ब्रह्मवैवर्त पुराणम् [खंड 2] | Brahma Vaivarta Puranam [Vol. 2]
Title ब्रह्मवैवर्त पुराणम् [खंड 2] | Brahma Vaivarta Puranam [Vol. 2] Author महर्षि वेदव्यास – Maharshi Vedvyaas Keywords धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological, हिंदू – Hinduism #बरहमववरत #परणम #खड #Brahma #Vaivarta #Puranam #Vol ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post ब्रह्मवैवर्त पुराणम् [खंड 2] | Brahma Vaivarta Puranam [Vol. 2] appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi | कवीन्द्र सागर – Kavindra Sagar
Title चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi Author कवीन्द्र सागर – Kavindra Sagar Keywords धार्मिक / Religious, हिंदू – Hinduism #चतर #परणम #दवनदन #वध #Chaitri #Purnima #Devavandan #Vidhi ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi
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Title चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi Author कवीन्द्र सागर – Kavindra Sagar Keywords धार्मिक / Religious, हिंदू – Hinduism #चतर #परणम #दवनदन #वध #Chaitri #Purnima #Devavandan #Vidhi ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi
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चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi | कवीन्द्र सागर - Kavindra Sagar Title चैत्री पूर्णिमा देवनंदन विधि | Chaitri Purnima Devavandan Vidhi Author कवीन्द्र सागर - Kavindra Sagar Keywords धार्मिक / Religious, हिंदू - Hinduism
प्रबंध पूर्णिमा | Prabandh Purnima | रामरतन भटनागर – Ramratan Bhatnagar
Title प्रबंध पूर्णिमा | Prabandh Purnima Author रामरतन भटनागर – Ramratan Bhatnagar Keywords निबंध / Essay, साहित्य / Literature #परबध #परणम #Prabandh #Purnima ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post प्रबंध पूर्णिमा | Prabandh Purnima
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विष्णुधर्मोत्तर पुराणम् | Vishnu Dharmottara Puranam | अशोक चटर्जी शास्त्री – Ashok Chatterji Shastri
Title विष्णुधर्मोत्तर पुराणम् | Vishnu Dharmottara Puranam Author अशोक चटर्जी शास्त्री – Ashok Chatterji Shastri Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #वषणधरमततर #परणम #Vishnu #Dharmottara #Puranam Download eBook Read OnlineThe post विष्णुधर्मोत्तर पुराणम् | Vishnu Dharmottara Puranam
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भागवत पुराणम् | Bhagawat Puranam | आशुतोष शर्मा बिश्वास – Ashutosh Sharma Biswas
Title भागवत पुराणम् | Bhagawat Puranam Author आशुतोष शर्मा बिश्वास – Ashutosh Sharma Biswas Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #भगवत #परणम #Bhagawat #Puranam Download eBook Read OnlineThe post भागवत पुराणम् | Bhagawat Puranam
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शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----sharad-purnima-puja-vidhi-682.jpg">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi</a>PDF Name<b>शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi Hindi PDF Summaryशरद पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है। इसीलिए बहुत से लोग इस दिन अपने घर पर खीर बनाते हैं तथा उसको रात भर चन्द्रमा की रौशनी में रखते हैं तथा सुबह उसे प्रसाद के रूप में परिवार वालों के साथ मिलबाँट कर कहते हैं।माना जाता है कि इस खीर को खाने से व्यक्ति के विभिन्न प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। चंद्रदेव की कृपा से व्यक्ति की मानसिक परशानियाँ भी दूर होती हैं। वैदिक धर्मशात्रों में कहा गया है, चन्द्रमा मनसोः जातः, अथार्त चन्द्रमा मन का करक होता है। यदि आप भी अपना मनोबल बढ़ाना चाहते हैं तो शरद पूर्णिंमा को पूज व व्रत अवश्य करें। शरद पूर्णिमा की पूजा करने की विधि / Sharad Purnima Pooja Vidhi in Hindiइस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। साथ ही किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें अथवा घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए।फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।इस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।मां लक्ष्मी को लाल फूल, नैवेद्य, इत्र जैसी चीजें चुढ़ाएं।फिर मां को वस्त्र, आभूषण, और अन्य श्रंगार पहनाएं।मां लक्ष्मी का आह्वान करें।फिर फूल, धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य, सुपारी, दक्षिणा आदि मां को अर्पित करें।इसके बाद लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी की आरती भी गाएं।फिर पूजा धूप और दीप (दीपक) से मां की आरती करें।फिर मां को खीर चढ़ाएं।इस दिन अपने सामार्थ्यनुसार किसी ब्राह्मण को दान करें।खीर को गाय के दूध से ही बनाएं।मध्यरात्रि को मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।इसे प्रसाद के तौर पर भी वितरित करें।पूजा के दौरान कथा जरूर सुनें।एक कलश में पानी रखें और एक गिलास में गेहूं भरकर रखें।फिर एक पत्ते का दोना लें। इसमें रोली और चावल रखें।फिर कलश की पूजा करें और दक्षिणा अर्पित करें।मां लक्ष्मी के साथ भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करें।शरद पूर्णिमा मंत्र / Sharad Purnima Puja Mantra<strong>मां लक्ष्मी मंत्र:</strong>ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः<strong>कुबेर मंत्र:</strong>ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।<strong>सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का मंत्र</strong>:पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु में। शरद पूर्णिमा व्रत कथा / Sharad Purnima Vrat Kathaपौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक साहूकार था जिसकी दो बेटियां थीं। साहूकार की दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत करती थीं। जहां एक तरफ बड़ी बेटी ने विधिवत् व्रत को पूरा किया। वहीं, छोटी बेटी ने व्रत को अधूरा छोड़ दिया। इसका प्रभाव यह हुआ कि छोटी लड़की के बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु हो गई। फिर एक बार बड़ी बेटी ने अपनी बहन के बच्चे को स्पर्श किया वो स्पर्श इतना पुण्य था कि उससे बालक जीवित हो गया। बस उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक किया जाने लगा।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/sharad-purnima-vrat-katha-hindi/">शरद पूर्णिमा व्रत कथा | Sharad Purnima Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download Sharad Purnima Vrat Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शरद #परणम #पज #वध #Sharad #Purnima #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%a6-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-sharad-purnima-puja-vid">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www…
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----sharad-purnima-puja-vidhi-682.jpg">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi</a>PDF Name<b>शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi Hindi PDF Summaryशरद पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है। इसीलिए बहुत से लोग इस दिन अपने घर पर खीर बनाते हैं तथा उसको रात भर चन्द्रमा की रौशनी में रखते हैं तथा सुबह उसे प्रसाद के रूप में परिवार वालों के साथ मिलबाँट कर कहते हैं।माना जाता है कि इस खीर को खाने से व्यक्ति के विभिन्न प्रकार के रोग समाप्त होते हैं। चंद्रदेव की कृपा से व्यक्ति की मानसिक परशानियाँ भी दूर होती हैं। वैदिक धर्मशात्रों में कहा गया है, चन्द्रमा मनसोः जातः, अथार्त चन्द्रमा मन का करक होता है। यदि आप भी अपना मनोबल बढ़ाना चाहते हैं तो शरद पूर्णिंमा को पूज व व्रत अवश्य करें। शरद पूर्णिमा की पूजा करने की विधि / Sharad Purnima Pooja Vidhi in Hindiइस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। साथ ही किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें अथवा घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए।फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।इस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।मां लक्ष्मी को लाल फूल, नैवेद्य, इत्र जैसी चीजें चुढ़ाएं।फिर मां को वस्त्र, आभूषण, और अन्य श्रंगार पहनाएं।मां लक्ष्मी का आह्वान करें।फिर फूल, धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य, सुपारी, दक्षिणा आदि मां को अर्पित करें।इसके बाद लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मां लक्ष्मी की आरती भी गाएं।फिर पूजा धूप और दीप (दीपक) से मां की आरती करें।फिर मां को खीर चढ़ाएं।इस दिन अपने सामार्थ्यनुसार किसी ब्राह्मण को दान करें।खीर को गाय के दूध से ही बनाएं।मध्यरात्रि को मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।इसे प्रसाद के तौर पर भी वितरित करें।पूजा के दौरान कथा जरूर सुनें।एक कलश में पानी रखें और एक गिलास में गेहूं भरकर रखें।फिर एक पत्ते का दोना लें। इसमें रोली और चावल रखें।फिर कलश की पूजा करें और दक्षिणा अर्पित करें।मां लक्ष्मी के साथ भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करें।शरद पूर्णिमा मंत्र / Sharad Purnima Puja Mantra<strong>मां लक्ष्मी मंत्र:</strong>ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः<strong>कुबेर मंत्र:</strong>ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।<strong>सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का मंत्र</strong>:पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु में। शरद पूर्णिमा व्रत कथा / Sharad Purnima Vrat Kathaपौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक साहूकार था जिसकी दो बेटियां थीं। साहूकार की दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत करती थीं। जहां एक तरफ बड़ी बेटी ने विधिवत् व्रत को पूरा किया। वहीं, छोटी बेटी ने व्रत को अधूरा छोड़ दिया। इसका प्रभाव यह हुआ कि छोटी लड़की के बच्चों का जन्म होते ही उनकी मृत्यु हो गई। फिर एक बार बड़ी बेटी ने अपनी बहन के बच्चे को स्पर्श किया वो स्पर्श इतना पुण्य था कि उससे बालक जीवित हो गया। बस उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक किया जाने लगा।<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/sharad-purnima-vrat-katha-hindi/">शरद पूर्णिमा व्रत कथा | Sharad Purnima Vrat Katha PDF in Hindi</a><strong>You can download Sharad Purnima Vrat Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शरद #परणम #पज #वध #Sharad #Purnima #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%a6-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-sharad-purnima-puja-vid">शरद पूर्णिमा पूजा विधि | Sharad Purnima Puja Vidhi PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www…
कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF in Hindi
कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----kojagari-lakshmi-puja-katha-593.jpg">कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha</a>PDF Name<b>कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha Hindi PDF Summaryहिन्दू धर्म में कोजागिरी पौर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा – आराधना तथा व्रत आदि किया जाता है। देवी लक्ष्मी का महत्व तो आप सभी जानते ही होंगे। उनकी कृपा के बिना व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का भौतिक सुख नहीं रह सकता। देवी लक्ष्मी धन – वैभव आदि को नियंत्रित करती हैं।जिन लोगों के घर में दुःख – दारिद्य ने डेरा डाल रखा हो, उन्हें कोजागिरी पौर्णिमा का व्रत अवश्य करना चाहिए ताकि वह अपने जीवन को सुचारु रूप से चला सकें तथा जीवन में आने वाली आर्थिक समस्याओं से बच सकें। यदि आप भी अपने घर में इस व्रत का आयोजन कर रहें हैं तो कोजागिरी व्रत कथा का पठन – पाठन अवश्य करें।कोजागरी व्रत कथा / Kojagari Lakshmi Puja Vrat Kathaपौराणिक कथा के अनुसार एक साहुकार को दो पुत्रियां थीं। दोनो पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थीं, लेकिन बड़ी पुत्री पूरा व्रत करती थी और छोटी पुत्री अधूरा व्रत करती थी। व्रत अधूरा रहने के कारण छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी। अपना दुख जब उसने पंडित को बताया तो उन्होंने बताया कि व्रत अधूरा रखने के कारण ऐसा होता है तुम यदि पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक करने से तुम्हारी संतान जीवित रह सकती है।इसके बाद उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक किया और इसके पुण्य से उसे संतान की प्राप्ति हुई, लेकिन वह भी कुछ दिनों बाद मर गया। उसने लड़के को एक पीढ़ा पर लेटा कर ऊपर से कपड़ा ढंक दिया और फिर बड़ी बहन को बुला कर घर ले आई और बैठने के लिए वही पीढ़ा दे दिया। बड़ी बहन जब उस पर बैठने लगी जो उसका लहंगा बच्चे का छू गया। बच्चा लहंगा छूते ही रोने लगा। तब बड़ी बहन ने कहा कि तुम मुझे कलंक लगाना चाहती थी। मेरे बैठने से यह मर जाता। तब छोटी बहन बोली कि यह तो पहले से मरा हुआ था। तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया। तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है। उसके बाद नगर में उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत करने का ढिंढोरा पिटवा दिया। तब से ये दिन एक उत्सव के रुप में मनाया जाने लगा और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाने लगी। कोजागरी पूर्णिमा पूजा विधिइस दिन पीतल, चांदी, तांबे या सोने से बनी देवी लक्ष्मी की प्रतिमा को कपड़े से ढंककर पूजा की जाती है। सुबह देवी की पूजा करने के बाद रात में चंद्रोदय के बाद फिर से की जाती है। इस दिन रात 9 बजे के बाद चांदी के बर्तन में खीर बना कर चांद के निकलते ही आसमान के नीचे रख देनी चाहिए। इसके पश्चात रात्रि में देवी के समक्ष घी के दीपक जला दें। इसके बाद देवी के मंत्र, आरती और विधिवत पूजन करना चाहिए। कुछ समय बाद चांद की रोशनी में रखी हुई खीर का देवी लक्ष्मी को भोग लगाकर उसमें से ही ब्राह्मणों को प्रसाद स्वरूप दान देना चाहिए। अगले दिन माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए। कोजागिरी पौर्णिमा पूजा मुहूर्तकोजागर पूजा मंगलवार, अक्टूबर 19, 2021 कोकोजागर पूजा निशिता काल – 11:41 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 20अवधि – 00 घण्टे 51 मिनट्सकोजागर पूजा के दिन चन्द्रोदय – 05:20 पी एमपूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 19, 2021 को 07:03 पी एम बजेपूर्णिमा तिथि समाप्त – अक्टूबर 20, 2021 को 08:26 पी एम बजे<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/kojagari-lakshmi-puja-vidhi-hindi/">कोजागरी व्रत विधि | Kojagari Lakshmi Puja Vidhi PDF in Hindi</a><strong>You can download Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF by clicking on the following download button. </strong>#कजगर #परणम #वरत #कथ #Kojagari #Lakshmi #Puja #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95">कोजागिरी पौर्णिमा व्रत…
कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----kojagari-lakshmi-puja-katha-593.jpg">कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha</a>PDF Name<b>कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.54 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
कोजागिरी पौर्णिमा व्रत कथा | Kojagari Lakshmi Puja Katha Hindi PDF Summaryहिन्दू धर्म में कोजागिरी पौर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा – आराधना तथा व्रत आदि किया जाता है। देवी लक्ष्मी का महत्व तो आप सभी जानते ही होंगे। उनकी कृपा के बिना व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का भौतिक सुख नहीं रह सकता। देवी लक्ष्मी धन – वैभव आदि को नियंत्रित करती हैं।जिन लोगों के घर में दुःख – दारिद्य ने डेरा डाल रखा हो, उन्हें कोजागिरी पौर्णिमा का व्रत अवश्य करना चाहिए ताकि वह अपने जीवन को सुचारु रूप से चला सकें तथा जीवन में आने वाली आर्थिक समस्याओं से बच सकें। यदि आप भी अपने घर में इस व्रत का आयोजन कर रहें हैं तो कोजागिरी व्रत कथा का पठन – पाठन अवश्य करें।कोजागरी व्रत कथा / Kojagari Lakshmi Puja Vrat Kathaपौराणिक कथा के अनुसार एक साहुकार को दो पुत्रियां थीं। दोनो पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थीं, लेकिन बड़ी पुत्री पूरा व्रत करती थी और छोटी पुत्री अधूरा व्रत करती थी। व्रत अधूरा रहने के कारण छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी। अपना दुख जब उसने पंडित को बताया तो उन्होंने बताया कि व्रत अधूरा रखने के कारण ऐसा होता है तुम यदि पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक करने से तुम्हारी संतान जीवित रह सकती है।इसके बाद उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक किया और इसके पुण्य से उसे संतान की प्राप्ति हुई, लेकिन वह भी कुछ दिनों बाद मर गया। उसने लड़के को एक पीढ़ा पर लेटा कर ऊपर से कपड़ा ढंक दिया और फिर बड़ी बहन को बुला कर घर ले आई और बैठने के लिए वही पीढ़ा दे दिया। बड़ी बहन जब उस पर बैठने लगी जो उसका लहंगा बच्चे का छू गया। बच्चा लहंगा छूते ही रोने लगा। तब बड़ी बहन ने कहा कि तुम मुझे कलंक लगाना चाहती थी। मेरे बैठने से यह मर जाता। तब छोटी बहन बोली कि यह तो पहले से मरा हुआ था। तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया। तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है। उसके बाद नगर में उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत करने का ढिंढोरा पिटवा दिया। तब से ये दिन एक उत्सव के रुप में मनाया जाने लगा और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाने लगी। कोजागरी पूर्णिमा पूजा विधिइस दिन पीतल, चांदी, तांबे या सोने से बनी देवी लक्ष्मी की प्रतिमा को कपड़े से ढंककर पूजा की जाती है। सुबह देवी की पूजा करने के बाद रात में चंद्रोदय के बाद फिर से की जाती है। इस दिन रात 9 बजे के बाद चांदी के बर्तन में खीर बना कर चांद के निकलते ही आसमान के नीचे रख देनी चाहिए। इसके पश्चात रात्रि में देवी के समक्ष घी के दीपक जला दें। इसके बाद देवी के मंत्र, आरती और विधिवत पूजन करना चाहिए। कुछ समय बाद चांद की रोशनी में रखी हुई खीर का देवी लक्ष्मी को भोग लगाकर उसमें से ही ब्राह्मणों को प्रसाद स्वरूप दान देना चाहिए। अगले दिन माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए। कोजागिरी पौर्णिमा पूजा मुहूर्तकोजागर पूजा मंगलवार, अक्टूबर 19, 2021 कोकोजागर पूजा निशिता काल – 11:41 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 20अवधि – 00 घण्टे 51 मिनट्सकोजागर पूजा के दिन चन्द्रोदय – 05:20 पी एमपूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 19, 2021 को 07:03 पी एम बजेपूर्णिमा तिथि समाप्त – अक्टूबर 20, 2021 को 08:26 पी एम बजे<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/kojagari-lakshmi-puja-vidhi-hindi/">कोजागरी व्रत विधि | Kojagari Lakshmi Puja Vidhi PDF in Hindi</a><strong>You can download Kojagari Lakshmi Puja Katha PDF by clicking on the following download button. </strong>#कजगर #परणम #वरत #कथ #Kojagari #Lakshmi #Puja #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95">कोजागिरी पौर्णिमा व्रत…