बडा रुक्मिणीमंगल प्रारंभ | Ath Bada Rukmini Mangal Prarambha
Title अथ बडा रुक्मिणीमंगल प्रारंभ | Ath Bada Rukmini Mangal Prarambha Author विभिन्न लेखक – Various Authors Keywords धार्मिक / Religious, हिंदू – Hinduism #अथ #बड #रकमणमगल #पररभ #Ath #Bada #Rukmini #Mangal #Prarambha ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post अथ बडा रुक्मिणीमंगल प्रारंभ | Ath Bada Rukmini Mangal Prarambha appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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मंगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिंतन | Mangal Mantra Namokar : Ak Anuchintan
Title मंगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिंतन | Mangal Mantra Namokar : Ak Anuchintan Author अयोध्याप्रसाद गोयलीय – Ayodhyaprasad Goyaliya Keywords मंत्र / Mantras #मगलमनतर #णमकर #एक #अनचतन #Mangal #Mantra #Namokar #Anuchintan ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post मंगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिंतन | Mangal Mantra Namokar : Ak Anuchintan appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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मङ्गलकोष | Mangal Kosha
Title मङ्गलकोष | Mangal Kosha Author अज्ञात – Unknown Keywords साहित्य / Literature #मङगलकष #Mangal #Kosha ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post मङ्गलकोष | Mangal Kosha appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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मंगल वाणी | Mangal Vani | अज्ञात – Unknown
Title मंगल वाणी | Mangal Vani Author अज्ञात – Unknown Keywords जैन धर्म / Jain Dharm, दार्शनिक / Philosophical #मगल #वण #Mangal #Vani ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post मंगल वाणी | Mangal Vani
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मंगल कलश | Mangal Kalash | कुलदीप सिंह – Kuldeep Singh
Title मंगल कलश | Mangal Kalash Author कुलदीप सिंह – Kuldeep Singh Keywords धार्मिक / Religious #मगल #कलश #Mangal #Kalash ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post मंगल कलश | Mangal Kalash
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श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF Detailsश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev ChalisaPDF Nameश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDFNo. of Pages4PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख में आपको श्री मंगल चालीसा / Mangal Dev Chalisa PDF प्रदान कर रहे हैं। यह चालीसा मंगल देव को समर्पित है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हे इस चालीसा का पाठ नित्य – प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं, तो काम से कम प्रति मंगलवार इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।जिन जातकों की कुंडली में मंगलदोष उपस्थित है तथा उनके जीवन में मंगलदोष के कारण अनेक प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं, तो आपको श्री मंगल चालीसा के पाठ से लाभ होगा। इस चालीसा का पाठ करने से मांगलिक होने के कारण से उत्पन्न होने वाली विवाह सम्बंधित समस्याओं का भी नाश होता हैं।मंगल ग्रह चालीसा | Mangal Grah Chalisa Lyrics PDFमंगल मूरति जय जय हनुमंता, मंगल-मंगल देव अनंता।हाथ व्रज और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी।रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।शत्रुन काट-काट महिं डारे, बंधन व्याधि विपत्ति निवारे।आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कांपै।सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना।तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परसि होत जब खण्डा।पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।हर प्राणी शरणागत आए, चरण कमल में शीश नवाए।रोग शोक बहु विपत्ति घराने, दुख दरिद्र बंधन प्रकटाने।तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा।दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुख स्वप्न विनाशा।शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे।विपति हरन मंगल देवा, अंगीकार करो यह सेवा।मुद्रित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी।श्रीमंगलजी की आरती हनुमत सहितासु गाई।होई मनोरथ सिद्ध जब अंत विष्णुपुर जाई।श्री मंगल चालीसा पाठ विधि | Shri Mangal Chalisa Path Vidhiसर्वप्रथम स्नान आदि से निर्वत्त होकर शुद्ध हो जाएँ।
अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएँ।
एक लकड़ी की चौकी रखें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
उस पर मंगलदेव व श्री हनुमान जी का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें।
अब उनके समक्ष श्री मंगल चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF in Hindiमंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindiऋणमोचक मंगल स्तोत्र | Rinmochan Mangal Stotra PDF in Hindiमंगल भौम प्रदोष व्रत कथा | Mangal Pradosh Vrat Katha 2021 PDF in HindiYou can download Mangal Dev Chalisa in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #मगल #चलस #Mangal #Dev #Chalisa #PDF #HindiThe post श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF Detailsश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev ChalisaPDF Nameश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDFNo. of Pages4PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख में आपको श्री मंगल चालीसा / Mangal Dev Chalisa PDF प्रदान कर रहे हैं। यह चालीसा मंगल देव को समर्पित है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हे इस चालीसा का पाठ नित्य – प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं, तो काम से कम प्रति मंगलवार इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।जिन जातकों की कुंडली में मंगलदोष उपस्थित है तथा उनके जीवन में मंगलदोष के कारण अनेक प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं, तो आपको श्री मंगल चालीसा के पाठ से लाभ होगा। इस चालीसा का पाठ करने से मांगलिक होने के कारण से उत्पन्न होने वाली विवाह सम्बंधित समस्याओं का भी नाश होता हैं।मंगल ग्रह चालीसा | Mangal Grah Chalisa Lyrics PDFमंगल मूरति जय जय हनुमंता, मंगल-मंगल देव अनंता।हाथ व्रज और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी।रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।शत्रुन काट-काट महिं डारे, बंधन व्याधि विपत्ति निवारे।आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कांपै।सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना।तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परसि होत जब खण्डा।पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।हर प्राणी शरणागत आए, चरण कमल में शीश नवाए।रोग शोक बहु विपत्ति घराने, दुख दरिद्र बंधन प्रकटाने।तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा।दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुख स्वप्न विनाशा।शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे।विपति हरन मंगल देवा, अंगीकार करो यह सेवा।मुद्रित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी।श्रीमंगलजी की आरती हनुमत सहितासु गाई।होई मनोरथ सिद्ध जब अंत विष्णुपुर जाई।श्री मंगल चालीसा पाठ विधि | Shri Mangal Chalisa Path Vidhiसर्वप्रथम स्नान आदि से निर्वत्त होकर शुद्ध हो जाएँ।
अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएँ।
एक लकड़ी की चौकी रखें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
उस पर मंगलदेव व श्री हनुमान जी का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें।
अब उनके समक्ष श्री मंगल चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF in Hindiमंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindiऋणमोचक मंगल स्तोत्र | Rinmochan Mangal Stotra PDF in Hindiमंगल भौम प्रदोष व्रत कथा | Mangal Pradosh Vrat Katha 2021 PDF in HindiYou can download Mangal Dev Chalisa in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #मगल #चलस #Mangal #Dev #Chalisa #PDF #HindiThe post श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF Detailsमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva AartiPDF Nameमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.84 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable ✔Downloads26
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti Hindi PDF SummaryFriends, in this article we have given the download link for मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi to help you. This is a famous devotional song in honour of Maa Kali Devi. This beautiful bhajan was sung by Narendra Chanchal. Devotees sang this bhajan in Navratri during the worship of Maa Kali Devi. The lyrics of this bhajan was written by Balbir Nirdosh and music was given by Surinder Kohli.मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindiमंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।बुद्धि विधाता तू जग माता,
मेरा कारज सिद्ध करे,
चरण कमल का लिया सहारा,
शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।गुरु के वार सकल जग मोहयो,
तरूणी रूप अनूप धरे,
माता होकर होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे ।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई,
संत खड़े जयकार करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेट देन तेरे द्वार खड़े,
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,
सिर सोने का छत्र फिरे ।
वार शनिचर कुमकुम बरणी,
जब लुकड़ पर हुकुम करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,
रक्त बीज को भस्म करे,
शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे,
महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने को कष्ट हरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।कुपित होयकर दानव मारे,
चण्डमुण्ड सब चूर करे,
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जन की अर्ज कबूल करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।सात बार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे,
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरी ध्यान धरे,
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर कुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,
अटल भवन में राज करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#मगल #क #सव #सन #मर #दव #आरत #Mangal #Seva #Sun #Meri #Deva #Aarti #PDF #HindiThe post मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF Detailsमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva AartiPDF Nameमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.84 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable ✔Downloads26
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti Hindi PDF SummaryFriends, in this article we have given the download link for मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi to help you. This is a famous devotional song in honour of Maa Kali Devi. This beautiful bhajan was sung by Narendra Chanchal. Devotees sang this bhajan in Navratri during the worship of Maa Kali Devi. The lyrics of this bhajan was written by Balbir Nirdosh and music was given by Surinder Kohli.मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindiमंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।बुद्धि विधाता तू जग माता,
मेरा कारज सिद्ध करे,
चरण कमल का लिया सहारा,
शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।गुरु के वार सकल जग मोहयो,
तरूणी रूप अनूप धरे,
माता होकर होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे ।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई,
संत खड़े जयकार करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेट देन तेरे द्वार खड़े,
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,
सिर सोने का छत्र फिरे ।
वार शनिचर कुमकुम बरणी,
जब लुकड़ पर हुकुम करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,
रक्त बीज को भस्म करे,
शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे,
महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने को कष्ट हरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।कुपित होयकर दानव मारे,
चण्डमुण्ड सब चूर करे,
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जन की अर्ज कबूल करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।सात बार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे,
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरी ध्यान धरे,
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर कुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,
अटल भवन में राज करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#मगल #क #सव #सन #मर #दव #आरत #Mangal #Seva #Sun #Meri #Deva #Aarti #PDF #HindiThe post मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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